मैं तमन्ना कहानी है एक लड़की के मानसिक और शारीरिक शोषण की। तमन्ना एक सच्ची घटना की केंद्र लड़की का काल्पनिक नाम है। इस लड़की की पीड़ा को आकांक्षा निमोनकर ने निकट से देखा है। आकांक्षा कहती हैं, "मुझे जब इस लड़की के बारे में जानकारी हुई तो मैं आक्रोश से भर उठी। मैंने तय कर लिया कि मैं तमन्ना के शोषण को हर प्लेटफार्म पर उठाऊंगी। मैं तमन्ना इसी आक्रोश का नतीजा है। " बालिका शोषण पर फिल्म मैं तमन्ना ने सोशल साइट्स यूट्यूब औरमैटिनी मसाला में भरपूर समर्थन पाया है। इस फिल्म को बंगलोरे फिल्म फेस्टिवल तथा अन्य फेस्टिवल में अवार्ड्स मिले हैं। अब यह फिल्म ७ नवंबर से १६ नवंबर तक सिडनी में होने वाले इंटरनेशनल फिल्म एंड एंटरटेनमेंट फेस्टिवल ऑस्ट्रेलिया में शार्ट फिल्म की श्रेणी में दिखायी जाएगी। इस फेस्टिवल में बिपाशा बासु, ज़रीन खान, नेहा शर्मा, आफताब शिवदासानी, आशा सचदेव, प्रकाश राज, एषा गुप्ता और विपिन शर्मा जैसी फिल्मी हस्तियां और मॉडल रैंप पर चलेंगे। चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज पर मैं तमन्ना की लेखिका और निर्माता अभिनेत्री आकांक्षा निमोनकर हैं।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Wednesday 22 October 2014
Tuesday 21 October 2014
एक्टर के लिए फिजिकल अपीयरेंस मायने रखती है - अली फज़ल
लखनऊ के अभिनेता अली फज़ल आजकल सातवें आसमान पर हैं। फुकरे से उन्हें चर्चा मिली। फिल्म बॉबी जासूस में विद्या बालन के हीरो बन कर वह प्रशंसकों की बड़ी जमात जुटा चुके हैं। वह एक हॉलीवुड फिल्म भी साइन कर चुके हैं। पर यह उनका आखिरी गोल नहीं। वह अनप्रेडिक्टेबल किरदार करना चाहते हैं। पेश है उनसे हुई बातचीत-
१- सोनाली केबल में आपका रोल क्या है ? क्या कोई नयी लीक बनाना चाह रहे हैं ?
मैं सोनाली केबल में रिया चक्रवर्ती के साथ लीड रोल कर रहा हूँ। मेरे करैक्टर का नाम रघु पवार है। मैं फिल्म में महाराष्ट्रियन बना हूँ। इसकी माँ एमएलए है। यह फिल्म डेविड और गोलिअथ की कहानी है। यह केबल पर केंद्रित दिलचस्प फिल्म है। फिल्म में मेरा किरदार केबल सेंटर में काम करने वाले लोगों की आवाज़ कहा जा सकता है।
२- क्या आपको लगता है कि दर्शक लीक से हट कर फिल्मों को पसंद करता है ? मेरा मतलब नॉन मसाला फिल्मों से है।
अब दर्शक बिग्गीस पर प्रश्न उठाने लगे है। अब अंडरडॉग्स बिग कॉर्पोरेट के सामने खड़े हो रहे हैं। हमारा दर्शक हर दिन के साथ स्मार्ट यानि समझदार होता जा रहा है। अब देखिये, एक ओर जहाँ ग्रैंड मस्ती हिट हो जाती हैं, वहीँ क्वीन और फुकरे भी हिट हो जाती है।
३- आप बॉबी जासूस में विद्या बालन और सोनाली केबल में रिया चक्रवर्ती के हीरो बने हैं। आप हीरोइन सेंट्रिक फ़िल्में ही क्यों कर रहे हैं ? क्या यह आपको ज़्यादा सूट करती हैं ?
मैं ऐसी फिल्म करता हूँ, जिसमे में कुछ अलग कर सकूँ। मेरी अगली दो फ़िल्में नायक प्रधान हैं। लेकिन, इन फिल्मों को आपका देखने का नजरिया है। आप जिस प्रकार देखें।
४- खबर है कि रिया ने आदित्य रॉय कपूर के कारण पहले फिल्म में किस देने से मना कर दिया था। लेकिन, आदित्य से ब्रेकअप के बाद, उससे बदला लेने के लिए सोनाली केबल में स्मूचिंग तक कर रही हैं। क्या कहना चाहेंगे आप ?
