Sunday 22 November 2015

डॉक्टर स्ट्रेंज में मैक अडम्स

मार्वल की, अगले साल नवम्बर में रिलीज़ होने जा रही सुपर हीरो फंतासी फिल्म ‘डॉक्टर स्ट्रेंज’ में डॉक्टर स्ट्रेंज की नायिका रेचल मैकअडम्स होंगी। वैसे अभी यह नहीं कहा जा सकता है कि रेचल डॉक्टर स्ट्रेंज की प्रेमिका क्लेया का किरदार करेंगी या नाईट नर्स लिंडा कार्टर का। हालाँकि, एक वेब साईट का दावा है कि रेचल का किरदार इससे अलग नाईट नर्स क्रिस्टीन पामर का होगा। क्रिस्टीन पामर डॉक्टर स्ट्रेंज की सर्जिकल नर्स है। न्यूरोसर्जन डॉक्टर स्टेफेन स्ट्रेंज का किरदार अभिनेता बेनेडिक्ट कम्बरबैच कर रहे हैं। फिलहाल अब तक जो स्टारकास्ट तय हुई है, उसके अनुसार द अन्सिएन्ट वन का किरदार टिल्डा स्विंटन और विलेन बैरन मोर्डो का किरदार चिवेटेल एजिओफोर करेंगे। फिल्म के बारे में केविन फ़ीज ने बताया है कि यह फिल्म वास्तव में डॉक्टर स्ट्रेंज के ओरिजिन की होगी तथा इसे अलग तरीके से कहा जाएगा। फिल्म की कहानी के अनुसार प्रतिभाशाली मगर अपने करियर के प्रति लापरवाह डॉक्टर का करियर ख़त्म हो चुका होता है। उसे नया जीवन मिलता है एक जादूगर के ज़रिये, जो उसे अपने संरक्षण में लेकर प्रशिक्षित करता है ताकि वह शैतान से दुनिया को बचा सके। इस फिल्म का निर्देशन स्कॉट डेरिक्सन कर रहे हैं। फिल्म की पटकथा जॉन स्पैह्ट्स ने लिखी है। डॉक्टर स्ट्रेंज की शूटिंग अगले साल से शुरू हो जाएगी। लेकिन, फिलहाल निगाहें रेचल को मिलने वाले रोल पर है। 

Friday 20 November 2015

इसीलिए कठिन था जूलिया रॉबर्ट्स के लिए वह दृश्य

हॉलीवुड फिल्मों में जूलिया रॉबर्ट्स के नाम से मशहूर जूलिया फियोना रॉबर्ट्स को सेंसिटिव अभिनेत्री के बतौर याद किया जाता है।  उन्हें फिल्म 'एरिन ब्रोकोविच' के लिए २००० का बेस्ट एक्ट्रेस का ऑस्कर अवार्ड्स मिला था।  वह किसी  किरदार में खो जाने वाली अभिनेत्री मानी जाती  हैं।  इसीलिए उन्हें 'स्टील मैग्नोलियस' और 'प्रिटी वुमन' फिल्म  के लिए ऑस्कर नॉमिनेशन मिला था।  उन्हें इन फिल्मों के लिए गोल्डन ग्लोब अवार्ड्स भी मिला था। उनके लिए कैसा भी कठिन दृश्य बेहद आसान होता है। तब ऐसी अभिनयशील अभिनेत्री के लिए फिल्म 'सीक्रेट इन देयर आईज' का एक दृश्य कठिन कैसे साबित हुआ  ! फिल्म 'सीक्रेट इन देयर आईज' में जूलिया रॉबर्ट्स ऍफ़बीआई की सीक्रेट एजेंट जेस का किरदार कर रही हैं।  इस फिल्म में जेस की किशोर पुत्री की हत्या कर  दी जाती है।  लड़की का मृत शरीर एक कूड़ेदान में पाया जाता है।  इस फिल्म के सिनेमैटोग्राफर जूलिया के पति डैनी मॉडेर हैं। कूड़ेदान में लड़की के मृत शरीर की शूटिंग डैनी ही कर रहे थे।  कहती हैं जूलिया रॉबर्ट्स, "यह आम दृश्यों की तरह नहीं था।  कभी आप ऐसे दृश्य करने में खुद को तैयार नहीं पाते।  मेरे और ख़ास तौर पर डैनी के लिए (जो कूड़ेदान के अंदर से यह सीन शूट कर रहे थे) काफी मुश्किल हो रहा था, क्योंकि मैं पागलों की तरह रो रही थी।" यहाँ बताते चलें कि जूलिया रॉबर्ट्स तीन बच्चों की माँ हैं।  उनकी बेटी पेट्रीसिया भी ११ साल की हैं।  इसीलिए एक टीन एज बेटी की माँ के लिए उसी उम्र की रील लाइफ बेटी का मृत शरीर देखना काफी मुश्किल सीन बन गया था।


Wednesday 18 November 2015

'साहिर' सुशांत सिंह राजपूत की 'अमृता' प्रियंका चोपड़ा

'बाजीराव मस्तानी 'की रिलीज़ से पहले संजयलीला भंसाली ने एक बड़ा धमाका किया है।  उनकी बतौर निर्माता फिल्म 'गुस्ताखियाँ' में अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत से रोमांस करती नज़र आएँगी। यह खबर पहले की उन खबरों से बिलकुल अलग है, जिसमे यह बताया गया था कि संजयलीला भंसाली की फिल्म में सोनाक्षी सिन्हा और फव्वाद खान रोमांस करेंगे। यहाँ बताते चले कि फिल्म 'गुस्ताखियाँ' मशहूर शायर और फिल्म गीतकार साहिर लुधियानवी के लेखिका और कवयित्री अमृता प्रीतम के साथ रोमांस पर केंद्रित फिल्म है।  इस फिल्म में सुशांत साहिर के किरदार में होंगे और प्रियंका चोपड़ा ऑन स्क्रीन अमृता प्रीतम बनी नज़र आएंगी । प्रियंका चोपड़ा ने फिल्म में काम करने की अपनी सहमति काफी पहले दे दी थी। लेकिन, उनके साहिर की खोज अब जा कर ख़त्म हुई है। ज़ाहिर है कि यह प्रेम कथा सामान्य प्रेम कथाओं से काफी हट कर है। प्रियंका चोपड़ा एक प्रतिभाशाली अभिनेत्री हैं।  उनके लिए भंसाली की फिल्म में 'मैरी कॉम' की तरह अभिनय करने के भरपूर अवसर होंगे।  नवोदित अशी दुआ निर्देशित फिल्म की शूटिंग अगले साल  से शुरू हो जाएगी।

Tuesday 17 November 2015

क्या होगा टकराव !

