मदर डे यानि की माँ
दिवस के खास मौके पर ' तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में टप्पू का किरदार
निभाने वाले भव्य गांधी देश की सभी माँ को नमन करते है । टप्पू यानि भव्य गांधी
उन खुश किस्मतों में से
है जो सेट पर एक नहीं बल्कि दो माँ के साथ पूरा दिन बिताते है । जी हाँ टप्पू यानि भव्य गांधी का जब भी शूट होता है तब तब की
रील माँ यानि दयाबेन और रियल माँ यानि
यशोदा गांधी सेट पर होते है । भव्य गांधी कहते हैं, "दरअसल माँ को प्यार और
सत्कार देने का सिर्फ एक दिन नहीं होता है । जब दिल करे माँ को प्यार कर लो . नसीब वालो को
माँ का प्यार मिलता है । मै तो कुछ ज्यादा ही
नसीबवाला हूँ, क्योकि मुझे एक नहीं
बल्कि दो माँ का प्यार मिलता है । एक मेरे तारक मेहता शो की माँ यानि की दयाबेन और
दूसरी मेरी रियल माँ जिसने मुझे जन्म दिया
है । दर असल सबसे अच्छी बात यह है की तारक मेहता के सेट पर एक साथ मुझे दोनों माँ
का प्यार मिलता है । जैसे ही कैमरा ऑन दयाबेन और जैसे ही कैमरा ऑफ मेरी रियल माँ आ
जाती है । दिशा दीदी का स्वभाव बहुत अच्छा है । आज हम एक साथ पिछले सात सालो से
शूटिंग कर रहे है । उन्होंने मुझे स्कूल से कॉलेज जाते हुई देखा है । हर माँ की
तरह उन्होंने ने भी मेरे बचपन से लेकर युवा
तक का सफर देखा है और वो हमेशा मुझे सीख
देती है जो कि मेरे लिए बहुत अच्छा होता है । सेट पर मेरी रियल माँ और दिशा
दीदी की खूब जमती है दोनों एक साथ बातचीत
करती है । भगवान् ने मुझे दो माँ
दिया है और दोनों माँ के साथ मैं मदर डे मनाऊंगा ।
" भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Tuesday, 3 May 2016
मेरी दो दो माँ है- भव्य गांधी
Labels:
Television
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
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