सोमवार को,
अली अब्बास ज़फर ने अपने ट्विटर एकाउंट्स से ज़ी स्टूडियोज के साथ मिल कर
मिस्टर इंडिया ट्राइलॉजी बनाने का ऐलान किया था। इसके साथ ही यह ट्राइलॉजी विवाद
में फस गई लगती है। १९८७ की फिल्म मिस्टर
इंडिया के निर्देशक शेखर कपूर ने इसे यह कह कर आवाज़ दी कि मुझसे किसी ने कुछ नहीं
बताया। मिस्टर इंडिया के क्रिएटर और लेखक
से अनुमति लिए बिना इस चरित्र का कोई कैसे
उपयोग कर सकता है !
अदृश्य हो जाने वाला मिस्टर इंडिया
मिस्टर इंडिया, १९८७ में रिलीज़ एक आम आदमी के अदृश्य हो कर, देश के
दुश्मनों से लोहा लेने के कथानक पर फिल्म थी । इस फिल्म का एक एक हिस्सा आइकोनिक है
। फिल्म का टाइटल मिस्टर इंडिया अपने आप में अनोखा है । एक गैजेट पहन कर अदृश्य
हों जाने वाला चार्ली चैपलिन टाइप का आम आदमी अरुण, पत्रकार और मिस्टर इंडिया की
मददगार सीमा, अरुण का दोस्त कैलेंडर और इन सबसे ऊपर मोगाम्बो ! यह सभी अपने आप में
अनोखे और मौलिक हैं ।
बोनी कपूर का क्रिएशन नहीं मिस्टर इंडिया
मिस्टर इंडिया का निर्देशन शेखर कपूर ने किया था । फिल्म की कथा-पटकथा सलीम-जावेद
की जोड़ी ने लिखी थी । फिल्म में अनिल कपूर, श्रीदेवी, सतीश कौशिक और अमरीश पूरी ने
उपरोक्त भूमिकाये की थी । मिस्टर इंडिया के मिस्टर इंडिया तथा दूसरे किरदारों के
एक्टरों को बदला जा सकता है । इसके बावजूद उसे रिक्रिएट करने का अधिकार सिर्फ
निर्माता बोनी कपूर के हाथों में नहीं है । शेखर कपूर ने इसी तथ्य को बताने की
कोशिश की है ।
रिबूट है अली का मिस्टर इंडिया
लेकिन, अली अब्बास ज़फर, जी स्टूडियोज और बोनी कपूर, मिस्टर इंडिया का रीमेक
यह स्पिन-ऑफ नहीं बनाने जा रहे हैं । वह इस फिल्म को रिबूट करेंगे । बेशक कहानी को
आज के सन्दर्भ में देखा और लिखा जाएगा । लेकिन, मुख्य किरदार तो मिस्टर इंडिया ही
होगा ! अली, मिस्टर इंडिया को एक आम आदमी के असीम शक्ति पा लेने की कहानी बताते है
।
शाहरुख़ खान की मोगाम्बो को न !
यह फिल्म ट्राइलॉजी होगी । खबर थी कि अली अब्बास ज़फर ने फिल्म में
मोगाम्बो की भूमिका के लिए शाहरुख़ खान से संपर्क किया था । लेकिन, खान ने इनकार कर
दिया । अब रणवीर सिंह के मिस्टर इंडिया बनने की खबर कहाँ तक सच्ची है, कहा नहीं जा
सकता !
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