Sunday 13 May 2018

बॉलीवुड की आल फीमेल बडी फ़िल्में

आजकल, करीना कपूर खान और सोनम कपूर के साथ स्वरा भास्कर और शिखा तलसानिया की टीम १ जून को रिलीज़ होने जा रही फीमेल बडी कॉमेडी फिल्म वीरे दी वेडिंग का प्रमोशन कर रही हैं।  शशांक घोषक निर्देशित इस फिल्म में यह चारों दोस्त बनी है। तेज़ तर्रार और खुल कर महिला पुरुष अंगों के बारे में बात करने वाली और सेक्स के मामले में खुली आधुनिक भारतीय नारियां हैं।  इस फिल्म में, करीना कपूर खान ने कालिंदी, सोनम कपूर ने अवनि, स्वरा भास्कर ने साक्षी और शिखा तलसानिया ने मीरा की भूमिका की है।  इस फिल्म में इन भद्र महिलाओं ने किस स्तर के संवाद बोले होंगे, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फिल्म की एक निर्माता एकता कपूर ने सेंसर बोर्ड से फिल्म के लिए खुद एडल्ट प्रमाण पत्र की मांग करने का फैसला किया है।  इस फिल्म से, सोनम कपूर की बहन रिया फिल्म निर्माता बन गई हैं।

शिखा तलसानिया 
उपरोक्त चारों अभिनेत्रियों के लिए वीरे दी वेडिंग ख़ास है।  शिखा तलसानिया ने वेकअप सिड, दिल तो बच्चा है जी, माय फ्रेंड पिंटू, आदि जैसी फ़िल्में की हैं।  वह आम तौर  पर शार्ट फ़िल्में करती रहती हैं।  उनकी लम्बे समय बाद कोई पूरी लम्बाई की फिल्म रिलीज़ होगी।  इस फिल्म के अलावा उनके पास कोई दूसरी फिल्म नहीं है।

स्वरा भास्कर 
प्रेम रतन धन पायो  में सलमान खान की बहन की भूमिका करने वाली अभिनेत्री स्वरा भास्कर का करियर भी कुछ यों ही सा है।   पिछले साल रिलीज़ फिल्म अनारकली ऑफ़ आरा में स्वरा ने एक छोटे कसबे की कामुक ढंग से नाचने वाली अनारकली की भूमिका की थी।  इस फिल्म में, स्वरा भास्कर ने दिखाया भी बहुत था और बोला भी बहुत कुछ था।  भद्दी भाषा उगलने के बावजूद स्वरा भास्कर अपनी फिल्म के लिए दर्शक नहीं उगल पाई।  उनकी भी वीरे दी वेडिंग के बाद दूसरी कोई फिल्म रिलीज़ नहीं हो रही

सोनम कपूर 
सोनम कपूर ने फिल्म में अवनि की भूमिका की है।  २००७ में सुपर फ्लॉप सावरिया से फिल्म करियर की शुरुआत करने वाली सोनम कपूर ने हिट से ज़्यदा फ्लॉप फ़िल्में दी हैं।  हालाँकि, उनके खाते में रांझणा, भाग मिल्खा भाग और नीरजा जैसी फ़िल्में दर्ज हैं।  लेकिन, उनकी यह सफलता उनकी असफल फिल्मों के ढेर के नीचे दब कर रह जाती हैं।  सोनम कपूर की वीरे दी वेडिंग के बाद  दूसरी फ़िल्में संजू, द  ज़ोया फैक्टर और एक  लड़की को देखा तो ऐसा लगा भी प्रदर्शित होनी हैं।  लेकिन, ३२ साल की इस अभिनेत्री के इस साल शादी कर लेने की खबरों से साफ़ हो जाता है कि अब उनके फिल्म करियर का कोई ठौर नहीं रह गया है।

करीना कपूर खान
करीना कपूर खान ने अपने बेटे तैमूर के जन्म के बाद इस फिल्म की शूटिंग शुरू की थी। इस फिल्म की कहानी कालिंदी पर केंद्रित है।  कालिंदी शादी करने जा रही है।  लेकिन, उसके मन में कई शंकाये और सवाल हैं।  यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल होगी या असफल, इसका पता तो १ जून को ही चल सकेगा।  लेकिन, करीना कपूर खान को अपना करियर आगे चलाने के लिए फिल्म में खुद के अभिनय को दिखाना होगा।  बदन उघाड़ने और भड़ी संवाद बोलने का समय चला गया है।अगर, वह बढ़िया अभिनय नहीं पेश कर पाई तो उन्हें तैमूर की नैनी को बाहर करतैमूर की देख भाल का जिम्मा खुद सम्हालना होगा।  क्योंकि, वीरे दी वेडिंग के बाद, उनके पास भी कोई नई फिल्म नहीं है।

महिला दोस्तों में खास है सेक्स
पैन नलिन निर्देशित एंग्री इंडियन गॉडेस को भारत की पहली फीमेल बडी मूवी बताया जाता है। इस फिल्म की शुरुआत एक फैशन फोटोग्राफर फ्रीडा (सारा जेन डियास) के अपनी महिला मित्रों को अपनी शादी के ऐलान के लिए उत्सव में आमंत्रित कराती है। विदेशी डायरेक्टर की भारतीय महिलाओं पर केंद्रित यह फिल्म संध्या मृदुल, अनुष्का मनचंदा, तनिष्ठा चटर्जी, अमृत मघेरा, पवलीन गुजराल और राजश्री देशपांडे के भिन्न पृष्ठभूमि और पेशे की महिलाओं के इर्दगिर्द घूमती रहती है।  इस कहानी में मोड़ तब आता है, जब एक सहेली नरगिस (तनिष्ठा चटर्जी) की हत्या हो जाती है।  इस फिल्म में वह सब कुछ था, जो महिला चरित्रों की सेक्सुअलिटी को इंगित करता था। 

