कोलंबिया पिक्चरस की
फिल्म ‘पिक्सेल्स’ साइंस फिक्शन एक्शन कॉमेडी फिल्म है। इस फिल्म की कहानी के
अनुसार १९८२ में नासा द्वारा एलियंस से दोस्ती का पैगाम भेजने के ख्याल
से एक टाइम कैप्सूल में पृथ्वी के जीवन और संस्कृति को दिखाने वाले कुछ फोटोज और
विडियो फीड्स भर कर लांच करता है। कैप्सूल में विडियो गेम्स की श्रंखला को देख कर
वह इसे पृथ्वी के आक्रमण का ऐलान समझ लेते हैं। अब एलियंस अपने आक्रमणकारी गेम्स
मॉडल पक-मैन, डंकी कोंग, और सेंटीपीड से पृथ्वी पर हमला कर देते हैं। एलियंस की
तकनीक पृथ्वी की वस्तुओं को अपने अनुरूप बदलना शुरू कर देती। सैम ब्रेंनेर, विल
कूपर, लुडलो लमोंसोफ़ और एडी प्लांट को, जो बचपन से एलियंस के हमले से पृथ्वी को बचाते आ रहे थे, इस बार भी पृथ्वी को विडियो
गेम्स का उपयोग कर बचाना है। इन लोगों को लेफ्टिनेंट कर्नल वायलेट वान पेटन
ज्वाइन करता है। वह इन्हें एलियंस के भेजे गेम्स करैक्टरस से लड़ने के लिए हथियार उपलब्ध कराता है। इस
फिल्म के डायरेक्टर क्रिस कोलंबस हैं, जो हैरी पॉटर सीरीज की सोर्सर्स स्टोन और
चैम्बर ऑफ़ सीक्रेट्स फ़िल्में, मिसेज डाउटफायर, होम अलोन, लॉस्ट इन द न्यूयॉर्क,
आदि फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं। फिल्म में मुख्य भूमिका एडम सैंडलर, केविन
जेम्स, मिशेल मोनाग्हन, ब्रायन कॉक्स, जॉश गाड, एश्ले बेनसन, आदि की हैं। इस फिल्म
की निर्माण लागत ११० मिलियन डॉलर है। फिल्म २४ जुलाई को रिलीज़ होने जा रही है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Saturday 27 June 2015
क्या फिल्मों में अभिनय कर पाएंगे संजय दत्त !
संजय दत्त २९ जुलाई को ५६ के पूरे हो जायेंगे। वह इसी साल दिसंबर में जेल से बाहर आने वाले हैं। जेल से बाहर तो वह जुलाई में आ जाते, लेकिन पैरोल/फरलो लेने के कारण उनकी सज़ा दिसंबर तक के लिए बढ़ गई है। लेकिन, बॉलीवुड उनके स्वागत की पूरी तैयारी कर चुका है। उन्हें अपनी फिल्म में लेने के लिए फिल्म निर्माता बेताब है। संजय गुप्ता, उमेश शुक्ल और राजकुमार हिरानी ने अपनी स्क्रिप्ट तैयार कर रखी है। खुद संजय दत्त भी जल्द से जल्द कैमरा फेस करने के लिए बेताब हैं। संजय दत्त ने जेल में ही अपना वज़न १८ किलो घटा लिया है। उनके मैनेजरों ने फिल्म निर्माताओं को मैसेज भेज दिए हैं कि वापसी पर संजय दत्त फिल्मों में काम करना चाहेंगे । संजय दत्त शुरुआत में नेगेटिव रोल नहीं करना चाहते। इसलिए निर्माताओं से निगेटिव प्रपोजल न लाने की हिदायते दी गई हैं। इसी वज़ह से संजय दत्त के करण जौहर की फिल्म 'शुद्धि' छोड़ देने की खबर उड़ी थी। शुद्धि का नेगटिव किरदार बड़ा स्ट्रांग लिखा गया है। कोई भी अभिनेता इसे करना चाहेगा। लेकिन, संजय दत्त के शुद्धि छोड़ने का सवाल तब उठता जब उन्हें यह फिल्म ऑफर हुई होती। करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शंस के सूत्रों की माने तो संजय दत्त कभी शुद्धि की कास्ट में शामिल ही नहीं किये गए थे। बहरहाल, फिल्म निर्माता भी संजय दत्त को लेने में जल्दी नहीं करना चाहेंगे। वह देखना चाहेंगे कि संजय दत्त कितनी जल्दी खुद को फिट कर पाते हैं। संजय दत्त को खुद के दिमाग को जेल के बाहर की हवा के अनुकूल बनाना होगा। इसके लिए उन्हें मनोवैज्ञानिक सलाह की ज़रुरत होगी। जब वह हर तरह से कैमरा फेस करने के उपयुक्त हो जायेंगे, तो भी फिल्म निर्माता पहले निर्माता की फिल्म शुरू होने का इंतज़ार करेंगे। खुद संजय दत्त अपने करियर से पहले अपने परिवार को प्राथमिकता देंगे। उनकी पत्नी मान्यता दत्त ने उनकी गैर मौजूदगी में उनके बच्चो, बिज़नेस और प्रोडक्शन हाउस की बढ़िया देख भाल की है। संजय दत्त के जेल जाने के बाद यह खबरें आम हो गई थी कि मान्यता प्रोडक्शन हाउस को बंद कर देना चाहती हैं। परन्तु, मान्यता ने इस प्रोडक्शन हाउस को खूब चलाया। संजय दत्त पत्नी और बच्चो को सुकून देना चाहेंगे। वह बहनों को समय देंगे। वह अपने दोस्तों से मिल कर खुद को एडजस्ट करेंगे। उसके बाद ही वह किसी फिल्म को साइन करने या शूटिंग करने की सोचेंगे। इस सब में उन्हें एक साल का समय तो लग ही जायेगा। वैसे वह सबसे पहले उमेश शुक्ल की फिल्म करेंगे। उमेश शुक्ल की फिल्म ह्यूमन ड्रामा फिल्म होगी। एक्शन की कोई गुंजायश नहीं होगी। लगे रहो मुन्ना भाई का तीसरा हिस्सा भी शुरू हो सकता है। फिलहाल, संजय दत्त के लिए खुशखबर यह है कि उनके प्रोडक्शन हाउस संजय दत्त प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड की फिल्म हंसमुख पिघल गया इस साल रिलीज़ हो सकती है। संजय दत्त का प्रोडक्शन हाउस अन्य स्क्रिप्ट पर भी काम कर रहा है।
