फिल्म
की कहानी बहुत प्यारी है,
पटकथा
अद्भुत है. यह दिल को छु लेने वाली, प्यारी फिल्म है। पर
मैं समझता हूँ कि अभी मुझे ब्रेक लेना चाहिए।
मैं अपने परिवार के साथ रहना चाहता हूँ, अपनी माँ और बच्चों के साथ।
यकायक सन्यास - यह आमिर खान थे, जो फिल्म चैंपियंस के बारे में बात करते हुए, फिलहाल फिल्मों से दूर रहने की घोषणा कर रहे थे। चैंपियंस का नाम पिछले दिनों, आमिर खान की फिल्म के रूप में सामने आया था। यह फिल्म स्पेनिश फिल्म कैंम्पिओनेस की आधिकारिक रीमेक फिल्म है। इस कॉमेडी फिल्म के चैंपियन आमिर खान बनने जा रहे थे। पर फिल्म की घोषणा से पहले ही आमिर खान की इस यकायक घोषणा का क्या अर्थ हो सकता है ?
बदसूरत अभिनय के आमिर - आमिर खान की, इस साल स्वतंत्रता दिवस सप्ताहांत में प्रदर्शित फिल्म लाल सिंह चड्डा बॉक्स ऑफिस पर धूल चाट गई थी। अद्वैत चन्दन निर्देशित लाल सिंह चड्डा न केवल सुस्त और पुरानी शैली वाली फिल्म थी, बल्कि आमिर खान भी उतना ही बुरा अभिनय कर रहे थे। २०१८ में दिवाली सप्ताहांत में प्रदर्शित आमिर खान की फिल्म ठग्स ऑफ़ हिंदुस्तान की भी कुछ ऎसी ही दुर्दशा हुई थी। फिल्म न केवल बॉक्स ऑफिस पर असफल ही थी, पर आमिर खान के साथ साथ अमिताभ बच्चन के बदसूरत अभिनय की साक्षी बन रही थी। अपनी अद्भुत अभिनय प्रतिभा के कारण पहचाने जाने वाले अभिनेता आमिर खान के बचकाने अभिनय के लिए आलोचना होना, सचमुच दिल तोड़ने वाली बात थी। लगातार दो बड़ी फिल्मों की असफलता और अभिनय की आलोचना से आमिर खान का दहल जाना स्वाभाविक था।
खान तिकड़ी में भगदड़ - परन्तु, ऐसा लगता है कि बॉलीवुड की खान तिकड़ी भगदड़ मची हुई है। लाल सिंह चड्डा की असफलता के अतिरिक्त अक्षय कुमार और अजय देवगन की फिल्मों की असफलता ने बॉलीवुड की खान तिकड़ी को दहला दिया है। यहाँ तक कि हृथिक रोशन की चौथे खान सैफ अली खान के साथ फिल्म विक्रम वेधा भी बॉक्स ऑफिस पर कुछ ख़ास नहीं कर पाई। इस आतंक का परिणाम है कि यह तिकड़ी स्वयं को सुरक्षित अनुभव नहीं कर रही। हॉलिडे वीकेंड ही नहीं, सुरक्षित वीकेंड की तलाश की जा रही है। इसीलिए शाहरुख़ खान की पिछले चार सालों में एक भी हिंदी फिल्म प्रदर्शित नहीं हो सकी है। सलमान खान, दबंग ३ के बाद वास्तविक हिट फिल्म की प्रतीक्षा ही कर रहे है। हालाँकि, उनकी दो फिल्में राधे और अंतिम द फाइनल ट्रुथ प्रदर्शित हो कर निराशा के गर्त में डूब चुकी है। चिरंजीवी ने हिंदी बेल्ट में अपनी फिल्म गॉडफादर को दर्शक दिलवाने के विचार से सलमान खान को महत्वपूर्ण भूमिका में लिया था। परे हिंदी दर्शकों ने गॉडफादर को नकार कर अपने मूड का परिचय दे दिया।