इस साल के शुरू में बड़ी फिल्मों के टकराव की कहानियां अख़बारों और पत्रिकाओं में प्रमुखता से छापी गई । अक्षय कुमार की फिल्म ‘गब्बर इज बेक’ और सनी लियॉन की फिल्म ‘मस्तीजादे’, जॉन अब्रहम्म की फिल्म ‘वेलकम बेक’ और कंगना रानौत की फिल्म ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’, अक्षय कुमार की फिल्म ‘सिंह इज ब्लिंग’ और जॉन अब्राहम की फिल्म ‘रॉकी हैंड्सम’, सलमान खान की फिल्म ‘प्रेम रतन धन पायो’ और सनी देओल की फिल्म ‘घायल वन्स अगेन’ के टकराव की खबरे प्रकाशित करते हुए चिंता व्यक्त की गई कि यह फ़िल्में टकराई तो दोनों ही फिल्मों को नुक्सान होगा । अब निगाहें १८ दिसम्बर को रिलीज़ हो रही रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की संजयलीला भंसाली निर्देशित फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ और शाहरुख़ खान और काजोल की रोहित शेट्टी निर्देशित फिल्म ‘दिलवाले’ बड़े टकराव की संभावना देखी जा रही है । ४ दिसम्बर को सनी लियॉन की फिल्म ‘मस्तीजादे’ और ज़रीन खान की फिल्म ‘हेट स्टोरी ३’ के सेक्सी टकराव की भी संभावना बनाती नज़र आ रही है ।
बड़ा सवाल यह है कि क्या यह टकराव होगा ? अब तक के कथित उपरोक्त टकराव को देखे तो इनमे से कोई भी टकराव नहीं हुआ । सभी फ़िल्में अलग अलग रिलीज़ हुई । ‘मस्तीजादे’ सेंसर के चंगुल में फँस कर अब ४ दिसम्बर को रिलीज़ हो रही है । रॉकी हैण्डसम अगले साल तक के लिए टल गई है । गब्बर इज बेक १ मई को, दो हफ्ते बाद २२ मई को तनु वेड्स मनु रिटर्न्स, सिंह इज ब्लिंग २ अक्टूबर को रिलीज़ हुई । मतलब यह कि टकराव अंततः नहीं हुआ । टकराव न होने के बावजूद अलग अलग रिलीज़ उपरोक्त फिल्मों में कुछ हिट हुई और कुछ फ्लॉप । सनी देओल की फिल्म ‘घायल वन्स अगेन’ भी अगले साल रिलीज़ होगी । ऎसी दशा में अगर यह फ़िल्में टकराती भी हैं तो क्या होगा ? आइये डालते हैं एक नज़र -
केवल ‘सांवरिया’ हारी  
बॉक्स ऑफिस पर कभी दो फिल्मों का टकराव हो ही जाता है । कभी दो बड़ी फ़िल्में टकराती हैं, कभी एक छोटी और एक बड़ी फिल्म । ऐसा ही हुआ १९७५ में जब रमेश सिप्पी की अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र, हेमा मालिनी, संजीव कुमार, जया बच्चन और अमजद खान की फिल्म ‘शोले’ के सामने एक कम बजट की फिल्म ‘जय संतोषी माँ’ आ गई । उस समय एक्शन फिल्म ‘शोले’ के हिट होने के बारे में कोई सोच भी नहीं रहा था । इसके बावजूद ‘शोले’ बड़ी हिट फिल्म साबित हुई । इसने कीर्तिमान समय तक चलने का इतिहास बनाया, जो बाद में दिल वाले दुल्हनिया ले जायेंगे’ ने तोडा । लेकिन, छोटे बजट की भक्ति भाव वाली फिल्म का बाल भी बांका नहीं हुआ । यह फिल्म १९७५ की सरप्राइज हिट फिल्म साबित हुई । बजट के लिहाज़ से ‘जय संतोषी माँ’ की कमाई ‘शोले’ से कही ज्यादा थी । दूसरा टकराव १९८१ में फिर ‘शोले’ की अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार और जया बच्चन की तिकड़ी और रेखा के साथ फिल्म ‘सिलसिला’ का महेश भट्ट की स्मिता पाटिल, कुलभूषण खरबंदा और शबाना आजमी की फिल्म ‘अर्थ’ का हुआ । यह दोनों ही फ़िल्में रियल रिलेशन यानि अमिताभ बच्चन और रेखा तथा महेश भट्ट और परवीन बाबी के संबंधों पर थी । इस विवाद का फायदा दोनों फिल्मों को हुआ । २००१ का मुकाबला देखने लायक था । आमिर खान की फिल्म ‘लगान’ के सामने सनी देओल की फिल्म ‘ग़दर एक प्रेमकथा’ रिलीज़ हुई । दोनों ही पीरियड फ़िल्में थी । आमिर खान की फिल्म लगान क्रिकेट पर अंग्रेज़ी राज के दौर की थी, जबकि, ग़दर बंटवारे के दौर की । यह तीसरा मौका था, जब आमिर खान और सनी देओल टकरा रहे थे । पहले