(हँसते हैं) नहीं, यह सही नहीं है। हम दोनों ही असहज महसूस कर रहे थे। फिर एक्टर होने के कारण हमने प्रोफेशनल डिसिशन लिया। बस इतना ही।
५- आप लखनऊ से हैं। जब आप फिल्मों में किस करते हैं तो परिवार को कैसा लगता है।
अभी है फिल्म रिलीज़ नहीं ही है। (हँसते हैं ) ईमानदारी से कहूँ मैं नहीं जानता कि वह कैसे रियेक्ट करेंगे।
६- लखनऊ से मुंबई तक के अपने सफर के बारे कुछ बताइये ?
मैं लखनऊ बहुत थोड़े समय के लिए रहा। देहरादून में दून कॉलेज में पढ़ा। मुंबई आकर मैंने कॉलेज ज्वाइन किया। सेंट ज़ेवियर कॉलेज में इकोनॉमिक्स पढ़ रहा था। कॉलेज के सेकंड ईयर में मुझे ३ इडियट्स मिल गयी।
७- पहली फिल्म लगी तो उसका अनुभव कैसा रहा ?
मैं सोच रहा था कि मैं भाग कर कहीं छुप जाऊं। मुझे नहीं मालूम कि मैं खुद को परदे पर देखने में डर क्यों रहा था। मैंने कभी अपनी कोई फिल्म नहीं देखी है। मैं चाहता हूँ कि मैं फिल्म देखूं। लेकिन, ऐसा हो नहीं पाता।
८- फ़ास्ट एंड फुरियस ७ पा कर कैसा लग रहा है ? क्या बॉलीवुड के एक्टर्स का गोल हॉलीवुड की फिल्म पाना होना चाहिए ?
हॉलीवुड मेरा फाइनल गोल नहीं। वर्ल्ड सिनेमा के लिए, मैं सोचता हूँ कि मैं हमेशा तैयार हूँ। यह बढ़ा खूबसूरत अनुभव होता है कि हम कैसे छुट्टियों पर जाते हैं। हम एफ्फेल टावर को यहाँ क्रिएट नहीं कर सकते हैं न ! तो आप क्या करते हैं कि एफिल टावर को क्लिक कर अपने पास यादगार की तौर पर रख लेते हैं। बस ऐसा ही कुछ है यह।
९- आप अपनी अब तक की एक्ट्रेस के बारे में बताएं। आप सबसे ज़्यादा किस से इम्प्रेस हुए और क्यों ?
जिस दिन मुझे कोई मेरी पसंदीदा एक्ट्रेस मिल जाएगी, मैं उससे शादी कर लूँगा। इस लिए फिलहाल कोई भी पसंदीदा एक्ट्रेस नहीं है। लेकिन, जिन अभिनेत्रियों के साथ मैंने काम किया है, मुझे उनसे यादगार अनुभव मिले हैं।
१०- आप किस प्रकार के रोल्स करना चाहते हैं ?
रोल्स (!)…पहली बात तो मैं इसे समझ नहीं पाता। मुझे ऐसे किरदार पसंद नहीं, जिनके बारे में दर्शकों को अंदाजा हो जाए। मैं अनप्रेडिक्टेबल किरदार करना चाहता हूँ। क्योंकि, खुद इंसान भी बहुत अनप्रेडिक्टेबल है।
११- एक एक्टर के लिए फिजिकल अपीयरेंस कितनी मायने रखती है ?
फिजिकल अपीयरेंस बहुत इम्पोर्टेन्ट है। फिटनेस और अपीयरेंस का खेल है सारा।
१२- आप खुद को स्पोंटेनियस एक्टर मानते हैं या मेथड एक्टर ?
कोई भी नहीं या दोनों ही। मैं अपनी स्क्रिप्ट में म्यूजिक सुनाने की कोशिश करता हूँ। अगर में इसे सुनता हूँ, तभी फिल्म साइन करता हूँ। अगर नहीं सुनता तो सब भगवान पर छोड़ देता हूँ। (हँसते हैं)
१३- क्या बॉलीवुड के लिए लखनऊ बढ़िया लोकेशन साबित हो रही है ?
