पैट्रिक नेस के २०११
में प्रकाशित फंतासी नावेल अ मॉन्स्टर कॉल्स पर आधारित डायरेक्टर जे ए बायोना की
फिल्म अ मॉन्स्टर कॉल्स में एक्शन स्टार लिएम नीसन बिलकुल अलग अवतार में नज़र
आयेंगे। कोनोर ओ’मले की माँ टर्मिनल
डिजीज से पीड़ित है। उधर हैरी उसे डराता रहता है। कोनोर इससे काफी परेशान रहता है। ऐसे में उसे एक एक दैत्य मिलता है। यह
दैत्य असल में पत्तियों और टहनियों का गुच्छा है, जिसने मानव आकर ले लिए है। वह
उसे कहानियाँ सुनाता है। फिल्म में कोनोर की भूमिका से लेविस मैकडौगल का डेब्यू
हो रहा है। ऑस्कर के लिए तीन बार नामित एक्ट्रेस सिगूरनी वीवर ने कोनोर की दादी
और फ़ेलिसिटी जोंस ने कोनोर की माँ का किरदार किया है। इस फिल्म में लिएम नीसन
दैत्य के अनोखे किरदार में हैं। फिल्म में टोबी केबेल, जेम्स मेलविले, लिली-रोज और
गेराल्डिन चैपलिन की भी ख़ास भूमिका है। अ मॉन्स्टर कॉल्स २१ अक्टूबर को रिलीज़ हो
रही है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Wednesday, 20 July 2016
दैत्य की भूमिका में लिएम नीसन
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Hollywood
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Tuesday, 19 July 2016
हैप्पी भाग जाएगी में सन्नी देओल के यारा ओ यारा गाने पर थिरकेंगे जिम्मी शेरगिल
फिल्म हैप्पी भाग जाएगी में अभिनेता जिमी शेरगिल म्युनिसिपल कॉर्पोरेटर बग्गा पाजी किरदार में नज़र आएंगे, जिमी , सनी देओल के फमस सांग यारा ओ यारा पर परफॉर्म करते हुए नज़र आएंगे , सूत्रों को मुताबिक यह डांस परफॉरमेंस इस फिल्म का हाइलाइट और सबसे सबसे इंटरेस्टिंग पॉइंट होगा.
बग्गा इस फिल्म में अमृतसर के सबसे भयावह म्युनिसिपल वार्ड के म्युनिसिपल कॉर्पोरेटर हैं, जो अक्सर सर उठाये, आँखों पर स्पोर्टिंग एविएटर शेड्स लगाए , ढीली सोने की चैन पहने, हलके लाल रंग की एनफील्ड बुलेट पर शहर के सकरी गलियों में घूमते हुए नज़र आएंगे,संक्षेप में यह कह सकते हैं की बग्गा से शो हैं न की बग्गा शो से. मुद्दसर अज़ीज़ द्वारा निर्देशित इस फिल्म में डायना पेंटी , अभय देओल , अली फैसल , और जिमी शेरगिल अहम भूमिका में नज़र आएंगे और आनंद एल राय और कृषिका लुल्ला इस फिल्म को प्रोडूस कर रहे हैं यह फिल्म १९ अगस्त को सिनेमा घरों में प्रदर्शित की जाएगी.
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गीत संगीत
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
नहीं रहे मनोज कुमार को भारत कुमार बनाने वाले केवल कश्यप
मनोज कुमार को आज का भारत कुमार बनाने वाले फिल्म निर्माता निर्देशक केवल पी कश्यप नहीं रहे। साठ के दशक की श्वेत श्याम फिल्मों के युग में मनोज कुमार फिल्म हरियाली और रास्ता से हिट हो चुके थे। लेकिन, कहीं न कहीं, उनका चॉकलेटी हीरो, राजेंद्र कुमार के जुबली कुमार से मात खा रहा था। ऐसे समय में केवल पी कश्यप उनके पास शहीद फिल्म का प्रस्ताब लेकर आये। शहीद, भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के क्रांतिकारी कारनामों पर फिल्म थी। इस फिल्म में बॉलीवुड के चॉकलेटी हीरो मनोज कुमार को भगत सिंह का किरदार सौंपा गया था। कश्यप की फिल्म में भगत सिंह का किरदार मनोज कुमार को दिया जाना कुछ जम नहीं रहा था। लेकिन, जब फिल्म रिलीज़ हुई तब न केवल भविष्य के भारत कुमार ने जन्म लिया, बल्कि इस फिल्म ने प्राण और प्रेम चोपड़ा के करियर में भी ज़बरदस्त बदलाव किया। फिल्म में प्राण ने सुहृदय डाकू केहर सिंह का किरदार किया था। प्रेम चोपड़ा सुखदेव बने थे। फिल्म में छोटे मोटे विलेन बनने वाले अभिनेता मनमोहन चन्द्रशेखर आज़ाद का किरदार करके अमर हो गए। इस फिल्म में कामिनी कौशल ने भगत सिंह की माँ का किरदार किया था। इस फिल्म के बाद कामिनी कौशल चरित्र भूमिकाएं करने लगी। शहीद को १३ वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में हिंदी में श्रेष्ठ फीचर फिल्म, राष्ट्रीय एकता की फिल्म का नर्गिस दत्त अवार्ड और बी के दत्त और दीन दयाल शर्मा को बेस्ट स्क्रीनप्ले का अवार्ड्स जीता। केवल कश्यप ने अपना फिल्म करियर फिल्मों के पब्लिसिस्ट के बतौर शुरू किया था। उन्होंने प्यार का सागर, प्रोफेसर, ये रास्ते हैं प्यार के, मुझे जीने दो, मेरे मेहबूब, वह कौन थी, ग़ज़ल और अब्दुल्ला जैसी फिल्मों की पब्लिसिटी सम्हाली थी। उन्होंने दो फिल्मों शहीद और परिवार का निर्माण किया। परिवार, विश्वास और चोरी चोरी जैसी तीन फिल्मों का निर्देशन किया। परिवार सुपर हिट फिल्म थी।
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श्रद्धांजलि
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
रिकॉर्डिंग रूम से भाग गई थी मुबारक बेगम
पचास से सत्तर तक के
तीन दशक ! फिजाओं में बेमुरव्वत बेवफा, मुझ को अपने गले लगा लो, कभी तन्हाइयों में
हमारी याद आयेगी, हम हाल ए दिल सुनायेंगे, मेरे आंसुओं पे न मुस्कुराना, तू ने
तेरी नज़र ने, देवता तुम हो मेरा सहारा, जब इश्क कहीं हो जाता है, ज़रा कह दो फिजाओं
से, वादा हमसे किया, सांवरिया तेरी याद में, इतने करीब आ के भी, रात कितनी हसीं
ज़िन्दगी मेहरबान, तेरी नज़र ने काफिर बना दिया,, वादा हमसे, साकिया एक जाम, कैसी
बीन बजाई, मैं हो गई रे बदनाम, हसीनों के धोखें में न आना, यह जाने नज़र चिलमन से
अगर, जलवा जो तेरा देखा, आदि गीत गूंजा करते थे। इन गीतों की गायिका थी बिलकुल
अलग मगर दमदार आवाज़ की मल्लिका मुबारक बेगम। उनका स्नेहल भाटकर के संगीत निर्देशन में गाया
फिल्म हमारी याद आएगी का शीर्षक गीत कभी तन्हाइयों में हमारी याद आएगी अपनी अलग किस्म की धुन और उसी के अनुरूप
गूंजती मुबारक बेगम की आवाज़ के कारण आज भी यादगार है।
चुरू राजस्थान में १९४०
में जन्मी मुबारक बेगम ने अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत आल इंडिया रेडियो पर गीत
गाने से की। उनका पहला गीत संगीतकार शौकत देहलवी, बाद में जिन्हें नाशाद नाम से जाना गया, ने फिल्म आइये के लिए रिकॉर्ड करवाया था। इस फिल्म के दो गीत मोहे आने लगी
अंगडाई और आजा आजा बालम बेहद सफल हुए थे। लेकिन, इस गीत से पहले मुबारक बेगम दो बार रिकॉर्डिंग रूम छोड़ कर भाग गई थी। संगीतकार रफीक गजनवी ने उनका गायन रेडियो पर
सुना था। उन्होंने अपनी फिल्म के लिए गीत गाने के लिए मुबारक को स्टूडियो में
बुलाया। मगर वहां की भीड़ देख कर मुबारक बेगम के मुंह से आवाज़ तक नहीं निकल सकी। वह स्टूडियो से भाग गई।उन्हें दूसरी बार श्याम सुंदर ने फिल्म भाई बहन के
गीत को गाने का मौका दिया। लेकिन, पहले वाली कहानी फिर दोहराई गई। मुबारक
बेगम का समय बदला नर्गिस की माँ जद्दन बाई से मिलने के बाद। जद्दन बाई ने उनका
गाना सुना। उनकी हौसला अफ़ज़ाई की। उन्होंने उनकी आवाज़ की तारीफ कई संगीतकारों से की। नतीज़तन, मुबारक
बेगम को आइये फिल्म में गाने का मौका मिला। इसके बाद तो मुबारक बेगम ने नौशाद, सचिन देव बर्मन, शंकर जयकिशन, खय्याम, दत्ताराम, आदि कई संगीतकारों के लिए गीत गए। उन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के सभी बड़े सितारों की फिल्मों के चरित्रों को अपनी आवाज़ दी।
दिलीप कुमार और वैजयंतीमाला
की फिल्म मधुमती में मुबारक बेगम का गाया गीत ‘हम हाले दिन सुनायेंगे’ काफी पॉपुलर हुआ था। उनकी आवाज़ का जादू ही ऐसा था कि लता मंगेशकर के गाये फिल्म के तमाम गीतों
के बीच भी मुबारक बेगम का गाया यह गीत दर्शकों के कानों में रस घोलने में कामयाब
हुआ था। कैसी विडम्बना है कि मुबारक बेगम अपने दिल का हाल सुनाना चाहती थी,
लेकिन, कोई सुनने को तैयार नहीं था। लता मंगेशकर और आशा भोंसले की आवाजों के
वर्चस्व में मुबारक बेगम अप्रासंगिक हो गई। उनके गीत लता मंगेशकर या आशा भोंसले से रिकॉर्ड कराये जाने लगे। जब जब फूल खिले का परदेसियों से न
अखियाँ मिलाना गीत मुबारक बेगम की आवाज़ में रिकॉर्ड हुआ था। लेकिन, जब एल्बम बाहर
आया तो इसमे लता मंगेशकर की आवाज़ थी। इसके साथ ही मुबारक बेगम निराशा के गर्त में
डूबती चली गई। १९८० में निर्मित फिल्म राम तो दीवाना है का सांवरिया तेरी याद
मुबारक बेगम का गाया आखिरी गीत बन गया।
मुबारक बेगम का
आखिरी समय फांकों में गुजरा। पौष्टिक आहार की कमी ने उन्हें बीमार बना दिया था। उन्हें पेट की बीमारी हो गई। उनकी बेटी का पिछले साल निधन भी बीमारी के कारण हुआ। उन्हें अपने इलाज़ और खाने पीने के लिए एनजीओ और ट्रस्ट के सहारे रहना पड़ा। लता
मंगेशकर ट्रस्ट उनकी नियमित मदद करता था। लेकिन, इसकी एक सीमा थी। सलमान खान ने
भी एक बार उनके इलाज़ के लिए एकमुश्त धनराशि हॉस्पिटल को दी थी। कुछ महीना पहले
महाराष्ट्र सरकार ने ८० हजार के चेक के साथ उनके इलाज़ का पूरा खर्च वहन करने का
ऐलान किया था। एक पूर्व विधायक यशवंत बाजीराव उन्हें पांच हजार रुपये की नियमित
मदद दिया करते थे। सोमवार की रात मुबारक बेगम सभी मदद को नकार कर अलविदा कह गई।
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मुबारक बेगम,
श्रद्धांजलि
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
रिकॉर्डिंग रूम से घबरा कर भाग कड़ी हुई थी मुबारक बेगम
पचास से सत्तर तक के
तीन दशक ! फिजाओं में बेमुरव्वत बेवफा, मुझ को अपने गले लगा लो, कभी तन्हाइयों में
हमारी याद आयेगी, हम हाल ए दिल सुनायेंगे, मेरे आंसुओं पे न मुस्कुराना, तू ने
तेरी नज़र ने, देवता तुम हो मेरा सहारा, जब इश्क कहीं हो जाता है, ज़रा कह दो फिजाओं
से, वादा हमसे किया, सांवरिया तेरी याद में, इतने करीब आ के भी, रात कितनी हसीं
ज़िन्दगी मेहरबान, तेरी नज़र ने काफिर बना दिया,, वादा हमसे, साकिया एक जाम, कैसी
बीन बजाई, मैं हो गई रे बदनाम, हसीनों के धोखें में न आना, यह जाने नज़र चिलमन से
अगर, जलवा जो तेरा देखा, आदि गीत गूंजा करते थे। इन गीतों की गायिका थी बिलकुल
अलग मगर दमदार आवाज़ की मल्लिका मुबारक बेगम। उनका स्नेहल भाटकर के संगीत निर्देशन में गाया
फिल्म हमारी याद आएगी का शीर्षक गीत कभी तन्हाइयों में हमारी याद आएगी अपनी अलग किस्म की धुन और उसी के अनुरूप
गूंजती मुबारक बेगम की आवाज़ के कारण आज भी यादगार है।
चुरू राजस्थान में १९४०
में जन्मी मुबारक बेगम ने अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत आल इंडिया रेडियो पर गीत
गाने से की। उनका पहला गीत संगीतकार शौकत देहलवी, बाद में जिन्हें नाशाद नाम से जाना गया, ने फिल्म आइये के लिए रिकॉर्ड करवाया था। इस फिल्म के दो गीत मोहे आने लगी
अंगडाई और आजा आजा बालम बेहद सफल हुए थे। लेकिन, इस गीत से पहले मुबारक बेगम दो बार रिकॉर्डिंग रूम छोड़ कर भाग गई थी। संगीतकार रफीक गजनवी ने उनका गायन रेडियो पर
सुना था। उन्होंने अपनी फिल्म के लिए गीत गाने के लिए मुबारक को स्टूडियो में
बुलाया। मगर वहां की भीड़ देख कर मुबारक बेगम के मुंह से आवाज़ तक नहीं निकल सकी। वह स्टूडियो से भाग गई।उन्हें दूसरी बार श्याम सुंदर ने फिल्म भाई बहन के
गीत को गाने का मौका दिया। लेकिन, पहले वाली कहानी फिर दोहराई गई। मुबारक
बेगम का समय बदला नर्गिस की माँ जद्दन बाई से मिलने के बाद। जद्दन बाई ने उनका
गाना सुना। उनकी हौसला अफ़ज़ाई की। उन्होंने उनकी आवाज़ की तारीफ कई संगीतकारों से की। नतीज़तन, मुबारक
बेगम को आइये फिल्म में गाने का मौका मिला। इसके बाद तो मुबारक बेगम ने नौशाद, सचिन देव बर्मन, शंकर जयकिशन, खय्याम, दत्ताराम, आदि कई संगीतकारों के लिए गीत गए। उन्होंने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के सभी बड़े सितारों की फिल्मों के चरित्रों को अपनी आवाज़ दी।
दिलीप कुमार और वैजयंतीमाला
की फिल्म मधुमती में मुबारक बेगम का गाया गीत ‘हम हाले दिन सुनायेंगे’ काफी पॉपुलर हुआ था। उनकी आवाज़ का जादू ही ऐसा था कि लता मंगेशकर के गाये फिल्म के तमाम गीतों
के बीच भी मुबारक बेगम का गाया यह गीत दर्शकों के कानों में रस घोलने में कामयाब
हुआ था। कैसी विडम्बना है कि मुबारक बेगम अपने दिल का हाल सुनाना चाहती थी,
लेकिन, कोई सुनने को तैयार नहीं था। लता मंगेशकर और आशा भोंसले की आवाजों के
वर्चस्व में मुबारक बेगम अप्रासंगिक हो गई। उनके गीत लता मंगेशकर या आशा भोंसले से रिकॉर्ड कराये जाने लगे। जब जब फूल खिले का परदेसियों से न
अखियाँ मिलाना गीत मुबारक बेगम की आवाज़ में रिकॉर्ड हुआ था। लेकिन, जब एल्बम बाहर
आया तो इसमे लता मंगेशकर की आवाज़ थी। इसके साथ ही मुबारक बेगम निराशा के गर्त में
डूबती चली गई। १९८० में निर्मित फिल्म राम तो दीवाना है का सांवरिया तेरी याद
मुबारक बेगम का गाया आखिरी गीत बन गया।
मुबारक बेगम का
आखिरी समय फांकों में गुजरा। पौष्टिक आहार की कमी ने उन्हें बीमार बना दिया था। उन्हें पेट की बीमारी हो गई। उनकी बेटी का पिछले साल निधन भी बीमारी के कारण हुआ। उन्हें अपने इलाज़ और खाने पीने के लिए एनजीओ और ट्रस्ट के सहारे रहना पड़ा। लता
मंगेशकर ट्रस्ट उनकी नियमित मदद करता था। लेकिन, इसकी एक सीमा थी। सलमान खान ने
भी एक बार उनके इलाज़ के लिए एकमुश्त धनराशि हॉस्पिटल को दी थी। कुछ महीना पहले
महाराष्ट्र सरकार ने ८० हजार के चेक के साथ उनके इलाज़ का पूरा खर्च वहन करने का
ऐलान किया था। एक पूर्व विधायक यशवंत बाजीराव उन्हें पांच हजार रुपये की नियमित
मदद दिया करते थे। सोमवार की रात मुबारक बेगम सभी मदद को नकार कर अलविदा कह गई।
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मुबारक बेगम,
श्रद्धांजलि
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Sunday, 17 July 2016
जब कानन देवी को देख कर गवर्नर खड़े हो गए थे
कानन देवी ने फिल्मों में काम करना तब से शुरू कर दिया था, जब इस पेशे में अच्छे घर की औरतें नहीं आती थी। हालाँकि, शुरूआती फिल्म निर्माताओं ने, जैसे दादा फालके आदि, अपने घर की औरतों को फिल्मों में काम करने के लिए प्रेरित किया। लेकिन, उस समय वैश्याएँ और तवायफें ही हिंदी फिल्मों की नायिका बना करती थी। बंगाल की कानन देवी उन कुछ भले घर की महिलाओं में थी, जिन्होंने फिल्मों में काम करना शुरू किया। उनकी पहली फिल्म जॉयदेव एक मूक फिल्म थी और १९२६ में रिलीज़ हुई थी। उनकी पहली सवाक फिल्म जोर बारात १९३१ में रिलीज़ हुई। इस फिल्म की रिलीज़ के साथ ही बंगाली फिल्म उद्योग में एक सितारे का जन्म हुआ। कानन देवी की चमक अगले तीन दशकों तक बरकरार रही। लेकिन, उन्हें अपनी स्वीकार्यता बनाने के लिए लम्बा संघर्ष करना पड़ा। क्योंकि, वह एक फिल्म अभिनेत्री ही तो थी। परन्तु, धीरे धीरे फिल्म इंडस्ट्री ने उन्हें स्वीकार किया, उचित सम्मान दिया। वह पहली ऐसी अभिनेत्री थी, जिन्हे उनके साथी वर्कर मैडम कह कर बुलाते थे। परन्तु, इसके बावजूद समाज में उनकी उपेक्षा बनी हुई थी। लोग उनके अभिनय की सराहना करते थे, उनके गाये गीत थे, उनके द्वारा स्थापित फैशन ट्रेंड अपनाए जाते थे। लेकिन, उन्हें सामजिक जलसों में आमंत्रित नहीं किया जाता था। कोई भी प्रतिष्ठित व्यक्ति उनसे शादी करने के सपने नहीं देखता था। यह कानन देवी का खुद पर भरोसा, कठिन परिश्रम कर सब कुछ पाने का इरादा और विपरीत परिस्थितियों को जीतने का जज़्बा था, जिसने कानन देवी को वह स्थान दिला दिया। एक समय ऐसा आया, जब वह एक समारोह में आमंत्रित की गई तो उस समय के पश्चिम बंगाल के गवर्नर धर्म वीर उनके स्वागत में अपनी कुर्सी से उठ कर खड़े हो गए थे। कानन देवी की पहली हिंदी फिल्म हरी भक्ति १९३४ में रिलीज़ हुई थी। वह अच्छी गायिका भी थी। उनकी तेज़ रफ़्तार से गए गीतों का कई संगीतकारों ने बढियां उपयोग किया। उनके कुछ उल्लेखनीय गीतों में ऐ चाँद छुप न जाना, ज़रा नैनों से नैना, दूर देश का रहने वाला, प्रभुजी प्रभुजी तुम, लछमी मूरत दरस दिखाये, सांवरिया मन भाये रे, हमारी नगरिया में, पनघट पे मधु, तुम बिन कल न आये, चली पवन हरसो, आदि थे। १९७७ में उन्हें दादासाहब फालके अवार्ड दिया गया। उनकी मृत्यु १७ जुलाई १९९२ को हुई थी।
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श्रद्धांजलि
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
अब बॉलीवुड चला कोरिया
पिछले साल खबर थी कि निर्देशक
साजिद खान २००९ में रिलीज़ सफल कोरियाई रोमांटिक एक्शन कॉमेडी फिल्म माय गर्लफ्रेंड
इज एन एजेंट का हिंदी रीमेक बनाना चाहते हैं। अगर बनती तो साजिद खान की फिल्म भी कोरियाई फिल्म
का अधिकारिक रीमेक होती। माय गर्लफ्रेंड इज एन एजेंट दो युवा जासूस किरदारों की
कहानी थी, जो कभी एक दूसरे से प्यार करते थे, लेकिन, अब जानी दुश्मन हैं। यहाँ बताते चलें कि रॉकस्टार की कामयाबी के दौर में इम्तियाज़ अली अपनी बीवी के ज़रिये निर्माता बन कर
इसी कोरियाई फिल्म का रीमेक यूटीवी के सहयोग से करना चाहते थे। अलबत्ता, इस रीमेक फिल्म के डायरेक्टर
वह खुद नहीं बल्कि बोस्को-सीजर की डांसर जोड़ी के बोस्को होते। लेकिन, दोनों ही फ़िल्में ऐलान से आगे नहीं बढ़ सकी।
हॉलीवुड फिल्मों की नक़ल
मारने के कारण ही बंबई की फिल्म इंडस्ट्री को बॉलीवुड नाम दिया गया था। यह नाम
दर्शाता था कि बॉलीवुड हॉलीवुड फिल्मों की कॉपीकैट इंडस्ट्री है। लेकिन, हॉलीवुड फिल्मों
के बाद अब हिंदी फिल्म निर्माता कोरियाई फिल्मों के हिंदी रीमेक बनाने में
दिलचस्पी लेने लगे हैं। कोरियाई फिल्मों की कॉपी करने के लिहाज़ से निर्माता
निर्देशक संजय गुप्ता बाज़ी मार ले जाते हैं। जिस समय, हॉलीवुड फिल्म रिजर्वायर डॉग्स का
हिंदी रीमेक कांटे बनाने वाले संजय गुप्ता की अगली फिल्म जिंदा के स्रोत का पता
पूछा जा रहा था, उस समय यह रहस्योद्घाटन हुआ कि जिंदा किसी हॉलीवुड फिल्म का नहीं, बल्कि कोरियाई फिल्म ओल्डबॉय का रीमेक है। हालाँकि, जिंदा को ख़ास सफलता नहीं मिली,
लेकिन बॉलीवुड को कॉपीकैट बनाने के लिए कोरिया का एक बिल ज़रूर मिल गया। आइये जानते हैं
पिछली उन कुछ फिल्मों के बारे में जो कोरियाई फिल्म का रीमेक थी –
मोंग-ता-जू बनी तीन (TE3N)-
इसी साल रिलीज़
अमिताभ बच्चन, विद्या बालन और नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की किडनैप थ्रिलर फिल्म तीन
२०१३ की कोरियाई फिल्म मोंग-ता-जू (Montage) का हिंदी रीमेक थी। एक अपहरण से तीन
चरित्र आ जुड़ते हैं। फिर शुरू होता है रोमांच। हिंदी रीमेक के निर्देशक रिभु
दासगुप्ता थे। मोंग-ता-जू में अपहर्ता १५ साल पहले गायब हो जाता है। इस केस को बंद होने में पांच दिन बचे हैं
कि कोई अपराध की जगह एक फूल छोड़ कर सूत्र देना चाहता है। इसके ठीक कुछ दिन बाद अपहरण
की वैसी ही दूसरी घटना होती है। इस अपहरण का तरीका भी १५ साल पहले वाला था। पुलिस को इस
केस को इस प्रकार से सुलझाना है ताकि पिछले केस को बंद करने की समय सीमा ख़त्म न हो
पाए। फिल्म के निर्देशक जेओंग कुन-सेओब थे.
मस्क्वेराडे बनी प्रेम रतन धन पायो-
सलमान
खान की सूरज बडजात्या के साथ २५ साल बाद रिलीज़ फिल्म प्रेम रतन धन पायो के बारे में कयास थे कि यह फिल्म
हॉलीवुड फिल्म प्रिजनर ऑफ़ जेंडा का रीमेक थी। जबकि, यह वास्तव में कोरियाई फिल्म मस्क्वेराडे का
रीमेक थी। मस्क्वेराडे दक्षिण
कोरिया की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि वाली २०१२ में रिलीज़ फिल्म थी। चू चांग-मिन
निर्देशित यह फिल्म १६०८-१६२३ के ग्वांग्हाई राज्य के राजा जोसेओन की कहानी थी, जो
अपने देश में सुधार लाना चाहता है तथा उसे अपने लोगों का विरोध झेलना पड़ता है। राजा का सचिव उसके लिए एक हमशक्ल का
इंतजाम करता है ताकि राजमहल के षडयन्त्रो से निबटा जा सके। फिल्म में ली ब्युंग-हुन दोहरी
भूमिका में थे।
ऑलवेज बनी दो लफ़्ज़ों की कहानी-
रणदीप
हूडा और काजल अग्रवाल की अंधी लड़की के एक मॉल के गार्ड से प्रेम कहानी वाली यह
फिल्म २०११ की कोरियाई फिल्म ऑलवेज का रीमेक थी। लेकिन, जहाँ कोरियाई फिल्म एक
खालिस रोमांस फिल्म थी, वहीँ हिंदी फिल्म में थ्रिल का तडका था। ऑलवेज को ओनली यू टाइटल से भी रिलीज़ किया गया। सो जि-सुब और हान ह्यो-जू अभिनीत
यह फिल्म एक बॉक्सर और अंधी होती जा रही एक औरत की प्रेम कहानी थी। इस फिल्म के
दोनों मुख्य करैक्टर टीवी एक्टर्स द्वारा किये गए थे।
एक विलेन थी आई सॉ द डेविल-
मोहित सूरी की
श्रद्धा कपूर, सिद्धार्थ मल्होत्रा और रितेश देशमुख अभिनीत फिल्म एक विलेन कोरियाई
फिल्म आई सॉ द डेविल का रीमेक थी। जहां कोरियाई फिल्म बेहद खूनखराबे वाली हिंसक फिल्म
थी, वहीँ मोहित सूरी की फिल्म में रोमांस उभर कर आया था। लेकिन, कोरियाई फिल्म
हिंसक होते हुए भी दिलचस्प कथानक वाली फिल्म थी। इस फिल्म में ली
ब्युंग-हुन ने सीरियल किलर को पकड़ने के लिए तैनात एजेंट, चोई मिन-सिक ने सीरियल
किलर और ओह सान-हा ने एजेंट की मंगेतर का किरदार किया था। कोरियाई फिल्म का विलेन
एक बस ड्राईवर था, जो खूबसूरत और बकवास करने वाली औरतों की हत्या करता है।
द मैन फ्रॉम नोवेयर बनी रॉकी हैण्डसम-
जॉन अब्राहम
की मुख्य भूमिका वाली यह फिल्म भी कोरियाई फिल्म की तरह एक रहस्यमय अतीत वाले रॉकी
की कहानी थी, जिसकी एक छोटी लड़की से अच्छी दोस्ती थी। वह व्यक्ति उस समय हिंसा पर
उतर आता है, जब उस छोटी बच्ची का अपहरण कर लिया जाता है। २०१०
में रिलीज़ निर्देशक ली जीओंग-बेओम की एक्शन थ्रिलर फिल्म द मैन फ्रॉम नोवेयर का पूर्व सैनिक उस समय खून खराबे पर उतर आता है, जब एक छोटी लड़की का अपहरण कर लिया
जाता है, जो उसकी दोस्त है। इस फिल्म में वोन-बिन और किम सै-रोन की मुख्य भूमिका
थी।
माय सासी गर्ल ही है अगली और पगली –
मल्लिका
शेरावत और रणवीर शोरे की सचिन खोट निर्देशित यह फिल्म मुंबई के इंजीनियरिंग के छात्र
और ट्रेन में मिली लड़की के अनोखे प्रेम की दास्ताँ थी। यह फिल्म कोरियाई फिल्म
माय सासी गर्ल की हूबहू कॉपी थी। २००१ में
रिलीज़ निर्देशक क्वाक जै-योंग की यह फिल्म सबसे सफल कोरियाई रोमांस कॉमेडी फिल्मों
में शुमार की जाती है। इस फिल्म को जापान, चाइना, ताइवान, हांगकांग में बड़ी सफलता
मिली। हॉलीवुड ने इस फिल्म को जेसे ब्रैडफोर्ड और एलिशा कटबर्ट के साथ रीमेक किया। इस फिल्म का सीक्वल माय न्यू सासी गर्ल इसी साल रिलीज़ हुआ है।
द चेंजर है मर्डर २-
२००४ की सफल फिल्म
मर्डर की सीक्वल यह फिल्म वास्तव में कोरियाई फिल्म द चेज़र का रीमेक थी। इमरान
हाश्मी, जैकलिन फ़र्नान्डिस और प्रशांत नारायण अभिनीत और मोहित सूरी निर्देशित
मर्डर २ की कहानी द चेजर से इस मायने में फर्क थी कि फिल्म में इमरान हाशमी की एक
अदद प्रेमिका भी थी। २००८ में रिलीज़ कोरियाई फिल्म रियल लाइफ सीरियल किलर पर
फिल्म थी। कोरियाई फिल्म एक बेईमान पुलिस अधिकारी और सीरियल किलर के बीच की
लुकाछिपी पर केन्द्रित फिल्म थी। यह ना होन्ग-जिन की बतौर डायरेक्टर डेब्यू फिल्म
थी। किम यून-सोक और हा जुंग-वू मुख्य भूमिका में थे।
सेवन डेज में जज्बा-
ऐश्वर्य राय बच्चन
की वापसी फिल्म जज्बा भी कोरियाई फिल्म की कॉपी के उस्ताद संजय गुप्ता की फिल्म
थी। जज्बा कोरियाई फिल्म सेवेन डेज का ऑफिसियल रीमेक ही नहीं थी, बल्कि हूबहू
संवाद और दृश्य की कॉपी थी। कोरियाई फिल्म का डायरेक्शन वोन शिन-यून ने किया था। २००७ की कोरियाई फिल्म को बड़ी सफलता ही नहीं मिली, बल्कि कई पुरस्कार भी मिले।द हैप्पी लाइफ बॉलीवुड में रॉक ऑन – निर्देशक अभिषेक
कपूर ने अपनी फिल्म रॉकऑन का चार सदस्यों वाले रॉक बैंड का आईडिया २००७ की कोरियाई
फिल्म द हैप्पी लाइफ से ही चुराया था। द हैप्पी लाइफ का निर्देशन ली जून-इक ने
किया था।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday, 16 July 2016
पॉल वॉकर की याद में फ़ास्ट एंड फ्यूरियस
फ़ास्ट एंड फ्यूरियस परिवार एक बार फिर पॉल वॉकर के लिए चैरिटी पर उतर आया है। फ़ास्ट एंड फ्यूरियस ८ की टीम ने पॉल वॉकर फाउंडेशन के लिए ज्यादा से ज्यादा धन जुटाने के लिए प्रशंसकों को अपनी लक साबित करने का मौका दिया है। यह मौका, फाउंडेशन के लिए १० डॉलर या इससे ज्यादा का दान करने वाले प्रशंसकों में से किसी एक को दिया जायेगा। इस योजना के तहत ऐसे चुने गए प्रशंसक को फ़ास्ट एंड फ्यूरियस ८ के सेट पर पूरे दिन मौजूद रहने और फिल्म के कलाकारों के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा। फ्यूरियस सीरीज की मशहूर कार रेस के बिहाइंड द सीन्स में रहने का मौका भी मिल सकता है और मिशेल रोड्रिगुएज के साथ एक्शन करने का मौका भी। पॉल वॉकर फाउंडेशन वन्य जीवन संरक्षण और समुद्रों की सफाई के लिए काम करता है। सीरीज के प्रमुख सदस्य विन डीजल पॉल वॉकर की इस लिगेसी को कायम रखना चाहते हैं। फ़ास्ट एंड फ्यूरियस ८ की पृष्ठभूमि न्यू यॉर्क सिटी और क्यूबा है। इस फिल्म की शूटिंग आइसलैंड में भी होगी। विन डीजल, टायर्स गिब्सन, लुडाक्रिस, मिशेल रोड्रिगुएज, जैसन स्टेथम, जॉर्डन ब्रूस्टर और कर्ट रसेल और ड्वेन जॉनसन के साथ क्रिस्टोफ़र हिव्जू, चार्लीज़ थेरोन और स्कॉट ईस्टवुड का फिल्म में डेब्यू हो रहा है। क्रिस मॉर्गन की लिखी पटकथा का निर्देशन ऍफ़ गैरी ग्रे कर रहे हैं। यह फिल्म १४ अप्रैल २०१७ को रिलीज़ होगी।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
मैट डैमन सुपर हीरो बनना चाहेंगे अगर...!
बॉर्न सीरीज की
फिल्मों में अमरीकी एजेंट और शार्प शूटर जैसन बॉर्न का किरदार कर रहे मैट डैमन सुपर
हीरो किरदार करना चाहेंगे। फिल्म जैसन बॉर्न के प्रचार के दौरान पत्रकारों द्वारा
पूछे गए सवाल के जवाब में
मैट ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि अब कोई सुपर हीरो बचा रह गया है। यहाँ
बताते चलें की सिल्वर स्क्रीन पर फिल्म बैटमैन वेर्सेस सुपरमैन: डॉन ऑफ़ जस्टिस में बैटमैन
का किरदार करने वाले बेन अफ्लेक मैट डैमन के घनिष्ठ मित्र है। वह फिल्म निर्देशक भी हैं। जब मैट से
पूछा गया कि अगर बेन आपके पास कोई प्रपोजल लाये तो आप सुपर हीरो बनेंगे ? यह सवाल इस लिए पूछा
गया था कि बेन अफलेक कुछ सालों में बैटमैन पर अपनी फिल्म बनाना चाहते हैं। इस पर मैट डैमन
ने कहा, “अगर बेन डायरेक्ट
करेंगे तो मैं कूद पडूंगा। मैं बेन के साथ फिल्म करना चाहूंगा. लेकिन...”,
साथ ही मैट ने जोड़ा, “बेन की समस्या यह है कि वह जब भी कोई फिल्म
निर्देशित करते हैं, अपने लिए बढ़िया रोल रख ले लेते हैं। इसलिए जब तक
बेन यह वादा नहीं करते कि वह बढ़िया रोल देंगे, उनका कोई दोस्त उनकी फिल्म नहीं करेगा।मैट डैमन की फिल्म जैसन बॉर्न पूरे विश्व
में २९ जुलाई को रिलीज़ हो
रही है।
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स्टाइलिश रोमांस की ला ला लैंड
फिल्म ला ला लैंड के ट्रेलर में रयान गोस्लिंग और एमा स्टोन हॉलीवुड की पुरानी स्टाइलिश रोमांस फिल्मों जैसा, गीत की धुन पर अटखेलियाँ करते जोड़े जैसा रोमांस करते नज़र आते हैं। इस ट्रेलर में संवाद नहीं है, लेकिन रोमांस फूट फूट कर नज़र आता है। यह क्रेजी स्टुपिड लव और गैंगस्टर स्क्वाड के बाद तीसरा मौका है गोस्लिंग और स्टोन की जोड़ी बन रही है। व्हिपलैश जैसी फिल्म के लेखक निर्देशक डेमियन चजेल की इस फिल्म की कहानी अभिनेत्री बनने की इच्छुक मिया के समर्पित जैज़ संगीतकार सेबेस्टियन की, उम्मीदों के कुचल देने वाले आधुनिक लॉस एंजल्स शहर में खुद को जिंदा रखने और साबित करने के लिए मिल कर संघर्ष की रोमांस गाथा है। इस फिल्म में दर्शकों को अपने सपने बनते और टूटते नज़र आ सकते है। इस साल २ दिसम्बर को रिलीज़ होने जा रही ला ला लैंड अगले महीने ३१ को वेनिस फिल्म फेस्टिवल की ओपनिंग फिल्म है। इस फिल्म में व्हिपलैश के ऑस्कर विजेता एक्टर जे के सिमंस, फिन वित्रोच्क, केली हर्नांडेज़, रोजमारी डेविट और मांगें फे जैसे चेहरे भी नज़र आएंगे।
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Wednesday, 13 July 2016
बॉक्स ऑफिस को झिंझोड़ देंगे बॉलीवुड के 'ड्रैगन'
क्रिसमस
२०१६ के अभी चार महीने बाकी है। लेकिन, बॉलीवुड ने क्रिसमस २०१७ के लिए कमर कस
ली लगती है। लम्बे समय से चर्चा में रही रणबीर कपूर की सुपरहीरो फिल्म ड्रैगन की
शूटिंग निर्देशक अयान मुख़र्जी इस साल के आखिरी में शुरू कर देंगे। इस फिल्म को २५ दिसम्बर २०१७ को रिलीज़ करने की
योजना है। उधर, सलमान
खान ने राजकुमार संतोषी की फिल्म को अपनी हां कह दी है। इस फिल्म में सलमान खान की
नायिका रणबीर कपूर की पूर्व गर्ल फ्रेंड कटरीना कैफ होंगी। फिलहाल, राजकुमार संतोषी
इस फिल्म की स्क्रिप्ट पर काम कर रहे है।
लेकिन, चर्चा है कि संतोषी और खान दोनों ही
अपनी फिल्म क्रिसमस २०१७ वीकेंड में रिलीज़ करना चाहते हैं। आम तौर पर क्रिसमस
वीकेंड आमिर खान के लिए बुक रहता है। इस साल भी आमिर खान की फिल्म दंगल क्रिसमस
वीकेंड पर रिलीज़ होगी। दंगल के बाद आमिर
खान ने कोई फिल्म साइन नहीं की है।
हालाँकि, उन्होंने अद्वैत चौहान की फिल्म द
सीक्रेट सुपरस्टार की हरी झंडी दे दी है।
लेकिन, यह फिल्म इतनी ज़ल्दी शुरू भी नहीं होने
जा रही कि क्रिसमस २०१७ में रिलीज़ हो पाए।
यहाँ
बताते चलें कि बाजीराव- मस्तानी की सफलता के तुरंत बाद, संजयलीला भंसाली ने मेवाड़
की रानी पद्मावती पर अपनी ऐतिहासिक रोमांस फिल्म को क्रिसमस वीकेंड पर रिलीज़ करने
का फैसला किया था । आम तौर पर आमिर खान के लिए सुरक्षित क्रिसमस वीकेंड पर पिछले
साल शाहरुख़ खान की एक्शन कॉमेडी फिल्म फिल्म दिलवाले, संजयलीला भंसाली की ऐतिहासिक
रोमांस फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी से आ टकराई थी । खान को विश्वास था कि संजय अपनी
राह बदल लेंगे । पर आत्मविश्वास से लबरेज़ संजय ने तारिख नहीं बदली । नुकसान शाहरुख़
खान की फिल्म दिलवाले को हुआ । इसके बावजूद शाहरुख़ खान आनंद एल राज की एक बौने की
कहानी पर अनाम फिल्म को क्रिसमस २०१७ पर रिलीज़ करना चाहते थे । इस लिए, एक बार फिर
संजयलीला भंसाली और शाहरुख़ खान की फिल्मों का टकराव साफ़ नज़र आ रहा था । अगर, ऐसा
होता तो क्या होता ? २५ दिसम्बर २०१७ को रणबीर कपूर, सलमान खान, शाहरुख़ खान और
संजयलीला भंसाली की फ़िल्में टकरा रही होती । लेकिन, इससे पहले ही संजयलीला भंसाली
ने अपनी ऐतिहासिक फिल्म को १८ दिसम्बर २०१७ को रिलीज़ करने का ऐलान कर दिया था,
ताकि बाकी के दो हफ़्तों का फायदा उठाया जा सके । उधर शाहरुख़ खान की बौने नायक वाली
फिल्म भी स्क्रिप्ट पर काम चलने के कारण ज़ल्द शुरू नहीं हो सकती थी ।
बॉलीवुड
करे भी तो क्या ! उसके कथित सुपर सितारों को भी हॉलिडे वीकेंड की दरकार होती है ।
एक्सटेंडेड वीकेंड हो तो सोने पर सुहागा । क्योंकि, सप्ताह का पहला सोमवार ही इन
सितारों पर भारी पड़ता है । यही कारण है कि क्रिसमस, दीवाली, ईद, स्वतंत्रता दिवस,
गणतंत्र दिवस, आदि दिवसों पर फिल्मों की रिलीज़ का ऐलान काफी पहले से होने लगा है ।
इस भगदड़ में बड़े बजट और बड़े सितारों वाली एकाधिक फ़िल्में रिलीज़ के लिए आ टकराती है
। अगले एक साल में ऐसे ही कुछ दिलचस्प मुकाबले देखने को मिल सकते हैं । आइये, जानने
की कोशिश करते हैं कि कौन सी दो फ़िल्में टकरा रही हैं किसी हॉलिडे वीकेंड पर –
स्वतंत्रता
दिवस (१२ अगस्त) वीकेंड पर रुस्तम से मोहनजोदड़ो का टकराव-
बॉलीवुड फिल्मों के लिहाज़ से इंडिपेंडेंस डे वीकेंड सुपर सितारों का रहा है । आम तौर पर बॉलीवुड के सुपर स्टार्स की फ़िल्में इस वीकेंड में रिलीज़ हुई । पिछले पांच सालों में यानि २०११ से २०१५ तक अमिताभ बच्चन, सैफ अली खान, दीपिका पादुकोण और मनोज बाजपेई की फिल्म आरक्षण, सलमान खान और कटरीना कैफ की एक था टाइगर, अक्षय कुमार, इमरान खान और सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दोबारा, अजय देवगन और करीना कपूर की सिंघम रिटर्न्स और पिछले साल अक्षय कुमार, जैकी श्रॉफ, सिद्धार्थ मल्होत्रा और जैकलिन फर्नांडीज की ब्रदर्स रिलीज़ हुई । आरक्षण और ब्रदर्स जहाँ औसत बिज़नस कर सकी, वहीँ एक टाइगर और सिंघम रिटर्न्स सुपर हिट और वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दुबारा फ्लॉप साबित हुई । इस साल दो फिल्मों का टकराव है । रुस्तम की रिलीज़ डेट १२ अगस्त पहले से ही तय थी, लेकिन मोहनजोदड़ो पीछे सरका दिए जाने के कारण १२ अगस्त को रिलीज़ हो रही है । एक पीरियड फिल्म है, दूसरी रियल लाइफ घटना पर फिल्म हैं । मोहनजोदड़ो सिन्धु सभ्यता की शुरुआत को उकेरती है । वहीँ रुस्तम कभी पूरे देश में चर्चित हुए बॉम्बे के १९५९ के मशहूर आहूजा हत्याकांड पर फिल्म थी । एक नेवी ऑफिसर अपने दोस्त के बीवी के साथ अवैध रिश्तों के कारण हत्या कर देता है । इस विषय पर सुनील दत्त ने फिल्म ये रास्ते हैं प्यार के बनाई थी । इस फ्लॉप फिल्म का निर्देशन आर के नय्यर ने किया था । इस लिहाज़ से मोहनजोदड़ो और रुस्तम के बीच कड़ी टक्कर की पूरी संभावना है ।
बॉलीवुड फिल्मों के लिहाज़ से इंडिपेंडेंस डे वीकेंड सुपर सितारों का रहा है । आम तौर पर बॉलीवुड के सुपर स्टार्स की फ़िल्में इस वीकेंड में रिलीज़ हुई । पिछले पांच सालों में यानि २०११ से २०१५ तक अमिताभ बच्चन, सैफ अली खान, दीपिका पादुकोण और मनोज बाजपेई की फिल्म आरक्षण, सलमान खान और कटरीना कैफ की एक था टाइगर, अक्षय कुमार, इमरान खान और सोनाक्षी सिन्हा की फिल्म वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दोबारा, अजय देवगन और करीना कपूर की सिंघम रिटर्न्स और पिछले साल अक्षय कुमार, जैकी श्रॉफ, सिद्धार्थ मल्होत्रा और जैकलिन फर्नांडीज की ब्रदर्स रिलीज़ हुई । आरक्षण और ब्रदर्स जहाँ औसत बिज़नस कर सकी, वहीँ एक टाइगर और सिंघम रिटर्न्स सुपर हिट और वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दुबारा फ्लॉप साबित हुई । इस साल दो फिल्मों का टकराव है । रुस्तम की रिलीज़ डेट १२ अगस्त पहले से ही तय थी, लेकिन मोहनजोदड़ो पीछे सरका दिए जाने के कारण १२ अगस्त को रिलीज़ हो रही है । एक पीरियड फिल्म है, दूसरी रियल लाइफ घटना पर फिल्म हैं । मोहनजोदड़ो सिन्धु सभ्यता की शुरुआत को उकेरती है । वहीँ रुस्तम कभी पूरे देश में चर्चित हुए बॉम्बे के १९५९ के मशहूर आहूजा हत्याकांड पर फिल्म थी । एक नेवी ऑफिसर अपने दोस्त के बीवी के साथ अवैध रिश्तों के कारण हत्या कर देता है । इस विषय पर सुनील दत्त ने फिल्म ये रास्ते हैं प्यार के बनाई थी । इस फ्लॉप फिल्म का निर्देशन आर के नय्यर ने किया था । इस लिहाज़ से मोहनजोदड़ो और रुस्तम के बीच कड़ी टक्कर की पूरी संभावना है ।
