Monday 22 September 2014

माधुरी-श्रीदेवी के आइटम सांग्स को नेहा धूपिया की सलामी

 अनुराधा प्रसाद और अभिनव शुक्ल की फिल्म इक्कीस तोपों की सलामी में अभिनेत्री नेहा धूपिया पर एक गीत घूर घूर के फिल्मांकित हुआ है।  इस वीडियो में अभिनेत्री नेहा धूपिया ने बोलीवुड की उन तमाम अभिनेत्रियों को अपने नृत्य द्वारा श्रद्धांजलि दी  है, जिहोने हिंदी फिल्मों में अपने आइटम सांग्स के द्वारा सिल्वर स्क्रीन को गर्माहट दी है। इस गीत में नेहा धूपिया ने श्रीदेवी,  हेलेन, माधुरी दीक्षित, ऐश्वर्या राय, आदि के लोकप्रिय आइटम्स पर डांस किया है।   इस में नेहा धूपिया माधुरी दीक्षित की फिल्म सैलाब के हमको आजकल है इंतज़ार और दिल धक धक करने लगा , श्रीदेवी के मिस्टर इंडिया के काटे नहीं काटते दिन ये रात, हेलेन के शोले फिल्म में मेहबूबा मेहबूबा, बंटी और बबली में ऐश्वर्या राय के कजरारे, बॉबी में डिंपल कपाड़िया के झूठ बोले कौवा काटे, आदि जैसे मशहूर गीतों की शैली में नृत्य किया है। इक्कीस तोपों की सलामी का निर्देशन रविन्द्र गौतम ने किया है।  दिव्येंदु शर्मा की मुख्य भूमिका वाली इस फिल्म में अनुपम खेर और नेहा धूपिया सह भूमिकाओं में हैं. यह फिल्म १० अक्टूबर को रिलीज़ होगी। 
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हिप्पोक्रेट दीपिका पादुकोण !

इंग्लिश डेली द टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने आज दीपिका पादुकोण के अख़बार द्वारा अपने स्तनों और कटाव के चित्रों पर मौज वाला कमेंट्स करने पर की गयी ट्वीट का करार जवाब दिया है. द टाइम्स ऑफ़ इंडिया के बॉम्बे टाइम्स में उसकी पत्रकार प्रिया गुप्ता ने दीपिका पर जम कर प्रहार किया है और उसे हीप्पोक्रेट करार दिया है. उन्होंने एक प्रकार से इसे दीपिका पादुकोण का पब्लिसिटी स्टंट भी कह दिया है. अख़बार ने उनके कैलेंडर गर्ल बनाने से लेकर तमाम पत्रिकाओं आदि के फोटोज को भी प्रकाशित किया है.निश्चित तौर पर द टाइम्स ऑफ़ इंडिया देश का बड़ा अंग्रेजी अख़बार है. बॉलीवुड में इसके पेज ख़ास लोकप्रिय होते हैं. पूरा बॉम्बे टाइम्स फिल्म वालों की पब्लिसिटी के लिए विज्ञापन पेज बना दिया गया है. दीपिका पादुकोण का ऊप्स मोमेंट निकालने से ऐसा लगता था क़ि यह अख़बार दीपिका की पब्लिसिटी स्टंट का भागीदार है. बहरहाल, अब अख़बार ने स्थिति साफ़ कर दी है. दीपिका पादुकोण के लिए चुप रहना ही बेहतर होगा, क्योंकि फिल्म के अलावा जब किसी फंक्शन में वह रिवीलिंग क्लोथ्स पहन कर जाती हैं तो ऊप्स मोमेंट्स ही पैदा करना चाहती हैं. इस प्रकरण से मेरा वह दावा भी साबित हुआ क़ि दीपिका पादुकोण का यह प्रलाप पब्लिसिटी स्टंट ही था, जो बैक फायर कर गया.  

