सत्तर से लेकर नब्बे के दशक के फिल्म प्रेमी आई
वी ससि को जानते होंगे . कभी वह अपनी फिल्मों के लिये कुख्यात हुआ करते थे.
कुख्यात इसलिए की उनकी तमाम फिल्मे सॉफ्ट पोर्न श्रेणी की फ़िल्में मानी जाती थी . उस
दौरान यह कहा जाता था कि उन्होंने तमाम मलयाली फिल्म निर्माताओं को सेक्स परोसने
का रास्ता दिखाया . इर्रुप्पम वीडु शाशिधरन, जी हाँ आई वी ससि का यही पूरा नाम था.
१९४६ में केरल में जन्मे आई वी ससि ने अपने पूरे करियर के दौरान कोई डेढ़ सौ
फ़िल्में बनाई . इनमे कुछ हिंदी में थी और ज्यादा मलयालम से हिंदी में डब कर रिलीज़
की जाती थी . इन्ही डब फिल्मों ने शाशिधरन को पोर्न फिल्मों के डायरेक्टर का
दर्ज़ा दे दिया. ‘अवलुड़े रावुकल’ उनकी बतौर निर्देशक पहली ऎसी मलयालम फिल्म थी . यह एक
किशोरी वैश्या की कहानी थी . सत्तर के दशक में तत्कालीन मलयाली एक्ट्रेस को यह बेहद
बोल्ड फिल्म लगी और उन्होंने वैश्या की इस भूमिका को करने से मना कर दिया. तब ससि
अभिनेत्री सीमा के पास गए. सीमा की यह पहली फिल्म थी. फिल्म को ज़बरदस्त सफलता
मिली. यह फिल्म मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की दूसरी एडल्ट फिल्म थी. इस फिल्म को बाद
में हिंदी सहित कुछ अन्य भाषाओँ में डब कर रिलीज़ किया गया . हिंदी दर्शकों ने इस
फिल्म को ‘हर नाइट्स’ टाइटल के साथ देखा होगा . हिंदी में भी ‘हर नाइट्स’ खूब सफल
हुई. इस फिल्म से पूरे देश में मलयालम की सेक्सी फिल्मों का क्रेज बन गया . सीमा
बड़ी स्टार बन गई . बाद में ससि ने सीमा से शादी कर ली. दो साल बाद ससि ने ‘हर
नाइट्स’ को ‘पतिता’ टाइटल के साथ हिंदी में मिथुन चक्रवर्ती, राज किरण, शोमा आनंद
और विक्रम के साथ बनाया . फिल्म को प्रशंसा ढेर मिली, लेकिन दर्शक कम मिले. इसके
बाद आई वी ससि निर्देशित फिल्म ‘वादाकक्कू ओरु ह्रुदयम’ . इस फिल्म को हिंदी में ‘मन
का आँगन’ टाइटल के साथ डब कर रिलीज़ किया गया . इसके साथ ही हिंदी की डब सेक्सी
फिल्मों में आई वी ससि का नाम जुड़ गया. हालाँकि, उन्होंने अनोखा रिश्ता, अनुरोध,
प्रतिशोध, करिश्मा, आदि हिंदी फिल्मो का निर्माण भी किया . आई वी ससि की फ़िल्मों
का विषय पारिवारिक हुआ करता था. इसके बावजूद अपने बोल्ड दृश्यों के कारण ससि पोर्न
फिल्मकार की तरह जाने जाते थे. एक समय यह कहा जाता था कि ससि बोल्ड विषय पर
फ़िल्में ज़रूर बनाते थे, लेकिन एक्सीबिटर उनकी फिल्मों में पोर्न फिल्मों की क्लिपिंग जोड़
कर, इन फिल्मों को गरम फिल्म बना देते थे. हालाँकि, ससि की इमेज गरम फिल्म के
निर्माता की बनी हुई थी, लेकिन उन्होंने बहुत सी सार्थक और सन्देश देने वाली
फिल्मों का निर्माण किया. उनकी मलयालम फिल्म ‘१९२१’ बाल विवाह पर थी . इस फिल्म को
इटली के फिल्म समारोह में दिखाया गया . ससि की फिल्म ‘आरूदम’ को राष्ट्रीय एकता की
श्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला . कमल हासन, मोहनलाल, मम्मूती,
प्रेम नज़ीर, आदि दक्षिण के सितारो का पहला परिचय आई वी ससि की फिल्मे से ही हुआ . मलयालम
फिल्मों से रजनीकांत का डेब्यू आई वी ससि की फिल्म के द्वारा ही हुआ.
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday, 3 November 2015
आई वी ससि : जिसकी पारिवारिक फ़िल्में गरम हुआ करती थी
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साउथ सिनेमा,
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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