Saturday 24 January 2015

'और देवदास' सुधीर मिश्रा के लिए पार्टी का राहुल भट्ट का 'फितूर'

लोकप्रिय टीवी सीरियल 'हिना ' के समीर यानि राहुल भट को सीरियल के दौरान ही उमेश मिश्रा की फिल्म 'यह मोहब्बत है' मिल गयी थी। फिल्म फ्लॉप रही।  दूसरी कॉमेडी फिल्म 'नयी पड़ोसन' के चलने का फायदा राहुल को नहीं मिल सका।  नई पड़ोसन २००३ में रिलीज़ हुई थी।  इसके बाद राहुल भट एकदम बेकार हो गए।  वह दस साल बेकार बैठे रहे। फिर अनुराग कश्यप ने उन्हें लेकर थ्रिलर 'अग्ली' बनाई।  २०१३ में पूरी हो जाने के बावजूद यह फिल्म लम्बे समय तक रिलीज़ ही नहीं हो सकी। 'अग्ली' २०१४ के अंत में रिलीज़ हुई।  राहुल के काम की प्रशंसा भी हुई।  तब तक, राहुल भट  की निकल पड़ी थी । उन्हें सुधीर मिश्रा की 'और देवदास' मिल गयी।  यह फिल्म शरतचन्द्र चटर्जी के उपन्यास 'देवदास' का आधुनिक राजनीतिक संस्करण है।  राहुल भट नेता देवदास की भूमिका कर रहे हैं। उनके पास अभिषेक कपूर उर्फ़ 'काई पो चे' गट्टू की फिल्म 'फितूर' भी है।  यह फिल्म भी राजनीतिक पृष्ठभूमि पर है।  कश्मीर की पृष्ठभूमि पर 'फितूर' में राहुल भट पाकिस्तान की महरूम प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो के बेटे बिलवाल भुट्टो का किरदार कर रहे हैं। इस फिल्म में वह कटरीना कैफ के अपोजिट हैं। इससे साफ़ है कि उनके दिन बहुर रहे हैं।  उन्हें सशक्त भूमिकाएं मिलने लगी हैं। ऐसे में उनका शानदार जश्न मनाना स्वाभाविक था।  उन्होंने सुधीर मिश्रा को शानदार पार्टी देकर यह जश्न मनाया।  आखिर वह राहुल को नेता देवदास बनाने वाले फिल्मकार जो हैं ! 

अब बिग बी की आवाज़ में राष्ट्र गान

इस गणतंत्र दिवस को ख़ास बनाने के लिए 'षमिताभ' की टीम कुछ ख़ास कर रही हैं।  कविवर रवीन्द्रनाथ टैगोर की रचना जन गण मन को अमिताभ बच्चन ने अपनी आवाज़ दी हैं। इस राष्ट्रगान का फिल्मांकन भी बिग बी पर टैगोर के कलकत्ता स्थित घर पर किया जायेगा। यह वीडियो कविवर को फिल्म की यूनिट की तरफ से श्रद्धांजलि है ही, इसका उपयोग फिल्म 'षमिताभ' के प्रचार में भी क्या जायेगा। इरादा राष्ट्रगान जन गण मन की जानकारी देश और दुनिया को देना भी है।  'षमिताभ' के निर्देशक आर बाल्की कहते हैं, "यह काफी आश्चर्य की बात है कि अब तक राष्ट्रगान को रवीन्द्रनाथ टैगोर के घर क्यूँ नहीं फिल्माया गया ! अमिताभ बच्चन की आवाज में यह गान भारतीय सिनेमा का राष्ट्रीय गान के भक्ति भाव होगा।" राष्ट्रीयगान को अपनी आवाज़ देने के बारे में अमिताभ बच्चन ने कहा" मेरे लिए बड़ी गर्व की बात है कि राष्ट्रीय गान को मेने अपनी आवाज दी है।  इस गीत को गाते समय में  भावनाओ बह गया था। देश भक्ति में डूबी मेरी आँखों में आंसू में उतर आये थे।"  

Friday 23 January 2015

दिल्ली में लांच हुआ जय जवान जय किसान का म्यूजिक (फोटो)

