Tuesday 27 October 2015

सुपर हीरो है टाइगर श्रॉफ का 'फ्लाइंग जट्ट'

अपनी पहली ही फिल्म 'हीरोपंती' में हीरोगिरी दिखाने के बाद टाइगर श्रॉफ अब 'फ्लाइंग जट्ट' बनने को तैयार हैं।  रेमो डिसूज़ा निर्देशित इस फिल्म का हीरो यानि फ्लाइंग जट्ट कोई आम पंजाबी लड़का नहीं, बल्कि पंजाबी सुपर हीरो है।  यह भारत ही नहीं दुनिया का सबसे नौजवान सुपर हीरो है।  इस भूमिका को लेकर टाइगर श्रॉफ बेहद उत्साहित है।  टाइगर ने फिल्म के लिए ज़बरदस्त ट्रेनिंग शुरू कर दी है।  क्योंकि, यह रोल टाइगर के लिए लाइफ टाइम रोल साबित हो सकता है । टाइगर श्रॉफ  फ्लाइंग जट्ट में अब तक के सबसे कठिन एक्शन सीन करते हुए नजर आयेंगे। इन दृश्यों के लिए जूनियर श्रॉफ ने बारह बारह घंटो तक लगातार शूटिंग की है।  इस शूट  से पहले भी वह पांच पांच घंटा प्रैक्टिस किया करते थे। फिल्म का प्रोडक्शन हाउस भी अपने सुपर मैन का ख़ास ध्यान रख रहा है।  बैटमैन, स्पाइडरमैन और सुपरमैन फ़िल्में गवाह हैं कि  इन फिल्मों के सुपर हीरो किरदारों की पोशाक ही उनकी पहचान बनी। इन सभी हॉलीवुड सुपर हीरो की ख़ास पोशाकें हैं। इसी लिए फिल्म 'फ्लाइंग जट्ट' के प्रोडूसर और डायरेक्टर रेमो डिसूजा ने सुपर हीरो की पोशाक पर काफी ध्यान दिया। उनका इरादा फ्लाइंग जट को ऎसी पोशाक पहनाना था, जो हॉलीवुड के किसी सुपर हीरो ने न पहनी हो। पहले इस पोशाक के लिए हिन्दुस्तानी ड्रेस डिज़ाइनर को आजमाया गया। बात न बन पाने पर हॉलीवुड स्टूडियो से देसी सुपर हीरो के लिए पोशाक बनवाने के लिए संपर्क किया। कोई ११ पोशाकों को देखने के बाद एक पोशाक, जो सबसे भिन्न और देसी पंजाबी सुपर हीरो को अलग लुक देने वाली थी, पसंद की गई। इस पोशाक की कीमत १० लाख रुपये है। आजकल इस पोशाक को सबकी नज़रों से दूर एक गार्ड की तैनाती कर रखवाली करवाई जा रही। निर्माताओं को यह भय उतना नहीं है कि इस पोशाक को कोई चुरा न ले, बल्कि चिंता इस बात की है कि कोई इस पोशाक की नक़ल न कर ले। बॉलीवुड भी तो जग्गा जासूस जैसी दूसरी सुपर हीरो फ़िल्में बनाने में जुटा हुआ है। 
 

