इंटरनेशनल हीरो एक छोटे बजट की एक फिल्म है। इस मे कोई नामचीन एक्टर नहीं है। लेकिन, फिल्म का विषय हिन्दू मुस्लिम एकता पर मज़बूत और समसामयिक सन्देश देने वाला है। फिल्म के निर्माता संजय निरंजन को अपनी फिल्म पर भरोसा है। उन्हें विश्वास है कि यह फिल्म किसी भी बड़ी फिल्म से ज्यादा अच्छा बिज़नेस करेगी। इंटरनेशनल हीरो में चक दे! इंडिया और अब तक छप्पन जैसी फिल्म में सशक्त भूमिका करने वाले अभिनेता नकुल वैद मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म में उनकी नायिका गुरलीन चोपड़ा हैं, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत हिंदी फिल्म इंडियन बाबू से की। कुछ तो गड़बड़ है और भागमभाग जैसी फिल्मों के बावजूद गुरलीन का बॉलीवुड में करियर गड़बड़ ही रहा। इस समय वह तमिल और पंजाबी फिल्मों में व्यस्त हैं। वह कोई नौ साल बाद किसी हिंदी फिल्म में फिर नज़र आएंगी। इन दोनों के अलावा, इंटरनेशनल हीरो में जतिन ग्रेवाल, कादर खान, शगुफ्ता अली, शाहबाज़ खान, शिवा, पुनीत इस्सर आदि भी ख़ास भूमिका में हैं। इंटरनेशनल हीरो के लेखक, निर्माता और निर्देशक संजय निरंजन ही हैं। यह फिल्म अगले सप्ताह समस्त भारत में प्रदर्शित हो रही है।
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Friday, 23 January 2015
हिन्दू मुस्लिम एकता पर फिल्म है 'इंटरनेशनल हीरो'
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ये ल्लों !!!
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
कर्णप्रिय संगीत के चार शानदार दशक
शेमारू एंटरटेनमेंट के बॉक्स सेट 'द ग्लोरियस डिकेडस' अपने टाइटल की तरह शानदार है। बारह डीवीडी के इस सेट में पचास के दशक से अस्सी के दशक तक के संगीत के मौलिक गीतों के वीडियो को शामिल किया गया है। प्रत्येक दशक के १०१ गीत ३-३ डीवीडी के सेट में शामिल है। इस प्रकार से दर्शकों को १९५०, १९६०, १९७० और १९८० के दशक के लोकप्रिय और कर्णप्रिय १०१ गीतों के वीडियो के ज़रिये देखने-सुनने का मौका मिलेगा। इस प्रकार संगीत प्रेमी १२ डीवीडी में ४०४ मधुर गीतों का आनंद ले सकेंगे।
हिंदी फिल्मों के संगीत में १९५० का दशक स्वर्ण काल माना जाता है। इस दशक में विभिन्न संगीतकारों ने फिल्म संगीत में नए नए प्रयोग किये। नौशाद और शंकर-जयकिशन ने 'ऑर्केस्ट्रा' का इस्तेमाल करना शुरू किया। एस डी बर्मन और सलिल चौधरी लोक धुनों का थोड़े पाश्चात्य लय में मिश्रण कर संगीत बना रहे थे। मदन मोहन और ओ पी नय्यर ने इन सबसे हट कर अपनी पहचान बनाई। इस दौर में लता मंगेशकर, मोहम्मद रफ़ी और मुकेश शीर्ष पर थे।
अस्सी के दशक को बिजली सी चमक और धमक वाले संगीत का दशक कहा जाता है। यह वह समय था जब सनी देओल, कुमार गौरव, संजय दत्त, आदि सितारा पुत्रों ने बॉलीवुड फिल्मों के सिंहासन पर कब्ज़ा ज़माने की कोशिश की। मिथुन चक्रवर्ती के आने पर बप्पी लाहिरी का डिस्को युवाओं में क्रेज बन गया। बप्पी लाहिरी ने लोकप्रियता का लाभ उठाते हुए कीर्तिमान संख्या में फिल्मों में संगीत दिया। इस दौर में उन्हें आरडी बर्मन और लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के समकक्ष रखा गया।