तिथियों में भारी बदलाव- यही कारण है कि सलमान खान और शाहरुख़ खान की फ़िल्में के प्रदर्शन की तिथियो में भारी बदलाव किया गया है। सलमान खान की कभी ईद कभी दिवाली से भाईजान और फिर किसी का भाई किसी की जान बनी फिल्म ३० दिसंबर २०२२ को प्रदर्शित की जानी थी। इससे एक सप्ताह पहले रणवीर सिंह की फिल्म सर्कस प्रदर्शित हो रही थी। किसी का भाई किसी की जान के बाद, बॉक्स ऑफिस पर रिलीज़ होने वाली दूसरी फिल्म प्रभास की आदिपुरुष ही थी। उस समय भी सलमान खान की फिल्म को तीन खाली शुक्रवार मिल रहे थे। पर २०२२ में, बॉलीवुड के सुपर सितारों की फिल्म को मिली असफलता ने सलमान खान को डगमगा दिया था। गॉडफादर की असफलता ने आग में घी का काम किया था। इसके बाद, सलमान खान ने पहले अपनी फिल्म किसी का भाई किसी की जान को ईद २०२३ का भाई और जान दोनों ही बनाने की घोषणा कर दी थी। यानि उन्हें परंपरागत ईद साप्ताहांत ही चाहिए था। पहले की योजना के अनुसार, सलमान खान की फिल्म टाइगर ३ प्रदर्शित होनी थी। पर यशराज फिल्म्स ने टाइगर ३ को दिवाली २०२३ में प्रदर्शित किये जाने की घोषणा कर दी।
वापस नहीं आत्मविश्वास - एक समय ऐसा था, जब शाहरुख़ खान की फिल्म पठान का हृथिक रोशन की एक्शन फिल्म फाइटर से सीधा मुक़ाबला था। किसी साल का गणतंत्र दिवस साप्ताहांत हृथिक रोशन की फिल्मों के लिए सुरक्षित समझा जाता है। परन्तु, निर्देशक सिद्धार्थ आनंद अपनी दो फिल्मों में टकराव कैसे होने दे सकते थे ! इसलिए, सिद्धार्थ ने पठान को गणतंत्र दिवस २०२३ में रखते हुए फाइटर को गणतंत्र दिवस २०२४ में शिफ्ट कर दिया । इसके बावजूद शाहरुख़ खान का जीरो की असफलता से जीरो हो गया आत्मविश्वास वापस नहीं आया है। उनकी यह फिल्म दक्षिण की एक सप्ताह पहले प्रदर्शित तेलुगु और तमिल फिल्मों से चुनौती पा सकती है।
क्या खानों का सूर्यास्त ? - यह खान अभिनेताओं के अस्तित्व की लड़ाई है। जहाँ, बॉलीवुड की बड़ी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धड़ाम गिर रही है, वहीँ दक्षिण से छोटे बजट की कार्तिकेय २ और कांतारा जैसी फ़िल्में भी सेंचुरी मार रही है। ऐसे में खान अभिनेताओं के सामने चुनौती कठिन है। आमिर खान मैदान छोड़ चुके है। सलमान खान भी अपनी फ़िल्में भगा रहे है। शाहरुख़ खान का आत्मविश्वास जीरो हो चुका है। इन खान अभिनेताओं का पीआर सक्रीय है। ऐसा प्रयास किया जा रहा है कि २०२३ को खान अभिनेताओं की फिल्मो का साल बनाया जाए। पर यह तभी संभव हो पायेगा, जब दक्षिण की तेलुगु, कन्नड़ और तमिल फिल्में डब हो कर प्रदर्शित न होने दी जाए। ऐसा होना संभव नहीं है। ऐसे मे खान अभिनेताओं की राहों में कांटे ही कांटे है। उनका सूर्यास्त होने जैसी आशंका है। क्या २०२३ खान अभिनेताओं के सूर्यास्त का साल होगा ?
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