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Saturday 10 February 2018

२०१८ में परदे पर नज़र आएंगे चार देओल

लगता है देओलों के अच्छे दिन आ गए।  बॉलीवुड से चार चार देओलों की फ़िल्में रिलीज़ होंगी।  सनी देओल और बॉबी देओल ज़्यादा व्यस्त होने जा रहे हैं।  इस साल, तीसरी पीढ़ी के देओल यानि करण देओल का फिल्म डेब्यू हो जायेगा।  उनकी फिल्म पल पल दिल के पास एक एक्शन रोमांस फिल्म है।  इसका निर्देशन पापा देओल यानि सनी देओल कर रहे हैं।  सनी देओल की लम्बे समय से रुकी फिल्म भैयाजी सुपरहिट इस साल १८ मार्च को रिलीज़ हो सकती है।  इस फिल्म में, सनी देओल की फिल्म द हीरो: लव स्टोरी ऑफ़ अ स्पाई की नायिका प्रीटी ज़िंटा और ग़दर एक प्रेमकथा की अमीषा पटेल उनकी नायिकाएं हैं।  यमला पगला दीवाना फिर से में तीन देओल पिता धर्मेंद्र और दो बेटे सनी और बॉबी एक्शन कॉमेडी करते नज़र आएंगे। सनी देओल के साथ सिंघम की सीक्वल फिल्म भी बनाई जा रही है।  हालाँकि, इस फिल्म को सि ३ नाम ही दिया गया है।  सनी देओल की बिलकुल नई फिल्म कवच की शूटिंग अभी शुरू नहीं हुई है।  लेकिन, यह फिल्म भी इस  साल रिलीज़ हो जाएगी।  इसके अलावा एक खुशखबर यह है  कि घायल, दामिनी, घातक, आदि फिल्मों की अभिनेता- निर्देशक जोड़ी सनी देओल और राजकुमार संतोषी ने फिर से हाथ मिला लिया है।  जल्द ही इन दोनों की नई फिल्म का ऐलान किया जायेगा।  बॉबी देओल को दो बड़ी फ़िल्में मिल गई हैं।  वह रेस ३ में सलमान खान के साथ आ रहे हैं।  इस फिल्म में उनका खल किरदार बताया जा रहा है।  इस फिल्म के अलावा बॉबी देओल को हाउसफुल फ्रैंचाइज़ी की चौथी फिल्म हाउसफुल ४ में भी लिए जाने की खबर हैं।  इस फिल्म के मुख्य नायक अक्षय कुमार हैं।



२१ सरफरोश बैटल ऑफ़ सरगढ़ी १८९७ की स्क्रीनिंग हुई-देखने के लिए क्लिक करें    

Thursday 1 February 2018

पूरी होने को है यमला पगला दीवाना फिर से

वरिष्ठ अभिनेता धर्मेन्द्र ने, अपने ट्विटर पेज पर अपनी फोटो लगाते हुए, सूचना दी है कि फिल्म यमला पगला दीवाना फिर से लगभग पूरी होने को है। इस फिल्म में, बॉलीवुड के ८२ वर्ष के युवा हीमैन अपने दो बेटों सनी देओल और बॉबी देओल के साथ कॉमेडी का तूफ़ान मचाते नज़र आयेंगे।यमला पगला दीवाना सीरीज की पहली फिल्म २०११ में रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म का टाइटल धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी की १९७५ में रिलीज़ एक्शन कॉमेडी फिल्म प्रतिज्ञा के धर्मेन्द्र पर फिल्माए गए इसी बोल वाले गीत पर आधारित था। २०११ की यमला पगला दीवाना का निर्देशन समीर कार्निक ने किया था। २०१३ में यमला पगला दीवाना २ रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म का निर्देशन संगीत सिवन ने किया था। इन दोनों ही फिल्मों को अच्छी सफलता मिली थी। लेकिन, फिल्म का तीसरा हिस्सा बनने में पांच साल लग गए हैं। अब जबकि, धर्मेन्द्र ने इस फिल्म के पूर्णता की ओर अग्रसर होने की सूचना दी है, उम्मीद की जाती है कि बाप-बेटों की इस तिकड़ी से बढ़िया कॉमेडी देखने को मिलेगी। फिल्म के दर्शकों को नेहा शर्मा और काजल अगरवाल की सेक्स अपील के दर्शन भी होंगे फिल्म की रिलीज़ की तारीख़ अभी तय नहीं है। 