Sunday 25 October 2015

चार्ल्स शोभराज सेलेब्रिटी क्राइम वाला अपराधी था- रणदीप हूडा

रफ्ता रफ्ता ही सही एक्टर रणदीप हूडा का करियर चलता चला जा रहा है।  कॉकटेल, जिस्म २, किक, हाईवे और रंग रसिया जैसी फिल्में इसे रफ़्तार देती हैं। अब वह लम्बे समय बाद कॉनमैन के रूप में मुख्य भूमिका कर रहे हैं।  वह सोच समझ कर चुनिंदा फ़िल्में करने के शौक़ीन हैं। 'मैं और चार्ल्स' में वह चार्ल्स शोभराज का कॉन किरदार कर रहे हैं। व्यस्ततता के कारण शादी नहीं की, लेकिन घोड़े पालने का शौक है।  पेश है इसी शुक्रवार रिलीज़ होने जा रही फिल्म 'मैं और चार्ल्स' को लेकर उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश - 
क्या 'मैं और चार्ल्स' चार्ल्स शोभराज की बायोपिक है ?
- यह बायोपिक नहीं है। १९८६ में दिल्ली में तिहाड़ जेल से एक आदमी १७५ लोगों को धराशायी कर उनके ऊपर से चाबी लेकर फरार हो गया था। वह कैसे भागा, क्यों भागा, हमने इसी को दिखाया है। इसमें उसका पूरा जीवन नहीं दिखेगा। इसमें केवल उसके २०-२५ साल के जीवन को दिखाया गया है। उसके जेल से भागने, पकड़े जाने और कोर्ट में पेशी के दौरान की कहानी है। काफी अध्ययन करके वास्तविकता निकालने की कोशिश की गई है।
ऐसा व्यक्ति जो पर्यटकों की हत्या करता है। क्या वह नफ़रत के लायक नहीं है ?
-अगर इस तरह से सोचें तो वो नफरत के लायक हैं। फिल्म में भी हम उसके जुर्म को कोई अच्छा नहीं बताने जा रहे हैं। लेकिन गौर करने की बात है कि उस पर जो भी हत्या और फ्राड के आरोप लगे, वो पूरी तरह से साबित नहीं हो पाये। उसके पास किसी भी देश का पासपोर्ट नहीं था। हिंदुस्तान के सामने उसको लेकर एक समस्या यह भी थी कि उसे जेल से निकालने के बाद किस देश को सौंपा जाएगा। इस लिए उसे जेल में ही रखा गया हो सकता है। नेपाल में भी एक पुराने प्लास्टिक के पैकेट और एक बुढ़े पुलिस अधिकारी के साक्ष्य पर ज्यादा छानबीन किये बिना उसे दोषी ठहरा दिया गया।
आपने शोभराज के किरदार को जी लिया है। आपके ख्याल से क्या उपेक्षा की कसक और महत्वपूर्ण होने के लोभ का परिणाम है शोभराज ?
- हां हम कह सकते हैं। उसके दिल में इन दोनों बातों को लेकर कसक थी। वो गरीबी में बहुत रहा। उसे यूरोपियनों से चिढ़ थी। शोभराज बहुत ही मार्केटिंग वाला आदमी है। वो जो भी काम करता था, उसे ग्लोरीफाई करके करता था। वह न्यूज में बने रहने का आदी रहा। उसे हम सेलीब्रिटी क्राइम वाला व्यक्ति कह सकते हैं। वो अपने बारे में छपी खबरों को पढ़कर सुकून महसूस करता था।
क्या आपको उससे  हमदर्दी ?
-जी मैंने ये किरदार किया है और अगर मुझमें उसके प्रति हमदर्दी नहीं होगी, तो मैं करुंगा कैसे। फिर मैं उससे जुड़ूंगा नहीं तो अपने रोल के प्रति न्याय कैसे कर पाउंगा।
तो क्या आप चाहते हैं कि उसे माफ कर दिया जाए ?
-देखिये अभी वो ७०-७५ साल का है। उस उम्र में बाहर ही जीने के लिए कितनी देखभाल की जरूरत होती है, तो जेल में वो उम्र काटना तो बेहद ही कष्टदायी है। ३०-३५ साल से वो जेल में है। १४ साल की उम्र कैद होती है। ऐसे में मैं सोचता हूं कि उसकी सजा अब माफ कर देनी चाहिए।
