Saturday, 11 July 2015

हिंदी फिल्मों में बारिश यानि भीगी हीरोइन

क्या बिपाशा बासु की फिल्म के लिए बारिश के गीत की ज़रुरत है ? आम तौर पर, बॉलीवुड फिल्मों में बारिश का मतलब हीरोइन का भीगा बदन यानि सेक्स अपील का प्रदर्शन। इस लिहाज़ से बिपाशा बासु की सेक्स अपील उभारने के ए बारिश की ज़रुरत नहीं। हालाँकि, यही बिपाशा बासु एक बार नहीं कई बार पानी में भीगीं हैं। उनकी पिछले साल की हिट फिल्म ‘क्रीचर ३डी’ में एक बारिश गीत है ‘सावन आया आया रे' । यह गीत हीरो इमरान अब्बास और बिपाशा बासु पर फिल्माया गया है। लेकिन, इस गीत का उपयोग रोमांस पैदा करने के लिए हैं। कुछ ऐसा ही रोमांस फिल्म ‘चाँद के पार चलो’ के ‘यू आर रेनिंग’ गीत में भी उभरता है। 
हिंदी फ़िल्में चाहे आज की हों या पुराने ज़माने की, बारिश गीत प्रेम या रोमांस का इज़हार करने का जरिया बने हैं। स्वर्गीय राजकपूर ने इसे बरसात में ‘प्यार हुआ इकरार हुआ’ गीत में इतनी खूबी से उभरा कि आज भी यह गीत रोमांस का पर्याय बना आज की फिल्मों में आज के हीरो हीरोइन पर चलता नज़र आता है। बीच में बारिश गीतों का उपयोग नायिका की सेक्स अपील उभारने के लिए किया गया। इन बारिश गीतों में जीनत अमान तो जीनत अमान कला फिल्मों की नेत्री स्मिता पाटिल तक रपट कर अपने बदन का प्रदर्शन करने लगी। सत्तर और सके बाद की फिल्मों में बारिश गीत एक मसाले की तरह उपयोग हुए।  हालाँकि, इनका फिल्म की कहानी से कोई सरोकार नहीं था।  
क्या बारिश गीतों से फिल्मों को कामयाबी मिली ?
लेकिन, क्या बारिश गीत सचमुच फिल्म की कामयाबी में अपना हिस्सा बनाते हैं ? राजकुमार हिरानी की ब्लॉकबस्टर '3 ईडियट्स' में आमिर खान और करीना कपूर पर फिल्माए गीत 'जुबी डूबी' गीत और फिल्म 'दे दना दन' में अक्षय कुमार और कैटरीना कैफ के गीत 'आ गले लग जा' में दो बातें कॉमन हैं। पहली तो यह कि दो अलग-अलग जोडियों पर फिल्माए गए बारिश गीत हैं, जिन्हें फिल्मी भाषा में रेन सॉन्ग कहा जाता है । रेन सॉन्ग में डांस करने का करीना का अनुभव पुराना है,  लेकिन कैटरीना 'दे दना दन' में पहली बार फिल्मी बारिश में भीगी थीं । दूसरी समानता यह कि इन दोनों गीतों ने अपनी फिल्म के बिजनैस में कोई इजाफा नहीं किया । कैटरीना के उत्तेजक रेन सॉन्ग के बावजूद 'दे दना दन' सुपर हिट नहीं हो पाई, तो दूसरी तरफ '3 ईडियट्स' की जबरदस्त कामयाबी में 'जुबी डूबी' गीत का कोई योगदान नहीं रहा ।
श्रीदेवी भी भीगी और ऐश्वर्य भी
बारिश के पानी के जरिए दर्शकों को नायिका की सैक्स अपील की सप्लाई करना और अपनी फिल्म को हिट बनाना बॉलीवुड का पुराना ट्रेंड रहा है। यह अलग बात है कि कभी-कभी बारिश के उत्तेजक डांस नंबर के बावजूद फिल्में हिट नहीं हुई । 'यलगार' में संजय दत्त और नगमा के बीच बरसाती गाना 'आखिर तुम्हें आना है जरा देर लगेगी,  बारिश का बहाना है जरा देर लगेगी'  बारिश और नगमा की उत्तेजक सैक्स अपील से भीगा होने के बावजूद फिल्म को हिट नहीं करवा पाया । पंकज पाराशर की फिल्म 'चालबाज' में सनी देओल के साथ बारिश के पानी में भीगी श्रीदेवी 'किसी के हाथ न आएगी ये लडकी' गाती हुई सफेद टॉप में सैक्स अपील करती नजर आई । फिल्म 'मंजिल' में अमिताभ बच्चन और मौसमी चटर्जी पर फिल्माया गीत 'रिमझिम गिरे सावन' बेहद रोमांटिक होने के बावजूद दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींच नहीं पाया था ।
सेक्स अपील के लिए
हिंदी फिल्मों के ज्यादातर बारिश गीत नायिकाओं पर केंद्रित रहे हैं। 'गुरू' का 'बरसो रे मेघा बरसो' ऎश्वर्या की बारिश में भीगी चंचलता को दिखाता है,  तो 'मोहरा' का 'टिप टिप बरसा पानी' रवीना टंडन के बदन का भूगोल दर्शकों के सामने लाने की कोशिश करता है । 'मिस्टर इंडिया' का 'काटे नहीं कटते दिन ये रात'  भी श्रीदेवी का मादक चेहरा हमारे सामने लाता है । इसी तरह 'नया जमाना' का पॉपुलर गाना 'रामा रामा गजब हुई गवा रे' हेमामालिनी की सैक्स अपील को भुनाने के लिए ही रखा गया था। इसी सिलसिले में मनोज कुमार की फिल्म 'रोटी कपडा और मकान' की नायिका जीनत अमान का गीत 'हाय हाय ये मजबूरी ये मौसम ये दूरी' भी याद आता है। मनोज कुमार ने इससे पहले 'शोर' में 'पानी रे पानी तेरा रंग कैसा' गीत जया भादुडी के चारों ओर थिरकती नर्तकियों की सैक्स अपील को उभारने के लिए ही रखा था।
कामुक हो कर !

'आराधना' का रोमांटिक गाना 'रूप तेरा मस्ताना प्यार मेरा दीवाना'  नायक और नायिका को कामुक बना देता है । राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर बारिश में भीग जाते हैं । बारिश से बचने के लिए दोनों एक होटल मे ठहरते हैं । शर्मिला भीगे कपडे बदलकर तौलिया बांध लेती हैं, उनके इस रूप को देख राजेश खन्ना उत्तेजित हो जाते हैं । बैकग्राउंड में 'रूप तेरा मस्ताना' गीत बजता है और सुलगती आग के साथ दो प्रेमियों के सुलगते बदन एक हो जाते हैं। 'हम तुम' में सैफ अली खान और रानी मुखर्जी पर फिल्माया बारिश गीत 'सांसों को सांसों से' भी दोनों को कामातुर बना देता है। हिंदी फिल्मों में बारिश सैक्स अपील और रोमांस के अलावा रहस्य और रोमांच भी पैदा करती है । राहुल रवैल की फिल्म 'अर्जुन' का एक एक्शन सीक्वेंस बरसते पानी के बीच फिल्माया गया था। इसी तरह फिल्म 'लगान' में बारिश, सूखे से पीडित गांव वालों के चेहरों पर खुशियों की बरसात ले आती है।
पुराने बारिश गीतों की रूमानियत
नई फिल्मों की तुलना में पुरानी फिल्मों में बारिश गीत ज्यादा रूमानी होते थे, प्यार के साथ जज्बात की फुहार से भिगोने वाले। खास तौर पर राज कपूर और नर्गिस के बीच खूबसूरत रोमांटिक गीत फिल्माए गए। 1949 में आई 'बरसात' का 'बरसात मे हमसे मिले तुम सजन तुमसे मिले हम' और 1955 में रिलीज हुई 'श्री 420' का 'प्यार हुआ इकरार हुआ' बेहद रूमानी गीतों में शुमार किए जाते हैं। 'काला बाजार' का बारिश गीत 'रिमझिम के तराने ले के आई बरसात' गीत बरसों पहले बिछडे देव आनंद और वहीदा रहमान के मिलन का जरिया बन जाता है। बरसाती गीत मधुबाला पर काफी फिट बैठते थे। मधुबाला की फिल्म 'बरसात की रात' हो या 'चलती का नाम गाडी', बरसात में भीगी उनकी देह दर्शकों को निहाल कर दिया करती थी। 


