Tuesday, 20 January 2015

अपने प्रशंसकों को कभी हँसाऊं और कभी डराऊँ ---- हेमंत पाण्डेय

लोकप्रिय टी वी धारावाहिक "ऑफिस ऑफिस" के पाण्डेय जी यानि हेमंत पाण्डेय इन दिनों बहुत चर्चा में हैं।  ३० जनवरी को उनकी फिल्म "चल गुरु हो जा शुरू " रिलीज़ हो  रही है ।  हेमंत की यह फिल्म आज के धर्म गुरुओं पर कटाक्ष करती है । किस तरह से धर्म गुरु और बाबा अपनी कुत्सित इच्छाओं को पूरा करने के लिए आम जनता को मूर्ख बनाते हैं । हिमालयन ड्रीम्स के बैनर तले   बनी इस  फिल्म के  निर्देशक हैं मनोज शर्मा।  पिछले दिनों हेमंत पाण्डेय से हुई बातचीत के मुख्य अंश - 
फिल्म का नाम कुछ अलग सा है "चल गुरु हो जा शुरू ।  फिल्म की कहानी क्या है ?                                    
चल गुरु हो जा शुरू”  की  कहानी उन धर्म गुरुओं और  बाबाओं की है, जो जनता अंधभक्ति का फायदा उठाते हैं और उन्हें मूर्ख बनाते है। हमने अपनी  फिल्म के जरिये लोगों को यह सन्देश देने  कोशिश की है कि इन धर्म गुरुओं और बाबाओं पर अंध विश्वास मत करिये।  
आपकी क्या भूमिका है ?                                                                                                                            
मैंने  एक धर्म गुरु  का किरदार किया है।   
इस किरदार के लिए क्या - क्या तैयारियाँ  की  ?                                                               
मैं उत्तराखंड का रहने वाला हूँ। उत्तराखंड को  देव भूमि  भी कहा जाता है। वहां तो कदम - कदम पर  मंदिर हैं।  बचपन से ही मैं देखता आया हूँ मंदिर के पुजारी  - बाबाओं को।  इसके अलावा पिछले कुछ दिनों बड़े - बड़े बाबा और बापू हमारे यहाँ  काफी चर्चित रहे तो टी वी चैनल पर उनको देखा और बाकी सब हमारी फिल्म के निर्देशक मनोज जी ने जैसा कहा मैंने किया बस ।  
 "पीके" में भी यही सब दिखाया गया था ।  अगर 'पीके'  की तरह आपकी फिल्म का भी विरोध हुआ तब ?   
जैसे कुछ लोग अच्छे और कुछ लोग बुरे होते हैं वैसे ही कुछ गुरु अच्छे और कुछ बुरे होते हैं। हमने भी वही सब दिखाने की कोशिश की है।  जो बुरे हैं उनसे बचें।  किसी की भी अंध भक्ति न करें।  अपने दिमाग का इस्तेमाल ज़रूर करें।  
आपकी आने वाली फ़िल्में कौन कौन सी हैं ?                                                                                                   
इस फिल्म के बाद  निर्देशक मनोज शर्मा की एक और फिल्म कर रहा हूँ "प्रकाश इलेक्ट्रॉनिक्स" में मैं ऋषिता भट्ट के साथ  हूँ। फिर "वाह ताज " है, जिसमें मैं भ्रष्ठ राजनीतिज्ञ बना हूँ।  श्रेयस तलपडे और मंजरी फडणीस मुख्य भूमिकाओं  में हैं। राजीव रुइयाँ की "लखनवी इश्क़में मैं मुख्य खलनायक हूँ ।  फिर चोर बाज़ारी और लॉलीपॉप हैं।  एक फिल्म और है जो कि मेरे लिए बहुत ही अहम है "डाटर्स ड्रीम्स".  इस फिल्म में मैंने भूमिकायें अभिनीत की हैं।  डेल्ही फिल्म फेस्टिवल और जयपुर में हुए वूमेन इंटरनेशनल फेस्टिवल मे इस फिल्म को  काफी सराहना और अवार्ड मिल चुके हैं। 
यानि इस साल में दर्शक आपको सिर्फ हास्य भूमिकाओं में नही बल्कि अलग - अलग किरदारों में देख सकेगें ?                
बिलकुल मेरी यही कोशिश है कि अपने प्रशंसकों का मैं मनोरंजन करूँ। कभी उन्हें हँसाऊं और कभी डराऊँ। 


सदाशिव अमरापुरकर की 'डब्बा आइस पाइस'

महान चरित्र अभिनेता सदाशिव अमरापुरकर ने ख़राब स्वास्थ्य के कारण मुंबई और मायानगरी बॉलीवुड को काफी पहले छोड़ दिया था।  लेकिन, रंगमंच और सामाजिक कार्य में वह सक्रीय थे।  इस दौरान, उन्होंने मराठी फिल्मों में काम करना भी जारी रखा।  हालाँकि, चुनिंदा फिल्मे ही की। अमरापुरकर की ऐसी ही एक आखिरी फिल्म 'डब्बा आइस पाइस' भी है।  मराठी फिल्म "डब्बा आइस पाईस" की कहानी महाराष्ट्र के गाँवो में मौजूद मराठी भाषा के स्कूलों की संघर्ष गाथा है, जिन्हे आज के आधुनिक युग में मिटाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानाध्यापक नाना चौधरी अपनी  मराठी पाठशाला को बंद होने से बचाने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगा देतें हैं, क्यों कि इसी पाठशाला में गाँव के गरीब बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं।  यह स्कूल सीमित आर्थिक  संसाधनो के कारण बंदी के कगार पर है।  पाठशाला के ट्रस्टी स्वयं उसे बंद कर एक आधुनिक साधनो के साथ एक इंग्लिश स्कूल खोलना चाहते हैं ताकि मुनाफा कमाया जा सके। नाना की बेटी शहर से अपनी पढाई पूरी करने के बाद गाँव आकर अपने पिता का साथ देती है। मानवता और शिक्षा के लिए इस अनूठी जंग को चित्रित  और शिक्षा के महत्व को दर्शाती है यह अनूठी फिल्म । सदाशिव अमरापुरकर के अलावा फिल्म के अन्य कलाकारों में  यतिन कर्येकर, गणेश यादव, कश्मीरा कुलकर्णी, अभय खडपकर, अंशुमाला पाटिल, राजेंद्र शीसत्कार, नंदिता धुरी और फाल्गुनी रजनी के नाम उल्लेखनीय हैं । फिल्म में निर्देशन मनीष जोशी का है। 






