संगीत कंपनी सारेगामा की फिल्म निर्माण इकाई योड़ली की कुणाल कपूर अभिनीत फिल्म नोबलमैन स्कूल में सीनियर छात्रों द्वारा जूनियर छात्रों की रैगिंग करते समय डराने-धौंसियाने की है।
इस फिल्म में मुख्य भूमिका कुणाल कपूर ने की है। इस फिल्म का दिग्दर्शन
वंदना कटारिया ने किया है। फिल्म में कुणाल कपूर के अलावा कई नए चेहरे हैं।
फिल्म की कहानी 15 साल के एक किशोर शाय की आंखों से चलती है। एक तरफ वह अपनी
किशोरावस्था की समस्याओं से जूझ रहा है, दूसरी तरह स्कूल में उसे बदमाशों छात्रों का एक गैंग उसे सता रहा है।
फिल्म का बैकग्राउन्ड सिर्फ लड़कों की बोर्डिंग स्कूल है जिसमें शाय को उसके
पसंदीदा विषय ड्रामैट्रिक्स में आगे बढ़ने के लिए मुरली (कुणाल कपूर) प्रोत्साहित करता
है।
कहानी की शुरुआत शेक्सपियर के एक नाटक द मर्चंन्ट ऑफ वेनिस में अभिनय करने
से शुरू होती है, जो आगे चलकर वरिष्ठता यानी हायरअर्की और अहम की लड़ाई बन जाती
है, जिसके चलते
जिंदगी और मासूमियत दोनों का नुकसान होता है।
सारेगामा के बैनर योड़ली फिल्म्स कि यह तीसरी फिल्म है।
इससे पहले योड़ली
फिल्म्स पिछले साल,
विवेचकों द्वारा सराहना पाने वाली देवाशीष मखीजा निर्देशित फिल्म अज्जी, और इस साल
की शुरुआत में ओनीर निर्देशित परिपक्व रोमांटिक ड्रामा कुछ भीगे अल्फाज रिलीज कर
चुका है।
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