दीवाली
वीकेंड (२८ अक्टूबर) पर शिवाय से टकराएगी ऐ दिल है मुश्किल-
दीवाली वीकेंड हमेशा से अजय देवगन का रहा है । २०११ से पहले अजय देवगन दीवाली वीकेंड पर छाये रहते थे । २०११ में पहली बार शाहरुख़ खान की फिल्म रा.वन रिलीज़ हुई । हालाँकि, इस फिल्म ने १०० करोड़ से ज्यादा का बिज़नस किया । लेकिन, बजट के लिहाज़ से यह फिल्म फ्लॉप फिल्मों में शुमार हुई । २०१२ में शाहरुख़ खान की जब तक है जान, अजय देवगन की फिल्म सन ऑफ़ सरदार से टकराई । हालाँकि, दोनों ही फिल्मों ने अच्छा बिज़नस किया, लेकिन दीवाली वीकेंड का पूरा फायदा इन दोनों ही फिल्मों को नहीं मिल सका । पहली बार हृथिक रोशन की सुपर हीरो फिल्म कृष ३ दीवाली वीकेंड पर रिलीज़ हुई । दो साल के अंतराल में यह दूसरी सुपर हीरो फिल्म थी । रा.वन के मुकाबले कृष ३ को अच्छी सफलता मिली । २०१४ की दीवाली शाहरुख़ खान की हैप्पी न्यू इयर लेकर आई । बकवास फिल्म होने के बावजूद हैप्पी न्यू इयर ने १०० करोड़ क्लब में दाखिला लिया । पिछले साल सलमान खान और सोनम कपूर की सूरज बडजात्या निर्देशित फिल्म प्रेम रतन धन पायो रिलीज़ हुई थी । इस फिल्म को भी अच्छी सफलता मिली । दीवाली २०१७ दो बड़े बजट की फिल्मों के टकराव का गवाह बनने जा रही है । शिवाय के निर्देशक भी अजय देवगन हैं । यह भगवान् शिव के मानव स्वरुप को पेश करने वाली फिल्म है । इसके एक्शन ख़ास है । दिलीप कुमार की नातिन सायेशा का इस फिल्म से डेब्यू हो रहा है । डायरेक्टर करण जौहर की फिल्म फिल्म ऐ दिल है मुश्किल में सितारों की भरमार है । रणबीर कपूर, ऐश्वर्या राय बच्चन, अनुष्का शर्मा, फवाद खान, इमरान अब्बास और लिसा हैडन जैसे सितारों की भीड़ अजय देवगन की फिल्म को ज़बरदस्त टक्कर देंगी । लेकिन, इतना तय है कि इनिशियल अजय देवगन की फिल्म को ही मिलेगा ।
गणतंत्र
दिवस वीकेंड पर रईस टकराव के काबिल- दीवाली वीकेंड हमेशा से अजय देवगन का रहा है । २०११ से पहले अजय देवगन दीवाली वीकेंड पर छाये रहते थे । २०११ में पहली बार शाहरुख़ खान की फिल्म रा.वन रिलीज़ हुई । हालाँकि, इस फिल्म ने १०० करोड़ से ज्यादा का बिज़नस किया । लेकिन, बजट के लिहाज़ से यह फिल्म फ्लॉप फिल्मों में शुमार हुई । २०१२ में शाहरुख़ खान की जब तक है जान, अजय देवगन की फिल्म सन ऑफ़ सरदार से टकराई । हालाँकि, दोनों ही फिल्मों ने अच्छा बिज़नस किया, लेकिन दीवाली वीकेंड का पूरा फायदा इन दोनों ही फिल्मों को नहीं मिल सका । पहली बार हृथिक रोशन की सुपर हीरो फिल्म कृष ३ दीवाली वीकेंड पर रिलीज़ हुई । दो साल के अंतराल में यह दूसरी सुपर हीरो फिल्म थी । रा.वन के मुकाबले कृष ३ को अच्छी सफलता मिली । २०१४ की दीवाली शाहरुख़ खान की हैप्पी न्यू इयर लेकर आई । बकवास फिल्म होने के बावजूद हैप्पी न्यू इयर ने १०० करोड़ क्लब में दाखिला लिया । पिछले साल सलमान खान और सोनम कपूर की सूरज बडजात्या निर्देशित फिल्म प्रेम रतन धन पायो रिलीज़ हुई थी । इस फिल्म को भी अच्छी सफलता मिली । दीवाली २०१७ दो बड़े बजट की फिल्मों के टकराव का गवाह बनने जा रही है । शिवाय के निर्देशक भी अजय देवगन हैं । यह भगवान् शिव के मानव स्वरुप को पेश करने वाली फिल्म है । इसके एक्शन ख़ास है । दिलीप कुमार की नातिन सायेशा का इस फिल्म से डेब्यू हो रहा है । डायरेक्टर करण जौहर की फिल्म फिल्म ऐ दिल है मुश्किल में सितारों की भरमार है । रणबीर कपूर, ऐश्वर्या राय बच्चन, अनुष्का शर्मा, फवाद खान, इमरान अब्बास और लिसा हैडन जैसे सितारों की भीड़ अजय देवगन की फिल्म को ज़बरदस्त टक्कर देंगी । लेकिन, इतना तय है कि इनिशियल अजय देवगन की फिल्म को ही मिलेगा ।
शाहरुख़ खान ने सलमान खान से ईद २०१६ में टकराने का इरादा छोड़ ज़रूर दिया । लेकिन, टकराव ने उनका साथ न छोड़ा । अब उनकी फिल्म रईस २६ जनवरी २०१७ को रिलीज़ हो रही है । यानि, अब यह फिल्म हृथिक रोशन की संजय गुप्ता निर्देशित फिल्म काबिल से टकराएगी । यह टकराव त्रिकोणीय हो जाता, अगर रितेश सिधवानी और फरहान अख्तर की निर्माता जोड़ निर्माता भूषण कुमार से मिल कर उनकी अजय देवगन अभिनीत फिल्म बादशाओ की रिलीज़ डेट टलवा नहीं देते । अब बादशाओ १२ मई २०१७ को रिलीज़ होगी ।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
पीट्स ड्रैगन की कहानी
पीट्स ड्रैगन, १९९७
में रिलीज़ लाइव एक्शन फिल्म थी, जिसका एकमात्र एनीमेशन करैक्टर इलियट था, जो एक
ड्रैगन था। इस फिल्म के लाइव एक्शन का निर्देशन डॉन चाफे ने किया था, जबकि एनीमेशन
किरदार ड्रैगन के निर्देशक डॉन ब्लथ थे । यह फिल्म एक अनाथ बच्चे पीट और उसके
इकलौते साथी ड्रैगन इलियट की थी, जो पीट को जब तब मुसीबतों से बाहर निकालता है । अब
कोई बीस साल बाद इस फिल्म को रीमेक किया जा रहा है । लेकिन, खबर है कि फिल्म का
एकमात्र एनीमेशन किरदार ड्रैगन रीमेक में नहीं होगा । फिल्म की कहानी के अनुसार पार्क
रेंजर ग्रेस को पता चलता है कि पिछले छः सालों से जंगल में एक युवक पीट रह रहा है,
जिसकी रक्षा उसका साथी ड्रैगन करता है । ग्रेस यह जानकारी देने के लिए अपने पिता
के ऑफिस जाती हैं । वहां उसे पिता के उसके बचपन में उसे बहलाने के लिए बनाई गई
ड्रैगन की ड्राइंग नज़र आती है । उसे ड्राइंग के ड्रैगन और उसकी जानकारी के ड्रैगन
में समानता नज़र आती है । उसे ऐसा लगता है, जैसे उसके पिता और ड्रैगन का कोई सम्बन्ध
ज़रूर है । पीट्स ड्रैगन का निर्देशन डेविड लोवेरी कर रहे हैं । इस फिल्म में ग्रेस की भूमिका ब्र्यस
डलास होवार्ड ने की है । ग्रेस के पिता रोबर्ट रेडफोर्ड, युवा
पीट ओएक्स फेग्ले ने की है । फिल्म की कथा
पटकथा टोबी हालब्रुक्स और डेविड लोवेरी ने लिखी है । डिज्नी की यह फिल्म १२
अगस्त को रिलीज़ हो रही है ।
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
ब्लड फादर मेल गिब्सन
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Saturday, 9 July 2016
सुपर स्टार अभिनेत्रियों के अनजाने से ऑन स्क्रीन पति !
पिछले दिनों यह खबर थी कि
संजयलीला भंसाली की ऐतिहासिक चरित्र पद्मावती पर फिल्म में दीपिका पादुकोण मेवाड़ की रानी पद्मावती की भूमिका निबाहेंगी। इस फिल्म में दीपिका के ऑन स्क्रीन पति रावल रतन
सिंह का किरदार मसान अभिनेता विक्की कौशल के करने की हवा है। दीपिका पादुकोण जैसी
सुपर स्टार अभिनेत्री और उनका ऑन स्क्रीन पति एक अनजाना-सा चेहरा ! लेकिन, दीपिका
को कोई समस्या नहीं। वह टाइटल भूमिका में होंगी तथा उन पर मर मिटे सुलतान अलाउद्दीन
खिलज़ी का किरदार उनके रियल लाइफ बॉय फ्रेंड रणवीर सिंह करेंगे। दीपिका को और चाहिए
क्या ?
दीपिका ही क्या, अगर फिल्म
नायिका प्रधान है या फिर उनके सामने कोई दूसरा बड़ा अभिनेता ख़ास भूमिका में है तो
किसी सुपर स्टार अभिनेत्री को क्या फर्क पड़ता है कि ऑन स्क्रीन उसका पति कौन है ?
