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Thursday 25 October 2018

प्रकाश झा और अजय देवगन फिर साथ !



करीब आधा दर्जन फिल्मों में व्यस्त होने के बावजूद, अभिनेता अजय देवगन निर्देशक प्रकाश झा की फिल्म में काम करेंगे।

इस समय अजय देवगन, अपनी घरेलु फिल्म, ऐतिहासिक किरदार वाली तानाजी: द अनसंग वारियर के अलावा नीरज पांडेय की फिल्म की चाणक्य, बोनी कपूर की अनाम स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म, रणबीर कपूर के साथ लव रंजन की रोमकॉम फिल्म, इंद्रकुमार की कॉमेडी फिल्म डबल धमाल और आकिव अली की कॉमेडी फिल्म दे दे प्यार दे से अनुबंधित हैं।

इतनी व्यस्तता के बावजूद, अजय देवगन का प्रकाश झा की फिल्म को मंजूरी देना, इन दोनों के अच्छे और गहरे संबंधों की ओर इशारा करता है। वास्तविकता यही है भी।

प्रकाश झा और अजय देवगन का पहला साथ १९ साल पहले फिल्म दिल क्या करे से बना था। इस रोमांटिक फिल्म में काजोल और महिमा चौधरी उनकी नायिका थी।

इसके बाद, अजय देवगन ने प्रकाश झा की दो अपराध ड्रामा फ़िल्में गंगाजल और अपहरण की। यह दोनों ही फ़िल्में सफल हुई।

पांच साल बाद, प्रकाश झा ने अजय देवगन को पॉलिटिकल थ्रिलर राजनीति बनाई।  मल्टीस्टारर राजनीति को बड़ी सफलता मिली।

परन्तु, इन दोनों की पिछली फिल्म सत्याग्रह बुरी तरह से फ्लॉप हुई।

बाद में, प्रकाश झा ने, गंगाजल का फीमेल संस्करण जय गंगाजल प्रियंका चोपड़ा को लेकर बनाया।  लेकिन, यह फिल्म भी बुरी तरह से असफल हुई।

अब प्रकाश झा फिर से अजय देवगन के दरवाज़े पर हैं।  क्या अजय देवगन प्रकाश झा की फिल्म करेंगे? क्या इस फिल्म को भी गंगाजल की तरह सफलता मिलेगी ? दर्शकों को इंतज़ार रहेगा।  


जाह्नवी के साथ थ्रिलर जासूसी करेंगे वरुण धवन ! - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

Sunday 15 July 2018

प्रकाश झा के साथ कटरीना कैफ की चाणक्य- नीति

२०१० में, प्रकाश  झा के साथ राजनीति करने के बाद, एक्टर कैटरीना कैफ, अब आठ साल बाद प्रकाश झा के साथ चाणक्य-नीति भी करेंगी।

जी हाँ, कैटरीना कैफ ने, २०१० में प्रकाश झा की फिल्म राजनीति में एक नेता का किरदार किया था। उस समय कहा गया था कि यह भूमिका रियल लाइफ की सोनिया गाँधी से प्रेरित है।

राजनीति में, कैटरीना कैफ के अलावा अजय देवगन, रणबीर कपूर, नाना पाटेकर, नसीरुद्दीन शाह, अर्जुन रामपाल, मनोज बाजपेयी, आदि का जमघट लगा हुआ था। फिल्म हिट हुई थी।

अब आठ साल बाद, प्रकाश झा चाणक्य-नीति बनाने जा रहे हैं तो देश की राजनीति में खासा बदलाव आ चुका है। देश की राजनीति के किस पक्ष को लेकर प्रकाश झा इतने उत्साहित हुए हैं कि अपनी फिल्म का टाइटल चाणक्य नीति रजिस्टर करवा लिया है? 

