Tuesday, 21 October 2014

एक्टर के लिए फिजिकल अपीयरेंस मायने रखती है - अली फज़ल

                                लखनऊ के अभिनेता अली फज़ल आजकल सातवें आसमान पर हैं।  फुकरे से उन्हें चर्चा मिली। फिल्म बॉबी जासूस में विद्या बालन के हीरो बन कर वह प्रशंसकों की बड़ी जमात जुटा  चुके हैं। वह एक हॉलीवुड फिल्म भी साइन कर चुके हैं।  पर यह उनका आखिरी गोल  नहीं। वह अनप्रेडिक्टेबल किरदार करना चाहते हैं। पेश है उनसे हुई बातचीत-
१- सोनाली केबल में आपका रोल क्या है ?  क्या कोई नयी लीक बनाना चाह रहे हैं ?
मैं सोनाली केबल में रिया चक्रवर्ती के साथ लीड रोल कर रहा हूँ।  मेरे करैक्टर का नाम रघु  पवार है।  मैं फिल्म में महाराष्ट्रियन बना हूँ।  इसकी माँ एमएलए है।  यह फिल्म डेविड और गोलिअथ की कहानी है।  यह केबल पर केंद्रित दिलचस्प फिल्म है।  फिल्म में मेरा किरदार केबल सेंटर में काम करने वाले लोगों की आवाज़ कहा जा सकता है।
२- क्या आपको लगता है कि  दर्शक लीक से हट कर फिल्मों को पसंद करता है ? मेरा मतलब नॉन मसाला फिल्मों से है।
अब दर्शक बिग्गीस  पर प्रश्न उठाने लगे है।  अब अंडरडॉग्स बिग कॉर्पोरेट के सामने खड़े हो रहे हैं।  हमारा दर्शक हर दिन के साथ स्मार्ट यानि समझदार होता जा रहा है। अब देखिये, एक ओर जहाँ ग्रैंड मस्ती हिट हो जाती हैं, वहीँ क्वीन और फुकरे भी हिट हो जाती है।
३- आप बॉबी जासूस में विद्या बालन और सोनाली केबल में रिया  चक्रवर्ती के हीरो बने हैं।  आप हीरोइन सेंट्रिक फ़िल्में ही क्यों कर रहे हैं ? क्या यह आपको ज़्यादा सूट करती हैं ?
 मैं ऐसी फिल्म करता हूँ, जिसमे में कुछ अलग कर सकूँ।  मेरी अगली दो फ़िल्में नायक प्रधान हैं।  लेकिन, इन फिल्मों को आपका देखने का नजरिया है।  आप जिस प्रकार देखें।
४- खबर है कि  रिया ने आदित्य रॉय कपूर के कारण पहले फिल्म में किस देने से मना कर दिया था।  लेकिन,  आदित्य से ब्रेकअप के बाद, उससे बदला लेने के लिए सोनाली केबल में स्मूचिंग तक कर रही हैं। क्या कहना चाहेंगे आप ?
(हँसते हैं) नहीं, यह सही नहीं है।  हम दोनों ही असहज महसूस कर रहे थे।  फिर एक्टर होने के कारण हमने प्रोफेशनल डिसिशन लिया।  बस इतना ही।
५- आप लखनऊ से हैं।  जब आप फिल्मों में किस करते हैं तो परिवार को कैसा लगता है।
अभी है फिल्म रिलीज़ नहीं ही है।  (हँसते हैं ) ईमानदारी से कहूँ मैं नहीं जानता कि  वह कैसे रियेक्ट करेंगे।
६-  लखनऊ  से मुंबई तक के अपने सफर के बारे कुछ बताइये ?
मैं लखनऊ बहुत थोड़े समय के लिए रहा।  देहरादून में दून  कॉलेज में पढ़ा।  मुंबई आकर मैंने कॉलेज ज्वाइन किया।  सेंट ज़ेवियर कॉलेज में इकोनॉमिक्स पढ़ रहा था।  कॉलेज के सेकंड ईयर में मुझे ३ इडियट्स मिल गयी।
७- पहली फिल्म लगी तो उसका अनुभव कैसा रहा ?
