Monday, 5 April 2021

सपनों में क्यों नज़र आती थी दिव्या भारती ?


दिव्या भारती की १९ साल की छोटी उम्र में ५ अप्रैल १९९३ को मृत्यु हो गई थी. उनकी मौत हादसा थी, या हत्या या फिर आत्महत्या, इस रहस्य को पुलिस कभी नहीं खोल पाई और मामला बंद कर दिया गया.

दिव्या भारती का बॉलीवुड में करियर सिर्फ सवा साल का था. उन्होंने चार तेलुगु और एक तमिल फिल्म करने के बाद, बॉलीवुड में कदम रखा. १९९२ में उनकी पहली हिंदी फिल्म सनी देओल, चंकी पाण्डेय, नसीरुद्दीन शाह और सोनम के साथ फिल्म विश्वात्मा रिलीज़ हुई. १९९२ में ही उनकी शोला और शबनम, दीवाना, जान से प्यारा, बलवान, दुश्मन ज़माना, दिल आशना है, गीत और दिल ही तो है प्रदर्शित हुई. इन फिल्मों में उन्होंने पृथ्वी, गोविंदा, शाहरुख खान, अरमान कोहली, अविनाश वधावन और जैकी श्रॉफ के साथ अभिनय किया. बलवान, सुनील शेट्टी की पहली फिल्म थी. १९९३ में उनके जीवन में केवल एक फिल्म क्षत्रिय रिलीज़ हुई. रंग और शतरंज उनकी मौत के बाद रिलीज़ हुई थी.

दिव्या भारती की रहस्यमय मौत को ज्यादा रहस्यमय बनाती है, उनसे जुड़े लोगों की वह बाते, जिनमे उन्होंने खुलासा किया कि दिव्या भारती अपनी मौत के बाद भी उनके सपने में आती थी. दिव्या की माँ का कहना था कि जब मुझे कहीं जाना होता था तो दिव्या भारती ही सपनों में आकर मुझे जगाती थी. पति साजिद नाडियाडवाला को भी काफी समय तक दिव्या भारती सपनों में नज़र आती रही. साजिद की हिन्दू से मुस्लिम बनी दूसरी पत्नी वर्धा नाडियाडवाला दावा करती रही कि दिव्या उनके सपनों में छः साल तक आती रही. यह बयान कहाँ तक सच हैं, कहना मुश्किल है, लेकिन इनसे दिव्या भारती के इर्दगिर्द रहस्य की चादर ज़रूर कुछ ज्यादा मोटी हो जाती है.

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