मार्वेल सिनेमेटिक यूनिवर्स के सुपर हीरो

मार्वेल कॉमिक्स के पॉपुलर सुपर हीरो की सीरीज में ‘अंट-मैन’ सबसे नया है, जिसे मार्वेल सिनेमेटिक यूनिवर्स परदे पर ला रहा है। इस सुपर हीरो को परदे पर पॉल रड कर रहे हैं। इस फिल्म के एक किरदार स्कॉट लैंग को इतनी ताकत मिल जाती हैं कि वह खुद को अपनी सुपर पॉवर के साथ चींटी में बदल सकता है। मार्वेल ने इस किरदार को आयरन मैन की तरह कॉमेडी लहजे में रखा है। मार्वेल कॉमिक्स ने जब मार्वेल सिनेमेटिक यूनिवर्स के जरिये जब अपने सुपर हीरो कॉमिक्स किरदारों को परदे पर लाने की योजना बनाई थी तो इसे तीन फेज में बांटा गया था। पहले फेज में पांच फ्रैंचाइज़ी फ़िल्में बनाने की योजना थी।  इसके अंतर्गत चार भिन्न सुपर हीरो पर फ़िल्में और एक क्रॉसओवर फिल्म बनाई गई। २०१२ में रिलीज़ पहली क्रॉसओवर फिल्म 'द एवेंजरस' थी।  दूसरे फेज में दो फीचर फिल्मों के अलावा तीन सीक्वल फ़िल्में बनाई गई।  क्रॉसओवर फिल्म में 'एवेंजरस: एज ऑफ़ अल्ट्रान' थी ।  यह फिल्म २०१५ में रिलीज़ हुई।  तीसरे फेज में पहले और दूसरे फेज की सुपर हीरो फिल्मों की तीन सीक्वल फ़िल्में और पांच नई फ़िल्में बनाई जानी हैं। क्रॉसओवर फिल्मों में एवेंजरस को दो हिस्सों इनफिनिटी वॉर १ और २ में बनाया जायेगा। 
अलग सुपर हीरो अलग एक्टर  
मार्वेल सिनेमेटिक यूनिवर्स की सभी सुपर हीरो फ़िल्में मार्वेल कॉमिक्स के किरदारों पर थी।  इसके बावजूद इन सुपर हीरो किरदारों को किसी एक एक्टर ने नहीं किया।  हर सुपर हीरो के लिए अलग एक्टर को अनुबंधित किया गया।  इन सुपर हीरो किरदारों को करके हॉलीवुड के बड़े बड़े एक्टर सुपर हीरो बन गए।  रोबर्ट डाउनी जूनियर को दुनिया के दर्शक आयरन मैन सीरीज की तीन फिल्मों [आयरन मैन १ (२००८), आयरन मैन २ 
(२०१०) और आयरन मैन ३ (२०१३) ] के टोनी स्टार्क उर्फ़ आयरन मैन के रूप में पहचाना जाता है।  क्रिस 
हैम्सवर्थ ने २०११ में पहली बार थॉर का किरदार फिल्म थॉर में किया था।  उनकी दूसरी फिल्म थॉर: द डार्क वर्ल्ड आने तक क्रिस हैम्सवर्थ सुपर हीरो थॉर के रूप में मशहूर हो गए थे। वह २०१७ में रिलीज़ होने वाली फिल्म थॉर: रेग्नरॉक में भी थॉर के किरदार में नज़र आयेंगे।  २०११ में मार्वेल सिनेमेटिक यूनिवर्स की फिल्म कैप्टेन अमेरिका: द फर्स्ट एवेंजर रिलीज़ हुई थी।  यह फिल्म सुपर हिट रही।  इसके बाद इस सुपर हीरो फिल्म की सीक्वल फिल्म 'कैप्टेन अमेरिका: द विंटर सोल्जर' रिलीज़ हुई।  इस फिल्म का सैनिक किरदार स्टीव रॉजर एक डरपोक सैनिक माना जाता है। उसकी मौत युद्ध के मोर्चे पर हो जाती है और उसकी लाश बर्फ में गहरे दफन हो जाती है।  कई साल बाद स्टीव रॉजर अपनी बर्फ की कब्र से उठ खड़ा होता है।  उसमें अब सुपर पावर आ गई है।  वह अमेरिका के दुश्मनों से निबटने के कारण कैप्टेन अमेरिका कहलाता है।  इस किरदार को परदे पर क्रिस इवांस ने किया था।  क्रिस इवांस  २०१६ में रिलीज़ होने जा रही फिल्म कैप्टेन अमेरिका: सिविल वॉर में भी सुपर हीरो का किरदार करेंगे।  यहाँ दिलचस्प तथ्य यह है कि मार्वेल सिनेमेटिक यूनिवर्स ने जो क्रॉसओवर फिल्म द एवेंजरस (२०१२) बनाई, उसमे यह तीनों सुपर हीरो आयरन-मैन, थॉर और कैप्टेन अमेरिका अन्य सुपर हीरोज के साथ शामिल थे।  इन तीनो की एक साथ फिल्म एज ऑफ़ अल्ट्रान इसी साल रिलीज़ हुई है।  
आयरन-मैन, थॉर और कैप्टेन अमेरिका के अलावा कुछ अन्य सुपर हीरो किरदारों पर भी मार्वेल सिनेमेटिक यूनिवर्स ने कुछ अन्य सुपर हीरो किरदारों पर फ़िल्में बनाई हैं।  इन सुपर हीरो किरदारों को करने वाले अभिनेताओं को भी उनके किरदारों के कारण बढ़िया सफलता मिली।  इनमे से कुछ किरदार और उनके एक्टर निम्न हैं _ 
द हल्क- 
खुद के शरीर को सुपर पावर रखने वाले दैत्याकार हल्क में बदल लेने वाले सुपर हीरो की भूमिका एडवर्ड नॉर्टन ने की थी।  द हल्क सीरीज की पहली फिल्म द इनक्रेडिबल हल्क २००८ में रिलीज़ हुई थी।  ब्रुक बनर को अपना शरीर बदल कर द हल्क बन जाने की  सुपर पावर मिली हुई है।  यहाँ बताते चलें कि मार्वेल की क्रॉसओवर फिल्म अवेंजर्स की दोनों फिल्मों में द हल्क एडवर्ड नॉर्टन नहीं, बल्कि मार्क रुफलो बने थे।  
स्टार लार्ड- 
गार्डियंस ऑफ़ द गैलेक्सी (२०१४) का सुपर पावर वाला किरदार पीटर क्विल का है।  इस किरदार को स्टार-लार्ड बन कर यूनिवर्स की रक्षा करने की शक्ति मिली हुई है। फिल्म में यह किरदार अभिनेता क्रिस प्राट ने की थी। यह फिल्म सुपर हिट हुई थी।  इस फिल्म का सीक्वल गार्डियंस ऑफ़ द गैलेक्सी २ बनाया जा रहा है। २०१७ में  रिलीज़ होने वाली इस फिल्म में क्रिस प्राट ही स्टार-लार्ड का किरदार करेंगे।  
अंट-मैन -  
१७ जुलाई को रिलीज़ होने वाली नवीनतम सुपर हीरो फिल्म अंट-मैन में दो चींटी आदमी है।  स्कॉट लैंग उर्फ़ अंट-मैन का  पॉल रड कर रहे हैं तो दूसरे अंट-मैन  हेंक पीम का किरदार माइकल डगलस कर रहे हैं। पॉल रड ने फिल्म कैप्टेन अमेरिका : सिविल वॉर में भी अंट-मैन का रोल कर रहे हैं।  
डॉक्टर स्ट्रेंज- 
२०१६ में रिलीज़ होने जा रही सुपर हीरो फिल्म का नायक स्टीफेन स्ट्रेंज सुपर हीरो डॉक्टर स्ट्रेंज का रूप धर सकता है।  इस किरदार को अभिनेता बेनेडिक्ट कम्बरबैच कर रहे हैं।  
ब्लैक पैंथर - 
यह भी एक सुपर हीरो किरदार है। यह पहला सुपर हीरो हैं जो अश्वेत है।  फिल्म का नायक टी'चल्ला काले लिबास में अपने राज्य की रक्षा करने के लिए निकालता है।  इस क्रीडार को चैडविक बोसेमन कर रहे हैं।  ब्लैक पैंथर २०१८ में रिलीज़ होनी है।  बोसेमन कैप्टेन अमेरिका : सिविल वॉर में भी ब्लैक पैंथर का किरदार कर रहे होंगे।  
स्पाइडर-मैन- 
स्पाइडर-मैन सीरीज की फिल्मों का रिबूट २८ जुलाई २०१७ को रिलीज़ होगा।  इस फिल्म में पीटर पार्कर के स्पाइडर-मैन बनने और इसके दौरान की कहानी है।  फिल्म में युवा पीटर पार्कर का किरदार अभिनेता टॉम हॉलैंड करेंगे।  