Monday, 19 January 2015

सीरियल 'हमसफर्स' में भारत चावड़ा का दबंग अवतार

रोमांटिक सी शुरुआत करने वाला सीरियल 'हमसफर्स' अब थ्रिलर  मूड में आ गया है। नियामत हाउस में कई रहस्यपूर्ण घटनाएँ होने लगी हैं। साहिर और आरज़ू इन घटनाओं के लिए ज़िम्मेदार व्यक्ति की तलाश में हैं। कुर्ती अप्पा इन बुरी घटनाओं के लिए आरज़ू को दोषी मानती हैं। लेकिन, साहिर आरज़ू का समर्थन करता है। ऐसे समय में एक नया करैक्टर सीरियल को मोड़ देने आ रहा है।  यह करैक्टर है विक्रम सिंह राठोर का। विक्रम एक हरियाणवी पुलिसकर्मी है, जो नौकरानी के क़ातिल को पकड़ना चाहता है। अभिनेता भारत चावड़ा इस हरियाणवी किरदार को कर रहे हैं। विक्रम का करैक्टर सलमान खान की फिल्म दबंग के चुलबुल पाण्डेय से प्रेरित है। विक्रम ईमानदार, सख्त और बात बात पर ताने मारने वाला आदमी है।  विक्रम के किरदार के आने से हमसफर्स का माहौल बदलेगा। वह अपनी घुमावदार पूछताछ से साहिर को भी परेशान कर देगा। ज़ाहिर है कि टीवी दर्शकों के लिए विक्रम के किरदार के साथ हमसफर्स देखना ज़्यादा आनंददायक होगा।



Sunday, 18 January 2015

फोटो फीचर 'लव चक्र'

Displaying Love Chakra 2.JPGDisplaying Love Chakra1.JPGDisplaying Love Chakra4.JPGDisplaying Love Chakra7.JPGDisplaying Love chakra8.JPGDisplaying Love chakra9.JPGDisplaying Love chakra10.JPGDisplaying Love chakra11.JPGDisplaying Love chakra12.JPGDisplaying Love Charkra 3.JPGDisplaying Love Chakra5.JPGDisplaying Love Chakra6.JPG

आरुषि हत्याकांड पर 'रहस्य'

मनीष गुप्ता निर्देशित फिल्म 'रहस्य' कहानी है उत्तर प्रदेश के मशहूर आरुषि मर्डर केस की।  इस रियल लाइफ स्टोरी पर फिल्म अपने निर्माण से ही विवादों में घिरी रही।  अब देखने वाली बात होगी कि 'रहस्य' रिलीज़ हो पायेगी ? रिलीज़ होने के बावजूद फिल्म को कितने दर्शक मिल पाएंगे, इस पर भी दर्शकों की निगाहें होंगी।  पेश है फिल्म रहस्य के कुछ गहरे क्षण-








ख़त्म होगी सोनाली बेंद्रे की 'अजीब दास्ताँ है ये'

लाइफ ओके से प्रसारित सीरियल 'अजीब दास्ताँ है ये' से सोनाली बेंद्रे की दास्ताँ ख़त्म होने जा रही है।  अब उनका सीरियल  के लिए कॉन्ट्रैक्ट फिर साइन नहीं होगा। यानि, कॉन्ट्रैक्ट के ख़त्म होने के बाद सोनाली  बेंद्रे के लोकप्रिय किरदार में कोई दूसरी अभिनेत्री दिखाई पड़ेगी।  वास्तविकता तो यह है कि सोनाली बेंद्रे 'अजीब दास्ताँ है ये' में नहीं दिखाई देंगे, बल्कि पिछले छह सालों से छोटे परदे पर किसी न किसी शो के ज़रिये नज़र आने वाली सोनाली बेंद्रे अब हाल फिलहाल टीवी पर नज़र नहीं आने वाली। वह बॉलीवुड में भी व्यस्त होने नहीं जा रही। उनकी पिछली हिंदी फिल्म 'वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दोबारा' २०१३ में रिलीज़ हुई थी।  इसके बाद से उनकी कोई हिंदी फिल्म रिलीज़ नहीं हुई।  हकीकत यह है कि सोनाली के पास कोई हिंदी फिल्म है भी नहीं।   इसके बावजूद, वह फिल्मों में व्यस्तता के कारण टेलीविज़न को अलविदा फिल्मों के कारण ही कर रही हैं।  लेकिन, उनकी यह व्यस्तता मराठी फिल्म के लिए होगी।  इधर मराठी फिल्मों ने बढ़िया बिज़नेस करना शुरू किया है। ख़ास तौर पर 'लै भारी' के बाद हिंदी फिल्म सितारे भी मराठी फिल्मों की ओर जा रहे हैं। सोनाली बेंद्रे के भी दो मराठी फिल्मों के लिए बात चल रही है।  यह दोनों फ़िल्में नायिका प्रधान हैं।  एक सोर्स का कहना था, "एक फिल्म तो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुके निर्देशक की है।" सोनाली बेंद्रे ने चालीस से थोड़ा ज़्यादा हिंदी फिल्मों में नायिका, सह नायिका या चरित्र नायिका की भूमिका की है। काफी लोग इस तथ्य से परिचित होंगे कि वह इंडस्ट्री के तीनों बड़े खानों शाहरुख़ खान, सलमान खान और आमिर खान के साथ फ़िल्में कर चुकी हैं। उन्होंने अमोल पालेकर की मराठी फिल्म अनाहत में भी अभिनय किया है। इसलिए, मुंबई में जन्मी सोनाली बेंद्रे का अपनी मातृ भाषा की फिल्मों को करना स्वाभाविक है।  अगर सब ठीक रहा तो सोनाली बेंद्रे मराठी दर्शकों से 'मी मराठी मुलगी आहे' कहती नज़र आएं। 


