एक बार फिर, बॉलीवुड को ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ की याद आ रही है। ‘प्रिजनर ऑफ़
जेंडा’ ब्रितानी उपन्यासकार और नाटककार अन्थोनी होप के उपन्यास का नाम है। ९
फरवरी १८६३ को जन्मे अन्थोनी हॉप ने १८९४ में दो सफल उपन्यास ‘द डॉली डायलॉग्स’ और
‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ लिखे थे। ‘द डॉली डायलॉग्स’ को ठीक ठाक सफलता मिली लेकिन, 'द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा' को पाठकों द्वारा काफी पसंद किया गया। आज १२१ साल बाद, ‘द प्रिजनर
ऑफ़ जेंडा की याद इसलिए आ रही है कि सूरज बडजात्या की दिवाली में रिलीज़ होने जा रही
सलमान खान, सोनम कपूर और नील नितिन मुकेश की फिल्म ‘प्रेम रतन धन पायो’ इसी
उपन्यास पर आधारित है या कहिये कि इस उपन्यास पर बनी हॉलीवुड फिल्मों से प्रेरित है । फिल्म में सलमान खान राजकुमार और उसके हमशक्ल का दोहरा किरदार कर रहे हैं।
क्या है उपन्यास की कहानी
अन्थोनी होपकिंस का उपन्यास ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ राजमहल के षडयंत्रों और
राजनीति पर था। काल्पनिक देश रुरितानिया के होने वाले राजा रुडोल्फ को ताजपोशी की
रस्म से ऐन पहले नशीली दवा दे कर बेहोश कर दिया जाता है। राजा का सौतेला भाई राज्य
हड़पने के लिए बेहोश रुडोल्फ को बंदी बना कर एक छोटे शहर जेंडा में कैद कर लेता
है। ऐसे में रुडोल्फ राज्याभिषेक में पहुँचने में असमर्थ है। परिस्थिति
को सम्हालने के लिए राजा के वफादार एक टूरिस्ट रुडोल्फ रसेनडील को पकड़ लेते हैं,
जिसकी इत्तेफाक से शक्ल राजा से मिलती है। उसे तैयार किया जाता है राजा का स्थान लेकर ताजपोशी करवाने के लिए। अब होता क्या है कि राजा की मदद करते करते वह हमशक्ल
राजा की मंगेतर से ही प्रेम करने लगता है। पूरा उपन्यास रहस्य, रोमांच और रोमांस से
भरपूर है।
खूब बनी ‘प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ फ़िल्में
एडवर्ड रोज के साथ अन्थोनी होप के उपन्यास पर हॉलीवुड में ही ढेरो फ़िल्में
बनी। १९१३ में फोर्ड और एडविन एस पोर्टर की निर्देशक जोड़ी ने सबसे पहले इस
उपन्यास पर फिल्म ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ बनाई। इस फिल्म में राजा रुडोल्फ का
किरदार जेम्स के हैकेट कर रहे थे। १९१५ में जॉर्ज लोअने टकर के निर्देशन में एक
दूसरी फिल्म ‘द प्रिजनर ऑफ़ ज़ेण्डा’ का निर्माण किया गया। इस फिल्म में राजा की
भूमिका हेनरी ऐन्ले कर रहे थे। फिर १९२२ में रमोन नोवारो की मुख्य भूमिका वाली ‘द
प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ रिलीज़ हुई। इस फिल्म को रेक्स इनग्राम ने निर्देशित किया था। १९२५
में प्रिंसेस फ्लाविया टाइटल के साथ ओपेरा खेला गया। जॉन क्रोमवेल ने १९३७ में
