दिल्ली यूनिवर्सिटी के पोलिटिकल साइंस के स्नातक दिव्येंदु शर्मा को लव
रंजन की फिल्म प्यार का पंचनामा में कार्तिक आर्यन के दोस्त लिक्विड की भूमिका से
पहचान मिली। सइ परांजपे की फिल्म चश्मे
बद्दूर की डेविड धवन द्वारा रीमेक फिल्म चश्मे बद्दूर के ओमी की भूमिका ने
दिव्येंदु को कॉमेडी के उस्ताद एक्टर के तौर पर स्थापित कर दिया। अब यही दिव्येंदु, ऑल्टबालाजी
की क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज बिच्छू का खेल में वह एक लेखक की भूमिका कर रहे हैं, जो ओम
प्रकाश शर्मा,
वेद प्रकाश कम्बोज और सुरेंदर मोहन पाठक की तरह अपराधी चरित्रों को रचना
चाहता है। वह कहानी लिखते हुए कानून की कमज़ोरियों के सहारे वारदात करता है और बच
निकलता है। यहाँ सवाल है कि दिव्येंदु शर्मा को इस नकारात्मक चरित्र में लेने का
क्या कारण था ?
फिल्म के निर्माताओं ने, दिव्येंदु शर्मा का चुनाव दर्शकों को चौंकाने के
लिए किया है। क्योंकि, दर्शक
दिव्येंदु शर्मा को प्यार का पंचनामा और चश्मे बद्दूर के हास्य नायक के तौर पर
जानता है। लेकिन,
दिव्येंदु इस किरदार को करने के लिए क्यों मज़बूर हुए ? चश्मे
बद्दूर के बाद,
दिव्येंदु शर्मा ने, टॉयलेट एक प्रेम कथा जैसी हिट फिल्म की थी। पर
दिव्येंदु जिन फिल्मो के नायक थे, वह फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर नाकाम साबित हुई, जिनसे उनके
अच्छे खासे चल रहे करियर का द एन्ड हो गया ।
इसी असफलता से उपनी विवशता का नतीजा है बिच्छू का खेल।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
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Sunday, 1 December 2019
Divyendu Sharma करेंगे Altbalaji पर बिच्छू का खेल
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Friday, 22 November 2019
Divyendu Sharma करेंगे Altbalaji पर Bichhoo Ka Khel
दिल्ली यूनिवर्सिटी के पोलिटिकल साइंस के स्नातक दिव्येंदु शर्मा को लव
रंजन की फिल्म प्यार का पंचनामा में कार्तिक आर्यन के दोस्त लिक्विड की भूमिका से
पहचान मिली। सइ परांजपे की फिल्म चश्मे
बद्दूर की डेविड धवन द्वारा रीमेक फिल्म चश्मे बद्दूर के ओमी की भूमिका ने
दिव्येंदु को कॉमेडी के उस्ताद एक्टर के तौर पर स्थापित कर दिया।
अब यही दिव्येंदु, ऑल्टबालाजी की क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज
बिच्छू का खेल में वह एक लेखक की भूमिका कर रहे हैं, जो ओम
प्रकाश शर्मा, वेद प्रकाश कम्बोज और सुरेंदर मोहन पाठक की
तरह अपराधी चरित्रों को रचना चाहता है। उसके पिता एक हादसे में मारे जाते हैं।
इसके बाद वह कानून की कमज़ोरियों के सहारे वारदात करने के बावजूद बच निकलता है।
कॉमेडी के उस्ताद साबित हो रहे दिव्येंदु शर्मा को इस नकारात्मक चरित्र
में लेने का क्या कारण था ? फिल्म के निर्माताओं ने,
दिव्येंदु शर्मा का चुनाव दर्शकों को चौंकाने के लिए किया है। क्योंकि, दर्शक
दिव्येंदु शर्मा को प्यार का पंचनामा और चश्मे बद्दूर के हास्य नायक के तौर पर
जानता है। उन्हें इस रूप में देख कर उसका चौंकाने स्वाभाविक है। लेकिन,
दिव्येंदु इस किरदार को करने के लिए क्यों मज़बूर हुए ?