राजेंद्र कांडपाल

इटैलियन ऑपेरा सिंगर जकोंदा ने उस्ताद ज़ाकिर हुसैन, तौफ़ीक़ कुरैशी और अर्का बैंड के साथ मुंबई में परफॉर्म किया

Displaying Italian opera singer Gioconda at her city performance (6).jpgDisplaying Italian opera singer Gioconda with Ustad Zakir husain at her city performance (1).jpgDisplaying Italian opera singer Gioconda at her city performance (3).jpgDisplaying Italian opera singer Gioconda with Arka band  at her city performance (5).jpgDisplaying Italian opera singer Gioconda with Taufiq Qureshi at her city performance (4).jpgDisplaying Italian opera singer Gioconda withArka band  at her city performance (2).jpg

Saturday, 17 January 2015

आरक्षण पर फिल्म 'मंडल'

इस समय, जब देश में जातिगत राजनीति अपने चरम पर है, ऐसे समय में निर्देशक सागर सहाय अपनी फीचर फिल्म ‘मंडल’ लेकर आ रहे हैं। जैसा कि नाम से जाहिर है ‘मंडल’ भारत में जाति आधारित आरक्षण की विवादास्पद नीति पर एक सामाजिक-राजनीतिक फ़िल्म है। लेकिन फिल्म के निर्देशक सागर सहाय फिल्म ‘मंडल’ के जरिए आरक्षण पर किसी विवाद को जन्म नहीं देना चाहते, बल्कि ठीक इसके उलट फिल्म की कहानी सकारात्मक और वर्तमान समय में भारत की एक वास्तविक आवश्यकता को दर्शाती है। दिल्ली के सिरीफोर्ट ऑडिटोरियम में 15 जनवरी को हुए एक शानदार समारोह में ‘मंडल’ का ‘पोस्टर’ और फिल्म के एक गीत का ऑडियो भी लॉन्च किया गया. समारोह में विवादास्पद फिल्म ‘पीके’ में ‘धर्मगुरु’ का किरदार निभाने वाले राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता सौरभ शुक्ला मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे. उनके अलावा निखिल कामथ (मंडल के संगीत निर्देशक), संदीप मारवाह (नोएडा फिल्म सिटी के संस्थापक), अरविन्द गौड़ (अस्मिता थिएटर ग्रुप के निदेशक, दिल्ली), सत्यनारायणन आर (संस्थापक और कैरियर लांचर के अध्यक्ष) और अतुल श्रीवास्तव (अभिनेता) ने भी समारोह में शिरकत की। मंडल, सागर सहाय द्वारा लिखित और निर्देशित, और राम सुमेर व राजीव रोशन के द्वारा निर्मित की जा रही है। कलाकारों के बारे में अधिक जानकारी फरवरी के पहले सप्ताह में जारी किए जाने की उम्मीद है और फिल्म की शूटिंग अप्रैल के महीने से शुरू हो जाएगी. मंडल फिल्म की वेबसाइट (www.mandalthefilm.com) अगले कुछ दिनों में लॉन्च कर दी जाएगी.
 फिल्म् ‘मंडल’ के पोस्टर रिलीज समारोह के दौरान तीस मिनट की अवधि की लघु फिल्म ‘372,111’ की स्क्रीनिंग भी की गयी जिसमें दस रूपये के एक नोट की कहानी है जिसके कारण सब एक बहुत खतरनाक चक्रव्यूह में फँस जाते है. एक्शन और रोमांच से भरपूर इस लघु फिल्म फिल्म में खतरनाक माफिया किंग सुलेमान चाचा का रोल रमन कपूर ने किया है जो पहली बार अभिनय करने के बावजूद रोल में खूब जंचे हैं. इस लघुफिल्म का निर्देशन सागर सहाय ने ही किया है और इसके निर्माता रमन कपूर व रौशनी बिश्नोई हैं. फिल्म को ऑनलाइन www.10rupees.in पर जाकर देखा जा सकता है.