Displaying Jatin Khurana, Akhilesh Jain , Madanlal Khurana and Aman trikha.JPGDisplaying JATIN KHURANA, AKHILESH JAIN AND AMAN TRIKHA.JPGDisplaying AMAN TRIKHA.JPGDisplaying AMAN TRIKHA, AKHILESH JAIN AND JATIN KHURANA.JPGDisplaying JATIN KHURANA (2).JPGDisplaying JATIN KHURANA, AKHILESH JAIN AND AMAN TRIKHA.JPGDisplaying AKHILESH JAIN.JPG

हिन्दू मुस्लिम एकता पर फिल्म है 'इंटरनेशनल हीरो'

इंटरनेशनल हीरो एक छोटे बजट की एक फिल्म है। इस मे कोई नामचीन एक्टर नहीं है।  लेकिन, फिल्म का विषय हिन्दू मुस्लिम एकता पर मज़बूत और समसामयिक सन्देश देने वाला है।  फिल्म के निर्माता  संजय निरंजन को अपनी फिल्म पर भरोसा है।  उन्हें विश्वास है कि यह फिल्म किसी भी बड़ी फिल्म से ज्यादा अच्छा बिज़नेस करेगी। इंटरनेशनल हीरो में चक दे! इंडिया और अब तक छप्पन जैसी फिल्म में सशक्त भूमिका करने वाले अभिनेता नकुल वैद मुख्य भूमिका में हैं।  फिल्म में उनकी नायिका गुरलीन चोपड़ा हैं, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत हिंदी फिल्म इंडियन बाबू से की।  कुछ तो गड़बड़ है और भागमभाग जैसी फिल्मों के बावजूद गुरलीन का बॉलीवुड में करियर गड़बड़ ही रहा।  इस समय वह तमिल और पंजाबी फिल्मों में व्यस्त हैं। वह कोई नौ साल बाद किसी हिंदी फिल्म में फिर नज़र आएंगी। इन दोनों के अलावा, इंटरनेशनल हीरो में जतिन ग्रेवाल, कादर खान, शगुफ्ता अली, शाहबाज़ खान, शिवा, पुनीत इस्सर आदि भी ख़ास भूमिका में हैं।  इंटरनेशनल हीरो के लेखक, निर्माता और निर्देशक संजय निरंजन ही हैं। यह फिल्म अगले सप्ताह समस्त भारत में प्रदर्शित हो रही है। 


कर्णप्रिय संगीत के चार शानदार दशक

शेमारू एंटरटेनमेंट के बॉक्स सेट 'द ग्लोरियस डिकेडस' अपने टाइटल की तरह शानदार है।  बारह डीवीडी के इस सेट में पचास के दशक से अस्सी के दशक तक के संगीत के मौलिक गीतों के वीडियो को शामिल किया गया है।  प्रत्येक दशक के १०१ गीत ३-३ डीवीडी के सेट में शामिल है।  इस प्रकार से दर्शकों को १९५०, १९६०, १९७० और १९८० के दशक के लोकप्रिय और कर्णप्रिय १०१ गीतों के वीडियो के ज़रिये देखने-सुनने का मौका मिलेगा। इस प्रकार संगीत प्रेमी १२ डीवीडी में ४०४ मधुर गीतों का आनंद ले सकेंगे। 
हिंदी फिल्मों के संगीत में १९५० का दशक स्वर्ण काल माना जाता है। इस दशक में विभिन्न संगीतकारों ने फिल्म संगीत में नए नए प्रयोग किये।  नौशाद और शंकर-जयकिशन ने 'ऑर्केस्ट्रा' का इस्तेमाल करना शुरू किया।  एस डी बर्मन और सलिल चौधरी लोक धुनों का थोड़े पाश्चात्य लय में मिश्रण कर संगीत बना रहे थे। मदन मोहन और ओ पी नय्यर ने इन सबसे हट कर अपनी पहचान बनाई। इस दौर में लता मंगेशकर, मोहम्मद रफ़ी और मुकेश शीर्ष पर थे।
साठ का दशक रोमांस का दशक था।  मीठा रोमांस भरा संगीत दर्शकों को लुभा रहा था। इस दशक में आशा भोंसले को ओ पी नय्यर का संरक्षण मिला।  वह बहन लता मंगेशकर के साथ बॉलीवुड फिल्मों के गीतों की मुख्य पार्श्व गायिका बन गयी। किशोर कुमार भी अभिनय को किनारे कर, गायिकी में रम रहे थे। 
सचिन दा के बेटे राहुल देव बर्मन ने सत्तर के दशक के हिंदी फिल्म संगीत की दिशा ही बदल दी। सस्पेंस और रोमांस से भरपूर हिंदी फिल्मों के निर्माताओं के वह पसंदीदा संगीतकार थे।  नय्यर के बाद आरडी बर्मन उर्फ़ पंचम ने आशा भोंसले की आवाज़ का बढ़िया उपयोग किया। कहा जा सकता है कि  पंचम ने भारतीय संगीत  को देखने वाली दृष्टि ही बदल दी।  इसी दौर में, लक्ष्मीकांत और प्यारेलाल की जोड़ी भारत की मिटटी में रची बसी धुनों को लोकप्रिय बना रहे थे।
अस्सी के दशक को बिजली सी चमक और धमक वाले संगीत का दशक कहा जाता है। यह वह समय था जब सनी देओल, कुमार गौरव,  संजय दत्त, आदि सितारा पुत्रों ने बॉलीवुड फिल्मों के सिंहासन पर कब्ज़ा ज़माने की कोशिश की। मिथुन चक्रवर्ती के आने पर बप्पी लाहिरी का डिस्को युवाओं में क्रेज बन गया।  बप्पी लाहिरी ने  लोकप्रियता का लाभ उठाते हुए कीर्तिमान संख्या में फिल्मों में संगीत दिया।  इस दौर में उन्हें आरडी बर्मन और लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के समकक्ष रखा गया।
इस सेट के तमाम गीत देखते सुनते समय श्रोता संगीत का फर्क समझ सकेंगे।  इसमे कोई शक नहीं कि इन चारों दशकों का संगीत लुभाने, झुमाने और चकाचौंध करने वाला था।  इस डीवीडी सेट के हर दशक के सेट को अलग अलग भी खरीदा जा सकता है। 



