भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Monday 15 December 2014
अतीत कभी 'अलोन' कर देता है प्यार भी
अंजना और संजना दो बहने हैं। दोनों साथ पैदा हुईं। एक दूसरे से जुडी हुई। दोनों साथ पली बढ़ी। लेकिन, क्या होता है, जब यह दोनों अलग हो जाती हैं ! शरीर से एक दूसरे से जुडी पैदा हुई दो बहनों संजना और अंजना की यह कहानी है भूषण पटेल की फिल्म 'अलोन' की इस कहानी का पेंच यह है कि इन दोनों बहनों को अलग करता है प्यार, टूटे वादे । संजना की शादी हो गयी है। उसके पति का नाम कबीर है। दोनों एक दूसरे को बेहद चाहते हैं। लेकिन, उनके इस प्यार के बीच आता है अतीत। टूटे वादे और इरादे। क्या है यह ! १६ जनवरी २०१५ को रिलीज़ होने जा रही बिपाशा बासु की दोहरी भूमिका और करण सिंह ग्रोबर की मुख्य भूमिका वाली फिल्म 'अलोन' अंजना, संजना और कबीर के रोमांटिक अतीत के इस भयानक वर्तमान का रहस्य खोलेगी। वैसे इस रहस्य को कुछ ज़्यादा गहरा कर देता है पैनोरमा स्टूडियोज की फिल्म 'अलोन' का ट्रेलर।
Sunday 14 December 2014
अब २ अक्टूबर को जग्गा जासूस
२०१३
के आखिर में शूट होना शुरू हुई अनुराग बासु और रणबीर कपूर की जोड़ी की फिल्म
'जग्गा जासूस' की रिलीज़ एक बार फिर टल गयी है. पहले इस फिल्म को मई २०१५
में रिलीज़ किये जाने का प्लान था. फिर इसकी रिलीज़ अगस्त २०१५ तय कर दी गयी .
लेकिन, अनुराग बासु कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते थे. फिल्म में वीएफएक्स पर
काफी काम होना था .यह काम मार्च तक ही पूरा हो सकता है. इस काम के बाद
अनुराग प्रीतम के साथ फिल्म के संगीत पर काम शुरू करेंगे . ऐसे में अगस्त
में फिल्म की रिलीज़ संभव ही नहीं थी. अब जग्गा जासूस को २ अक्टूबर को रिलीज़
करने की सोची जा रही है. २ अक्टूबर २०१५ का वीकेंड काफी लम्बा भी है।
अक्षय कुमार की फिल्म सिंह इज़ ब्लिंग की रिलीज़ डेट भी २ अक्टूबर से बढ़ा दी
गयी है. इसलिए, जग्गा जासूस को अपनी जासूसी बघारने का काफी मौका है.
जनवरी २०१५ से भुज में 'मोहन जोदड़ो'
ह्रितिक
रोशन अपनी नयी नवेली नायिका पूजा हेगड़े के साथ आशुतोष गोवारिकर फिल्म्स की
फिल्म 'मोहन जोदड़ो' की शूटिंग अगले साल जनवरी से भुज गुजरात में शुरू
करेंगे. डिज्नी इंडिया की हड़प्पाकालीन रोमांस फिल्म के निर्देशक आशुतोष
गोवारिकर हैं . आशुतोष गोवारिकर और ह्रितिक रोशन की 'जोधा अकबर' के बाद यह
दूसरी एक साथ फिल्म है. पूजा हेगड़े मॉडल एक्ट्रेस हैं . २०१० की मिस
यूनिवर्स इंडिया प्रतियोगिता की सेकंड रनर अप पूजा हेगड़े फिलहाल तमिल और
तेलुगु फिल्मों में अभिनय कर रही हैं. पूजा हेगड़े के लिए हिंदी फिल्मों और
आशुतोष गोवारिकर की फिल्म के महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की
उन्होंने दक्षिण की फिल्मों को साइन करना बिलकुल बंद कर दिया है. यहाँ तक
उनके मणि रत्नम की फिल्म ठुकरा दिए जाने की भी खबरें हैं.