इलैराजा १००० वीं फिल्म 'षमिताभ'

इलैराजा से बॉलीवुड फिल्मों के दर्शक  इतना परिचित नहीं, जितना दक्षिण के दर्शक हैं।  वह तमिल और तेलुगु फिल्मों के मशहूर कंपोजर और सिंगर हैं।  उन्होंने हिंदी की 'और के प्रेम कहानी', 'हे राम', लज्जा, मुंबई एक्सप्रेस, शिवा, चीनी कम,  चल चले, पा, आदि फिल्मों का संगीत दिया है।  चीनी कम और पा फिल्मकार आर बाल्की की फ़िल्में हैं। इस लिहाज़ से वह बाल्की की फिल्मों के अनुकूल संगीत दे पाने में सफल होते हैं।  बाल्की की आगामी फिल्म 'षमिताभ' का संगीत भी इलैराजा ने दिया है।  पिछला साल ​म्यूजिक लिजेंड इलैराजा के लिए खास रहा है। उन्हें पद्मभूष अवार्ड से सम्मानित किया गया।  उन्हें कई नेशनल अवार्ड भी मिला । ईरोस इंटरनेशनल और आर० बाल्की निर्देशित फिल्म षमिताभ संगीतकार इलैराजा की १००० वीं फिल्म है।  करियर की १००० फिल्मे पूरी करने के उपलक्ष में म्यूजिक लीजेंड इलैराजा को एक ग्रैंड ट्रिब्यूट दिया जायेगा ।
इस अवसर को मनाने के लिए षमिताभ के निर्माता बड़े स्तर पर एक आयोजन कर रहे है। इस आयोजन में  संगीतकार इलैराजा को उनके महान कार्य के लिए षमिताभ फिल्म का म्यूजिक लॉन्च कर ट्रिब्यूट दिया जायेगा।  एक्टर और गायक धनुष संगीतकार
​​
 इलैराजा के तीन गानो पैर परफॉर्म कर इलैराजा के प्रति अपना स्नेह और सम्मान प्रकट करेंगे। ऐसा पहली होगा जब धनुष मुंबई में अपनी कोई परफॉरमेंस करेंगे । धनुष कहते है " में काफी उत्साहित हु की राजा सर को उनके स्पेशल दिन पर एक अच्छा सप्राइज़ दूंगा। वे मेरे सबसे पसंदीदा म्यूजिक डायरेक्टर है। उनकी म्यूजिक मेरे तन मन और सांसो में है। म्यूजिक से ही मेरे जीवन को एक आकर मिला है इसी लिए मुझे म्यूजिक से बहुत प्यार है।"  


सेंसर बोर्ड की 'सेमसन' की यह कैसी 'लीला' !

लीला सेमसन शहीदी मुद्रा में हैं। ऐसा लगता है जैसे एनडीए सरकार ने उनके अधिकारों का कचूमर निकाल दिया है। उन्होंने डेरा सच्चा सौदा पर फिल्म 'मैसेंजर ऑफ़ गॉड' को उनके सेंसर बोर्ड द्वारा नामंज़ूर कर दिए जाने के बावजूद अपीलेट ट्रिब्यूनल द्वारा पारित कर दिए जाने के बाद  अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया ।  हालाँकि, उन्होंने इस इस्तीफे को सरकार को भेजे जाने से पहले प्रचार माध्यमों से प्रचारित कर खुद को शहीद साबित करने की कोशिश की।  जबकि, लीला सेमसन खुद कम विवादस्पद व्यक्तित्व नहीं। वह जहाँ कार्य करती रहीं, भ्रष्टाचार के नए कीर्तिमान स्थापित करती रहीं। जो महिला एक साथ देश की तीन अकादमियों को हेड कर रही हो, वह किसी के भी साथ न्याय कैसे कर सकती है।  उन्होंने, संगीत नाटक अकादमी से, जिसे वह २०१० से चेयर कर रही थीं, पिछले साल अक्टूबर में रिजाइन किया। वर्तमान में भी वह सीबीएफसी के अलावा २००५ से कलाक्षेत्र की निदेशक का कार्य भी कर रही थीं।  आखिर उनमे ऎसी क्या  खासियत थी कि  यूपीए सरकार को उन्हें तीन तीन पद थमाने पड़े !  जी हाँ, वह कांग्रेस और ख़ास तौर पर नेहरू  परिवार की निकटतम हैं।  वह प्रियंका वाड्रा गांधी की डांस टीचर भी रही हैं। उन्ही के कार्यकाल में बॉलीवुड द्वारा बोर्ड के सदस्यों पर घूसखोरी के आरोप लगाए गए।  उनकी टीम का  एक सदस्य रंगे हाथों पकड़ा गया।  उन के नेतृत्व में सेंसर बोर्ड ने भारतीय संस्कृति नाश करने वाली, औरतों को अभद्र तरीके से पेश करने वाली और ग्रैंड मस्ती जैसी अश्लील फिल्मों को पारित करने का कीर्तिमान बना दिया।  यह वही लीला हैं जो हिन्दू धर्म पर एकतरफा कटाक्ष करने वाली फिल्म 'पीके' को लेकर आक्रामक होती हैं, लेकिन एमएसजी को सार्वजानिक प्रदर्शन के नाकाबिल मानती हैं। वह कैथोलिक ईसाइयों के कहने पर २०१२ में रिलीज़ फिल्म 'कमाल धमाल मालामाल' के सीन सर्टिफिकेट देने के बाद भी कटवा देती हैं। वह अपने ही बोर्ड के सदस्यों को अनपढ़ और शर्मनाक बताती है। कलाक्षेत्र की निदेशक के बतौर वह भ्रष्टाचार के कीर्तिमान स्थापित करती हैं। वह छात्रों में हिन्दू विरोधी भावनाएं पैदा करने की कोशिश करती हैं। वह भारत नाट्यम नृत्यांगना थीं, लेकिन इस शैली को हिन्दू देव देवताओं से अलग करने के बयान भी देती रहती थी। उन पर कम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल की रिपोर्ट में वित्तीय के आरोप लगते हैं।  राइट टू इनफार्मेशन के अंतर्गत प्राप्त सूचना में उनके द्वारा कलाक्षेत्र को अपनी सम्पति की तरह चलाने के कई मामले प्रकाश में आते हैं।  लेकिन, वह सोनिया गांधी की निकटतम होने के कारण यूपीए सरकार में होली काऊ मानी जाती थी। ज़ाहिर है कि इस सेमसन की लीला राजनीती से प्रेरित है।  कांग्रेस की लीला खेल रही सेमसन परले दर्जे की सांप्रदायिक है।  उनका बोर्ड के चेयरपर्सन के बतौर ख़त्म होने वाला था।  इसलिए, वह खुद को शहीद हुआ जताने की कोशिश में हैं।  
http://albumartindia.com/wp-content/uploads/Kamaal-Dhamaal-Malamaal.jpghttp://upload.wikimedia.org/wikipedia/en/thumb/2/2d/PK_Theatrical_Poster.jpg/220px-PK_Theatrical_Poster.jpghttp://www.sikh24.com/wp-content/uploads/2014/12/2014-12-22-messenger-of-god.jpg

