Sunday 2 October 2022

अभी रॉ है बॉलीवुड की महिला रॉ एजेंट !

कोड नेम तिरंगा की प्रेस कांफ्रेंस में बातचीत करते हुए, अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा ने साफ़ किया कि वह फिल्म में स्पाई यानि जासूस नहीं बनी है, बल्कि वह रॉ एजेंट हैं. दरअसल, बॉलीवुड के अधिकतर पत्रकारों को स्पाई और एजेंट में फर्क नहीं मालूम. वह एजेंट फिल्म को भी स्पाई फिल्म मान लेते है. वास्तविकता तो यह है कि स्वयं बॉलीवुड को भी नहीं मालूम, तभी तो वह स्पाई और एजेंट फिल्म के जोनर को गडमड होने देते हैं. पर इसमें कोई शक नहीं कि बॉलीवुड ने कोड नेम तिरंगा से पहले भी एजेंट फ़िल्में बनाई है, कई अभिनेता अंडरकवर एजेंट की भूमिका कर चुके है. स्वयं परिणीति चोपड़ा भी रुपहले परदे की पहली रॉ एजेंट नहीं. उनसे पहले भी कई फिल्म अभिनेत्रियाँ रॉ एजेंट बन कर परदे पर एक्शन करने की कोशिश कर चुकी है.



भारत की पहली एजेंट नाडिया - भारत में, पहली बार रॉ यानि रिसर्च एंड एनालिसिस विंग की स्थापना २१ सितम्बर १९६८ को हुई थी. इसलिए यह तो नहीं कहा जा सकता है कि होमी वाडिया निर्देशित और फीयरलेस नाडिया द्वारा अभिनीत फिल्म खिलाड़ी (१९६८) पहली महिला रॉ एजेंट फिल्म थी. पर इस फिल्म में होमी वाडिया के बैनर के अंतर्गत बनी एक्शन फिल्मों में अंतिम एक्शन फिल्म खिलाड़ी में एक एजेंट की भूमिका की थी, जो चीन  में अपने मिशन में जाती है. उस समय नाडिया की उम्र ५८ साल की थी और इस फिल्म के बाद, नाडिया ने अभिनय को अलविदा कह दी थी. इस प्रकार से नाडिया ही हिंदी फिल्मों की पहली एजेंट साबित होती है.



प्रीटी से कंगना तक - नाडिया के बाद से, तमाम बॉलीवुड अभिनेत्रियों ने एजेंट की भूमिका की है. नाडिया द्वारा प्रारंभ किया गया एजेंट भूमिकाओं का सिलसिला धीमे धीमे ही सही, चल निकला है. कई बॉलीवुड अभिनेत्रियाँ रॉ एजेंट या दूसरी एजेंसी के एजेंट की भूमिका कर चुकी है. फिल्म द हीरो लव स्टोरी ऑफ़ अ स्पाई में प्रीटी जिंटा एक रॉ एजेंट के लिए पाकिस्तान के आतंकियों के बीच एजेंट का काम करती है. फिल्म एक था टाइगर में कैटरीना कैफ और फिल्म एजेंट विनोद में करीना कपूर खान ने आईएसआई की भूमिका की थी तो कहानी की दुर्गा विद्या बालन भी एक एजेंट की भूमिका कर रही थी. फिल्म डी डे में हुमा कुरैशी रॉ की एजेंट बनी थी. वह दुबई के एक मिशन में दूसरे लोगों के साथ दाऊद इब्राहीम को पकड़ कर लाती है. फिल्म फ़ोर्स २ में पुलिस अधिकारी जॉन अब्राहम के साथ सोनाक्षी सिन्हा एक रॉ एजेंट बन कर खतरनाक मिशन पर जाती है. फिल्म नाम शबाना में तपसी पन्नू एक मुस्लिम लड़की की भूमिका कर रही थी, जिसे एक एजेंट के रूप में भेजा जाता है. अलिया भट्ट, फिल्म राजी में जो चरित्र कर रही थी, वह रॉ के लिए पाकिस्तान मे गुप्त सूचनाएं प्राप्त करने के लिए एक पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी से शादी भी कर लेती है. २०२१ में सीधे ओटीटी पर रिलीज़ फिल्म बेल बॉटम में रॉ एजेंट अक्षय कुमार के साथ वाणी कपूर ने महिला रॉ एजेंट की भूमिका की थी. इसी साल प्रदर्शित साल की सबसे बड़ी फ्लॉप फिल्मों  में शामिल फिल्म धकाद में अभिनेत्री कंगान रानौत ने एक रॉ एजेंट अग्नि की भूमिका की थी.



एक्शन करने की चाह - हिंदी फिल्मो में नायिका को ग्लैमर के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह अपने नायक का दिल बहलाने के प्रयास में दर्शकों का मनोरंजन भी कर जाती है. उनसे किसी एक्शन की आशा या अपेक्षा नहीं की जाती. लेकिन, इसके बावजूद बॉलीवुड की अभिनेत्रियाँ कभी डाकू कभी बलात्कार की शिकार महिला के रूप में बन्दूक उठा लेती है. ऎसी बन्दूक वाली अभिनेत्रियों की फ़िल्में सफल भी होती है. पर इसके बावजूद बॉलीवुड इन्हें रॉ एजेंट बना कर बंदूकें थमा नहीं देता. वास्तव में बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्रियाँ एक्शन फ़िल्में स्वाद बदलने के लिए करती है. उन्हें ऎसी भूमिकाओं में विशेष लगाव नहीं होता. चूंकि, अपने नायक से रोमांस करते करते ऊब गई है, इसलिए एक्शन करना चाहती है. बात करते करते कोड नेम तिरंगा की रॉ एजेंट दुर्गा परिणीति चोपड़ा कहती है, “मैं रोमांस करते करते ऊब गई थी, इसलिए एक्शन फिल्म करना चाहती थी. रिभु (निर्देशक रिभु दासगुप्ता) ने मुझसे एजेंट बनने के लिए कहा, मैंने स्वीकार कर लिया. यानि बॉलीवुड की अधिकतर नाजुक बदन हसीनाओं की नाजुक कलियाँ बन्दूक का भर सहन करने की क्षमता नहीं है.



आसान नहीं रॉ से रॉ बनना - हॉलीवुड की एंजेलिना जोली बनना बॉलीवुड फिल्म अभिनेत्रियों के लिए आसान नहीं. एन्जिलिना जोली ने मिस्टर एंड मिसेज स्मिथ और वांटेड फिल्मों में अपनी भूमिकाओं को सजीव करने के लिए केवल अपने एक्शन कोरियोग्राफर की बात ही नहीं मानी, बल्कि अपने शारीरिक गठन को भी भूमिका के अनुरूप ढाला है. फिल्म कोड नेम तिरंगा के लिए परिणीति चोपड़ा और धाकड़ के लिए कंगना रानौत ने अपने कोरियोग्राफर का अनुसरण तो किया, पर अपने शारीरिक गठन पर भी ध्यान देना न तो उनके बस की बात थी, न ही उनमे अपनी भूमिकाओं के लिए इतना समर्पण था. केवल नाडिया ही अपने एक्शन के लिए पूरी तरह से तैयार हुआ करती थी, इसलिए खिलाड़ी की एजेंट के रूप में भी रॉ नहीं थी. यानि बॉलीवुड की रॉ एजेंट अभी रा यानि कच्ची है. अब देखिये फिल्म कोड नेम तिरंगा में परिणीति चोपड़ा दर्शको को कितना प्रभावित कर पाती है!

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