डायरेक्टर स्कॉट कूपर की क्राइम थ्रिलर फिल्म 'ब्लैक मास' उस समय की कहानी है, जब एफबीआई एक आयरिश अपराधियों के संगठन आयरिश मॉब से मिल कर क़त्ल करवाती थी। इस घटना पर डिक लेहर और गेरार्ड ओ'नील ने २००१ में एक किताब ब्लैक मास: द ट्रू स्टोरी ऑफ़ अन अनहोली अलायन्स बिटवीन द एफबीआई एंड आयरिश मॉब लिखी थी। इसी किताब पर मार्क मलूक और जेज़ बटरवर्थ ने फिल्म 'ब्लैक मास' की पटकथा लिखी है। वार्नर ब्रदर्स की इस फिल्म में जॉनी डेप एक क्रूर हत्यारे व्हाइटी बल्जर की भूमिका कर रहे हैं। व्हाइटी साउथ बोस्टन के एक सीनेटर का भाई है। वह सबसे हिंसक अपराधी के बतौर कुख्यात है। एफबीआई उसे अपना इनफॉर्मर बना लेती है। व्हाइटी भी एक माफिया परिवार को ख़त्म करने के लिए एफबीआई का साथ देता है। इस फिल्म में जोएल एडगर्टन, बेनेडिक्ट कम्बरबैच, डकोटा जॉनसन, केविन बेकन, जेसे प्लेमोंस, पीटर सर्सगार्ड और कोरी स्टॉल जैसे दिग्गज भी हैं। ब्लैक मास को ६३ मिलियन डॉलर के बजट से बनाया गया है तथा फिल्म १८ सितम्बर को रिलीज़ होगी। देखिये इस फिल्म का ट्रेलर -
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Saturday 23 May 2015
एफबीआई और हत्यारों का गठबंधन है 'ब्लैक मास'
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
किआनु रीव्स का 'नॉक नॉक' अट्रैक्शन
अगर आप अकेले हैं तो दरवाज़े पर देर रात होने वाली नॉक नॉक से सावधान हो जाइये। समझ लीजिये कि खतरा मंडरा रहा है। अकेले मर्दों को यह संदेशा निर्देशक एली रॉथ दे रहे हैं अपनी फिल्म 'नॉक नॉक' से। केंद्रीय भूमिका वाली फिल्म 'नॉक नॉक' में किआनु रीव्स किसी उपनगर में अपने बच्चो, कुत्ते और चॉकलेट केक के मज़ा लेते हर रह रहे पिता ईवान वेबर की भूमिका कर रहे है। एक रात वेबर के दरवाज़े पर खटखटाहट होती है। ईवान दरवाज़ा खोलता है। दो जवान, खूबसूरत और सेक्सी औरते बाहर खडी हैं। वह ईवान से रात गुज़ारने की अनुमति मांगती हैं। जवान औरतों की मदद करने में ईवान को भला क्या ऐतराज़ हो सकता था। लेकिन, इसके बाद शुरू होता है थ्रीसम गेम। यह खतरनाक है। इसमे औरतों द्वारा पुरुष का बलात्कार है। उसे टार्चर करना है और ज़िंदा गाड़ देने की कोशिश भी। किआनु रीव्स का किरदार इनसे कैसे निबटेगा ! दो जवान औरतों की भूमिका में एक किरदार रॉथ की रियल वाइफ लोरेंज़ा इज़्ज़ो ने की है। दूसरी औरत क्यूबा की अभिनेत्री एना डि अर्मास ने की है। नॉक नॉक सत्तर के दशक की फिल्म 'डेथ गेम' पर आधारित है। इस फिल्म में दो खूबसूरत हिप्पी एक बिजनेसमैन को उसी के घर बंधक बना लेते हैं। रॉथ की फिल्म अगले साल जनवरी में पहले सनडांस फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जाएगी। इसके बाद फिल्म १३ अगस्त को वर्ल्ड वाइड रिलीज़ होगी।
