सलमान खान की इस 'किक' में किक है यार. सलमान खान की पिछली दो फ़िल्में 'जय हो' और 'दबंग २' पूरी तरह से सलमान खान की इमेज को भुनाती कमज़ोर फ़िल्में थीं. लेकिन, साजिद नाडियाडवाला की 'किक' में कहानी (वक्कन्थम वाम्सी) है, स्क्रिप्ट (लेखक रजत अरोरा, साजिद नाडियाडवाला, कीथ गोम्स और चेतन भगत) बढ़िया है, बेशक साजिद नाडियाडवाला का निर्देशन कुछ ख़ास नहीं, लेकिन वह सलमान खान को कुछ अलग भूमिका दे पाने में कामयाब हुए हैं. दिलचस्प तथ्य यह है कि सलमान खान डेविल और देवी लाल सिंह के अपने दुहरे किरदारों को अच्छी तरह कर ले जाते है. नवाज़ुद्दीन सिद्द्की ने लाउड अभिनय किया है, पर वह प्रभाव डालते हैं. जैक्विलिन फर्नांडीज की संवाद अदायगी ख़राब है. लेकिन दर्शक उनकी सेक्स अपील के दीवाने हो जाएंगे. रणदीप हुडा अपने रोल में उभर कर आये हैं. फिल्म का संगीत हिमेश रेशमिया, यो यो हनी सिंह और मीत ब्रोठेर्स ने दिया है. पर धुन एक भी अच्छी नहीं. सलमान खान का गया और उन्ही पर फिल्मांकित गीत धुन के लिहाज़ से बेहतर है. ईद के मौके पर दर्शक सलमान खान को ईदी ज़रूर देंगे.
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Friday, 25 July 2014
सलमान खान की 'किक' को ईदी देंगे दर्शक.
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फिल्म समीक्षा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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