Monday 1 September 2014

नहीं रहे मिथुन चक्रवर्ती के 'बापू'

आज के मशहूर फिल्म निर्माता बोनी  कपूर और अभिनेता अनिल कपूर के पिता सुरिंदर कपूर की महाभारत के पांडव चरित्रों पर एक  सामजिक फिल्म आयी थी हम पांच।  ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले आधुनिक समाज के महाभारत को प्रदर्शित करने वाली हम पांच में संजीव कुमार ने आधुनिक कृष्ण की भूमिका की थी. शबाना आज़मी, दीप्ति  नवल, राज बब्बर, गुलशन  ग्रोवर, अमरीश पूरी, अरुणा ईरानी, गीता सिद्धार्थ, रूपेश कुमार और  कन्हैया लाल जैसी मिलीजुली स्टारकास्ट वाली हम पांच में आधुनिक भीम भीमा की भूमिका में मिथुन चक्रवर्ती  ने दर्शकों का ख़ास ध्यान खींचा था।  मृगया के लिए नेशनल फिल्म अवार्ड जीत चुके मिथुन इस फिल्म के बाद दर्शकों की निगाहों में चढ़ गए।  हम  पांच के निर्देशक तेलुगु फिल्मों के सत्तीराजु लक्ष्मी नारायण उर्फ़ बापू।  इस फिल्म के बाद बापू ने मिथुन चक्रवर्ती के साथ प्यारी बहना और प्रेम प्रतिज्ञा जैसी हिट फ़िल्में भी बनायीं।  अनिल कपूर को बतौर नायक पहली ही फिल्म से स्टार बना देने वाले बापू ही थे। फिल्म थी वह ७ दिन।  बापू की फिल्मों की खासियत होती थी माध्यम वर्गीय परिवार, उनके बीच के इमोशन और त्याग।  यही कारण था कि अस्सी-नब्बे के दशक में बापू की निर्देशित फिल्मों को अच्छी सफलता मिली। 
बापू प्रतिष्ठित पेंटर और रेखा चित्रकार थे।  उन्हें इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ कार्टूनिस्ट द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड और  अकादमी ऑफ़ फाइन आर्ट्स तिरुपति द्वारा राष्ट्रपति अवार्ड से नवाज़ा गया। उन्होंने तेलुगु और हिंदी भाषा में कुल ५४ फ़िल्में बनाई।  वह दो बार  अपनी तेलुगु फिल्मों के लिए  राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीत चुके थे. उन्हें पांच नंदी पुरस्कार और दो फिल्मफेयर अवार्ड्स भी मिले।  ३१ अगस्त २०१४ को अस्सी साल के बापू का निधन दिल का दौरा पड़ने से हो गया। 

Sunday 31 August 2014

क्या स्ट्रांग साबित होगी प्रियंका और खूबसूरत साबित होगी सोनम

सितम्बर का महीना नायिकाओं का महीना होने जा रहा है. यो तो कई नायिका प्रधान फ़िल्में सितम्बर में रिलीज़ होंगी, लेकिन ख़ास होंगी दो फ़िल्में-  प्रियंका चोपड़ा की मैरी कॉम और सोनम कपूर की खूबसूरत।  यह दोनों फ़िल्में महिला  चरित्रों के लिहाज़ से स्ट्रांग फ़िल्में कही  सकती हैं. मशहूर महिला बॉक्सर मैरी कॉम के जीवन पर फिल्म एक स्ट्रांग महिला के तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद न केवल बॉक्सर बनती है, बल्कि,  शादी और माँ बनने  के बावजूद कड़ी मेहनत कर ओलंपिक्स में बॉक्सिंग का कांस्य पदक जीता था. मैरी कॉम का यह चरित्र स्ट्रांग होने के साथ साथ प्रेरणाप्रद भी है. अभिनेत्री प्रियंका चोपङा ने इसमे काफी मेहनत की है।
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सोनम कपूर की फिल्म खूबसूरत मैरी कॉम की रिलीज़ के अगले हफ्ते ही रिलीज़ होगी. यह पूरी फिल्म सोनम कपूर के चरित्र डॉक्टर मिली चक्रवर्ती पर केंद्रित है. इस फिल्म को १९९९ में रिलीज़ रेखा की ऋषिकेश मुख़र्जी निर्देशित फिल्म  खूबसूरत का रीमेक बताया जा रहा है।  लेकिन, सोनम  का करैक्टर रेखा के करैक्टर मंजू से भिन्न है।  क्योंकि, १९९९ की खूबसूरत की रेखा वर्किंग वुमन नहीं थी। जबकि, २०१४ की खूबसूरत में सोनम कपूर डॉक्टर बनी हैं. अब देखने की बात होगी कि इन दो स्ट्रांग करैक्टर वाली फ़िल्में करके प्रियंका चोपड़ा और सोनम कपूर खुद को कितना साबित कर पाती हैं. ख़ास तौर पर सोनम कपूर के लिए खूबसूरत  इम्तिहान होगी कि सोनम कपूर अभिनय के मामले भी उतनी ही खूबसूरत हैं।  Embedded image permalink

शाहरुख़ खान और फरहान अख्तर होंगे राहुल ढोलकिया के रईस !