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नाउ यू सी मी तीसरी बार
लायंसगेट की मंशा 'नाउ यू सी मी' को फ्रैंचाइज़ी बनाने की हैं। तभी तो कंपनी ने अपनी २०१३ में रिलीज़ लुइस लेटेरिएर निर्देशित सुपर हिट शरारती थ्रिलर फिल्म 'नाउ यू सी मी' के १० जून २०१६ को रिलीज़ होने वाले सीक्वल की रिलीज़ से एक साल पहले ही इसके तीसरे भाग की तैयारी शुरू कर दी थी। २०१३ की ७५ मिलियन डॉलर से बनी फिल्म 'नाउ यू सी मी' ने बॉक्स ऑफिस पर ३५१ मिलियन डॉलर का वर्ल्ड वाइड कलेक्शन किया था। नाउ यू सी मी सड़क पर जादू दिखाने वाले चार जादूगरों की कहानी है। इस फिल्म में जेसे आइजनबर्ग, मार्क रफेलो, वुडी हरेलसन, मेलानी लौरेंट, आइला फिशर, डेव फ्रांको, माइकल कैने और मॉर्गन फ्रीमैन मुख्य भूमिका में थे। इस फिल्म के सीक्वल को 'नाउ यू सी मी : द सेकंड एक्ट' टाइटल से रिलीज़ किया जा रहा है। इस फिल्म को जॉन एम चाऊ डायरेक्ट कर रहे हैं। मुख्य भूमिका में माइकल कैन के पुत्र की भूमिका में डेनियल रेडक्लिफ शामिल हुए हैं। आईला फिशर की जगह लिज़ी कप्लान आ गई हैं। लायंसगेट की कुछ फ्रैंचाइज़ी फिल्मों ट्वाईलाईट, हंगर गेम्स और डिवेर्जेंट ने वर्ल्ड वाइड ज़बरदस्त बिज़नेस किया है। 'नाउ यू सी मी' के पहले हिस्से के बॉक्स ऑफिस पर अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए लायंसगेट को लगता है कि यह फिल्म भी हिट फ्रैंचाइज़ी फिल्म बन जाएगी। लायंसगेट एक्टर किआनु रीव्स की फिल्म 'जॉन विक' का सीक्वल भी बनाने जा रहा है।
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Friday 22 May 2015
टेलर स्विफ्ट का 'बैड ब्लड'
अमेरिकन सिंगर और सांग राइटर टेलर स्विफ्ट का एपिक म्यूजिक वीडियो 'बैड ब्लड' विवो का रिकॉर्ड होल्डर एल्बम बन गया है। इस म्यूजिक वीडियो को रिलीज़ होने के २४ घंटे के अंदर २०.१ मिलियन लोगों द्वारा देखा जा चूका है। टेलर स्विफ्ट से पहले यह रिकॉर्ड निक्की मिनाज के पास था, जिनका म्यूजिक वीडियो 'एनाकोंडा' अगस्त २०१४ में विवो पर १९.६ मिलियन दर्शकों द्वारा देखा गया। विवो पर टेलर के ऑडियंस की संख्या लगातार बढती जा रही है। विवो पर टेलर स्विफ्ट के अब तक के वीडियो अलबमों को ५ बिलियन यानि ५ अरब दर्शकों द्वारा देखा जा चूका है। किसी एक अकेले आर्टिस्ट का यह अपने आप में अनोखा रिकॉर्ड है। विवो पर टेलर स्विफ्ट के ११ एल्बम 'यू बिलॉंग विथ मी', 'माइन', 'वी आर नेवर एवर