अब आपके कंधे पर फिल्म की जिम्मेदारी की अपेक्षा की जा रही है ?
-कंधे की जिम्मेदारी निर्माता-निर्देशक की होती है।  एक कलाकार के तौर पर मैं हमेशा शिद्दत से काम करता रहा हूं। अगर मुझको लेकर जिम्मेदारी महसूस की जा रही है, तो मैं इससे बहुत खुश हूं। इससे मैं भागने वाला भी नहीं हूँ। अब मुझे ऐसी फिल्में भी मिल रही हैं । आप बड़े नाम के साथ काम करते हैं तो एक स्टार के तौर पर जीत होती है।
पीछे मुड़कर देखते हैं तो ऐसा कुछ दिखता है , जिसे करने से आपकी जर्नी कुछ शॉर्टकट होती ?
-मुझे शुरू से ही अपने कंधे पर बंदूक रखकर चलाने की ज्यादा जरूरत नहीं थी। अगर मैं दूसरों की पीठ पर बैठकर उनके कंधे से बंदूक चलाया होता, तो थोड़ा जल्दी आगे आ जाता । पर ये जो संघर्ष है। मानसून वेडिंग जो बाहर की फिल्म थी, के बाद ४-५ साल कोई काम नहीं मिला। २००५ में सफर शुरू हुआ और अब तक १०सालों में बहुत मेहनत, लगन, भड़ास और निराशा को अपने अंदर दबाकर हर रोज जूझता रहा हूं। अगर ये सब नहीं हुआ होता, तो शायद आज मैं ऐसा नहीं बन पाता । अब कुछ बदलाव आया है। पहले ज्यादा मुंहफट, गुस्सैल और बेवकूफ भी था। लेकिन अब थोड़ा संजीदा हो गया हूं।
कोई फिल्म साइन करने से पहले क्या देखते हैं ?
-सबसे पहले ये देखता हूं कि क्या ये लोग इस काम के स्टार्ट होने के बाद अगले ६ महीने तक झेल पाएंगे। इनके साथ काम करके मेरी कला, मेरी पहचान किस तरफ जाएगी। फिर अपने सहायक से सलाह करके निर्णय लेता हूं। मैं ये नहीं कहूंगा कि मैं ज्यादा चूजी हूं। क्योंकि जैसा काम करता हूं, वैसी फिल्में कम बनती हैं। इसलिए जो  काम मेरे पास आते हैं, उसी में से अपनी पसंद के आस-पास वाला काम कर लेता हूं।
आपके प्रशंसक आपको गंभीर कलाकार मानते हैं। क्या आप इस दबाव में ऐसा ही करते रहने वाले हैं या रिस्क भी उठानां है ?
-अब तक निभाये मेरे किरदार को अगर आप देखें तो वे कहीं ना कहीं रिस्क लेने वाले ही हैं। और मुझे लगता है, जो मेरे प्रशंसक हैं, उन्हें वही रिस्क अच्छा लगता है। मैं अपना काम अपने प्रशंसकों की सोच को आगे रखकर नहीं करने वाला हूं। कहीं मेरी अपनी सोच है, जिंदगी है, जिसे मैं हर हाल में बरकरार रखने वाला हूं। क्योंकि अगर यही टूट गया, तो मुझमे बचेगा क्या। आप मेरी फिल्मों को देख लीजिए, आप मुझे किसी एक जोनर में नहीं रख पाएंगे।
सफलता के बावजूद कुवाँरेपन का कारण क्या है ?
-मेरी शादी मेरे काम से हो गयी है। मैं अपने काम में इतना बिजी रहता हूं कि दूसरी तरफ ध्यान ही नहीं जाता कि निजी जिंदगी में क्या है, किसकी कमी है। यह बात दूसरे लोगों के लिए भले ही फ्रस्टेशन की हो, लेकिन मैं नहीं चाहता कि कोई आए और मैं अपना पागलपन उस पर थोप कर उसकी जिंदगी को मायूस कर दूं। इससे ये मत सोचिये की मेरी लाइफ नीरस है। मैं बहुतों से मिलता हूं, घुड़सवारी करता हूं। मेरी पोलो की टीम है, जिसे चलाता हूं। कभी छुट्टी पर नहीं गया हूं । हमेशा काम में ही उलझा रहता हूं। मेरी यही रुचि है, मुझे इसी में मजा आता है।
कमर्शियल और आर्ट की दीवार टूट रही है।  क्या सहयोगी बन रहा है ?