संजय दत्त का जन्म २९ जुलाई १९५९ को मुंबई में सुनील दत्त और नर्गिस दत्त के राजनीतिक परिवार में हुआ था। उन्होंने १९८१ में अपने पिता की फिल्म 'रॉकी' द्वारा हिंदी फिल्मों में बतौर नायक डेब्यू किया था। हथियार रखने और गैंगस्टरों से ख़ास लगाव रखने के शौक ने उन्हें मुंबई बम ब्लास्ट में फंसा दिया। वह १९९३ में जेल भेज दिए गए। १८ महीने जेल में बिताने के बाद उन्हें १९९५ में जमानत मिल गई। २००७ में उन्हें छह साल की सज़ा हुई। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें केवल अवैध हथियार रखने का दोषी मान कर सज़ा पांच साल कर दी। आजकल, संजय दत्त इस सज़ा को महाराष्ट्र की येरवडा जेल में काट रहे हैं।
संजय दत्त का जन्म २९ जुलाई १९५९ को मुंबई में सुनील दत्त और नर्गिस दत्त के राजनीतिक परिवार में हुआ था। उन्होंने १९८१ में अपने पिता की फिल्म 'रॉकी' द्वारा हिंदी फिल्मों में बतौर नायक डेब्यू किया था। हथियार रखने और गैंगस्टरों से ख़ास लगाव रखने के शौक ने उन्हें मुंबई बम ब्लास्ट में फंसा दिया। वह १९९३ में जेल भेज दिए गए। १८ महीने जेल में बिताने के बाद उन्हें १९९५ में जमानत मिल गई। २००७ में उन्हें छह साल की सज़ा हुई। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें केवल अवैध हथियार रखने का दोषी मान कर सज़ा पांच साल कर दी। आजकल, संजय दत्त इस सज़ा को महाराष्ट्र की येरवडा जेल में काट रहे हैं।
'बेज़ुबान इश्क़' की स्क्रिप्ट बहुत प्यारी है - निशांत
ऐश्वर्या राय की हमशक्ल स्नेहा उल्लाल और मुग्धा गोडसे की फिल्म 'बेज़ुबान इश्क़' में इन दोनों हसीन अभिनेत्रियों के नायक निशांत हैं। लेकिन, उनकी चाह कंगना रनौत की फिल्म का नायक बनने की है। आईआईएम कलकत्ता के स्नातक ६ फुट ३ इंच लम्बे निशांत ने छोटे परदे पर 'मिले जब हम तुम' में अधिराज और 'राम मिलाये जोड़ी' में अनुकल्प गांधी का किरदार किया था। विक्रम भट्ट की फिल्म 'हॉरर स्टोरी' से हिंदी फिल्मों में डेब्यू करने वाले निशांत से हुई बातचीत-
फिल्म 'बेज़ुबान इश्क़' में अपने किरदार के बारे में बताएं ?मैं ऐशो आराम में पले -बढे मगर संस्कारी निशांत का किरदार कर रहा हूँ। वह अपने आप से ज़्यादा अपने परिवार और दोस्तों को प्यार करता है। इसकी स्क्रिप्ट मुझे प्यारी लगी। मैं बॉलीवुड में इसी प्रकार की स्क्रिप्ट से कदम रखना चाहता था। मुझे संगीत से लगाव है। फिल्म का संगीत बहुत अच्छा है। यह मेरे लिए एक परफेक्ट फिल्म है।
स्नेह उल्लाल और मुग्धा गोडसे के बारे में बताएं ?
इन दोनों की तुलना करना कठिन है। स्नेह उल्लाल ख़ूबसूरत और मेहनती अभिनेत्री हैं। फिल्म के ज़्यादातर गाने हम दोनों के हिस्से ही आये हैं। मुग्धा गोडसे ने एक सनकी लड़की का किरदार क्या खूब किया है। दोनों ही कमाल की अभिनेत्रियां और बेहतर इंसान हैं।
फिल्म के निर्देशक जसवंत गुगनानी के बारे में भी कुछ बताएं ?
बहुत अच्छे और साफ़ दिल इंसान हैं। वह अनुभवी निर्देशक हैं। मुझे ख़ुशी हैं कि मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला। उनका स्क्रिप्ट सुनाने का ढंग इतना बढ़िया था कि मैंने सुनते ही तय कर लिया कि मुझे यह फिल्म करनी है।
आपने टीवी सीरियल भी किये हैं। इन दोनों में क्या अंतर पाते हैं?
मैंने टीवी पर बहुत ज़्यादा काम नहीं किया है। 'राम मिलाये जोड़ी' में मेरा मुख्य किरदार था। इसके बाद मैंने टीवी सीरियल नहीं किये । लेकिन, मेरी इस माध्यम के प्रति इज़्ज़त है। मुझे बहुत कुछ टीवी से सीखने को मिला है। राम मिलाये जोड़ी का अनुकल्प का किरदार आज भी मेरे दिल के बहुत करीब है। जहाँ तक फिल्म और टीवी में अंतर की बात है, दोनों की दृश्य प्रस्तुति अलग है। फिल्म में अलग तरह की क्रियात्मकता लगती है। हर फिल्म में अलग अलग तरह के किरदार निभाने पड़ते हैं।
अपने आने वाले प्रोजेक्ट बताइये?
मेरी चार से भी ज़्यादा फिल्मों में लीड है। निर्देशक नरेश मल्होत्रा की फिल्म 'इश्क़ ने क्रेजी किया रे' के अलावा शक्ति कपूर, राजपाल यादव, अखिलेन्द्र मिश्रा के साथ निर्देशक हेमंत कुमार की फिल्म लव ट्रेनिंग', साईं कबीर की फिल्म 'सिंगल चल रिया हूँ' निर्देशक प्रणव कुमार सिंह की फिल्म 'ज़ैनब' में मेरी लीड है। यह सभी फ़िल्में इसी साल रिलीज़ होंगी। दो और फ़िल्में भी साइन की है। लेकिन, अभी इनके बारे में कुछ बता नहीं पाऊंगा।
क्या आप आगे भी टीवी में नज़र आएंगे ?
यह मेरी चार साल लम्बी यात्रा है, जिसमे मैं टीवी पर मुख्य भूमिका से अब हिंदी फिल्म में मुख्य नायक का किरदार निभा रहा हूँ। उम्मीद करता हूँ कि दर्शकों ने जितना प्यार टीवी पर दिया, उतना ही प्यार अब भी देंगे।
शूटिंग के दौरान की कोई दिलचस्प घटना ?
इस फिल्म के शीर्षक गीत 'बेज़ुबान इश्क़' के लिए मुझे और स्नेह को बारिश में भीग कर शूट करना था। टैंकर में पानी रात भर से भरा हुआ था। जिसकी वजह से वह काफी ठंडा हो गया था। हमें गीत में प्यार और बलिदान का इमोशन देना था, मगर हम दोनों ठन्डे पानी की वजह से काँप रहे थे। हमें बहुत हँसी भी आ रही थी। इस सब में इमोशन दिखाना मुश्किल हो रहा था। हम लोगों ने बीच बीच में चाय कॉफ़ी पीकर और गर्म शूट लाइट के आगे खड़े होकर खुद की ठण्ड को कम किया और अपने सीन किये।
यह एक्टर गाते हैं दूसरों के लिए !
