Friday, 21 February 2020

डॉल्‍बीएटमॉस में फिल्‍म 99Songs के एल्‍बम रिकॉर्ड करने वाले पहले भारतीय एआर रहमान



~फिल् 99 Songs के म्यूजिक ट्रैक को डॉल्बीएटमॉसमें रिकॉर्ड करने के लिए जियो स्टूडियो और सोनी म्यूजिक ने की डॉल्बी के साथ भागीदारी~

प्रभावी मनोरंजन अनुभव में अग्रणी डॉल्बी लैबोरेट्रीज (NYSE: DLB) ने आज भारत में डॉल्बीएटमॉसम्यूजिक को लॉन् करने के साथ एक नई और रोमांचक यात्रा की शुरुआत की है। इस घोषणा को और खास बनाने के लिए, ग्रेमी और अकादमी अवार्ड विजेता एआर रहमाननेफिल् 99 Songs केगानोंकोहिंदीमेंरिकॉर्डकरनेकाएलानकिया|प्रोड्यूसर-लेखक के तौर पर यह उनकी पहली फिल् है और नवोदित निर्देशक विश्वेश कृष्णमूर्ति की भी यह पहली फिल् है। 15 गानों वाली इस फिल् को तीन भाषाओं हिन्दी, तमिल और तेलगु में रिलीज किया जाएगा। 99 Songs के साथबॉलीवुड में एक नए चेहरे एहान भट को भी लॉन् किया जाएगा।

एआर रहमान, ग्रेमी अकादमी अवार्ड विजेता संगीतकार और प्रोड्यूसर, और 99 Songs के म्यूजिक कंपोजर ने कहा, डॉल्बीएटमॉसने कलाकारों और रचनाकारों के लिए रचनात्मक फलक का विस्तार किया है। इसके साथ, लोग वास्तव में वाद्य यंत्रों और स्वरों को अलग-अलग अनुभव कर सकते हैं और अविश्वसनीय स्पष्टता के साथ संगीत का अनुभव ले सकते हैं। मुझे खुशी है कि 99 Songs के संगीत को बनाने में लगा प्रेम और संगीत रचनात्मकता का अनुभव श्रोताडॉल्बीएटमॉसके साथ पूरी क्षमता सेकरसकेंगे। डॉल्बीएटमॉसमें पहले कभी सुना गया संगीत उपलब् कराने के लिए मैं डॉल्बी, सोनी म्यूजिक और जियो स्टूडियो के साथ भागीदारी कर काफी उत्साहित हूं।

इस अवसर पर बोलते हुए, पंकज केडिया, मैनेजिंगडायरेक्टर , इमर्जिंगमार्केट्स, डॉल्बी लैबोरेट्रीज ने कहा, हम संगीत का अनुभव कैसे लिया जाए इसे पुन:परिभाषित करने के मिशन पर हैं। डॉल्बीएटमॉससंगीत श्रोताओं को मंत्रमुग् कर देता है और उन्हें गीत के भीतर ले जाता है। हम जियो स्टूडियो, सोनी म्यूजिक और एआर रहमान के उस विज़न को साझा करते हैं, जिसमें उनके संगीत को दुनिया में सभी के लिए उपलब् कराने और भारत में पहली बार डॉल्बीएटमॉसमें पहले कभी सुने गए संगीत की पेशकश की जा रही है।

क्या है डॉल्बीएटमॉसम्यूजिक
कल्पना कीजिए पहले संगीत के साथ जुड़ने के लिए पूरी क्षमता और रचनात्मक संभावना के साथ एक जरिया था- उस तरीके से अधिकांश लोग आज संगीत नहीं सुनते हैं, लेकिन एक वर्जन है जो आपको संगीत के भीतर खींचकर ले जाएगा, जो पारंपरिक रिकॉर्डिंग् के साथ लुप् हो गया है। डॉल्बीएटमॉसयही करता है। चाहे यह श्रोता के आसपास रखे वाद्य यंत्रों का एक जटिल सामंजस् हो, चाहे एक प्रसिद्ध गिटार वादक हो जो पूरे कमरे को भर दे   , एक बड़ा बास ड्रॉप हो जो आपको हिला कर रख दे, या गायक द्वारा ली गई हल्की सांस हो, डॉल्बीएटमॉसजैसा कलाकार चाहता है उसके अनुरूप प्रत्येक बीट और भावना को प्रकट करने के लिए संगीत को अधिक स्थान और स्वतंत्रता प्रदान करता है। अधिक जानकारी के लिए, music.dolby.comपरविजिट करें।

एआर रहमान-सोनी म्‍यूजिक इंडिया के बीच काफी गहरा रिश्‍ता है। एक कलाकार के रूप में, बॉलीवुड गानों के लिए एक कंपोजर के रूप में साथ ही साथ एक फिल्‍म प्रोड्यूसर के रूप में सभी पहली शुरुआत उन्‍होंने सोनी म्‍यूजिक के साथ की है। 99 Songs का संगीत इस रिश्‍ते की निरंतरता को दर्शाता है, यह वंदे मातरम से लेकर रंग दे बसंती, गुरु और ओके जानू के जादुई संगीत के समान ही कालातीत है।

