बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा, जहाँ हिंदी
फिल्मों में व्यस्त हैं, वही वह हॉलीवुड फ़िल्में भी साइन करती जा रही हैं। पिछले दिनों प्रियंका चोपड़ा ने बहुत गुपचुप दो हॉलीवुड फ़िल्में साइन कर ली हैं। इनमे से एक फिल्म अ
किड लाइक जेक की तो उन्होंने शूटिंग भी शुरू कर दी है। ड्रामा फिल्म अ किड लाइक जेक में प्रियंका चोपड़ा अमाल का किरदार कर रही हैं। यह फिल्म अलेक्स और ग्रेग व्हीलर परिवार की है। उनका बेटा जेक तीव्र बुद्धि ट्रांसजेंडर बच्चा है। उन्हें उससे काफी उम्मीदें हैं। उसे अपनी उम्र के दूसरे बच्चों की तरह जीआई जो के बजाय सिंडरेला पसंद है। इस ट्रांसजेंडर बच्चे के न्यू यॉर्क सिटी के किंडरगार्टेन में एडमिशन के लिए उनके सामने आर्थिक कठिनाइयां हैं। फिल्म में व्हीलर दम्पति का किरदार क्लेयर डॅन्स और जिम पार्सन्स ने की है। इस फिल्म में प्रियंका चोपड़ा उनकी मित्र अमाल का किरदार कर रही हैं। जो एक बच्चे की तलाक़शुदा माँ है। उसे भी किंडरगार्टेन में बच्चे के दाखिले के लिए संघर्ष करना है। इस फिल्म के निर्देशक सिलास होवार्ड (बाय हुक ऒर बाय क्रूक) हैं। यह फिल्म अगले साल रिलीज़ होगी। प्रियंका चोपड़ा की दूसरी हॉलीवुड फिल्म इज नॉट इट एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है। प्यार में धोखा खाई रूखे स्वभाव की युवती महसूस करती है कि उसकी ज़िन्दगी रोमांटिक कॉमेडी बन गई है। टॉड स्ट्रॉस-शुलसन निर्देशित फिल्म में केंद्रीय किरदार रिबेल विल्सन ने किया है। हंगर गेम्स के लिएम हैम्सवर्थ और एडम डेविन के किरदारों के विल्सन के साथ प्रेम त्रिकोण में प्रियंका चोपड़ा का कोण बहुत साफ़ नहीं है। यह फिल्म २०१९ में रिलीज़ होगी। क़्वान्टिको और बेवॉच से प्रियंका चोपड़ा ने खुद की इमेज निगेटिव किरदार वाली बना ली है। देखने वाली बात होगी कि इन दो फिल्मों का ड्रामा और रोमांस कॉमेडी उनके हॉलीवुड करियर में क्या रंग लाती है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Friday 23 June 2017
अब श्रीदेवी साड़ी
श्रीदेवी की ३००वी फिल्म मॉम ७ जुलाई को रिलीज़ हो रही है। इसी तारीख को श्रीदेवी के अभिनय की दुनिया में पचास साल पूरे हो जायेंगे। इस दौर में श्रीदेवी ने हिंदी और दक्षिण की फिल्मों में अपने अभिनय और सेक्स अपील का सिक्का जमाया है। वह जितनी आकर्षक और सेक्सी आधुनिक पोशाकों में लगती थी, उससे कहीं ज़्यादा सेक्सी और आकर्षक साड़ी में दिखती थी। मिस्टर इंडिया के काटे नहीं काटते दिन ये रात गीत में नीली शिफॉन साड़ी में भीगती श्रीदेवी कामुकता की देवी नज़र आती थी। यश चोपड़ा की फिल्म चांदनी के ओ मेरी चांदनी गीत में पीली साड़ी में लिपटी श्रीदेवी ग्लैमर से भरपूर लग रही थी। लम्हे में उज्जवल सफ़ेद साड़ी में वह रोमांस की देवी जैसी लगती थी। २०१२ में रिलीज़ फिल्म इंग्लिश विंग्लिश में गृहणी शशि के किरदार के अनुरूप उन्होंने नौ गज की गहरे लाल रंग की साड़ी पहन कर दर्शकों पर जादू कर दिया था। श्रीदेवी के इसी जादू को भुनाने के ख्याल से चेन्नई के परंपरागत वस्त्रों के विक्रेता और श्रीदेवी के प्रशंसक ने श्रीदेवी साड़ियां लांच करने का फैसला किया है। साड़ियों की यह सीरीज श्रीदेवी की फिल्मों में उनके किरदारों से प्रेरित होंगी।
Wednesday 21 June 2017
'फ्यूरी रोड' पर हार्डी और थेरॉन टकराव ?
