दिल्ली यूनिवर्सिटी के पोलिटिकल साइंस के स्नातक दिव्येंदु शर्मा को लव
रंजन की फिल्म प्यार का पंचनामा में कार्तिक आर्यन के दोस्त लिक्विड की भूमिका से
पहचान मिली। सइ परांजपे की फिल्म चश्मे
बद्दूर की डेविड धवन द्वारा रीमेक फिल्म चश्मे बद्दूर के ओमी की भूमिका ने
दिव्येंदु को कॉमेडी के उस्ताद एक्टर के तौर पर स्थापित कर दिया। अब यही दिव्येंदु, ऑल्टबालाजी
की क्राइम थ्रिलर वेब सीरीज बिच्छू का खेल में वह एक लेखक की भूमिका कर रहे हैं, जो ओम
प्रकाश शर्मा,
वेद प्रकाश कम्बोज और सुरेंदर मोहन पाठक की तरह अपराधी चरित्रों को रचना
चाहता है। वह कहानी लिखते हुए कानून की कमज़ोरियों के सहारे वारदात करता है और बच
निकलता है। यहाँ सवाल है कि दिव्येंदु शर्मा को इस नकारात्मक चरित्र में लेने का
क्या कारण था ?
फिल्म के निर्माताओं ने, दिव्येंदु शर्मा का चुनाव दर्शकों को चौंकाने के
लिए किया है। क्योंकि, दर्शक
दिव्येंदु शर्मा को प्यार का पंचनामा और चश्मे बद्दूर के हास्य नायक के तौर पर
जानता है। लेकिन,
दिव्येंदु इस किरदार को करने के लिए क्यों मज़बूर हुए ? चश्मे
बद्दूर के बाद,
दिव्येंदु शर्मा ने, टॉयलेट एक प्रेम कथा जैसी हिट फिल्म की थी। पर
दिव्येंदु जिन फिल्मो के नायक थे, वह फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर नाकाम साबित हुई, जिनसे उनके
अच्छे खासे चल रहे करियर का द एन्ड हो गया ।
इसी असफलता से उपनी विवशता का नतीजा है बिच्छू का खेल।
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