दो मौको पर घायल और दिल तथा घातक और राजा हिन्दुस्तानी का टकराव एक दो हफ़्तों के अंतराल के टकराव के लिए टाल दिया गया था । तीसरी बार यह टकराव हुआ । दोनों ही फ़िल्में हिट हुई । लेकिन बाज़ी मारी सनी देओल की फिल्म ने । २००७ में ‘ओम शांति ओम’ और ‘सांवरिया’ का टकराव हुआ था दिवाली के वीकेंड में । शाहरुख़ खान और दीपिका पादुकोण की फराह खान निर्देशित फिल्म ‘ओम शांति ओम’ ने संजयलीला भंसाली की रणबीर कपूर और सोनम कपूर की डेब्यू फिल्म ‘सांवरिया’ को बुरी तरह से मात दी । इससे साफ़ है कि टकराव ज़्यादातर फलते हैं, बशर्ते कि दोनों फ़िल्में भिन्न शैली की हो । ऐसे बहुत से टकराव ने किसी फिल्म को नुक्सान नहीं दिया । अलबत्ता, मुनाफा थोडा कम ज़रूर हुआ । इस लिहाज़ से इस साल के बाकी दो टकराव या तो टल जायेंगे या फिर इनका मुनाफा कम हो जायेगा ।
टकराव टालने की कोशिश
फिल्म निर्माताओं को यह तो समझ में आ गया है कि टकराव टालने से उनकी फिल्म अनुकूल वीकेंड का पूरा पूरा फायदा नहीं उठा सकती है। यह फायदा एकाधिक हिस्सों में बंट भी सकता है। वैसे बॉलीवुड के कुछ फिल्मकार हैं, जो हमेशा से आपसी समझ और समझौते से काम लेते है। इनके बीच किसी टकराव का सवाल उठ ही नहीं सकता है। ऎसी ही एक जोड़ी एकता कपूर और करण जौहर की है । दोनों ही फिल्म निर्माता है। इतना ही नहीं दोनों फ़िल्में कोप्रोडूसर भी करते है। यही कारण था कि जब एकता कपूर की फिल्म ‘एक विलेन’ से करण जौहर की फिल्म ‘हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया’ का टकराव होता नज़र आया तो करण जौहर ने समझ से काम लेते हुए अपनी फिल्म को ११ जुलाई तक के लिए टाल दिया । करण जौहर की शाहरुख़ खान और आदित्य चोपड़ा के साथ भी अच्छा तालमेल है। करण जौहर तो आदित्य चोपड़ा की पहली फिल्म ‘दिल वाले दुल्हनिया ले जायेंगे’ में उनके असिस्टंट थे । इसी साल आदित्य चोपड़ा अपनी फिल्म ‘फैन’ को १४ अगस्त को रिलीज़ करने जा रहे थे । फिर ऐसा हुआ कि ‘फैन’ कुछ कारणों से रुक गई । ऐसे में आदित्य ने करण को फ़ोन कर इस बात को बताते हुए, उन्हें अपनी फिल्म ‘ब्रदर्स’ १४ अगस्त को रिलीज़ करने की सलाह दी । ब्रदर्स १४ अगस्त को रिलीज़ हुई और फिल्म को इसका फायदा भी हुआ । फिल्म अंदाज़ अपना अपना के जोड़ीदार सलमान खान और आमिर खान की दोस्ती इस हद तक है कि दोनों ही एक दूसरे की फ़िल्में प्रमोट करने का कोई मौका नहीं जाने देते ।  जहाँ सलमान खान ने अपने शो बिग बॉस में आमिर की फिल्म ‘धूम ३’ का प्रमोशन किया, वही आमिर खान ने सबसे पहले बजरंगी भाईजान के फर्स्ट लुक को ट्वीट कर फिल्म को बढ़िया बढ़त दिला दी । इसी तरह से अजय देवगन और सलमान खान की दोस्ती ‘हम दिल दे चुके सनम’ से चली आ रही है । दोनों ने ‘लन्दन ड्रीम्स’ भी साथ की । सलमान खान ने अजय देवगन की फिल्म ‘सन ऑफ़ सरदार के लिए कैमिया किया तो अजय देवगन उनसे पहले फिल्म रेडी में कैमिया कर चुके थे ।  सलमान खान ने अजय देवगन की फिल्म सिंघम के फर्स्ट लुक को भी ट्वीट किया था ।  
अब सलमान खान और शाहरुख़ खान का दोस्ताना बनाता भी नज़र आ रहा है ।  दिसम्बर में रिलीज़ होने जा रही शाहरुख़ खान की फिल्म ‘दिलवाले’ का ट्रेलर सलमान खान की फिल्म ‘प्रेम रतन धन पायो’ के साथ रिलीज़ होगा । इसलिए कोई कारण नज़र नहीं आता कि दोस्ती का यह नवीनीकरण रईस और सुलतान का टकराव कर तोड़ दिया जायेगा । लेकिन, फिलहाल रईस और सुलतान का टकराव हो रहा है । संजयलीला भंसाली और शाहरुख़ खान की अदावत है कि बाजीराव मस्तानी और दिलवाले का टकराव ज़रूर होगा । वैसे पिछले दिनों यह खबर थी कि बाजीराव मस्तानी २५ दिसम्बर को रिलीज़ होगी ।  