अल्पना कांडपाल 

'दृश्यम' का नया पोस्टर

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Friday, 10 July 2015

अजय देवगन, श्रिया शरण और तब्बू की फिल्म दृश्यम का म्यूजिक लांच हुआ (फोटोज)

नहीं रहे डॉक्टर ज़ीवागो 'ओमर शरीफ'

मिस्र की रेत से हॉलीवुड के आकाश पर छा जाने वाली मिस्री अभिनेता ओमर शरीफ का निधन हो गया। वह ८३ साल के थे।  मेल्कीट ग्रीक कैथोलिक पिता की १० अप्रैल १९३२ को पैदा संतान माइकल दमित्री चल्होब ने इस्लाम धर्म ग्रहण का अपना नाम ओमर शरीफ रख लिया था।  उन्होंने शिरा फिल-वाड़ी, द लेबनानी मिशन, डार्क वाटर, आदि जैसी कोई दो दर्जन मिस्री फिल्मों में अभिनय किया। उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकाया डेविड लीन की वॉर फिल्म 'लॉरेंस ऑफ़ अरबिया' ने।  इस फिल्म में मुख्य भूमिका पीटर ओ टूल की थी।  ओमर शरीफ ने फिल्म में लॉरेंस की युद्ध में मदद करने वाले अरब योद्धा शरीफ अली का किरदार किया था।  इस फिल्म के लिए उन्हें ऑस्कर पुरस्कारों की बेस्ट सपोर्टिंग रोल की श्रेणी में नॉमिनेशन मिला।  उन्हें इस फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर और बेस्ट एक्टर ऑफ़ द ईयर का गोल्डन ग्लोब अवार्ड मिला।  साठ के दशक में ओमर शरीफ का इंग्लिश फिल्मो में डंका बजा।  हालाँकि, उनका हॉलीवुड करियर बहुत छोटा रहा।  लेकिन, इस बीच उन्होंने द फॉल ऑफ़ द रोमन एम्पायर, बेहोल्ड अ पेल हॉर्स, द येलो रोल्स-रॉयस, चंगेज़ खान, डॉक्टर जीवगो, द नाईट ऑफ़ द जनरल्स, फनी गर्ल और चे उनकी उल्लेखनीय फ़िल्में थी।  डॉक्टर जीवगो के लिए उन्हें गोल्डन ग्लोब अवार्ड मिला।  ओमर शरीफ ने बतौर फिल्म अभिनेता २००३ में एक बार फिर वापसी की।  उन्होंने फ्रेंच फिल्म मोंसिेउर इब्राहिम में एक मुस्लिम दुकानदार का किरदार किया था।  इस रोल के लिए उन्हें वेनिस फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला। इस फिल्म के बाद उन्होंने हिडैल्गो, वॉर, इंक और रॉक द कस्बाह जैसी कुछ दूसरी फिल्मों में भी अभिनय किया। उन्हें फिल्म मोंसिेउर इब्राहिम के लिए फ्रांस का ऑस्कर पुरस्कार माना जाने वाला बेस्ट एक्टर का सीज़र अवार्ड मिला। यहाँ उल्लेखनीय है कि भारतीय फिल्मों के एक्शन डायरेक्टर शाम कौशल ने ओमर शरीफ को फिल्म वन नाइट विथ द किंग में डायरेक्ट किया था।



परदे पर 'बाहुबली' की ताक़त नज़र आती है

मानना पड़ेगा कि साउथ में टैलेंट भरा पडा है. क्या शानदार फिल्म है बाहुबली. एस एस राजामौली जैसा डायरेक्टर इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के लिए नगीना है . एक ऐतिहासिक फिल्म को इस शानदार तरीके से परदे पर उतारा है कि दक्षिण का प्राचीन राज्य महिष्मति आँखों के सामने तैर जाता है . राजामौली ने अपने करैक्टरस के लिए एक्टर्स का बढ़िया चुनाव किया है. हर एक्टर अपने किरदार में फिट है और स्वाभाविक है . बाहुबली उर्फ़ शिवुडू के किरदार में प्रभास का हिंदी दर्शकों से यह पहला परिचय है. वह प्रभावित करते हैं. भल्लाल देवा की भूमिका में राना दगुबाती खूब जमे हैं .वैसे हिंदी दर्शक उनसे परिचित हैं . अवंतिका की भूमिका करने वाली अभिनेत्री तमन्ना भाटिया हिंदी फिल्मों की ही दें हैं. वह एक्शन और रोमांस में फबती हैं. अनुष्का शेट्टी राजमाता देवसेना बनी हैं. बालों में सफेदी पोते हैं. लेकिन, बाहुबली के दूसरे हिस्से में वह सेक्सी अंदाज़ मे नज़र आयेंगी . भल्ल्लाल देवा के पिता बिज्जल देवा बने नासर को दर्शक राऊडी राठोर के विलेन के बतौर खूब पहचानते हैं. कटप्पा के किरदार में सत्यराज प्रभावित करते हैं. असलम खान के रूप में सुदीप के लिए करने को कुछ भी नहीं था. उन्हें भी हिंदी दर्शक रक्त चरित्र के दोनों पार्ट्स में तथा मक्खी में देख चुके हैं. फिल्म में एम्एम् क्रीम का संगीत फिल्म को गति नहीं दे पाता. वी विजयेन्द्र प्रसाद और एस एस राजामौली पहले हिस्से में कहानी बिल्ड करते रहे, इसलिए कहीं कहीं गति धीमी है. लेकिन, मध्यांतर के बाद युद्ध के दृश्यों से फिल्म में ज़बरदस्त तेज़ी आती है . फिल्म के सेट शानदार और भव्य हैं . वीऍफ़एक्स अदेल अदिली और उनकी टीम का काम तारीफ के काबिल है. इसमे फिल्म के सिनेमेटोग्राफर सेंथिल कुमार, प्रोडक्शन डिज़ाइनर साबू सायरिल. आर्ट डायरेक्टर मनु जगाध का इसमे ख़ास योगदान था. इस फिल्म को इसकी भव्यता, शानदार अभिनय, एक्शन और विशेष प्रभाव वाले दृश्यों के कारण ज़रूर देखा जाना चाहिए . वैसे इस फिल्म का दूसरा हिस्सा ज़बरदस्त बनेगा.