Thursday 19 October 2017

साठ के सनी देओल पल पल दिल के पास

हिंदी फिल्मों में हीरो बन कर  आ रहे स्टार्स के बच्चों की दिक्कत यह होती है कि उन्हें अपने  पिता की छाया में  जगह बनानी होती है।  इसके लिए उन्हें अपने स्टार फादर की इमेज से हटकर अपनी इमेज बनानी होती है।  राजकपूर के तीन बेटों ऋषि कपूर, रणधीर कपूर और राजीव कपूर को भी इन्हे दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।  ऋषि कपूर ने रोमांटिक लवर बॉय इमेज बनाई।  रणधीर कपूर रिबेल रोमाटिंक नायक बने।  राजीव कपूर फंस गए।  ऋषि कपूर  लम्बी रेस का घोड़ा साबित हुए।  रणधीर कपूर ने कुछ सालों तक अपनी गाडी खींची।  राजीव कपूर राम तेरी गंगा मैली के बावजूद मैले साबित हुए।  कुछ ऐसा ही हादसा धर्मेंद्र बेटों सनी देओल और बॉबी देओल के साथ  भी हुआ ।  आज सनी देओल साठ के हो गए।  इसलिए आज इस ६० साल के एग्री यंग मैन का ज़िक्र ही।  ५ अगस्त १९८३ को, जब सनी देओल की बतौर नायक पहली फिल्म रिलीज़ हुई तो दर्शक यह जानते हुए भी कि वह हिंदी फिल्मों के ही-मैन धर्मेंद्र का बेटा है, उसके चेहरे की मासूमियत पर मुग्ध हो गए।  बेताब हिट हुई।  बेताब की सनी देओल-अमृता सिंह जोड़ी भी हिट हो गई।  सनी देओल की दिक्कत यह थी कि ताक़तवर बाज़ू होते हुए भी वह पिता की तरह ही-मैन  नहीं बन सकते थे।  ओरिजिनल ही-मैन की मौजूदगी में डुप्लीकेट को कौन पूछता! सनी के सामने पिता के वटवृक्ष की छाया में मुरझाने के खतरा मंडरा रहा था।  ऐसे समय में पहले राहुल रवैल और  बाद में राजकुमार संतोषी मदद को आगे आये।  राहुल रवैल ने फिल्म अर्जुन में सनी देओल को ऐसा किरदार दिया, जो सीधा सादा पढ़ाकू छात्र था।  लेकिन, अपने दोस्त की ह्त्या के बाद वह हथियार उठा लेता था।  सनी देओल का व्यक्तित्व, फिल्म की अर्जुन की इमेज में फिट बैठा।  अर्जुन हिट हो गई।  सनी देओल की एंग्री यंगमैन इमेज को एक्शन का जामा पहनाया  राजकुमार संतोषी ने।  फिल्म थी घायल।  मासूम अजय मेहरा के जीवन में उस समय तूफ़ान आ जाता है, जब उसके भाई की हत्या हो जाती है।  भाभी की आत्महत्या के बाद अजय के सब्र का पैमाना भर जाता है।  वह विलेन से खुद निबटने के लिए मैदान पर उतर आता है। राजकुमार संतोषी ने फिल्म में सनी देओल की शर्ट फड़वा कर उनके मर्दाना जिस्म का गज़ब   का प्रदर्शन करवा दिया था।  इस फिल्म ने सनी देओल को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिलवा दिया।  दामिनी में सनी देओल की छोटी भूमिका थी।  लेकिन, इस फिल्म में सनी देओल के मुक्के ने फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर ऊपर से ऊपर उठाया ही, सनी को दूसरा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी दिलवा दिया।  इसके साथ ही सनी देओल मासूम चेहरा मगर ढाई किलो के हाथ वाले एंग्री यंगमैन बन गए।  तब से आजतक सनी देओल का ढाई किलो का हाथ जब उठता है, तब आदमी उठता नहीं, उठ जाता है और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ऊपर ही ऊपर उठ जाती है।  आज साठ साल के हो गए सनी देओल के बेटे करण भी हीरो बनने के लिए कमर कस रहे हैं।  खुद सनी देओल उन्हें तैयार कर रहे हैं।  फिल्म पल पल दिल के पास है।  इसके नायक करण देओल हैं और निर्देशक सनी देओल।  फिल्म का टाइटल पल पल दिल के पास,  पिता-दादा धर्मेंद्र की फिल्म ब्लैक मेल के एक गीत से लिया गया है। हो सकता है कल जब फिल्म रिलीज़ होगी तो एक नया देओल दर्शकों के दिल के पास होगा।   लेकिन, इतना तय है कि सनी देओल का मासूम एंग्री यंगमैन पल पल दर्शकों के दिल के पास है।  सनी देओल को शुभकामनायें। 


Monday 18 April 2016

राजमौली का भव्य क्रिएशन मेरा भारत महान !

बाहुबली को पूरे देश मे मिली ज़बरदस्त सफलता के बाद इसके निर्देशक एस एस राजमौली बॉलीवुड के दिग्गजों की निगाहों में हैं।  उनके साथ बॉलीवुड का हर बड़ा सितारा फिल्म करना चाहता है।  एक्शन स्टार सनी देओल भी इसके अपवाद नहीं।  एस एस राजमौली ने उनके एक प्रोजेक्ट मेरा भारत महान का क्रिएटिव डायरेक्टर बनना मज़ूर कर लिया है।  मेरा भारत महान एक देशभक्ति की फिल्म है।  फिल्म के नायक सनी देओल ही होंगे।  इस फिल्म की कहानी बाहुबली और बजरंगी भाईजान के लेखक विजयेंद्र प्रसाद हैं।  यह भी कहा जा सकता है कि मेरा भारत महान विजयेंद्र प्रसाद की पहली निर्देशित फिल्म राजन्ना का हिंदी रूपांतरण है।  जून में फ्लोर पर जाने को तैयार इस फिल्म का निर्देशन संभव है कि विजयेंद्र प्रसाद ही मेरा भारत महान का निर्देशन करे।  तो तैयार हो जाये बॉलीवुड फिल्म दर्शक राजमौली की भव्य देशभक्ति फिल्म देखने के लिए। 

Friday 22 January 2016

बॉक्स ऑफिस पर उठेगा या उठ जायेगा सनी का ढाई किलो का हाथ !