प्रकाश झा की तरफ से फिलहाल कुछ नहीं बताया जा रहा है।

अफवाह है कि यह फिल्म प्रकाश झा की फिल्म राजनीति की सीक्वल फिल्म होगी। इसीलिएदूसरी कास्ट से पहले ही कैटरीना का किरदार फाइनल कर लिया गया है।

फिल्म में, प्रकाश झा की असफल फिल्म चक्रव्यूह की एशा गुप्ता भी हो सकती हैं।

कुछ समय पहले ही, अजय देवगन ने नीरज पांडेय की ऐतिहासिक फिल्म चाणक्य को हरी झंडी दी है।

देखें चाणक्य और चाणक्य नीति का टकराव क्या रंग लाता है ? 

शोनाली बोस से हिस्सा बाँट करेंगी प्रियंका चोपड़ा ? - पढ़ने के लिए क्लिक करें 

Saturday 9 January 2016

क्या पुलिस फ़ोर्स में महिलाओं को दिखा पाती है 'जय गंगाजल' !

अभी फिल्म निर्माता निर्देशक प्रकाश झा को गुडगाँव में सेंट्रल रिज़र्व पुलिस फ़ोर्स अकादमी में 'सातवी नेशनल कांफ्रेंस ऑफ़ वीमेन इन पोलिस' के उद्घाटन पर 'वीमेन इन पुलिस, डिफरेंट पर्सपेक्टिव एंड न्यू रोल्स' पर विचार व्यक्त करने  के लिए बुलाया गया।  उन्हें यह निमंत्रण इसलिए मिला कि वह एक महिला पुलिस अफसर पर फिल्म 'जय गंगाजल' के  निर्देशक हैं।  इसके अलावा तो उनकी कोई  दूसरी खासियत नज़र नहीं आती । उन्होंने इस समारोह में अपनी प्रियंका चोपड़ा निर्देशित फिल्म 'जय गंगाजल' का ट्रेलर  भी दिखाया।  बताते हैं कि मौजूद महिला कॉप ने इस ट्रेलर को पसंद किया।  सवाल  जवाब में उन्होंने कहा. "मेरी फिल्म का मुख्य किरदार आभा माथुर एक सख्त  और ईमानदार पुलिस अधिकारी है।  इसके साथ ही उसमे स्त्रियोचित गुण और करुणा भी है। उसके लिए मुश्किल तब होती  है, जब उसका सिस्टम से टकराव शुरू होता है।" महिला पुलिस के किरदार पर बहुत सी फ़िल्में बनी हैं। २०१४ में रानी मुख़र्जी की कॉप भूमिका वाली फिल्म 'मर्दानी' रिलीज़ हुई थी।  इस फिल्म में प्रदीप सरकार ने महिला कॉप शिवानी शिवाजी रॉय का अच्छा चित्रण किया था।  लेकिन, यह फिल्म भी व्यक्तिगत हिंसा का शिकार हुई थी।  जहाँ तक महिला कॉप पर  प्रकाश झा की फिल्म का सवाल है, उस पर कुछ कहना ठीक नहीं।   लेकिन, प्रकाश झा ने अपनी पिछली कुछ फिल्मों 'आरक्षण' और 'सत्याग्रह' में जिस प्रकार से देश की आरक्षण व्यवस्था पर सवालों और भ्रष्टाचार से लड़ाई का कचरा किया है, उससे ऐसा लगता नहीं कि वह 'जय गंगाजल' में भी आरक्षण की तरह आरक्षण पर बहस छेड़ते छेड़ते ठेठ मुम्बईया स्टाइल में शिक्षा व्यवस्था की बात करने और आरक्षण के सेंसटिव  मुद्दे से बच निकलने जैसा प्रयास नहीं करेंगे।  इसलिए, उम्मीद यही लगाईं जानी चाहिए कि प्रकाश  झा ने फिल्म 'जय गंगाजल' को भी किसी गंभीर मुद्दे के बजाय पुलिस राजनेता गठजोड़ के खिलाफ आभा माथुर की हिंसक लड़ाई बना दी होगी ।  यहाँ प्रकाश झा की बात ही, "हमारी फिल्मों में पुलिस फ़ोर्स में महिलाओं की स्ट्रांग इमेज को दिखाने की ज़रुरत है।" क्या प्रकाश झा 'जय गंगाजल' में इसे दिखा पाये होंगे !