मैं तमन्ना कहानी है एक लड़की के मानसिक और शारीरिक शोषण की। तमन्ना एक सच्ची घटना की केंद्र लड़की का काल्पनिक नाम है। इस लड़की की पीड़ा को आकांक्षा निमोनकर ने निकट से देखा है। आकांक्षा कहती हैं, "मुझे जब इस लड़की के बारे में जानकारी हुई तो मैं आक्रोश से भर उठी। मैंने तय कर लिया कि मैं तमन्ना के शोषण को हर प्लेटफार्म पर उठाऊंगी। मैं तमन्ना इसी आक्रोश का नतीजा है। " बालिका शोषण पर फिल्म मैं तमन्ना ने सोशल साइट्स यूट्यूब औरमैटिनी मसाला में भरपूर समर्थन पाया है। इस फिल्म को बंगलोरे फिल्म फेस्टिवल तथा अन्य फेस्टिवल में अवार्ड्स मिले हैं। अब यह फिल्म ७ नवंबर से १६ नवंबर तक सिडनी में होने वाले इंटरनेशनल फिल्म एंड एंटरटेनमेंट फेस्टिवल ऑस्ट्रेलिया में शार्ट फिल्म की श्रेणी में दिखायी जाएगी। इस फेस्टिवल में बिपाशा बासु, ज़रीन खान, नेहा शर्मा, आफताब शिवदासानी, आशा सचदेव, प्रकाश राज, एषा गुप्ता और विपिन शर्मा जैसी फिल्मी हस्तियां और मॉडल रैंप पर चलेंगे। चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज पर मैं तमन्ना की लेखिका और निर्माता अभिनेत्री आकांक्षा निमोनकर हैं।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Wednesday, 22 October 2014
ऑस्ट्रेलिया के फिल्म फेस्टिवल में आकांक्षा की 'मैं तमन्ना' !
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पुरस्कार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Tuesday, 21 October 2014
एक्टर के लिए फिजिकल अपीयरेंस मायने रखती है - अली फज़ल
लखनऊ के अभिनेता अली फज़ल आजकल सातवें आसमान पर हैं। फुकरे से उन्हें चर्चा मिली। फिल्म बॉबी जासूस में विद्या बालन के हीरो बन कर वह प्रशंसकों की बड़ी जमात जुटा चुके हैं। वह एक हॉलीवुड फिल्म भी साइन कर चुके हैं। पर यह उनका आखिरी गोल नहीं। वह अनप्रेडिक्टेबल किरदार करना चाहते हैं। पेश है उनसे हुई बातचीत-
१- सोनाली केबल में आपका रोल क्या है ? क्या कोई नयी लीक बनाना चाह रहे हैं ?
मैं सोनाली केबल में रिया चक्रवर्ती के साथ लीड रोल कर रहा हूँ। मेरे करैक्टर का नाम रघु पवार है। मैं फिल्म में महाराष्ट्रियन बना हूँ। इसकी माँ एमएलए है। यह फिल्म डेविड और गोलिअथ की कहानी है। यह केबल पर केंद्रित दिलचस्प फिल्म है। फिल्म में मेरा किरदार केबल सेंटर में काम करने वाले लोगों की आवाज़ कहा जा सकता है।
२- क्या आपको लगता है कि दर्शक लीक से हट कर फिल्मों को पसंद करता है ? मेरा मतलब नॉन मसाला फिल्मों से है।
अब दर्शक बिग्गीस पर प्रश्न उठाने लगे है। अब अंडरडॉग्स बिग कॉर्पोरेट के सामने खड़े हो रहे हैं। हमारा दर्शक हर दिन के साथ स्मार्ट यानि समझदार होता जा रहा है। अब देखिये, एक ओर जहाँ ग्रैंड मस्ती हिट हो जाती हैं, वहीँ क्वीन और फुकरे भी हिट हो जाती है।
३- आप बॉबी जासूस में विद्या बालन और सोनाली केबल में रिया चक्रवर्ती के हीरो बने हैं। आप हीरोइन सेंट्रिक फ़िल्में ही क्यों कर रहे हैं ? क्या यह आपको ज़्यादा सूट करती हैं ?
मैं ऐसी फिल्म करता हूँ, जिसमे में कुछ अलग कर सकूँ। मेरी अगली दो फ़िल्में नायक प्रधान हैं। लेकिन, इन फिल्मों को आपका देखने का नजरिया है। आप जिस प्रकार देखें।
४- खबर है कि रिया ने आदित्य रॉय कपूर के कारण पहले फिल्म में किस देने से मना कर दिया था। लेकिन, आदित्य से ब्रेकअप के बाद, उससे बदला लेने के लिए सोनाली केबल में स्मूचिंग तक कर रही हैं। क्या कहना चाहेंगे आप ?
(हँसते हैं) नहीं, यह सही नहीं है। हम दोनों ही असहज महसूस कर रहे थे। फिर एक्टर होने के कारण हमने प्रोफेशनल डिसिशन लिया। बस इतना ही।
५- आप लखनऊ से हैं। जब आप फिल्मों में किस करते हैं तो परिवार को कैसा लगता है।
अभी है फिल्म रिलीज़ नहीं ही है। (हँसते हैं ) ईमानदारी से कहूँ मैं नहीं जानता कि वह कैसे रियेक्ट करेंगे।
६- लखनऊ से मुंबई तक के अपने सफर के बारे कुछ बताइये ?
मैं लखनऊ बहुत थोड़े समय के लिए रहा। देहरादून में दून कॉलेज में पढ़ा। मुंबई आकर मैंने कॉलेज ज्वाइन किया। सेंट ज़ेवियर कॉलेज में इकोनॉमिक्स पढ़ रहा था। कॉलेज के सेकंड ईयर में मुझे ३ इडियट्स मिल गयी।
७- पहली फिल्म लगी तो उसका अनुभव कैसा रहा ?
मैं सोच रहा था कि मैं भाग कर कहीं छुप जाऊं। मुझे नहीं मालूम कि मैं खुद को परदे पर देखने में डर क्यों रहा था। मैंने कभी अपनी कोई फिल्म नहीं देखी है। मैं चाहता हूँ कि मैं फिल्म देखूं। लेकिन, ऐसा हो नहीं पाता।
८- फ़ास्ट एंड फुरियस ७ पा कर कैसा लग रहा है ? क्या बॉलीवुड के एक्टर्स का गोल हॉलीवुड की फिल्म पाना होना चाहिए ?
हॉलीवुड मेरा फाइनल गोल नहीं। वर्ल्ड सिनेमा के लिए, मैं सोचता हूँ कि मैं हमेशा तैयार हूँ। यह बढ़ा खूबसूरत अनुभव होता है कि हम कैसे छुट्टियों पर जाते हैं। हम एफ्फेल टावर को यहाँ क्रिएट नहीं कर सकते हैं न ! तो आप क्या करते हैं कि एफिल टावर को क्लिक कर अपने पास यादगार की तौर पर रख लेते हैं। बस ऐसा ही कुछ है यह।
९- आप अपनी अब तक की एक्ट्रेस के बारे में बताएं। आप सबसे ज़्यादा किस से इम्प्रेस हुए और क्यों ?
जिस दिन मुझे कोई मेरी पसंदीदा एक्ट्रेस मिल जाएगी, मैं उससे शादी कर लूँगा। इस लिए फिलहाल कोई भी पसंदीदा एक्ट्रेस नहीं है। लेकिन, जिन अभिनेत्रियों के साथ मैंने काम किया है, मुझे उनसे यादगार अनुभव मिले हैं।
१०- आप किस प्रकार के रोल्स करना चाहते हैं ?
रोल्स (!)…पहली बात तो मैं इसे समझ नहीं पाता। मुझे ऐसे किरदार पसंद नहीं, जिनके बारे में दर्शकों को अंदाजा हो जाए। मैं अनप्रेडिक्टेबल किरदार करना चाहता हूँ। क्योंकि, खुद इंसान भी बहुत अनप्रेडिक्टेबल है।
११- एक एक्टर के लिए फिजिकल अपीयरेंस कितनी मायने रखती है ?
फिजिकल अपीयरेंस बहुत इम्पोर्टेन्ट है। फिटनेस और अपीयरेंस का खेल है सारा।
१२- आप खुद को स्पोंटेनियस एक्टर मानते हैं या मेथड एक्टर ?
कोई भी नहीं या दोनों ही। मैं अपनी स्क्रिप्ट में म्यूजिक सुनाने की कोशिश करता हूँ। अगर में इसे सुनता हूँ, तभी फिल्म साइन करता हूँ। अगर नहीं सुनता तो सब भगवान पर छोड़ देता हूँ। (हँसते हैं)
१३- क्या बॉलीवुड के लिए लखनऊ बढ़िया लोकेशन साबित हो रही है ?
निश्चित रूप से आजकल लखनऊ सबसे पसंदीदा लोकेशन बन गयी है।
१४- क्या आप किसी बूढ़े का किरदार करना चाहेंगे ?
ओह.…बिलकुल। आप मुझे इस किरदार में जल्द ही देखेंगे।
१५- आप की किस ख़ास डायरेक्टर या एक्टर के साथ काम करने की इच्छा है ?
नहीं. कोई ख़ास नहीं। बहुत से हैं। एक एक कर सभी के साथ काम करूंगा।
१६- सोनाली केबल बड़े प्रोडूसर रोहन सिप्पी की छोटे बजट की फिल्म है। क्या इससे काम मिलना आसान हो जाता है?
एक्टर को दिखाना नहीं करना होता है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि फिल्म छोटी है या बड़ी। प्रोडूसर का बड़ा होना मायने रखता है। क्योंकि, बड़े प्रोडूसर की फ़िल्में ज़्यादा जगहों पर रिलीज़ होती हैं, ज़्यादा ऑडियंस तक पहुंचती हैं। बस इतना ही।
राजेंद्र कांडपाल
१- सोनाली केबल में आपका रोल क्या है ? क्या कोई नयी लीक बनाना चाह रहे हैं ?