इस सेट के तमाम गीत देखते सुनते समय श्रोता संगीत का फर्क समझ सकेंगे। इसमे कोई शक नहीं कि इन चारों दशकों का संगीत लुभाने, झुमाने और चकाचौंध करने वाला था। इस डीवीडी सेट के हर दशक के सेट को अलग अलग भी खरीदा जा सकता है।
हिंदी फिल्मों के संगीत में १९५० का दशक स्वर्ण काल माना जाता है। इस दशक में विभिन्न संगीतकारों ने फिल्म संगीत में नए नए प्रयोग किये। नौशाद और शंकर-जयकिशन ने 'ऑर्केस्ट्रा' का इस्तेमाल करना शुरू किया। एस डी बर्मन और सलिल चौधरी लोक धुनों का थोड़े पाश्चात्य लय में मिश्रण कर संगीत बना रहे थे। मदन मोहन और ओ पी नय्यर ने इन सबसे हट कर अपनी पहचान बनाई। इस दौर में लता मंगेशकर, मोहम्मद रफ़ी और मुकेश शीर्ष पर थे।
साठ का दशक रोमांस का दशक था। मीठा रोमांस भरा संगीत दर्शकों को लुभा रहा था। इस दशक में आशा भोंसले को ओ पी नय्यर का संरक्षण मिला। वह बहन लता मंगेशकर के साथ बॉलीवुड फिल्मों के गीतों की मुख्य पार्श्व गायिका बन गयी। किशोर कुमार भी अभिनय को किनारे कर, गायिकी में रम रहे थे।
सचिन दा के बेटे राहुल देव बर्मन ने सत्तर के दशक के हिंदी फिल्म संगीत की दिशा ही बदल दी। सस्पेंस और रोमांस से भरपूर हिंदी फिल्मों के निर्माताओं के वह पसंदीदा संगीतकार थे। नय्यर के बाद आरडी बर्मन उर्फ़ पंचम ने आशा भोंसले की आवाज़ का बढ़िया उपयोग किया। कहा जा सकता है कि पंचम ने भारतीय संगीत को देखने वाली दृष्टि ही बदल दी। इसी दौर में, लक्ष्मीकांत और प्यारेलाल की जोड़ी भारत की मिटटी में रची बसी धुनों को लोकप्रिय बना रहे थे। अस्सी के दशक को बिजली सी चमक और धमक वाले संगीत का दशक कहा जाता है। यह वह समय था जब सनी देओल, कुमार गौरव, संजय दत्त, आदि सितारा पुत्रों ने बॉलीवुड फिल्मों के सिंहासन पर कब्ज़ा ज़माने की कोशिश की। मिथुन चक्रवर्ती के आने पर बप्पी लाहिरी का डिस्को युवाओं में क्रेज बन गया। बप्पी लाहिरी ने लोकप्रियता का लाभ उठाते हुए कीर्तिमान संख्या में फिल्मों में संगीत दिया। इस दौर में उन्हें आरडी बर्मन और लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के समकक्ष रखा गया।
इस सेट के तमाम गीत देखते सुनते समय श्रोता संगीत का फर्क समझ सकेंगे। इसमे कोई शक नहीं कि इन चारों दशकों का संगीत लुभाने, झुमाने और चकाचौंध करने वाला था। इस डीवीडी सेट के हर दशक के सेट को अलग अलग भी खरीदा जा सकता है।
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गीत संगीत
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
दिल्ली और मुंबई में सरकारी बाबुओं और नेताओं ने भी देखी 'बेबी' (फोटो)
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पब्लिक टॉयलेट में चेंज करना पड़ा आयुष्मान को
अपनी अपकमिंग फिल्म हवाईजादा में आयुष्मान खुराना एक ऐसे साइंटिस्ट का किरदार निभा रहें हैं, जिन्होंने राइट ब्रदर्स से पहले ही एयरक्राफ्ट की रचना कर दी थी। इस फिल्म की शूटिंग वेस्ट बंगाल, बिहार और गुजरात के रिमोट एरिया में की गई है । रिमोट एरिया में शूटिंग करना हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। इस दौरान एक्टर्स को कई बार अपने कंफर्टजोन से निकलना पड़ता है। हाल ही में हवाईजादा की शूटिंग के दौरान आयुष्मान खुराना को भी इसी प्रॉब्लम से गुजरना पड़ा। आयुष्मान को शूटिंग के लिए अपनी कॉस्ट्यूम एक पब्लिक और काम चलाऊ टॉयलेट में जाकर बदलना