वेलकम टू कराची निर्माता वाशु भगनानी की वही फिल्म है, जो पिछले दिनों अभिनेता इरफ़ान खान के लंदन की लोकेशन पर शूटिंग के लिए न पहुँचने पर चर्चा में आयी थी। इरफ़ान के फिल्म से बाहर हो जाने के बाद, वाशु भगनानी ने उनकी जगह अपने बेटे जैकी भगनानी को ले लिया था। अब जैकी किस प्रकार से और किस हद तक खुद को इरफ़ान का बदल साबित कर पाते हैं, इसका पता तो फिल्म की रिलीज़ के बाद चलेगा। फिलहाल, इस फिल्म की शूटिंग तेज़ी पर है। वेलकम टू कराची दो भारतीयों की व्यंग्यात्मक कहानी है, जो उचित पासपोर्ट और पहचान पत्र न होने के कारण कराची में फंस जाते हैं। फिल्म में दूसरे भारतीय अरशद वारसी बने हैं। अरशद वारसी और जैकी भगनानी ने रेमो डिसूज़ा की फिल्म फालतू में एक साथ काम किया था। वेलकम टू कराची का निर्देशन आशीष आर मोहन कर रहे हैं। आशीष की पिछली निर्देशित फिल्म अक्षय कुमार की मुख्य भूमिका वाली खिलाडी ७८६ थी। वेलकम टू कराची की शूटिंग के दौरान का यह चित्र अरशद वारसी ने अपने ट्विटर अकाउंट में डाला है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Monday, 20 October 2014
वेलकम टू कराची दो भारतीयों की व्यंग्यात्मक कहानी
Labels:
फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment