पिछले महीने १० जून को अभिनेत्री विद्या बालन ने हिंदी फिल्मों में १० साल पूरे कर लिए। इस बीच उन्होंने परिणीता के अलावा कहानी, द डर्टी पिक्चर, इश्क़िया, पा, भूल भुलैया, बॉबी जासूस, जैसी फिल्में करी। अब इस साल वह लगातार चौथी बार इंडियन फ़िल्म फेस्टिवल ऑफ़ मेलबोर्न का मुख्य चेहरा बनने जा रही हैं। यह फेस्टिवल २०१२ से शुरू हुआ। तबसे वह लगातार इस फेस्टिवल में हिस्सा लेती चली आ रही हैं। इस साल 14 से 27 अगस्त 2015 तक ऑस्ट्रेलिया के मेलबॉर्न शहर में होने वाले इस फेस्टिवल में भारतीय सिनेमा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जा रहा है । इस साल फेस्टिवल की थीम 'समानता' है, जिसे खुद विद्या बालन ने ही सुझाया है । यह फेस्टिवल भावी फिल्मकारों के लिए एक ऐसा अवसर है, जहाँ वे अपनी प्रतिभा का खुलकर प्रदर्शन कर सकते है । इस थीम के बारे में विद्या बालन कहती है, "आज के समय में स्वतंत्र और समान दुनिया की परिकल्पना से ज़्यादा ज़रूरी शायद ही कुछ दूसरा हो सकता है ।" विद्या बालन को विश्वास है कि कला और फिल्में, परिस्थितियों, द्रष्टिकोणों और मानसिकताओं को बदलने का माद्दा रखती हैं।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Thursday, 2 July 2015
विद्या बालन की 'समानता'
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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