पड़ा, क्योंकि उस एरिया में वेनिटी वैन लेकर जाना नामुमकिन था। प्रॉडक्शन टीम भी यह मानती है कि आयुष्मान बेहद सपोर्टिव एक्टर हैं। उन्होंने शॉट के लिए तुरंत पब्लिक टॉयलेट में जाकर बिना किसी कंपलेन के ड्रेस चेंज कर लिया। फिल्म के डायरेक्टर विभु पुरी इस सिचुएशन से काफी शर्मिंदा थे, वे कहते हैं, "मुझे काफी बुरा लग रहा है कि आयुष्मान को पब्लिक एरिया के टॉयलेट में जाना पड़ा। वे काफी सपोर्टिव और प्रफेशनल हैं, उन्हें सिर्फ शॉट बेहतर हो इसी से मतलब होता था।"
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ये ल्लों !!!
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फिल्म 'बदमाशियां' का टीज़र लांच (फोटो)
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Thursday, 22 January 2015
'बी पॉजिटिव' के प्रचार में हॉलीवुड की समीरा
समीरा मोहम्मद अली लंदन से हैं। पिता यूनाइटेड अरब एमिरेट्स के मुस्लिम हैं। वह मशहूर मॉडल हैं। उन्होंने कैफ विज्ञापन फ़िल्में की हैं। निर्माता सोहेल खोज की फिल्म 'बी पॉजिटिव' उनकी पहली हिंदी फिल्म है। हालाँकि, वह तीन चार इंग्लिश फिल्मों में अभिनय कर चुकी हैं। यों, उनके फेसबुक और ट्विटर पेज पर उनकी उत्तेजक मुद्राओं वाली फोटो देखी जा सकती हैं। लेकिन, फिल्म मौली क्रोज में उन्होंने शराबी माँ का किरदार कर प्रशंसा भी बटोरी है । वेंकटेश कुमार निर्देशित फिल्म 'बी पॉजिटिव' कुल छह भाषाओँ में बनाई जानी हैं। फिलहाल, यह फिल्म तीन भाषाओँ इंग्लिश, हिंदी और कन्नड़ में बनाई जा रही है। कन्नड़ संस्करण का बॉक्स ऑफिस रिजल्ट देख दूसरी भाषाओँ में फिल्म बनाई जाएगी। वेंकटेश कुमार दावा करते हैं कि वह पहले भारतीय निर्देशक हैं, जिसने इंग्लिश के अलावा पांच अन्य भाषाओँ में बनाई जा रही किसी हॉलीवुड फिल्म का निर्देशन किया है। इस फिल्म में समीरा के अलावा राज पुरोहित और निवेदिता बिसवाल भी हैं। अपनी इस फिल्म के प्रमोशन के सिलसिले में समीरा पिछले दिनों मुंबई भी आयी थी।
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गीत संगीत
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Clinic Plus confers scholarship to middle-school girls till they complete their schooling
Over the years, Clinic Plus has instituted various initiatives to strengthen mother and daughter relationship, by empowering them. To add more force to their unwavering brand commitment, Clinic Plus launched its secondary education scholarship programme for girls to aid them complete their schooling.
In its first year, 200 school girls from financially underprivileged backgrounds, but with exceptional academic & co-curricular records were awarded with the scholarship to pursue and complete their education. To celebrate this significant occasion, the brand hosted a felicitation ceremony to award some of the winners over a gala ceremony in Mumbai. The felicitation ceremony was attended by renowned celebrity mother-daughter duo Sharmila Tagore – Soha Ali Khan. They have shown their support for the brand and its initiative since launch last year.
