आयरन मैन, सुपर मैन और अवेंजर्स : एज ऑफ़ उल्ट्रॉन जैसी सुपरहीरो फ़िल्में लिखने और उनमे कोई भूमिका करने वाले स्टेन ली पर फिल्म बनाये जाने की खबर है। यह कोई बायोपिक फिल्म नहीं होगी। ट्वेंटिएथ सेंचुरी फॉक्स ने स्टेन ली की ज़िन्दगी पर फिल्म बनाने के अधिकार खरीद लिए हैं। फॉक्स ने ही स्टेन ली के क्रिएट फैंटास्टिक फोर और एक्स-मेन जैसे किरदार परदे पर उतारे थे। फॉक्स का इरादा स्टेन ली को सत्तर के दशक के एक्शन-एडवेंचर हीरो के बतौर पेश करना है। यह वही समय है, जिसमे स्टेन ली ने हॉलीवुड का रुख किया था। इस फिल्म का निर्माण मार्टी बोवेन और विक गॉडफ़्रे करेंगे। इस टीम ने ट्वाईलाईट, द मेज़ रनर जैसी फ़िल्में बनाई हैं। यह टीम पावर रेंजर्स की रिबूट फिल्म भी बना रही है। स्टेन ली पर फिल्म का लहज़ा किंग्समैन : द सीक्रेट सर्विस और रॉजर मूर की जेम्स बांड फिल्मों जैसा होगा। यानि की परदे पर स्टेन ली का रूप समर्थ, चतुर और चुलबुला होगा। यहाँ बताते चलें कि ली ने १९३९ में मार्वेल कॉमिक्स के लिए काम करना शुरू किया था। उस समय इस कंपनी को टाइमली कहा जाता था। ली को अपने समय से दशकों आगे का कहा जाता था। इसलिए, ली को ख़ास सफलता नहीं मिली। ऐसे में, जब साठ के दशक में ली ने इंडस्ट्री छोड़ने का मन बना लिया था, उनकी पत्नी ने समझाया कि वह अपने हिसाब से कॉमिक स्टोरी लिखने के बजाय उनके वरिष्ठ जैसा लिखने के लिए कहते हैं, लिखें। परिणामस्वरूप ली ने फैंटास्टिक फोर #१ की रचना की। इस के साथ जैक किर्बी के साथ उनकी जोड़ी बनी। इसी जोड़ी ने बाद में मार्वेल यूनिवर्स की स्थापना की। ली ने किर्बी और स्टीव डिटको के साथ स्पाइडर-मैन, द एक्स-मेन, हल्क और डॉक्टर स्ट्रेंज जैसे चरित्रों की रचना की। बहरहाल, सुपर हीरो किरदारों के रचयिता स्टेन ली पर फिल्म को अभी कोई लेखक नहीं मिला है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Wednesday, 21 September 2016
स्टेन ली पर एक्शन एडवेंचर फिल्म
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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