मैं सोनाली केबल में रिया चक्रवर्ती के साथ लीड रोल कर रहा हूँ। मेरे करैक्टर का नाम रघु पवार है। मैं फिल्म में महाराष्ट्रियन बना हूँ। इसकी माँ एमएलए है। यह फिल्म डेविड और गोलिअथ की कहानी है। यह केबल पर केंद्रित दिलचस्प फिल्म है। फिल्म में मेरा किरदार केबल सेंटर में काम करने वाले लोगों की आवाज़ कहा जा सकता है।
२- क्या आपको लगता है कि दर्शक लीक से हट कर फिल्मों को पसंद करता है ? मेरा मतलब नॉन मसाला फिल्मों से है।
अब दर्शक बिग्गीस पर प्रश्न उठाने लगे है। अब अंडरडॉग्स बिग कॉर्पोरेट के सामने खड़े हो रहे हैं। हमारा दर्शक हर दिन के साथ स्मार्ट यानि समझदार होता जा रहा है। अब देखिये, एक ओर जहाँ ग्रैंड मस्ती हिट हो जाती हैं, वहीँ क्वीन और फुकरे भी हिट हो जाती है।
३- आप बॉबी जासूस में विद्या बालन और सोनाली केबल में रिया चक्रवर्ती के हीरो बने हैं। आप हीरोइन सेंट्रिक फ़िल्में ही क्यों कर रहे हैं ? क्या यह आपको ज़्यादा सूट करती हैं ?
मैं ऐसी फिल्म करता हूँ, जिसमे में कुछ अलग कर सकूँ। मेरी अगली दो फ़िल्में नायक प्रधान हैं। लेकिन, इन फिल्मों को आपका देखने का नजरिया है। आप जिस प्रकार देखें।
४- खबर है कि रिया ने आदित्य रॉय कपूर के कारण पहले फिल्म में किस देने से मना कर दिया था। लेकिन, आदित्य से ब्रेकअप के बाद, उससे बदला लेने के लिए सोनाली केबल में स्मूचिंग तक कर रही हैं। क्या कहना चाहेंगे आप ?
(हँसते हैं) नहीं, यह सही नहीं है। हम दोनों ही असहज महसूस कर रहे थे। फिर एक्टर होने के कारण हमने प्रोफेशनल डिसिशन लिया। बस इतना ही।
५- आप लखनऊ से हैं। जब आप फिल्मों में किस करते हैं तो परिवार को कैसा लगता है।
अभी है फिल्म रिलीज़ नहीं ही है। (हँसते हैं ) ईमानदारी से कहूँ मैं नहीं जानता कि वह कैसे रियेक्ट करेंगे।
६- लखनऊ से मुंबई तक के अपने सफर के बारे कुछ बताइये ?
मैं लखनऊ बहुत थोड़े समय के लिए रहा। देहरादून में दून कॉलेज में पढ़ा। मुंबई आकर मैंने कॉलेज ज्वाइन किया। सेंट ज़ेवियर कॉलेज में इकोनॉमिक्स पढ़ रहा था। कॉलेज के सेकंड ईयर में मुझे ३ इडियट्स मिल गयी।
७- पहली फिल्म लगी तो उसका अनुभव कैसा रहा ?
मैं सोच रहा था कि मैं भाग कर कहीं छुप जाऊं। मुझे नहीं मालूम कि मैं खुद को परदे पर देखने में डर क्यों रहा था। मैंने कभी अपनी कोई फिल्म नहीं देखी है। मैं चाहता हूँ कि मैं फिल्म देखूं। लेकिन, ऐसा हो नहीं पाता।
८- फ़ास्ट एंड फुरियस ७ पा कर कैसा लग रहा है ? क्या बॉलीवुड के एक्टर्स का गोल हॉलीवुड की फिल्म पाना होना चाहिए ?
हॉलीवुड मेरा फाइनल गोल नहीं। वर्ल्ड सिनेमा के लिए, मैं सोचता हूँ कि मैं हमेशा तैयार हूँ। यह बढ़ा खूबसूरत अनुभव होता है कि हम कैसे छुट्टियों पर जाते हैं। हम एफ्फेल टावर को यहाँ क्रिएट नहीं कर सकते हैं न ! तो आप क्या करते हैं कि एफिल टावर को क्लिक कर अपने पास यादगार की तौर पर रख लेते हैं। बस ऐसा ही कुछ है यह।
९- आप अपनी अब तक की एक्ट्रेस के बारे में बताएं। आप सबसे ज़्यादा किस से इम्प्रेस हुए और क्यों ?
जिस दिन मुझे कोई मेरी पसंदीदा एक्ट्रेस मिल जाएगी, मैं उससे शादी कर लूँगा। इस लिए फिलहाल कोई भी पसंदीदा एक्ट्रेस नहीं है। लेकिन, जिन अभिनेत्रियों के साथ मैंने काम किया है, मुझे उनसे यादगार अनुभव मिले हैं।
१०- आप किस प्रकार के रोल्स करना चाहते हैं ?
रोल्स (!)…पहली बात तो मैं इसे समझ नहीं पाता। मुझे ऐसे किरदार पसंद नहीं, जिनके बारे में दर्शकों को अंदाजा हो जाए। मैं अनप्रेडिक्टेबल किरदार करना चाहता हूँ। क्योंकि, खुद इंसान भी बहुत अनप्रेडिक्टेबल है।
११- एक एक्टर के लिए फिजिकल अपीयरेंस कितनी मायने रखती है ?
फिजिकल अपीयरेंस बहुत इम्पोर्टेन्ट है। फिटनेस और अपीयरेंस का खेल है सारा।
१२- आप खुद को स्पोंटेनियस एक्टर मानते हैं या मेथड एक्टर ?
कोई भी नहीं या दोनों ही। मैं अपनी स्क्रिप्ट में म्यूजिक सुनाने की कोशिश करता हूँ। अगर में इसे सुनता हूँ, तभी फिल्म साइन करता हूँ। अगर नहीं सुनता तो सब भगवान पर छोड़ देता हूँ। (हँसते हैं)
१३- क्या बॉलीवुड के लिए लखनऊ बढ़िया लोकेशन साबित हो रही है ?
निश्चित रूप से आजकल लखनऊ सबसे पसंदीदा लोकेशन बन गयी है।
१४- क्या आप किसी बूढ़े का किरदार करना चाहेंगे ?
ओह.…बिलकुल। आप मुझे इस किरदार में जल्द ही देखेंगे।
१५- आप की किस ख़ास डायरेक्टर या एक्टर के साथ काम करने की इच्छा है ?
नहीं. कोई ख़ास नहीं। बहुत से हैं। एक एक कर सभी के साथ काम करूंगा।
१६- सोनाली केबल बड़े प्रोडूसर रोहन सिप्पी की छोटे बजट की फिल्म है। क्या इससे काम मिलना आसान हो जाता है?
एक्टर को दिखाना नहीं करना होता है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि फिल्म छोटी है या बड़ी। प्रोडूसर का बड़ा होना मायने रखता है। क्योंकि, बड़े प्रोडूसर की फ़िल्में ज़्यादा जगहों पर रिलीज़ होती हैं, ज़्यादा ऑडियंस तक पहुंचती हैं। बस इतना ही।
राजेंद्र कांडपाल
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साक्षात्कार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
दीपावली बॉक्स ऑफिस का 'बाज़ीगर'
शाहरुख़ खान का दीपावली से गहरा नाता है । वह २ नवंबर १९६५ को लक्ष्मी पूजा के एक हफ्ते बाद पैदा हुए थे। उन्होंने १९९१ में अपने फिल्म करियर की शुरुआत की थी । पहली दो फ़िल्में दीवाना और राजू बन गया जेंटलमैन हिट हुईं, लेकिन अब्बास मुस्तान की एंटी-हीरो फिल्म बाज़ीगर ने शाहरुख़ खान को सुपर स्टार बना दिया । यह फिल्म १२ नवंबर १९९३ को रिलीज़ हुई थी । १३ नवंबर को लक्ष्मी पूजा थी । इसके साथ ही रमजान के बाद पड़ने वाली हर दीवाली बॉलीवुड को मालामाल करने वाली दिवाली बन गयी, ख़ास तौर पर शाहरुख़ खान के लिए । हालाँकि, १९९२ में ही दिवाली वीकेंड में रिलीज़ अजय देवगन और करीना कपूर की फिल्म जिगर तथा संजय दत्त, फ़िरोज़ खान और मनीषा कोइराला की फिल्म यलगार को, दो बड़ी फिल्मों के टकराव की आशंका के बीच ज़बरदस्त सफलता मिली थी । बाज़ीगर की सफलता के बाद हर साल की दिवाली शाहरुख़ खान के घर खुशियों की जगमग बारात लाने वाली दिवाली बन गयी । इस साल दिवाली पर रिलीज़ होने जा रही शाहरुख़ खान की फिल्म हैप्पी न्यू ईयर, दिवाली में रिलीज़ होने वाली उनकी ग्यारहवीं फिल्म होगी। यह शाहरुख़ खान के साथ दीपिका पादुकोण की दिवाली में रिलीज़ होने वाली दूसरी फिल्म होगी।
१- बाज़ीगर - १९९३- अब्बास मुस्तान - शाहरुख़ खान, काजोल और शिल्पा शेट्टी - यह एक युवक के अपने पिता को धोखा देकर बिज़नेस हड़प लेने वाली आदमी से बदले की कहानी थी . इस फिल्म ने ९० करोड़ अधिक का बिज़नेस कर लिया है .
२- दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे - १९९५- आदित्य चोपड़ा- शाहरुख़ खान और काजोल- यह फिल्म आदित्य चोपड़ा की बतौर निर्देशक पहली फिल्म थी। इस फिल्म से पहली बार एक एनआरआई दूल्हा स्क्रीन पर आया। केवल चार करोड़ में बनी इस फिल्म ने पूरी दुनिया में सफलता के झंडे गाड़ते हुए अब तक १२२ करोड़ कमा डाले हैं।
३- दिल तो पागल है- १९९७- यश चोपड़ा- शाहरुख़ खान, करिश्मा कपूर और माधुरी दीक्षित - एक डांस ट्रुप के दोस्तों बीच रोमांस का प्रेम त्रिकोण फिल्म थी । इस फिल्म ने ५८ करोड़ से ज़्यादा कलेक्शन किया ।
४- कुछ कुछ होता है- १९९८- करण जौहर- शाहरुख़ खान, रानी मुख़र्जी और काजोल- यह फिल्म शाहरुख़ खान और काजोल की जोड़ी की चौथी फिल्म थी । इस रोमांस फिल्म में सलमान खान ने मेहमान भूमिका की थी। निर्देशक करण जौहर की यह पहली फिल्म थी । इस फिल्म ने ४५ करोड़ से अधिक का बिज़नेस किया ।
५- मोहब्बतें- २०००- आदित्य चोपड़ा- शाहरुख़ खान, ऐश्वर्या राय और अमिताभ बच्चन- एक गुरुकुल, उसके सख्त मुखिया, उसकी बेटी के एक गिटार टीचर से रोमांस की कहानी को तीन युवा जोड़ियों के रोमांस के साथ पिरोया गया था। १८ करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ७४ करोड़ से अधिक का कलेक्शन किया।
६- वीर-ज़ारा- २००४- यश चोपड़ा - शाहरुख़ खान, प्रिटी जिंटा और रानी मुख़र्जी- यश चोपड़ा ने अपनी इस रोमांस फिल्म में सरहद पार का रोमांस दिखाया था। एक हिंदुस्तान का फ़ौजी एक पाकिस्तानी लड़की के प्रेम में पाकिस्तान चला जाता है, जहाँ उसे जेल में बंद कर दिया जाता है। एक पाकिस्तानी वकील इस फ़ौजी का मुक़दमा लड़ कर उसे जेल से रिहा करवाती है। २५ करोड़ से बनी इस फिल्म ने ९४.२ करोड़ का बिज़नेस किया। ७- डॉन- २००६- फरहान अख्तर- शाहरुख़ खान, प्रियंका चोपड़ा और करीना कपूर- यह फिल्म अमिताभ बच्चन, ज़ीनत अमान और प्राण की १९७८ में रिलीज़ ब्लॉकबस्टर फिल्म डॉन का रीमेक थी। ३५ करोड़ से बनी इस फिल्म ने १०५ करोड़ का बिज़नेस किया।
८- ओम शांति ओम- २००७- फराह खान- शाहरुख़ खान और दीपिका पादुकोण - एक फिल्म अभिनेत्री और उसके प्रेमी के पुनर्जन्म की रोमांटिक कहानी को बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त सफलता मिली थी। यह दीपिका पादुकोण की बतौर एक्ट्रेस पहली फिल्म थी। यह फिल्म ३५ करोड़ में बनी थी। फिल्म ने दिवाली वीकेंड का ज़बरदस्त फायदा उठा था। यह फिल्म १४९ करोड़ कमा चुकी है।
९- रा.वन- २०११- अनुभव सिन्हा- शाहरुख़ खान और करीना कपूर- यह एक बुरे रोबोट और अच्छे रोबोट रा.वन और जी.वन के टकराव की विज्ञानं फंतासी थी। हालाँकि, इस फिल्म ने वर्ल्डवाइड १७७ करोड़ से ज़्यादा कमाए। लेकिन, ११४ के भरी भरकम बजट के कारण रा.वन शाहरुख़ खान के लिए फायदे का सौदा साबित नहीं हुई। .
१०- जब तक है जान- २०१२- यश चोपड़ा- शाहरुख़ खान, कटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा - यह यश चोपड़ा के निर्देशन में उनकी आखिरी फिल्म थी। यह फिल्म एक फौजी के दो लड़कियों के साथ रोमांस की कहानी थी। जब तक है जान के निर्माण में ६० करोड़ खर्च हुए थे। इस फिल्म ने १२२ करोड़ कमाए।
१- बाज़ीगर - १९९३- अब्बास मुस्तान - शाहरुख़ खान, काजोल और शिल्पा शेट्टी - यह एक युवक के अपने पिता को धोखा देकर बिज़नेस हड़प लेने वाली आदमी से बदले की कहानी थी . इस फिल्म ने ९० करोड़ अधिक का बिज़नेस कर लिया है .
२- दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे - १९९५- आदित्य चोपड़ा- शाहरुख़ खान और काजोल- यह फिल्म आदित्य चोपड़ा की बतौर निर्देशक पहली फिल्म थी। इस फिल्म से पहली बार एक एनआरआई दूल्हा स्क्रीन पर आया। केवल चार करोड़ में बनी इस फिल्म ने पूरी दुनिया में सफलता के झंडे गाड़ते हुए अब तक १२२ करोड़ कमा डाले हैं।
३- दिल तो पागल है- १९९७- यश चोपड़ा- शाहरुख़ खान, करिश्मा कपूर और माधुरी दीक्षित - एक डांस ट्रुप के दोस्तों बीच रोमांस का प्रेम त्रिकोण फिल्म थी । इस फिल्म ने ५८ करोड़ से ज़्यादा कलेक्शन किया ।
४- कुछ कुछ होता है- १९९८- करण जौहर- शाहरुख़ खान, रानी मुख़र्जी और काजोल- यह फिल्म शाहरुख़ खान और काजोल की जोड़ी की चौथी फिल्म थी । इस रोमांस फिल्म में सलमान खान ने मेहमान भूमिका की थी। निर्देशक करण जौहर की यह पहली फिल्म थी । इस फिल्म ने ४५ करोड़ से अधिक का बिज़नेस किया ।
५- मोहब्बतें- २०००- आदित्य चोपड़ा- शाहरुख़ खान, ऐश्वर्या राय और अमिताभ बच्चन- एक गुरुकुल, उसके सख्त मुखिया, उसकी बेटी के एक गिटार टीचर से रोमांस की कहानी को तीन युवा जोड़ियों के रोमांस के साथ पिरोया गया था। १८ करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ७४ करोड़ से अधिक का कलेक्शन किया।
६- वीर-ज़ारा- २००४- यश चोपड़ा - शाहरुख़ खान, प्रिटी जिंटा और रानी मुख़र्जी- यश चोपड़ा ने अपनी इस रोमांस फिल्म में सरहद पार का रोमांस दिखाया था। एक हिंदुस्तान का फ़ौजी एक पाकिस्तानी लड़की के प्रेम में पाकिस्तान चला जाता है, जहाँ उसे जेल में बंद कर दिया जाता है। एक पाकिस्तानी वकील इस फ़ौजी का मुक़दमा लड़ कर उसे जेल से रिहा करवाती है। २५ करोड़ से बनी इस फिल्म ने ९४.२ करोड़ का बिज़नेस किया। ७- डॉन- २००६- फरहान अख्तर- शाहरुख़ खान, प्रियंका चोपड़ा और करीना कपूर- यह फिल्म अमिताभ बच्चन, ज़ीनत अमान और प्राण की १९७८ में रिलीज़ ब्लॉकबस्टर फिल्म डॉन का रीमेक थी। ३५ करोड़ से बनी इस फिल्म ने १०५ करोड़ का बिज़नेस किया।
८- ओम शांति ओम- २००७- फराह खान- शाहरुख़ खान और दीपिका पादुकोण - एक फिल्म अभिनेत्री और उसके प्रेमी के पुनर्जन्म की रोमांटिक कहानी को बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त सफलता मिली थी। यह दीपिका पादुकोण की बतौर एक्ट्रेस पहली फिल्म थी। यह फिल्म ३५ करोड़ में बनी थी। फिल्म ने दिवाली वीकेंड का ज़बरदस्त फायदा उठा था। यह फिल्म १४९ करोड़ कमा चुकी है।
९- रा.वन- २०११- अनुभव सिन्हा- शाहरुख़ खान और करीना कपूर- यह एक बुरे रोबोट और अच्छे रोबोट रा.वन और जी.वन के टकराव की विज्ञानं फंतासी थी। हालाँकि, इस फिल्म ने वर्ल्डवाइड १७७ करोड़ से ज़्यादा कमाए। लेकिन, ११४ के भरी भरकम बजट के कारण रा.वन शाहरुख़ खान के लिए फायदे का सौदा साबित नहीं हुई। .
१०- जब तक है जान- २०१२- यश चोपड़ा- शाहरुख़ खान, कटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा - यह यश चोपड़ा के निर्देशन में उनकी आखिरी फिल्म थी। यह फिल्म एक फौजी के दो लड़कियों के साथ रोमांस की कहानी थी। जब तक है जान के निर्माण में ६० करोड़ खर्च हुए थे। इस फिल्म ने १२२ करोड़ कमाए।
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इस शुक्रवार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
पहली बार विलन नहीं बने हैं गोविंदा
शाद अली की फिल्म 'किल दिल' में गोविंदा भैयाजी की भूमिका कर रहे है. यह भाड़े पर हत्याएं करवाने का काम करता है। वह दो आवारा बच्चो देव और टूटू को पालता है और उन्हें शूटर बनाता है। उनके बड़े होने पर उनसे हत्याएं करवाता है। किल दिल में गोविंदा के किरदार भैयाजी को उनका विलेन किरदार बताया जा रहा है। प्रचारित किया जा रहा है कि गोविंदा ने अपने तीस साल लम्बे करियर में पहली बार किल दिल में एक विलन का किरदार किया है। यह तथ्यात्मक नहीं है। गोविंदा ने २००० में रिलीज़ चंद्रू नार्वेकर उर्फ़ एन चंद्रा की फिल्म 'शिकारी' में महेंद्र प्रताप सिंह और ओम श्रीवास्तव की दोहरी भूमिका की थी। ओम प्रकाश की भूमिका में गोविंदा एक के बाद कत्ल करते दिखाए गए थे। इस फिल्म में गोविंदा की दो नायिकाएं तब्बू और करिश्मा कपूर थीं। उन दिनों गोविंदा करिश्मा कपूर के साथ रोमकॉम फिल्मों से काफी सफल हो रहे थे। उन्होंने, करिश्मा कपूर और तब्बू के साथ साजन चले ससुराल जैसी सुपरडुपर हिट फिल्म दी थी। इसलिए, उनके द्वारा फिल्म में एक हत्यारे का किरदार करने के लिए काफी आलोचना हुई थी। गोविंदा, तब्बू और करिश्मा कपूर के साथ गोविंदा की बढ़िया कॉमेडी देखने की आस में सिनेमाघर पहुंचे दर्शकों को शिकारी देख कर स्तब्ध रह जाना पड़ा था। हालाँकि, शिकारी में गोविंदा के खल अभिनय की प्रशंसा हुई थी। लेकिन, दर्शकों ने इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर बिलकुल नकार दिया था। वैसे अगर गोविंदा के निगेटिव किरदारों की बात की जाये तो उन्होंने छोटे सरकार, हथकड़ी और नॉटी एट फोर्टी में भी नेगेटिव किरदार किये थे।
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
Monday, 20 October 2014
लारा दत्ता की वापसी और उनकी चार फ़िल्में
पूर्व मिस यूनिवर्स और फिल्म अभिनेत्री लारा दत्ता ने अपने पति टेनिस स्टार महेश भूपति के साथ फिल्म निर्माण संस्था बिग डैडी प्रोडक्शंस की स्थापना की थी। उन्होंने इस बैनर के तहत चलो दिल्ली जैसी हिट कॉमेडी रोड मूवी का निर्माण किया था। चलो दिल्ली की सफलता से उत्साहित हो कर लारा दत्ता ने इस फिल्म का सीक्वल चलो चाइना बनाने का ऐलान भी किया था। अभी यह फिल्म शुरूआती दौर में है। लेकिन, इस बीच लारा दत्ता ने अभिनय में वापसी का निर्णय ले लिया। वह फिल्म अभी नहीं तो कभी नहीं में केके मेनन की नायिका बन कर रुपहले परदे पर वापसी करेंगी । यह फिल्म बिग डैडी प्रोडक्शंस और वीरेंदर अरोरा और अर्जुन कपूर के सहयोग से बनाई जाएगी। अभी नहीं तो कभी नहीं में नौ मुख्य चरित्र हैं। इनके लिए राजीव खण्डेलवाल और पंकज कपूर का चुनाव भी हो चूका है। बाकी कलाकारों का चुनाव जल्द कर लिए जाएगा। यह लोग भिन्न शैली की कुछ दूसरी फ़िल्में भी बनाएंगे। इनमे तमन्ना रेडियो कंपनी के अलावा रोमांटिक कॉमेडी फिल्म मैचफ़िक्सिंग ख़ास है। एक थ्रिलर फिल्म के निर्माण की योजना भी है। फिलहाल, इस फिल्म की स्क्रिप्ट सेलेक्ट कर ली गयी है। इसे एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त निर्देशक बनाएगा। इतना ही नहीं इन लोगों का इरादा अन्य निर्माता कंपनियों और स्टूडियोज के साथ मिल कर भी अच्छी और हट कर विषय पर फ़िल्में बनाना है। यह फ़िल्में केवल बौद्धिक संतुष्टि देने वाली नहीं होंगी, बल्कि यह बॉक्स ऑफिस पर भी सफल होंगी।
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फिल्म पुराण
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
वेलकम टू कराची दो भारतीयों की व्यंग्यात्मक कहानी
वेलकम टू कराची निर्माता वाशु भगनानी की वही फिल्म है, जो पिछले दिनों अभिनेता इरफ़ान खान के लंदन की लोकेशन पर शूटिंग के लिए न पहुँचने पर चर्चा में आयी थी। इरफ़ान के फिल्म से बाहर हो जाने के बाद, वाशु भगनानी ने उनकी जगह अपने बेटे जैकी भगनानी को ले लिया था। अब जैकी किस प्रकार से और किस हद तक खुद को इरफ़ान का बदल साबित कर पाते हैं, इसका पता तो फिल्म की रिलीज़ के बाद चलेगा। फिलहाल, इस फिल्म की शूटिंग तेज़ी पर है। वेलकम टू कराची दो भारतीयों की व्यंग्यात्मक कहानी है, जो उचित पासपोर्ट और पहचान पत्र न होने के कारण कराची में फंस जाते हैं। फिल्म में दूसरे भारतीय अरशद वारसी बने हैं। अरशद वारसी और जैकी भगनानी ने रेमो डिसूज़ा की फिल्म फालतू में एक साथ काम किया था। वेलकम टू कराची का निर्देशन आशीष आर मोहन कर रहे हैं। आशीष की पिछली निर्देशित फिल्म अक्षय कुमार की मुख्य भूमिका वाली खिलाडी ७८६ थी। वेलकम टू कराची की शूटिंग के दौरान का यह चित्र अरशद वारसी ने अपने ट्विटर अकाउंट में डाला है।
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फिल्म पुराण
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Sunday, 19 October 2014
सोनी की दिवाली चित्रों में
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फोटो फीचर
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
क्या है ऋतिक रोशन की शर्मिंदगी की वजह !
ऋतिक रोशन परफेक्शन के मामले में किसी दूसरे अभिनेता से पीछे नहीं। वह अपनी हर फिल्म के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, लुक पर भी काफी ध्यान देते है। कहने का मतलब यह कि ऋतिक रोशन अपने किरदार को कभी हलके में नहीं लेते । आशुतोष गोवारिकर की फिल्म मोहनजोदाड़ो
में वह एक वीर योद्धा बने है। फिल्म में हू-ब -हू योद्धा नजर आने लिए वह अब नए प्रकार की
फिटनेस ट्रेनिंग कर रहे है । ऋतिक सामान्य तौर पर शाम को अपना वर्क आउट किया
करते थे । लेकिन अब वह सुबह सुबह वर्क आउट कर रहे है । इसके साथ ही उन्होंने वर्क आउट
में कुछ बदलाव भी किये है । पहले ऋतिक हाई प्रोटीन डाइट
में लिया करते थे, लेकिन अब वे ज्यादातर वेजिटेबलस सेवन कर है । इसके बावजूद, ऋतिक रोशन इधर खासे शर्मिंदा हैं। बैंग बैंग को मिली ज़बरदस्त सफलता के बाद ऋतिक रोशन बॉलीवुड के हॉटेस्ट मेन बन गए है । इस फिल्म के बाद ऋतिक की फीमेल फैंस तादाद में गज़ब इज़ाफ़ा हुआ है । आजकल ऋतिक रोशन के ईमेल बॉक्स फीमेल फैंस के लव मेल से भरे रहते है । कई फीमेल फैंस ने तो प्रोपोज़ करना भी शुरू का दिया है, क्योंकि सुज़ैन से अलगाव होने के बाद जवान लड़कियों की उम्मीदें उनसे कुछ ज़्यादा बढ़ गयी हैं । फीमेल फैंस के खतों की बाढ़ से ऋतिक खुश तो बहुत हैं । लेकिन, शर्मिंदा भी बहुत महसूस कर रहे हैं। ऋतिक को समझ में नहीं आ रहा कि वह किस किस मेल के क्या जवाब दे । जो मेल उनके काम की तारीफ करने वाले है तो ऋतिक को उनका जवाब देने में उन्हें कोई संकोच नहीं। लेकिन, प्यार का इजहार करने वाली महिला प्रशंसकों की इ- चिठ्ठियों को वह क्या जवाब दें । यही है ऋतिक रोशन की शर्मिंदगी की वजह ।
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ये ल्लों !!!
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कभी यह 'सुपर' नाना और 'नानी' जवान थे
इंद्रकुमार की फिल्म 'सुपर नानी' नानी बनी रेखा और उनके नाती शरमन जोशी के संबधों पर केंद्रित है । लेकिन, इन दोनों से जुड़े कुछ दूसरे करैक्टर भी हैं । शरमन की लव बर्ड बनीं श्वेता कुमार ख़ास हैं तो रणबीर कपूर के पप्पा रणधीर कपूर भी खासम-ख़ास है । जब रणधीर से सुपर नानी रेखा के सामने उनकी भूमिका के बारे में पूछा गया तो रणधीर कपूर का मज़ाकिया जवाब था, "वह सुपर नानी हैं तो मैं सुपर नाना हूँ ।" फिर वह गंभीर हो कर बोले, "मैं और रेखा बहुत अच्छे दोस्त हैं । फिल्म में मेरी जोड़ी रेखा के साथ है । वैसे हम लोगों ने अब तक २७ फिल्मों में अभिनय किया है ।" १९७० में फिल्म सावन भादो से हिंदी फिल्मों में कदम रखने वाली रेखा की रणधीर कपूर के साथ बतौर नायिका पहली फिल्म रामपुर का लक्ष्मण सुपर हिट हुई थी। इस सफलता के बाद इन दोनों ने दफा ३०२, धरम करम, खलीफा, आज का महात्मा, राम भरोसे, कच्चा चोर, आखिरी डाकू, कस्मे वादे, खज़ाना, मदर और सेंसर जैसी फिल्मों में काम किया। इन दोनों कलाकारों का अभिनय का अपना अंदाज़ था। रेखा उस समय खुद को सेक्स बम के बतौर साबित कर रही थीं। रणधीर कपूर को उछल-कूद वाली खिलंदड़ी भूमिकाएं रास आ रही थीं। इसीलिए, यह जोड़ी इतनी ज़्यादा बार एक साथ दिखीं। इन दोनों की एक साथ की कुछ फ़िल्में सफल हुईं, तो कुछ बिलकुल असफल। २००१ में रिलीज़ देवानंद की फिल्म सेंसर के १४ साल बाद यह दोनों फिर एक साथ हैं. रेखा ने अभी १० अक्टूबर को साठोत्तरी पर कदम रखा है। रणधीर कपूर अगले साल १५ फरवरी को ६८वें साल में कदम रखेंगे। रणधीर कपूर निजी जीवन में नाना बन चुके हैं। रेखा ने शादी ही नहीं की, अन्यथा शायद वह भी नानी बन गयी होतीं। तो इन दोनों के प्रशंसक दर्शकों को परदे पर इस सुपर नाना-नानी को देखते हुए, उनकी जवानी के दिन तो याद आएंगे ही।
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Saturday, 18 October 2014
अगले दो साल तक सलमान खान मनाएंगे ईद
सलमान खान को ईद से बना खान कहना ज़्यादा ठीक होगा। उनकी कुछ पिछली ब्लॉकबस्टर फ़िल्में - वांटेड, बॉडीगार्ड, दबंग और किक ईद वीकेंड में ही रिलीज़ हुई थीं। इसी साल रिलीज़ फिल्म किक तो सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गयी है। यही कारण है कि जब भी कोई फिल्म निर्माता सलमान को लेकर फ़िल्में बनाता है, उनके साथ ईद मनाने की सोचने लगता है। इस सोच से यशराज फिल्म्स जैसा प्रतिष्ठित बैनर भी अलग नहीं। यशराज फिल्म्स सलमान खान के साथ एक फिल्म सुलतान बनाने जा रहा है। इस फिल्म का निर्देशन अली अब्बास ज़फर करेंगे। इस फिल्म में सलमान खान की जोड़ी पहली बार दीपिका पादुकोण के साथ बन सकती है। वैसे अभी यह अनुमान ही हैं। क्योंकि, दीपिका पादुकोण के द्वारा साजिद नाडियाडवाला के अनुरोध के बावजूद फिल्म 'किक' में आइटम नंबर करने से इंकार कर देने के कारण सलमान खान के दीपिका से नाराज़ होने की खबरें आ रही थीं। यशराज फिल्म्स सुल्तान को ईद २०१६ में रिलीज़ करने जा रहा है। लेकिन, इससे पहले एक दूसरी फिल्म ईद २०१५ में रिलीज़ हो जाएगी। यह फिल्म है कबीर 'एक था टाइगर' खान की फिल्म बजरंगी भाईजान। इस फिल्म में सलमान खान के बजरंगी भाईजान की जान करीना कपूर हैं।
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ये ल्लों !!!