In the first year itself, the Clinic Plus Scholarship Programme received an overwhelming response with more than 2.5 million people calling to support the cause and over 10,000 applications from across India. The responsibility of selecting the qualifiers was given to a panel, formed by credible individuals from education, law and social service field. Prof. Dr. Vibhuti Patel, Head Department of Economics, SNDT Women’s University; Dr. Harshada Rathod, Principal, Maniben Nanavati Women’s College; Dr. Marcario Fernandes, Social Activist; Mrs. Josephine Rodricks, Teacher, Villa Theresa High School; Mr. Vivek Daswaney, Solicitor, V Law Partners, amongst many others worked closely with Clinic Plus to nominate final candidates, and ensured that the most-deserving girls were granted the scholarship.
Speaking on the occasion, Srirup Mitra, General Manager, Hair, HUL said, "We are extremely happy to reward these young girls with scholarships, as they have the ambition to achieve, despite all limitations. With the Clinic Plus Scholarship Programme, we want to help provide the girl child with a strong foundation for a stronger tomorrow. It is a great moment for us, as we have received overwhelming response from across India and we hope that with each year we get to make this initiative bigger and better.”
Sharmila Tagore said, “I have always believed that girl’s education as a cause is very important in our country, and I have always tried to do my bit for this cause. I’m happy to be part of this occasion, as I believe in Clinic Plus’ philosophy and I want congratulate them for this successful endeavor. Clinic Plus scholarship felicitation ceremony is a celebratory moment for both girls and their mothers, and it is my pleasure to be part of this joyous occasion.”
Clinic Plus’ Scholarship Program is one such initiative that has awards scholarships to secondary and higher secondary school girls from rural backgrounds, socio-economic strata of society. In a country like India, where the dropout rates of girls in middle school are high, the brand’s program has helped and encouraged these girls to complete their schooling without any hurdles.
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आज जी
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
वाघा बॉर्डर पर विपुल मेहता का 'वन्दे मातरम'
इंडियन आइडल ६ के विजेता और संगीत जगत में बड़ी तेज़ी से अपनी पहचान बनाते जा रहे विपुल मेहता ने भारतीय सैनिकों को सम्मान देने के उद्देश्य से गाये 'वन्दे मातरम' को सैनिको के समक्ष रिलीज़ किया। इस एल्बम के गीत सैन्य अधिकारी अजय सहगल द्वारा लिखा गया है। यह आयोजन भारत और पाकिस्तान की सीमा पर 'वाघा बॉर्डर' में हुआ। यह सभी जानते हैं कि वाघा बॉर्डर पर रोज ही पारम्परिक परेड का आयोजन होता है। इसे देखने दूर दूर से लोग आते है। जिस दिन विपुल मेहता ने अपने सिंगल 'वन्दे मातरम' को वाघा पर लांच किया, उस दिन बड़ी संख्या में आम जान और सैनिक अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे। विपुल ने २०१२ में इंडियन आइडल का छठां सीजन जीता था। इस जीत के बाद विपुल का एल्बम 'हेलो नमस्ते सत श्री अकाल' यूनिवर्सल द्वारा रिलीज़ किया गया। 