निश्चित रूप से आजकल लखनऊ सबसे पसंदीदा लोकेशन बन गयी है।
१४- क्या आप किसी बूढ़े का किरदार करना चाहेंगे ?
ओह.…बिलकुल। आप मुझे इस किरदार में जल्द ही देखेंगे।
१५- आप की किस ख़ास डायरेक्टर या एक्टर के साथ काम करने की इच्छा है ?
नहीं. कोई ख़ास नहीं। बहुत से हैं। एक एक कर सभी के साथ काम करूंगा।
१६- सोनाली केबल बड़े प्रोडूसर रोहन सिप्पी की छोटे बजट की फिल्म है। क्या इससे काम मिलना आसान हो जाता है?
एक्टर को दिखाना नहीं करना होता है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि फिल्म छोटी है या बड़ी। प्रोडूसर का बड़ा होना मायने रखता है। क्योंकि, बड़े प्रोडूसर की फ़िल्में ज़्यादा जगहों पर रिलीज़ होती हैं, ज़्यादा ऑडियंस तक पहुंचती हैं। बस इतना ही।
राजेंद्र कांडपाल
१- सोनाली केबल में आपका रोल क्या है ? क्या कोई नयी लीक बनाना चाह रहे हैं ?
मैं सोनाली केबल में रिया चक्रवर्ती के साथ लीड रोल कर रहा हूँ। मेरे करैक्टर का नाम रघु पवार है। मैं फिल्म में महाराष्ट्रियन बना हूँ। इसकी माँ एमएलए है। यह फिल्म डेविड और गोलिअथ की कहानी है। यह केबल पर केंद्रित दिलचस्प फिल्म है। फिल्म में मेरा किरदार केबल सेंटर में काम करने वाले लोगों की आवाज़ कहा जा सकता है।
२- क्या आपको लगता है कि दर्शक लीक से हट कर फिल्मों को पसंद करता है ? मेरा मतलब नॉन मसाला फिल्मों से है।
अब दर्शक बिग्गीस पर प्रश्न उठाने लगे है। अब अंडरडॉग्स बिग कॉर्पोरेट के सामने खड़े हो रहे हैं। हमारा दर्शक हर दिन के साथ स्मार्ट यानि समझदार होता जा रहा है। अब देखिये, एक ओर जहाँ ग्रैंड मस्ती हिट हो जाती हैं, वहीँ क्वीन और फुकरे भी हिट हो जाती है।
३- आप बॉबी जासूस में विद्या बालन और सोनाली केबल में रिया चक्रवर्ती के हीरो बने हैं। आप हीरोइन सेंट्रिक फ़िल्में ही क्यों कर रहे हैं ? क्या यह आपको ज़्यादा सूट करती हैं ?
मैं ऐसी फिल्म करता हूँ, जिसमे में कुछ अलग कर सकूँ। मेरी अगली दो फ़िल्में नायक प्रधान हैं। लेकिन, इन फिल्मों को आपका देखने का नजरिया है। आप जिस प्रकार देखें।
४- खबर है कि रिया ने आदित्य रॉय कपूर के कारण पहले फिल्म में किस देने से मना कर दिया था। लेकिन, आदित्य से ब्रेकअप के बाद, उससे बदला लेने के लिए सोनाली केबल में स्मूचिंग तक कर रही हैं। क्या कहना चाहेंगे आप ?
(हँसते हैं) नहीं, यह सही नहीं है। हम दोनों ही असहज महसूस कर रहे थे। फिर एक्टर होने के कारण हमने प्रोफेशनल डिसिशन लिया। बस इतना ही।
५- आप लखनऊ से हैं। जब आप फिल्मों में किस करते हैं तो परिवार को कैसा लगता है।
अभी है फिल्म रिलीज़ नहीं ही है। (हँसते हैं ) ईमानदारी से कहूँ मैं नहीं जानता कि वह कैसे रियेक्ट करेंगे।
६- लखनऊ से मुंबई तक के अपने सफर के बारे कुछ बताइये ?
मैं लखनऊ बहुत थोड़े समय के लिए रहा। देहरादून में दून कॉलेज में पढ़ा। मुंबई आकर मैंने कॉलेज ज्वाइन किया। सेंट ज़ेवियर कॉलेज में इकोनॉमिक्स पढ़ रहा था। कॉलेज के सेकंड ईयर में मुझे ३ इडियट्स मिल गयी।
७- पहली फिल्म लगी तो उसका अनुभव कैसा रहा ?