डॉल्‍बी लैबोरेट्रीज के बारे में
डॉल्‍बी लैबोरेट्रीज (NYSE: DLB) का मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को में है और इसके पूरी दुनिया में 20 से अधिक देशों में कार्यालय हैं। डॉल्बी दृश् और ध्वनि के विज्ञान को शानदार अनुभव में बदलता है। इन्नोवेटिव रिसर्च और इंजीनियरिंग के माध्यम से हम कलाकारों, व्यवसायों और उपभोक्ताओं के बीच एक सहयोगात्मक पारिस्थितिकी तंत्र के जरिये दुनियाभर के अरबों लोगों के लिए शानदार अनुभव उपलब् कराते हैं। डॉल्बीसिनेमा, डॉल्बी विजन, डॉल्बीएटमॉस, डॉल्बी ऑडियो और डॉल्बी वॉयस के अनुभव के साथ लोग सिनेमा देखते हुए, चलते हुए, घर में और कार्यस्थल पर मनोरंजन और संचार में क्रांति लाते हैं।

सोनी म्यूजिक के बारे में:
सोनी म्यूजिक एंटरटेनमेंट एक वैश्विक रिकॉर्डेड म्यूजिक कंपनी है, जिसके वर्तमान रोस्टर में स्थानीय कलाकारों और अंतरराष्ट्रीय सुपरस्टार दोनों का व्यापक समावेश है। कंपनी के पास एक विशाल कैटलॉग है, जिसमें इतिहास की कुछ सबसे महत्वपूर्ण रिकॉर्डिंग शामिल हैं। यह प्रत्येक शैली के संगीत का प्रतिनिधित् करने वाले लेबल् और कालाकारों का घर है, जिनमें एल्विस प्रेस्ली, माइकल जैक्सन, बेयॉन्, ब्रिटनी स्पीयर्स, शकीरा, पिंक, वन डायरेक्शन, फैरेल विलियम् जैसे नाम शामिल हैं।

डॉल्बी, डॉल्बी सिनेमा, डॉल्बी विजन, डॉल्बीएटमॉस, डॉल्बी ऑडियो, डॉल्बी वॉयस और डबल-डी डॉल्बी लैबोरेट्रीज इंक के अमेरिका और/या अन् देशों में पंजीकृत और गैर-पंजीकृत ट्रेडमार्क हैं। अन् ट्रेडमार्क उनसे संबंधित स्वामियों की संपत्ति हैं।

कोरोना वायरस का शिकार हुआ जेम्स बांड


चीन में फैली महामारी कोरोना वायरस पूरी दुनिया को दहला रहा है। इस बीमारी का शिकार ब्रितानी जासूस जेम्स बांड भी हो गया है। इस फिल्म का चीन में होने वाला पब्लिसिटी टूर कैंसिल कर दिया गया है। फिल्म के प्रचारकों को भरोसा नही था कि यह वायरस कब तक अपना असर दिखाता रहेगा।

क्रैग की पांचवी और आखिरी बांड फिल्म
यहाँ बताते चलें कि जेम्स बांड सीरीज की २५वी फिल्म नो टाइम टू डाई ३० अप्रैल को प्रदर्शित होने जा रही है। इस फिल्म मे जासूस जेम्स बांड की भूमिका डेनियल क्रैग कर रहे हैं। वह पांचवी बार परदे पर बांड करैक्टर कर रहे हैं। नो टाइम टू डाई उनकी आखिर बांड फिल्म है। इसलिए विश्व के दर्शकों में डेनियल क्रैग की जेम्स बांड भूमिका वाली पांचवी और आखिरी बांड फिल्म नो टाइम टू डाई का बेसब्री से इंतज़ार है।

दूसरा बाज़ार है चीन
चीन का बॉक्स ऑफिस, मनोरंजन की दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। इसलिए फिल्म के निर्माता नो टाइम टू डाई को अप्रैल में जोरशोर के साथ प्रीमियर कर रिलीज़ करना चाहते थे। इस प्रीमियर में खुद डेनियल क्रैग, फिल्म की दूसरी प्रमुख स्टारकास्ट के साथ मौजूद रहना चाहते थे।  लेकिन, कोरोना वायरस के प्रभाव की अनिश्चितता के कारण यह प्रीमियर कैंसिल कर देना पड़ा है। इससे आशंका प्रकट की जा रही है कि चीन में नो टाइम टू डाई  का कारोबार प्रभावित होगा।