राहुल भट के लिए 'अगली'
टीवी
सीरीज हिना से मशहूर कश्मीरी राहुल भट के लिए अनुराग कश्यप की थ्रिलर
ड्रामा फिल्म 'अगली' का ख़ास महत्त्व है. यह मोहब्बत है और नयी पड़ोसन के बाद
बिलकुल गुम हो गए राहुल फिल्म अगली में अपनी इकलौती बेटी को भीड़ भरे बाज़ार
में कार में छोड़ कर जाता है. लेकिन, जब वह लौट कर वापस आता है तो पाता है
कि लड़की कार में नहीं है. लेकिन, पुलिस है कि उसी पर शक कर रही है. अपनी
बेटी के गायब होने और पुलिस के आरोप का तनाव झेल रहे व्यक्ति के किरदार को
करना राहुल के लिए सचमुच काफी तनावपूर्ण था. क्योंकि, वह पूरे ११ साल बाद
किसी फिल्म में नज़र आएंगे. बॉक्स ऑफिस के लिहाज़ से राहुल के लिए अगली का
महत्त्व है. अगली फिल्म फेस्टिवल्स में दिखायी जा चुकी है. परन्तु, भारत
में यह फिल्म २६ दिसंबर को रिलीज़ हो सकती है. राहुल भट सुधीर मिश्रा की पोलिटिकल ड्रामा थ्रिलर फिल्म 'और एक देवदास' में खास भूमिका कर रहे हैं।
Saturday 13 December 2014
द होब्बिट का रहस्यमय संसार
मशहूर इंग्लिश लेखक जेआरआर टोल्किन ने १९३५ में बच्चों के लिए एक फंतासी उपन्यास द होब्बिट लिखा था । यह उपन्यास तीन हिस्सों में बंटा हुआ था । यह उपन्यास २१ सितम्बर १९३७ को प्रकाशित हुआ। इस उपन्यास को ज़बरदस्त सफलता मिली। कल्पनाशीलता के लिहाज़ से यह बेजोड़ था। न्यूयॉर्क हेराल्ड ट्रिब्यून ने इसे बच्चो के लिए श्रेष्ठ कृति पाया। यह उपन्यास एक होब्बिट बिल्बो बैगिन्स की राक्षस द्वारा रक्षित ख़ज़ाने में हिस्सा लेने की यात्रा कथा है। बिल्बो ऐसा किरदार है जो मानव की तरह है, मगर इसके पैरों में काफी बाल हैं। टोल्किन ने अपने उपन्यास में जादूगर गंडालफ, १३ बौने, बौनों का संसार, लोनली माउंटेन, दैत्य और रहस्मय ख़ज़ाने की चमक धमक, आदि के जरिये एक मोहक संसार रचा था। यह उपन्यास छोटी छोटी घटनाओं की कड़ियों में पिरोया गया है। हर कड़ी में कोई न कोई नया किरदार शामिल होता रहता है। द होब्बिट को पहली बार १९५३ में एडिनबर्ग के एक स्कूल में रंगमंच पर प्रस्तुत किया गया। इस पर १९६६ में १२ मिनट की एक फिल्म भी बनायी गयी। १९६९ में द होब्बिट के लेखक टोल्किन ने फिल्म के अधिकार यूनाइटेड आर्टिस्ट्स को बेच दिए। फिर इसके अधिकार मिरामैक्स से होते हुए न्यू लाइन सिनेमा के पास आ गए। इस उपन्यास पर बीबीसी ने एक रेडियो सीरीज और बाद में रैनकिन बास ने एनिमेटेड सीरीज भी बनायी। द होब्बिट के तीन हिस्सों में लिखा होने के बावजूद, प्रारम्भ में वार्नर ब्रदर्स का इरादा इस उपन्यास पर दो फ़िल्में बनाने का ही था। लेकिन, फिर इसे तीन हिस्सों में बनाने का निर्णय किया गया। द होब्बिट फ़िल्में द लार्ड ऑफ़ द रिंग्स त्रयी का प्रीक्वेल की तरह पेश की गयी, क्योंकि होब्बिट के काफी चरित्र लार्ड ऑफ़ रिंग्स में शामिल लिए गए थे । स्टूडियो का इरादा होब्बिट फिल्मों को