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क्या शाहरुख़ हैप्पी नहीं हैं इस बार 'न्यू ईयर' से !
कुछ समय पहले अख़बारों की सुर्खियां थी कि हॉलीवुड का सुपर स्टार ब्रैड पिट बॉलीवुड के सुपर स्टार शाहरुख़ खान से भयभीत है। देश के अख़बारों में यह पीआर सुर्खियां इस लिए ख़ास बनीं कि अभिनेता ब्रैड पिट की वॉर ड्रामा फिल्म फ्यूरी की रिलीज़ हैप्पी न्यू ईयर के सामने से हटा दी गयी थी । हालाँकि, यह खबर इसलिए मायने नहीं रखती, क्योंकि हॉलीवुड की फिल्मों की वर्ल्डवाइड रिलीज़ की तारिख काफी पहले तय कर दी गयी होती है। इन्हे रिलीज़ का समय भी हिंदी फिल्मों की रिलीज़ को देख कर तय नहीं किया जाता। अन्यथा, बेन अफ्लेक की फिल्म गॉन गर्ल २४ अक्टूबर को रिलीज़ नहीं हो रही होती। वैसे अपने सुपर स्टार को मॉरल बूस्ट देने के लिहाज़ से यह किया जाना ठीक भी था। परन्तु, न जाने क्यों शाहरुख़ खान थोड़ा असुरक्षित नज़र आ रहे हैं। उनकी फिल्म के साथ रेखा की फिल्म सुपर नानी तथा रणदीप हुडा और नंदना सेन की लम्बे समय से रुकी फिल्म रंग रसिया रिलीज़ हो रही थी। परन्तु इन दोनों फिल्मों की रिलीज़ की तारीखें बदल दी गयीं। इसे काफी उछाला गया, हालाँकि इसकी ज़रुरत नहीं थी । रेखा में वह बात नहीं रही कि उनकी फिल्म खान की फिल्म के लिए चुनौती साबित हो सकें। रंग रसिया की रिलीज़ तो वैसे भी एक दो सालों से लगातार टलती चली आ रही है। एक बार और सही। खान की असुरक्षा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह हर चैनल पर अपनी फिल्म की पूरी बरात गाजे बाजे के साथ ले ही जाते हैं, एक शो भी बना डाला है। दरअसल, शाहरुख़ खान के सामने चुनौतियाँ ही चुनौतियाँ हैं। दूसरे खानों की फिल्मों का बॉक्स ऑफिस परफॉरमेंस उनकी फिल्म के लिए चुनौती बना हुआ है। उन्हें श्रेष्ठतम पहला दिन बनाने, वीकेंड बनाने और पूरा वीक श्रेष्ठतम करने की चुनौती है। अभी तक उनकी कोई फिल्म ऐसा कर पाने में सफल नहीं हुई है। ऋतिक रोशन की पिछली बार दिवाली पर रिलीज़ फिल्म कृष ३ उनके सामने बड़ी चुनौती है। उस पर कोढ़ पर खाज का काम किया है २ अक्टूबर को रिलीज़ ऋतिक की फिल्म बैंग बैंग के कलेक्शन के आंकड़ों ने। कभी बॉक्स ऑफिस के बादशाह के खिताब से मशहूर शाहरुख़ खान को इन सभी चुनौतियों का जवाब देना है। यही कारण है कि शाहरुख़ खान ब्रैड पिट की फिल्म की रिलीज़ टलने पर जीत का जश्न मनाते हैं और सुपर नानी और रंग रसिया के हट जाने पर चैन की सांस लेते हैं।
शाहरुख़ खान हैप्पी न्यू ईयर को पहले दिवाली के दिन २३ अक्टूबर को रिलीज़ करना चाहते थे। इरादा फिल्म को हिन्दुओं के पवित्र दिन के प्रति अपना आदर भाव व्यक्त करना भी था। मगर, शाहरुख़ खान को दिवाली के दिन फिल्म रिलीज़ करने के नुक्सान गिनाये गए। इस दिन बड़ी आबादी घरों की सफाई, पूजा, आदि में व्यस्त होती है। कलेक्शन पर प्रभाव पड़ सकता पड़ सकता है। शाहरुख़ खान इस नुक्सान को झेल नहीं सकते थे। क्योंकि, उनके सामने सलमान खान और आमिर खान के पहले दिन, वीकेंड और पूरे वीक के कलेक्शन की चुनातियां थीं। हालाँकि, पिछले साल फिल्म कृष ३ को धनतेरस के दिन ३१ अक्टूबर को रिलीज़ किया गया था। हालाँकि, राकेश रोशन पहले इस विज्ञानं फंतासी फिल्म को दिवाली के दिन या इसके दूसरे दिन रिलीज़ करने की सोच रहे थे। कृष ३ ने पहले दिन २५. ५ करोड़ का बिज़नेस किया था। कृष ३ का कलेक्शन दिवाली के दूसरे दिन उछल कर ३५.९१ करोड़ हो गया था। ऐसा इसी कारण से हुआ था कि कृष ३ एक अच्छी बनी फिल्म थी। वहीँ, शाहरुख़ खान ने दिवाली पर यानि २३ अक्टूबर को फिल्म रिलीज़ करने का इरादा करते करते फिल्म की रिलीज़ दूसरे दिन कर दी। साफ़ तौर पर उनकी निगाहें, पूरी तरह से छुट्टियों वाले दिन पर थी। कहा जा सकता है कि शाहरुख़ खान दूसरे खानों की फिल्मों के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को पछाड़ने के लिए ऐसा कर रहे थे। लेकिन,यहाँ यह भी तो कहा जा सकता है कि खान हैप्पी न्यू ईयर से मुतमईन नहीं हैं। अगर फिल्म दर्शकों को पसंद नहीं आयी तो दिवाली की छुट्टी के बाद के दिनों में दर्शक मुंह मोड़ सकता है। इसीलिए शाहरुख खान चैनल चैनल तक दौड़ लगाए हुए हैं।
शाहरुख़ खान हैप्पी न्यू ईयर को पहले दिवाली के दिन २३ अक्टूबर को रिलीज़ करना चाहते थे। इरादा फिल्म को हिन्दुओं के पवित्र दिन के प्रति अपना आदर भाव व्यक्त करना भी था। मगर, शाहरुख़ खान को दिवाली के दिन फिल्म रिलीज़ करने के नुक्सान गिनाये गए। इस दिन बड़ी आबादी घरों की सफाई, पूजा, आदि में व्यस्त होती है। कलेक्शन पर प्रभाव पड़ सकता पड़ सकता है। शाहरुख़ खान इस नुक्सान को झेल नहीं सकते थे। क्योंकि, उनके सामने सलमान खान और आमिर खान के पहले दिन, वीकेंड और पूरे वीक के कलेक्शन की चुनातियां थीं। हालाँकि, पिछले साल फिल्म कृष ३ को धनतेरस के दिन ३१ अक्टूबर को रिलीज़ किया गया था। हालाँकि, राकेश रोशन पहले इस विज्ञानं फंतासी फिल्म को दिवाली के दिन या इसके दूसरे दिन रिलीज़ करने की सोच रहे थे। कृष ३ ने पहले दिन २५. ५ करोड़ का बिज़नेस किया था। कृष ३ का कलेक्शन दिवाली के दूसरे दिन उछल कर ३५.९१ करोड़ हो गया था। ऐसा इसी कारण से हुआ था कि कृष ३ एक अच्छी बनी फिल्म थी। वहीँ, शाहरुख़ खान ने दिवाली पर यानि २३ अक्टूबर को फिल्म रिलीज़ करने का इरादा करते करते फिल्म की रिलीज़ दूसरे दिन कर दी। साफ़ तौर पर उनकी निगाहें, पूरी तरह से छुट्टियों वाले दिन पर थी। कहा जा सकता है कि शाहरुख़ खान दूसरे खानों की फिल्मों के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को पछाड़ने के लिए ऐसा कर रहे थे। लेकिन,यहाँ यह भी तो कहा जा सकता है कि खान हैप्पी न्यू ईयर से मुतमईन नहीं हैं। अगर फिल्म दर्शकों को पसंद नहीं आयी तो दिवाली की छुट्टी के बाद के दिनों में दर्शक मुंह मोड़ सकता है। इसीलिए शाहरुख खान चैनल चैनल तक दौड़ लगाए हुए हैं।
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इस शुक्रवार
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
खून चूसने वाले "ड्रैकुला" की "अनटोल्ड" स्टोरी
इस शुक्रवार भारत में मशहूर ड्रैकुला करैक्टर पर फिल्म 'ड्रैकुला अनटोल्ड' रिलीज़ होने जा रही है । ड्रैकुला करैक्टर पर अब तक बनी कोई २०० से ज़्यादा फिल्मों से ड्रैकुला अनटोल्ड इस लिहाज़ से बिलकुल अलग है कि गैरी शोर का यह ड्रैकुला खूबसूरत औरतों को अपने मोह जाल में फांस कर अपने वीरान और डरावने किलेनुमा घर में लाकर, फिर उनकी गर्दन में अपने नुकीले दांत चुभो कर खून चूस कर मार डालने वाला ड्रैकुला नहीं है । मैट सज़मा और बर्क शार्पलेस के लिखे इस काउंट ड्रैकुला का मानवीय पहलू है ड्रैकुला अनटोल्ड । इस शताब्दी के आखिर में युवा लार्ड व्लाड और उसका परिवार शांतिपूर्वक रह रहा है । व्लाद की ज़िन्दगी में उस समय बदलाव आ जाता है , जब उसके पास एक तुर्क सेनापति आकर व्लाद के पुत्र सहित एक हजार युवा अपनी सेना के लिए मांगता है । व्लाद तुर्क सेनापति की चालबाजी भांप जाता है । ऐसे में उसके पास अपने राज्य और परिवार को बचाने के लिए भयानक शक्तियों का सहारा लेना है, उसे खून चूसने वाले काउंट ड्रैकुला का रूप धरना ही है, चाहे उसका परिणाम कुछ भी हो ।
