Friday, 17 July 2015

क्या इस 'बजरंगी' को पसंद करेंगे 'भाईजान' ?

सलमान खान और कबीर खान ईद से पहले इसी सवाल का जवाब ढूँढ़ते होंगे ? 
एक महा हनुमान भक्त, जो मांस मछली नहीं खाता, मस्जिद और मजार में नहीं घुसना चाहता, लेकिन एक पाकिस्तानी लड़की के लिए अवैध तरीके से पाकिस्तान घुसने से नहीं हिचकता . पाकिस्तान में भी वह हनुमान जी की दुहाई देता रहता है . इसमे कहीं साम्प्रदायिकता नहीं. कहीं पाकिस्तान को गाली नहीं दी गई है. कहीं पाकिस्तान की सहलाई भी नहीं गई है . कबीर खान ने एक बहुत अच्छी कहानी, बड़े शानदार तरीके से कही है . इसमे न कहीं सेकुलरिज्म है, न कही हिन्दुवाद, न इस्लाम का अतिरेक. थोड़ा ड्रामा ज्यादा है. लेकिन, जहाँ हीरो की छवि से अलग फिल्म बनानी हो तो इतना ड्रामा रखना ही होगा.लेकिन अनावश्यक ड्रामेबाजी/भाषणबाजी नहीं है . यही फिल्म का पॉजिटिव पॉइंट है . ज़ाहिर है कि बजरंगी भाईजान मास्टरपीस फिल्म है . किसी भी समय में हिट होने वाली फिल्म है .
अगर इस गुलाल उड़ाते बजरंगी को भाईजान ने पसंद कर लिया तो सलमान खान की बजरंगी भाईजान बॉक्स ऑफिस पर आमिर खान की फिल्म 'पीके' को ज़बरदस्त किक मारने जा रही है. इसीलिए यह सवाल बड़ा हो जाता है कि क्या इस बजरंगी को पसंद करेंगे भाईजान ?

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