अंडरवर्ल्ड को भाता है बॉलीवुड का ग्लैमर

अंडरवर्ल्ड को बॉलीवुड ग्लैमर भाता है, यह बॉलीवुड और अंडरवर्ल्ड गठजोड़ का लम्बा इतिहास है।  बॉलीवुड की सुन्दर-सेक्सी सुंदरियाँ अंडरवर्ल्ड डॉन के दिल में समायी रहती हैं । कभी बॉलीवुड के दिलीप कुमार से  लेकर सलमान खान और गोविंदा तक को डॉन के दरबार में हाजिरी बजानी पड़ती थी. अपना करियर बनाने और बचाने के लिए तमाम बड़ी छोटी अभिनेत्रियां दाऊद इब्राहिम की बगलगीर हुआ करती थीं।  २००५ में एक अभिनेत्री को अपने फिल्म निर्माता से विवाद को लेकर छोटा राजन से जबरन मिलना पड़ा था।  मगर, आम तौर पर बॉलीवुड ग्लैमर और अंडरवर्ल्ड का नाता रोमांटिक ही रहा।

प्रीटी जिंटा और नेस वाडिया तकरार के दौरान पिता  वाडिया ने पुलिस में कंप्लेंट कराई थी कि  उन्हें अंडरवर्ल्ड से प्रीटी को परेशान न करने की हिदायत वाले फ़ोन आ रहे हैं।  पुलिस ने इस रिपोर्ट पर क्या जांच की, क्या निष्कर्ष निकला, पता नहीं चला है।  लेकिन, इस  समय याद आ गयी थी २००३ के दौर की जब प्रीटी जिंटा का नाम छोटा शकील के साथ जोड़ा जाता था।  उसी साल, सलमान खान, रानी मुख़र्जी और प्रीटी जिंटा की मुख्य भूमिका वाली फिल्म चोरी चोरी चुपके चुपके अंडरवर्ल्ड का पैसा लगा होने के कारण विवादित हुई थी।  इसके एक निर्माता भारत शाह अंडरवर्ल्ड कनेक्शन के कारण गिरफ्तार भी हुए थे।  उस दौरान प्रीटी जिंटा और छोटा शकील के सम्बन्धो की कहानिया खूब उछाली।  अब यह बात दीगर है कि  इस फिल्म को लेकर चले मुक़दमे में प्रीटी जिंटा ही इकलौती गवाह बन कर खडी नज़र आयीं।

नूरा की मन्दाकिनी
हिंदी फिल्मों पर अंडरवर्ल्ड  का साया दाऊद इब्राहिम के उदय के साथ चढ़ा।  कई बॉलीवुड एक्ट्रेस दाऊद की चहीती थीं।  वह उन्हें फिल्म दिलाया करता था।  दाऊद का एक छोटा भाई था नूरा।  उसे 'राम तेरी गंगा मैली' देखने के बाद फिल्म की नायिका मन्दाकिनी से इश्क़ हो गया।  लेकिन, मन्दाकिनी भी इस फन की उस्ताद थी।  वह नूरा के मुकाबले दाऊद की महिमा जानती थी।  इसलिए मन्दाकिनी ने नूरा के मुकाबले दाऊद को तरजीह दी।  बेचारे नूरा को पत्थर के फूल, इन्तक़ाम ही इन्तक़ाम, श्रीमान आशिक़, भोलेनाथ और अमन के फ़रिश्ते जैसी फिल्मों में गीत लिखने का मौका मिला।  उसे इन फिल्मों में गीतकार नूरा कसकर के नाम से परिचय दिया गया।
अबु सालेम की मोनिका बेदी
मोनिका बेदी का किस्सा सबसे ज़्यादा मशहूर है।  वह १९९५ में सैफअली खान की फिल्म 'सुरक्षा' से हिंदी फिल्मों में आयीं।  हिंदी फिल्मों में उनका करियर उनकी फिल्मों से अधिक अंडरवर्ल्ड द्वारा फिल्मों के लिए उनकी सिफारिश के लिए मशहूर हुआ।  मोनिका बेदी को राजीव राय की फिल्म प्यार इश्क़ और मोहब्बत, जोड़ी नंबर १ और कुरुक्षेत्र अबु सलेम के दबाब के कारण ही मिली।  इसिलए जब बॉलीवुड पर अंडरवर्ल्ड का दबदबा थोड़ा कम हुआ  मोनिका बेदी का करियर बिलकुल ख़त्म हो गया।  इसके बाद उनके बारे में अबु सलेम से शादी और लिस्बन पुर्तगाल में गिरफ़्तारी की खबरों से पता लगा।  फिर मोनिका बेदी ने मुंबई वापसी की और टीवी सीरियल सरस्वतीचन्द्र की वैम्प की भूमिका में नज़र आयीं । इस प्रेम कहानी पर महेश भट्ट ने 'गैंगस्टर' फिल्म का निर्माण भी किया था।
क्यों की हाजी मस्तान ने सोना से शादी !