लार्ड ऑफ़ रिंग्स त्रयी के समकक्ष बनाना था। लेकिन, होब्बिट फिल्मों को तीन हिस्सों में बांटने के बारे में फिल्म के लेखक-निर्देशक पीटर जैक्सन ने साफ़ किया, "उपन्यास में लेखक कहानी बताता चलता है, इस यात्रा में आपके साथ होता है । उपन्यास में टोल्किन ऐसा करते हुए अच्छे लग सकते हैं। लेकिन, फिल्म में 'क्या होने जा रहा है' कह कर बताया नहीं जा सकता। फिल्म में कहानी को चरित्रों और उनके संवादों से ही आगे बढ़ाया जा सकता है।"
द होब्बिट सीरीज की तीनों फिल्मों के डायरेक्टर पीटर जैक्सन हैं। हालाँकि, एक समय ऐसा आया था कि पीटर जैक्सन इस प्रोजेक्ट से बिलकुल बाहर नज़र आ रहे थे। वास्तविकता तो यह थी कि ऐसा लगने लगा था की द होब्बिट रूपहले परदे तक पहुँच ही नहीं पाएगी, क्योंकि पीटर जैक्सन ने फिल्म की प्रोडूसर न्यू लाइन सिनेमा पर मुक़दमा कर दिया था। उस समय पीटर ने फिल्म से बिलकुल हाथ खींच लेने का ऐलान भी कर दिया था। बाद में उनके फिल्म का एग्जीक्यूटिव प्रोडूसर बने रहने की खबरें भी आयीं। फिर, द होब्बिट फिल्मों का निर्देशन गुइलेरमो डेल टोरो कोई सौंपे जाने की खबरें आयी। उस समय पीटर जैक्सन को एक्टिव प्रोडूसर के तौर पर सिर्फ कुछ दृश्यों में ही गुइलेरमो की मदद करनी थी। लेकिन, बाद में मामला सुलट गया। द होब्बिट फिल्मों के निर्देशन की कमान पीटर जैक्सन के हाथों में आ गयी। द होब्बिट फिल्मों की पटकथा पीटर जैक्सन के साथ फ्रान वाल्श, फिलिप्पा बोयेंस और गुइलेरमो डेल टोरो द्वारा लिखी गयी। फिल्म की कथा द लार्ड ऑफ़ द रिंग्स से साठ साल पहले की मिडिल-अर्थ पर लिखी गयी। जादूगर गंडालफ होब्बिट बिल्बो बैगिन्स को १३ बौनों के साथ थोरिन ओकेनशील्ड के नेतृत्व में, ड्रैगन स्मॉग के चंगुल से लोनली माउंटेन को छुड़ाने के लिए चलने को तैयार कर लेता है । इस यात्रा में कुछ अन्य पात्र भी जुड़ते चले गए। पीटर जैक्सन ने होब्बिट बिल्बो के रोल के लिए मार्टिन फ्रीमैन, जादूगर गंडालफ के लिए इयान मैक्लेन, थोरिन ओकेनशील्ड के लिए रिचर्ड आर्मिटेज और ड्रैगन स्मॉग के लिए बेनेडिक्ट कम्बरबैच को साइन किया गया।
द होब्बिट में इयान मैक्लेन, केट ब्लैंचेट, एंडी सर्किस, ह्यूगो वीविंग, क्रिस्टोफर ली, ऑर्लैंडो ब्लूम और एलिजाह वुड अपने द लार्ड ऑफ़ द रिंग्स के गंडालफ, गलदरिएल, गोल्लुम, एल्रोन्ड, सरमन, लेगोलास और फ्रोडो जैसे किरदारों को क्रमशः करते नज़र आये। पहली होब्बिट फिल्म की शूटिंग २१ मार्च २०११ को न्यूज़ीलैण्ड में शुरू हुई और ६ जुलाई २०१२ को पूरी हो गयी। द होब्बिट सीरीज की तीनों फिल्मों को लगातार हर साल रिलीज़ किया जाना तय हुआ था। सीरीज की पहली फिल्म ऐन अनएक्सपेक्टेड जर्नी १४ दिसंबर २०१२ को, द डिसोलेशन ऑफ़ स्मॉग १३ दिसंबर २०१३ को रिलीज़ हुईं । सीरीज की तीसरी फिल्म द बैटल ऑफ़ द फाइव आर्मीज १२ दिसंबर को रिलीज़ होने वाली है। द