दिल्ली और मुंबई में सरकारी बाबुओं और नेताओं ने भी देखी 'बेबी' (फोटो)

Displaying Akshay Kumar-Pratibha Advani-Shri LK Advani-Anupam Kher-Manohar Parrikar.PNGDisplaying Anupam Kher-Bhushan Kumar-Neeraj Pandey-Akshay Kumar.JPGDisplaying Shital Bhatia-Bhushan Kumar-Akshay Kumar-Himanshu Roy-Rakesh Maria (1).jpgDisplaying Shital Bhatia-Bhushan Kumar-Akshay Kumar-Himanshu Roy-Rakesh Maria.jpgDisplaying Bhushan Kumar-Akshay Kumar-Himanshu Roy-Rakesh Maria.jpg   

पब्लिक टॉयलेट में चेंज करना पड़ा आयुष्मान को

अपनी अपकमिंग फिल्म हवाईजादा में आयुष्मान खुराना एक ऐसे साइंटिस्ट का किरदार निभा रहें हैं, जिन्होंने राइट ब्रदर्स से पहले ही एयरक्राफ्ट की रचना कर दी थी। इस फिल्म की शूटिंग वेस्ट बंगाल, बिहार और गुजरात के रिमोट एरिया में की गई है । रिमोट एरिया में शूटिंग करना हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। इस दौरान एक्टर्स को कई बार अपने कंफर्टजोन से निकलना पड़ता है। हाल ही में हवाईजादा की शूटिंग के दौरान आयुष्मान खुराना को भी इसी प्रॉब्लम से गुजरना पड़ा। आयुष्मान को शूटिंग के लिए अपनी कॉस्ट्यूम एक पब्लिक और काम चलाऊ टॉयलेट में जाकर बदलना पड़ा, क्योंकि उस एरिया में वेनिटी वैन लेकर जाना नामुमकिन था। प्रॉडक्शन टीम भी यह मानती है कि आयुष्मान बेहद सपोर्टिव एक्टर हैं। उन्होंने शॉट के लिए तुरंत पब्लिक टॉयलेट में जाकर बिना किसी कंपलेन के ड्रेस चेंज कर लिया। फिल्म के डायरेक्टर विभु पुरी इस सिचुएशन से काफी शर्मिंदा थे, वे कहते हैं, "मुझे काफी बुरा लग रहा है कि आयुष्मान को पब्लिक एरिया के टॉयलेट में जाना पड़ा। वे काफी सपोर्टिव और प्रफेशनल हैं, उन्हें सिर्फ शॉट बेहतर हो इसी से मतलब होता था।"