अमिताभ
बच्चान, परेश रावल और अक्षय कुमार जैसे बड़े
सितारों से सजी ब्लॉक बस्टर आंखे और समीक्षकों द्वारा सराही गई नंदिता दास की
सैंडस्टॉर्म और मल्टी स्टारर दीवार : लेट्स ब्रिंग आवर हीरोज होम, जैसी फिल्मों के निर्माता गौरांग दोशी को
कौन नहीं जानता। बॉलीवुड में प्रवेश करने वाले सबसे कम उम्र के
निर्माता गौरांग दोशी को बेहतरीन कार्यों के लिए चार बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स
में भी स्थान मिल चुका है। अब वे अपनी कुछ आगामी प्रोजेक्ट्स के साथ एक बार फिर से
धमाके के लिए तैयार हैं। इस बात की जानकारी उन्होंने अपने प्रशंसकों के भी दे दी
है। हालांकि इस बार उनका ध्यान डिजिटल स्पेस पर है। उन्होंने कहा कि, “मेरी नजर डिजिटल क्षेत्र पर बनी हुई है और
बेहतरीन कंटेट परोसने में मुझे खुशी महसूस होगी। मेरी द्वारा लाई जाने वाली हर
विषय वस्तु पूरी तरह से विशिष्ट होगी साथ ही मैं ऐसी सामग्री परोसने की उम्मीद
रखता हूं, जो दर्शकों को लुभा सके।”
कोर्ट के
आदेश की अवमानना के एक हालिया मामले में 6 माह के साधारण कारावास के बाद उन्होंने
मामले में अपील की और अब इस पुराने मामले में उन्हें राहत मिली है। गौरतलब है कि
उन्हें मामले में कोर्ट में प्रस्तुत होना था, लेकिन वे कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सके थे। हालांकि गौरांग दोशी के
लिए 10 जुलाई,
2019 का यह
दिन विजय के साथ ही कोर्ट के इस मामले में राहत लेकर आया, जहां माननीय मुख्य न्यायाधीश प्रदीप
नंदराजोग और न्यायमूर्ति एन. एम. जामदार वाली शीर्ष अदालत की समिति ने अपने फैसले
में, उनके खिलाफ अदालत की अवमानना के मामले को
खारिज करने का निर्णय लिया।
इस संबंध में
निर्माता गौरांग दोशी ने कहा कि, “सभी के जीवन में उतार-चढ़ाव आता है और मुझे लगता है कि कुल मिलाकर मैं
भाग्यशाली रहा हूं,
क्योंकि
वास्तव में मैं जो करना चाहता था वह करने में सक्षम हो सका। हालांकि यहां कुछ
बाधाएं हैं, जो शायद कुछ अधिक भी हो, लेकिन मैं अपना ध्यान पूरी तरह अपने काम
पर केंद्रीत करना चाहता हूं, ताकि दर्शक जिस तरह की विषय वस्तु पसंद करते हैं, मैं उनके लिए उस तरह की विशेष सामग्री
लाता रहूं। मैं बॉलीवुड के कुछ युवा प्रतिभाओं के साथ काम करने की भी इच्छा रखता
हूं। हाल के दिनों में फिल्म उद्योग में कुछ युवा प्रतिभाएं उभरकर सामने आयी हैं
और उनके द्वारा किए जा रहे काम से वे वास्तव में प्रभावित हूं।“
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