गेटिंग बैक टूगेदर', 'आई न्यू यू वेर ट्रबल', ''एवरीथिंग है चेंज्ड, 'मीन', 'लव स्टोरी', '२२', 'शेक इट ऑफ', 'ब्लेंक स्पेस' और 'स्टाइल' में प्रत्येक को १०० मिलियन व्यूज मिल चुके हैं। टेलर स्विफ्ट को कई ग्रैमी अवार्ड्स मिल चुके हैं। वह सबसे कम उम्र की ग्रैमी अवार्ड विजेता हैं। २००९ में २० साल की स्विफ्ट को 'फीयरलेस' के लिए ' एल्बम ऑफ़ द ईयर' का ग्रैमी अवार्ड्स मिला। वह अब तक ४४० नॉमिनेशंस में से २७८ मेंअवार्ड्स जीत चुकी हैं।
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यह 'दीक्षित' 'माधुरी' नहीं 'मीनाक्षी' है
यह फोटो वाली अभिनेत्री उपनाम से दीक्षित है। यह उत्तर प्रदेश के एक छोटे ज़िले रायबरेली से हैं। लेकिन, इनके कारनामे बड़े हैं। यह 'प्रॉस्टीट्यूट से पीएम तक' की अभिनेत्री हैं। एक वकील की संतान मीनाक्षी कत्थक डांसर हैं। सरोज खान के डांस रियलिटी शो 'नाच ले वे विथ सरोज खान' ने उन्हें तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में पहुंचा दिया। पहली फिल्म थी लाइफस्टाइल। इस फिल्म के बाद उन्होंने विज्ञापन फ़िल्में की। वैसे दक्षिण में उनके आइटम सांग्स को ज़्यादा पसंद किया गया। अब वह निर्देशक कुंदन शाह की फिल्म 'पी से पीएम तक' से हिंदी फिल्मों में डेब्यू कर रही हैं। इस राजनीतिक व्यंग्य फिल्म में वह महाराष्ट्र के रेड लाइट एरिया की वेश्या कस्तूरी का किरदार कर रही हैं, जो राजनीतिक उछल-कूद के दौर में प्रधान मंत्री की कुर्सी तक पहुँच जाती हैं। चूंकि, मीनाक्षी उत्तर प्रदेश से हैं और उनका फिल्म का किरदार महाराष्ट्रियन है, इसलिए उन्होंने फिल्म के अपने रोल में रियल टच लाने के लिए कमाठीपुरा के रेड लाइट एरिया में वैश्याओं से मिली। अपनी पहली हिंदी फिल्म के बारे में मीनाक्षी कहती हैं, "पी से पीएम तक' मेरे लिए ख़ास है। जैसे पहला प्यार होता है।" फिल्म के डायरेक्टर कुंदन शाह ने कभी 'कभी हाँ कभी न', 'क्या कहना', 'हम तो मोहब्बत करेगा', 'दिल है तुम्हारा' और 'एक से बढ़ कर एक' फ़िल्में बनाई थी। लेकिन, बाद की कुछ फिल्म को असफलता के बाद उनका करियर लगभग ख़त्म हो गया। 'एक से बढ़ कर एक' की रिलीज़ के सात साल बाद वह 'मुंबई कटिंग' की एक कहानी डायरेक्ट कर रहे थे। अब इस फिल्म के चार साल बाद वह अपनी सफल विधा राजनीतिक व्यंग्य फिल्म 'पी से पीएम तक' से दर्शकों को सामने हैं। क्या कुंदन शाह अपने साथ हिंदी फिल्मों में मीनाक्षी दीक्षित का करियर भी बना पाएंगे ?
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'बजरंगी भाईजान' बन कर 'प्रेम' पाएंगे सलमान खान !
तेरह साल के पहले के हिट एंड रन केस में पांच साल की सज़ा पाना सलमान खान के लिए वरदान साबित हुआ। इस साल उनकी ईद से दीवाली सचमुच मन गई। सलमान खान की ईद २०१५ में कबीर खान निर्देशित करीना कपूर के साथ फिल्म 'बजरंगी भाईजान' रिलीज़ होनी थी। दीवाली पर सूरज बड़जात्या की सोनम कपूर के साथ फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो' की रिलीज़ तय थी। 'हिट एंड रन' केस में सज़ा पाने के बाद लगा कि सलमान खान की ईद और दिवाली मोहर्रम हो जाएंगी। लेकिन, सलमान खान के वकीलों ने चमत्कार कर दिखाया। वह एक सेकंड को भी जेल जाये बिना बॉम्बे हाई कोर्ट से ज़मानत पा गए।
हालाँकि, सलमान खान को जोधपुर में काले हिरन के शिकार मामले में झटका लगा है। उनके वकीलों द्वारा गवाहों से फिर जिरह करने की अपील कोर्ट द्वारा रद्द कर दी गई है। उनके वकीलों द्वारा इस बार भी केस लम्बा खींच कर सलमान खान की सज़ा टलवाने की कोशिश नाकाम हो गई है। इस मामले में सलमान खान पहले ही पांच साल की सज़ा पा चुके हैं। अब अगर आगे उन्हें कोई राहत नहीं मिली तो उनकी राह मुश्किल हो सकती है। लेकिन, फिलहाल यह सब दूर की कौड़ी है।
अगर. सलमान खान बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत न पाये होते तो उनकी अपील पर फैसला होने तक वह सलाखों के पीछे होते। 'बजरंगी भाईजान' और 'प्रेम रतन धन पायो' की राह मुश्किल हो जाती। सलमान खान आगे किसी फिल्म के बारे में सोच तक नहीं पाते। लेकिन, अब सलमान खान किस्मत के सिकंदर बन गए हैं। उनकी इस साल दो फ़िल्में रिलीज़ होनी है। इन दोनों फिल्मों को सुपर हिट माना जा रहा है। ईद रिलीज़ 'बजरंगी भाईजान' के चार सौ करोड़ का बिज़नेस करने की उम्मीद की जा रही है। क्योंकि, तीन सौ करोड़ का बिज़नेस तो उनके मुक़ाबिल अभिनेता आमिर खान की फिल्म 'पीके' पहले ही कर चुकी है। ईद के वीकेंड में रिलीज़ फिल्म 'बजरंगी भाईजान' पर उनके सहधर्मी दर्शकों का प्यार बॉक्स ऑफिस पर तूफ़ान बन कर बरसेगा। चार दिन लम्बा ईद वीकेंड सोना चांदी की बारिश कर देगा। सलमान खान सज़ायाफ्ता खान से सुपर हीरो खान बन कर उभरेंगे। इसके बाद दीवाली पर 'प्रेम रतन धन पायो' रिलीज़ होगी। इस फिल्म में सलमान खान की दोहरी भूमिका है। सूरज बड़जात्या और सलमान खान की दीवाली पर रिलीज़ फ़िल्में चांदी काटती है। सलमान खान का लम्बे समय बाद परदे पर आया किरदार प्रेम भी दर्शकों का प्रेम पायेगा।
सलमान खान मुंबई के बांद्रा बॉय माने जाते हैं। यह बड़े फिल्म स्टार्स की बिगड़ैल औलादों का टैग है। अपनी किशोरावस्था में सलमान खान ने अपने पिता सलीम खान को सुपर स्टार पैदा करने वाले लेखक का सम्मान पाते देखा था। इसी सलीम खान ने सलमान को पैदा किया था। तो सलमान खान खुद को सुपर स्टार जैसा क्यों नहीं समझते। इसी गुमान ने उन्हें बद गुमान, बद दिमाग और बैड बिहेवियर वाला सलमान खान बना दिया। शराब पीकर मारपीट करना और तेज़ रफ़्तार से गाड़ियां चलाना ऎसी बिगड़ैल औलादों का शगल होता है। सलमान खान के इसी शगल ने उन्हें अपराध पर अपराध करने के लिए प्रेरित किया। इसी कारण से वह सज़ायाफ्ता मुज़रिम साबित हो गए।
फिल्म सितारों का मानना है कि बदनाम हुए तो क्या हुआ नाम तो हुआ। सलमान खान भी फिल्म स्टार हैं। वह केवल स्टार नहीं सुपर स्टार हैं। इसलिए उन्हें सज़ा भी पांच साल हुई है। इस सज़ा ने उनकी स्टार अपील में इज़ाफ़ा ही किया है। सलमान खान की इस साल की दोनों फ़िल्में सुपर हिट होने जा रही हैं। लेकिन, क्या सलमान खान दूसरे संजय दत्त बनने नहीं जा रहे ? नब्बे के दशक के बॉम्बे सीरियल ब्लास्ट में संजय दत्त सुप्रीम कोर्ट तक गए, अपनी सज़ा टलवाने के लिए। क्या संजय दत्त इसमे कामयाब हुए ? नहीं। आज ५५ साल की उम्र में वह येरवडा सेंट्रल जेल में सज़ा काट रहे हैं। क्या ४९ साल के सलमान खान भी कुछ उसी राह पर नहीं चल रहे ?