सलमान खान 'किक' के एक गीत को अपनी आवाज़ देते हैं। सोनाक्षी सिन्हा 'तेवर' के ट्रैक 'लेट्स सेलिब्रेट' को गुनगुनाती हैं। यहाँ तक कि अभी बॉलीवुड में पैर जमा पाने की जद्दोजहद में लगी अलिया भट्ट और श्रद्धा शर्मा भी गीत गा चुकी हैं। प्रियंका चोपड़ा तो खैर इंटरनेशनल सिंगिंग स्टार बन चुकी हैं। वहीँ जब करीना कपूर से फिल्म 'उड़ता पंजाब' , जिसकी वह प्रोडूसर भी हैं, का एक गीत गाने के लिए कहा गया तो उन्होंने इंकार कर दिया। करीना कपूर का मानना है कि यह काम सिंगर पर छोड़ दिया जाना चाहिए।
हिंदी फिल्मों का शुरूआती इतिहास तो सिंगर एक्टर यानि अपने गीत खुद गए सकने वाले एक्टर्स का रहा है। उस समय प्लेबैक सिंगिंग का कांसेप्ट न होने के कारण, ऐसा ज़रूरी था। लेकिन, कई बार ऐसा हुआ है कि किसी सिंगर को एक्टिंग कर सकने के बावजूद अपने गाये गीत खुद के लिए गाने का मौका नहीं मिला। किशोर कुमार ऐसे बड़े उदाहरण थे, जिन्होंने खुद बेहतरीन एक्टर होने के बावजूद अपनी आवाज़ बड़े सितारों को परदे पर दी। ऐसे ही बहुत से अच्छा गा सकने वाले कलाकार बॉलीवुड में हैं । आइये जानते हैं ऐसी ही हस्तियों के बारे में -
श्रुति हासन- कमल हासन और सारिका की बेटी श्रुति हासन अच्छी गायिका हैं। दक्षिण की फिल्मों में उन्होंने इसे बार बार प्रदर्शित किया है। अपनी डेब्यू फिल्म 'लक' का 'आजमा' गीत खुद श्रुति हासन ने गाया था। लेकिन, श्रुति हासन इसी साल रिलीज़ फिल्म 'तेवर' से उन सिंगर एक्टर से जुड़ गई, जिन्होंने दूसरे एक्टर को अपनी आवाज़ दी। इस फिल्म का जोगनिया गीत श्रुति हासन ने गाया है, जबकि परदे पर इसे गाती हुई सोनाक्षी सिन्हा नज़र आएंगी। श्रुति हासन शायद पहली ऐसी सिंगर एक्टर होंगी, जिन्होंने अपनी बहन के लिए सिंगिंग की। श्रुति ने अपनी छोटी बहन अक्षरा को फिल्म षमिताभ के 'सन्नाटा' गीत गए कर आवाज़ दी। यहाँ दिलचस्प तथ्य यह था कि श्रुति हासन अपने एक आइटम डांस में ममता शर्मा के गाये 'मैडमिया' गीत पर होंठ हिला रही थी।
षमिताभ - यह फिल्म प्लेबैक सिंगिंग के लिहाज़ से दिलचस्प तथ्यों वाली है। इस फिल्म का सन्नाटा गीत अक्षरा हासन के लिए श्रुति हासन ने गाया था। पर मज़ेदार रहा अमिताभ बच्चन की आवाज़ पर धनुष का होंठ हिलाना। 'षमिताभ' एक गूंगे एक्टर और उसको परदे पर आवाज़ देने वाले असफल एक्टर की कहानी थी। इस फिल्म के एक गीत 'पिंडली सी बातें' को अमिताभ बच्चन ने गाया है। यह गीत में परदे पर अमिताभ बच्चन के अलावा धनुष को भी गाते हुए दिखाया गया है। इस प्रकार से अमिताभ बच्चन भी धनुष के लिए प्लेबैक सिंगिंग करने वाले एक्टर बन जाते हैं।
अरुण बख्शी- अरुण बख़्शी को हिंदी फिल्मों में कोई ज़्यादा सफलता नहीं मिली। उन्होंने कोई सौ हिंदी फिल्मों में छोटी बड़ी भूमिकाएं की है। लेकिन, बतौर प्लेबैक सिंगर उनके खाते में २९८ फ़िल्में दर्ज़ हैं। उन्होंने बप्पी लाहिरी, आनंद मिलिंद, आदेश श्रीवास्तव के संगीत निर्देशन में गीत गाये। उन्होंने अमानत के संजय दत्त, गोपी किशन के सुनील शेट्टी, प्रेम योग के राजा मुराद, आदि को अपनी आवाज़ दी। उन्होंने ऑंखें का फटेला जेब अभिनेताओं अक्षय कुमार और अर्जुन रामपाल के लिए गाया।
सुलक्षण पंडित- एक ऎसी हस्ती थीं, जो ट्रैंड सिंगर थी। लेकिन, उन्होंने जब बतौर एक्टर हिंदी फिल्मों में एंट्री ली, तो उन्होंने अपने गीत लता मंगेशकर या आशा भोंसले से गवाने के बजाय खुद गाये । हालाँकि, फिल्म संकल्प में गाये उनके गीत 'तू ही सागर है तू ही किनारा' गीत को लता मंगेशकर के मुकाबले फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। उन्होंने एक बाप छह बेटे मे योगिता बाली के लिए 'घडी मिलन की आई', गृह प्रवेश में शर्मीला टैगोर के लिए 'बोलिए सुरीली बोलियाँ' , थोड़ी से बेवफाई में पद्मिनी कोल्हापुरे के लिए 'मौसम मौसम लवली मौसम', स्पर्श में शबाना आज़मी के लिए 'खाली प्याला छलका', आहिस्ता आहिस्ता में पद्मिनी कोल्हापुरे के लिए माना तेरी नज़र' जैसे गीत गाये।
यह बन गए इत्तेफ़ाक़ से प्लेबैक सिंगर
कुछ एक्टर गाना गए सकते थे। लेकिन, यह पार्ट टाइम जॉब करना जैसा था। आम तौर पर आज की अलिया भट्ट और श्रद्धा शर्मा की तरह इन एक्टर्स ने भी खुद पर फिल्माए जाने वाले गीतों को गाया। अब यह बात दीगर है कि यह गीत उन पर फिल्माए नहीं जा सके और यह एक्टर बन गए प्लेबैक सिंगर भी।