ऐसे तमाम उदाहरण हैं, जिनमे बड़ी अभिनेत्रियों के ऑन स्क्रीन पतियों के चेहरे हिंदी
फिल्म दर्शकों के कम जाने पहचाने थे। आइये जानते हैं ऎसी कुछ सुपर स्टार
अभिनेत्रियों और उनके कम जाने पहचाने ऑन स्क्रीन पतियों के बारे में-
ऐश्वर्या राय बच्चन- हालिया
रिलीज़ फिल्म सरबजीत में ऐश्वर्या राय बच्चन ने सरबजीत की बहन दलजीत कौर का किरदार किया था। इस फिल्म में उनके पति बलदेव की भूमिका नवोदित अभिनेता अंकुर भाटिया ने की थी। इस
से पहले संजयलीला भंसाली की ‘फिल्म गुजारिश में सोफ़िया डीसूजा के पति नेविले
डिसूजा का किरदार मकरंद देशपांडे ने किया था। मकरंद मराठी फिल्मों और स्टेज के बड़े
नाम हैं, लेकिन हिंदी फिल्मों में उन्हें छोटी भूमिकाओं में सपोर्टिंग रोल में ही
देखा गया। जग मूंधड़ा की फिल्म प्रोवोक्ड में किरण अहलुवालिया यानि ऐश्वर्य रे के
पति दीपक का का किरदार हॉलीवुड अभिनेता नवीन एंड्रूस ने किया था।
विद्या बालन- फिल्म हमारी
अधूरी कहानी विद्या बालन और इमरान हाशमी की रोमांस कहानी थी। लेकिन, इस फिल्म में
विद्या के पति का निगेटिव कोण भी था। फिल्म में विद्या बालन के पति का किरदार 'शाहिद' अभिनेता राजकुमार राव कर रहे थे। अभिषेक चौबे की फिल्म इश्किया एक दुष्ट
महिला कृष्णा के मामू-भांजे को अपने प्रेम जाल में फंसा कर अपने पति की हत्या करवाने की रोमांचक अपराध कथा थी। इस फिल्म के मामू-भांजा तो नसीरुद्दीन शाह और अरशद वारसी बने थे, लेकिन,
फिल्म की कृष्णा विद्या बालन के पति विद्याधर वर्मा का किरदार आदिल हुसैन ने किया
था। आदिल हुसैन लीक से हट कर बनी फिल्मों या हॉलीवुड की फिल्म लाइफ ऑफ़ पाई के कारण
पहचाने जाते हैं।
तब्बू- इश्किया के आदिल
हुसैन हॉलीवुड फिल्म लाइफ ऑफ़ पाई में तब्बू के पति का किरदार कर रहे थे। महेश
मांजरेकर की नायिका प्रधान फिल्म अस्तित्व में तब्बू केंद्रीय भूमिका में थी। इस
फिल्म में उनके पति का किरदार मराठी फिल्मों के प्रतिष्ठित अभिनेता सचिन खेर्डेकर
ने किया था। २०१४ में रिलीज़ विशाल भरद्वाज की फिल्म हैदर में तब्बू ने शाहिद कपूर
की माँ का किरदार किया था। इस फिल्म में तब्बू के डॉक्टर पति हिलाल मीर का किरदार टीवी सीरियल अभिनेता अभिनेता नरेन्द्र झा का रहे थे।
श्रीदेवी- श्रीदेवी ने चार साल पहले हिंदी फिल्मों में वापसी की थी। फिल्म थी निर्देशक गौरी शिंदे की नायिका
प्रधान इंग्लिश विंग्लिश। इस फिल्म में श्रीदेवी ने इंग्लिश न जानने
वाली बीवी का किरदार किया था। उनके ऑन स्क्रीन शौहर आदिल हुसैन बने थे। खबर है
कि बोनी कपूर की फिल्म मॉम में पाकिस्तानी एक्टर अदनान सिद्दीकी उनके पति बने हैं।
सुपर स्टार अभिनेत्रियों के
पति!
कुछ अभिनेताओं की पहचान ही
बॉलीवुड की बड़ी अभिनेत्रियों के साथ फिल्म में उनके पति की भूमिका से बनी। आदिल
हुसैन के अलावा कुछ दूसरे अभिनेताओं ने फिल्मों में सुपर स्टार अभिनेत्रियों के पति का किरदार
किया। प्रदीप सरकार की फिल्म मर्दानी में रानी मुख़र्जी ने पुलिस अधिकारी शिवानी
शिवाजी रॉय का किरदार क्या था। फिल्म में उनके डॉक्टर पति बिक्रम रॉय का किरदार जिशु
सेनगुप्ता कर रहे थे। जिशु बांगला फिल्मों के जाने माने चेहरे हैं। मैरी कोम में
प्रियंका चोपड़ा के पति की भूमिका दर्शन कुमार कर रहे थे। यह फिल्म दर्शन की
डेब्यू फिल्म थी। पति पत्नी और अवैध संबंधों पर फिल्म मर्डर अपने पूर्व प्रेमी से
शादी के बाद भी सम्बन्ध बनाने वाली औरत का किरदार मल्लिका शेरावत ने किया था। इमरान हाश्मी उनके पूर्व प्रेमी बने थे। फिल्म में अश्मित पटेल ने मल्लिका के पति
का किरदार किया था। खबर है कि सरबजीत में ऐश्वर्या राय बच्चन के पति का किरदार करने वाले अंकुर भाटिया ने फिल्म हसीना में श्रद्धा कपूर के पति की भूमिका के लिए हाँ कर दी है।
बॉलीवुड इन अपनी पहचान बनाने के ख्याल से अभिनेताओं का बॉलीवुड की स्थापित अभिनेत्रियों के पति का किरदार करना माफिक बैठता है। ऎसी भूमिकाएं करके वह टाइप्ड ही नहीं होते। दर्शक उन्हें पहचानने लगते हैं। आज मैरी कॉम में प्रियंका चोपड़ा के पति बन कर दर्शन कुमार कई फिल्मों में महत्वपूर्ण भूमिका कर रहे हैं। पाकिस्तान के अदनान सिद्दीकी के लिए श्रीदेवी का शौहर बनना भारतीय दर्शकों में अपना परिचय कराने के ख्याल से बढ़िया है। ऐसे में जब विक्की कौशल पद्मावती के पति बन कर दर्शकों के सामने होंगे तो दर्शकों में अपनी अच्छी पहचान बना लेंगे।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
स्पाइडर मैन होमकमिंग में अंगौरी राइस
इन दिनों मार्वेल और सोनी की फिल्म स्पाइडर-मैन: होमकमिंग की शूटिंग एटलांटा में चल रही है ।
इस फिल्म के लिए हाल ही में अब्राहम अता, गर्सल्ले गर्सल्ले बौवैस, टिफ़नी एस्पेंसेन और टाईन डली को साइन किया गया है । अब यह सुनने में आया है कि नाइस गाइस की अंगौरी राइस को भी साइन कर लिया गया है । अन्य तमाम कलाकारों की तरह अंगौरी राइस के रोल के बारे में जानकारी नहीं दी गई है । इस फिल्म में टॉम हॉलैंड पीटर पार्कर/स्पाइडर मैन तथा उनकी आंटी मे मारिसा तोमेई की भूमिका कर रही हैं । इस फिल्म के प्लाट का खुलासा नहीं हुआ है । लेकिन, जारी किये गए फोटोग्राफ इस फिल्म को पीटर पार्कर के स्कूली दिनों पर फिल्म ज़ाहिर करते हैं । पीटर पार्कर की प्रेमिका ग्वेन स्टेसी का किरदार कौन अभिनेत्री करेगी तथा मैरी जेन वाटसन कौन होगी, साफ़ नहीं है । अंगौरी को साइन करने से यह समझा जा रहा है कि वह ग्वेन स्टेसी के किरदार के लिए ली गई होंगी । अंगौरी का २०१३ में फिल्म फाइनल आवर्स से हॉलीवुड डेब्यू हुआ था ।
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स्टीवन सोडेनबर्ग निर्देशित करेंगे पनामा लीक पर फिल्म
पिछले दिनों, पनामा
लीक ने भारत में तहलका मचा दिया था । इस लीक के कारण बहुत सी भारतीय हस्तियाँ
संदेह के घेरे में आ गई । इससे पूरी दुनिया में ही तहलका मच गया था । खबर है कि लॉरेंस
ग्रे की फिल्म निर्माण कंपनी ग्रे मेटर प्रोडक्शनस ने इस कांड पर पुलित्ज़र प्राइस
विजेता पत्रकार जेक बर्नस्टीन की आगामी पुस्तक सीक्रेसी वर्ल्ड पर फिल्म बनाने के
अधिकार खरीद लिए हैं । जेक ने ही अप्रैल में पनामा लीक पर स्टोरी की थी । वही लॉरेंस ग्रे तथा अन्य दूसरे निर्माताओं के
साथ इस फिल्म का निर्माण करने जा रहे हैं । फिल्म का निर्देशन ऑस्कर विजेता और ट्रैफिक, एरिन ब्रोक्कोविच और ओसियन्स एलेवेन
जैसी फिल्मों के निर्देशक स्टीवन सोडेनबर्ग करेंगे । बताया जा रहा है कि बर्नस्टीन की आने वाली पुस्तक
में पनामा लीक पर बहुत से दूसरे चौंकाने वाले खुलासे किये गए है । ज़ाहिर है कि यह
फिल्म पूरी दुनिया में हलचल मचा देगी । ग्रे मेटर की आगामी फिल्म हॉरर लाइट्स आउट
२२ जुलाई को रिलीज़ हो रही है । यह कंपनी आगामी पतझड़ में सिल्वेस्टर स्टेलोन के साथ
एक अनाम फिल्म भी शुरू करने जा रही है । इसके अलावा मिशन इम्पॉसिबल ६ और विंटरस
नाइट जैसी फिल्मों का निर्माण भी इस कंपनी द्वारा किया जाएगा ।
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Thursday, 7 July 2016
भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर फिल्म का पोस्टर
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हैप्पी भाग जाएगी का नया पोस्टर हुआ जारी
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नशीली दवाओं के चंगुल में ‘उड़ता’ बॉलीवुड
अभिषेक चौबे की