ब्राम स्टोकर ने १८९७ में वलाशिया के व्लाद द इम्पालेर से मोटे तौर पर प्रभावित हो कर पहली किताब लिखी थी । इसके बाद सदियों तक उनके उपन्यास के मुख्य चरित्र काउंट ड्रैकुला पर फिल्मों का सिलसिला शुरू हो गया । आम तौर पर ड्रैकुला खून पीने वाला पिशाच था । वह सुन्दर युवतियों को अपने व्यक्तित्व के मोह जाल में फंसा कर अपनी बग्घी पर बैठा कर अपने किले पर ले आता था । वहां वह उनकी गर्दन पर दांत घुसेड़ कर खून चूसा करता था । ब्राम स्टोकर के उपन्यास पर पहली फिल्म १९२२ में जर्मनी में एफडब्ल्यू मरनौव ने बनायी थी । यह मूक फिल्म नोस्फेरातु अ सिम्फनी ऑफ़ हॉरर कॉपीराइट के उल्लंघन में फंस गयी । द ब्राम ने कोर्ट में मुक़दमा किया । कोर्ट ने द ब्राम के पक्ष में निर्णय दिया और फिल्म के सारे प्रिंट नष्ट करने के आदेश दे दिए । अदालत के आदेशों से प्रिंट जला दिए जाने के बावजूद कुछ प्रिंट बच भी गये । नोस्फेरातु के ड्रैकुला की कहानी ट्रान्सीलवानिया और जर्मनी की थी । ड्रैकुला का नाम भी बदल कर काउंट ऑर्लोक कर दिया गया था । इस भूमिका को मैक्स श्रेक ने किया था ।
१९३१ में बनायी गयी पहली ड्रैकुला फिल्म १२ फरवरी १९३१ को रिलीज़ हुई थी । यह फिल्म अंग्रेजी के अलावा हंगरी भाषा में भी बनायी गयी थी ।इस फिल्म में काउंट ड्रैकुला की भूमिका हंगेरियन-अमेरिकी मूल के अभिनेता बेला लुगोसी ने की थी । न्यूयॉर्क के रॉक्सी थिएटर में रिलीज़ फिल्म ड्रैकुला दर्शकों के बीच सनसनी बन गयी थी । इस फिल्म की रिलीज़ के ४८ घंटे पहले ही पचास हजार टिकट बिक गए थे ।
ड्रैकुला की सफलता के बाद ड्रैकुला और उसके परिवार और अन्य मित्रों को केंद्र में रख कर कई फ़िल्में बनायी गयीं । कुछ अन्य मशहूर ड्रैकुला तथा ड्रैकुला के परिवार से जुडी फ़िल्में और उनके ड्रैकुला और अन्य अभिनेताओं का विवरण निम्न प्रकार है -
१- ड्रैकुलाज डॉटर (१९३६)- इस फिल्म में ड्रैकुला की बेटी काउंटेस मारिया ज़लेस्का का किरदार ग्लोरिया होल्डन ने किया था ।
२- सोन ऑफ़ ड्रैकुला (१९४३) इस फिल्म में ड्रैकुला के बेटे काउंट अलुकार्ड का रोल अभिनेता लोन चेन जूनियर ने किया था ।
३- हॉउस ऑफ़ फैंकस्टीन (१९४४)- इस फिल्म में जॉन करिडीन ने काउंट ड्रैकुला की भूमिका की थी ।
४- हाउस ऑफ़ ड्रैकुला (१९४५)- इस फिल्म के ड्रैकुला भी जॉन करिडीन ही थे ।
५- अब्बोट एंड कोस्टेलो मीट फ्रैंकेंस्टीन (१९४८)- बेल लुगोसी एक बार फिर काउंट ड्रैकुला की भूमिका में थे ।
६- ड्रैकुला (१९७९) - इस फिल्म में फ्रैंक लांगेला काउंट ड्रैकुला के रोल में थे ।
यह सभी फ़िल्में यूनिवर्सल स्टूडियोज द्वारा बनायी गयी थीं ।
१९५८ से हैमर फिल्म प्रोडक्शंस ने ड्रैकुला करैक्टर के साथ कई वहशी फ़िल्में बनाने का सिलसिला शुरू किया । इस कंपनी द्वारा बनायीं गयी कुछ फ़िल्में निम्न प्रकार हैं -
१- ड्रैकुला (१९५८)- इस ब्रितानी फिल्म में काउंट ड्रैकुला की भूमिका करके अभिनेता क्रिस्टोफर ली अपने चरित्र से पहचाने जाने लगे । इस फिल्म को अमेरिका में हॉरर ऑफ़ ड्रैकुला शीर्षक से रिलीज़ किया गया था ।
२- द ब्रिज ऑफ़ ड्रैकुला (१९६०)- इस फिल्म में डेविड पील ने ड्रैकुला के शिष्य बैरन मेस्टर का रोल किया था ।
३- ड्रैकुला प्रिंस ऑफ़ डार्कनेस (१९६६)- क्रिस्टोफर ली ड्रैकुला के किरदार में थे ।
४- ड्रैकुला हैज राइजेन फ्रॉम द ग्रेव (१९६८)- इस फिल्म के ड्रैकुला भी ली ही थे ।
५- टास्ते द ब्लड ऑफ़ ड्रैकुला ( १९६९) - यह भी क्रिस्टोफर ली की ड्रैकुला फिल्म थी ।
६- स्कार्स ऑफ़ ड्रैकुला (१९७०) - क्रिस्टोफर ली थे ड्रैकुला।
७- ड्रैकुला ए डी १९७२ (१९७२) - क्रिस्टोफर की ड्रैकुला भूमिका वाली फिल्म ।
८- द सैटेनिक राइट्स ऑफ़ ड्रैकुला (१९७३)- क्रिस्टोफर ली की यह फिल्म अमेरिका में काउंट ड्रैकुला एंड हिज वैम्पायर ब्राइड शीषर्क से रिलीज़ हुई थी ।
९- द लीजेंड ऑफ़ द सेवन गोल्डन वैम्पायर्स (१९७३) - जॉन फ़ोर्बेस-रॉबर्टसन के ड्रैकुला चरित्र वाली यह फिल्म द सेवन ब्रोठेर्स मीट ड्रैकुला और ड्रैकुला एंड द सेवन गोल्डन वैम्पायर्स शीर्षक से भी रिलीज़ हुई थीं ।
उपरोक्त फिल्मों के अलावा कई अन्य फिल्म निर्माताओं, स्टूडियोज और देशों में ड्रैकुला के डरावने चरित्र पर फ़िल्में बनी। इन फिल्मों में ड्रैकुला का मुक़ाबला बैटमैन जैसे सुपर ह्यूमन करैक्टर से भी हुआ। ब्लेड ट्रिनिटी, हाउस ऑफ़ फ्रैंकेंस्टीन, हाउस ऑफ़ द वुल्फ वीमेन, वैम्पायर हंटर, वैन हेल्सिंग, आदि फ़िल्में भी ड्रैकुला करैक्टर वाली थीं ।
ड्रैकुला अनटोल्ड में ड्रैकुला बन जाने वाले व्लाद थर्ड तेपिस का रोल ल्यूक इवांस ने किया है । इस फिल्म में साराह गडोन ने व्लाद की पत्नी मिरेन ने की है । अन्य भूमिकाओं में डॉमिनिक कूपर, चार्ल्स डांस, चार्ली कॉक्स, विलियम हॉस्टन, आर्ट पार्किंसन के नाम उल्लेखनीय है। ड्रैकुला अनटोल्ड के निर्माण में ७० मिलियन डॉलर खर्च हुए है। यूनिवर्सल पिक्चर्स की यह फिल्म ९२ मिनट लम्बी है।
अल्पना कांडपाल
ब्राम स्टोकर ने १८९७ में वलाशिया के व्लाद द इम्पालेर से मोटे तौर पर प्रभावित हो कर पहली किताब लिखी थी । इसके बाद सदियों तक उनके उपन्यास के मुख्य चरित्र काउंट ड्रैकुला पर फिल्मों का सिलसिला शुरू हो गया । आम तौर पर ड्रैकुला खून पीने वाला पिशाच था । वह सुन्दर युवतियों को अपने व्यक्तित्व के मोह जाल में फंसा कर अपनी बग्घी पर बैठा कर अपने किले पर ले आता था । वहां वह उनकी गर्दन पर दांत घुसेड़ कर खून चूसा करता था । ब्राम स्टोकर के उपन्यास पर पहली फिल्म १९२२ में जर्मनी में एफडब्ल्यू मरनौव ने बनायी थी । यह मूक फिल्म नोस्फेरातु अ सिम्फनी ऑफ़ हॉरर कॉपीराइट के उल्लंघन में फंस गयी । द ब्राम ने कोर्ट में मुक़दमा किया । कोर्ट ने द ब्राम के पक्ष में निर्णय दिया और फिल्म के सारे प्रिंट नष्ट करने के आदेश दे दिए । अदालत के आदेशों से प्रिंट जला दिए जाने के बावजूद कुछ प्रिंट बच भी गये । नोस्फेरातु के ड्रैकुला की कहानी ट्रान्सीलवानिया और जर्मनी की थी । ड्रैकुला का नाम भी बदल कर काउंट ऑर्लोक कर दिया गया था । इस भूमिका को मैक्स श्रेक ने किया था ।