बैनर एक्सेल एंटरटेनमेंट ने अपनी अगली फिल्म रईस की घोषणा कर दी है।  इस फिल्म की मुख्य भूमिका में शाहरुख़ खान और फरहान अख्तर होंगे।  परन्तु, इस  फिल्म का निर्देशन फरहान अख्तर नहीं राहुल ढोलकिया करेंगे. परजानिया और लम्हा जैसी काम बजट की फिल्मों के मशहूर निर्देशक राहुल की फिल्म पहली बड़े बजट और स्टारकास्ट वाली फिल्म है. रईस के नायक  शाहरुख़ खान फिलवक्त अपनी फराह खान निर्देशित कॉमेडी फिल्म हैप्पी न्यू  ईयर के प्रमोशन में व्यस्त हैं।  इसके बाद खान यशराज बैनर की फिल्म फैन की शूटिंग पूरी करेंगे।  फैन  के बाद ही रईस शुरू होगी।  बहरहाल, राहुल ढोलकिया ने रईस की स्क्रिप्ट पूरी कर ली है।  लोकेशन को तय किया जाना है।  राहुल ढोलकिया का इरादा फिल्म को एक लम्बे शिड्यूल में एक साल के अंदर पूरा करने का है।  तब तक फिल्म के शेष कास्ट एंड क्रू फाइनल कर लिए जायेंगे।