'वन्दे मातरम' को भी यूनिवर्सल म्यूजिक द्वारा जारी किया गया है। अपने एल्बम के बारे में विपुल कहते हैं, "सैनिक हमारे देश की सीमा पर रक्षा करते हैं। तभी हम सुरक्षित हैं। ऐसे समय में जब अजय सहगल के बोलों को सुना तो मुझे लगा कि हम अपनी श्रद्धांजलि के लिए इसे इस्तेमाल कर सकते हैं। भारतीय सैनकों के लिए यह मेरी छोटी सी भेंट है।" इस साल, विपुल मेहता के गाये गीतों वाली फिल्म 'वेडिंग पुलाव' रिलीज़ होगी। एक सिंगल 'रूबरू' भी इसी साल रिलीज़ होना है।
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Wednesday, 21 January 2015
जैक्विलिन फर्नान्डीज़ ने किया अलग शैली में बैले (फोटो)
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फोटो फीचर
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षमिताभ का म्यूजिक लांच (चित्रों में)
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लो आ गए डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी
डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी का ट्रेलर।
निर्माता निर्देशक दिबाकर बनर्जी की यह फिल्म १९४० के दशक के, द्वितीय विश्व युद्ध से हलकान कलकत्ता के एक छात्र की है, जो अपनी बुद्धि के बल पर कई पेचीदा मामलों को सुलझाता है। इस फिल्म के निर्देशक दिबाकर बनर्जी खोसला का घोसला और शंघाई जैसी फ़िल्में बना चुके हैं। फिल्म में डिटेक्टिव दादा का किरदार सुशांत सिंह राजपूत कर रहे हैं। शरदेन्दु बंदोपाध्याय की कहानी पर यह फिल्म ३ अप्रैल को रिलीज़ होगी।
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ट्रेलर
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अली ने कहा, ‘’पहली बात तो मैंने देबीना के साथ ऐसे कोई दृश्य शूट ही नहीं किये हैं
हाल ही में एक खबर आई थी जिसमें गुरमीत चौधरी ने फिल्म ‘खामोशियां’ में देबिना के साथ अली फज़ल के अंतरंग दृश्यों को फिल्म से हटाये जाने की मांग की थी लेकिन मज़े की बात यह है क़ि इस सिलसिले में अली को कोई जानकारी ही नहीं है। सूत्रों की मानें तो फिल्म की प्रमोशन में लगे अली को जब यह बात अपने एक करीबी मित्र और ट्विटर से मिली तो वह हैरान रह गये क्योंकि देबीना के साथ ऐसा कोई सीन उन्होंने शूट ही नहीं किया था जिसे लेकर गुरमीत इस तरह की मांग करें. जब अली से इस सिलसिले में बात की गयी तो अली ने कहा, ‘’पहली बात तो मैंने देबीना के साथ ऐसे कोई दृश्य शूट ही नहीं किये हैं जिससे गुरमीत को परेशानी हो. फिर भी अगर फिल्मकार, फिल्म से कुछ दृश्यों को हटाना चाहे तो ये पूरी तरह से निर्माता महेश भट्ट, मुकेश भट्ट और हमारे निर्देशक का फैसला है. कौन से सीन हटाये जाये और कौन से नहीं इससे किसी कलाकार को कोई लेना देना नहीं और ना ही इससे मुझमें किसी तरह की कोई असुरक्षा की भावना है.’’ वैसे अली के इस बयान से यह बात तो साफ हो गयी कि देबीना और उनके बीच कोई अंतरंग दृश्य नहीं. फिर भी फिल्म के प्रोमो काफी चैलेंजिंग लग रहे हैं.
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ये ल्लों !!!