सनी देओल की फिल्म घायल वन्स अगेन १५ जनवरी को रिलीज़ होने वाली थी। २०११ में तीन देओलों सनी, बॉबी और धर्मेन्द्र की एक्शन कॉमेडी ड्रामा फिल्म यमला पगला दीवाना १४ जनवरी को रिलीज़ हुई थी।  यह फिल्म बड़ी हिट साबित हुई थी।  इससे यह उम्मीद थी कि इस साल १५ जनवरी को रिलीज़ हो रही सनी देओल की फिल्म  घायल वन्स अगेन भी बड़ी हिट साबित होगी।  क्योंकि, यह फिल्म १९९० में रिलीज़ सनी देओल की सुपर हिट फिल्म घायल की सीक्वल फिल्म थी।  लेकिन, कुछ तकनीकी कारणों से सनी की यह फिल्म ५ फरवरी तक के लिए टाल दी गई।  ज़ाहिर है कि सनी देओल के प्रशंसकों को घोर निराशा हुई होगी।  क्योंकि, वह सनी देओल के ढाई किलो के हाथ के फैन हैं और उसे बॉक्स ऑफिस पर उठते हुए देखना चाहते हैं।
मासूम क्रुद्ध छात्र 'अर्जुन'
सनी देओल ने १९८३ में फिल्म बेताब से डेब्यू किया था।  यह थोड़ी रोमांटिक, थोड़ी एक्शन वाली फिल्म थी।  इस फिल्म के बाद रिलीज़ फ़िल्में सनी, मंज़िल मंज़िल, सोहनी महिवाल और ज़बरदस्त भी कुछ  ऐसे ही  मसालों से भरी फ़िल्में थी।  यह वह  समय  था, जब अमिताभ बच्चन के क्रुद्ध युवा की तूती बोला करती थी।  ऐसे में अपनी जगह बनाना आसान नहीं था।  उस समय अनिल कपूर,  संजय दत्त, जैकी श्रॉफ, आदि अभिनेता एक्शन के ज़रिये बॉलीवुड को लुभाने में जुटे थे।  ऋषि कपूर रोमांटिक हीरो के रूप में उभरे थे।  कुमार गौरव गुल हो गए थे। अपने शारीरिक गठन के कारण सनी देओल रोमांटिक भूमिकाओं में फिट नहीं बैठते थे। सोहनी महिवाल की असफलता सामने थी।  ऐसे समय में, एक बार फिर बेताब के निर्देशक राहुल रवैल आगे आये।  उन्होंने अपनी फिल्म अर्जुन में सनी देओल को कॉलेज के भोले भाले मासूम छात्र का  चोला  पहनाया, जो  अपने परिवार और मित्रों पर अत्याचार के कारण हिंसा करने के लिए मज़बूर होता है।
इमेज बदलना था ज़रूरी
लेकिन, ठीक इसी समय अनिल कपूर भी सीधे सादे क्रुद्ध युवा को परदे पर पेश कर रहे थे।  यह वह समय था, जब हर डेब्यू एक्टर क्रोधित हो कर हिंसा कर रहा था।  हर एक्टर का सपना सुपर स्टार बनने का था।  शोले और दीवार जैसी फिल्म के दौर में एक्शन हॉट केक की तरह बिक रहा था।  संजय दत्त ने अपने गठीले  शरीर को हथियार बना कर कभी डॉन या असामाजिक बन कर एक्शन किया।  जीतेन्द्र ने पारिवारिक फिल्मों का रास्ता पकड़ा।  गोविंदा और मिथुन चक्रवर्ती डांसिंग स्टार बने, जो मौका लगने पर एक्शन भी कर लेते थे।  इसी दौर में राज बब्बर, रजनीकांत,  शत्रुघ्न सिन्हा,  विनोद खन्ना, आदि अमिताभ बच्चन को चुनौती पेश कर रहे थे।  उसी समय सनी देओल के पिता धर्मेन्द्र का  सितारा भी बुलंद था।  ज़ाहिर है कि सनी देओल को इन सभी से जुदा एंग्री यंगमैन बनना था।
कमीज फाड़ने वाला क्रुद्ध युवा