मैं सोच रहा था कि मैं भाग कर कहीं छुप जाऊं। मुझे नहीं मालूम कि मैं खुद को परदे पर देखने में डर क्यों रहा था। मैंने कभी अपनी कोई फिल्म नहीं देखी है। मैं चाहता हूँ कि मैं फिल्म देखूं। लेकिन, ऐसा हो नहीं पाता।
८- फ़ास्ट एंड फुरियस ७ पा कर कैसा लग रहा है ? क्या बॉलीवुड के एक्टर्स का गोल हॉलीवुड की फिल्म पाना होना चाहिए ?
हॉलीवुड मेरा फाइनल गोल नहीं। वर्ल्ड सिनेमा के लिए, मैं सोचता हूँ कि मैं हमेशा तैयार हूँ। यह बढ़ा खूबसूरत अनुभव होता है कि हम कैसे छुट्टियों पर जाते हैं। हम एफ्फेल टावर को यहाँ क्रिएट नहीं कर सकते हैं न ! तो आप क्या करते हैं कि एफिल टावर को क्लिक कर अपने पास यादगार की तौर पर रख लेते हैं। बस ऐसा ही कुछ है यह।
९- आप अपनी अब तक की एक्ट्रेस के बारे में बताएं। आप सबसे ज़्यादा किस से इम्प्रेस हुए और क्यों ?
जिस दिन मुझे कोई मेरी पसंदीदा एक्ट्रेस मिल जाएगी, मैं उससे शादी कर लूँगा। इस लिए फिलहाल कोई भी पसंदीदा एक्ट्रेस नहीं है। लेकिन, जिन अभिनेत्रियों के साथ मैंने काम किया है, मुझे उनसे यादगार अनुभव मिले हैं।
१०- आप किस प्रकार के रोल्स करना चाहते हैं ?
रोल्स (!)…पहली बात तो मैं इसे समझ नहीं पाता। मुझे ऐसे किरदार पसंद नहीं, जिनके बारे में दर्शकों को अंदाजा हो जाए। मैं अनप्रेडिक्टेबल किरदार करना चाहता हूँ। क्योंकि, खुद इंसान भी बहुत अनप्रेडिक्टेबल है।
११- एक एक्टर के लिए फिजिकल अपीयरेंस कितनी मायने रखती है ?
फिजिकल अपीयरेंस बहुत इम्पोर्टेन्ट है। फिटनेस और अपीयरेंस का खेल है सारा।
१२- आप खुद को स्पोंटेनियस एक्टर मानते हैं या मेथड एक्टर ?
कोई भी नहीं या दोनों ही। मैं अपनी स्क्रिप्ट में म्यूजिक सुनाने की कोशिश करता हूँ। अगर में इसे सुनता हूँ, तभी फिल्म साइन करता हूँ। अगर नहीं सुनता तो सब भगवान पर छोड़ देता हूँ। (हँसते हैं)
१३- क्या बॉलीवुड के लिए लखनऊ बढ़िया लोकेशन साबित हो रही है ?
निश्चित रूप से आजकल लखनऊ सबसे पसंदीदा लोकेशन बन गयी है।
१४- क्या आप किसी बूढ़े का किरदार करना चाहेंगे ?
ओह.…बिलकुल। आप मुझे इस किरदार में जल्द ही देखेंगे।
१५- आप की किस ख़ास डायरेक्टर या एक्टर के साथ काम करने की इच्छा है ?
नहीं. कोई ख़ास नहीं। बहुत से हैं। एक एक कर सभी के साथ काम करूंगा।
१६- सोनाली केबल बड़े प्रोडूसर रोहन सिप्पी की छोटे बजट की फिल्म है। क्या इससे काम मिलना आसान हो जाता है?