२०१५ की हिट फिल्म मैड मैक्स : फ्यूरी रोड के निर्माण के दौरान फिल्म में मैक्स का किरदार करने वाले अभिनेता टॉम हार्डी और विलेन फ्यूरिओसा की एक्ट्रेस चार्लीज थेरॉन के बीच टकराव की खबरें आती रहती थी। लेकिन, इन खबरों की पुष्टि करने कोई भी आगे नहीं आता था। पिछले दिनों फिल्म में टोस्ट द नोईंग का किरदार करने वाली अभिनेत्री जोए क्रेविट्ज़ ने फिल्म रफ़ नाईट के प्रमोशन के दौरान ऐसा संकेत दिया कि हार्डी और थेरॉन में टकराव होता था। उनके अनुसार, "यह ऐसा टकराव था, जैसे हम समर कैंप में रहते हैं। घर से छह महीने तक अलग रेगिस्तान में बसते हैं। ऐसे में सभी लोगों के बीच कोई न कोई मुद्दा पैदा हो जाता है।" क्रेविट्ज़ की बात से बात मिलाती हुई इलाना ग्लेज़र मज़ाकिया लहज़े में इसे गर्भपात और प्रजनन के अधिकार से जोड़ देती है । इससे ऐसा लग सकता है कि हार्डी और थेरॉन टकराव पात्रों के अनुरूप बैठाने के लिए पैदा हुआ अधिक था। परन्तु जब हमें यह मालूम होता है कि फिल्म के डायरेक्टर जॉर्ज मिलर ने जो दो स्क्रिप्ट लिख रखी हैं, उनसे बन रही पहली फिल्म मैड मैक्स : द वेस्टलैंड में चार्लीज़ थेरॉन का फ्यूरिओसा का किरदार नहीं हैं, तब टकराव का सवाल फिर सर उठाता है । लेकिन, संकेत देते हैं जॉर्ज मिलर कि दूसरे सीक्वल में मैक्स और फ्यूरिओसा के बीच फिर वाद-विवाद होगा। साफ़ तौर पर मैड मैक्स: फ्यूरी रोड के पहले सीक्वल में फ्यूरिओसा नहीं है, लेकिन यह हार्डी से थेरॉन के टकराव का परिणाम नहीं है।
अब डायरेक्टर की कुर्सी पर सिमोन किनबर्ग
डेडपूल, लोगन
और एक्स-मेन फिल्मों के निर्माण से जुड़े सिमोन किन्बर्ग ने अब डायरेक्शन की कमान भी
सम्हाल ली है । वह २ नवम्बर २०१८ को रिलीज़ होने जा रही फिल्म एक्स-मेन: डार्क फ़ीनिक्स का
निर्देशन करेंगे । इस फिल्म में जेम्स मकवाय (प्रोफेसर एक्स), जेनिफर लॉरेंस (मिस्टीक), माइकल फॉस्बेंडर (मैग्नेटो), सोफी टर्नर (जीन ग्रे) और निकोलस हॉल्ट (बीस्ट) अपने अपने किरदार करेंगे। प्रोफेसर एक्स के बुलावे पर इकठ्ठा सभी एक्स-मेन को दुनिया के उन लोगों को बचाना है, जो उनसे नफ़रत करते हैं। यह युद्ध ब्रह्माण्ड की सीमा से दूर, उन ताकतों से लड़ना है, जिनकी ताक़त असीम है। ऐसे में टीम की एक सदस्य जीन ग्रे को अपार शक्तियां मिल जाती हैं। यह शक्तियां उसे भ्रष्ट कर देती हैं और वह बुरी शक्ति डार्क फ़ीनिक्स बन जाती है। सिमोन किनबर्ग की इस फिल्म में इंटरस्टेलर की जेसिका चेस्टेन दुष्ट राजकुमारी लीलांड्रा का किरदार कर रही हैं। एक्स-मेन फिल्मों में अब तक ब्रयान सिंगर के अलावा टिम मिलर, जेम्स मैनगोल्ड, ब्रेट रैटनर, गैविन हुड और मैथ्यू वॉन जैसे निर्देशको ने रोचकता बनाये रखी हैं। अब इंतज़ार रहेगा एक्स-मेन के दर्शकों को एक्स- मेन : डार्क फ़ीनिक्स का कि सिमोन इस विज्ञान फैंटसी फिल्म में दर्शकों के लिये क्या रोचक दे पाते हैं!