बॉलीवुड एक्ट्रेस और अंडरवर्ल्ड रोमांस के इतिहास का पहला पन्ना मशहूर तस्कर हाजी मस्तान  ने लिखा था।  उसे बॉलीवुड की प्रख्यात वीनस मधुबाला से एकतरफा इश्क़ हो गया था।  वह मधुबाला से शादी भी करना चाहता था।  लेकिन, हाजी  मस्तान को मधुबाला से शादी करने में सफलता नहीं मिली।  उसी दौरान, मधुबाला की हमशक्ल अभिनेत्री सोना का फिल्मों में आगमन हुआ।  सोना ने मधुबाला की आखिरी फिल्म 'ज्वाला' के क्लाइमेक्स के कुछ सीन किये थे।  सोना ने कुछ बी-ग्रेड फ़िल्में भी की, जिन पर हाजी मस्तान का पैसा लगा था।  हाजी मस्तान ने मधुबाला के न मिल पाने का दर्द मधुबाला की हमशक्ल सोना से शादी का कुछ काम किया।  सोना ने एक इंटरव्यू में यह खुलासा किया था कि  सोना से शादी के बावजूद हाजी मस्तान के कुछ अन्य फिल्म अभिनेत्रियों से सेक्सुअल रिश्ते थे।  
ड्रग डीलर के चक्कर में आमिर खान की नायिका
ममता कुलकर्णी ने फिल्म बाज़ी में आमिर खान की नायिका का रोल था।  उनके खाते में करण -अर्जुन, क्रांतिवीर, सबसे बड़ा  खिलाडी और तिरंगा जैसी सुपर हिट फ़िल्में दर्ज़ हैं।  जिस विक्की गोस्वामी के साथ ममता कुलकर्णी का नाम जोड़ा जा रहा है, उसके जेल  में बंद होने के दौरान एक बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्री के उससे मिलने जाने की खबरें आम हुई थी।  यह अभिनेत्री ममता कुलकर्णी ही थीं ।  उन दिनों विक्की अंडरवर्ल्ड के लिए काम किया करता था ।  कहा जाता था  कि  ममता कुलकर्णी को कई फ़िल्में इन्ही संबंधों के कारण मिलीं।  
जब मारा  गया फिल्म निर्माता
अनीता अयूब को हिंदी फिल्मों में ख़ास सफलता नहीं मिली थी। प्यार का तराना, चलती का नाम गाडी, सब के बाप, आदि फिल्मों की अभिनेत्री अनीता अयूब पाकिस्तानी मूल की अभिनेत्री थीं।  उन्हें भी दाऊद इब्राहिम के साथ संबंधों के कारण सुर्खियां और फ़िल्में मिली।  फिल्म निर्माता जावेद सिद्द्की को केवल इस वजह से अपनी जान से हाथ धोना पड़ा, जब उन्होंने दाऊद इब्राहिम के कहने के बावजूद अनीता अयूब को अपनी फिल्म की नायिका नहीं बनाया।

क्या खुद से टकराएंगी कटरीना कैफ !

बॉलीवुड में हलचल सी मच गयी है। युटीवी और साजिद नाडियाडवाला ने अपनी स्पाई ड्रामा फिल्म 'फैंटम' की रिलीज़ की तारिख २८ अगस्त तय कर दी है।  इस फिल्म में सैफ अली खान और कटरीना कैफ की मुख्य भूमिका है। 'फैंटम' एक जासूस जाबांजी  की दास्ताँ हैं।  दूसरे पेंच भी है। दिलचस्प तथ्य यह है कि २८ तारिख को ही रणबीर कपूर और कटरीना कैफ की जासूसी फिल्म 'जग्गा जासूस' की रिलीज़ की तारिख पहले से ही तय थी। इस फिल्म का निर्माण अनुराग बासु के साथ रणबीर कपूर कर रहे हैं।  'जग्गा जासूस' एक किशोर जासूस की कहानी है, जो अपने लापता पिता की खोज में जुटा है। यह कॉमेडी की चासनी में लिपटी फिल्म है।  रणबीर कपूर जासूस जग्गा बने हैं।  उनके पिता की भूमिका में गोविंदा हैं। अब साजिद नाडियाडवाला ने कबीर खान की फिल्म 'फैंटम' अनुराग बासु की फिल्म के सामने रिलीज़ कर सीधा टकराव मोल ले लिया है।  साजिद का यह ऐलान चौंकाने वाला है।  रणबीर कपूर और साजिद नाडियाडवाला के बीच पटरी बैठती है।  रणबीर कपूर ने साजिद की फिल्म 'हाईवे' को प्रमोट करने के लिए अपने व्यस्त कार्यक्रम की परवाह नहीं की थी। साजिद नाडियाडवाला भी रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण के साथ इम्तियाज़ अली के निर्देशन में 'विंडो सीट' फिल्म का निर्माण करने वाले थे। बताते हैं कि 'जग्गा जासूस' के सामने 'फैंटम' का सलमान खान कनेक्शन है।  इधर  अख़बारों में खबर छपी थी कि  रणबीर और  कटरीना ने गुपचुप मंगनी कर ली है और दोनों इसी साल शादी भी कर लेंगे। क्या इस खबर ने सलमान में झल्लाहट पैदा कर दी है? क्या 'जग्गा जासूस' के सामने 'फैंटम' इसी झल्लाहट का परिणाम है? यह तो सभी जानते हैं कि साजिद नडियाडवाला सबसे ज़्यादा कमाई वाली फिल्म 'किक' निर्माण और निर्देशन सलमान खान के बूते ही कर सके हैं। संभव है साजिद की 'फैंटम' को २८ अगस्त को रिलीज़ करने की घोषणा इसी का परिणाम हो। लेकिन, यह भूलने की बात नहीं कि 'फैंटम' और 'जग्गा जासूस' की रिलीज़ कटरीना कैफ की दो फिल्मों का टकराव भी है।  कटरीना कैफ दोनों ही फिल्मों की नायिका है।  क्या यह टकराव होगा ? देखे २८ अगस्त आने तक क्या स्थिति बनती है!
वैसे २०१५ में कुछ दिलचस्प टकराव होने वाले हैं।  संभव है इनमे से इक्का दुक्का टकराव टल जाएँ। लेकिन, दिलचस्प होगा इस टकराव का परिणाम ! आइये जानते हैं ऐसे दो टकरावों के बारे में -