Saturday 30 August 2014

इमेज का मारा 'राजा नटवरलाल' बेचारा

किसी अभिनेता की इमेज किसी फिल्म को कैसे कचरा कर सकती है, इसका उदाहरण निर्देशक कुणाल देशमुख की थ्रिलर सोशल फिल्म 'राजा नटवरलाल' है. राजा नटवरलाल इमरान हाशमी की फिल्म है. इस फिल्म में वह अपने मित्र दीपक तिजोरी के साथ मिलकर छोटी मोटी ठगी किया करते हैं. वह होटल में डांस करने वाली जिया से मोहब्बत करते हैं. फिल्म में जिया की भूमिका पाकिस्तानी अभिनेत्री  हुमैमा मलिक ने की है।  एक बड़ा हाथ मारने की फिराक में दोनों इंटरनेशनल डॉन वर्धा यादव के ८० लाख पर हाथ साफ़ कर देते हैं. वर्धा यानि केके मेनन राजा के दोस्त को मार डालता है. अब वह राजा के पीछे लगा है. राजा भाग कर धर्मशाला आ जाता है एक पूर्व ठग योगी से मदद माँगने के लिए।  दोनों मिल कर क्रिकेट के प्रेमी वर्धा यादव को किस प्रकार बर्बाद कर डालते हैं, यही फिल्म का थ्रिल है.
सब कुछ बेहद कमज़ोर है. परवेज़ शेख ने बेहद कमज़ोर कहानी पर लचर पटकथा लिखी है. फिल्म में सब कुछ वैसा ही चलता रहता है, जैसा निर्देशक कुणाल परवेज़ चाहते हैं. इस प्रयास में खलनायक वर्धा यादव का चरित्र के जोकर जैसा बन जाता है। जो डॉन राजा के दोस्त को ढूंढ कर मार डालता है, वह राजा की एक फोटो तक नहीं देख पाता।  केप टाउन जाकर कहानी बिलकुल भटक जाती है।  बचकाने ढंग से इमरान हाशमी, परेश रावल और  उनके साथी तथा हुमैमा अपना काम अंजाम देते हैं. इस कहानी का पूरा मक़सद मशहूर ठग नटवरलाल की स्क्रीन कॉपी योगी की मौजूदगी के बावजूद राजा को राजा नटवरलाल साबित करना था। पूरे बचकाने ढंग से इसे साबित करने में कुणाल, संजय और शेख कामयाब भी होते हैं. संजय मासूम के संवाद अब असरकारी नहीं रहे. वह चालू टाइप का लिख मारते हैं.  हालाँकि,इस कहानी में कुछ अच्छे संवाद लिखे जाने की गुंजाइश थी।
इमरान हाशमी की इमेज सीरियल किसर की है। वह अपनी हीरोइन को पहली सिटींग में ही बिस्तर तक लेजाकर गर्मागर्म रोमांस करने के लिए विख्यात या कुख्यात हैं।   इस इमेज के अनुरूप फिल्म में उनके तीन किस भी हैं. पाकिस्तानी 'बोल' अभिनेत्री हुमैमा खान लपक कर इमरान का पहला किस लेती है।  हुमैमा के इस बोल्ड एक्ट पर सिनेमाहॉल में बैठे दर्शकों की उम्मीदें जवान  होने लगती हैं।  लगता है अब काफी बोल्ड होगा।  पर कुछ होता नहीं. हुमैमा के साथ बिस्तर पर पहुँच कर भी इमरान हाशमी कुछ गर्मागर्म नहीं कर पाते।  दर्शक इमरान और हुमैमा की माँ बहन का ऐलान करना शुरू कर देते हैं।  इमरान हाशमी की इमेज उनके किरदार पर भारी पड़ती है।पाकिस्तानी मॉडल, टीवी  और फिल्म एक्ट्रेस हुमैमा 'बोल' मलिक ने बोल्ड लगने की भरसक कोशिश की है। साड़ी को अंग प्रदर्शक तरीके से बाँधा है. राज चक्रवर्ती का घूरता हुआ कैमरा बार बार हुमैमा की नाभि से शुरू हो कर उनके शरीर के पूरे भूगोल से दर्शकों का परिचय कराता है. पर दर्शक मांगे मोर।  हुमैमा चेहरे से बदसूरत नहीं तो खूबसूरत बिलकुल नहीं लगती।  वह इमरान का चुम्बन लेने में पहल करती हैं, स्मूचिंग करती  हैं, पानी में भीग कर अपने शरीर के विटामिन का प्रदर्शन करती हैं, इमरान की हमबिस्तर तक होती हैं, इसके बावजूद फिल्म को गर्म नहीं कर पाती।  फिल्म में इमरान और हुमैमा के बेड सीन से दर्शकों की उम्मीदें परवान चढ़ कर खत्म हो जाती हैं. न जाने क्यों फिल्म के इस  बिस्तर सीन को पहले ही कम कर दिया गया. शायद पाकिस्तान में हुमैमा के प्रति भावनाओं का ख्याल रखते हुए इस सीन को काटा गया। अभिनय के मामले में हुमैमा सामान्य ही लगीं। शायद फिल्म में उनके किरदार में कोई दम ही नहीं था, इसलिए। केके मेनन वर्धा यादव के किरदार में मौका खोते लगते हैं. पुलिस इंस्पेक्टर की भूमिका में सुमीत निझावन और शूटर के रोल में मोहम्मद ज़ीशान अयूब दर्शकों का ध्यान आकृष्ट करते हैं।
राजा नटवरलाल की सबसे बड़ी कमज़ोरी, कहानी और पटकथा के अलावा, संगीत है. इस प्रकार की फिल्मों, ख़ास तौर पर इमरान हाशमी की फिल्मों में मधुर संगीत खासियत हुआ करता है।  राजा नटवरलाल में यह नदारद है।  युवान शंकर राजा एक भी मधुर धुन नहीं दर्ज़ कर पाये।  संदीप शिरोढकर का बैकग्राउंड म्यूजिक फिल्म को सपोर्ट करता है।  रेमो डि सूजा ने हुमैमा को मामूली स्टेप्स ही दिए हैं. वैसे उनसे काफी कल्पनाशीलता की उम्मीद की जाती है.
इमरान हाशमी और हुमैमा खान के प्रशंसक चाहें तो फिल्म देख सकते हैं।  पर इस समीक्षा को दोष न दें


Saturday 23 August 2014

अब मणि रत्नम की अलिया

शशांक खेतान  की फिल्म हम्प्टी शर्मा  की  दुल्हनियां में काव्य प्रताप सिंह की भूमिका से अभिनेत्री अलिया भट्ट ने दक्षिण के प्रतिष्ठित निर्देशक मणि रत्नम को भी प्रभावित कर लिया है।  अपनी आगामी फिल्म के लिए मणि ने अलिया भट को साइन कर लिया है. अलिया भट्ट अपनी एक के बाद एक तीन फिल्मों स्टूडेंट ऑफ़ द ईयर, हाईवे और २ स्टेट्स में अपनी प्रतिभा और स्टारडम का परिचय दिया था।  हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया के बाद अलिया भट्ट को फिल्म सर्किल में गंभीरता से लिया जाने लगा है. वह इस समय विकास 'क्वीन' बहल की फिल्म शानदार में शाहिद कपूर के अपोजिट साइन की गयी हैं. इसके अलावा, वह अयान मुख़र्जी की अगली फिल्म में रणबीर कपूर के साथ मुख्य भूमिका में ली गयी हैं. वह अपने कजिन मोहित सूरी की अगली फिल्म में भी काम करेंगी. कहा जाता है कि  मोहित की फिल्म में महेश भट्ट और सोनी राजदान की यह बेटी पहली बार गंभीर भूमिका करेगी. इसका साफ़ मतलब यह है कि अलिया भट्ट को अब सीरियसली लिया  जाने लगा है। 
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'मुंबई के डीसीपी' ने बचाया 'क्राइम ब्रांच की सीनियर इंस्पेक्टर' को !