एक्टर को दिखाना नहीं करना होता है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि फिल्म छोटी है या बड़ी। प्रोडूसर का बड़ा होना मायने रखता है। क्योंकि, बड़े प्रोडूसर की फ़िल्में ज़्यादा जगहों पर रिलीज़ होती हैं, ज़्यादा ऑडियंस तक पहुंचती हैं। बस इतना ही।
राजेंद्र कांडपाल
दीपावली बॉक्स ऑफिस का 'बाज़ीगर'
शाहरुख़ खान का दीपावली से गहरा नाता है । वह २ नवंबर १९६५ को लक्ष्मी पूजा के एक हफ्ते बाद पैदा हुए थे। उन्होंने १९९१ में अपने फिल्म करियर की शुरुआत की थी । पहली दो फ़िल्में दीवाना और राजू बन गया जेंटलमैन हिट हुईं, लेकिन अब्बास मुस्तान की एंटी-हीरो फिल्म बाज़ीगर ने शाहरुख़ खान को सुपर स्टार बना दिया । यह फिल्म १२ नवंबर १९९३ को रिलीज़ हुई थी । १३ नवंबर को लक्ष्मी पूजा थी । इसके साथ ही रमजान के बाद पड़ने वाली हर दीवाली बॉलीवुड को मालामाल करने वाली दिवाली बन गयी, ख़ास तौर पर शाहरुख़ खान के लिए । हालाँकि, १९९२ में ही दिवाली वीकेंड में रिलीज़ अजय देवगन और करीना कपूर की फिल्म जिगर तथा संजय दत्त, फ़िरोज़ खान और मनीषा कोइराला की फिल्म यलगार को, दो बड़ी फिल्मों के टकराव की आशंका के बीच ज़बरदस्त सफलता मिली थी । बाज़ीगर की सफलता के बाद हर साल की दिवाली शाहरुख़ खान के घर खुशियों की जगमग बारात लाने वाली दिवाली बन गयी । इस साल दिवाली पर रिलीज़ होने जा रही शाहरुख़ खान की फिल्म हैप्पी न्यू ईयर, दिवाली में रिलीज़ होने वाली उनकी ग्यारहवीं फिल्म होगी। यह शाहरुख़ खान के साथ दीपिका पादुकोण की दिवाली में रिलीज़ होने वाली दूसरी फिल्म होगी।
१- बाज़ीगर - १९९३- अब्बास मुस्तान - शाहरुख़ खान, काजोल और शिल्पा शेट्टी - यह एक युवक के अपने पिता को धोखा देकर बिज़नेस हड़प लेने वाली आदमी से बदले की कहानी थी . इस फिल्म ने ९० करोड़ अधिक का बिज़नेस कर लिया है .
२- दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे - १९९५- आदित्य चोपड़ा- शाहरुख़ खान और काजोल- यह फिल्म आदित्य चोपड़ा की बतौर निर्देशक पहली फिल्म थी। इस फिल्म से पहली बार एक एनआरआई दूल्हा स्क्रीन पर आया। केवल चार करोड़ में बनी इस फिल्म ने पूरी दुनिया में सफलता के झंडे गाड़ते हुए अब तक १२२ करोड़ कमा डाले हैं।
३- दिल तो पागल है- १९९७- यश चोपड़ा- शाहरुख़ खान, करिश्मा कपूर और माधुरी दीक्षित - एक डांस ट्रुप के दोस्तों बीच रोमांस का प्रेम त्रिकोण फिल्म थी । इस फिल्म ने ५८ करोड़ से ज़्यादा कलेक्शन किया ।
४- कुछ कुछ होता है- १९९८- करण जौहर- शाहरुख़ खान, रानी मुख़र्जी और काजोल- यह फिल्म शाहरुख़ खान और काजोल की जोड़ी की चौथी फिल्म थी । इस रोमांस फिल्म में सलमान खान ने मेहमान भूमिका की थी। निर्देशक करण जौहर की यह पहली फिल्म थी । इस फिल्म ने ४५ करोड़ से अधिक का बिज़नेस किया ।
५- मोहब्बतें- २०००- आदित्य चोपड़ा- शाहरुख़ खान, ऐश्वर्या राय और अमिताभ बच्चन- एक गुरुकुल, उसके सख्त मुखिया, उसकी बेटी के एक गिटार टीचर से रोमांस की कहानी को तीन युवा जोड़ियों के रोमांस के साथ पिरोया गया था। १८ करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ७४ करोड़ से अधिक का कलेक्शन किया।
