मानना पड़ेगा कि साउथ में टैलेंट भरा पडा है. क्या शानदार फिल्म है बाहुबली. एस एस राजामौली जैसा डायरेक्टर इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के लिए नगीना है . एक ऐतिहासिक फिल्म को इस शानदार तरीके से परदे पर उतारा है कि दक्षिण का प्राचीन राज्य महिष्मति आँखों के सामने तैर जाता है . राजामौली ने अपने करैक्टरस के लिए एक्टर्स का बढ़िया चुनाव किया है. हर एक्टर अपने किरदार में फिट है और स्वाभाविक है . बाहुबली उर्फ़ शिवुडू के किरदार में प्रभास का हिंदी दर्शकों से यह पहला परिचय है. वह प्रभावित करते हैं. भल्लाल देवा की भूमिका में राना दगुबाती खूब जमे हैं .वैसे हिंदी दर्शक उनसे परिचित हैं . अवंतिका की भूमिका करने वाली अभिनेत्री तमन्ना भाटिया हिंदी फिल्मों की ही दें हैं. वह एक्शन और रोमांस में फबती हैं. अनुष्का शेट्टी राजमाता देवसेना बनी हैं. बालों में सफेदी पोते हैं. लेकिन, बाहुबली के दूसरे हिस्से में वह सेक्सी अंदाज़ मे नज़र आयेंगी . भल्ल्लाल देवा के पिता बिज्जल देवा बने नासर को दर्शक राऊडी राठोर के विलेन के बतौर खूब पहचानते हैं. कटप्पा के किरदार में सत्यराज प्रभावित करते हैं. असलम खान के रूप में सुदीप के लिए करने को कुछ भी नहीं था. उन्हें भी हिंदी दर्शक रक्त चरित्र के दोनों पार्ट्स में तथा मक्खी में देख चुके हैं. फिल्म में एम्एम् क्रीम का संगीत फिल्म को गति नहीं दे पाता. वी विजयेन्द्र प्रसाद और एस एस राजामौली पहले हिस्से में कहानी बिल्ड करते रहे, इसलिए कहीं कहीं गति धीमी है. लेकिन, मध्यांतर के बाद युद्ध के दृश्यों से फिल्म में ज़बरदस्त तेज़ी आती है . फिल्म के सेट शानदार और भव्य हैं . वीऍफ़एक्स अदेल अदिली और उनकी टीम का काम तारीफ के काबिल है. इसमे फिल्म के सिनेमेटोग्राफर सेंथिल कुमार, प्रोडक्शन डिज़ाइनर साबू सायरिल. आर्ट डायरेक्टर मनु जगाध का इसमे ख़ास योगदान था. इस फिल्म को इसकी भव्यता, शानदार अभिनय, एक्शन और विशेष प्रभाव वाले दृश्यों के कारण ज़रूर देखा जाना चाहिए . वैसे इस फिल्म का दूसरा हिस्सा ज़बरदस्त बनेगा.
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Friday, 10 July 2015
परदे पर 'बाहुबली' की ताक़त नज़र आती है
Labels:
फिल्म समीक्षा
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment