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Wednesday, 3 April 2019

बॉलीवुड के फुटबॉल कोच


कुश्ती पर दबंग और सुल्तान, बॉक्सिंग पर ब्रदर्स, मैरी कोम, साला खडूस और मुक्काबाज़, क्रिकेट पर एमएस धोनी द अनटोल्ड स्टोरी और अज़हर तथा हॉकी पर सूरमा, गोल्ड और चक दे इंडिया के बाद बॉलीवुड में फुटबॉल खेलने का समय आ गया है। ख़ास बात यह है कि अपनी इन फिल्मों में बॉलीवुड फुटबॉल खेलना सीख और सिखा रहा है। जी हाँ, बॉलीवुड की कम से कम तीन फ़िल्में फुटबॉल कोच पर बन रही हैं। 




झुण्ड के फुटबॉल कोच अमिताभ बच्चन
सबसे पहले, अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) को लेकर फुटबॉल कोच विजय बरसे के जीवन पर फिल्म झुण्ड का ऐलान हुआ था। नागपुर के एक स्कूल के टीचर विजय बरसे ने झुग्गियों में रहने वाले बच्चों के फुटबॉल के प्रति जूनून को देखते हुए, उन्हें फुटबॉल सिखाने का फैसला किया था। उन्होंने ही नागपुर के स्लम फुटबॉल क्लब की स्थापना की थी। झुण्ड का निर्देशन नागराज मंजुले (Nagraj Manjule) कर रहे हैं। मंजुले ने हिट मराठी फिल्म सैराट का निर्देशन किया था। सैराट को हिंदी में धड़क शीर्षक के साथ बनाया गया था। 



भारतीय टीम के फुटबॉल कोच अजय देवगन
इस साल की शुरू में, १९५६ के ओलंपिक्स में, भारत की फुटबॉल टीम को सेमी फाइनल तक पहुंचाने वाले भारतीय कोच सैयद अब्दुल रहीम पर फिल्म बनाने की घोषणा हुई थी। रूपहले परदे पर इस कोच की भूमिका को अजय देवगन (Ajay Devgan) कर रहे हैं। अजय देवगन इस भूमिका के लिए फुटबॉल की ट्रेनिंग ले रहे हैं। इस फिल्म का निर्देशन बधाई हो के डायरेक्टर अमित शर्मा (Amit Sharma) कर रहे हैं।  



अब फुटबॉल कोच बने शरद केलकर
गोलियों की रासलीला राम-लीला, भूमि और मोहन जोदड़ो जैसी फिल्मों में तीखे तेवर दिखाने वाले शरद केलकर (Sharad Kelkar) ने भी फुटबॉल कोच के जूतों में पैर डाल दिए हैं। वह शुभम सिन्हा (Shubham Sinha) की पहली निर्देशित अभी तक अनाम फिल्म में फुटबॉल कोच की भूमिका करेंगे। अभी यह जानकारी नहीं है कि शरद की फिल्म बायोपिक होगी या काल्पनिक फुटबॉल फिल्म होगी। अलबत्ता यह फिल्म इस कोच के संघर्ष के दिनों की कहानी होगी। फिल्म में इस भूमिका में, शरद को अपनी कॉलेज के दिनों में की गई फुटबॉल प्रैक्टिस मददगार साबित होगी। 



पहले भी बनी हैं फुटबॉल पर फ़िल्में
बॉलीवुड ने, पहले भी फुटबॉल पर भी कुछ अच्छी फ़िल्में बनाई हैं। प्रकाश झा (Prakash Jhas) की डेब्यू फिल्म हिप हिप हुर्रे फुटबॉल पर फिल्म थी। राज किरण (Raj Kiran) ने फुटबॉल टीचर की भूमिका की थी। जॉन अब्राहम (John Abraham) की फिल्म धन धनाधन गोल भी फुटबॉल पर फिल्म थी। गुरिंदर चड्डा (Gurinder Chadda) की फिल्म बेंड इट लिखे बेकहम भी अच्छी फुटबॉल फिल्मों में शुमार है।   


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Tuesday, 26 April 2016

गोपीनाथ मूंदे के किरदार में शरद केलकर

जीटीवी के सीरियल सात फेरे के नाहर सिंह के किरदार से मशहूर हुए शरद केलकर की बॉलीवुड यात्रा भी बड़ी प्रभावशाली रही है। संजयलीला भंसाली की फिल्म गोलियों की रास लीला :राम लीला में उनका लीला के भाई कांजी भाई ने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया। इस साल प्रदर्शित दो फिल्मों, हिंदी फिल्म रॉकी हैंडसम और तेलुगु फिल्म सरदार गब्बर सिंह में उनका नेगेटिव किरदार बहुत सराहा गया। अब वह एक बायोपिक फिल्म कर रहे हैं।  अपनी आगामी मराठी फिल्म "संघर्ष यात्रा" में  वह केंद्रीय मंत्री रहे गोपीनाथ मुंडे के किरदार  में नजर आएंगे। ​दिलचस्प बात यह है कि यह किरदार निभाने के लिए शरद केलकर  को खुद में शारीरिक रूपसे काफी बदलाव करने पड़े। किरदार के लुक में आने के लिए उन्हें कई घंटे ​मेक अप करने में बीत जाते। ​शरद कहते है " ​मेने पहली बार प्रोस्थेटिक्स मेक अप इस्तेमाल किया है। यह बेहद ही जटिल प्रोसेस है और इसमें ३ घंटो तक का समय लग जाता है। मुझे एक जगह बिना किसी मूवमेंट बैठना होता था और इससे मुझे बहुत नींद आती थी। गर्म तापमान के चलते यह मेरे लिए और भी चैलेंजिंग होगया था, क्यूंकि मुझे मेक अप में और ज्यादा पसीना आता है। यह मेरी परीक्षा जैसे रहा। मेक अप को निकालना और भी मुश्किल और तकलीफ देह होता था, क्यूंकि ग्लू चेहरे  से चिपका हुआ रहता था। शुक्र है की हमारी मेहनत का अच्छा नतीजा रहा। हमारा यह प्रयास बेहद अच्छा रहा।"