मुंबई पुलिस के डीसीपी ने अपने सीनियर इंस्पेक्टर की लाज बचा ली. अगर, अजय देवगन की फिल्म सिंघम रिटर्न्स ने लखनऊ में एक सिनेमाघर न छोड़ा होता तो शायद मर्दानी को सिंगल स्क्रीन के दर्शक नहीं देख पाते. हुआ यह था कि १५ अगस्त को जब अजय देवगन और रोहित शेट्टी की हिट जोड़ी की फिल्म सिंघम रिटर्न्स की लखनऊ में रिलीज़ तय हुई तो इस फिल्म के लिए मल्टीप्लेक्स थिएटर के अलावा सभी मुख्य सिंगल स्क्रीन थिएटर- नावेल्टी लालबाग और अलीगंज, शुभम, आनंद सिनेप्लेक्स, साहू और उमराव को बुक कर लिया गया था. केवल प्रतिभा थिएटर में ही अक्षय कुमार की फिल्म एंटरटेनमेंट दिखायी जा रही थी. सिंघम रिटर्न्स की जैसी हाइप बनी थी, उसे देखते हुए सभी सिंगल स्क्रीन थिएटर २ हफ्ते के लिए बुक थे. ऐसे में रानी मुख़र्जी की फिल्म मर्दानी के लिए केवल प्रतिभा थिएटर ही उपलब्ध था. लेकिन, बात एमजी पर टिकी हुई थी. यशराज फिल्म्स ने बड़ा सा मुंह फाड़ा. प्रतिभा थिएटर का प्रबंधन पीछे हट गया. उसे रानी मुख़र्जी की बॉलीवुड फिल्म के बजाय हॉलीवुड के एक्शन स्टार्स सीलवेस्टर स्टैलोन, अर्नाल्ड श्वार्जनेगर, आदि जैसे दस सितारों की फिल्म द एक्सपेंडब्ल्स ३ को रिलीज़ करना ज़्यादा फायदेमंद लगा. यह मर्दानी का दुर्भाग्य नहीं तो और क्या था कि सिंघम रिटर्न्स से टकराव टालने वाली फिल्म द एक्सपेंडब्ल्स ३ मर्दानी से आ भिड़ी थी. पुलिस वालों से भागे हुए भाड़े के हत्यारे, पुलिस वालों को ही चुनौती दे रहे थे. ऐसे में लग रहा था कि लखनऊ की फिल्मों के इतिहास में पहली बार यशराज बैनर की कोई बड़ी फिल्म सिंगल स्क्रीन थिएटर में रिलीज़ नहीं हो पाएगी. लेकिन, तभी चमत्कार सा हुआ. सिंघम रिटर्न्स का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन गिरना शुरू हुआ. इस फिल्म की संडे की कमाई फ्राइडे की कमाई से भी कम रही. सोमवार को जन्माष्टमी का अवकाश होने के बावजूद सिंघम रिटर्न्स का कलेक्शन काफी गिरा. मंगलवार को यह इतना गिरा कि शुभम के प्रबंधन को लगा कि यह फिल्म दूसरे सप्ताह में एक लाख का कलेक्शन कर ले गयी तो बहुत होगा. इस पर डिस्ट्रीब्यूटर से बात की गयी. उन्हें बताया गया कि सिंघम रिटर्न्स को दूसरे हफ्ते में प्रदर्शित करना घाटे का सौदा होगा. शायद यशराज फिल्म्स का दबाव भी कारगर साबित हुआ होगा. मुंबई पुलिस के डीसीपी सिंघम रिटर्न्स ने शुभम को छोड़ा. मुंबई क्राइम ब्रांच की सीनियर इंस्पेक्टर मर्दानी ने इस मौके को लपका. शुभम थिएटर में मर्दानी बुक हो गयी. कल्पना कीजिये कि सिंघम रिटर्न्स बहुत अच्छा बिज़नेस कर रही होती! तब तो मर्दानी को सिंगल स्क्रीन मिल ही नहीं पाती. क्योंकि, रिलीज़ के मामले में हॉलीवुड ने बॉलीवुड को पहले ही मात दे दी थी. दिलचस्प बात यह थी कि जिस द एक्सपेंडब्ल्स ३ की रिलीज़ सिंघम रिटर्न्स से टकराव टालने के लिए एक हफ्ता पीछे कर दी गयी थी, उसी की टक्कर से मर्दानी को बचाने के लिए सिंघम आगे आया था.