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गर्मियों की फिल्मों की रानी जूडी ग्रीअर
जूडी ग्रीअर को उनकी कॉमेडी फिल्मों के लिए जाना जाता है। अरेस्टेड डेवलपमेंट, टू एंड अ हाफ मेन, द वेडिंग प्लानर, १३ गोइंग ऑन ३०, २७ ड्रेसेस एंड लव, आदि फिल्मों में अपनी हास्य भूमिकाओं से जूडी ने दर्शकों को प्रभावित किया। पिछले साल गर्मियों में रिलीज़ फिल्म 'डॉन ऑफ़ द प्लेनेट ऑफ़ द एप्स' में जूडी मादा चिम्पांजी और फिल्म के मुख्य चरित्र सीजर की पत्नी कोर्नेलिया की भूमिका में काफी मुखर थी। 'डॉन ऑफ़ द प्लेनेट ऑफ़ द एप्स' को बड़ी सफलता मिली थी। इस साल, जूडी की पांच फ़िल्में रिलीज़ होनी हैं। इनमे दो फ़िल्में 'जुरैसिक वर्ल्ड' और 'अंट-मैन' ख़ास हैं, जो इन गर्मियों में रिलीज़ होंगी। इसलिए, उन्हें क्वीन ऑफ़ समर अर्थात गर्मियों की फिल्मों की रानी कहा जा सकता है। उनकी, फिल्म 'अंट-मैन' में मैगी की भूमिका खालिस कॉमेडी है। मार्वेल के नए सुपर हीरो अंट-मैन में फिल्म का मुख्य किरदार स्कॉट लैंग को सुपर पावर रखने वाली चींटी बन जाने की क्षमता हासिल है। इस भूमिका को पॉल रड कर रहे हैं। जूडी, फिल्म में पॉल की पूर्व पत्नी और उसकी बच्ची कसी की माँ बनी हैं। लेकिन, मैगी की भूमिका हास्य प्रधान है। वास्तविकता तो यह है कि पूरी फिल्म ही हास्य प्रसंगो से भरी हुई है। जूडी आई डोंट नो व्हाट यू नो मी फ्रॉम: कॉन्फेशन ऑफ़ अ को-स्टार की लेखिका हैं। उन्होंने ऑनलाइन हेल्थ सीरीज 'रिलक्टेंट हेल्थी' भी की है। उनके खाते में मैरिड और आर्चर सीरीज भी दर्ज़ हैं।
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Hollywood
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इराकी विद्रोही के लिए 'डेविल ऑफ़ रमादी' था 'अमेरिकन स्नाइपर'
क्लींट ईस्टवूड की 'अमेरिकन स्नाइपर' ने बॉक्स ऑफिस पंडितों को चौंका दिया है। पूरा विश्व अमेरिकन स्नाइपर के आकर्षण में बंधा सिनेमाघरों में चला आ रहा है। क्लींट ईस्टवूड निर्देशित फिल्म 'अमेरिकन स्नाइपर' ने वर्ल्ड वाइड ९०.२ मिलियन डॉलर का कलेक्शन किया है। यह कलेक्शन इस मायने में चौंकाऊ है कि फिल्म ने पिछले साल जनवरी में वीकेंड का रिकॉर्ड बनाने वाली फिल्म 'राइड अलोंग' के रिकॉर्ड को दोगुनी बढ़त के साथ पछाड़ा है। पिछले साल १७ जनवरी को रिलीज़ कॉमेडी फिल्म 'राइड अलोंग' ने ४१.५ मिलियन डॉलर का कलेक्शन किया था। ज़ाहिर है कि 'अमेरिकन स्नाइपर' ने 'राइड अलोंग' से दोगुना ज़्यादा वीकेंड बिज़नेस किया है। इसके बावजूद 'अमेरिकन स्नाइपर' किसी आर-सर्टिफिकेट प्राप्त फिल्म के कलेक्शन से पीछे रही है। आर फिल्मों के कलेक्शन के लिहाज़ से कीआनु रीव्स की २००३ में रिलीज़ विज्ञानं फंतासी फिल्म 'द मैट्रिक्स रीलोडेड' सबसे आगे है। मैट्रिक्स त्रयी की दूसरी फिल्म ने ९१. ८ मिलियन डॉलर का वीकेंड किया था।
