Tuesday, 17 December 2019

कम बजट की फिल्मों का जलवा


दशक के पहले साल में, छोटे बजट और अपेक्षाकृत कम सफल सितारों की फिल्मों ने बड़ी फिल्मों को टक्कर देने का माद्दा दिखाना शुरू कर दिया था। इसकी शुरुआत २९ जनवरी २०१० को प्रदर्शित अमिताभ बच्चन और परेश रावल की रामगोपाल वर्मा निर्देशित फिल्म रण के अभिषेक चौबे निर्देशित विद्या बालन, नसीरुद्दीन शाह और अरशद वारसी अभिनीत फिल्म इश्किया के टकराव से हुई। बाज़ी इश्किया के हाथ लगी। इश्किया का बजट १९ करोड़ था, रण ३० करोड़ के बजट से बनी फिल्म थी। दो करोड़ के मामूली बजट में बनी दिबाकर बनर्जी की फिल्म लव सेक्स और धोखा ने अपने अनूठेपन के कारण दर्शकों को आकर्षित किया। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर लगभग १० करोड़ की कमाई कर डाली। बतौर निर्माता लारा दत्ता की पहली फिल्म चलो दिल्ली भी मात्र ९.५० करोड़ के बजट में बनी थी। रागिनी एमएमएस (१.३० करोड़) ने बॉक्स ऑफिस पर ९ करोड़ का कारोबार किया। इसके अलावा बॉक्स ऑफिस पर सफल होने वाली दूसरी फिल्मों में इश्कजादे (११ करोड़), जन्नत २ (१० करोड़), गैंग्स ऑफ़ वासेपुर (१८ करोड़), काई पो चे (२० करोड़), चश्मे बद्दूर (२० करोड़), आशिकी २ (१८ करोड़), बीए पास (२ करोड़), डी-डे (२८ करोड़), शुद्ध देसी रोमांस (१३ करोड़), द लंचबॉक्स (२२ करोड़), शाहिद (६५ लाख), यारियां (१० करोड़), दम लगा के हईशा (१४ करोड़), फिल्लौरी (२९ करोड़), जॉली एलएलबी (१० करोड़), हिंदी मीडियम (१४ करोड़), शुभ मंगल सावधान (२५ करोड़), फुकरे रिटर्न्स (२२ करोड़), अन्धाधुन (३२ करोड़), बधाई हो (२९ करोड़) शामिल हैं।  

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