पिछले साल, जब अभिनेता
अक्षय कुमार ने अपने जन्मदिन पर अपनी फिल्म रुस्तम के १२ अगस्त २०१६ को रिलीज़ करने
का ऐलान किया था, तब उसी समय तय हो गया था कि अक्षय कुमार अपनी फिल्म का अभिनेता हृथिक रोशन की फिल्म से टकराव करने जा रहे हैं। हृथिक रोशन की आशुतोष गोवारिकर निर्देशित फिल्म मोहनजोदड़ो के १२ अगस्त
को रिलीज़ करने का ऐलान तो काफी पहले ही कर दिया गया था। ऐसे में यह उम्मीद कि जा
रही थी कि दोनों बड़े अभिनेता समझदारी से काम लेंगे और अपनी फिल्मों की रिलीज़ की
तारिख आगे पीछे कर लेगे।इसी साल मई में खबर उडी थी कि हृथिक रोशन अक्षय कुमार के
बीच बैठक में रुस्तम के ५ अगस्त को रिलीज़ करने का निर्णय लिया गया। लेकिन, बाद में
यह अफवाह ही साबित हुई। शायद, इस अहम् की लड़ाई में अक्षय कुमार को आशुतोष गोवारिकर की कम्पनी के प्रवक्ता का यह ऐलान नागवार गुजरा था, जिसमे दावा किया गया था कि मोहनजोदड़ो को
रिलीज़ की तारिख एक साल पहले तय हो गई थी, इसलिए इसमे परिवर्तन नहीं किया जा सकता। यह चुनौती थी कि अगर टकराव से बचना है तो रुस्तम अक्षय कुमार समर्पण करे। अक्षय कुमार दूध के जले थे। उनकी फिल्म वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दुबारा के जब तक है जान से टकराव टालने के लिए अक्षय कुमार ने अपनी फिल्म की रिलीज़ की तारिख एक हफ्ते बाद के लिए टाल दी थी। परन्तु, बाद में शाहरुख़ खान और यशराज फिल्म्स ने अक्षय कुमार की फिल्म के लिए पर्याप्त स्क्रीन छोड़ने से इनकार कर दिया था। इससे अक्षय की फिल्म को नुकसान हुआ था। इधर अक्षय कुमार बाजीराव मस्तानी और दिलवाले के टकराव से सबक ले चुके थे। बढ़िया कहानी वाली फिल्म को सफल होना ही है, चाहे टकराव जितना भी बड़ा क्यों न हो !
क्या होगा टकराव का !
अब जबकि रुस्तम और
मोहनजोदड़ो आपस में टकराने जा रही हैं, इंडस्ट्री की निगाहें बॉक्स ऑफिस पर हैं, चेहरे पर क्या होगा की सोच है और स्क्रीन की घटजोड़ की जा रही है। यहाँ याद आती है
बाजीराव मस्तानी और दिलवाले के टकराव की। पिछले साल, क्रिसमस से पहले दोनों ही फ़िल्में भिड़ी थी। उस समय भी ऐसा कहा गया था कि संजयलीला भंसाली दिलवाले से टकराव टालने के लिए अपनी फिल्म की तारिख एडवांस कर सकते हैं। लेकिन, इसके बाद टकराव हुआ था। दिलवाले और बाजीराव मस्तानी एक ही दिन रिलीज़ हुई। दिलवाले को ज्यादा
स्क्रीन मिली। लेकिन, माउथ पब्लिसिटी ने जीत बाजीराव मस्तानी को दिला दी। क्या इस
इंडिपेंडेंस वीकेंड में भी वही कहानी दोहरायी जाएगी ? क्या मोहनजोदड़ो और रुस्तम
में से कोई एक फिल्म खेत रहेगी ? क्या दोनो ही फिल्मों को नुक्सान होगा ?
ख़ास है स्क्रीन की संख्या
किसी फिल्म को रिलीज़ के लिए मिलाने वाली स्क्रीन की संख्या
वीकेंड फिल्मों के लिए ख़ास होती हैं। हर फिल्म निर्माता पहले वीकेंड में ही, ख़ास
तौर पर सन्डे तक, ज्यादा से ज्यादा बिज़नेस कर अपनी फिल्म की लागत ज्यादा से ज्यादा निकाल लेना चाहता है। मंडे का क्या भरोसा ! ज़ाहिर है कि ऐसे में स्क्रीन महत्वपूर्ण हो जाते हैं। सलमान खान की फिल्म सुल्तान ईद वीकेंड
में ४०००+ स्क्रीन में रिलीज़ हो कर, बढ़ी टिकेट दरों के जरिये पहले वीकेंड में ही रिकॉर्ड तोड़ कमाई करने में कामयाब हुई थी। लेकिन, १२ अगस्त को किसी एक फिल्म के पास
पूरे स्क्रीन नहीं हैं। दक्षिण भारत से भिन्न क्षेत्रों के स्क्रीन दोनों बड़ी
फिल्मों के बीच बंट गये हैं। जहाँ तक स्क्रीन की संख्या का सवाल है, बाज़ी मोहनजोदड़ो के हाथ
लगी है। हृथिक रोशन और यूटीवी के कारण मोहनजोदड़ो को रुस्तम के मुकाबले ४०० स्क्रीन
ज्यादा मिले हैं। इसे देखते हुए याद आती है दिलवाले की, जिसे बाजीराव मस्तानी से
ज्यादा स्क्रीन मिले थे। परन्तु, ध्यान रहे कि नुकसान दिलवाले को ही हुआ था। यह
फिल्म इनिशियल का फायदा भी नहीं उठा पाई थी। क्या इतिहास दोहराया जायेगे ?