१९३१ में बनायी गयी पहली ड्रैकुला फिल्म १२ फरवरी १९३१ को रिलीज़ हुई थी । यह फिल्म अंग्रेजी के अलावा हंगरी भाषा में भी बनायी गयी थी ।इस फिल्म में काउंट ड्रैकुला की भूमिका हंगेरियन-अमेरिकी मूल के अभिनेता बेला लुगोसी ने की थी । न्यूयॉर्क के रॉक्सी थिएटर में रिलीज़ फिल्म ड्रैकुला दर्शकों के बीच सनसनी बन गयी थी । इस फिल्म की रिलीज़ के ४८ घंटे पहले ही पचास हजार टिकट बिक गए थे ।
ड्रैकुला की सफलता के बाद ड्रैकुला और उसके परिवार और अन्य मित्रों को केंद्र में रख कर कई फ़िल्में बनायी गयीं । कुछ अन्य मशहूर ड्रैकुला तथा ड्रैकुला के परिवार से जुडी फ़िल्में और उनके ड्रैकुला और अन्य अभिनेताओं का विवरण निम्न प्रकार है -
१- ड्रैकुलाज डॉटर (१९३६)- इस फिल्म में ड्रैकुला की बेटी काउंटेस मारिया ज़लेस्का का किरदार ग्लोरिया होल्डन ने किया था ।
२- सोन ऑफ़ ड्रैकुला (१९४३) इस फिल्म में ड्रैकुला के बेटे काउंट अलुकार्ड का रोल अभिनेता लोन चेन जूनियर ने किया था ।
३- हॉउस ऑफ़ फैंकस्टीन (१९४४)- इस फिल्म में जॉन करिडीन ने काउंट ड्रैकुला की भूमिका की थी ।
४- हाउस ऑफ़ ड्रैकुला (१९४५)- इस फिल्म के ड्रैकुला भी जॉन करिडीन ही थे ।
५- अब्बोट एंड कोस्टेलो मीट फ्रैंकेंस्टीन (१९४८)- बेल लुगोसी एक बार फिर काउंट ड्रैकुला की भूमिका में थे ।
६- ड्रैकुला (१९७९) - इस फिल्म में फ्रैंक लांगेला काउंट ड्रैकुला के रोल में थे ।
यह सभी फ़िल्में यूनिवर्सल स्टूडियोज द्वारा बनायी गयी थीं ।
१९५८ से हैमर फिल्म प्रोडक्शंस ने ड्रैकुला करैक्टर के साथ कई वहशी फ़िल्में बनाने का सिलसिला शुरू किया । इस कंपनी द्वारा बनायीं गयी कुछ फ़िल्में निम्न प्रकार हैं -
१- ड्रैकुला (१९५८)- इस ब्रितानी फिल्म में काउंट ड्रैकुला की भूमिका करके अभिनेता क्रिस्टोफर ली अपने चरित्र से पहचाने जाने लगे । इस फिल्म को अमेरिका में हॉरर ऑफ़ ड्रैकुला शीर्षक से रिलीज़ किया गया था ।
२- द ब्रिज ऑफ़ ड्रैकुला (१९६०)- इस फिल्म में डेविड पील ने ड्रैकुला के शिष्य बैरन मेस्टर का रोल किया था ।
३- ड्रैकुला प्रिंस ऑफ़ डार्कनेस (१९६६)- क्रिस्टोफर ली ड्रैकुला के किरदार में थे ।
४- ड्रैकुला हैज राइजेन फ्रॉम द ग्रेव (१९६८)- इस फिल्म के ड्रैकुला भी ली ही थे ।
५- टास्ते द ब्लड ऑफ़ ड्रैकुला ( १९६९) - यह भी क्रिस्टोफर ली की ड्रैकुला फिल्म थी ।
६- स्कार्स ऑफ़ ड्रैकुला (१९७०) - क्रिस्टोफर ली थे ड्रैकुला।
७- ड्रैकुला ए डी १९७२ (१९७२) - क्रिस्टोफर की ड्रैकुला भूमिका वाली फिल्म ।
८- द सैटेनिक राइट्स ऑफ़ ड्रैकुला (१९७३)- क्रिस्टोफर ली की यह फिल्म अमेरिका में काउंट ड्रैकुला एंड हिज वैम्पायर ब्राइड शीषर्क से रिलीज़ हुई थी ।
९- द लीजेंड ऑफ़ द सेवन गोल्डन वैम्पायर्स (१९७३) - जॉन फ़ोर्बेस-रॉबर्टसन के ड्रैकुला चरित्र वाली यह फिल्म द सेवन ब्रोठेर्स मीट ड्रैकुला और ड्रैकुला एंड द सेवन गोल्डन वैम्पायर्स शीर्षक से भी रिलीज़ हुई थीं ।
उपरोक्त फिल्मों के अलावा कई अन्य फिल्म निर्माताओं, स्टूडियोज और देशों में ड्रैकुला के डरावने चरित्र पर फ़िल्में बनी। इन फिल्मों में ड्रैकुला का मुक़ाबला बैटमैन जैसे सुपर ह्यूमन करैक्टर से भी हुआ। ब्लेड ट्रिनिटी, हाउस ऑफ़ फ्रैंकेंस्टीन, हाउस ऑफ़ द वुल्फ वीमेन, वैम्पायर हंटर, वैन हेल्सिंग, आदि फ़िल्में भी ड्रैकुला करैक्टर वाली थीं ।
ड्रैकुला अनटोल्ड में ड्रैकुला बन जाने वाले व्लाद थर्ड तेपिस का रोल ल्यूक इवांस ने किया है । इस फिल्म में साराह गडोन ने व्लाद की पत्नी मिरेन ने की है । अन्य भूमिकाओं में डॉमिनिक कूपर, चार्ल्स डांस, चार्ली कॉक्स, विलियम हॉस्टन, आर्ट पार्किंसन के नाम उल्लेखनीय है। ड्रैकुला अनटोल्ड के निर्माण में ७० मिलियन डॉलर खर्च हुए है। यूनिवर्सल पिक्चर्स की यह फिल्म ९२ मिनट लम्बी है।
अल्पना कांडपाल
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Hollywood
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
अबु सलेम और मोनिका बेदी का लव चक्र
धुंआधार गोलीबारी और खून खराबे से भरपूर गैंगस्टर फिल्मों की लम्बी फेहरिस्त के बाद, बॉलीवुड ने गैंगस्टर रोमांस पर हाथ आजमाया। गैंगस्टर, वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई दुबारा , आदि फिल्मों की फेहरिस्त में एक नया नाम लव चक्र का भी जुड़ गया है। स्टूडियो साउंड एन विज़न की धीरज प्रोडक्शन के साथ पहली फिल्म लव चक्र की कहानी एक युवा लड़की की है, जो एक गैंगस्टर के प्रेम जाल में फंस कर अपराध की दुनिया के दुष्चक्र का शिकार हो जाती है । प्यारेलाल शर्मा की लिखी इस कहानी में अंकिता तारे मोनिका बेदी का रील लाइफ किरदार कर रही हैं। अंकिता तारे मिस महाराष्ट्र हैं। उनके साथ अन्य भूमिकाओं में गगन निमेष, भावना करेकर, उपासना हालदार, विनोद त्रिपाठी और एहसान के नाम ख़ास हैं। पिछले दिनों इस फिल्म का १० दिनों का शूटिंग नासिक में पूरा किया गया।
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आज जी
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अब 'सिंह' करेगा 'ब्लिंग' !
अभी सोशल साइट्स पर अभिनेत्री कीर्ति शेनन के बॉक्सिंग ग्लव्स से प्रहार करते फोटो जारी हुए हैं। यह चित्र कीर्ति की निर्माणाधीन फिल्म 'सिंह इज़ ब्लिंग' के हैं। करियर के लिहाज से कीर्ति की यह लम्बी छलांग है। उन्होंने अपना करियर जैकी श्रॉफ के बेटे टाइगर श्रॉफ के साथ फिल्म हीरोपंथी से शुरू किया था। फिल्म हिट हुई थी। लेकिन, महत्वपूर्ण थी कीर्ति की प्रशंसा। उनके अभिनय और नृत्य प्रतिभा को सराहा गया। इसीलिए, उन्हें जल्द ही अक्षय कुमार के साथ फिल्म करने का मौका मिल गया। 'सिंह इज़ ब्लिंग' अक्षय कुमार की फिल्म है। इस फिल्म का निर्देशन प्रभुदेवा कर रहे हैं। 'सिंह इज़ ब्लिंग' की खासियत यह है कि २००८ में रिलीज़ कटरीना कैफ के साथ कॉमेडी फिल्म 'सिंह इज़ किंग' के बाद अक्षय कुमार मिलते जुलते टाइटल वाली फिल्म में सिख किरदार कर रहे हैं। जी हाँ, 'सिंह इज़ ब्लिंग' में अक्षय कुमार सिख युवक का रोल कर रहे है। सामान्य तौर पर बॉलीवुड फिल्मों के दर्शकों ने सिख किरदार को बतौर हीरो स्वीकार किया है। ग़दर-एक प्रेमकथा से लेकर सिंह इज़ किंग तक सिख हीरो वाली फ़िल्में इसका प्रमाण हैं। अक्षय कुमार एक बार फिर निर्देशक प्रभुदेवा के निर्देशन में काम करेंगे। इन दोनों की जोड़ी वाली २०१२ में रिलीज़ फिल्म राउडी राठौर को बड़ी सफलता मिली थी। इसका मतलब हुआ सोने पर सुहागा। अक्षय कुमार 'सिंह इज़ ब्लिंग' में सिख किरदार प्रभुदेवा के निर्देशन में कर रहे हैं। यानि, 'सिंह इज़ ब्लिंग' को बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त ब्लिंग करना है !