Thursday, 9 July 2015

शाहरुख़ खान की फिल्म 'फैन' का ट्रेलर रिलीज़

यशराज फिल्म ने आज शाहरुख़ खान की फिल्म 'फैन' का  टीज़र रिलीज़ करते हुए फिल्म की रिलीज़ की तारीख भी तय कर दी।  मनीष शर्मा की इस फिल्म में शाहरुख़ खान दोहरी भूमिका में है।  वह एक सुपर स्टार बने हैं।  उनकी मुलाकात अपने एक हमशक्ल फैन से होती है।  उस हमशक्ल को देख कर सुपर स्टार को एक आईडिया आता है।  दोनों अपनी जगह बदल लेते हैं।  अब होता क्या है यह देखना दिलचस्प होगा।  यह फिल्म अगले साल १५ अप्रैल को रिलीज़ होगी।

निर्माता सनी देओल की पंजाबी फिल्म 'रमता जोगी'

निर्माता सनी देओल की विजयेता फिल्म्स के बैनर तले पंजाबी फिल्म 'रमता जोगी' का ट्रेलर. इस फिल्म से सनी देओल और गुड्डू धनोवा का एक बार फिर साथ हो रहा है . इस एक्शन रोमांस फिल्म में दीप सिद्धू और रोनिका सिंह का लीड रोमांटिक जोड़ा है . फिल्म में राहुल देव, ग्रीश सहदेव, ज़फर ढिल्लों, अनिल ग्रोवर, आदि भी खास भूमिका में हैं . निर्माता विजय सिंह धनोआ के इम्पॉसिबल फिल्मस के साथ सनी देओल की यह फिल्म १४ अगस्त को रिलीज़ हो रही है . 

रोल के लिए बाल बढ़ाएंगे सैफ अली खान

खबर है कि सैफ अली खान को अपने बाल बढ़ाने के लिए कह दिया गया है।  लव शव ते चिकन खुराना की फिल्म जुगलबंदी में सैफ एक थोड़ा बेईमान म्यूजिक एजेंट का किरदार कर रहे हैं, जो नए टैलेंट को ढूंढ कर लाता है और उनसे अपनी कमाई करता है।  यह एक म्यूजिकल फिल्म होगी।  जिसमे गीतों की भरमार होगी।  इस फिल्म का निर्माण सलमान खान कर रहे हैं।  सैफ के पसंदीदा जैज़ और ब्लूज हैं।  लेकिन, फिल्म में रॉक एन रोल  भी होंगे।  जब फिल्म में गीतों की भरमार हो और बेगम करीना कपूर खान के आइटम इतने हॉट  हो तो उनका एक आइटम बनता ही है। 

Wednesday, 8 July 2015

लाखों नहीं, सितारों के बच्चे हैं निगाहों में

सिल्वर स्क्रीन पर अभी खान अभिनेताओं और अक्षय कुमार और अजय देवगन का जलवा बाक़ी है। इसके बावजूद निर्माताओं को ताज़ादम चेहरों की तलाश है। हर वह चेहरा, जो प्रोमिसिंग नज़र आता है, फिल्म निर्माताओं को आकर्षित कर लेता है। ऎसी तलाश में भी फिल्म निर्माताओं को सितारों के बच्चे ज्यादा प्रोमिसिंग लगते हैं, क्योंकि, उनके साथ अपने स्टार पेरेंट्स का आभा मंडल जो होता है। वैसे ग्लैमर वर्ल्ड में पहली सांस लेने वाले बॉलीवुड सितारे भी चाहते हैं कि उनके बच्चे भी उनकी तरह फिल्म स्टार बने। तभी तो श्रीदेवी अपनी टीनएज बिटिया जाह्नवी को हर मौके पर साथ लिए घूमती नज़र हैं। कोई शक नहीं अगर कुछ महीनों में काफी नए स्टार संस और डॉटर ७० एमएम के परदे पर जलवा दिखाते नज़र आयें-
टीना उर्फ़ नर्मदा आहूजा (गोविंदा की बेटी)- 
गोविंदा की बेटी नर्मदा की टीना आहूजा बन कर पहली फिल्म ‘सेकंड हैण्ड हस्बैंड’ ३ जुलाई को रिलीज़ हुई है। इस फिल्म में पंजाबी दर्शकों की नब्ज़ थामने वाले निर्देशक समीप कंग और पंजाबी फिल्मों के सुपर स्टार गिप्पी ग्रेवाल के होने के बावजूद टीना आहूजा का डेब्यू बेकार गया लगता है। कमज़ोर कहानी और प्रस्तुति के कारण यह फिल्म दर्शकों को सिनेमाघरों तक कहीं पाने में नाकामयाब रही है। खुद टीना भी अभिनय के मामले में कमज़ोर नज़र आती है। 
सूरज पंचोली (आदित्य पंचोली और ज़रीना वहाब का बेटा)- 
अभी पिछले दिनों सूरज पंचोली की डेब्यू फिल्म ‘हीरो’ का फर्स्ट लुक पोस्टर जारी किया गया। इस पोस्टर में सूरज नंगी पीठ के साथ खड़े हुए हैं। सूरज रफ़ टफ लुक वाले अभिनेता लगते हैं। उन्हें डांस ट्रेनिंग ली है। मार्शल आर्ट्स में माहिर हैं। एक्टिंग का कोर्स भी किया है। संजय लीला भंसाली को फिल्म ‘गुज़ारिश’ और कबीर खान को ‘एक था टाइगर’ में असिस्ट कर चुके हैं। चौबीस साल के सूरज को सलमान खान प्रमोट कर रहे हैं।  हीरो सलमान खान प्रोडक्शन की ही फिल्म है। 
अतिया शेट्टी (सुनील शेट्टी की बेटी)- हीरो में सूरज पंचोली की नायिका अभिनेता सुनील शेट्टी की बेटी अतिया शेट्टी हैं। वह न्यूयॉर्क फिल्म अकादमी से फिल्म मेकिंग और अन्य विधाएं सीख कर आई हैं। २३ साल की अतिया की सूरज के साथ फिल्म ‘हीरो’ अस्सी के दशक की जैकी श्रॉफ और मीनाक्षी शेषाद्री की फिल्म हीरो का रीमेक है। वह फिल्म में मीनाक्षी वाला किरदार कर रही हैं, जबकि सूरज जैकी श्रॉफ वाले रोल में हैं। यह फिल्म ४ सितम्बर को रिलीज़ होगी।  
सुहाना और आर्यन (शाहरुख़ खान के बच्चे)- बॉलीवुड के बादशाह खान की बेटी सुहाना और बेटा  आर्यन अभी टीन-एज में हैं। दोनों ही अपने अब्बा हुज़ूर की तरह फिल्म एक्टर बनना कहते हैं। सुहाना अपने स्कूल की फुटबॉल टीम की कैप्टेन हैं। आर्यन अपने नक़्शे कदम पर चलते हुए लड़कियों के साथ फोटो खिंचवा कर सोशल साइट्स पर पोस्ट करने के शौक़ीन हैं। एक फोटो में वह जस्टिन बिबर की तरह दो लड़कियों से चूमे जाते हुए दिखाए गए हैं। इससे पता चलता है कि वह रूपहले परदे से कितना लगाव रखते हैं। हालाँकि, इस समय आर्यन लन्दन में पढ़ रहे हैं, लेकिन देर सबेर सुहाना और आर्यन का फिल्मों में आना निश्चित है। 
हर्षवर्द्धन कपूर (अनिल कपूर का बेटा)- जब अनिल कपूर की बेटी सोनम फिल्मों में हो तो बेटा कैसे पीछे रहे। उनके २३ साल के बेटे हर्षवर्द्धन कपूर भी फिल्म में आने को तैयार हैं। हर्षवर्द्धन ने बॉम्बे वेलवेट में अनुराग कश्यप के  सहायक के बतौर काम किया है। वह राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म ‘मिर्ज़ा साहिबां’ से फिल्म डेब्यू कर रहे है। उल्लेखनीय है कि सोनम कपूर भी मेहरा की फिल्म ‘डेल्ही ६’ में मुख्य भूमिका कर चुकी हैं। यह फिल्म मिर्ज़ा ग़ालिब की साहिबां से प्रेम कहानी है। 
जुनैद खान (आमिर खान का बेटा)- 
आमिर खान अपने बेटे जुनैद को फिल्म एक्टर बनाने के लिए बड़ी सावधानी से काम ले रहे हैं। उन्होंने जुनैद को फिल्म डायरेक्शन सीखने की सलाह दी है। जुनैद अपने पिता की राजकुमार हिरानी निर्देशित फिल्म ‘पीके’ में हिरानी के असिस्टेंट थे। उन्होंने अपने पिता के अभिनय को नज़दीक से देखा है। वैसे पीके से जुड़े लोगों का कहना था कि जुनैद ने अभी तक एक्टिंग के प्रति कोई झुकाव नहीं दिखाया है। लेकिन, जिस प्रकार से स्टार संस का कैमरे के सामने का रास्ता कैमरे के पीछे से हो कर जाता है, जुनैद का देर सबेर फिल्मों में आना निश्चित सा लगता है।