डैनी डैंग्जोप्पा- बॉलीवुड के मशहूर विलेन डैनी डैंग्जोप्पा को फिल्म 'यह गुलिस्तां हमारा' में देव आनंद, शर्मीला टैगोर और प्राण के साथ कॉमेडी रोल में डैनी डैंग्जोप्पा को लिया गया था। फिल्म के डायरेक्टर आत्माराम थे। कुछ मतभेदों के चलते फिल्म के बनाने के दौरान ही डैनी को फिल्म से बाहर कर दिया गया। इस फिल्म में सचिनदेव बर्मन ने एक गीत 'मेरा नाम आओ' डैनी से गवाया गया था। डैनी के निकलने के बाद फिल्म में जॉनी वॉकर आ गए। लेकिन, बर्मनदा ने डैनी के गाये गीत को निकलने से मना कर दिया। यह गीत जॉनी वॉकर और जयश्री टी पर फिल्माया गया। इस प्रकार से डैनी इत्तेफ़ाक़ से प्लेबैक सिंगर बन गए। ज़ोया अख्तर की फिल्म 'दिल धड़कने दो' का शंकर एहसान लॉय का तैयार टाइटल सांग फरहान अख्तर और प्रियंका चोपड़ा ने गया है। इस गीत में प्रियंका चोपड़ा और फरहान अख्तर अपने फ़िल्मी परिवार के साथ नाचते और गाते दिखाया गया है। इसी डांस सीक्वेंस में प्रियंका चोपड़ा के बोलों पर अभिनेत्री अनुष्का शर्मा को होंठ हिलाते हुए देखा जा सकता है। यह अपने आप में एक बड़ा दिलचस्प उदहारण है। १९७७ में रिलीज़ राजश्री की फिल्म 'अलीबाबा मरजीना' में एक गीत प्रेम किशन और तमन्ना पर फिल्माया गया था। इस गीत में प्रेम किशन के लिए शत्रुघ्न सिन्हा ने प्लेबैक सिंगिंग की थी। उन दिनों शॉटगन सिन्हा को प्लेबैक सिंगिंग का शौक चर्राया था। इस गीत को उषा खन्ना ने संगीतबद्ध किया था। लीना चंदावरकर ने अपने पति किशोर कुमार के साथ फिल्म लवर बॉय की एक अंताक्षरी गई थी, जो मीनाक्षी शेषाद्रि पर फिल्मायी गई थी। २०११ में रिलीज़ अमिताभ बच्चन की फिल्म 'बुड्ढा होगा तेरा बाप' में विशाल शेखर ने गीत गो मीरा गो' को अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन से गवाया था। यह पहला गीत था जिसमे पिता और बेटा साथ गा रहे थे। लेकिन, इस फिल्म में अभिषेक बच्चन नहीं थे । इसलिए, यह गीत केवल अमिताभ बच्चन पर फिल्माया गया। इस प्रकार से पिता अमिताभ बच्चन के लिए बेटा अभिषेक बच्चन गीत गा रहे थे।
बेकरार दिल अरे तू गए जा - फिल्म दूर का राही का एक गीत 'बेकरार दिल अरे तू गाये जा' किशोर कुमार और सुलक्षणा पंडित ने गाया था। इस गीत को अशोक कुमार, किशोर कुमार और तनूजा पर फिल्माया गया था। यहाँ दिलचस्प तथ्य यह था कि इस गीत में सुलक्षणा पंडित की आवाज़ पर तनूजा होंठ हिला रही थी। लेकिन, किशोर कुमार वाला हिस्सा उनके बड़े भाई अशोक कुमार के हिस्से में आया था। इस प्रकार किशोर कुमार अपने बड़े भाई के प्लेबैक सिंगर भी बन गए थे।
श्रुति हासन- कमल हासन और सारिका की बेटी श्रुति हासन अच्छी गायिका हैं। दक्षिण की फिल्मों में उन्होंने इसे बार बार प्रदर्शित किया है। अपनी डेब्यू फिल्म 'लक' का 'आजमा' गीत खुद श्रुति हासन ने गाया था। लेकिन, श्रुति हासन इसी साल रिलीज़ फिल्म 'तेवर' से उन सिंगर एक्टर से जुड़ गई, जिन्होंने दूसरे एक्टर को अपनी आवाज़ दी। इस फिल्म का जोगनिया गीत श्रुति हासन ने गाया है, जबकि परदे पर इसे गाती हुई सोनाक्षी सिन्हा नज़र आएंगी। श्रुति हासन शायद पहली ऐसी सिंगर एक्टर होंगी, जिन्होंने अपनी बहन के लिए सिंगिंग की। श्रुति ने अपनी छोटी बहन अक्षरा को फिल्म षमिताभ के 'सन्नाटा' गीत गए कर आवाज़ दी। यहाँ दिलचस्प तथ्य यह था कि श्रुति हासन अपने एक आइटम डांस में ममता शर्मा के गाये 'मैडमिया' गीत पर होंठ हिला रही थी।
षमिताभ - यह फिल्म प्लेबैक सिंगिंग के लिहाज़ से दिलचस्प तथ्यों वाली है। इस फिल्म का सन्नाटा गीत अक्षरा हासन के लिए श्रुति हासन ने गाया था। पर मज़ेदार रहा अमिताभ बच्चन की आवाज़ पर धनुष का होंठ हिलाना। 'षमिताभ' एक गूंगे एक्टर और उसको परदे पर आवाज़ देने वाले असफल एक्टर की कहानी थी। इस फिल्म के एक गीत 'पिंडली सी बातें' को अमिताभ बच्चन ने गाया है। यह गीत में परदे पर अमिताभ बच्चन के अलावा धनुष को भी गाते हुए दिखाया गया है। इस प्रकार से अमिताभ बच्चन भी धनुष के लिए प्लेबैक सिंगिंग करने वाले एक्टर बन जाते हैं।
अरुण बख्शी- अरुण बख़्शी को हिंदी फिल्मों में कोई ज़्यादा सफलता नहीं मिली। उन्होंने कोई सौ हिंदी फिल्मों में छोटी बड़ी भूमिकाएं की है। लेकिन, बतौर प्लेबैक सिंगर उनके खाते में २९८ फ़िल्में दर्ज़ हैं। उन्होंने बप्पी लाहिरी, आनंद मिलिंद, आदेश श्रीवास्तव के संगीत निर्देशन में गीत गाये। उन्होंने अमानत के संजय दत्त, गोपी किशन के सुनील शेट्टी, प्रेम योग के राजा मुराद, आदि को अपनी आवाज़ दी। उन्होंने ऑंखें का फटेला जेब अभिनेताओं अक्षय कुमार और अर्जुन रामपाल के लिए गाया।