६- वीर-ज़ारा- २००४- यश चोपड़ा - शाहरुख़ खान, प्रिटी जिंटा और रानी मुख़र्जी- यश चोपड़ा ने अपनी इस रोमांस फिल्म में सरहद पार का रोमांस दिखाया था। एक हिंदुस्तान का फ़ौजी एक पाकिस्तानी लड़की के प्रेम में पाकिस्तान चला जाता है, जहाँ उसे जेल में बंद कर दिया जाता है। एक पाकिस्तानी वकील इस फ़ौजी का मुक़दमा लड़ कर उसे जेल से रिहा करवाती है। २५ करोड़ से बनी इस फिल्म ने ९४.२ करोड़ का बिज़नेस किया। ७- डॉन- २००६- फरहान अख्तर- शाहरुख़ खान, प्रियंका चोपड़ा और करीना कपूर- यह फिल्म अमिताभ बच्चन, ज़ीनत अमान और प्राण की १९७८ में रिलीज़ ब्लॉकबस्टर फिल्म डॉन का रीमेक थी। ३५ करोड़ से बनी इस फिल्म ने १०५ करोड़ का बिज़नेस किया।
८- ओम शांति ओम- २००७- फराह खान- शाहरुख़ खान और दीपिका पादुकोण - एक फिल्म अभिनेत्री और उसके प्रेमी के पुनर्जन्म की रोमांटिक कहानी को बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त सफलता मिली थी। यह दीपिका पादुकोण की बतौर एक्ट्रेस पहली फिल्म थी। यह फिल्म ३५ करोड़ में बनी थी। फिल्म ने दिवाली वीकेंड का ज़बरदस्त फायदा उठा था। यह फिल्म १४९ करोड़ कमा चुकी है।
९- रा.वन- २०११- अनुभव सिन्हा- शाहरुख़ खान और करीना कपूर- यह एक बुरे रोबोट और अच्छे रोबोट रा.वन और जी.वन के टकराव की विज्ञानं फंतासी थी। हालाँकि, इस फिल्म ने वर्ल्डवाइड १७७ करोड़ से ज़्यादा कमाए। लेकिन, ११४ के भरी भरकम बजट के कारण रा.वन शाहरुख़ खान के लिए फायदे का सौदा साबित नहीं हुई। .
१०- जब तक है जान- २०१२- यश चोपड़ा- शाहरुख़ खान, कटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा - यह यश चोपड़ा के निर्देशन में उनकी आखिरी फिल्म थी। यह फिल्म एक फौजी के दो लड़कियों के साथ रोमांस की कहानी थी। जब तक है जान के निर्माण में ६० करोड़ खर्च हुए थे। इस फिल्म ने १२२ करोड़ कमाए।
१- बाज़ीगर - १९९३- अब्बास मुस्तान - शाहरुख़ खान, काजोल और शिल्पा शेट्टी - यह एक युवक के अपने पिता को धोखा देकर बिज़नेस हड़प लेने वाली आदमी से बदले की कहानी थी . इस फिल्म ने ९० करोड़ अधिक का बिज़नेस कर लिया है .
२- दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे - १९९५- आदित्य चोपड़ा- शाहरुख़ खान और काजोल- यह फिल्म आदित्य चोपड़ा की बतौर निर्देशक पहली फिल्म थी। इस फिल्म से पहली बार एक एनआरआई दूल्हा स्क्रीन पर आया। केवल चार करोड़ में बनी इस फिल्म ने पूरी दुनिया में सफलता के झंडे गाड़ते हुए अब तक १२२ करोड़ कमा डाले हैं।
३- दिल तो पागल है- १९९७- यश चोपड़ा- शाहरुख़ खान, करिश्मा कपूर और माधुरी दीक्षित - एक डांस ट्रुप के दोस्तों बीच रोमांस का प्रेम त्रिकोण फिल्म थी । इस फिल्म ने ५८ करोड़ से ज़्यादा कलेक्शन किया ।
४- कुछ कुछ होता है- १९९८- करण जौहर- शाहरुख़ खान, रानी मुख़र्जी और काजोल- यह फिल्म शाहरुख़ खान और काजोल की जोड़ी की चौथी फिल्म थी । इस रोमांस फिल्म में सलमान खान ने मेहमान भूमिका की थी। निर्देशक करण जौहर की यह पहली फिल्म थी । इस फिल्म ने ४५ करोड़ से अधिक का बिज़नेस किया ।
५- मोहब्बतें- २०००- आदित्य चोपड़ा- शाहरुख़ खान, ऐश्वर्या राय और अमिताभ बच्चन- एक गुरुकुल, उसके सख्त मुखिया, उसकी बेटी के एक गिटार टीचर से रोमांस की कहानी को तीन युवा जोड़ियों के रोमांस के साथ पिरोया गया था। १८ करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ७४ करोड़ से अधिक का कलेक्शन किया।
६- वीर-ज़ारा- २००४- यश चोपड़ा - शाहरुख़ खान, प्रिटी जिंटा और रानी मुख़र्जी- यश चोपड़ा ने अपनी इस रोमांस फिल्म में सरहद पार का रोमांस दिखाया था। एक हिंदुस्तान का फ़ौजी एक पाकिस्तानी लड़की के प्रेम में पाकिस्तान चला जाता है, जहाँ उसे जेल में बंद कर दिया जाता है। एक पाकिस्तानी वकील इस फ़ौजी का मुक़दमा लड़ कर उसे जेल से रिहा करवाती है। २५ करोड़ से बनी इस फिल्म ने ९४.२ करोड़ का बिज़नेस किया। ७- डॉन- २००६- फरहान अख्तर- शाहरुख़ खान, प्रियंका चोपड़ा और करीना कपूर- यह फिल्म अमिताभ बच्चन, ज़ीनत अमान और प्राण की १९७८ में रिलीज़ ब्लॉकबस्टर फिल्म डॉन का रीमेक थी। ३५ करोड़ से बनी इस फिल्म ने १०५ करोड़ का बिज़नेस किया।
८- ओम शांति ओम- २००७- फराह खान- शाहरुख़ खान और दीपिका पादुकोण - एक फिल्म अभिनेत्री और उसके प्रेमी के पुनर्जन्म की रोमांटिक कहानी को बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त सफलता मिली थी। यह दीपिका पादुकोण की बतौर एक्ट्रेस पहली फिल्म थी। यह फिल्म ३५ करोड़ में बनी थी। फिल्म ने दिवाली वीकेंड का ज़बरदस्त फायदा उठा था। यह फिल्म १४९ करोड़ कमा चुकी है।
९- रा.वन- २०११- अनुभव सिन्हा- शाहरुख़ खान और करीना कपूर- यह एक बुरे रोबोट और अच्छे रोबोट रा.वन और जी.वन के टकराव की विज्ञानं फंतासी थी। हालाँकि, इस फिल्म ने वर्ल्डवाइड १७७ करोड़ से ज़्यादा कमाए। लेकिन, ११४ के भरी भरकम बजट के कारण रा.वन शाहरुख़ खान के लिए फायदे का सौदा साबित नहीं हुई। .
१०- जब तक है जान- २०१२- यश चोपड़ा- शाहरुख़ खान, कटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा - यह यश चोपड़ा के निर्देशन में उनकी आखिरी फिल्म थी। यह फिल्म एक फौजी के दो लड़कियों के साथ रोमांस की कहानी थी। जब तक है जान के निर्माण में ६० करोड़ खर्च हुए थे। इस फिल्म ने १२२ करोड़ कमाए।
पहली बार विलन नहीं बने हैं गोविंदा
शाद अली की फिल्म 'किल दिल' में गोविंदा भैयाजी की भूमिका कर रहे है. यह भाड़े पर हत्याएं करवाने का काम करता है। वह दो आवारा बच्चो देव और टूटू को पालता है और उन्हें शूटर बनाता है। उनके बड़े होने पर उनसे हत्याएं करवाता है। किल दिल में गोविंदा के किरदार भैयाजी को उनका विलेन किरदार बताया जा रहा है। प्रचारित किया जा रहा है कि गोविंदा ने अपने तीस साल लम्बे करियर में पहली बार किल दिल में एक विलन का किरदार किया है। यह तथ्यात्मक नहीं है। गोविंदा ने २००० में रिलीज़ चंद्रू नार्वेकर उर्फ़ एन चंद्रा की फिल्म 'शिकारी' में महेंद्र प्रताप सिंह और ओम श्रीवास्तव की दोहरी भूमिका की थी। ओम प्रकाश की भूमिका में गोविंदा एक के बाद कत्ल करते दिखाए गए थे। इस फिल्म में गोविंदा की दो नायिकाएं तब्बू और करिश्मा कपूर थीं। उन दिनों गोविंदा करिश्मा कपूर के साथ रोमकॉम फिल्मों से काफी सफल हो रहे थे। उन्होंने, करिश्मा कपूर और तब्बू के साथ साजन चले ससुराल जैसी सुपरडुपर हिट फिल्म दी थी। इसलिए, उनके द्वारा फिल्म में एक हत्यारे का किरदार करने के लिए काफी आलोचना हुई थी। गोविंदा, तब्बू और करिश्मा कपूर के साथ गोविंदा की बढ़िया कॉमेडी देखने की आस में सिनेमाघर पहुंचे दर्शकों को शिकारी देख कर स्तब्ध रह जाना पड़ा था। हालाँकि, शिकारी में गोविंदा के खल अभिनय की प्रशंसा हुई थी। लेकिन, दर्शकों ने इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर बिलकुल नकार दिया था। वैसे अगर गोविंदा के निगेटिव किरदारों की बात की जाये तो उन्होंने छोटे सरकार, हथकड़ी और नॉटी एट फोर्टी में भी नेगेटिव किरदार किये थे।