बांड फिल्म की यूनिवर्सल अपील
नो टाइम टू डाई की कहानी यूनिवर्सल अपील वाली है। आम तौर पर हर मिशन के बाद, जेम्स बांड खूबसूरत औरतों के साथ छुट्टियां बिताने निकल पड़ता है। इस फिल्म में भी बांड ऎसी ही छुट्टियां बिताने के लिए जमैका में है। लेकिन, तभी उसका एक पुराना दोस्त उससे मिलने आता है और उसे  बताता है कि एक वैज्ञानिक का अपहरण कर लिया गया है। उसे खोज निकलना है । यह अपहरण एक रहस्यमई आतंकी ने किया है। फिल्म में इस आतंकी की कोई राष्ट्रीयता नहीं बताई गई है। इसी कारण से फिल्म सभी देशों की साझी समस्या वाली फिल्म बन जाती है।

जापानी मूल के निर्देशक फुकुनागा
नो टाइम टू डाई  का निर्देशन जापानी पिता की अमेरिकी संतान करी जोजी फुकुनागा ने किया है। फुकुनगा ने ही २०१७ में प्रदर्शित सुपरनैचरल हॉरर फिल्म इट का निर्देशन किया था। फिल्म में रामी मलिक विलेन सफ़ीन तथा अभिनेत्री ली सेडॉक्स बांड की प्रेमिका और दोस्त डॉक्टर मैडेलिन स्वानं की भूमिका में है। नो टाइम टू डाई भारत में एक दिन पहले १ अप्रैल को प्रदर्शित हो रही है।
  

विवादों के घेरे मे ट्राइलॉजी Mister India !


सोमवार को, अली अब्बास ज़फर ने अपने ट्विटर एकाउंट्स से ज़ी स्टूडियोज के साथ मिल कर मिस्टर इंडिया ट्राइलॉजी बनाने का ऐलान किया था। इसके साथ ही यह ट्राइलॉजी विवाद में फस गई लगती है। १९८७ की फिल्म  मिस्टर इंडिया के निर्देशक शेखर कपूर ने इसे यह कह कर आवाज़ दी कि मुझसे किसी ने कुछ नहीं बताया।  मिस्टर इंडिया के क्रिएटर और लेखक से अनुमति लिए बिना इस चरित्र  का कोई कैसे उपयोग कर सकता  है !

अदृश्य हो जाने वाला मिस्टर इंडिया
मिस्टर इंडिया, १९८७ में रिलीज़ एक आम आदमी के अदृश्य हो कर, देश के दुश्मनों से लोहा लेने के कथानक पर फिल्म थी । इस फिल्म का एक एक हिस्सा आइकोनिक है । फिल्म का टाइटल मिस्टर इंडिया अपने आप में अनोखा है । एक गैजेट पहन कर अदृश्य हों जाने वाला चार्ली चैपलिन टाइप का आम आदमी अरुण, पत्रकार और मिस्टर इंडिया की मददगार सीमा, अरुण का दोस्त कैलेंडर और इन सबसे ऊपर मोगाम्बो ! यह सभी अपने आप में अनोखे और मौलिक हैं ।

बोनी कपूर का क्रिएशन नहीं मिस्टर इंडिया  
मिस्टर इंडिया का निर्देशन शेखर कपूर ने किया था । फिल्म की कथा-पटकथा सलीम-जावेद की जोड़ी ने लिखी थी । फिल्म में अनिल कपूर, श्रीदेवी, सतीश कौशिक और अमरीश पूरी ने उपरोक्त भूमिकाये की थी । मिस्टर इंडिया के मिस्टर इंडिया तथा दूसरे किरदारों के एक्टरों को बदला जा सकता है । इसके बावजूद उसे रिक्रिएट करने का अधिकार सिर्फ निर्माता बोनी कपूर के हाथों में नहीं है । शेखर कपूर ने इसी तथ्य को बताने की कोशिश की है ।

रिबूट है अली का मिस्टर इंडिया
लेकिन, अली अब्बास ज़फर, जी स्टूडियोज और बोनी कपूर, मिस्टर इंडिया का रीमेक यह स्पिन-ऑफ नहीं बनाने जा रहे हैं । वह इस फिल्म को रिबूट करेंगे । बेशक कहानी को आज के सन्दर्भ में देखा और लिखा जाएगा । लेकिन, मुख्य किरदार तो मिस्टर इंडिया ही होगा ! अली, मिस्टर इंडिया को एक आम आदमी के असीम शक्ति पा लेने की कहानी बताते है ।

शाहरुख़ खान की मोगाम्बो को न !

यह फिल्म ट्राइलॉजी होगी । खबर थी कि अली अब्बास ज़फर ने फिल्म में मोगाम्बो की भूमिका के लिए शाहरुख़ खान से संपर्क किया था । लेकिन, खान ने इनकार कर दिया । अब रणवीर सिंह के मिस्टर इंडिया बनने की खबर कहाँ तक सच्ची है, कहा नहीं जा सकता !  

नवोदय टाइम्स २१ फरवरी २०२०