अक्षय कुमार, एक बार फिर, स्वतंत्रता दिवस वीकेंड पर, देश प्रेम के कथानक
पर प्रेरणाप्रद फिल्म मिशन मंगल ले कर आ रहे हैं। ख़ास बात यह है कि इस बार फिल्म का
कथानक सिर्फ अक्षय कुमार की भूमिका के इर्द गिर्द नहीं। इस फिल्म में ख़ास है पांच
महिला किरदार, जिन्होंने नवम्बर २०१३ मे इसरो के मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) को पूरा
करने के लिए दिन रात एक कर दिया था।सीमित बजट और समय में किया गया, यह सफल मिशन भारतीय
अंतरिक्ष अनुसन्धान का गौरव भरा पन्ना है।
मिशन डायरेक्टर अक्षय कुमार
मिशन मंगल का कथानक पांच महिला वैज्ञानिकों पर केन्द्रित है। इस फिल्म में
अक्षय कुमार मिशन के डायरेक्टर राकेश धवन की भूमिका कर रहे हैं। वह इस कार्यक्रम
की सफलता के लिए अपनी महिला वैज्ञानिकों की टीम के साथ हर समय नज़र आते हैं और
उन्हें प्रोत्साहित करते हैं। फिल्म में यह भूमिका वास्तविक लेकिन बदले नाम के साथ
है।
प्रोजेक्ट डायरेक्टर विद्या बालन
फिल्म के केंद्र में पांच महिला वैज्ञानिक हैं, जो अपने कार्यक्रम के साथ
साथ अपने घर को भी देखती हैं। इन महिलाओं को विज्ञान में बचपन से दिलचस्पी थी। यह
महिलाए चुनौतियों से लड़ना जानती हैं।ऎसी ही एक वैज्ञानिक तारा शिंदे हैं, जो प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं। इस भूमिका को परदे पर विद्या बालन ने किया है।
चार अन्य महिला वैज्ञानिक
विद्या बालन की तारा शिंदे के अलावा मिशन में भिन्न स्वतंत्र पदों पर कार्य
कर रही महिला विज्ञानियो में सोनाक्षी सिन्हा ने मिशन के प्रोपल्शन कण्ट्रोल की
प्रभारी एका गाँधी की भूमिका की है। तापसी पन्नू ने नेविगेशन और कम्युनिकेशन की इंचार्ज कृतिका अगरवाल, नित्या मेनन ने सॅटॅलाइट डिजाईन की इंचार्ज वर्षा गौड़ा और कीर्ति कुल्हारी ने प्रोग्राम ऑटोनोमी की प्रभारी नेहा सिद्दीकी की
भूमिका की है। यह सभी भूमिकाये परस्पर जुड़ी हुई और प्रभावशाली हैं।
निर्देशक जगन शक्ति की पहली फिल्म
इस जटिल और वास्तविक विषय को परदे पर उतारने वाले, फिल्म के निर्देशक जगन शक्ति
के लिए किसी फिल्म को स्वतंत्र रूप से निर्देशित करने का पहला मौका है। वह आर
बल्कि के साथ फिल्म चीनी कम, पा और शमिताभ मे सह निर्देशक थे। इतनी बड़ी स्टारकास्ट
के साथ फिल्म निर्देशित करना, जगन की कड़ी परीक्षा है।
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