षमिताभ बनाम रॉकी हैंडसम- यह टकराव ६ सितम्बर को होगा। आर० बल्कि, अमिताभ बच्चन के साथ धनुष और अक्षरा हासन की जोड़ी को फिल्म षमिताभ में लेकर आ रहे हैं। इस ड्रामा फिल्म का निशिकांत कामथ की  जॉन अब्राहम और श्रुति हासन की फिल्म 'रॉकी हैंडसम' से होगा।  यह टकराव इस लिहाज़ से दिलचस्प है कि दक्षिण के सुपर स्टार कमल हासन की दो बेटियां अक्षरा और श्रुति आपस में भिड़ रही होंगी।
बाजीराव-मस्तानी और तमाशा- इसी साल दिसंबर में २५ तारिख को एक अन्य दिलचस्प मुक़ाबला होना है।  यह मुक़ाबला बाजीराव मस्तानी और तमाशा का  है।  संजयलीला भंसाली की रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण और प्रियंका चोपड़ा की फिल्म के सामने इम्तियाज़ अली की दीपिका पादुकोण और रणबीर सिंह अभिनीत फिल्म 'तमाशा' होगी।  यह लीक से हट कर मसाला फिल्म बनाने वाले दो निर्देशकों की फिल्मों का तो होगा ही, दीपिका पादुकोण का खुद से भी होगा।  वैसे खबर यह भी है कि आमिर खान की फिल्म 'दंगल' २५  दिसंबर को रिलीज़ हो सकती है।  ऐसी दशा में यह देखना दिलचस्प होगा कि २५ दिसंबर को त्रिकोण तमाशा होगा या केवल दंगल होगा !
जग्गा जासूस और सिंह इज़ ब्लिंग- एक खबर यह भी है कि जग्गा जासूस की रिलीज़ २८ अगस्त से टल कर २ अक्टूबर हो जाए।  अगर ऐसा हुआ तो इस बार रणबीर कपूर सैफ से टकराव बचा कर अक्षय कुमार के सामने होंगे।  क्योंकि, अक्षय कुमार की फिल्म 'सिंह इज़ ब्लिंग' की २ अक्टूबर की रिलीज़ की तारीख पहले से ही तय है। ऐसी दशा रणबीर कपूर सैफ की बीवी करीना कपूर खान के सामने होंगे। 
मोहन जोदड़ो और शिवाय- हिंदी फिल्मों के इतिहास में  शायद पहली बार ह्रितिक रोशन और अजय देवगन अपनी फिल्मों से टकराएंगे।  यह टकराव अगले साल २२ जनवरी को होगा। इन फिल्मों से दो नए चेहरे सयेशा और पूजा हेगड़े का बॉलीवुड फिल्म डेब्यू होगा।  सयेशा दिलीप कुमार और सायरा बानो की भांजी शाहीन की बेटी हैं। इस फिल्म से हॉलीवुड एक्ट्रेस निकोल किडमैन के बॉलीवुड डेब्यू की भी चर्चा है।