राजेंद्र कांडपाल
हालाँकि, सलमान खान को जोधपुर में काले हिरन के शिकार मामले में झटका लगा है। उनके वकीलों द्वारा गवाहों से फिर जिरह करने की अपील कोर्ट द्वारा रद्द कर दी गई है। उनके वकीलों द्वारा इस बार भी केस लम्बा खींच कर सलमान खान की सज़ा टलवाने की कोशिश नाकाम हो गई है। इस मामले में सलमान खान पहले ही पांच साल की सज़ा पा चुके हैं। अब अगर आगे उन्हें कोई राहत नहीं मिली तो उनकी राह मुश्किल हो सकती है। लेकिन, फिलहाल यह सब दूर की कौड़ी है।
अगर. सलमान खान बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत न पाये होते तो उनकी अपील पर फैसला होने तक वह सलाखों के पीछे होते। 'बजरंगी भाईजान' और 'प्रेम रतन धन पायो' की राह मुश्किल हो जाती। सलमान खान आगे किसी फिल्म के बारे में सोच तक नहीं पाते। लेकिन, अब सलमान खान किस्मत के सिकंदर बन गए हैं। उनकी इस साल दो फ़िल्में रिलीज़ होनी है। इन दोनों फिल्मों को सुपर हिट माना जा रहा है। ईद रिलीज़ 'बजरंगी भाईजान' के चार सौ करोड़ का बिज़नेस करने की उम्मीद की जा रही है। क्योंकि, तीन सौ करोड़ का बिज़नेस तो उनके मुक़ाबिल अभिनेता आमिर खान की फिल्म 'पीके' पहले ही कर चुकी है। ईद के वीकेंड में रिलीज़ फिल्म 'बजरंगी भाईजान' पर उनके सहधर्मी दर्शकों का प्यार बॉक्स ऑफिस पर तूफ़ान बन कर बरसेगा। चार दिन लम्बा ईद वीकेंड सोना चांदी की बारिश कर देगा। सलमान खान सज़ायाफ्ता खान से सुपर हीरो खान बन कर उभरेंगे। इसके बाद दीवाली पर 'प्रेम रतन धन पायो' रिलीज़ होगी। इस फिल्म में सलमान खान की दोहरी भूमिका है। सूरज बड़जात्या और सलमान खान की दीवाली पर रिलीज़ फ़िल्में चांदी काटती है। सलमान खान का लम्बे समय बाद परदे पर आया किरदार प्रेम भी दर्शकों का प्रेम पायेगा।
सलमान खान मुंबई के बांद्रा बॉय माने जाते हैं। यह बड़े फिल्म स्टार्स की बिगड़ैल औलादों का टैग है। अपनी किशोरावस्था में सलमान खान ने अपने पिता सलीम खान को सुपर स्टार पैदा करने वाले लेखक का सम्मान पाते देखा था। इसी सलीम खान ने सलमान को पैदा किया था। तो सलमान खान खुद को सुपर स्टार जैसा क्यों नहीं समझते। इसी गुमान ने उन्हें बद गुमान, बद दिमाग और बैड बिहेवियर वाला सलमान खान बना दिया। शराब पीकर मारपीट करना और तेज़ रफ़्तार से गाड़ियां चलाना ऎसी बिगड़ैल औलादों का शगल होता है। सलमान खान के इसी शगल ने उन्हें अपराध पर अपराध करने के लिए प्रेरित किया। इसी कारण से वह सज़ायाफ्ता मुज़रिम साबित हो गए।