Sunday 21 September 2014

पायलट सलमान खान और एयर होस्टेस एली एवरम के साथ बिग बॉस ८ का सफर शुरू

बिग बॉस ८ के पॉयलट सलमान खान के जहाज पर सवार १२ यात्री आज (रविवार २१ सितम्बर) से बिग बॉस का तीन महीने से ज़्यादा लम्बे सफर तय करने को निकल चुके हैं. बिग बॉस के इस आठवें सीजन में बिग बॉस ७ की प्रतिभागी एली एवरम, पायलट सलमान खान की एयर होस्टेस की भूमिका में हैं।  इस जहाज में सवार यात्रियों के नाम निम्न प्रकार हैं- 
१- करिश्मा तन्ना- टीवी और फिल्म एक्ट्रेस (ग्रैंड मस्ती)
२-  सोनाली राउत- फिल्म एक्ट्रेस (द  एक्सपोज़ )
३- सोनी सिंह - टीवी एक्ट्रेस (घर की लक्ष्मी बेटियां)
४-  उपेन पटेल- मॉडल/ फिल्म एक्टर (३६ चाइना टाउन)
५- आर्य बब्बर- एक्टर
६- डिआंड्रा सोआरेस - मॉडल और फैशन डिज़ाइनर 
७- सुशांत दिविग्लिकार- मिस्टर गे इंडिया २०१४
८- गौतम गुलाटी- टीवी एक्टर (दिया और बाती  हम)
९- सुकृति कांडपाल - टीवी एक्ट्रेस (प्यार की ये एक कहानी सुनो)
१०- प्रणीत भट्ट -  टीवी एक्टर (महाभारत- शकुनि)
११- नताशा स्तनकोविक - मॉडल और आइटम गर्ल (सत्याग्रह)
१२- मिनिषा लम्बा - फिल्म एक्ट्रेस (हनीमून ट्रेवल्स और बचना ऐ हसीनो)
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गेम पैसा लड़की का प्रमोशनल सांग

अतुल पटेल और साजन अग्रवाल की पहली फिल्म गेम पैसा लड़की के प्रमोशनल सांग गाने के लिए सिंगर कुणाल गांजावाला कृष्णा स्टूडियो आये।  फिल्म मॉडर्न मूवी प्राइवेट लिमिटेड के बैनर टेल बन रही है। संगीतकार देव सिकदर ने गाना तीन दिन में बना लिया। फिल्म के कलाकार दीपांश गर्ग और सेज़ल शर्मा भी रिकॉर्डिंग  पे आये थे। गाने के डांस मास्टर हैं रिचर्ड और फिल्म के निर्देशक हैं सचिन अग्रवाल। फिल्म नवंबर में रिलीज़ होगी। 




'रंग रसिया' आशीष शर्मा बने झलक दिखला जा ७ के विजेता !

झलक दिखला जा के सातवें सीजन के विजेता सीरियल रंगरसिया के हीरो आशीष शर्मा बन गए. इस शो के मेगा फाइनल में विजेता का चुनाव जनता की वोटिंग के आधार पर हुआ. आशीष शर्मा इस लिए विजेता बने, क्योंकि, रंगरसिया से वह टीवी दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं. उन्हें इसी लोकप्रियता का फायदा वोटों के रूप में मिला. जबकि, उनके मुकाबले में शक्ति मोहन और मौनी रॉय बेहतर डांसर थीं. ख़ास तौर पर शक्ति मोहन तो लाजवाब हैं. ऐसे में डांस पर आधारित शोज में विजेता चुनने का अधिकार विशेषज्ञ जजस को न देकर जनता को देना, सवाल पैदा करने वाला है. इसमे कोई शक नहीं कि वोट देने वाले प्रशंसक नृत्यों की भिन्न शैली के जानकार नहीं होते. अगर, दर्शकों के वोट से ही विजेता का चुनाव होना है तो हफ़्तों तक माधुरी दीक्षित जैसी सक्षम नृत्यांगना अभिनेत्री और हरफनमौला फिल्म निर्देशक करण जौहर को जज नियुक्त करने से क्या फायदा. एपिसोड-दर-एपिसोड वोट अपील कर प्रतिभागियों को रखा और निकाला जा सकता है.

मुंबई पुणे मुंबई बनी मुंबई दिल्ली मुंबई

मुंबई दिल्ली मुंबई मराठी निर्देशक सतीश रजवाड़े की हिंदी रोम कॉम फिल्म का नाम है।  इस फिल्म में शिव पंडित और पिया बाजपेई मुख्य  भूमिका में है।  यह फिल्म सतीश रजवाड़े की २०१० में रिलीज़ मराठी की हिट फिल्म मुंबई पुणे मुंबई का हिंदी रीमेक है. मुंबई पुणे मुंबई एक लड़की की कहानी है, जिसे अपने पुरुष मित्र की तलाश है, क्योंकि, उसकी माँ चाहती है कि वह अब शादी कर ले. इस फिल्म में स्वप्निल जोशी और मुक्ता बर्वे मुख्य भूमिका में थे।  बाद में इस फिल्म का सीक्वल भी बनाये जाने की खबर थी।  सतीश अपनी मराठी फिल्म को हिंदी में शाहिद कपूर के साथ बनाना चाहते थे।  प्रारम्भ में शाहिद रीमेक में काम करने के लिए तैयार भी थे।  लेकिन, फिर वह पीछे हट  गए।  सतीश ने शिव पंडित के साथ पिया को लेकर फिल्म का निर्माण पूरा कर लिया. अब यह फिल्म वायाकॉम १८ द्वारा २६ सितम्बर को रिलीज़ की जा रही है.



