आज (१४ अक्टूबर) से शुरू हो रहे मुंबई फिल्म फेस्टिवल में गेब पोल्स्की निर्देशित ७६ मिनट की एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'रेड आर्मी हॉकी डॉक्यूमेंट्री' ख़ास होगी। देश विदेश में पुरस्कार समारोहों और पत्र पत्रिकाओं में सराही जा चुकी यह डॉक्यूमेंट्री शीत युद्ध के दर्जन के सोवियत यूनियन की रेड आर्मी हॉकी टीम की कहानी कहती है। इसे रेड आर्मी हॉकी टीम के कप्तान स्लावा फेटिसोव की जुबानी कहा गया है। यह फिल्म सत्तर और अस्सी के दशक के लौह आवरण में छुपे उस सोवियत यूनियन की राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों की कहानी है, जो अपनी रहस्यमयता के कारण दुनिया के लिए अचरज भरी उत्सुकता का विषय हुआ करता था। यह फिल्म अगली शताब्दी को जाते देश के बारे में इस एक व्यक्ति के ज़रिये बताती है कि खेल विश्व में अपनी बात कहने का जरिया भी है और परस्पर उलझी सांस्कृतिक और राजनीतिक पहचान को भी बताने वाला है। इस डॉक्यूमेंट्री में मार्क डॉकिन्स और व्यचेस्लाव फेटिसोव की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह फिल्म मुंबई फिल्म फेस्टिवल में १५ अक्टूबर को दिखायी जाएगी।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday, 14 October 2014
मुंबई फिल्म फेस्टिवल में 'रेड आर्मी'
आज (१४ अक्टूबर) से शुरू हो रहे मुंबई फिल्म फेस्टिवल में गेब पोल्स्की निर्देशित ७६ मिनट की एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'रेड आर्मी हॉकी डॉक्यूमेंट्री' ख़ास होगी। देश विदेश में पुरस्कार समारोहों और पत्र पत्रिकाओं में सराही जा चुकी यह डॉक्यूमेंट्री शीत युद्ध के दर्जन के सोवियत यूनियन की रेड आर्मी हॉकी टीम की कहानी कहती है। इसे रेड आर्मी हॉकी टीम के कप्तान स्लावा फेटिसोव की जुबानी कहा गया है। यह फिल्म सत्तर और अस्सी के दशक के लौह आवरण में छुपे उस सोवियत यूनियन की राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों की कहानी है, जो अपनी रहस्यमयता के कारण दुनिया के लिए अचरज भरी उत्सुकता का विषय हुआ करता था। यह फिल्म अगली शताब्दी को जाते देश के बारे में इस एक व्यक्ति के ज़रिये बताती है कि खेल विश्व में अपनी बात कहने का जरिया भी है और परस्पर उलझी सांस्कृतिक और राजनीतिक पहचान को भी बताने वाला है। इस डॉक्यूमेंट्री में मार्क डॉकिन्स और व्यचेस्लाव फेटिसोव की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह फिल्म मुंबई फिल्म फेस्टिवल में १५ अक्टूबर को दिखायी जाएगी।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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