-दुनिया बदल रही है। आज इंटरनेट घर-घर पहुंच रहा है। दूसरे देशों और भाषाओं की फिल्में डब होके घर-घर में देखी जा रही हैं। इससे  लोगों का नये विषयों से जुड़ाव हो रहा है। एक ही ढर्रे की फिल्मों से नया कुछ टेस्ट मिल रहा है। मेरे जैसे कलाकार कमर्शियल और आर्ट के बीच की खाई को पाटने में ब्रिज बन रहे हैं। मैं चाहता हूं कि इस दीवार को तोडऩे में मेरा काम सहयोगी बने।  

Saturday 24 October 2015

मुझे 'बांड गर्ल' मत कहिये - मोनिका बेल्लुच्चि

सैम मेंडिस की बांड फिल्म 'स्पेक्ट्र' में डेनियल क्रैग के साथ लुसिआ स्शर्रा का किरदार कर रही मोनिका बेल्लुच्चि  को खुद को बांड गर्ल कहलाना पसंद नहीं। मैट्रिक्स सीरीज की फिल्मों 'रीलोडेड' और 'रेवोलुशन्स' की इतालवी नायिका मोनिका ५१ साल की हैं। उन्हें उस समय आश्चर्य हुआ था, जब उन्हें स्पेक्ट्र के लिए संपर्क किया गया। क्योंकि, बांड फिल्मों में जवान अभिनेत्रियों की दरकार होती है, जो अपनी सेक्स अपील से दर्शकों को लुभाएं। इसमे कोई शक नहीं कि वह जेम्स बांड सीरीज की लम्बी श्रंखला की फिल्मों की सबसे उम्रदराज एक्ट्रेस हैं। वह कहती है, "मैं 'जेम्स बांड वुमन' हूँ।  मैं सही मायनों में महिला हूँ, न कि बांड गर्ल । इसीलिए, मैं जब भी स्पेक्ट्र के लिए अपना परिचय देती हूँ तो 'जेम्स बांड लेडी' या 'जेम्स बांड वुमन' ही कहती हूँ।" मोनिका ऐसे समय में बांड सीरीज की फिल्म में काम कर रही हैं तो यह पुरानी अभिनेत्रियों की समस्या के लिहाज़ से बढ़िया होगा। वह  कहती हैं, "मैं फ्रांस में रहती हूँ।  देखती रहती हूँ पुराने ज़माने की नताली बाये, कैथरीन डेनेउव, इसाबेल्ले हूप्पेर्ट, क्रिस्टीन स्कोत्त थॉमस, शेर्लोट राम्पलिंग को। इनका शानदार करियर रहा है।  लेकिन, आज क्या है ?" अगले महीने २० नवंबर को रिलीज़ होने जा रही फिल्म 'स्पेक्ट्र' में मोनिका राजनेताओं के उस हत्यारे की पत्नी का किरदार निभा रही हैं, जिसे बांड ने मार डाला है। 

कैट हडसन को लगे बिल मूरे बहुत सेक्सी

'द ऑलमोस्ट फेमस' और 'हाउ टू लूज़ अ गाए इन टैन डेज़' जैसी फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री कैट हडसन एक बार फिर अभिनेता बिल मूरे के साथ अपनी आने वाली फ़िल्म 'रॉक द कासबह' से दर्शकों के दिलों को जीतने के लिए तैयार हैं।फ़िल्म में मूरे एक जुनूनी म्यूजिक मैनेजर की भूमिका में है, जो अनजान सीमा क्षेत्रों में घूमता हुआ जादुई आवाज़ वाली एक टैलेंन्टेड लड़की को खोज निकालता है। इस फ़िल्म का निर्देशन ऑस्कर विजेता निर्देशक बैरी लेविंसन (फ़िल्म रेन मैन) ने किया है। वह बेहद दमदार कास्ट (केट हडसन और बिल मुरे) के साथ इस दिलचस्प कहानी को दर्शकों के सामने परोसने जा रहे है । हाल ही के एक इंटरव्यू में कैट ने बिल मूरे के साथ काम करते हुए, अपने अनुभवों और फ़िल्म में आपसी ट्यूनिंग पर बातचीत की । कैट हडसन ने बताया, " मुझे बिल मूरे को किस करना बहुत पसंद था । वह अभी भी बहुत सेक्सी है और हमारे सम्बन्ध काफी अच्छे हैं ।फ़िल्म की पृष्ठभूमि युद्ध में लिप्त अफगानिस्तान की है। पर इसे मोरैको में फिल्माया गया है । यह मेरे जीवन का एक बेहद मज़ेदार अनुभव रहा।  मोरैको अपने आप में एक बेहद मस्त जगह है ।वहां कुछ ऐसे स्थान है जो मुझे हमेशा ही अपनी तरफ खींचते हैं ।" फ़िल्म 'रॉक द कासबह' पीवीआर पिक्चर्स द्वारा 22 अक्टूबर को भारत में रिलीज़ की जा रही है।



फिल्म 'तंत्र शक्ति' में पचास भूतों से लड़ेगी राय लक्ष्मी !