टेलीविज़न के सितारों के जीवन मे अहम् है संगीत
आज वर्ल्ड
म्यूजिक डे है। संगीत हिन्दुस्तानियों की
नस नस में बहता है। अभिनय की दुनिया में तो संगीत ख़ास अहमियत रखता है। टेलीविज़न की दुनिया में भी रोमांस की
अभिव्यक्ति करने का जरिया गीत- संगीत बन गया है। टीवी के सितारों के संगीत को लेकर
क्या विचार हैं, आइये जानने की कोशिश
करते हैं -
हसन ज़ैदी- संगीत
हमारे जीवन में काफी अहम् हिस्सा है। मैं
तो म्यूजिक के बीच बड़ा हुआ हूँ। मुझे याद है कि मैं हमेशा अपने साथ वॉकमैन लेकर
चलता था। मैं रेडियो जॉकी रहा हूँ। मैं उस समय सायप्रस में पढता था। वहां के रेडियो में इंडियन म्यूजिक पेश किया
करता था। स्कूल बैंड का लीड सिंगर हुआ
करता था। संगीत से मेरा रिश्ता आज भी
बरकरार है। मैं गिटार सीख रहा हूँ। पियानो
और ड्रम बजा सकता हूँ।
शक्ति अरोरा- मुझे
म्यूजिक से प्यार है। यह मेरा मूड बढ़िया
कर देता है। मैं एनर्जी की ज़रुरत म्यूजिक से पूरी करता हूँ। मेरा पास एक छोटा
स्पीकर और हेड फ़ोन है, जिस से मैं रोज
म्यूजिक सुनता हूँ। इस प्रकार से दो शॉट्स के बीच खुद को तरोताज़ा कर लेता
हूँ। जब गुस्सा होता हूँ, तब भी म्यूजिक सुनता हूँ। शेप ऑफ़ यू मेरा पसंदीदा
है।
श्वेता बासु प्रसाद-
मेरे जीवन में संगीत का बहुत ज्यादा महत्व है। मैं रोज संगीत सुनती हूँ। मैंने इंडियन क्लासिकल म्यूजिक पर
डाक्यूमेंट्री भी बनाई है। मैं भारतीय और
कर्णाटक म्यूजिक की प्रशंसक हूँ। में जाज,
फोक और पॉप सुनती हूँ। मैं किसी ख़ास गीत को नहीं गुनगुनाती। इंडियन
क्लासिकल में से ही कोई सुनती हूँ।
रमन हंडा- संगीत
मेरे लिए जीवन है। संगीत मुझे जीवन दे
देता है। बिना म्यूजिक के ज़िन्दगी बदरंग
होती। निर्वाण प्राप्त करने का आसान
रास्ता संगीत है। मेरा दिन संगीत से शुरू
होता है। मैं रोज ३ घंटा संगीत सुनता हूँ। मुझे सभी तरह का संगीत पसंद है। मगर पसंदीदा ईडीएम ही है। मुझे सूफी संगीत भी
पसंद है। जब भी उदास होता हूँ, मैं हमेशा कल हो न
हो गुनगुनाता हूँ। यही मेरा सबसे पसंदीदा
गीत है।
रोहित भरद्वाज- एक
एक्टर और म्यूजिक का गहरा सम्बन्ध है।
संगीत से किसी दृश्य को अलग करने की प्रेरणा मिलती है। स्क्रिप्ट में नई चीज़ संगीत से ही मिलती है। जब
मैं बेटी के साथ तैर रहा होता हूँ, पत्नी के साथ झगड़
रहा होता हूँ, दोस्तों के साथ खेल रहा होता हूँ, सफ़र करते समय खिड़की से बाहर झाँक रहा होता हूँ,
उस समय भी कोई ट्रैक पृष्ठभूमि पर चल रहा होता
है। मुझे सूफी और कुछ इंग्लिश क्लासिक
पसंद हैं। एन्ट नो सनशाइन व्हेन शी हैज गॉन किसी कारण से जादू सा करता है।
अनिरुद्ध दवे- संगीत
ज़िन्दगी है। मैंने अपनी अलार्म घडी में
मोजार्ट सेट कर रखा है। इस प्रकार से मेरे
दिन की शुरुआत ही मोजार्ट से होती है। जब
मैं दौड़ रहा होता हूँ, मैडिटेशन/रिलैक्सेशन
म्यूजिक सुनता हूँ। मैं नहाते समय भी संगीत सुनता हूँ। मैं सिंथेसाइज़र बजाता हूँ। संगीत मुझे खुश रखने का ज़रिया है। जब मैं खुश होता हूँ तो पेपी नंबर सुनता
हूँ। सूफी और फ्यूज़न मेरे पसंदीदा है।
पारुल चौहान- मैं जब
उदास होती हूँ या परिवार और दोस्तों को मिस कर रही होती हूँ तो मैं अपना मूड
म्यूजिक सुन कर ठीक करती हूँ। मैं खाने
बनाते समय या जिम में संगीत सुनते हुए ही वर्क आउट करती हूँ। मेरे घर में बड़ा सा
म्यूजिक सिस्टम है। सेट पर मेरे मेकअप रूम में भी म्यूजिक सिस्टम होता है। सेट पर लोग जब म्यूजिक सुनते हैं, तब समझ जाते हैं कि पारुल सेट पर आ गई है। मैं मेकअप करते समय और रिहर्सल करते समय भी
म्यूजिक सुनती रहती हूँ। मेरा पसंदीदा
अरिजीत सिंह है। वह सर्वश्रेष्ठ है। मेरा पसंदीदा गीत तुम ही हो है।
Monday 19 June 2017
कौन है ट्यूबलाइट की झू झू ?