यह बन गए इत्तेफ़ाक़ से प्लेबैक सिंगर
कुछ एक्टर गाना गए सकते थे। लेकिन, यह पार्ट टाइम जॉब करना जैसा था। आम तौर पर आज की अलिया भट्ट और श्रद्धा शर्मा की तरह इन एक्टर्स ने भी खुद पर फिल्माए जाने वाले गीतों को गाया। अब यह बात दीगर है कि यह गीत उन पर फिल्माए नहीं जा सके और यह एक्टर बन गए प्लेबैक सिंगर भी।
डैनी डैंग्जोप्पा- बॉलीवुड के मशहूर विलेन डैनी डैंग्जोप्पा को फिल्म 'यह गुलिस्तां हमारा' में देव आनंद, शर्मीला टैगोर और प्राण के साथ कॉमेडी रोल में डैनी डैंग्जोप्पा को लिया गया था। फिल्म के डायरेक्टर आत्माराम थे। कुछ मतभेदों के चलते फिल्म के बनाने के दौरान ही डैनी को फिल्म से बाहर कर दिया गया। इस फिल्म में सचिनदेव बर्मन ने एक गीत 'मेरा नाम आओ' डैनी से गवाया गया था। डैनी के निकलने के बाद फिल्म में जॉनी वॉकर आ गए। लेकिन, बर्मनदा ने डैनी के गाये गीत को निकलने से मना कर दिया। यह गीत जॉनी वॉकर और जयश्री टी पर फिल्माया गया। इस प्रकार से डैनी इत्तेफ़ाक़ से प्लेबैक सिंगर बन गए। ज़ोया अख्तर की फिल्म 'दिल धड़कने दो' का शंकर एहसान लॉय का तैयार टाइटल सांग फरहान अख्तर और प्रियंका चोपड़ा ने गया है। इस गीत में प्रियंका चोपड़ा और फरहान अख्तर अपने फ़िल्मी परिवार के साथ नाचते और गाते दिखाया गया है। इसी डांस सीक्वेंस में प्रियंका चोपड़ा के बोलों पर अभिनेत्री अनुष्का शर्मा को होंठ हिलाते हुए देखा जा सकता है। यह अपने आप में एक बड़ा दिलचस्प उदहारण है। १९७७ में रिलीज़ राजश्री की फिल्म 'अलीबाबा मरजीना' में एक गीत प्रेम किशन और तमन्ना पर फिल्माया गया था। इस गीत में प्रेम किशन के लिए शत्रुघ्न सिन्हा ने प्लेबैक सिंगिंग की थी। उन दिनों शॉटगन सिन्हा को प्लेबैक सिंगिंग का शौक चर्राया था। इस गीत को उषा खन्ना ने संगीतबद्ध किया था। लीना चंदावरकर ने अपने पति किशोर कुमार के साथ फिल्म लवर बॉय की एक अंताक्षरी गई थी, जो मीनाक्षी शेषाद्रि पर फिल्मायी गई थी। २०११ में रिलीज़ अमिताभ बच्चन की फिल्म 'बुड्ढा होगा तेरा बाप' में विशाल शेखर ने गीत गो मीरा गो' को अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन से गवाया था। यह पहला गीत था जिसमे पिता और बेटा साथ गा रहे थे। लेकिन, इस फिल्म में अभिषेक बच्चन नहीं थे । इसलिए, यह गीत केवल अमिताभ बच्चन पर फिल्माया गया। इस प्रकार से पिता अमिताभ बच्चन के लिए बेटा अभिषेक बच्चन गीत गा रहे थे।
बेकरार दिल अरे तू गए जा - फिल्म दूर का राही का एक गीत 'बेकरार दिल अरे तू गाये जा' किशोर कुमार और सुलक्षणा पंडित ने गाया था। इस गीत को अशोक कुमार, किशोर कुमार और तनूजा पर फिल्माया गया था। यहाँ दिलचस्प तथ्य यह था कि इस गीत में सुलक्षणा पंडित की आवाज़ पर तनूजा होंठ हिला रही थी। लेकिन, किशोर कुमार वाला हिस्सा उनके बड़े भाई अशोक कुमार के हिस्से में आया था। इस प्रकार किशोर कुमार अपने बड़े भाई के प्लेबैक सिंगर भी बन गए थे।
किशोर कुमार, तलत महमूद, सलमा आगा. शैलेन्द्र सिंह, सोनू निगम, आदि कुछ ऐसे सिंगर एक्टर हैं, जो बॉलीवुड में एक्टिंग करने आये थे। गा भी अच्छा सकते थे। एकाधिक फिल्मों में इन्हे अभिनय का मौका मिला भी। लेकिन, बॉलीवुड ने इनकी अभिनय से ज़्यादा गायन प्रतिभा का उपयोग किया। गायिका मोनाली ठाकुर हिंदी फिल्म 'लक्ष्मी' के लिए साउथ एशिया फिल्म फेस्टिवल वाशिंगटन में बेस्ट चाइल्ड एक्टर का अवार्ड जीत चुकी हों। वह खुद की बतौर सिंगर एक्टर पहचान बनाना चाहती हैं।
आ रहा है इम्पॉसिबल को पॉसिबल करने ईथन हंट
ईथन हंट फिर आ रहा
है मिशन इम्पॉसिबल को पॉसिबल बनाने। इस बार खतरा आईएम्ऍफ़ को भाड़े के हत्यारों के
एक सिंडिकेट से है। उधर आई एम् ऍफ़ को ख़त्म कर देने की बात भी चल रही है। इसके
बावजूद ईथन हंट आखिरी पर बहुत ज्यादा कठिन मिशन पर निकलने के लिए अपने साथियों को
इकठ्ठा करता है। यह मिशन इम्पॉसिबल इस लिए है कि ईथन को सिंडिकेट को ख़त्म भी करना
है और उसकी मौजूदगी का प्रमाण भी देना है। यह कहानी है मिशन: इम्पॉसिबल सीरीज
सीरीज की पांचवी फिल्म रोग नेशन की।
बीस साल बाद भी