मैं सोच रहा था कि  मैं भाग कर कहीं छुप जाऊं।  मुझे नहीं मालूम कि  मैं खुद को परदे पर देखने में डर  क्यों रहा था।  मैंने कभी अपनी कोई फिल्म नहीं देखी है।  मैं चाहता हूँ कि  मैं फिल्म देखूं।  लेकिन, ऐसा हो नहीं पाता।
८- फ़ास्ट एंड फुरियस  ७  पा कर कैसा लग रहा है ? क्या बॉलीवुड के एक्टर्स का गोल  हॉलीवुड की फिल्म पाना होना चाहिए ?
हॉलीवुड मेरा फाइनल गोल  नहीं।  वर्ल्ड सिनेमा के लिए, मैं सोचता हूँ कि  मैं हमेशा तैयार हूँ।  यह बढ़ा खूबसूरत अनुभव होता है कि हम कैसे छुट्टियों पर जाते हैं।  हम एफ्फेल टावर को यहाँ क्रिएट नहीं कर सकते हैं न ! तो आप क्या करते हैं कि  एफिल  टावर को क्लिक कर अपने पास यादगार की तौर पर रख लेते हैं। बस ऐसा ही कुछ  है यह।
९- आप अपनी अब तक की एक्ट्रेस के बारे में बताएं।  आप सबसे ज़्यादा किस से इम्प्रेस हुए और क्यों ?
जिस दिन मुझे कोई मेरी पसंदीदा एक्ट्रेस मिल जाएगी, मैं उससे शादी कर लूँगा।  इस लिए फिलहाल कोई भी पसंदीदा एक्ट्रेस नहीं है।  लेकिन, जिन अभिनेत्रियों के साथ मैंने काम किया है, मुझे उनसे यादगार अनुभव मिले हैं।
१०- आप किस प्रकार के रोल्स करना चाहते हैं ?
रोल्स (!)…पहली बात तो मैं इसे समझ नहीं पाता।  मुझे ऐसे किरदार पसंद नहीं, जिनके बारे में दर्शकों को अंदाजा हो जाए।  मैं अनप्रेडिक्टेबल किरदार करना चाहता हूँ।  क्योंकि, खुद इंसान भी बहुत अनप्रेडिक्टेबल है।
११- एक एक्टर के लिए फिजिकल अपीयरेंस कितनी मायने रखती है ?
फिजिकल अपीयरेंस बहुत इम्पोर्टेन्ट है।  फिटनेस और अपीयरेंस का खेल है सारा।
१२- आप खुद को स्पोंटेनियस एक्टर मानते हैं या मेथड एक्टर ?
कोई भी नहीं या दोनों ही।  मैं अपनी स्क्रिप्ट में म्यूजिक सुनाने की कोशिश करता हूँ। अगर में इसे सुनता हूँ, तभी फिल्म साइन करता हूँ।  अगर नहीं  सुनता तो सब भगवान पर छोड़ देता हूँ।  (हँसते हैं)
१३- क्या बॉलीवुड के लिए लखनऊ बढ़िया लोकेशन साबित हो रही है ?
निश्चित रूप से आजकल लखनऊ सबसे पसंदीदा लोकेशन बन गयी है।
१४- क्या आप किसी बूढ़े का किरदार करना चाहेंगे ?
 ओह.…बिलकुल।  आप मुझे इस किरदार में जल्द ही देखेंगे।
१५- आप की किस ख़ास डायरेक्टर या एक्टर के साथ काम करने की इच्छा है ?
नहीं. कोई ख़ास नहीं।  बहुत से हैं।  एक एक कर सभी के साथ काम करूंगा।
१६- सोनाली केबल बड़े प्रोडूसर रोहन सिप्पी की छोटे बजट की फिल्म है।  क्या इससे काम मिलना आसान हो जाता है?
एक्टर को दिखाना नहीं करना होता है।  कोई फर्क नहीं पड़ता कि  फिल्म छोटी है या बड़ी।  प्रोडूसर का बड़ा होना मायने रखता है।  क्योंकि, बड़े प्रोडूसर की फ़िल्में ज़्यादा जगहों पर रिलीज़ होती हैं, ज़्यादा ऑडियंस तक पहुंचती हैं।  बस  इतना ही।


                                                                                                                  राजेंद्र कांडपाल

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