दिसम्बर में रिलीज़ होने जा रही श्रीकांत और लक्ष्मी राय की तमिल हॉरर-कॉमेडी फिल्म 'सोव्कारपेत्तई' वास्तव में दो और भाषाओँ तेलुगु और हिंदी में भी रिलीज़ की जायेगी।  तेलुगु में इसे 'शिव गंगा' और हिंदी में 'तंत्र शक्ति' टाइटल से रिलीज़ किया जायेगा। इस फिल्म में तमिल फिल्मों की सेक्सी नायिका राय लक्ष्मी मुख्य भूमिका कर रही हैं।  यह उनकी तीसरी हॉरर फिल्म है।  इससे पहले वह 'कंचना' और 'अरनमनाई'  जैसी हॉरर फिल्मों में अभिनय कर चुकी हैं। यह वही राय लक्ष्मी है, जो सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म 'अकिरा' और दीपक शिवदासानी की फिल्म 'जूली २' में मुख्य भूमिका निभा रही हैं। श्रीकांत की यह पहली हॉरर फिल्म है।   श्रीकांत तमिल फिल्मों के रोमांटिक हीरो रहे हैं।  समय के साथ उनका रोमांटिक हीरो धुंधला पड़ गया।  अब श्रीकांत सशक्त भूमिकाओं के ज़रिये अपनी वापसी करना चाहते हैं।  इस फिल्म में श्रीकांत अपने करियर की पहली दोहरी भूमिका कर रहे हैं।  फिल्म की एक भूमिका में वह अघोरी का किरदार कर रहे हैं।  सोव्कारपेत्तई में पहली बार श्रीकांत और राय लक्ष्मी की जोड़ी बनाई गई है।  इस फिल्म की खासियत है क्लाइमेक्स।  इस क्लाइमेक्स में श्रीकांत और राय लक्ष्मी के किरदार श्मशान में पचास भूतों से लड़ाई करते दिखाए गये हैं। सूत्र बताते हैं कि तमिल फिल्मों में कभी इतने बड़े पैमाने पर ऐसे दृश्य नहीं फिल्माए गए। फिल्म में दर्शकों को तमिल- तेलुगु फिल्मों की सेक्सी नायिका का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री राय लक्ष्मी बड़े डरावने चहरे के साथ नज़र आयेंगी। फिल्म का निर्देशन वादिवुदियान कर रहे हैं।




Friday 23 October 2015

क्या हिंदी फिल्मों में पैर जमा पायेगा दक्षिण का यह 'बाहुबली' स्टार !

तेलुगु फिल्मों के एक्टर प्रभास के जन्मदिन पर उनका ज़िक्र इसलिए कि हिंदी बेल्ट के दर्शकों से उनका परिचय एस एस राजामौली की फिल्म 'बाहुबली: द बेगिनिंग' के बाहुबली शिवुडु की भूमिका से हो चुका है।  इससे पहले प्रभास ने प्रभुदेवा की अजय देवगन अभिनीत फिल्म 'एक्शन जैक्सन' में कैमिया किया था।  प्रभास दक्षिण के ऐसे सितारे साबित हुए हैं, जिन्होंने शिवाजी गणेशन और जैमिनी गणेशन से लेकर कमल हासन और रजनीकांत की फिल्मों की असफलता के इतिहास को धोने की कोशिश की है।  प्रभास की फिल्म 'बाहुबली' के डब संस्करण ने रजनीकांत की फिल्म 'रोबोट' के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन से छह गुना ज़्यादा कलेक्शन किया।  इसीलिए, यह सवाल पूछा जा रहा है कि क्या २३ अक्टूबर १९७९ को जन्मे प्रभास बॉलीवुड में दक्षिण के सितारों की असफलता के दाग को धो पाएंगे ? क्या वह हिंदी फिल्मों में सफल साबित होंगे ? अगर बाहुबली की सफलता को देखें और इस फिल्म के आखिरी दृश्य ने हिंदी दर्शकों में बाहुबली की दूसरी कड़ी के लिए जैसी उत्सुकता पैदा की है, उसे देखते हुए सोचा जाना स्वाभाविक है कि बाहुबली की सीक्वल फिल्म 'बाहुबली द कनक्लुजन' जब रिलीज़ होगी तो पिछले सारे रिकॉर्ड भंग कर देगी। इसमे कोई शक नहीं कि बाहुबली का क्रेज बन चूका है।  इसकी आखिरी क़िस्त का बड़ी हिट होना सुनिश्चित है।  लेकिन, इससे प्रभास की हिंदी फिल्मों में सफलता का निष्कर्ष निकालना ज़ल्दबाज़ी होगी।  प्रभास का दक्षिण की फिल्मों में करियर ख़त्म हो चूका था।  बाहुबली से तो उन्होंने बाउंस बैक किया है।  वह इस समय ३२ साल के है। बाहुबली की सफलता बॉलीवुड के बैनर धर्मा प्रोडक्शंस की देन भी है।  लेकिन, करण जौहर प्रभास को लेकर कोई बड़ी फिल्म बनाना चाहेंगे, यह खतरा मोल लेने वाला विचार ही है।  खुद राजामौली भी जब बाहुबली को हिंदी में बनाना चाहते थे तो उन्होंने ह्रितिक रोशन और जॉन अब्राहम से पहला और आखिरी संपर्क किया था।  जहाँ तक बॉलीवुड के फिल्मकारों की बात है तो वह खान अभिनेताओं के अलावा अक्षय कुमार, अजय देवगन, हृतिक रोशन, आदि को लेकर कोई फिल्म बनाएगा।  तमाम साउथ हिट फिल्मों के रीमेक बॉलीवुड के बड़े सितारों के साथ ही तो बनाये जा रहे हों।  फिर भी, प्रभास के चहरे में उत्तर के चेहरों वाली बात है।  उनकी हिंदी बेहद कमज़ोर है।  उसे इसे अच्छी तरह मांजना होगा। तभी वह बॉलीवुड के बॉक्स ऑफिस पर पकड़ रखने वाले सितारों के सामने अपना प्रभाव  जमा पाएंगे।