बहरहाल, भारतीय फिल्म दर्शकों को ब्रेडले कूपर और सिएना मिलर अभिनीत इस वॉर ड्रामा फिल्म के बारे में जानने की उत्सुकता होगी। 'अमेरिकन स्नाइपर' एक वास्तविक चरित्र है। यह फिल्म २०१३ में अपने साथियों के हाथों मारे गए क्रिस काइल पर फिल्म है। क्रिस काइल अमेरिकी नेवी सील का खतरनाक निशानेबाज़ था। अमेरिकी सेना के इतिहास का वह अकेला निशानेबाज़ था, जिसने इराक के साथ युद्ध में अधिकारिक रूप से १६० लोगों को मार गिराया था। यह आंकड़े उसकी रिकॉर्ड बुक में दर्ज़ हैं। परन्तु, उन २५५ लोगों की संख्या इसमे शामिल नहीं है,जिसके लिए वह जिम्मेदार माना जाता था, लेकिन उनका कोई चश्मदीद गवाह नहीं था। वह कितना खतरनाक सैनिक था, इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि इराकी विद्रोही उसे 'डेविल ऑफ़ रमादी' कहते थे। ८ अप्रैल १९७४ को पैदा क्रिस्टोफर स्कॉट 'क्रिस' क्रीले को कई सैन्य पुरस्कार मिले। २००९ में क्रिस अमेरिकी सेना से सेवा निवृत हो गया। इसके बाद उसने अपनी आत्मकथा 'अमेरिकन स्नाइपर' लिखी, जो खूब बिकी। इसी खतरनाक निशानेबाज़ की लिखी पुस्तक पर है क्लींट ईस्टवूड की फिल्म 'अमेरिकन स्नाइपर'। इस फिल्म में क्रिस क्रीले की भूमिका अभिनेता ब्रेडले कूपर ने की है। ८७वे एकेडेमी अवार्ड्स में 'अमेरिकन स्नाइपर' को श्रेष्ठ फिल्म, श्रेष्ठ पटकथा रूपांतरण और ब्रैडले कूपर के श्रेष्ठ अभिनेता के नामांकन सहित छह श्रेणियों में नामित किया गया है।
बहरहाल, भारतीय फिल्म दर्शकों को ब्रेडले कूपर और सिएना मिलर अभिनीत इस वॉर ड्रामा फिल्म के बारे में जानने की उत्सुकता होगी। 'अमेरिकन स्नाइपर' एक वास्तविक चरित्र है। यह फिल्म २०१३ में अपने साथियों के हाथों मारे गए क्रिस काइल पर फिल्म है। क्रिस काइल अमेरिकी नेवी सील का खतरनाक निशानेबाज़ था। अमेरिकी सेना के इतिहास का वह अकेला निशानेबाज़ था, जिसने इराक के साथ युद्ध में अधिकारिक रूप से १६० लोगों को मार गिराया था। यह आंकड़े उसकी रिकॉर्ड बुक में दर्ज़ हैं। परन्तु, उन २५५ लोगों की संख्या इसमे शामिल नहीं है,जिसके लिए वह जिम्मेदार माना जाता था, लेकिन उनका कोई चश्मदीद गवाह नहीं था। वह कितना खतरनाक सैनिक था, इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि इराकी विद्रोही उसे 'डेविल ऑफ़ रमादी' कहते थे। ८ अप्रैल १९७४ को पैदा क्रिस्टोफर स्कॉट 'क्रिस' क्रीले को कई सैन्य पुरस्कार मिले। २००९ में क्रिस अमेरिकी सेना से सेवा निवृत हो गया। इसके बाद उसने अपनी आत्मकथा 'अमेरिकन स्नाइपर' लिखी, जो खूब बिकी। इसी खतरनाक निशानेबाज़ की लिखी पुस्तक पर है क्लींट ईस्टवूड की फिल्म 'अमेरिकन स्नाइपर'। इस फिल्म में क्रिस क्रीले की भूमिका अभिनेता ब्रेडले कूपर ने की है। ८७वे एकेडेमी अवार्ड्स में 'अमेरिकन स्नाइपर' को श्रेष्ठ फिल्म, श्रेष्ठ पटकथा रूपांतरण और ब्रैडले कूपर के श्रेष्ठ अभिनेता के नामांकन सहित छह श्रेणियों में नामित किया गया है।
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'हंटर' को लेकर उत्साहित है राधिका आप्टे