चश्मे बद्दूर के बाद, दिव्येंदु
शर्मा ने, टॉयलेट एक प्रेम कथा जैसी हिट फिल्म की थी।
लेकिन, यह फिल्म अक्षय कुमार की फिल्म थी।
दिव्येंदु जिन फिल्मो के नायक थे, वह फ़िल्में
बॉक्स ऑफिस पर नाकाम साबित हुई। हालाँकि,
इनमे इक्कीस तोपों की सलामी जैसी अच्छी फिल्म भी थी। लेकिन, दिलवाली
ज़ालिम गर्ल फ्रेंड, २०१६ द एन्ड, बत्ती गुल
मीटर चालू और बदनाम गली ने उनके अच्छे खासे चल रहे करियर का द एन्ड कर दिया,
उनके कॉमेडियन की बत्ती गुल कर दी।
दिव्येंदु, अयान मुकर्जी के निर्देशन में रणबीर कपूर,
आलिया भट्ट, अमिताभ बच्चन, नागार्जुन,
मौनी रॉय, आदि के साथ फिल्म ब्रह्मास्त्र कर रहे हैं।
लेकिन, २०१९ में वह हॉट स्टार स्पेशल फिल्म
कनुप्रिया के विजय की भूमिका करने को विवश हुए। वेब सीरीज मिर्ज़ापुर में गैंगस्टर
भूमिका की।इसी विवशता का नतीजा है बिच्छू का खेल।
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खबर है
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Friday, 10 August 2018
शाहिद की बत्ती गुल, श्रद्धा का मीटर चालू !
श्रीनारायण सिंह की, टॉयलेट एक
प्रेम कथा के बाद, दूसरी फिल्म बत्ती गुल मीटर चालू,
जैसा कि टाइटल से साफ़ है, बिजली
समस्या पर फिल्म है।
इस फिल्म का ट्रेलर फिल्म के हलकी फुल्की कॉमेडी के साथ गंभीर विषय उठाने
की कोशिश मालूम पड़ती है।
फिल्म में, शाहिद कपूर और श्रद्धा कपूर की हैदर टीम फिर
एक साथ है। हैदर काफी बोझिल माहौल वाली
फिल्म थी। लेकिन,
बत्ती गुल मीटर चालू का माहौल खुशनुमा लगता है।
इस मामले में गंभीर मोड़ तब आता है, जब शाहिद
कपूर के दोस्त दिव्येंदु शर्मा द्वारा आत्महत्या नहीं कर ली जाती।
इसके बाद, फिल्म का क्लाइमेक्स कोर्ट प्रोसीडिंग और दो
वकीलों की नोकझोंक पर समाप्त होता लगता है।
ट्रेलर से शाहिद कपूर और श्रद्धा
कपूर की जोड़ी खूब जमती नज़र आती है।
शाहिद कपूर और दिव्येंदु शर्मा
कॉमेडी का रंग जमाते हैं।
लेकिन, संवादों के साथ बार बार अनावश्यक ढंग से
ठहरा ठहरा का उपयोग कोफ़्त पैदा करता है।
पर्वतीय क्षेत्रों में ठहरा का उपयोग होता है,
लेकिन इस तरह नहीं। थोड़ा ठहर कर।
कोर्ट में यामी गौतम का वकील किरदार शाहिद कपूर से पूछता है कि आपके पास
फैक्ट्स एंड फिगर्स हैं कि नहीं। तो शाहिद
कपूर कहते हैं, फैक्ट्स हमारे पास है,
आपके होते हुए फिगर्स के बारे में मैं कैसे बात कर सकता हूँ। यह संवाद अखरने वाला है।
सुधीर पांडेय, फरीदा जलाल, सुप्रिया
पिलगाओंकर और अतुल श्रीवास्तव की भूमिका वाली बत्ती गुल मीटर चालू का,
बॉक्स ऑफिस पर मीटर, २१ सितम्बर
से चलना शुरू हो जायेगा।
ऐलान कि १५ अगस्त को रिलीज़ होगा विशाल भरद्वाज के सब.- क्लिक करें
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