अल्पना कांडपाल            

एक फिल्म में उत्तर दक्षिण के सुपर स्टार

एस एस राजामौली की फिल्म ‘बाहुबली द बेगिनिंग’ के हिंदी में डब संस्करण ने बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त बिज़नस किया था । फिल्म ने रजनीकांत की फिल्म ‘रोबोट’ से छः गुना ज्यादा बिज़नस किया क्या इसे ‘बाहुबली द बेगिनिंग के नायक प्रभास की हिंदी बेल्ट के फिल्म दर्शकों के बीच स्वीकारोक्ति कहा जा सकता है ? फिलहाल इस सवाल का जवाब मुमकिन नहीं है । लेकिन, हिंदी दर्शकों को भी अगले साल रिलीज़ होने जा रहे इस फिल्म के दूसरे हिस्से ‘बाहुबली द कांक्लुजन’ का बेताबी से इंतज़ार है । संभव है कि ‘बाहुबली द कांक्लुजन’ ‘द बेगिनिंग’ से बड़ी हिट फिल्म साबित हो । लेकिन, इससे भी प्रभास की  स्वीकृति साबित नहीं होती।  प्रभास को तो बॉलीवुड की किसी विशुद्ध हिंदी फिल्म से अपने स्टारडम की परीक्षा देनी होगी । दक्षिण के सितारों के लिए हिंदी फिल्मों का महत्व केवल अखिल भारतीय दर्शक पाना ही नहीं, बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी है।  आंध्र प्रदेश के सुपर स्टार नन्दीमुरी तारक रामाराव ने १९९१ के लोक सभा चुनाव में कांग्रेस को चुनौती देने के लिए 'ब्रह्मऋषि विश्वामित्र 'का निर्माण हिंदी में भी किया था।  विश्वामित्र की भूमिका में वह खुद थे तथा मेनका मीनाक्षी शेषाद्रि बनी थी।  उनके खिलाफ दसरी नारायण राव ने 'विश्वामित्र' नाम की हिंदी फिल्म बनाई थी।  अब यह बात दीगर है कि किसी न किसी कारण से यह दोनों फ़िल्में समय पर रिलीज़ नहीं हो सकी।  विश्वामित्र तो पूरी ही नहीं हो सकी।  तब इसे दसरी नारायण राव ने टीवी सीरियल के रूप में दूरदर्शन से टेलीकास्ट करवाया।  
गणेशन भी हिंदी बोले 
जहाँ तक बॉलीवुड में दक्षिण के सितारों की सफलता का सवाल है, यह बहुत उत्साहवर्धक नहीं है । हालाँकि, कन्नड फिल्मों के सुपर स्टार राजकुमार जैसे अभिनेता भी थे, जिन्हें हिंदी फिल्मों में काम करने में कोई दिलचस्पी नहीं थी । इसके बावजूद दक्षिण के बहुत से सितारों ने हिंदी फिल्मों में किस्मत आजमाने की बार बार कोशिश की । दक्षिण के इन सितारों ने बॉलीवुड के बड़े सितारों के साथ भी फ़िल्में की, लेकिन दर्शकों की स्वीकारोक्ति नहीं मिली । यहाँ बताते चलें कि हिंदी फिल्मों में आने वाले ज़्यादातर अभिनेता दक्षिण के सुपर स्टार थे । कभी दक्षिण में शिवाजी गणेशन और जैमिनी गणेशन की तूती बोला करती थी । यह दोनों गणेशन भी हिंदी फिल्मों में नज़र आये । इन दोनों ने ही मेहमान भूमिकाये की । शिवाजी गणेशन ने राजेंद्र कुमार और वहीदा रहमान के साथ फिल्म ‘धरती’ में और जैमिनी गणेशन ने राजकपूर और वैजयंतीमाला की फिल्म ‘नज़राना’ में मेहमान भूमिका की थी । दोनों ही फिल्मे दक्षिण के निर्देशक सी वी श्रीधर द्वारा निर्देशित और बॉलीवुड के बड़े सितारों वाली फ़िल्में थी । वैसे शिवाजी गणेशन को हिंदी फिल्मों में कोई ख़ास दिलचस्पी नहीं थी । लेकिन ‘धरती’ तो राजेंद्र कुमार और वहीदा रहमान की बड़ी कास्ट के बावजूद फ्लॉप हुई । नज़राना का बिज़नस भी ख़ास नहीं रहा । हिंदी दर्शकों ने जैमिनी गणेशन की बेटी रेखा को तो सुपर स्टार का दर्ज़ा दिया, लेकिन पिता गणेशन को ठुकरा दिया ।  
मम्मूती, मोहनलाल और विष्णुवर्द्धन 