सारा अली खान (सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी)- सारा अली खान भी टीनएज हैं। उनके चारों ओर पिता और माँ का ग्लैमर है। वह काफी स्टाइलिश तरीके से रहती है। वह ग्लैमरस भी हैं, इसलिए उनके पास फिल्मों के प्रस्ताव आ रहे हैं।  
करण देओल और राजवीर देओल (सनी देओल के बेटे)- करण देओल एक ऐसा स्टार सन है, जिस पर फिल्म निर्माताओं की ऑंखें लम्बे समय से लगी हुई हैं। वह २४ साल के आकर्षक व्यक्तित्व के युवक हैं। कुछ समय पहले यह खबर थी कि यशराज फिल्म्स उन्हें लांच करना चाहती है। लेकिन,
सनी देओल खुद के निर्देशन में करण को लांच करने का इरादा रखते हैं। यह भी अफवाह है कि वह इम्तियाज़ अली या अनिल शर्मा में से किसी की फिल्म से डेब्यू करेंगे। बहरहाल, करण को चाहे कोई भी लांच करे, लेकिन, सनी देओल सही कहानी मिलने तक करण को कैमरा के सामने नहीं आने देंगे। जहाँ तक करण के छोटे भाई राजवीर का सवाल है, उन्होंने जुनैद की तरह अभिनय में ख़ास रूचि नहीं दिखाई है। लेकिन, इंडस्ट्री को यकीन है कि एक न एक दिन वह भी कैमरा के सामने होंगे।
त्रिशला दत्त (संजय दत्त और ऋचा शर्मा की बेटी)- त्रिशला अमेरिका में पली बढ़ी हैं। लेकिन बॉलीवुड में एंट्री करना उनका सपना है। उन्होंने संजय दत्त की अनुमति से अटलांटिक थिएटर एक्टिंग स्कूल में दाखिल लेकर एक्टिंग के गुर सीखे हैं। लेकिन, त्रिशला का इरादा अपने पिता के नहीं खुद के दम पर बॉलीवुड में अपनी जगह बनाना है।
सिद्धांत कपूर (शक्ति कपूर और शिवांगी कोल्हापुरे का बेटा)- सिद्धांत की बहन श्रद्धा शर्मा आज बड़ी स्टार बन चुकी हैं। इसलिए सिद्धांत का भी फिल्मों के लिए मचलना स्वाभाविक है। वह प्रोफेशन से डीजे है। खबर है कि उन्हें ‘सत्ते पे सत्ता’ के रीमेक में शक्ति कपूर द्वारा किया गया रोल दिया जा सकता है। 

पिक्चर अभी बाकी है दोस्त ! बॉलीवुड स्टार्स के बेटे बेटियों की लिस्ट यहीं ख़त्म नहीं होती। अभी जो बच्चे हैं, वह कल जवान होंगे। उन पर भी इंडस्ट्री की निगाहें लगेंगी। उनमे काफी कैमरे के सामने आयेंगे। इनमे से कुछ सफल होंगे, कुछ असफल होंगे। जो असफल होंगे, वह कोई दूसरा कारोबार देखेंगे। जो सफल होंगे वह प्रेरित करेंगे भविष्य में स्टार किड्स को। 

क्या इस 'बजरंगी' को ईदी मिलेगी 'भाईजान' !

सलमान खान की फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ को ट्रेड से जुड़े लोग ५०० करोड़ की फिल्म बता रहे हैं। इसके वाजिब कारण भी हैं। पहला तो यह कि बजरंगी भाईजान सलमान खान के पसंदीदा वीकेंड ईद वीकेंड में रिलीज़ हो रही है। हालाँकि, यह वीकेंड एक्सटेंडेड वीकेंड नहीं है, न ही ईद के आगे पीछे कोई दूसरा त्यौहार है। इसके बावजूद सलमान खान की फिल्म के लिए १५ दिनों के लिए खुला बॉक्स ऑफिस है। बजरंगी भाईजान के बाद रिलीज़ होने वाली बड़ी फिल्म अजय देवगन की निशिकांत कामथ निर्देशित दृश्यम ही है। इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि इतने लम्बे समय तक बॉक्स ऑफिस पर कोई गम्भीर मुकाबला न होना, बजरंगी भाईजान के लिए अच्छी कमाई का सबब बन सकेगा।
सलमान खान २००९ से बॉक्स ऑफिस पर अकेले ही ईद मनाते चले आ रहे हैं। २००९ में ‘वांटेड’ सुपर हिट हुई थी। इसके बाद सलमान खान की ईद रिलीज़ फिल्मों दबंग, बॉडीगार्ड, एक था टाइगर और किक ने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बनाए . लेकिन, इस बार सलमान खान की राह इतनी आसान नहीं होगी। हालाँकि, कोई बड़ी हिंदी फिल्म १७ जुलाई को रिलीज़ नहीं हो रही, लेकिन इस बार उन्हें कुछ क्षेत्रों में खुला बॉक्स ऑफिस नहीं मिलेगा। 
सलमान खान पूरे देश के हीरो हैं। उनकी फ़िल्में दक्षिण की भाषाओं में डब हो कर तो रिलीज़ नहीं होती, लेकिन, सलमान खान के कारण दक्षिण के दर्शक भी हिंदी फिल्मों को देखते हैं। मगर इस १७ जुलाई को सलमान खान के सामने दक्षिण के सुपर स्टार धनुष होंगे। सलमान खान की फिल्मों की तरह उनकी फिल्मों का भी दक्षिण के दर्शकों को इंतज़ार रहता है। इस बार ईद वीकेंड में धनुष की तमिल फिल्म ‘मारी’ रिलीज़ हो रही है। फिल्म की नायिका काजल अग्रवाल हैं। १७ जुलाई को रिलीज़ होने जा रही तेलुगु फिल्मों में विजय और काजल अग्रवाल की फिल्म ‘जिलला’ उल्लेखनीय है। मलयालम इंडस्ट्री से भी खबर अच्छी नहीं है। मलायली सिनेमा के सुपर स्टार मम्मूती की फिल्म ‘अच्छा दिन’ १८ जुलाई को रिलीज़ हो रही है। इसलिए सलमान खान की फिल्म को कम से कम दक्षिण में काफी कम स्क्रीन्स मिलेंगे। उस पर कोढ़ में खाज का काम किया है करण जौहर ने, जिन्होंने दक्षिण की फिल्म ‘बाहुबली’ को पूरे ताम झाम से हिंदी बेल्ट में उतारना शुरू कर दिया है। अगर एस एस राजामौली की यह फिल्म दर्शकों के बीच क्लिक कर गई तो सलमान खान को हिंदी बेल्ट में अतिरिक्त प्रिंट मिलने में परेशानी हो सकती है। 
सलमान खान की निगाहें विदेशी बाजार पर भी है। ख़ास कर खान अभिनेताओं की फिल्मों के लिहाज़ से पाकिस्तान और खाड़ी के यूनाइटेड अरब अमीरात जैसे देश अच्छा बिज़नस करने वाले सेंटर हैं। सलमान खान चाहेंगे कि उनकी फिल्म बजरंगी भाईजान इन देशों में ज्यादा से ज्यादा प्रिंट्स में रिलीज़ हो और ज्यादा से ज्यादा कलेक्शन करे। लेकिन, वहां भी ऐसा होता नहीं लग रहा है। इसमे आड़े आ रही है शाहरुख़ खान की फिल्म की एक पाकिस्तानी अभिनेत्री। पाकिस्तानी एक्ट्रेस माहिरा खान फिल्म रईस में शाहरुख़ खान की नायिका हैं। पाकिस्तानी सीरियल ‘हमसफ़र’ की नायिका माहिरा खान की फिल्म ‘बिन रोये’ ईद वीकेंड पर रिलीज़ को तैयार है। इस फिल्म में उनके सह कलाकार हुमायूँ सईद और राणा खान हैं। इस फिल्म का आक्रामक प्रचार किया जा रहा है ताकि ईद के दौरान यह पाकिस्तानी फिल्म पाकिस्तान और दुबई में ज़बरदस्त बिज़नस करे। इस फिल्म का म्यूजिक दुबई में किया गया। किसी पाकिस्तानी फिल्म का ऐसा प्रमोशन कभी नहीं हुआ। निर्माता का इरादा बिन रोये को यूनाइटेड अरब अमीरात के अलावा बहरीन और ओमान में भी ईद पर रिलीज़ करने का है। पाकिस्तान में इस फिल्म के प्रति उत्साह है। प्रदर्शक भी ऐसा मानते हैं कि महिरा खान और हुमायूँ सईद की दो बहनों की यह कहानी दर्शकों के लिए ईद का तोहफा है।  
सलमान खान ज़बरदस्त ईद मनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। उनकी ईद रिलीज़ फिल्म के नाम के साथ बजरंगी और भाईजान जुड़ा है। ट्रेड को उम्मीद है कि भाईजान मुस्लिम दर्शकों को आकर्षित करेंगे और बजरंगी हिन्दू दर्शकों को। इस प्रकार से १५ दिन का वीकेंड बजरंगी भाईजान को ५०० करोड़ कि फिल्म बना ही देगा। लेकिन उलटा भी हो सकता है। ईद मुस्लिम समुदाय का त्यौहार है। वह अपने प्रिय अभिनेता की फिल्म वीकेंड में देखना चाहेगा। लेकिन, फिल्म के टाइटल के साथ लगा ‘बजरंगी’ कट्टर आबादी को धार्मिक लग कर उन्हें बिदका सकता है। रिकॉर्ड तोड़ वीकेंड के लिहाज से यह नुक्सानदेह साबित हो सकता है। ऐसे में काफी कुछ माउथ पब्लिसिटी पर डिपेंड करेगा। लेकिन, क्या कभी सलमान खान की फिल्म माउथ पब्लिसिटी के सहारे चली है ! 
इसीलिए बजरंगी भाईजान के तीनों खानों- सलमान खान, करीना कपूर खान और कबीर खान  ने फिल्म के लिए एक प्रमोशनल सॉंग शूट किया है। प्रमोशनल सॉंग ‘आज की पार्टी मेरी तरफ से’ ख़ास ईद सेलिब्रेशन के अंदाज़ में शूट हुआ है। यह मुस्लिम आबादी को रिझाने की कोशिश करेगा। सलमान खान ने भी पाकिस्तानी दर्शकों को सन्देश दे दिया है कि अगर उनकी फिल्म ईद में पाकिस्तान में रिलीज़ होती है तो वह फिल्म के प्रीमियर में पाकिस्तान आएंगे। लेकिन, क्या इतनी सब कलाबाजी का इस ‘बजरंगी’ को कोई फायदा होगा ‘भाईजान’ ?

