भारतरत्न लता
मंगेशकर ने हिन्दी और ३६ क्षेत्रीय भारतीय भाषाओं और विदेशी भाषाओं में हजारों गाने
रिकार्ड किए है ।
वह तीन नेशनल
फिल्म अवार्ड्स,
१२ बंगाली
फिल्म जर्निलस्ट्स एसोसिएशन अवार्ड्स, चार फिल्मफेअर बेस्ट फिमेल प्लेबैक अवार्ड्स, दो फिल्मफेअर स्पेशल अवार्ड्स, फिल्मफेअर लाइफ टाइम एचिवमेंट अवार्ड और
दादासाहेब फाल्के अवार्ड और द ऑफिसर ऑफ द लिजन आफ ऑनर अवार्ड (फ्रांस का उच्चतम
नागरिक अवार्ड) के अलावा अन्य कई सम्मान और अवार्ड्स से सम्मानित की जा चुकी है ।
इसके बावजूद जब करविर मठ, कोल्हापुर के जगतगुरू शंकराचार्य ने स्वर
मौली टायटिल से सम्मानित करने के लिए उनका चयन किया तो लता मंगेशकर अत्यंत प्रसन्न
हुईं ।
यह अवार्ड
उन्हें उनके प्रभु कुंज स्थित निवास, मुंबई में १२ मई को दिया गया ।
लता मंगेशकर कहती हैं, “जगतगुरू शंकराचार्य ने मुझे टाइटल स्वर
मौली के लायक समझा, यह मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है ।
मैं खुद को बहुत सौभाग्यशाली समझती हूं कि
वह मुझे सम्मानित करने के लिए खुद आये । उनके इस आशीर्वाद के लिए मैं उनकी आभारी हूं ।“
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