आज सलमान खान मुंबई के एक बड़े होटल में अपनी फिल्म ट्यूबलाइट के प्रमोशन के दौरान फिल्म में उनकी नायिका झू झू का परिचय पत्रकारों से कराएंगे। झू झू चीनी अभिनेत्री है। उनका जन्म एक सैनिक परिवार में १९ जुलाई १९८४ को हुआ था। उनके दादा यानि ग्रैंडफादर चीन की पीपल्स आर्मी में मेजर जनरल के पद पर थे। झू ने तीन साल की उम्र से पियानो बजाना शुरू कर दिया था। वह जूनियर हाई स्कूल में ब्यूटी एंड द बीस्ट के इंग्लिश संस्करण में अभिनय कर चुकी है। वह एमटीवी चाइना की वीजे रह चुकी हैं। उनका एक एल्बम २००९ में रिलीज़ हुआ है। उन्होंने २०१० में चीनी फिल्म व्हाट वीमेन वांट से डेब्यू किया था। अमेरिका की मार्शल आर्ट्स फिल्म द मैन विथ द आयरन फ़िस्ट्स में झू झू ने रसेल क्रोव के साथ ची ची का किरदार किया था। वह शंघाई कॉलिंग, सीक्रेट शेयरर और क्लाउड एटलस में भी अभिनय कर चुकी है। वैसे उनके पास बीजिंग टेक्नोलॉजी एंड बिज़नेस यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स और इनफार्मेशन इंजीनियरिंग की डिग्री है। उन्होंने द एवोके इफेक्ट्स, मार्क पोलो, आदि जैसे टीवी शो भी किये हैं। वह इस समय बटर लैंप फिल्म में भी अभिनय कर रही हैं। झू झू की आदर्श हॉलीवुड की मेरिल स्ट्रीप, बारबरा स्ट्रेसैंड और केट विंस्लेट हैं। वह वेस एंडरसन और वुडी एलन जैसे निर्देशकों की फ़िल्में करना चाहती हैं। उनको घोड़ों और घुड़सवारी से बेहद प्यार है। झू झू को चीन की फैशन आइकॉन माना जाता है। वह हार्पर्स कॉलिन चाइना की असिस्टेंट एडिटर रह चुकी हैं।
Sunday 18 June 2017
'खुले में शौच' मुक्त मुहिम से जुड़े सलमान खान
आज भी भारत के कई ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में
शौच करने का चलन है जो देश के विकास के लिए वाकई एक गंभीर समस्या है। इसी को ध्यान
में रखते हुए खुले में शौच करने की प्रवृत्ति के खिलाफ पूरे देश मे मुहिम चलाई जा
रही है। इसी मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए अभिनेता सलमान खान आगे आये हैं । मुम्बई के
गोरेगांव ईस्ट स्थित मद्रास पाड़ा गाँव निवासियों के लिए उन्होंने कई शौचालय का
निर्माण कराया है । मुम्बई की फ़िल्म सिटी से सटा मद्रास पाड़ा एक छोटा सा गाँव है
जो आरे कालोनी के वनों से घिरा हुआ है। इस इलाके में लगभग ३००० से ज्यादा घर है
जिनकी अधिकांश आबादी पिछड़े और मजदूर वर्ग के है। यहां के निवासियों के लिए सलमान
खान की बीइंग ह्यूमन ट्रस्ट, बी एम सी, सच ईशान और आई लव मुम्बई
जैसी संस्थाओ ने साथ मिलकर लगभग २० के करीब शौचालय का निर्माण कराया है जो बिजली
और पानी की सुविधाओं से लैस है। सलमान खान ने कहा "यह सिर्फ एक शुरुआत है।
जिस इलाके में ३००० से ज्यादा घर हो और
हर घर में लगभग ६ से ७ लोग रहते हो, वहां के लोगों के
लिए जितनी शौचालय की सुविधा मिलेगी उतना है, उनका विकास होगा। हम इस काम में जुड़े
हुए है।"
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