Choon Choon Karti Aai Chidiya - Ab Dilli Door Nahin - Bollywood Kids Son...

Tuesday, 7 July 2015

ह्रितिक रोशन और सोनम कपूर एक गाने की शूटिंग पर

कल तुर्की में ह्रितिक रोशन और सोनम कपूर ने १९९० की फिल्म 'आशिक़ी' के एक गीत 'धीरे धीरे से मेरी ज़िन्दगी में आ जाना' का  रीक्रिएट वर्शन की शूटिंग की।  इस गीत को यो  यो हनी सिंह के द्वारा रीक्रिएट किया गया है।  यह हनी सिंह द्वारा रीक्रिएट किये गए गीतों के एल्बम का वीडियो है। भूषण कुमार ने अपने पिता गुलशन कुमार को श्रद्धांजलि स्वरुप यह गीत रीक्रिएट कराया है।  गुलशन कुमार का यह पसंदीदा गीत है।  इस गीत में राहुल रॉय और अनु अग्रवाल को एक दूजे में खोये हुए दिखाया गया था।  कुछ इस प्रकार के है ह्रितिक रोशन और सोनम कपूर के बीच का यह वीडियो सांग !
Hrithik and Sonam Kapoor shoot evergreen romantic song Dheere Dheere Se

Monday, 6 July 2015

कौन कहता है सेक्सी नहीं है 'कैबरे की ऋचा चड्ढा

गैंग्स ऑफ़ वासेपुर, फुकरे, राम-लीला, तमंचे, आदि फिल्मों में अलग अलग भूमिकाएं कर चुकी ऋचा चड्ढा का एक नया रूप पूजा भट्ट की फिल्म 'कैबरे' में नज़र आएगी।  अभी तक ऋचा चड्ढा को सेक्सी न मानने वाले लोगों के लिए कैबरे में नया सेक्सी रूप देखने को मिलेगा।  फिल्म 'कैबरे' का फर्स्ट लुक इसकी पुष्टि करता है, इस लुक में ऋचा चड्ढा सुपर हॉट नज़र आ रही हैं।  निर्माता पूजा भट्ट की फिल्म कैबरे के निर्देशक नवोदित कौस्तव नारायण नियोगी कर रहे हैं।  इस फिल्म की शूटिंग जयपुर में।   फिल्म में गुलशन देवैया और गुलशन ग्रोवर की भूमिका भी काफी ज़बरदस्त है।  इस फिल्म से क्रिकेटर श्रीसंथ का डेब्यू हो रहा है।  वह फिल्म में एक मलयाली मेंटर का किरदार कर रहे हैं।

जेम्स बांड सीरीज की २४ वी फिल्म 'स्पेक्ट्र' हुई पूरी

जेम्स बांड सीरीज की २४वीं फिल्म 'स्पेक्ट्र' की फिल्मिंग अमेरिकी स्वतंत्रता दिवस के दूसरे दिन ५ जुलाई को पूरी हो गई।  स्पेक्ट्र की आखिरी लोकेशन शूटिंग इसी महीने मोरक्को में शुरू हुई थी।  बांड फिल्म 'स्पेक्ट्र' की शूटिंग पिछले साल दिसंबर में शुरू हुई थी।  इस प्रकार से स्पेक्ट्र सात महीनों में पूरी दुनिया की लोकेशन में शूट कर पूरी की जा चुकी है।  स्पेक्ट्र की शूटिंग पूरी होने के बाद संडे की रात स्पेक्ट्र की यूनिट के लिए जश्न की रात थी।  लेकिन, इस रैप पार्टी के बावजूद फिल्म के डायरेक्टर सैम मेंडिस और उनके साथियों का काम ख़त्म नहीं हुआ है।  क्योंकि, अभी बहुत सा पोस्ट प्रोडक्शन वर्क किया जाना है।  स्पेशल इफेक्ट्स के दृश्य भी शूट होने हैं।  सैम मेंडिस के पास समय की काफी कमी है।  क्योंकि, ब्रितानी जेम्स बांड की फिल्म 'स्पेक्ट्र' पूरी दुनिया से पहले यूनाइटेड किंगडम में रिलीज़ होगी।  स्पेक्ट्र की वर्ल्डवाइड रिलीज़ की तारिख ६ नवंबर २०१५ है, लेकिन यह फिल्म यूनाइटेड किंगडम में २७ अक्टूबर को ही रिलीज़ हो जाएगी।