फिल्म उड़ता पंजाब आजकल के पंजाब प्रान्त में युवाओं के बीच नशीली दवाओं की समस्या
पर फिल्म है। इस फिल्म में करीना कपूर और
शाहिद कपूर लम्बे समय बाद किसी फिल्म में
आ ज़रूर रहे हैं, लेकिन उनके साथ साथ
कोई सीन नहीं होंगे। लेकिन, फिल्म में दर्शकों की उत्सुकता इस लिए नहीं होगी। वह देखना चाहेंगे कि अभिषेक चौबे के द्वारा चार
साल तक की गई कथित मेहनत ने स्क्रिप्ट में क्या आकार लिया है। क्या यह फिल्म पंजाबी युवाओं के नशीली दवाओं के
जाल में फंसने की घटनाओं को वास्तविक तथ्यों के आधार पर उभार पाए होंगे ? या फिर
यह फिल्म भी कश्यप एंड भरद्वाज एंड कंपनी की तमाम फिल्मों की तरह बॉक्स ऑफिस पर
दर्शक बटोरने के लिए विवादित विषय पर एक और फिल्म होगी ? आम तौर पर, बॉलीवुड ने तो
नशीली दवाओं को युवाओं के शौक और मज़े के तौर पर ही दिखाया है।
ड्रग्स पर 'गुमराह' करती फिल्म
निर्माता यश जौहर और
निर्देशक महेश भट्ट ने १९९३ में नशीली दवाओं की तस्करी के विषय पर एक फिल्म गुमराह
बनाई थी। इस फिल्म में श्रीदेवी ने एक
सिंगर रोशनी का किरदार किया था, जिसे राहुल प्रमोट करता है और विदेशों में शो
करवाता है। ऐसे ही एक शो के लिए जाते समय
रोशनी हांगकांग एयरपोर्ट पर नशीली दवाओं की तस्करी के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया
जाता है। उसे फांसी की सज़ा हो जाती है। ऐसे में जगन्नाथ उसकी मदद करता है। संजय दत्त ने जगन्नाथ और राहुल रॉय ने प्रमोटर
राहुल का किरदार किया था। इस फिल्म को रॉबिन भट्ट और सुजीत सेन ने लिखा था। लेकिन, वह पकड़ नहीं बन पाई थी। फिल्म में न तथ्य थे, न विषय की गहराई से समझ थी। यह सतही फिल्म श्रीदेवी और संजय दत्त की फ्लॉप
फिल्मों में शुमार की जाती है।
नेपाल से गोवा तक
ड्रग्स
१८ साल बाद निर्देशक
रोहन सिप्पी को गोवा में नशीली दवाओं का धंधा नज़र आया। उस दौर में गोवा इसी खासियत के कारण कुख्यात हो
रहा था। फिल्म में नशीली दवाओं के तस्करों
की तरकीबों, पुलिस की कोशिशों और
नशे के दुष्परिणाम का चित्रण काफी अच्छी तरह से हुआ था। इस फिल्म में दीपिका पादुकोण पर हरे राम हरे कृष्णा का दम मारो दम गीत का
रीमिक्स वर्शन फिल्माया गया था । इसके
बावजूद फिल्म फ्लॉप हुई। जिस हरे राम हरे
कृष्णा के गीत पर रोहन सिप्पी ने गोवा पर अपनी फिल्म का नाम रख था, देव आनंद और ज़ीनत अमान की यह फिल्म नेपाल में हिप्पियों और नशे
के जाल पर केंद्रित थी। इस संगीतमय फिल्म
ने हिंदुस्तानी दर्शकों को काफी प्रभावित किया था
फिल्म सुपर हिट साबित हुई। लेकिन,
इसके बाद कोई ऎसी सफल फिल्म नहीं बनाई जा
सकी।
ड्रग्स से लग जाते
हैं 'पंख'
सुदीप्तो
चट्टोपाध्याय निर्देशित फिल्म पंख को नशीली दवाओं पर केंद्रित फिल्म कहना ठीक नहीं
होगा। इस फिल्म में एक बच्चे के
मनोविज्ञान का भी चित्रण किया गया था।
जेरी एक बर्बाद परिवार से है। वह फिल्मों में लड़कियों का किरदार करता है। माँ
के साथ ख़राब सम्बन्ध उसे नशे में धकेल देते हैं।
नशीली दवाओं की डोज़ लेकर वह बिपाशा बासु की फंतासी करता है। यह फिल्म बाल
मनोविज्ञान की दृष्टि से प्रशंसनीय थी। नशा तो एक पहलू था ही।
नशीली दवाओं के आदती
किरदार
बॉलीवुड की काफी
फिल्मों के किरदार नशा लेने वाले दिखाये गए हैं।
मधुर भंडारकर की फैशन इंडस्ट्री पर फिल्म फैशन की कहानी मेघना माथुर यानि
प्रियंका चोपड़ा पर केंद्रित थी। फिल्म का
शोनाली का किरदार पतन को जा रही मॉडल का था, जो हताशा में नशीली दवाओं में डूब जाता है। इस भूमिका के लिए कंगना रनौत को सपोर्टिंग
एक्ट्रेस का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था।
अनुराग कश्यप की आधुनिक देवदास पर फिल्म देव डी में देवदास का किरदार पारो
की शादी हो जाने के बाद ड्रग्स लेने लगता है।
अनुराग कश्यप के चेले बिजॉय नांबियर की फिल्म शैतान के नशीली दवाओं और शराब
में डूबे पांच दोस्त नशे में चूर हो कर अपनी कार से एक स्कूटर सवार को ठोंक डालते हैं। इसके बाद शुरू होता है उनका पश्चाताप और एक के
बाद ज़िंदगियों का ख़त्म होना। कंगना रनौत
की फिल्म रिवाल्वर रानी में एक्टर बनने मुंबई आया वीर दास का किरदार हमेशा कोकीन
सुडकता रहता है। हँसी तो फसी में परिणीति
चोपड़ा का किरदार डिप्रेशन से उबरने के लिए ड्रग्स लेता है। रागिनी एमएमएस में एक जोड़ा नशे वाली सिगरेट
पीता है। इसके बाद वह लोग सेक्स करने शावर के नीचे जाते हैं। तभी लड़का प्रेत बन जाता है। लड़की नशीली सिगरेट को इसका कारण बताती है। गैंग्स ऑफ़ वास्सेपुर में नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी
हर समय चरस पीते रहते हैं। विशाल भरद्वाज की फिल्म ७ खून माफ़ में सुसन्ना
(प्रियंका चोपड़ा) के दूसरे पति बने जॉन अब्राहम ड्रग्स लेते थे । उसकी ज़्यादतियों
से तंग आकर सुसन्ना ड्रग की ओवर डोज़ देकर
मार देती है।
ड्रग्स ने बनाया
ज़ोंबी
कृष्णा डी के और राज
निदिमोरु की निर्देशक जोड़ी की फिल्म गो गोवा गॉन में कुणाल खेमू और वीर दास के करैक्टर गोवा की एक रेव पार्टी में
जाते हैं। नशे में डूबने के बाद जब वह सुबह उठते हैं तो पाते हैं कि नशे ने वहा
मौजूद तमाम लोगों को ज़ोंबी बना दिया है।
इसके बाद शुरू होती है कॉमिक भागदौड़ और जोम्बियों की मारकाट। सैफ अली खान ज़ोंबी के वायरस के शिकार ज़ोंबी
हंटर बने थे।
ड्रग्स पर हॉलीवुड
नशीली दवाओं के अंतर्राष्ट्रीय रैकेट को हॉलीवुड की कई फिल्मों
में दिखाया गया है। इनमे डायरेक्टर रिडले स्कॉट की डंजेल वाशिंगटन और रशेल क्रोव
की फिल्म अमेरिकन गैंगस्टर, डायरेक्टर ब्रायन डी पाल्मा की अल पचीनो अभिनीत स्कारफेस, निर्देशक डैनी बॉयल की ट्रेनस्पॉटिंग, फर्नांडो मेिरेलस की फिल्म सिटी ऑफ़ गॉड, स्टीवन सोडरबर्ग निर्देशित ट्रैफिक, कोएन ब्रदर्स निर्देशित ऑस्कर अवार्ड विजेता
फिल्म नो कंट्री फॉर ओल्ड मेन, डैरेन अरोनोफस्की निर्देशित रिक्विम फॉर अ ड्रीम, निर्देशक टेरी विलियम की फियर एंड लोथिंग इन लॉस
वेगासक्वेंटिन टारनटिनो की फिल्म पल्प फिक्शन, टेड डेमे की ब्लो, रिचर्ड लिंकलेटर के डैजड एंड कन्फ्यूज्ड और
डायरेक्टर जोशुआ मर्स्टन की मारिया फुल ऑफ़ ग्रेस के नाम उल्लेखनीय हैं।
ममता कुलकर्णी
नाना पाटेकर की हिट
फिल्म तिरंगा से अपने करियर की शुरुआत करने वाली ममता कुलकर्णी ने अपनी सेक्स अपील
के बलबूते शाहरुख़ खान, सलमान खान, आमिर खान और सैफ अली खान के साथ फिल्में की। वह
जब तब अपने नखरों और हरकतों के कारण चर्चित होती रही। एक दिन ममता कुलकर्णी यकायक गायब हो गई।हाल ही
में महाराष्ट्र में ठाणे पुलिस के ममता कुलकर्णी के पति विकी गोस्वामी के खिलाफ
रेड कार्नर नोटिस जारी करने की खबर आई है।
ममता और उनके पति नशीली दवाओं की
तस्करी में लिप्त बताये जाते हैं।
निर्माता अनुराग
कश्यप की फिल्म उड़ता पंजाब सेंसर से विवाद में उलझी हुई है । पंजाब के चुनाव नज़दीक
है । इसलिए, अनुराग कश्यप की फिल्म के पंखों के साथ तमाम राजनीतिक दल भी राजनीतिक
उड़ान भर लेना चाहते हैं । ज़ाहिर है कि उड़ता पंजाब को जितनी पब्लिसिटी इसके पूर्व
रोमांस जोड़े करीना-शाहिद जोड़े के कारण नहीं मिल रही है, उससे कई गुना ज्यादा राजनीतिक
दलों के बोल बचनो से मिल रही है । हो सकता है कि इस पब्लिसिटी से फिल्म हिट हो जाए
। लेकिन, क्या यह नशीले पदार्थों की समस्या पर बॉलीवुड की एक ईमानदार फिल्म बन
पायेगी ?
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