हिंदी फिल्मों में बैंड बाजा बारात ! शादी से पहले शादी के बाद !!

सिनेमेटोग्राफर बिनोद प्रधान की डेब्यू फिल्म 'द वेडिंग पुलाव' की थीम में शादी है।  लेकिन, दिगंत और अनुष्का की यह कहानी न तो शादी से पहले की है, न शादी के बाद की है।  बल्कि, यह फिल्म शादी के दौरान की है। अनुष्का और दिगंत साथ काम करते हैं, अच्छे दोस्त है।  अनजाने में एक दूसरे को चाहने लगते हैं, लेकिन इसका एहसास नहीं।  एक दिन अनुष्का को दिगंत की शादी का इनविटेशन मिलता है।  वह उसमे शामिल होने जाती है।  इस शादी के दौरान दोनों को अजीब अनुभव होता है। अनुष्का के साथ उसका बॉयफ्रेंड है।  दिगंत अनुष्का के बॉय फ्रेंड को देख कर जलने लगता है।  अनुष्का को लगता है कि दिगंत की शादी न होने पाये।  ऐसा क्यों ? यही शादी के दौरान का वेडिंग पुलाव है।
शादी के दौरान हुआ प्यार
हिंदी फिल्मों की यही महिमा है।  कभी शादी के पहले,कभी शादी के बाद तो कभी शादी के दौरान भी।  बैंड बाजा बारात के श्रुति (अनुष्का शर्मा) और बिट्टू (रणवीर सिंह) दिल्ली के वेडिंग प्लानर हैं।  दूसरों की शादी कराते हैं।  कई कई दिन लगातार एक दूसरे के साथ दिन रात रहते हैं।  दोनों में प्यार हो जाता है।  अब इन वेडिंग प्लानर की शादी तो होनी ही है न ! कुछ ऐसा ही एहसास यह जवानी है दीवानी के कबीर (रणबीर कपूर) को भी होता है, जब वह अपनी दोस्त अदिति (कल्कि कोएचलिन) की शादी में जाता है। हालाँकि, नैना (दीपिका पादुकोण) उससे बहुत पहले से प्यार करती है।  लेकिन, कबीर को तो दुनिया घूमने का चस्का है।  उसे नैना का प्यार नज़र नहीं आता।  जब दोनों फिर अदिति की शादी में मिलते हैं, तब कबीर को एहसास होता है कि वह अब तक क्या क्या खो चूका था।  शादी के दौरान का एहसास तनु वेड्स मनु में दोनों मुख्य किरदारों को भी होता है।  मनु (आर माधवन)  शादी के लिए तनु (कंगना रनौत) को देखने आता है। लेकिन, तनु तो राजा अवस्थी (जिमी शेरगिल) की दीवानी है।  कॉमन फ्रेंड की शादी में दोनों बार बार मिलते हैं।  तनूजा को एहसास होता है मनु के प्यार का।  इस प्रकार का शादी के दौरान का प्रेम बहुत सी मेरे यार की शादी है, हम आपके हैं कौन, दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे, बिट्टू बॉस जैसी तमाम हिंदी फिल्मों के केंद्र में रहा है।  ब्राइड एंड प्रेज्यूडिस की श्रीमती बक्शी की अपनी चार बेटियों के लिए दूल्हे की तलाश एक शादी में ही पूरी होती है।
शादी के बाद