लीना यादव की इरोटिक ड्रामा फिल्म पार्च्ड - राजस्थान की पृष्ठभूमि पर चार महिलाओं रानी (तनिष्ठा चटर्जी), रज्जो (राधिका आप्टे), जानकी (लहर खान) और बिजली (सुरवीन चावला) के सामाजिक भेदभाव, महिलाओं की उपेक्षा, वैवाहिक बलात्कार, बाल विवाह, दहेज़, आदि समस्याओं के इर्दगिर्द घूमती थी। लेकिन, पार्च्ड का पूरा जोर महिलाओं की अधूरी सेक्स इच्छाओं नज़र आता था।यह फिल्म अपने बोल्ड विषय के कारण काफी चर्चित हुई।  

अलंकृता श्रीवास्तव की लिपस्टिक अंडर माय बुरखा - अलंकृता श्रीवास्तव की लिपस्टिक अंडर माय बुरखा भी विद्रोही प्रकृति की फिल्म थी।  कोंकणा सेन शर्मा, पबिता बोरठाकुर, अहाना कुमरा और रत्न पाठक शाह के चरित्रों पर केंद्रित इस फिल्म के तमाम चरित्र रूढ़िवादी समाज के खिलाफ विद्रोह करने वाले, अपनी आज़ादी और ख़ुशी के लिए अपना रास्ता खुद तय करने वाले थे। इस फिल्म को भी देश से ज़्यादा विदेश में देखा गया।

कुछ हट कर फ़िल्में  
बॉलीवुड की उपरोक्त फिल्मों में जहाँ स्त्री स्वतंत्रता के नाम पर  महिला चरित्रों की सेक्सुअलिटी को आगे कर पुरुषों को आकर्षित करने की नीयत उभर कर आ रही थी, वहीँ कुछ फ़िल्में वास्तविक समस्या पर ध्यान देने वाली थी।  इनमे अमिताभ बच्चन  की वकील भूमिका वाली फिल्म पिंक उल्लेखनीय है। इस फिल्म की तीन आत्मनिर्भर सहेलियां तापसी पन्नू, कीर्ति कुल्हारी और एंड्रिया तारीअंग पीजी में रह कर अपनी नौकरी कर रही है।  एक दिन वह डिनर करने जाती हैं तो उनसे छेड़छाड़ और ज़बरदस्ती होती है।  इसमें एक लडके का सिर्फ फोड़ दिया जाता है।  इन तीनों पर पुलिस मुकदमा कर देती है।  यह फिल्म बिना अतिरेक के महिला अधिकार की वकालत करती है। इस फिल्म के अलावा, भारतीय महिला हॉकी टीम की काल्पनिक कथा पर फिल्म चक दे इंडिया हॉकी टीम के ज़रिये भारतीय महिलाओं की क्षमता का खूबसूरत चित्रण करती थी। रियल लफिए पर गुलाब गैंग की एक गाँव की महिलाये पुरुषों के अतयाचार के खिलाफ अपने लट्ठ उठा लेती है। 

हॉलीवुड की आल फीमेल बडी फ़िल्में 
हॉलीवुड ने आल फीमेल बडी मूवीज के अंतर्गत बहुत सी फ़िल्में बनाई हैं। यह फिल्मे, हिंदुस्तानी फिल्मों की तरह केवल महिला की सेक्स की ज़रूरतों और स्वतंत्रता के बजाय उनकी बिंदास जीने की इच्छा, छुट्टी मनाने की ख़ुशी, दोस्ती और जलन पर भी केंद्रित थी।  इन फिल्मों में महिला चरित्र के विभिन्न रूपों को भिन्न जॉनर में दर्शाया गया है। इस प्रकार की फिल्मों में मीन गर्ल्स, ब्राइड्समैड्स, रोमी एंड मिशेलस हाई स्कूल रीयूनियन, थेल्मा एंड लुइस, क्लूलेस, पिचपरफेक्ट, ब्रिंग इट ऑन, अ लीग ऑफ़ देअर ओन, स्टील मंगोलिअस, हाउस बन्नी, सेक्स एंड द सिटी, द हीट, चार्लीज एंजेल, नो एंड देन, द फर्स्ट वाइव्स क्लब, आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।


कहानी के लिहाज़ वीरे दी वेडिंग सेक्सुअल टोन वाली फिल्म लगती है। ऐसी फ़िल्में अपने संवादों और हावभाव के ज़रिये  कुछ दर्शक तो बटोर सकती हैं।  लेकिन, फिल्म और एक्टर्स को लम्बी उम्र देने के लिहाज़ से इतना काफी नहीं।  क्या वीरे  दी वेडिंग अपने दर्शकों पर पॉजिटिव प्रभाव छोड़ पाएगी ? क्या करीना कपूर खान और सोनम कपूर का गैंग दर्शकों को प्रभावित कर पायेगा ? इंतज़ार कीजिये १ जून का !

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