दुनिया के एक्शन फ़िल्में पसंद करने वाले दर्शकों में अमेरिकी जासूस ईथन हंट और
उसके मुख्य किरदार वाली फिल्म सीरीज मिशन: इम्पॉसिबल का वही क्रेज बरकरार है। साठ
के दशक मे, अमेरिकी टेलीविज़न पर
एक टीवी सीरीज मिशन: इम्पॉसिबल शुरू हुई। असंभव कामों को कर दिखाने वाले अमेरिकी
एजेंटों की संस्था इम्पॉसिबल मिशन फ़ोर्स पर यह सीरीज १९६६ से १९७३ के बीच लगातार
टेलीकास्ट हुई। इसके बाद यह सीरीज एबीसी पर १९८८ में फिर प्रसारित हुई। टॉम क्रूज
ने इस सीरीज पर मिशन: इम्पॉसिबल सीरीज का सिलसिला शुरू किया १९९६ में। वही इन
इम्पॉसिबल फिल्मों के प्रोडूसर बने। मिशन इम्पॉसिबल १ से ३ तक में उनका साथ पौला
वैगनर ने दिया। इसके बाद उनसे जे जे अब्राम्स और ब्र्याँ बर्क तथा पांचवे पार्ट
में डेविड एल्लिसों भी साथ आ गए। यह ऐसी सीरीज है, जिसकी हर फिल्म के डायरेक्टर अलग थे। मिशन
इम्पॉसिबल सीरीज, दुनिया में सबसे
ज्यादा कमाई करने के लिहाज़ से १९वें नंबर की फिल्म है। यह सीरीज अब तक २ बिलियन
डॉलर से ज्यादा का ग्रॉस कलेक्शन कर चुकी है। आइये जानते हैं इन इम्पॉसिबल फिल्मों
में बारे में-
मिशन : इम्पॉसिबल-
निर्माता टॉम क्रूज और पौला वैगनर की ब्रायन डी पाल्मा निर्देशित सीरीज की पहली
फिल्म ‘मिशन: इम्पॉसिबल’
२२ मई १९९६ को रिलीज़ हुई। इस फिल्म में
ईथन हंट (टॉम क्रूज) पर अपने साथी एजेंट की हत्या करने और गवर्नमेंट सीक्रेट बेचने
का आरोप लगता है। ईथन को खुद को बचाना था, साथी की हत्या का रहस्य खोलना था, गवर्नमेंट सीक्रेट वापस लाने थे और अमेरिका की
दुश्मन ताकतों को ख़त्म करना था। ११० मिनट लम्बी इस फिल्म को ज़बरदस्त सफलता हासिल
हुई। कुल ८० मिलियन डॉलर में बनी ‘मिशन: इम्पॉसिबल’ ने ४५७.७ मिलियन डॉलर कमाए।
मिशन: इम्पॉसिबल २-
जॉन वू निर्देशित ‘मिशन: इम्पॉसिबल २
में ईथन हंट को खतरनाक वायरस चुरा कर सबसे अधिक बोली लगाने वाले को बेचने के
आईएमएफ के एक पूर्व एजेंट के इरादों को नाकाम करना था। यह १२३ मिनट लम्बी थी तथा
२४ मई को रिलीज़ हुई थी . फिल्म की लागत १२५ मिलियन डॉलर थी। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस
पर ५४६.३ मिलियन डॉलर कमाए।
मिशन: इम्पॉसिबल ३-
तीसरी फिल्म में ईथन हंट रिटायर हो गया है। वह अब शादीशुदा है। इसके बावजूद उसे
अपने साथी इकठ्ठा कर एक क्रूर हथियारों के व्यापारी और दलाल के ख़तरनाक हथियार ‘द रब्बिट्स फूट’ बेचने के इरादों को नाकाम करना है। इस फिल्म का
निर्देशन जे जे अब्राम्स ने किया था। ‘मिशन: इम्पॉसिबल ३’ की लम्बाई १२५ मिनट थी। यह फिल्म ५ मई २००६ को रिलीज़ हुई। कुल १५०
मिलियन डॉलर बजट वाले फिल्म ने वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर ३९७.८ मिलियन डॉलर का
कलेक्शन किया।
मिशन इम्पॉसिबल-
घोस्ट प्रोटोकॉल - ब्राड बर्ड ने मिशन: इम्पॉसिबल सीरीज की इस चौथी फिल्म का
निर्देशन किया था। फिल्म की काफी शूटिंग भारत में, ख़ास तौर पर मुंबई में, हुई थी। फिल्म में बॉलीवुड अभिनेता अनिल कपूर ने
एक अमीर और ऐयाश भारतीय व्यवसाई ब्रज नाथ की भूमिका की थी। फिल्म १३३ मिनट लम्बी
थी तथा २१ दिसम्बर २०११ को पूरी दुनिया में रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म में ईथन हंट और
उसके आईएमएफ के सभी साथियों पर क्रेमलिन पर बम ब्लास्ट करने का आरोप लगाया जाता
है। उन्हें परमाणु युद्ध करवाने की साज़िश रच रहे व्यक्ति को ख़त्म करना है। घोस्ट
प्रोटोकॉल ने बॉक्स ऑफिस पर ६९४.७ मिलियन डॉलर का बिज़नस किया। इस फिल्म का बजट १४५
मिलियन डॉलर था।
मिशन: इम्पॉसिबल
सीरीज की फ़िल्में अपने दम साध कर देखने वाले खतरनाक और हैरतंगेज़ स्टंट के लिए
पहचानी जाती है। मिशन इम्पॉसिबल सीरीज की पांचवी फिल्म ‘रोग़ नेशन’ ३१ जुलाई २०१५ को रिलीज़ हो रही है। इस फिल्म के
पांचवे निर्देशक क्रिस्टोफर मैककुअर्री हैं।
मिशन: इम्पॉसिबल सीरीज की अब तक की पांच फिल्मों में ईथन हंट की भूमिका
फिल्म के निर्माता टॉम क्रूज ही करते आ रहे हैं। फिल्म में उनके साथ पाँचों
फिल्मों में काम करने वाले इकलौते अभिनेता विंग रेम्स हैं, जो एक एक्सपर्ट कंप्यूटर हैकर लूथर स्टिकेल का
किरदार करते हैं। मिशन: इम्पॉसिबल ३ से सिमोन पेग बेजमीन डन और घोस्ट प्रोटोकॉल से
जेरेमी रेंनर विलियम ब्रांट की भूमिका कर रहे हैं
फिर 'कॉप' बन रही हैं बॉलीवुड एक्ट्रेस !
