निर्देशक #OmRaut की मर्यादापुरुषोत्तम राम के चरित्र पर
फिल्म #Adipurush आज
सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो गई. इस फिल्म के बॉक्स ऑफिस पर सभी भाषाओँ में १००
करोड़ के आसपास कारोबार करने का समाचार है. इस फिल्म में राम #Prabhas, सीता #KritiSanon, लक्षमण #SunnySingh और हनुमान #DevduttNage बने है. फिल्म के निर्माताओं में ओम राउत के
साथ साथ #BhushanKumar #PrasadSutar और #KrishanKumar है. यह फिल्म २ घंटा ५९ मिनट लम्बी है.
फिल्म की समीक्षा –
१- सबसे पहला सवाल तो यही है कि फिल्म की निर्माता चौकड़ी ने यह फिल्म बनाई ही क्यों ? राम की महिमा का वर्णन करने के लिए या रामायण का अपना संस्करण बनाने के लिए?
२- आदिपुरुष राम पर है.
राम को ही सबसे कमजोर लिखा गया है. भावहीन चेहरा, धीरता गंभीरता गायब. पूरी फिल्म
में राम रावण से पिटते दिखाए गए है. फिल्म के क्लाइमेक्स में तो वह १९६० के दशक की
फिल्मों के नायकों की तरह खलनायक से मार खाते है और यकायक उसे मार डालते है.
३- सीता बनी कृति सेनन
बिलकुल भावविहीन और अप्रभावशाली लगी है.
४- लक्षमण की भूमिका में
सनी सिंह के करने के लिए कुछ भी नहीं था.
५- हनुमान बने देवदत्त
जोकर की तरह लगे है. प्रभास ने हनुमान के चरित्र को बॉलीवुड का घटिया हास्य अभिनेता बना कर रख दिया है.
६- सैफ अली खान के रावण
को ओम राउत ने विशेष महत्त्व दिया है. इसलिए सैफ का रावण भारी पड़ता है. हालाँकि, सैफ अली खान इस चरित्र के बिलकुल अनुकूल
नहीं.
७- ओम राउत, फिल्म
आदिपुरुष के लेखक निर्देशक भी है. पर उन्होंने बेहद घटिया कथा और पटकथा लिखी है.
किसी भी दृश्य में उनकी राम के प्रति श्रद्धा दिखाई नहीं देती. वह एक वीएफएक्स
सज्जित फिल्म बनाने के चक्कर में बच्चों की खिलौना फिल्म बना डालते है.
८- फिल्म के वीएफएक्स तो
घटिया हैं ही, ओम
राउत ने वानर सेना को प्लेनेट ऑफ़ द एप्स के वानरों जैसा दिखाया है. कुछ दृश्य
एवेंजरस की कॉपी हैं तो एक चरित्र गार्डियनस ऑफ़ द गैलेक्सी के ग्रूट जैसा है.
९- फिल्म का क्लाइमेक्स
एवेंजरस फिल्मो जैसा बनाया गया है. इससे यह काफी लंबा और उबाऊ होने के साथ साथ
प्रभावहीन बन गया है.
१०- आदिपुरुष को ऎसी फिल्म कहा जा सकता है जो अपने नायक को खा जाती है.
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