हिंदी फिल्मों ने दक्षिण की अभिनेत्रियों को तो हाथोंहाथ लिया। परन्तु, दक्षिण के अभिनेताओं को सफलता नहीं मिली।  इसके बावजूद, दक्षिण की तमिल-तेलुगु-मलयालम फिल्मों के सितारे हिंदी फिल्मों में छिटपुट नज़र आते रहे । इनमे मलयालम सुपर स्टार मोहनलाल और मम्मूती के नाम उल्लेखनीय है । १९९३ में इकबाल दुर्रानी की फिल्म ‘धरती पुत्र’ रिलीज़ हुई थी । यह एक रोमांटिक एक्शन फिल्म थी । फिल्म में ऋषि कपूर और जयाप्रदा के साथ फिल्म के नायक मम्मूती थे । फिल्म फ्लॉप हुई । मम्मूती ने ‘बाबासाहब आंबेडकर’ फिल्म में अम्बेडकर की भूमिका की । मोहनलाल ने रामगोपाल वर्मा की फिल्म ‘कंपनी’ से डेब्यू किया था । फिल्म में अजय देवगन और मनीषा कोइराला मुख्य भूमिका में थे । मोहनलाल ने एक ईमानदार पुलिस अधिकारी की सशक्त भूमिका की थी । मोहनलाल ने रामगोपाल वर्मा की आग में अमिताभ बच्चन, हल्ला बोल में अजय देवगन और तेज़ में अजय देवगन और अनिल कपूर के साथ स्क्रीन शेयर की । लेकिन, दोनों ही मलयालम सुपरस्टार बॉलीवुड में जगह नहीं बना सके । इसी प्रकार से कन्नड़ सुपर स्टार विष्णुवर्द्धन ने इंस्पेक्टर धनुष में नायक की भूमिका निबाहने के बाद अक्षय कुमार के साथ दो फिल्मों ‘अशांत’ और ‘ज़ालिम’ में काम किया । विष्णुवर्द्धन को भी बॉलीवुड रास नहीं आया ।
तमिल सितारों की लम्बी पारी 
हिंदी दर्शकों को सबसे ज्यादा आकृष्ट करने की कोशिश कमल हासन और रजनीकांत ने की । बॉलीवुड में सबसे ज्यादा लम्बी पारी इन्हीं दोनों सितारों ने खेली। इन दोनों को बॉलीवुड के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन के साथ फ़िल्में भी मिली । रजनीकांत की पहली फिल्म ‘अँधा कानून’ में अमिताभ बच्चन एक्सटेंडेड गेस्ट रोल में थे । कमल हासन और रजनीकांत फिल्म गिरफ्तार में अमिताभ बच्चन के साथ थे । कमल हासन ने अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म खबरदार भी की थी । इन दोनों ही तमिल सुपर स्टारों को बॉलीवुड के बड़े नामों के साथ फ़िल्में करने का मौका मिला । इनमे कमल हासन की राजकुमार, धर्मेन्द्र और सुनील दत्त के साथ फिल्म राज तिलक और रजनीकांत की शत्रुघ्न सिन्हा के साथ फिल्म उत्तर दक्षिण उल्लेखनीय हैं । इसके बावजूद यह दोनों तमिल फिल्म स्टार बॉलीवुड में अपनी जगह पक्की नहीं कर सके ।
बच्चनों का साथ
दक्षिण के सितारों के साथ संयोगवश या जान बूझ कर अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन को लेकर फ़िल्में बनाई गई । कमल हासन और रजनीकांत की अमिताभ बच्चन के साथ फिल्मों का तो ज़िक्र किया जा चूका है । अमिताभ बच्चन ने राणा दग्गुबती के साथ डिपार्टमेंट, धनुष के साथ षमिताभ और नागार्जुन के साथ खुदा गवाह की । अभिषेक बच्चन ने राणा दग्गुबती के साथ दम मारो दम और विक्रम के साथ मणि रत्नम की फिल्म ‘रावण’ की । अभी राणा दग्गुबती फिल्म ‘बेबी’ में अक्षय कुमार के साथ कमांडों की भूमिका में थे । दक्षिण की फिल्मों के सितारे सिद्धार्थ ने रंग दे बसंती में आमिर खान के एक मित्र की भूमिका की थी । रंग दे बसंती में आमिर खान के एक दूसरे मित्र आर माधवन ने सैफ अली खान के साथ फिल्म ‘रहना है तेरे दिल में’ से रोमांटिक डेब्यू किया । वह ‘३ इडियट्स’ में भी आमिर के जोड़ीदार थे ।
अगर, दक्षिण के सितारों की बॉलीवुड या हिंदी फिल्मों में असफलता का ऊंचा ग्राफ देखे तो दक्षिण के सितारों के लिए हिंदी फिल्मों में कोई जगह नज़र नहीं आती । लेकिन, अब परिदृश्य बदल रहा है । दक्षिण की डब फिल्मों को सौ करोड़ की कमाई देने वाले दर्शक मिलना इस बदले परिदृश्य की ओर इशारा करता है । राणा दग्गुबती को परदे पर देख रहे हिंदी ‘बाहुबली द बेगिनिंग’ और ‘बेबी’ के दर्शक तालियाँ बजा रहे थे । माधवन और धनुष अपने खुद के बल पर अपनी हिंदी फ़िल्में तनु वेड्स मनु सीरीज और रांझाना हिट करा ले जाते हैं । ‘बाहुबली द कांक्लुजन’ के बाद सिनेरियो और बदलेगा । राणा दग्गुबती, माधवन, सहित कुछ तमिल-तेलुगु सितारों की फ़िल्में हिंदी में भी बनाई जा रही हैं । सलमान खान की फिल्म ‘प्रेम रतन धन पायो’ तमिल और तेलुगु में भी रिलीज़ की जा रही है । इसलिए बॉलीवुड की फिल्मों को दक्षिण में झांकने के लिए दक्षिण के सितारों की ज़रुरत होगी । रा.वन और चेन्नई एक्सप्रेस जैसी फिल्में इसे साबित कर चुकी हैं । 