फिर ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ को अपनाया और फिल्म में रुडोल्फ और रसेनडील की हमशक्ल भूमिका
अभिनेता रोनाल्ड कोलमैन ने की। हमशक्ल किरदारों के लिहाज़ से १९३७ की फिल्म ‘द
प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ सबसे बढ़िया फिल्म मानी गई। कोलमैन ने १९३७ की फिल्म के अपने
साथियों स्मिथ और फेयरबैंक्स के साथ १९३९ में लक्स रेडियो थिएटर के नाटक के लिए
अपने अपने किरदार फिर किये। फिर आई ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ फिल्मों में सबसे सफल
फिल्म। १९५२ में डायरेक्टर रिचर्ड थोर्पे ने ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ का निर्माण
किया। इस फिल्म में मुख्य भूमिकाओं के लिए स्टीवर्ट ग्रेंजर, डेबोरा केर, लुइस
कैलहेर्न, जेन ग्रीर, लेविस स्टोन, रोबर्ट डगलस, जेम्स मासों और रोबर्ट कूट को
लिया गया। लेविस स्टोन ने १९२२ की फिल्म में किंग और उसके हमशक्ल की भूमिका की थी। इस फिल्म में स्टोन का रोल बहुत छोटा था। यह टैक्नीकलर में बनाई गई थी, लेकिन
१९३७ की फिल्म की फ्रेम दर फ्रेम कॉपी थी। १९६१ में अमेरिकी टेलीविज़न पर भी इस
उपन्यास पर क्रिस्टोफर प्लमर और इंगेर स्टेवेंस के साथ शो प्रसारित हुआ। १९६३ में
एक म्यूजिकल शो जेंडा ब्रॉडवे पर दिखाया गया। यह १९२५ के ओपेरा प्रिंसेस फ्लाविया
पर आधारित था। १९७९ में ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेना’ का कॉमिक अवतार हुआ। इस फिल्म में
पीटर सेलर्स ने किंग रुडोल्फ और उसके हमशक्ल किरदार किये थे। फिल्म का
निर्देशन रिचर्ड कुइन ने किया था। आखिरी बार ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ को बीबीसी ने
माल्कोम सिंक्लैर के साथ अडॉप्ट किया।
बॉलीवुड और हिन्दुस्तानी सिनेमा का ‘जेंडा’
बॉलीवुड ने भी अन्थोनी होप के उपन्यास पर बनी फिल्मों की तर्ज पर हिंदी
फ़िल्में बनाई। मोटे तौर पर कहा जाये तो बॉलीवुड में ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ के
अलावा मार्क ट्वेन के उपन्यास ‘द प्रिंस एंड द पौपर’ और विलियम शेक्सपियर के नाटक ‘कॉमेडी
ऑफ़ एररस’ का घालमेल कर दोहरी भूमिकाओं वाली ढेरों फ़िल्में बनाई गई । बॉलीवुड ने जब विशुद्ध
कॉमेडी ऑफ़ एररस को अपनाया तो ‘अंगूर’, ‘दो दूनी चार’, आदि कॉमेडी फ़िल्में बनी। आम
तौर पर बॉलीवुड ने मार्क ट्वेन और अन्थोनी होप के किरदारों की घालमेल की। राम और
श्याम, सीता और गीता और चालबाज़ फ़िल्में इसका प्रमाण थी। दक्षिण के निर्माता एलवी
प्रसाद ने संजीव कुमार और कुमकुम की मुख्य भूमिका वाली फिल्म ‘राजा और रंक’ का
निर्माण किया। इस फिल्म में महेश कोठारे ने राजा और रंक की दोहरी भूमिका की थी। यह फिल्म 'द प्रिंस एंड द पॉपर' से प्रेरित थी। अगर