बॉलीवुड की अभिनेत्रियों के बीच खाकी पहनने की होड़ लग गई है इस समय, कम से कम चार ऎसी फ़िल्में हैं, जिनमे नायिका ने खाकी वर्दी पहनी है .निर्देशक प्रकाश झा, १२ साल बाद, अपनी २००३ में रिलीज़ हिट फिल्म 'गंगाजल' का सीक्वल 'गंगाजल २' बना रहे हैं। परन्तु, इस फिल्म में उन्होंने गंगाजल को हिट बनाने वाले और अपने अब तक के पसंदीदा एक्टर अजय देवगन को नहीं लिया है . अब यह एक महिला कॉप की फिल्म बन गई है . फिल्म में, अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा एक एसपी की भूमिका कर रही हैं, जो भ्रष्ट राजनेताओं से टकरा जाती है . निर्देशक एआर मुरुगदोस सोनाक्षी सिन्हा को मुख्य भूमिका में लेकर एक खालिस एक्शन फिल्म 'अकीरा' बनाने जा रहे हैं . लेकिन, इस फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा अकीरा के रोल में खाकी पहने नज़र नहीं आयेंगी . फिल्म में पुलिस अधिकारी का किरदार सोनाक्षी सिन्हा नहीं, बल्कि एक थी डायन की डायना कोंकना सेनशर्मा कर रही हैं . पहले, मुरुगदोस इस भूमिका के लिए तब्बू को लेना चाहते थे . लेकिन, तब्बू ने
'अकीरा' की कॉप बनने से इनकार कर दिया, क्योंकि, अकीरा का उनका किरदार निशिकांत कामथ की फिल्म 'दृश्यम' के किरदार जैसा था . कभी, अजय देवगन के साथ फिल्म विजयपथ में रोमांस लड़ाने वाली तब्बू 'दृश्यम' में एक ऐसी ईमानदार पुलिस अधिकारी का किरदार कर रही हैं, जो अजय देवगन पर लगे बच्चे के अपहरण के आरोप की गहराई से जांच करती . सिल्वर स्क्रीन पर चौथी कॉप बन रही है संदीपा धर . संदीपा धर ने इसी लाइफ में जैसी सुपर फ्लॉप फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी . अब वह फिल्म '७ आवरस टू गो' में एक पुलिस अधिकारी का किरदार कर रही हैं . इस रोल में संदीपा को जैकी चैन जैसे एक्शन करती नज़र आयेंगी .
लेकिन, प्रियंका चोपड़ा से संदीपा धर तक, बॉलीवुड एक्ट्रेस कोई कीर्तिमान स्थापित करने नहीं जा रही हैं . वर्दी पहनने का चस्का तो बॉलीवुड की अभिनेत्रियों को लगता ही रहता है . जब जब हिंदी फिल्म की नायिका पर एक्शन का बुखार चढ़ा है, उसने वर्दी पहनी है . अब हेमा मालिनीं को ही लीजिये . वह बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल के रूप में आज भी मशहूर हैं . परन्तु, अस्सी के दशक में उन्हें अपनी इमेज बदलने का शौक चर्राया . उन दिनों निर्देशक टी रामाराव, अमिताभ बच्चन की एक्सटेंडेड कैमिया वाली रजनीकांत की हिंदी डेब्यू फिल्म 'अंधा कानून' का निर्माण कर रहे थे। इस फिल्म में रजनीकांत की पुलिस बहन का किरदार था। हेमा मालिनी ने इमेज बदलने के लिए फिल्म में रजनीकांत की बहन बनाना मंज़ूर कर लिया। इसके बाद, बॉलीवुड की सभी अभिनेत्रियों में खाकी पहनने का बुखार चढ़ गया। रेखा, श्रीदेवी, और डिंपल कपाड़िया ने वर्दी पहन डाली।
यह वह समय था, जब अमिताभ बच्चन और एंग्री यंगमैन का बुखार हिंदी फिल्म दर्शकों पर चढा हुआ था। ऐसे समय में अमिताभ बच्चन की तर्ज़ पर क्रोधित होने और वर्दी पहनने का चस्का बॉलीवुड एक्ट्रेस को लगना स्वाभाविक था। यही कारण था कि हिंदी फिल्म अभिनेत्रियों के लिए जितनी भी कॉप फ़िल्में लिखी गईं, वह सबकी सब बदले की भावना से भरी हुई है। इसका अपवाद के सी बोकाडिया की फिल्म जवाब हम देंगे थी, जिसमें श्रीदेवी ने एक पुलिस इंस्पेक्टर ज्योति का किरदार किया था, जो अपने पति के विरुद्ध एक निर्दोष को फांसी पर जाने से बचाती है। अँधा कानून में हेमा मालिनी का इंस्पेक्टर दुर्गा देवी सिंह का किरदार अपने परिवार को ख़त्म कर देने वाले दो लोगों से बदला लेने के लिए वर्दी पहनती है। ज़ख़्मी औरत (१९८८) में तो डिंपल कपाड़िया अपने बलात्कारियों को सज़ा देने के लिए अपनी पुलिस वर्दी उतार फेंकती है। फिल्म फूल बने अंगारे (१९९१) में रेखा अपने पुलिस अफसर पति की हत्या का बदला लेने के लिए पुलिस की नौकरी करती है।
यह कहना बहुत मुश्किल है कि किस अभिनेत्री ने सिल्वर स्क्रीन पर कॉप किरदार नहीं किया। बिपाशा बासु जैसी सेक्स बम तक दो फिल्मों गुनाह और धूम २ में वर्दी पहन कर पिस्तौल तान चुकी है। दृश्यम में कॉप किरदार कर रही फिल्म अभिनेत्री तब्बू ने १९९९ में एक पुलिस अधिकारी का किरदार किया था, जो एक सैन्य अधिकारी से प्रेम करती है। माधुरी दीक्षित ने सुभाष घई की फिल्म खलनायक में कॉप की भूमिका में भी चोली के पीछे क्या है जैसा सेक्सी गीत नृत्य किया। प्रियंका चोपड़ा डॉन २ और गुंडे में कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी का किरदार कर रही थी। प्रियंका डॉन २ के पुलिस किरदार में ख़ास ज़मी। कॅश और दस में शिल्पा शेट्टी ने कॉप किरदार किये थे। फिल्म संघर्ष में प्रीटी जिंटा सीबीआई ट्रेनी बनी थी। हुमा कुरैशी ने 'डी-डे' में रॉ एजेंट का किरदार किया था। फिल्म समय में सुष्मिता सेन एक कठिन हत्या के मामले को सुलझा सकने वाली पुलिस अधिकारी बनी थी ।
हिंदी फिल्मों की अभिनेत्रियों की चाहत होती है सशक्त किरदार, जिससे उन्हें मज़बूत किरदार मिले, उनकी चर्चा हो। यही कारण है कि अमिताभ बच्चन के ज़ंजीर के पुलिस किरदार के बाद अभिनेत्रियों में वर्दी पहनने का उतना ज़ज़्बा पैदा नहीं हुआ था, जो हेमा मालिनी के 'अँधा कानून' में वर्दी पहनने के बाद पैदा हुआ। इस रोल ने हेमा मालिनी की अलग तरह से चर्चा हुई। कुछ इसी प्रकार से, जब रानी मुख़र्जी ने अपनी वापसी फिल्म मर्दानी में वर्दी पहनी तो उनकी रफ़ टफ भूमिका को काफी पसंद किया गया। यही कारण है दो बार पहले भी वर्दी पहन चुकी प्रियंका चोपड़ा ने गंगाजल २ में वर्दी पहनने से गुरेज़ नहीं किया। लेकिन, इसमे भी कोई शक नहीं कि गंगाजल २ में प्रियंका चोपड़ा, दृश्यम में तब्बू और अकीरा में कोंकणा सेनशर्मा के पुलिस किरदार काफी सशक्त हैं।
राजेंद्र कांडपाल
'अकीरा' की कॉप बनने से इनकार कर दिया, क्योंकि, अकीरा का उनका किरदार निशिकांत कामथ की फिल्म 'दृश्यम' के किरदार जैसा था . कभी, अजय देवगन के साथ फिल्म विजयपथ में रोमांस लड़ाने वाली तब्बू 'दृश्यम' में एक ऐसी ईमानदार पुलिस अधिकारी का किरदार कर रही हैं, जो अजय देवगन पर लगे बच्चे के अपहरण के आरोप की गहराई से जांच करती . सिल्वर स्क्रीन पर चौथी कॉप बन रही है संदीपा धर . संदीपा धर ने इसी लाइफ में जैसी सुपर फ्लॉप फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी . अब वह फिल्म '७ आवरस टू गो' में एक पुलिस अधिकारी का किरदार कर रही हैं . इस रोल में संदीपा को जैकी चैन जैसे एक्शन करती नज़र आयेंगी .