किसी शादी को निभाना एक बड़ी बात होती है।  पति पत्नी के बीच मतभेद पैदा होते हैं।  कभी सुलझ जाते हैं, कभी टूट कर सुलझते हैं।  हालिया फिल्म 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' में तनु (कंगना रनौत) और मनु (आर माधवन) के संबंधों में खटास आ जाती है।  वह मनु को पागलखाने में छोड़ कर वापस भारत आ जाती है।  मनु तनु की हमशक्ल लड़की से शादी करने लगता है। इसी दौरान दोनों को एहसास हो जाता है कि वह दोनों गलती पर थे।  दो फिल्मों मैं मेरी पत्नी और वह तथा रब ने बना दी जोड़ी में विवाहित जोड़ियों की समस्या बेमेल विवाह की है।  जहाँ रब ने बना दी जोड़ी में सुरिंदर (शाहरुख़ खान) उम्र में तानी (अनुष्का शर्मा) से बड़ा है।  तानी को हमेशा यह एहसास रहता है कि उसकी शादी एक बड़ी उम्र के आदमी से कर दी गई।  सुरिंदर उसे खुश रखना चाहता है।  जबकि तानी उसमे सुपर मैन देखना चाहती है।  वही मैं मेरी पत्नी और वह का मिथिलेश (राजपाल यादव)  छोटे कद है, जबकि वीणा (रितुपर्णा सेनगुप्ता) लम्बे कद की है।  वीणा को पति के छोटे कद से परेशानी नहीं।  लेकिन, मिथिलेश में हीन भावना है। वह लम्बे कद की सुन्दर पत्नी को लेकर सशंकित रहता है।  कुछ समय पहले रिलीज़ फिल्म दम लगा के हईशा में प्रेम (आयुष्मान खुराना)  और संध्या (भूमि पेडणेकर) की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, जिसमे मोटी पत्नी वाले पति को मोटी पत्नी के साथ शर्म आती है।
शादी के बाद शादी से पहले का
कई फिल्मों में शादी के बाद के जीवन में शादी के पहले वाला  आ जाता है।  बीआर चोपड़ा ने ऎसी ही भटकी नारियों के जीवन पर फिल्म बनाई थी गुमराह।  इस फिल्म में कमला (माला सिन्हा) और राजेंद्र (सुनील दत्त)  प्यार करते हैं।  लेकिन कमला की शादी बैरिस्टर अशोक (अशोक कुमार) से हो जाती है।  सब ठीक हो रहा होता है कि एक दिन कमला की विवाहित ज़िन्दगी में राजेंद्र फिर आ जाता है।  वह अपने पुराने प्यार की दुहाई देता है।  कुछ ऐसी ही कहानी धड़कन के अंजलि (शिल्पा शेट्टी), राम (अक्षय कुमार) और देव (सुनील शेट्टी) की भी थी। यश चोपड़ा की फिल्म 'सिलसिला' में अमित (अमिताभ बच्चन) और चांदनी (रेखा) एक दूसरे से प्यार करते हैं।  लेकिन, अमित  की शादी शोभा (जया बच्चन) से और चांदनी की शादी डॉक्टर आनंद (संजीव कुमार) से हो जाती है।  कुछ समय बाद दोनों मिलते हैं।  अमित और चांदनी का पुराना रोमांस सर उठाता है।  दोनों शादियां टूटने की कगार पर आ जाती हैं।
शादी जीतती है
जस्ट मैरिड का अभय (ज़ायद खान) और रीतिका (दिया मिर्ज़ा) नवविवाहित जोड़ा है।  दोनों के बीच मतभेद पैदा होने लगते हैं।  लेकिन, वह उनको सुलझाने की कोशिश करने लगते हैं।  संजयलीला भंसाली की फिल्म 'हम दिल दे चुके सनम' की नंदिनी (ऐश्वर्य राय) समीर (सलमान खान)  से प्रेम करती है।  पिता उसकी शादी ज़बरदस्ती वनराज (अजय देवगन) से करा देता है।  नंदिनी शादी की पहली रात ही वनराज को अपने प्यार के बारे में बता देती है।  वनराज निर्णय लेता है कि वह नंदिनी और समीर को मिलाएगा।  इसी प्रकार से 'नमस्ते लंदन' की ब्रिटेन में रहने वाली जसमीत (कैटरीना कैफ) चार्ली से प्रेम करती है।  