अब 'टर्मिनेटर' नहीं रहे अर्नाल्ड श्वार्जेनेजर

अब टर्मिनेटर अमेरिका के लिए खतरों का खिलाड़ी नहीं रहा ।  अमेरिकियों को अब दैत्याकार डायनासोर के खतरों से खेलना अच्छा लगता है।  मशीन मानव अर्नाल्ड श्वार्ज़नेजर उनके हीरो नहीं।  अब डायनासोर से भिड़ने वाला क्रिस प्राट उनका सुपर हीरो है ।  कम  से कम अमेरिकी स्वतंत्रता दिवस की छुट्टियों के दर्शकों ने तो यही फैसला सुनाया है।  क्रिस प्राट की विज्ञानं फंतासी डायनासोर फिल्म 'जुरैसिक वर्ल्ड' लगातार चौथे वीकेंड में भी यूएस बॉक्स ऑफिस पर टॉप पर है।  इस फिल्म ने ३०.९ मिलियन डॉलर का वीकेंड कर, ३०.१ मिलियन डॉलर का वीकेंड मनाने वाली  एनीमेशन कॉमेडी ड्रामा फिल्म 'इनसाइड आउट' को दूसरे स्थान पर धकेल दिया। लेकिन अमेरिकी स्वतंत्रता दिवस वीकेंड का फायदा उठाने के लिहाज़ से रिलीज़ कैलिफोर्निया के पूर्व गवर्नर और माचो अभिनेता अर्नाल्ड श्वार्ज़नेजर की टर्मिनेटर के रूप में वापसी  कराने वाली फिल्म 'टर्मिनेटर जेनिसिस' का अमेरिकी युवाओं ने फीका स्वागत किया।  इस फिल्म को ३,७५८ थिएटर में रिलीज़ किया गया था।  लेकिन, 'टर्मिनेटर जेनिसिस' ७,६३७ डॉलर प्रति स्क्रीन के औसत से केवल २८.७ मिलियन डॉलर ही कलेक्ट कर सकी।

पैरामाउंट पिक्चर्स यह उम्मीद है कि टर्मिनेटर जेनिसिस' पहले पांच दिनों में ४४.१ मिलियन का कलेक्शन कर लेगी।  टर्मिनेटर का यह कलेक्शन इस सीरीज की पिछली दो तीन फिल्मों के लिहाज़ से भी काफी कम है।टर्मिनेटर साल्वेशन (२००९) को ३५३० थिएटर में रिलीज़ किया गया था।  इस फिल्म ने १२.०५६ डॉलर प्रति स्क्रीन की औसत से ४२.६ मिलियन डॉलर का वीकेंड कलेक्शन किया था।  उससे पहले २००३ में रिलीज़ टर्मिनेटर : राइज ऑफ़ द मशीनस ने ३५०४ थिएटर में १२,५६८ डॉलर प्रति स्क्रीन की औसत से ४४ मिलियन डॉलर का कलेक्शन किया था।  बहरहाल, जुरैसिक वर्ल्ड का डायनासोर सफर ज़ारी है।  यह फिल्म सबसे तेज़, केवल २४ दिनों में,  ५५० मिलियन डॉलर का कलेक्शन कर  चुकी है।  अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फिल्म जुरैसिक वर्ल्ड ने ८२६.९ मिलियन डॉलर का बिज़नेस कर लिया है।  अब यह सबसे तेज़ १ बिलियन डॉलर का बिज़नेस करने वाली, पांचवी फिल्म बन चुकी है।  अब इस फिल्म ने इसी साल १.३७ बिलियन डॉलर का बिज़नेस करने वाली फिल्म 'अवेंजर्स :एज ऑफ़ अल्ट्रान' को पीछे छोड़ दिया है।  