हम ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ पर हिंदी फिल्मों की बात करें तो घालमेल साफ़ नज़र आती है। हिंदी में इस कहानी को राजा रजवाड़ों वाली न रख कर, कुछ अलग सन्दर्भ में लिया गया। शत्रुघ्न सिन्हा की फिल्म 'कालीचरण' के अलावा अमिताभ बच्चन और शाहरुख़ खान की 'डॉन' को
मोटे तौर पर अन्थोनी होप के उपन्यास से प्रेरित फ़िल्में कहा जा सकता है। हिंदी फिल्मों
के अलावा दक्षिण की भाषाओं में भी एनटी रामाराव, रजनीकांत, अजित, प्रभास और
मोहनलाल ने जेंडा का कैदी को डॉन के रूप में पेश किया। यह सभी फ़िल्में हमशक्ल
किरदारों की अदला बदली की कहानी थी। २०१३ में रिलीज़ अर्जुन कपूर की दोहरी भूमिका
वाली फिल्म ‘औरंगजेब’ भी हमशक्ल किरदारों की अदल बदल फिल्म थी। विशुद्ध हिंदी
प्रिजनर ऑफ़ जेंडा की बात की जाये तो याद आती हैं १९७८ में रिलीज़ आलो सरकार
निर्देशित फिल्म ‘बंदी’ की। इस फिल्म में उत्तम कुमार ने युवराज उदय भान सिंह और
भोला बी सिंह की दोहरी भूमिका की थी। यह फिल्म भरतपुर के राज घरानों पर काल्पनिक
फिल्म थी। फिल्म में इन्द्राणी मुख़र्जी, अमजद खान, उत्पल दत्त, इफ़्तेख़ार, आदि की
मुख्य भूमिका थी। उत्तम कुमार इससे पहले एक बांगला फिल्म ‘झिन्देर बंदी’ में यही
भूमिका कर चुके थे। इस फिल्म का आगे ज़िक्र किया गया है।
अन्य भाषाओँ में फ़िल्में
तपन सिन्हा ने ‘द प्रिजनर ऑफ़ जेंडा’ पर बांगला फिल्म ‘झिन्देर बंदी’ का
निर्माण किया। तपन सिन्हा की फिल्म का झिंद मध्य प्रदेश की एक छोटी रियासत थी। इस
फिल्म में उत्तम कुमार ने राजा और उसके हमशक्ल का किरदार किया था। तरुण कुमार ने
सौतेले भाई उदित कुमार की भूमिका की थी। अरुंधती देवी राजा की मंगेतर बनी थी। इस
फिल्म में सौमित्र चटर्जी का नेगेटिव किरदार था। १९८१ में एस वी राजेन्द्र सिंह
बाबू की कन्नड़ फिल्म ‘अंत’ में एक पुलिस अधिकारी अपने हमशक्ल पकडे गए एक खतरनाक
अपराधी का स्थान ले लेता है। इस फिल्म ने अभिनेता अम्बरीश को कन्नड़ फिल्मों का
सुपर स्टार बना दिया था। इस फिल्म का हिंदी रीमेक ‘मेरी आवाज़ सुनो’ जीतेंद्र और
हेमा मालिनी के साथ बनाया गया। भयावह हिंसक दृश्यों के कारण इस फिल्म पर बैन भी लगाया गया। लेकिन, फिल्म को ज़बरदस्त सफलता मिली।
हिंदी फिल्मों ने, जहाँ हीरो के खिलाफ षडयंत्र दिखाया तो फिल्म को 'द प्रिजनर ऑफ़ ज़नता' से प्रेरित करवा दिया। जहाँ, हीरो खुद इसमे शामिल हुआ, वहां फिल्म 'द प्रिंस एंड द पॉपर' हो गई। शाहरुख़ खान की फिल्म 'फैन' को 'द प्रिंस एंड द पॉपर' का रीमेक कहा जा सकता है, क्योंकि, शाहरुख़ फिल्म में अपने हमशक्ल फैन को अपनी जगह सुपर स्टार के रूप में प्लांट कर देते हैं। वही, सूरज बड़जात्या की फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो' राज महल के अपराध पर केंद्रित 'द प्रिजनर ऑफ़ ज़ेंडा' का सलमान खान संस्करण है।
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