फिल्म सितारों का मानना है कि बदनाम हुए तो क्या हुआ नाम तो हुआ। सलमान खान भी फिल्म स्टार हैं। वह केवल स्टार नहीं सुपर स्टार हैं। इसलिए उन्हें सज़ा भी पांच साल हुई है। इस सज़ा ने उनकी स्टार अपील में इज़ाफ़ा ही किया है। सलमान खान की इस साल की दोनों फ़िल्में सुपर हिट होने जा रही हैं। लेकिन, क्या सलमान खान दूसरे संजय दत्त बनने नहीं जा रहे ? नब्बे के दशक के बॉम्बे सीरियल ब्लास्ट में संजय दत्त सुप्रीम कोर्ट तक गए, अपनी सज़ा टलवाने के लिए। क्या संजय दत्त इसमे कामयाब हुए ? नहीं। आज ५५ साल की उम्र में वह येरवडा सेंट्रल जेल में सज़ा काट रहे हैं। क्या ४९ साल के सलमान खान भी कुछ उसी राह पर नहीं चल रहे ?
राजेंद्र कांडपाल
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मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Wednesday 20 May 2015
ये है 'जज़्बा' का विलेन
एक सफल महिला वकील। वह कभी कोई केस नहीं हारी है। उसकी एक बेटी भी है। एक दिन उसके पास एक फ़ोन कॉल आती है कि उसकी बेटी का किडनैप कर लिया गया है। अगर उसे अपनी बेटी को फिर देखना है तो उसे पांच बार दोषी ठहराए जा चुके और फांसी की सज़ा पाये अपराधी को निर्दोष ठहराना है। इसके लिए उसके पास केवल सात दिन ही हैं।
यह कहानी है कोरियाई फिल्म 'सेवन डेज' की। डायरेक्टर शिन-येऊन वोन की इस फिल्म को हिट विदेशी फिल्मों पर फिल्म बनाने के उस्ताद हिंदी फिल्म डायरेक्टर संजय गुप्ता फिल्म बना रहे है। जज़्बा टाइटल वाली इस फिल्म से अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन वापसी कर रही हैं। इरफ़ान खान, अनुपम खेर और शबाना आज़मी सह भूमिका में हैं। फिल्म में मुख्य विलेन का किरदार चन्दन रॉय सान्याल कर रहे हैं। चन्दन रॉय सान्याल को दर्शकों ने आमिर खान की फिल्म रंग दे बसंती में बटुकेश्वर दत्त के छोटे किरदार में देखा था। कमीने में वह शाहिद कपूर के दोस्त मिखाइल के किरदार में थे। फालतू, टेल मी ओ खुद, डी-डे, प्राग और कांची उनकी अन्य फ़िल्में थी।
यह कहानी है कोरियाई फिल्म 'सेवन डेज' की। डायरेक्टर शिन-येऊन वोन की इस फिल्म को हिट विदेशी फिल्मों पर फिल्म बनाने के उस्ताद हिंदी फिल्म डायरेक्टर संजय गुप्ता फिल्म बना रहे है। जज़्बा टाइटल वाली इस फिल्म से अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन वापसी कर रही हैं। इरफ़ान खान, अनुपम खेर और शबाना आज़मी सह भूमिका में हैं। फिल्म में मुख्य विलेन का किरदार चन्दन रॉय सान्याल कर रहे हैं। चन्दन रॉय सान्याल को दर्शकों ने आमिर खान की फिल्म रंग दे बसंती में बटुकेश्वर दत्त के छोटे किरदार में देखा था। कमीने में वह शाहिद कपूर के दोस्त मिखाइल के किरदार में थे। फालतू, टेल मी ओ खुद, डी-डे, प्राग और कांची उनकी अन्य फ़िल्में थी।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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