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ये ल्लों !!!
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एमिरेट्स पैलेस में शूट होने वाली पहली फिल्म बनी वेलकम बॅक
फ़िरोज़ नाडियाडवाला की कॉमेडी फिल्म वेलकम बैक जनवरी में प्रदर्शित होने जा रही है। हाल ही मे इस फिल्म के कुछ ख़ास हिस्सों की शूटिंग अबु धाबी के एमिरेट्स पैलेस
में हुई । यह अबु धाबी का रॉयल पैलेस है। इसलिए, रॉयल फैमिली से कई बार संपर्क करने के पश्चात उस लोकेशन पर शूटिंग करने की अनुमति मिली। इस प्रकार से वेलकम बॅक एमिरेट्स पैलेस में शूट होने वाली बॉलीवुड की पहली फिल्म बन गयी है। वास्तविकता तो यह है कि इस पैलेस में शूटिंग करने की अनुमति किसी को भी नहीं दी जाती । पूरी दुनिया में वेलकम बैक दूसरी
फिल्म है, जिसकी शूटिंग एमिरेट्स पैलेस में हुई है। वेलकम बैक से पहले हॉलीवुड की
फिल्म फ़ास्ट एंड फ्यूरियस ७ की शूटिंग ही इस महल में की जा सकी है । फिल्म में पैलेस का डोम भाग नसीरुद्दीन शाह का लिविंग रूम दिखाया गया है । २००७ की अक्षय कुमार, कैटरीना कैफ, अनिल कपूर और नाना पाटेकर की फिल्म वेलकम की सीक्वल फिल्म वेलकम बैक में
जॉन अब्राहम, श्रुति हासन, नाना पाटेकर, अनिल कपूर, परेश रावल,
नसीरुद्दीन शाह, डिपंल कपाड़िया, शाइनी आहूजा और अंकिता श्रीवास्तव मुख्य भूमिका में हैं। इस फिल्म को अनीस बाज़मी ने निर्देशित किया है।
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फिल्म पुराण
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Friday, 17 October 2014
स्वरा भास्कर को दिल्ली विश्वविद्यालय के चर्चा सत्र का निमंत्रण
रांझणा
फिल्म में अपने अभिनय क्षमता से दर्शक और क्रिटिकस् को प्रभावित करने के
बाद स्वरा भास्कर अब सूरज बड़जात्या की फिल्म " प्रेम रतन धन पायो मे" नजर
आएँगी इस फिल्म में वह सलमान खान की बहन का किरदार निभा रही है। इस फिल्म
की शूटिंग से दो दिनों की छुट्टी लेकर वह दिल्ली पहुंची क्यूंकि स्वर को
उनकी मातृसंथा दिल्ली यूनिवर्सिटी से चर्चा सत्र का निमंत्रण मिला था। इस तरह
स्वरा को अपने कॉलेज जाने का मौका एक बार फिर मिल गया।
स्वरा
कहती है " में काफी गर्व महसूस कर रही हु यह मेरे लिए बड़ी सन्मान की बात
है की मई सीनियर और जूनियर स्पीकर्स के साथ चर्चा सत्र में बोलने का मौका
मिला। अपने घर आना एक बड़ा ही सुकून देता है यह बड़ा अच्छा लगा की मातृसंथा
अपने महाविद्यालय के विद्यार्थियों को भूलती नहीं। में सलमान खान सोनम
कपूर के साथ अपनी आगामी फिल्म प्रेम रतन धन पायो की शूटिंग कर रही थी तभी
मुझे इस आमंत्रण का कॉल आया। मेने किसी तरह अपने क्रू को मना कर दो दिनों
के लिए ऑफ ले लिया।
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हस्तियां
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डेफिनिशन ऑफ़ फियर में जैक्विलिन फर्नांडीज का एक्शन
श्रीलंकाई सुंदरी जैक्विलिन फर्नांडीज की हॉलीवुड फिल्म का नाम डेफिनिशन ऑफ़ फियर है। यह फिल्म चार सहेलियों की कहानी है, जो हॉलिडे केबिन में वीकेंड मनाने जाते हैं। केबिन में पहुँचने के बाद उन्हें लगता है कि उस केबिन में केवल वह चार ही नहीं, कोई पांचवा भी है। कौन है यह पांचवां ! इसका पता उन्हें जब चलता है तब उनका हंसी ख़ुशी भरा वीकेंड नारकीय अनुभव में बदल जाता है। जेम्स सिम्पसन निर्देशित फिल्म डेफिनिशन ऑफ़ फियर में जैक्विलिन के अलावा मर्सीडेस पपालिया और ब्लीथ हब्बार्ड तीन अन्य सहेलियों की भूमिका में है। इस फिल्म में कई खतरनाक एक्शन सीन हैं। इस फिल्म में जैक्विलिन पर फिल्माए गए तमाम एक्शन खुद जैक्विलिन द्वारा दिए गए हैं।
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हस्तियां
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नील पैट्रिक पेश करेंगे ऑस्कर्स २०१५
मशहूर टीवी सीरीज हाउ आई मेट योर मदर और गॉन गर्ल के सितारे नील पैट्रिक हैरिस अब ऑस्कर्स के स्टेज पर भी जगमगाएंगे। नील ८७वे अकादमी अवार्ड्स को प्रस्तुत करेंगे। शो के प्रोडूसर क्रैग ज़दन और नील मेरोन ने इसकी घोषणा की। यह पहला मौका होगा जब नील पैट्रिक हैरिस पूरी दुनिया के दर्शकों के इस बहुप्रतीक्षित अवार्ड्स समारोह को प्रस्तुत करेंगे। इस प्रकार से नील ने खुद को ऑस्कर्स प्रस्तुत करने वाले जॉनी कार्सन, बिली क्रिस्टल, एलेन डीजेनेरेस जैसी हस्तियों के साथ शामिल कर लिए है। इस खबर से खुश नील कहते हैं, "सचमुच यह मेरे लिए सम्मान और थ्रिल का समाचार है।" नील ने टीवी के ज़रिये खुद को काफी पॉपुलर साबित किया है। दुनिया में बड़ी संख्या में उनके प्रशंसक हैं. अकादमी अवार्ड्स २२ फरवरी २०१५ को डॉल्बी थिएटर हॉलीवुड में पेश किये जायेंगे। इन्हे दुनिया में एबीसी नेटवर्क प्रसारित करेगा। अब २२ फरवरी को ही मालूम पड़ेगा कि ऑस्कर्स को बिली के आकर्षण से और बिली को ऑस्कर पुरस्कारों की विश्वव्यापी लोकप्रियता से कितना लाभ मिलता है !
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पीके आमिर खान के पोस्टर में कौतुक अंदाज़ में अनुष्का शर्मा
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Poster
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Wednesday, 15 October 2014
‘Bhai Ka Maal Hai’ launched its music
Real Tasty Movies (RTM) TECHNOLOGIES PVT LTD’s Hindi
feature film BHAI KA MAAL HAI launched its music at Hotel Sukh in Juhu.
Celebs present at the event were Udit Narayan, Sunil Pal, Aanchal, Anil
Gyal, Monalisa and others. Chief Guests were Adhwesh Goyal.jt.Director
(EARTH INFRASTRUCTURE LTD). Rakesh Gupta , Ashok Agrawal(KAPOOR
INDUSTRIES) and Raman Bansal.
Film has completed its major schedule at major, historical
locations of Delhi NCR. Besides the talkie time, one song, ‘karde Reham
Mere Allah’ was also picturised on lead Anil Goyal with other star cast
Sanjay Talwar and Siraj Khan. A laugh riot, it is the story of a village
simpleton mired in confusion of marriage and money.
The film is starring Anil Goyal, Aanchal Mehta, , Milind
Gunaji, Himani Shivpuri, Sunil Pal, Amita Nangia, Mustak Khan, Ehsaan
Khan, Sajay Talwar, Shashi Kiran, Karishma, Sneha, KK Goswami, Ehsaan
Khan,Maira Singh and Siraj Khan.
Film is directed by Anil Agarwal, Music is penned by
Parivesh Singh and singers are Baba Sehgal, Udit Narayan, Krishna, Neha
Rajpal, Ritu Pathak, Amit Sharma, Ragini and Shail Hada. Music is on SRK
Music. Screenplay is done by Karan Nischal where in the story and
dialogues are by Priyanka Dube & Anil Goyal, DOP is Manoj Sati,
Choreography is by Amrit, Co-producer's are Ashok Agarwal, Rakesh Gupta
and Sushil Goyal.
RTM Technologies have earlier produced and released two animation films Krackers and Icy-N-Spicy. RTM technologies Pvt ltd, a Delhi based company, is well
known company with the background in IT industry, animation and
multi-media. Primarily aimed at the education
industry, their main product EDUCON is a fully configured
computer deliverable multimedia software package. It is programmed to be
deliverable over a number of computers connected in a local area
network. They have been producing 3D animation programme for education
purposes since past nine years.
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गीत संगीत
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