ऐसे समय में निर्देशक राजकुमार संतोषी की फिल्म घायल रिलीज़ हुई।  यह  संतोषी की बतौर निर्देशक पहली फिल्म थी।  राजकुमार संतोषी ने बड़ी चतुराई से सनी देओल की सभी खामियों को छुपाते हुए खूबियों को उभारा।  राहुल रवैल ने सनी देओल के चेहरे के  भोलेपन को हथियार बनाया था।   राजकुमार संतोषी ने इसे बरकरार रखते हुए सनी के गठीले शरीर का खूब दोहन किया।  घायल में भी सनी देओल एक छात्र की भूमिका में थे, जिसके भाई को एक ड्रग माफिया द्वारा मार  दिया जाता है और उसे भाई का हत्यारा बता का जेल भेज दिया जाता है।  उस  पर भाभी के साथ अवैध सम्बन्ध रखने का आरोप भी लगता है।  तब उसका खून खौल उठता है और वह ड्रग माफिया का खात्मा करने के लिए हिंसा का रास्ता अपनाता है।  यह पहली फिल्म थी, जिसमे सनी देओल की कमीज फड़वा कर उनकी गठीली छाती और बाजुओं को दिखाया गया था।  दर्शक इस जांबाज़ क्रुद्ध युवा के दीवाने हो गए।  घायल आमिर खान की फिल्म दिल के सामने भी सुपर हिट साबित हुई। फिल्म के लिए सनी देओल को नेशनल फिल्म अवार्ड में स्पेशल जूरी अवार्ड दिया गया।
ढाई किलो का हाथ- आदमी उठता नहीं उठ जाता है
लेकिन, सनी देओल का हाथ ढाई किलो का साबित हुआ तीन साल बाद।  यह फिल्म भी राजकुमार संतोषी की ही थी।  घर  वालों के बलात्कार का शिकार नौकरानी को इन्साफ दिलाने वाली दामिनी की इस  कहानी में सनी देओल दामिनी के शराबी वकील बने थे।  सरकारी वकील चड्ढा के साथ नोंकझोंक के एक सीन में सनी देओल अपने ढाई किलो के हाथ का ज़िक्र करते हैं, जो पड़ता है तो आदमी उठता नहीं उठ जाता है।  सनी के इस डायलाग पर सिनेमाहॉल सीटियों और तालियों की आवाज़ से गूँज उठते थे।  ऋषि कपूर, मीनाक्षी शेषाद्रि और अमरीश पुरी जैसे दिग्गज़ों की मौजूदगी के बावजूद दामिनी सनी देओल की फिल्म बन गई।  उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का नेशनल फिल्म अवार्ड मिला।
ट्रेड मार्क बन गया
इसके बाद सनी देओल का ढाई किलो का हाथ उनका ट्रेड मार्क बन गया।  वह अपने ज़ोरदार मुक्कों की बरसात  करते हुए दसियों  गुंडों को हवा मे उड़ा देते थे।  दर्शक उनकी इस जांबाजी को देखने के लिए ब्लैक में टिकट खरीदता था।  उनकी, एक के बाद एक अंगरक्षक, हिम्मत, जीत, अजय, घातक, बॉर्डर, ज़िद्दी, ज़ोर, अर्जुन पंडित, आदि फ़िल्में हिट होती चली गई।   इंतेहा हुई २००१ में, जब सनी देओल ने अपनी फिल्म से दूसरी बार आमिर खान को मात दी थी।  ग़दर एक प्रेमकथा के सामने आमिर खान की फिल्म लगान रिलीज़ हुई थी।  एक तरफ लगान में आमिर  खान  और उनके  साथी क्रिकेट की गेंद हवा में उछाल रहे थे, उधर सनी देओल के ज़ोरदार मुक्कों से पाकिस्तानी हवा  में उठ कर उठ जा रहे थे।  अब सनी देओल ऐसे एंग्रीमैन बन गए थे, जिसके ढाई किलो के हाथ से आदमी हवा में उठता ही नहीं, उठ जाता है।
आज सनी देओल को इंडस्ट्री में ३३ साल हो गए हैं। उनके समकालीन दूसरे क्रुद्ध युवा थक कर चरित्र भूमिकाओं में आ गए हैं।  सनी देओल भी अब युवा नहीं रहे।  इस साल १९ अक्टूबर को वह ६० साल के हो जायेंगे।  लेकिन, वह आज भी हीरो बन कर आ रहे हैं।  बेशक उनकी भूमिकाये अब काफी परिपक्व हो  गई है।  लेकिन, उनका हाथ आज भी ढाई किलो का माना जाता है।  दर्शकों को इंतज़ार रहता है सनी देओल की फिल्मों का, स्क्रीन पर  उठे उनके ढाई किलो के हाथ का और इस हाथ के प्रहार से हवा में लहराते दुश्मनों का।  दर्शकों में कुछ ऐसा ही
इंतज़ार घायल वन्स अगेन के लिए भी है।  क्या वन्स अगेन घायल सनी देओल का मुक्का ढाई किलो का साबित होगा?

अल्पना कांडपाल