माय नाम इज बांड, जेम्स बांड !

ब्रितानी जासूसी संस्था एमआई-६ के एजेंट जेम्स बांड की वर्ल्डवाइड लोकप्रियता अभूतपूर्व है । हर अगली फिल्म के साथ जेम्स बांड का काल्पनिक चरित्र दुनिया के दर्शको का चाहीता बनता चला जाता है । उपन्यासकार इयान फ्लेमिंग की कलम से १९५३ में जन्मा बांड दस साल बाद १९६२ में रुपहले परदे पर आया । डॉक्टर नो के प्रदर्शन के साथ ५३ साल पहले रुपहले परदे पर जन्मा बांड आज भी उतना ही फुर्तीला, बुद्धिमान और आकर्षक है । रॉजर मूर और सीन कांनरी की परंपरा को पियर्स ब्रोसनन के बाद डेनियल क्रैग भी बखूबी निबाह रहे हैं । बांड करैक्टर के साथ अब तक २३ ऑफिसियल और २ अनऑफिसियल फ़िल्में कैसिनो रोयाले’ (१९६७) और नेवर से नेवर अगेन’ (१९८३)  बनाई जा चुकी हैं । बांड फिल्मों का ऑफिसियल प्रोडक्शन हाउस निर्माता जोड़ी अल्बर्ट आर ब्रोक्कोली और हैरी  साल्ट्ज़मैन  द्वारा स्थापित ईआन प्रोडक्शन है । रुपहले परदे पर जेम्स बांड को सीन कांनरी, डेविड निवेन (अनऑफिसियल फिल्म कैसिनो रोयाले’), जॉर्ज लेज़ेन्बी, रॉजर मूर, टिमोथी डाल्टन, पियर्स ब्रोसनन और डेनियल क्रैग सहित सात एक्टर कर चुके हैं । सीन कांनरी और रॉजर मूर सात सात बार और पियर्स ब्रोसनन और डेनियल क्रैग चार चार बार जेम्स बांड के किरदार को किया है । स्पेक्ट्र से पहले तक जेम्स बांड सीरीज की फिल्मों के निर्माण में १.२५७९ मिलियन डॉलर का खर्च हुआ तथा इन फिल्मों ने वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर ५.९८४ बिलियन डॉलर का कलेक्शन किया । सीन कांनरी को पहली बांड फिल्म के लिए ०.१ मिलियन डॉलर का पारिश्रमिक मिला था । जबकि, स्काईफॉल के लिए डेनियल क्रैग को १७ मिलियन डॉलर दिए गए । कुल कलेक्शन के लिहाज़ से ईआन प्रोडक्शन की सीरीज तीसरी सबसे ज्यादा कमाई की फिल्म है । पहले नंबर पर हैरी पॉटर सीरीज और दूसरे नंबर पर मार्वल सिनेमेटिक यूनिवर्स की फिल्मे हैं । जेम्स बांड सीरीज की फिल्मों के वर्ल्डवाइड डिस्ट्रीब्यूटर मेट्रो-गोल्डविन मेयर हैं ।
डॉक्टर नो (१९६२) 
बजट- १ मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- ५९.५६ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- टेरेंस यंग
एक्टर- सीन कांनरी
फ्रॉम रसिया विथ लव (१९६३)
बजट- २ मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- ७८.९ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- टेरेंस यंग
एक्टर- सीन कांनरी
गोल्डफिंगर (१९६४)
बजट- ३ मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- १२४.९ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- गय हैमिलटन
एक्टर- सीन कांनरी
थंडरबॉल (१९६५)
बजट- ९ मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- १४१.२ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- टेरेंस यंग
एक्टर- सीन कांनरी
यू ओनली लिव ट्वाइस (१९६७)  
बजट- ९.५ मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- १११.६ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- लेविस गिल्बर्ट
एक्टर- सीन कांनरी
कैसिनो रोयाल (१९६७)*
बजट- १२ मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- ४४.४ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- केन हूजेस और पांच अन्य
एक्टर- डेविड निवेन
ऑन हर मेजेस्टीज सीक्रेट सर्विस (१९६९) 
बजट- ८ मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- ८२ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- पीटर आर हंट
एक्टर- जॉर्ज लेजेंबी
डायमंड्स आर फ़ॉरएवर (१९७१)
बजट- ७.२ मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- ११६ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- गय हैमिलटन
एक्टर- सीन कांनरी
लिव एंड लेट डाई (१९७३)
बजट- ७ मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- १६१.८ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- गय हैमिलटन
एक्टर- रॉजर मूर
द मैन विथ द गोल्डन गन (१९७४)
बजट- ७ मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- ९७.६ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- गय हैमिलटन
एक्टर- रॉजर मूर 
द स्पाई हु लव्ड मी (१९७७) 
बजट- १४ मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- १८५.४ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- लेविस गिल्बर्ट
एक्टर- रॉजर मूर 
मूनरेकर (१९७९)
बजट- ३१ मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- २१०.३ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- लेविस गिल्बर्ट
एक्टर- रॉजर मूर
फॉर योर आईज ओनली (१९८१)
बजट- २८ मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- १९५.३ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- जॉन ग्लेन
एक्टर- रॉजर मूर 
ऑक्टोपसी (१९८३)
बजट- २७.५ मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- १८२ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- जॉन ग्लेन
एक्टर - रॉजर मूर 
नेवर से नेवर अगेन (१९८३)*
बजट- ३६ मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- १५९.९३ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- इरविन केर्श्नेर
एक्टर- सीन कांनरी
अ व्यू टू किल (१९८५)
बजट- ३० मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- १५१.९६ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- जॉन ग्लेन
एक्टर- रॉजर मूर 
द लिविंग डेलाइट्स (१९८७) 
बजट- ४० मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- १९०.११ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- जॉन ग्लेन
एक्टर- टिमोथी डाल्टन 
लाइसेंस टू किल (१९८९)
बजट- ४२ मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- १५४.६९ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- जॉन ग्लेन
एक्टर- टिमोथी डाल्टन 
गोल्डनऑय (१९९५)
बजट- ६० मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- ३५५.९४ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- मार्टिन कैम्पबेल
एक्टर- पियर्स ब्रोसनन
टुमारो नेवर डाईज (१९९७)
बजट- ११० मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- ३३९.४७ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- रॉजर स्पॉट्सवुडे
एक्टर- पियर्स ब्रोसनन 
द वर्ल्ड इज नॉट एनफ (१९९९)
बजट- १३५ मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- ३६१.७३ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- माइकल अपटेड
एक्टर- पियर्स ब्रोसनन 
डाई अनदर डे (२००२)
बजट- १४२ मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- ४३१.९३ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- ली तमाहोरी
एक्टर- पियर्स ब्रोसनन
कैसिनो रोयाल (२००६)
बजट- १०२ मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- ५९४.२७ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- मार्टिन कैम्पबेल
एक्टर- डेनियल क्रैग
क्वांटम ऑफ़ सोलेस (२००८)
बजट- २३० मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- ५९१.६९ मिलियन डॉलर
डायरेक्टर- मार्क फोर्स्टर
एक्टर- डेनियल क्रैग 
स्काईफॉल (२०१२)
बजट- २०० मिलियन डॉलर
बॉक्स ऑफिस- १.११ बिलियन डॉलर
डायरेक्टर- सैम मेंडेस
एक्टर- डेनियल क्रैग
स्पेक्ट्र (२०१५)- जेम्स बांड सीरीज की यह २४ वी ऑफिसियल फिल्म है । डेनियल क्रैग चौथी बार बांड के किरदार में हैं । यह फिल्म ब्रिटेन में २६ अक्टूबर तथा अमेरिका में २ नवम्बर को रिलीज़ हो चुकी है । इस बार भारत में बांड सीरीज की फिल्म तीन हफ्ते बाद २० नवम्बर को रिलीज़ हो रही है । वैसे यह फिल्म दुनिया की तरह भारत में ज़बरदस्त सफलता हासिल करने जा रही है । फिल्म के डायरेक्टर सैम मेंडेस हैं ।