भिन्न शैली की रुस्तम और मोहनजोदड़ो
लेकिन, ध्यान रहे कि
रुस्तम और मोहनजोदड़ो की शैली अलग अलग ही नहीं, काफी अलग है . हृथिक रोशन की फिल्म
सिन्धु घाटी सभ्यता की पृष्ठभूमि पर एक रोमांस फिल्म है। हृथिक रोशन का किरदार
अपने दुश्मन खेमे की बेटी (पूजा हेगड़े) से प्रेम करने लगता है। वही, रुस्तम १९५९
के एक सनसनीखेज आहूजा मर्डर केस पर आधारित थ्रिलर फिल्म है। फिल्म का नायक अपनी पत्नी के प्रेमी का क़त्ल कर देता है। निर्माता नीरज
पाण्डेय और अभिनेता अक्षय कुमार की जोड़ी की यह तीसरी फिल्म है। अलबत्ता, फिल्म के
निर्देशक नीरज पाण्डेय नहीं बल्कि टीनू सुरेश देसाई हैं।मोहनजोदड़ो में आशुतोष गोवारिकर और हृथिक रोशन
दूसरी बार एक साथ हैं, वह भी ऐतिहासिक फिल्म के बाद प्रागैतिहासिक फिल्म में। इससे पहले यह जोड़ी ऐतिहासिक फिल्म जोधा अकबर
में अपना दमखम दिखा चुकी है। ज़ाहिर है कि दोनों फिल्मों के बीच कडा मुकाबला है।
दोनों फ़िल्में नायकों पर केंद्रित
ख़ास बात यह है कि
मोहनजोदड़ो और रुस्तम पूरी तरह से अपने नायक पर केन्द्रित फ़िल्में है। मोहनजोदड़ो
के केंद्र में हृथिक रोशन हैं। फिल्म की नायिका पूजा हेगड़े की यह पहली फिल्म हैं। रुस्तम की सनसनी अक्षय कुमार हैं। उनकी नायिका इलेना डिक्रूज की पांच हिंदी
फ़िल्में ही रिलीज़ हुई हैं। हृथिक रोशन कोई दो साल बाद स्क्रीन में नज़र आयेंगे। उनकी पिछली फिल्म बैंग बैंग २०१४ में रिलीज़ हुई थी। ,बैंग बैंग ने बढ़िया बिज़नस किया था। दर्शकों को हृथिक की फिल्मों का
इंतज़ार रहता है। चूंकि, वह दो साल बाद हृथिक की फिल्म देखेंगे, इसलिए उनमें मोहनजोदड़ो को
लेकर क्रेज है। वहीँ अक्षय कुमार की फ़िल्में कहानी पर ज्यादा केन्द्रित होती हैं। यह सशक्त कहानियाँ अपने हीरो के किरदार को निखारती हैं। अक्षय कुमार की पिछली
फ़िल्में बेबी, स्पेशल २६, गब्बर इज बैक और एयरलिफ्ट गवाह हैं कि इन फिल्मों की
कहानी ने दर्शकों को प्रभावित किया था। अक्षय कुमार लीक से हट कर फ़िल्में करने वाले हीरो के बतौर उभरे थे। इसलिए, दर्शकों को अक्षय कुमार की फिल्मों
का बेसब्री से इंतज़ार रहता है।
रुस्तम पर भारी
मोहनजोदड़ो का बजट
बजट के लिहाज़ से
मोहनजोदड़ो रुस्तम की दोगुनी है। मोहनजोदड़ो प्रागैतिहासिक काल की पृष्ठभूमि पर
होने के कारण फिल्म में वीएफएक्स के दृश्य काफी ज्यादा हैं। इस कारण से मोहनजोदड़ो
का बजट १०० करोड़ पार कर गया है। वहीँ, रुस्तम केवल ४५ करोड़ में बनी फिल्म है। वैसे इस फिल्म में भी १९५९ के बॉम्बे को दिखाया गया है। लेकिन, यह इतना खर्चीला नहीं हैं। इस लिहाज़ से मोहनजोदड़ो को रुस्तम के मुकाबले दोगुना से कहीं बहुत ज्यादा
कमाने होंगे। जबकि, ४०० कम स्क्रीन में रिलीज़ होने के बावजूद रुस्तम के लिए
लक्ष्य पाना (लागत वसूल करना) आसान होगा। यह आसानी से हिट फिल्मों में शुमार हो सकती है।
क्या होगा १२ अगस्त
को ! क्या कोई हारेगा, कोई जीतेगा ? क्या दोनों फिल्मों को स्वतंत्रता दिवस वीकेंड
रास आएगा ? मोहनजोदड़ो के वीएफएक्स चर्चित हो रहे हैं। ख़ास तौर पर, हृथिक रोशन और
मगर के बीच युद्ध और फिल्म के तमाम दूसरे युद्ध दृश्य सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों के मालिकों को रास
आ रहे है। वहीँ रुस्तम की कहानी में मोड़ है। फिल्म में मर्डर मिस्ट्री है ही,
देशभक्ति का छौंका भी है। बताते हैं कि फिल्म को देख रहे दर्शक इस घुमाव से चकित
रह जायेंगे। देखिये, क्या होता है १२ अगस्त को !
अल्पना कांडपाल
No comments:
Post a Comment