Sunday, 5 July 2015

बॉलीवुड फिल्मों में कव्वालियाँ

सलमान खान की ईद वीकेंड में रिलीज़ होने जा रही फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ की क़व्वाली ‘भर दो झोली मेरी या मोहम्मद’ काफी चर्चा में हैं। इस क़व्वाली को परदे पर अदनान सामी ने गाया है। इस क़व्वाली को देखते समय सहसा पुराने ज़माने की क़व्वालियों की याद ताज़ा हो जाती है। कभी हिंदी फिल्मों का अटूट हिस्सा हुआ करती थी कव्वालियाँ। फ़िल्में चाहे सोशल हो या हिस्टोरिकल कव्वालियाँ होना ज़रूरी था। रोशन और नौशाद ने क़व्वालियों को परवान चढ़ाया। बरसात की रात, मुग़ल ए आज़म, ताजमहल, आदि फिल्मों की कव्वालियाँ काफी पसंद की गयी। आइये, आज एक नज़र डालते हैं फ़िल्मी क़व्वालियों, कव्वालों और क़व्वाली की ख़ास फिल्मों के बारे में-
क़व्वाली है क्या ?
क़व्वाली संगीत की एक शैली है। जो दक्षिण एशिया में परवान चढी। हिन्दुस्तानी क़व्वाली पारंपरिक भारतीय शास्त्रीय संगीत और फारसी-इस्लामिक म्यूजिक का फ्यूज़न है। यह मुग़ल शासन काल में, फारस  और टर्की से संस्कृतिक आदान प्रदान के तहत भारत में आई। हालाँकि, कव्वाली का इतिहास काफी पुराना है, परन्तु क़व्वाली संगीत के शीर्ष पर कुछ दशकों में ही लोगों की जुबान पर चढी। बॉलीवुड में क़व्वाली को किसी मज़ार में या भक्ति संगीत के रूप में इसका उपयोग किया गया। कव्वाली की खासियत है कि यह जहाँ मजारो और मस्जिदों में इबादत है, वही मोहब्बत का पैगाम भी है। प्रेमी दिल इसके ज़रिये अपनी बात कह सके। 
मौला मेरे मौला (जोधा अकबर २००८)- आशुतोष गोवारिकर की ह्रितिक रोशन और ऐश्वर्य राय बच्चन की फिल्म ‘जोधा अकबर’ की यह कव्वाली अकबर को अल्लाह की इबादत में डुबो देती है। अकबर अपने आसन से उठ कर लोगों के बीच आकर नाचने लगता है। इस गीत का चित्रण बड़ा प्रभावशाली बन पडा था। यह अल्लाह के प्रति अकबर की इबादत थी। इस क़व्वाली को ए आर रहमान ने कंपोज़ किया था। 
फिर तुम्हारी याद आई ऐ सनम (रुस्तम सोहराब १९६३)- ऐतिहासिक फिल्म 'रुस्तम सोहराब' की इस कव्वाली का संगीत सज्जाद हुसैन ने तैयार किया था। इस कव्वाली को मोहम्मद रफ़ी और मन्ना डे ने गाया था। इस गीत को सोहराब के सैनिकों पर फिल्माया गया था, जो रात में आग के इर्द गिर्द बैठे गा रहे हैं । सोहराब (प्रेमनाथ) उदास सा किले की छत पर टहल रहा है और पार्श्व में यह कव्वाली गूँज रही है। यह कव्वाली काफी कुछ सोहराब की भावनाओं को व्यक्त करने वाली थी। 
जब रात है ऐसी मतवाली (मुग़ल ए आज़म १९६०)- 'मुग़ल ए आज़म' में नौशाद की धुन पर शकील बदायुनी के बोलों को लता मंगेशकर ने गाया था। यह गीत सलीम और अनारकली के मिलन का गीत है। इस गीत पर सलीम अनारकली का रोमांस बखूबी उभर कर आता है। मधुबाला की बेमिसाल खूबसूरती और दिलीप कुमार की आशिक निगाहें कव्वाली को अक्स दे रही थी। 
हमें तो लूट लिया मिल के हुस्न वालों ने (अल हिलाल १९५८)- यह बॉलीवुड की शुरुआत कव्वालियों में से है।  अल हिलाल फिल्म की इस कव्वाली को इस्माइल आजाद कव्वाल और उनके साथियों ने आवाज़ दी थी। बुलो सी रानी के संगीत पर शेवन रिज़वी ने बोल लिखे थे। इस मनोरंजक  कव्वाली को हिन्दुस्तानी कव्वाली की माँ कहा जा सकता है। बाद की तमाम कव्वालियाँ इस कव्वाली पर आधारित बनती चली गई। 
हम दीवानें तेरे दर से नहीं (नकली नवाब १९६२)- इस क़व्वाली में कव्वालों के चार दल मुकाबला कर रहे हैं। दो पार्टी पुरुष कव्वालों की है तथा दो महिला कव्वालों की।  इस क़व्वाली की खासियत यह है कि इसके एक ही बोलों को महिला और पुरुष दल अलग अर्थों में उपयोग करते हैं। 
अल्लाह ये अदा कैसी है इन हसीनों पे (मेरे हमदम मेरे दोस्त १९६८)- यह क़व्वाली मंगनी कर रहे मंगेतर को चिढाने के लिए गढ़ी गई है। इसे लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने अपनी शैली में रचा है। इसे परदे पर मुमताज़ पर फिल्माया गया था। 
शरमाके यह क्यों सब पर्दानशीं (चौदहवीं का चाँद १९६०)- शमशाद बेगम और आशा भोंसले की गायी इस कवाली में भी टांग खिंचाई करते दिखाया गया है। यह क़व्वाली फिल्म चौदहवी का चाँद में वहीदा रहमान और रहमान पर फिल्माई गई है। 
मेरी दुनिया लुट रही थी (मिस्टर एंड मिसेज ५५, १९५५)- यह क़व्वाली हीरो की निराशा को उबारने वाली काफी हट कर है। इसमे गुरुदत्त सड़क पर अकेले निराश से चले जा रहे हैं। पार्श्व में यह क़व्वाली बज रही है। इस क़व्वाली में ओ पी नय्यर और मोहम्मद रफ़ी की जुगलबंदी कमाल की है। 
जानेमन इक नज़र देख ले (मेरे महबूब १९६३)- यह भी छेड़ छाड़ वाली क़व्वाली है। इस गीत में राजेंद्र कुमार से मोहब्बत करने वाली अमिता अपनी सहेली साधना के लिए कुर्बानी करती है। निकाह के मौके पर अपने आंसू छुपा कर वह इस क़व्वालीनुमा गीत को गा रही है। 
तेरी महफ़िल में किस्मत आजमा के हम भी देखेंगे (मुग़ल ए आज़म १९६०)- अनारकली (मधुबाला) और बहार (निगार सुल्ताना) के बीच मुकाबले वाली यह क़व्वाली है। यह दोनों अपनी गायिकी से शहजादा सलीम को प्रभावित करना चाहती है। हालाँकि, अनारकली अपनी मोहब्बत को लेकर इत्मीनान से है। 
ओ मेरी जोहरा ज़बीं (वक़्त १९६५)- बलराज साहनी यह क़व्वाली पारिवारिक समारोह में अपने दोस्तों के इसरार पर बीवी अचला सचदेव को छेड़ते हुए गाते हैं। इस क़व्वाली में अचला सचदेव का इठलाना शर्माना कमाल का है।  .
चांदी का बदन सोने की नज़र (ताज महल १९६३)- इस क़व्वाली में रोशन ने तबले, संगीत और तालियों का अच्छा उपयोग किया था। शाहजहाँ के दरबार में यह क़व्वाली बीना राय के हुस्न को ख़ास उभारती थी। 
जो ये दिल दीवाने (धर्मपुत्र १९६१)- एन दत्ता की धुन पर मोहम्मद रफ़ी ने इस क़व्वाली को गाया था। दुःख का प्रदर्शन करने वाली इस क़व्वाली में माँ अपने बच्चे को दूसरे की गोद में दे रही है। 
आज क्यों हमसे पर्दा है (साधना १९५८)- एन दत्ता ने इस क़व्वाली में एस बलबीर और मोहम्मद रफ़ी की आवाजों का उपयोग किया था। इस क़व्वाली में तवायफ वैजयंतीमाला अपना पेशा छोड़ चुकी है। लेकिन, उसके चाहने वाले उससे वापस आने के लिए कहते हैं। इस क़व्वाली में कमरे में छुपी तवायफ को बाहर निकालने के लिए यह क़व्वाली गई जा रही है। 
महंगाई मार गई (रोटी कपड़ा और मकान १९७४)- इस क़व्वाली में सामाजिक सरोकार उठाये गए हैं। बीच बीच में रोमांस भी है। लक्ष्मीकांत प्यारेलाल और चंचल की गायी यह क़व्वाली अपने समय की मक़बूल और मशहूर क़व्वाली थी। 
निगाहें मिलाने को जी चाहता है (दिल ही तो है १९६३)- राजकपूर, नूतन और प्राण की फिल्म ‘दिल ही तो है’ की यह बड़ी शरारती कव्वाली है। इसमे राजकपूर नूतन को देखते हुए यह कव्वाली गा रहे हैं और पास बैठे प्राण कुढ़ रहे हैं। नूतन इठला और बलखा कर राज कपूर की शरारत का मज़ा लेते हुए, उसे नज़रंदाज़ जैसा कर रही है। इस कव्वाली की रचना रोशन ने की थी। बोल साहिर लुधियानवी के थे। 
कव्वालियों की बरसात की रात- भारत भूषण, मधुबाला, श्यामा, मुमताज़ बेगम और के एन सिंह की फिल्म बरसात की रात में कव्वालियों की भरमार थी। निगाह ए नाज़ के मारों का हाल क्या होगा, ये इश्क इश्क है इश्क इश्क, पहचानता हूँ खूब तुम्हारी नज़र को मैं, न तो कारवां की तलाश है, जी चाहता है चूम लूं, आदि जैसी कव्वालियाँ थी। इनमे से न तो कारवां की तलाश है को ज़बरदस्त सफलता मिली थी। इस क़व्वाली को मन्ना डे, आशा भोंसले, एसडी बातिश और सुधा मल्होत्रा ने आवाज़ दी थी। रोशन का संगीत था। 
शकीला बानो भोपाली
भोपाल की शकीला बानो भोपाली को आज भी हिंदी फिल्मों की क़व्वाली का चेहरा के बतौर याद किया जाता है। क़व्वाली और शकीला जैसे एक दूसरे के लिए बने थे। उनका क़व्वाली गाने का अंदाज़ बिलकुल अलग और आकर्षक था।  वह बेहिचक अदाओं के साथ क़व्वाली गाती थी।  ऐसा स्वाभाविक भी था। क्योंकि, शकीला बानो भोपाली एक्ट्रेस भी थी। उन्होंने फिल्म चोरों की बारात की बरात से अपने फिल्म करियर की शुरुआत की थी। रामू दादा, रुस्तम ए बग़दाद, सेमसन, राका, गुंडा, दस्तक, हमराही, उनकी उल्लेखनीय फ़िल्में हैं। शकीला बानो भोपाली ने आठ साल की उम्र से भोपाल के छोटे फंक्शन में क़व्वाली गाना शुरू कर दिया था। दिलीप कुमार ने उन्हें देखा और बॉम्बे का न्योता दे दिया। ‘अब तुम पे छोड़ दिया है, जहर दे या जाम दे’ और ‘सहर का वक़्त है और जाम में शराब नहीं’ उनकी उम्दा क़व्वालियों में से थी। उन्हें हिंदुस्तान के दस कव्वालों में टॉप की माना जाता था। वह इकलौती महिला कव्वाल थी, जिन्हें भोपाल के अलावा देश के दूसरे हिस्सों में भी पसंद किया जाता था। उन्होंने फिल्मों में ज्यादा कव्वालियाँ अकेले ही गायी। ख़ास उनकी क़व्वाली पर आधारित फिल्म ‘क़व्वाली की रात’ भी बनाई गई। वह १९८४ के गैस लीक कांड का शिकार होने वाली एक मरीज़ थी।  इस गैस कांड के बाद उनके फेफड़ों पर असर हुआ और वह कव्वाली गाने के लायक नहीं रही। उनका निधन १६ दिसम्बर २००२ को हार्ट अटैक से हो गया। 
कुछ और कव्वालियाँ
ज़ालिम मेरी शराब में (रेशमा और शेरा १९७१)
बड़ा लुत्फ़ था जब कुंवारे थे हम तुम (नूर ए इलाही १९७६)
पिया हाजी अली - (फिजा २०००)
तेरे दर ए आया दीवाना - (वीर ज़ारा २००४)
यह माना मेरी जान मोहब्बत सज़ा है (हँसते ज़ख्म १९७३)
पर्दा है पर्दा है - (अमर अकबर अन्थोनी १९७७)
शिर्डी वाले साईं बाबा - (अमर अकबर अन्थोनी १९७७)
है अगर दुश्मन दुश्मन- (हम किसी से कम नहीं १९७७)
वल्लाह रे वल्लाह - तीस मार खान