पिता जसमीत की शादी गाँव में रहने वाले अर्जुन (अक्षय कुमार) से तय कर देता है।  जसमीत यह शादी नहीं चाहती।  अर्जुन जसमीत के साथ लंदन आ जाता है।  लंदन में जसमीत को अर्जुन की अच्छाइयों का पता चलता है।  इन सभी फिल्मों में तयशुदा शादी जीतती है। लव ब्रेकअप ज़िन्दगी का जय और नैना को जोड़ा और उनके दोस्त यह महसूस करते हैं कि शादी के बाद बहुत कुछ बदल जाता है।  गुलज़ार की फिल्म इजाज़त के महेंद्र (नसीरुद्दीन शाह) और माया (अनुराधा पटेल) प्यार करते हैं।  पर माया शादी नहीं करना चाहती।  महेंद्र की शादी सुधा (रेखा) से हो जाती है।  लेकिन, महेंद्र माया को भूल नहीं पाता।  नतीज़तन, महेंद्र और सुधा की शादी टूट जाती है। बरसों बाद महेंद्र और सुधा एक रेलवे स्टेशन पर मिलते हैं।  दोनों महसूस करते हैं कि उन्होंने ऐसा कुछ है, जो खो दिया है। आदित्य और सुहानी की शादी भी टूटने की कगार पर आ जाती है।  लेकिन, दोनों समझदारी से काम लेते हैं। शादी के साइड इफेक्ट्स में सिड (फरहान अख्तर) और तृषा (विद्या बालन)  की शादी का ज़िम्मेदारी का एहसास होते ही दरकने लगती है।
कुछ विवाह ऐसे भी
विवाह के प्रेम (शाहिद कपूर) और पूनम (अमृता राव) की शादी उस समय खतरे में पड़ जाती है, जब शादी के दिन आग लगाने से पूनम का पूरा शरीर जल जाता है।  इसके बावजूद प्रेम पूनम से शादी करता है। घरौंदा में सुदीप (अमोल पालेकर) और छाया (ज़रीना वहाब) प्यार करते हैं और शादी करना चाहते हैं।  लेकिन, घरौंदा न होने के कारण शादी नहीं कर पा रहे हैं।  इस पर सुदीप छाया से एक बूढ़े मोदी (डॉक्टर श्रीराम लागू) से शादी करने को कहता है, जो बीमार रहता है और जल्द ही मर जायेगा।  लेकिन, शादी के बाद छाया पति के लिए बदलने लगती है। मेरे ब्रदर की दुल्हन में कुश (इमरान खान) अपने भाई लव (अली ज़फर) की दुल्हन डिम्पी (कैटरीना कैफ) को देखने जाता है।  लेकिन, खुद उसके प्यार में पड़ जाता है। घर शादी शुदा जोड़े विकास (विनोद मेहरा) और आरती (रेखा) की कहानी थोड़ी अनोखी थी।  आरती का बलात्कार हो जाता है।  दोनों पति पत्नी इस हादसे से उबरने की कोशिश करते हैं। हम आपके हैं कौन में नायक विजय (अनिल कपूर)  मेघा (काजोल) से कॉन्ट्रैक्ट करके शादी करता है।  लेकिन, कॉन्ट्रैक्ट के दौरान उन्हें पता लगता है कि वह एक दूसरे से प्यार करने लगे हैं।

शादी, शादी के दौरान, शादी के बाद और शादी से पहले के कथानक पर कभी कभी, चलते चलते, कभी अलविदा न कहना, हाउसफूल ३, आदि ढेरों फ़िल्में बनाई गई हैं।  इन फिल्मों में शादी से पहले का प्रेम शादी के बाद के प्रेम से हारता है।  यानि, हिंदी फिल्मों की नारी कभी भी पति और परिवार के विरुद्ध नहीं जा सकती।  आज भी ऐसे कथानक किसी न किसी रूप में हैं, जिनमे शादी जीतती है।