प्रिजनर ऑफ़ जेंडा पर है सलमान खान की फिल्म

एक बार फिर, बॉलीवुड को ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ की याद आ रही है।  ‘प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ ब्रितानी उपन्यासकार और नाटककार अन्थोनी होप के उपन्यास का नाम है। ९ फरवरी १८६३ को जन्मे अन्थोनी हॉप ने १८९४ में दो सफल उपन्यास ‘द डॉली डायलॉग्स’ और ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ लिखे थे। ‘द डॉली डायलॉग्स’ को ठीक ठाक सफलता मिली लेकिन, 'द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा' को पाठकों द्वारा काफी पसंद किया गया। आज १२१ साल बाद, ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा की याद इसलिए आ रही है कि सूरज बडजात्या की दिवाली में रिलीज़ होने जा रही सलमान खान, सोनम कपूर और नील नितिन मुकेश की फिल्म ‘प्रेम रतन धन पायो’ इसी उपन्यास पर आधारित है या कहिये कि इस उपन्यास पर बनी हॉलीवुड फिल्मों से प्रेरित है । फिल्म में सलमान खान राजकुमार और उसके हमशक्ल का दोहरा किरदार कर रहे हैं।   
क्या है उपन्यास की कहानी
अन्थोनी होपकिंस का उपन्यास ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ राजमहल के षडयंत्रों और राजनीति पर था। काल्पनिक देश रुरितानिया के होने वाले राजा रुडोल्फ को ताजपोशी की रस्म से ऐन पहले नशीली दवा दे कर बेहोश कर दिया जाता है। राजा का सौतेला भाई राज्य हड़पने के लिए बेहोश रुडोल्फ को बंदी बना कर एक छोटे शहर जेंडा में कैद कर लेता है। ऐसे में रुडोल्फ राज्याभिषेक में पहुँचने में असमर्थ है। परिस्थिति को सम्हालने के लिए राजा के वफादार एक टूरिस्ट रुडोल्फ रसेनडील को पकड़ लेते हैं, जिसकी इत्तेफाक से शक्ल राजा से मिलती है।  उसे तैयार किया जाता है राजा का स्थान लेकर ताजपोशी करवाने के लिए। अब होता क्या है कि राजा की मदद करते करते वह हमशक्ल राजा की मंगेतर से ही प्रेम करने लगता है। पूरा उपन्यास रहस्य, रोमांच और रोमांस से भरपूर है। 
खूब बनी ‘प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ फ़िल्में
एडवर्ड रोज के साथ अन्थोनी होप के उपन्यास पर हॉलीवुड में ही ढेरो फ़िल्में बनी। १९१३ में फोर्ड और एडविन एस पोर्टर की निर्देशक जोड़ी ने सबसे पहले इस उपन्यास पर फिल्म ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ बनाई। इस फिल्म में राजा रुडोल्फ का किरदार जेम्स के हैकेट कर रहे थे। १९१५ में जॉर्ज लोअने टकर के निर्देशन में एक दूसरी फिल्म ‘द प्रिजनर ऑफ़ ज़ेण्डा’ का निर्माण किया गया। इस फिल्म में राजा की भूमिका हेनरी ऐन्ले कर रहे थे। फिर १९२२ में रमोन नोवारो की मुख्य भूमिका वाली ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ रिलीज़ हुई। इस फिल्म को रेक्स इनग्राम ने निर्देशित किया था। १९२५ में प्रिंसेस फ्लाविया टाइटल के साथ ओपेरा खेला गया। जॉन क्रोमवेल ने १९३७ में फिर ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ को अपनाया और फिल्म में रुडोल्फ और रसेनडील की हमशक्ल भूमिका अभिनेता रोनाल्ड कोलमैन ने की। हमशक्ल किरदारों के लिहाज़ से १९३७ की फिल्म ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ सबसे बढ़िया फिल्म मानी गई। कोलमैन ने १९३७ की फिल्म के अपने साथियों स्मिथ और फेयरबैंक्स के साथ १९३९ में लक्स रेडियो थिएटर के नाटक के लिए अपने अपने किरदार फिर किये। फिर आई ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ फिल्मों में सबसे सफल फिल्म। १९५२ में डायरेक्टर रिचर्ड थोर्पे ने ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ का निर्माण किया। इस फिल्म में मुख्य भूमिकाओं के लिए स्टीवर्ट ग्रेंजर, डेबोरा केर, लुइस कैलहेर्न, जेन ग्रीर, लेविस स्टोन, रोबर्ट डगलस, जेम्स मासों और रोबर्ट कूट को लिया गया। लेविस स्टोन ने १९२२ की फिल्म में किंग और उसके हमशक्ल की भूमिका की थी। इस फिल्म में स्टोन का रोल बहुत छोटा था। यह टैक्नीकलर में बनाई गई थी, लेकिन १९३७ की फिल्म की फ्रेम दर फ्रेम कॉपी थी। १९६१ में अमेरिकी टेलीविज़न पर भी इस उपन्यास पर क्रिस्टोफर प्लमर और इंगेर स्टेवेंस के साथ शो प्रसारित हुआ। १९६३ में एक म्यूजिकल शो जेंडा ब्रॉडवे पर दिखाया गया। यह १९२५ के ओपेरा प्रिंसेस फ्लाविया पर आधारित था। १९७९ में ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेना’ का कॉमिक अवतार हुआ। इस फिल्म में पीटर सेलर्स ने किंग रुडोल्फ और उसके हमशक्ल किरदार किये थे। फिल्म का निर्देशन रिचर्ड कुइन ने किया था। आखिरी बार ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ को बीबीसी ने माल्कोम सिंक्लैर के साथ अडॉप्ट किया। 
बॉलीवुड और हिन्दुस्तानी सिनेमा का ‘जेंडा’
बॉलीवुड ने भी अन्थोनी होप के उपन्यास पर बनी फिल्मों की तर्ज पर हिंदी फ़िल्में बनाई। मोटे तौर पर कहा जाये तो बॉलीवुड में ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ के अलावा मार्क ट्वेन के उपन्यास ‘द प्रिंस एंड द पौपर’ और विलियम शेक्सपियर के नाटक ‘कॉमेडी ऑफ़ एररस’ का घालमेल कर दोहरी भूमिकाओं वाली ढेरों फ़िल्में बनाई गई । बॉलीवुड ने जब विशुद्ध कॉमेडी ऑफ़ एररस को अपनाया तो ‘अंगूर’, ‘दो दूनी चार’, आदि कॉमेडी फ़िल्में बनी। आम तौर पर बॉलीवुड ने मार्क ट्वेन और अन्थोनी होप के किरदारों की घालमेल की। राम और श्याम, सीता और गीता और चालबाज़ फ़िल्में इसका प्रमाण थी। दक्षिण के निर्माता एलवी प्रसाद ने संजीव कुमार और कुमकुम की मुख्य भूमिका वाली फिल्म ‘राजा और रंक’ का निर्माण किया। इस फिल्म में महेश कोठारे ने राजा और रंक की दोहरी भूमिका की थी। यह फिल्म 'द प्रिंस एंड द पॉपर' से प्रेरित थी। अगर हम ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ पर हिंदी फिल्मों की बात करें तो घालमेल साफ़ नज़र आती है। हिंदी में इस कहानी को राजा रजवाड़ों वाली न रख कर, कुछ अलग सन्दर्भ में लिया गया। शत्रुघ्न सिन्हा की फिल्म 'कालीचरण' के अलावा अमिताभ बच्चन और शाहरुख़ खान की 'डॉन' को मोटे तौर पर अन्थोनी होप के उपन्यास से प्रेरित फ़िल्में कहा जा सकता है। हिंदी फिल्मों के अलावा दक्षिण की भाषाओं में भी एनटी रामाराव, रजनीकांत, अजित, प्रभास और मोहनलाल ने जेंडा का कैदी को डॉन के रूप में पेश किया। यह सभी फ़िल्में हमशक्ल किरदारों की अदला बदली की कहानी थी। २०१३ में रिलीज़ अर्जुन कपूर की दोहरी भूमिका वाली फिल्म ‘औरंगजेब’ भी हमशक्ल किरदारों की अदल बदल फिल्म थी। विशुद्ध हिंदी प्रिजनर ऑफ़ जेंडा की बात की जाये तो याद आती हैं १९७८ में रिलीज़ आलो सरकार निर्देशित फिल्म ‘बंदी’ की। इस फिल्म में उत्तम कुमार ने युवराज उदय भान सिंह और भोला बी सिंह की दोहरी भूमिका की थी। यह फिल्म भरतपुर के राज घरानों पर काल्पनिक फिल्म थी। फिल्म में इन्द्राणी मुख़र्जी, अमजद खान, उत्पल दत्त, इफ़्तेख़ार, आदि की मुख्य भूमिका थी। उत्तम कुमार इससे पहले एक बांगला फिल्म ‘झिन्देर बंदी’ में यही भूमिका कर चुके थे। इस फिल्म का आगे ज़िक्र किया गया है। 
अन्य भाषाओँ में फ़िल्में    