लेकिन, प्रियंका चोपड़ा से संदीपा धर तक, बॉलीवुड एक्ट्रेस कोई कीर्तिमान स्थापित करने नहीं जा रही हैं . वर्दी पहनने का चस्का तो बॉलीवुड की अभिनेत्रियों को लगता ही रहता है . जब जब हिंदी फिल्म की नायिका पर एक्शन का बुखार चढ़ा है, उसने वर्दी पहनी है . अब हेमा मालिनीं को ही लीजिये . वह बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल के रूप में आज भी मशहूर हैं . परन्तु, अस्सी के दशक में उन्हें अपनी इमेज बदलने का शौक चर्राया . उन दिनों निर्देशक टी रामाराव, अमिताभ बच्चन की एक्सटेंडेड कैमिया वाली रजनीकांत की हिंदी डेब्यू फिल्म 'अंधा कानून' का निर्माण कर रहे थे। इस फिल्म में रजनीकांत की पुलिस बहन का किरदार था। हेमा मालिनी ने इमेज बदलने के लिए फिल्म में रजनीकांत की बहन बनाना मंज़ूर कर लिया। इसके बाद, बॉलीवुड की सभी अभिनेत्रियों में खाकी पहनने का बुखार चढ़ गया। रेखा, श्रीदेवी, और डिंपल कपाड़िया ने वर्दी पहन डाली।
यह वह समय था, जब अमिताभ बच्चन और एंग्री यंगमैन का बुखार हिंदी फिल्म दर्शकों पर चढा हुआ था। ऐसे समय में अमिताभ बच्चन की तर्ज़ पर क्रोधित होने और वर्दी पहनने का चस्का बॉलीवुड एक्ट्रेस को लगना स्वाभाविक था। यही कारण था कि हिंदी फिल्म अभिनेत्रियों के लिए जितनी भी कॉप फ़िल्में लिखी गईं, वह सबकी सब बदले की भावना से भरी हुई है। इसका अपवाद के सी बोकाडिया की फिल्म जवाब हम देंगे थी, जिसमें श्रीदेवी ने एक पुलिस इंस्पेक्टर ज्योति का किरदार किया था, जो अपने पति के विरुद्ध एक निर्दोष को फांसी पर जाने से बचाती है। अँधा कानून में हेमा मालिनी का इंस्पेक्टर दुर्गा देवी सिंह का किरदार अपने परिवार को ख़त्म कर देने वाले दो लोगों से बदला लेने के लिए वर्दी पहनती है। ज़ख़्मी औरत (१९८८) में तो डिंपल कपाड़िया अपने बलात्कारियों को सज़ा देने के लिए अपनी पुलिस वर्दी उतार फेंकती है। फिल्म फूल बने अंगारे (१९९१) में रेखा अपने पुलिस अफसर पति की हत्या का बदला लेने के लिए पुलिस की नौकरी करती है।
यह कहना बहुत मुश्किल है कि किस अभिनेत्री ने सिल्वर स्क्रीन पर कॉप किरदार नहीं किया। बिपाशा बासु जैसी सेक्स बम तक दो फिल्मों गुनाह और धूम २ में वर्दी पहन कर पिस्तौल तान चुकी है। दृश्यम में कॉप किरदार कर रही फिल्म अभिनेत्री तब्बू ने १९९९ में एक पुलिस अधिकारी का किरदार किया था, जो एक सैन्य अधिकारी से प्रेम करती है। माधुरी दीक्षित ने सुभाष घई की फिल्म खलनायक में कॉप की भूमिका में भी चोली के पीछे क्या है जैसा सेक्सी गीत नृत्य किया। प्रियंका चोपड़ा डॉन २ और गुंडे में कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी का किरदार कर रही थी। प्रियंका डॉन २ के पुलिस किरदार में ख़ास ज़मी। कॅश और दस में शिल्पा शेट्टी ने कॉप किरदार किये थे। फिल्म संघर्ष में प्रीटी जिंटा सीबीआई ट्रेनी बनी थी। हुमा कुरैशी ने 'डी-डे' में रॉ एजेंट का किरदार किया था। फिल्म समय में सुष्मिता सेन एक कठिन हत्या के मामले को सुलझा सकने वाली पुलिस अधिकारी बनी थी ।
हिंदी फिल्मों की अभिनेत्रियों की चाहत होती है सशक्त किरदार, जिससे उन्हें मज़बूत किरदार मिले, उनकी चर्चा हो। यही कारण है कि अमिताभ बच्चन के ज़ंजीर के पुलिस किरदार के बाद अभिनेत्रियों में वर्दी पहनने का उतना ज़ज़्बा पैदा नहीं हुआ था, जो हेमा मालिनी के 'अँधा कानून' में वर्दी पहनने के बाद पैदा हुआ। इस रोल ने हेमा मालिनी की अलग तरह से चर्चा हुई। कुछ इसी प्रकार से, जब रानी मुख़र्जी ने अपनी वापसी फिल्म मर्दानी में वर्दी पहनी तो उनकी रफ़ टफ भूमिका को काफी पसंद किया गया। यही कारण है दो बार पहले भी वर्दी पहन चुकी प्रियंका चोपड़ा ने गंगाजल २ में वर्दी पहनने से गुरेज़ नहीं किया। लेकिन, इसमे भी कोई शक नहीं कि गंगाजल २ में प्रियंका चोपड़ा, दृश्यम में तब्बू और अकीरा में कोंकणा सेनशर्मा के पुलिस किरदार काफी सशक्त हैं।
राजेंद्र कांडपाल
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