‘बेबी’ के सेट पर अपने स्टंट खुद कर सबको चौंकाया तापसी ने


पिछले दिनों खबर आई थी कि ‘बेबी’ में अपने किरदार को पुख्ता बनाने के लिए तापसी पन्नु, बॉलीवुड के खिलाडी अक्षय कुमार से इज़्राइली मार्शियल आर्ट्स क्रव मागा सीख रही हैं। अब खबर है कि अपने मेंटर अक्षय कुमार से प्रेरित होकर तापसी ने उनका एक और गुण अपना लिया है। वह बेहिचक अपने एक्शन स्टंट्स, बिना बॉडी डबल के खुद कर रही हैं।  सूत्रों के अनुसार तापसी ने ‘बेबी’ के सेट पर अपने हाई वोल्टेज एक्शन से भरपूर स्टंट बिना किसी बॉडी डबल के खुद किये हैं।  एक सीन तो इतना मुश्किल भरा था कि तापसी द्वारा अपने स्टंट खुद किये जाने के फैसले के बावजूद निर्देशक नीरज पांडे ने सेट पर एक बॉडी डबल का विकल्प रखा था। फिल्म के स्टंट डाइरेक्टर इस बात से खासा खुश हैं कि उस निश्चित एक्शन सिक्वेंस में तापसी का चेहरा नज़र नहीं आयेगा, यह जानते हुए भी तापसी ने बडी ही लगन से इस दृश्य को अंजाम दिया। बॉलीवुड में कई ऐसे कलाकार हैं जो जोश में आकर ऐसे दृश्यों के लिए पहले हामी भर देते हैं लेकिन जब वास्तविकता में उसे फिल्माने का समय आता है तो वह अपने कदम पीछे खिंच लेते हैं। लेकिन तापसी ने ऐसा नहीं कर, खुद के प्रोफेशनल एक्ट्रेस होने का परिचय दिया. इस सिलसिले में तापसी का कहना है, ‘’स्वभाव से मैं काफी एडवेंचरस हूं और विशेष रूप से इस सीन में अपने स्टंट परफॉर्म करते वक़्त मुझे ऐसा लगा जैसे मुझमें और जोश आ गया है। हां मैं इस बात से भी इंकार नहीं करती कि शॉट की शुरूआत में मैं ज़रा सा नर्वस हो गयी थी, लेकिन जैसे ही मैंने इसे करना शुरू किया मैं इसे इंजॉय करने लगी। जब आप यह फिल्म देखेंगे तो खुद ब खुद जान जाएंगे कि यह सीन फिल्म का काफी ज़रूरी हिस्सा है।’’ तो अपने स्टंट्स खुद परफॉर्म करनेवाली हॉलीवुड हॉटी एंजेलिना जोली और कैमरॉन डायज़ के साथ हम तापसी का नाम भी जोड देते हैं। इसके साथ ही अब यह मानने में हमें कोई परेशानी नहीं कि तापसी उन नायिकाओं में से हैं, जिन्होंने अपने लिए किसी तरह की कोई सीमाएं निर्धारित नहीं की हैं। 

'खामोशियाँ' में 'आएगा आने वाला'

महेश भट्ट की सुपरनैचुरल फिल्म 'खामोशियाँ' के लिए १९४९ के मशहूर गीत आएगा आने वाला को शामिल किया।   इस गीत को कमाल अमरोही की फिल्म महल में अशोक कुमार और मधुबाला पर फिल्माया गया था।  इस गीत ने लोकप्रियता का ऐसा इतिहास कायम  किया था कि  इस गीत को आज की जनरेशन भी गुनगुनाने से खुद को रोक नहीं पाती है।  महल की कहानी एक वीरान हवेली के युवा मालिक  के आने और फिर रहस्यपूर्ण घटनाओं के घटने की थी।  पुनर्जन्म केंद्र में था। निर्देशक करण दारा की फिल्म के केंद्र में भी वीरान हवेली और हवेली का युवा मालिक है।  फिल्म में रहस्यमयी घटनाएँ दर्शकों को चौकाएंगी।  इसलिए, पुनर्जन्म और प्यार की इस कहानी में 'आएगा आने वाला' गीत का महत्व हो जाता है। महेश भट्ट इस गीत की ज़रुरत के बारे में कहते हैं, "आएगा आने वाला' ' खामोशियाँ' में बड़े ख़ास मौके पर आता है । हम इस ख़ास गीत को अपनी सुपरनैचुरल फिल्म का मूड उभारने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।" गुरमीत चौधरी, अली फज़ल और सपना पब्बी की फिल्म खामोशियाँ ३० जनवरी को रिलीज़ हो रही है।





Friday, 16 January 2015

गोविंदा ने किया 'हे ब्रो' का ट्रेलर लांच

एक्टर गोविंदा ने डांस मास्टर गणेश आचार्य की फिल्म 'हे ब्रो' का ट्रेलर लांच किया।  इस फिल्म में गणेश आचार्य केंद्रीय भूमिका में हैं।  उनके साथ मनिंदर और नुपुर शर्मा की रोमांटिक लीड है। ट्रेलर लॉन्चिंग पर प्रेम चोपड़ा, मीका सिंह, माहि गिल, हनीफ हिलाल तथा बहुत सी अन्य हस्तियां मौजूद थीं।  गणेश आचार्य और विधि आचार्य निर्मित इस फिल्म के निर्देशक अजय चंडोक है।  'हे ब्रो' २७ फरवरी को रिलीज़ होगी। पेश है ट्रेलर लॉन्चिंग के कुछ चित्र - 
Displaying Ganesh Acharya & Andy.jpgDisplaying Ganesh Acharya & Mahi Gill.jpgDisplaying Ganesh Acharya & Maninder (1).jpgDisplaying Ganesh Acharya-Prem Chopra-Maninder.jpgDisplaying Govinda & Ganesh Acharya (1).jpgDisplaying Govinda & Ganesh Acharya (3).jpgDisplaying Hanif Hilal-Nupur Sharma-Maninder-Ajay Chandhok-Govinda-Ganesh Acharya-Vidhi Acharya-Mahi Gill-Prem Chopra.jpgDisplaying Mika Singh & Ganesh Acharya.jpgDisplaying Maninder-Nupur Sharma-Ganesh Acharya-Vidhi Acharya-Mahi Gill-Hanif Hilal.jpgDisplaying Mika Singh-Govinda-Ganesh Acharya.jpgDisplaying Maninder-Ganesh Acharya-Nupur Sharma.jpg