Friday 19 September 2014

कुछ ख़ास मज़ा नहीं आया इस दावत-ए -इश्क़ में

यशराज फिल्म्स का एक गिरोह जैसा बन गया है।  इनकी फिल्मों का एक सेट बन गया है. यशराज बैनर की तमाम छोटे बजट की फ़िल्में छोटे शहरों पर केंद्रित होती हैं. आजकल, बॉलीवुड को लखनऊ ख़ास रास आने लगा है।  रोमांस और कॉमेडी का तड़का रहता है।  वही परिणीति चोपड़ा कभी सुशांत सिंह राजपूत  के साथ तो कभी अर्जुन कपूर या रणवीर सिंह के  रोमांस करती नज़र आती हैं. उनकी अभिनय की सीमित रेंज है. उनका अपना स्ट्रुक्टर है. वह आम तौर पर तेज़ तर्रार या यो कहिये बोल्ड लड़की के रूप में नज़र आती हैं.  वह बोल्ड संवाद  बेझिझक बोल डालती हैं. जैसे ही मौका लगता है अपने हीरो के साथ सो भी लेती हैं. यह इमेज परिणीति के किरदारों की बन चुकी है. हबीब फैसल को छोटे शहर के या माध्यम वर्ग के किरदारों पर छोटे बजट की फ़िल्में  बनाने में महारत हासिल है।  दो दूनी चार और इशकजादे में उन्होंने अपने कौशल का परिचय भी दिया था।  परिणीति चोपड़ा और हबीब फैसल इशकजादे के बाद दूसरी बार एक साथ हैं।  इसलिए दर्शकों की उम्मीदें ख़ास होना लाज़िमी भी है।  इस बार फैसल ने परिणीति के साथ आदित्य रॉय कपूर को लिया है।  परिणीति हैदराबाद की एमबीए लड़की हैं. वह अमेरिका जाना चाहती हैं. पर दहेज़ आड़े आता है।  हर आने वाला रिश्ता दहेज़ की वजह से जुड़ने से पहले ही टूट जाता है। परिणीति  टीवी पर राधा रेड्डी का दहेज़ विरोधी अधिनियम ४९८ ए के बारे में सुनती है।  वह अपने पिता के साथ लखनऊ आ जाती है, ताकि, दहेज़ के लालची लोगों को झूठी शादी कर फंसाये और शादी के बाद दहेज़  माँगने का आरोप लगा कर पैसे ऐंठ सके. सुनने में  यह कहानी दिलचस्प लगती है, पर कहानी चलने से पहले ही दर्शक जान जाता है कि  हैदराबाद की एमबीए और लखनऊ  शेफ की शादी हो कर रहेगी।  होता भी वैसा है।   लेकिन,सब कुछ बेहद उदासीन तरीके से।  हबीब फैसल स्टार्ट और कट बोलते हैं. इन दो शब्दों के बीच परिणीति चोपड़ा, कभी आदित्य के साथ कभी अन्य पात्रों के साथ संवाद बोल कर निकल लेती हैं. इससे होता यह है कि दर्शकों को न तो  लखनऊ के खाने का स्वाद आता है, न  रोमांस का मज़ा।
परिणीति चोपड़ा ने अपनी इमेज के अनुरूप किरदार तो किया है।  पर इसमे बोलडनेस गायब है।  उन्हें देख कर लखनऊ का दर्शक भी शहर देखने के बजाय चीखना चिल्लाना शुरू कर देता है कि  अब बोल्ड  संवाद और चुम्बन आलिंगन देखने को मिलेगा।  पर दोनों ही चीज़े परिणीति की पहले की फिल्मों की तुलना में कम भी हों और ठंडी भी।  आदित्य के साथ परिणीति के केमिस्ट्री जमी नहीं।  वैसे आदित्य कहीं कहीं प्रभावित करते हैं।  पर उन्हें संवाद बोलने में कठिनाई आती है।  अनुपम खेर ने अपने सर की विग की तरह अपना काम भी किया है।  आजकल यशराज फिल्म के मालिक आदित्य चोपड़ा टीवी कलाकारों को छोटा मोटा मौका दे रहे हैं। इस फिल्म में करण वाही को बेकार किया गया है। अन्य सब कलाकार भरपाई का काम कर जाते हैं.
हबीब फैसल ने फिल्म को खुद ही लिखा है।  पर कुछ कल्पनाशील नहीं दे पाये।  सब कुछ घिसा पिटा  सा है।  साजिद वाजिद का संगीत सिनेमाघर में ही ठीक लगता है।  फिल्म की लम्बाई काम हैं अन्यथा फिल्म को ज़्यादा झेलना मुश्किल हो जाता। 
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