तपन सिन्हा ने ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ पर बांगला फिल्म ‘झिन्देर बंदी’ का निर्माण किया। तपन सिन्हा की फिल्म का झिंद मध्य प्रदेश की एक छोटी रियासत थी। इस फिल्म में उत्तम कुमार ने राजा और उसके हमशक्ल का किरदार किया था। तरुण कुमार ने सौतेले भाई उदित कुमार की भूमिका की थी। अरुंधती देवी राजा की मंगेतर बनी थी। इस फिल्म में सौमित्र चटर्जी का नेगेटिव किरदार था। १९८१ में एस वी राजेन्द्र सिंह बाबू की कन्नड़ फिल्म ‘अंत’ में एक पुलिस अधिकारी अपने हमशक्ल पकडे गए एक खतरनाक अपराधी का स्थान ले लेता है। इस फिल्म ने अभिनेता अम्बरीश को कन्नड़ फिल्मों का सुपर स्टार बना दिया था। इस फिल्म का हिंदी रीमेक ‘मेरी आवाज़ सुनो’ जीतेंद्र और हेमा मालिनी के साथ बनाया गया। भयावह हिंसक दृश्यों के कारण इस फिल्म पर बैन भी लगाया गया।  लेकिन, फिल्म को ज़बरदस्त सफलता मिली।  
हिंदी फिल्मों ने, जहाँ हीरो के खिलाफ षडयंत्र दिखाया तो फिल्म को 'द प्रिजनर ऑफ़ ज़नता' से प्रेरित करवा दिया। जहाँ, हीरो खुद इसमे शामिल हुआ, वहां फिल्म 'द प्रिंस एंड द पॉपर' हो गई।  शाहरुख़ खान की फिल्म 'फैन' को 'द प्रिंस एंड द पॉपर' का रीमेक कहा जा सकता है, क्योंकि, शाहरुख़ फिल्म में अपने हमशक्ल फैन को अपनी जगह सुपर स्टार के रूप में प्लांट कर देते हैं। वही, सूरज बड़जात्या की फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो' राज महल के अपराध पर केंद्रित 'द प्रिजनर ऑफ़ ज़ेंडा' का सलमान खान संस्करण है।