Monday 20 October 2014
लारा दत्ता की वापसी और उनकी चार फ़िल्में
पूर्व मिस यूनिवर्स और फिल्म अभिनेत्री लारा दत्ता ने अपने पति टेनिस स्टार महेश भूपति के साथ फिल्म निर्माण संस्था बिग डैडी प्रोडक्शंस की स्थापना की थी। उन्होंने इस बैनर के तहत चलो दिल्ली जैसी हिट कॉमेडी रोड मूवी का निर्माण किया था। चलो दिल्ली की सफलता से उत्साहित हो कर लारा दत्ता ने इस फिल्म का सीक्वल चलो चाइना बनाने का ऐलान भी किया था। अभी यह फिल्म शुरूआती दौर में है। लेकिन, इस बीच लारा दत्ता ने अभिनय में वापसी का निर्णय ले लिया। वह फिल्म अभी नहीं तो कभी नहीं में केके मेनन की नायिका बन कर रुपहले परदे पर वापसी करेंगी । यह फिल्म बिग डैडी प्रोडक्शंस और वीरेंदर अरोरा और अर्जुन कपूर के सहयोग से बनाई जाएगी। अभी नहीं तो कभी नहीं में नौ मुख्य चरित्र हैं। इनके लिए राजीव खण्डेलवाल और पंकज कपूर का चुनाव भी हो चूका है। बाकी कलाकारों का चुनाव जल्द कर लिए जाएगा। यह लोग भिन्न शैली की कुछ दूसरी फ़िल्में भी बनाएंगे। इनमे तमन्ना रेडियो कंपनी के अलावा रोमांटिक कॉमेडी फिल्म मैचफ़िक्सिंग ख़ास है। एक थ्रिलर फिल्म के निर्माण की योजना भी है। फिलहाल, इस फिल्म की स्क्रिप्ट सेलेक्ट कर ली गयी है। इसे एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त निर्देशक बनाएगा। इतना ही नहीं इन लोगों का इरादा अन्य निर्माता कंपनियों और स्टूडियोज के साथ मिल कर भी अच्छी और हट कर विषय पर फ़िल्में बनाना है। यह फ़िल्में केवल बौद्धिक संतुष्टि देने वाली नहीं होंगी, बल्कि यह बॉक्स ऑफिस पर भी सफल होंगी।
वेलकम टू कराची दो भारतीयों की व्यंग्यात्मक कहानी
वेलकम टू कराची निर्माता वाशु भगनानी की वही फिल्म है, जो पिछले दिनों अभिनेता इरफ़ान खान के लंदन की लोकेशन पर शूटिंग के लिए न पहुँचने पर चर्चा में आयी थी। इरफ़ान के फिल्म से बाहर हो जाने के बाद, वाशु भगनानी ने उनकी जगह अपने बेटे जैकी भगनानी को ले लिया था। अब जैकी किस प्रकार से और किस हद तक खुद को इरफ़ान का बदल साबित कर पाते हैं, इसका पता तो फिल्म की रिलीज़ के बाद चलेगा। फिलहाल, इस फिल्म की शूटिंग तेज़ी पर है। वेलकम टू कराची दो भारतीयों की व्यंग्यात्मक कहानी है, जो उचित पासपोर्ट और पहचान पत्र न होने के कारण कराची में फंस जाते हैं। फिल्म में दूसरे भारतीय अरशद वारसी बने हैं। अरशद वारसी और जैकी भगनानी ने रेमो डिसूज़ा की फिल्म फालतू में एक साथ काम किया था। वेलकम टू कराची का निर्देशन आशीष आर मोहन कर रहे हैं। आशीष की पिछली निर्देशित फिल्म अक्षय कुमार की मुख्य भूमिका वाली खिलाडी ७८६ थी। वेलकम टू कराची की शूटिंग के दौरान का यह चित्र अरशद वारसी ने अपने ट्विटर अकाउंट में डाला है।
Sunday 19 October 2014
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