होब्बिट सीरीज की तीसरी फिल्म इस सीरीज की फिल्मों में सबसे कम अवधि १४४ मिनट की फिल्म है। ऐन अनएक्सपेक्टेड जर्नी की लम्बाई १६९ मिनट और द डिसोलेशन ऑफ़ स्मॉग १६१ मिनट लम्बी फिल्म थी। होब्बिट सीरीज की तीनों फिल्मों का कुल बजट ७४५ मिलियन डॉलर है। पहली दो फ़िल्में १९७५ मिलियन डॉलर कमा चुकी हैं। वर्ल्ड वाइड बिज़नेस के लिहाज़ से ऐन अनएक्सपेक्टेड जर्नी ने १०१७ मिलियन डॉलर और द डिसोलेशन ऑफ़ स्मॉग ने ९५८ मिलियन डॉलर का कलेक्शन किया था।
Friday 12 December 2014
नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी को मिल रही 'खानों' से किक !
कोई १५ साल पहले, निर्देशक रामगोपाल वर्मा की ई निवास निर्देशित फिल्म 'शूल' में एक रेस्टोरेंट का एक बेयरा दर्शकों की आँखों के सामने से गुज़र गया था। यही चेहरा, आमिर खान की फिल्म 'सरफ़रोश' में अपराधी बना नज़र आया था। अब यह बात दीगर है कि उस समय दर्शक अंदाजा नहीं लगा पाये थे कि यह चेहरा नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी का है, जो 'खानों' की 'किक' पाते ही 'रईस' बन जायेगा। नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने आमिर खान की फिल्म 'सरफ़रोश' में एक अपराधी का मामूली सा किरदार किया था। इस किरदार से नवाज़ुद्दीन की प्रतिभा का अंदाजा नहीं लगता था। मगर, इसके साथ नवाज़ुद्दीन का लम्बा सफर शुरू हो गया, जो शोहरत की बुलंदियों तक पहुंचता था । 'मुन्ना भाई एमबीबीएस', 'ब्लैक फ्राइडे', 'एक चालीस की लास्ट लोकल', 'आज नचले', 'ब्लैक एंड वाइट' से गुजरता हुआ यह सफर सलमान खान की फिल्म 'किक' तक पहुंचा। इस सफर में 'पीपली लाइव' के आमिर खान का साथ भी मिला । हालाँकि, नवाज़ुद्दीन की पहचान अनुराग कश्यप की दो भागों में बनी फिल्म 'गैंग्स ऑफ़ वासेपुर' में फैज़ल खान की सशक्त भूमिका से मिली। इसके बाद, आमिर खान की फिल्म 'तलाश' में तैमूर की भूमिका ने नवाज़ को दर्शकों के ज़्यादा नज़दीक ला दिया। द लंचबॉक्स' में वह फिल्म नायक बन गए। 'द लंचबॉक्स' ने नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी को प्रशंसा दी। परन्तु, सलमान खान की फिल्म 'किक' के मुख्य विलेन शिव गजरा ने उन्हें स्टार एक्टर बना दिया। आमिर खान और सलमान खान के बाद, अब नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी शाहरुख़ खान के 'रईस' बन गए हैं। नवाज़ ने राहुल ढोलकिया की फिल्म 'रईस' में फरहान अख्तर को रेप्लस किया है, जो 'रॉकऑन २' के कारण तारीखों की समस्या से जूझ रहे थे। यह किरदार लोकल माफिया से सीधी टक्कर लेने वाले तेज़ तर्रार पुलिस अधिकारी का है। इस प्रकार से, नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी फिल्म इंडस्ट्री के तीनों खानों के साथ फिल्म करने वाले स्टार अभिनेता बन गए हैं।
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