निर्देशक श्रीराम राघवन की फिल्म ‘बदलापुर’ की रिलीज़ का इंतज़ार कर रही राधिका आप्टे जल्द ही अनुराग कश्यप तथा फैंटम फिल्म्स के बैनर तले बनीं फिल्म ‘हंटर’ में नज़र आनेवाली हैं। 20 मार्च को रिलीज़ होने जा रही इस फिल्म में राधिका आप्टे, गुलशन देवैंया के ऑपोज़िट नज़र आएंगी। ‘शोर इन द सिटी’ में चुनौतीपूर्ण भूमिका में नज़र आईं राधिका आप्टे एक ऐसी कलाकार हैं, जिन्हे चुनौतियों सामना करना पसंद है । हिंदी और मराठी फिल्मों की चर्चित नायिका बन चुकी राधिका ‘बदलापुर’ के साथ ‘हंटर’ को लेकर काफी उत्साहित हैं। फैंटम फिल्म्स के बैनर तले बनीं इस फिल्म का निर्देशन हर्षवर्धन कुलकर्णी ने किया है। यह हर्ष की पहली फिल्म है। सूत्रों की मानें तो ‘हंटर’ को लेकर राधिका इसलिए भी उत्साहित हैं क्योंकि ड्रामा और कॉमेडी का यह संगम भारतीय दर्शकों के लिए काफी नया होगा। खबर है कि इस फिल्म में सेक्स का ज़बर्दस्त तडका है लेकिन राधिका की मानें तो सेक्स की बजाय इसका ह्यूमर बेमिसाल है। हाल ही में फिल्म के ट्रेलर लॉंच के दौरान राधिका ने बताया, ‘’जब मैंने इस फिल्म की कहानी पढी तो मेरा मुंह खुला का खुला रह गया। इसकी कहानी इतनी तीक्ष्ण है कि मैं काफी देर तक इसी के बारे में सोचती रही। मुझे लगता है इसकी तीक्ष्णता ही इसकी विशेषता है। साथ ही इस कहानी का निर्लज्ज होना मेरे लिए बहुत खास है। इस फिल्म के लिए हां कहने की सबसे बडी वजह थी इसका निर्लज्ज होना ही थी। सच कहूं तो मैं बडी ही बेसब्री से 20 मार्च को फिल्म रिलीज़ का इंतज़ार कर रही हूं। मैं चाहती हूं अधिक से अधिक दर्शक इसे देखें और सराहें। मुझे यक़ीन है अपने जीवनकाल में ऐसी फिल्म उन्होंने बिल्कुल नहीं देखी होगी।’’
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हस्तियां
मैं हिंदी भाषा में लिखता हूँ. मुझे लिखना बहुत पसंद है. विशेष रूप से हिंदी तथा भारतीय भाषाओँ की तथा हॉलीवुड की फिल्मों पर. टेलीविज़न पर, यदि कुछ विशेष हो. कविता कहानी कहना भी पसंद है.
कौन होगा करीना कपूर का 'उड़ता पंजाब' ?
फिलहाल, 'उडता पंजाब' करीना कपूर खान के इर्द गिर्द घूम रही है। अभिषेक चौबे की इस फिल्म में शाहिद कपूर और अलिया भट्ट भी हैं, लेकिन सुर्खियां करीना कपूर को ही मिल रही हैं। सबसे पहले खबर गर्म हुई कि शाहिद कपूर और करीना कपूर निर्देशक अभिषेक चौबे की फिल्म में काम करेंगे। अभिषेक चौबे 'इश्क़िया' जैसी हिट और 'डेढ़ इश्क़िया' जैसी फ्लॉप फिल्म बना चुके हैं। उनकी 'इश्क़िया' वाली प्रतिष्ठा बनी हुई है। इसी प्रतिष्ठा का नतीजा था माधुरी दीक्षित का 'डेढ़ इश्क़िया' मंज़ूर करना। इन्ही कारणों से करीना कपूर ने 'उड़ता पंजाब' को मंज़ूरी दी थी। करीना को फिल्म की स्क्रिप्ट भी पसंद आई थी। उस समय यह सवाल उठा था कि क्या कभी 'लव बर्ड' रहे शाहिद और करीना फिर स्क्रीन शेयर करेंगे? शाहिद कपूर ने पूछे जाने पर साफ़ कहा कि उन्हें करीना के साथ फिल्म करने में कोई ऐतराज़ नहीं। करीना कपूर से कभी यह सवाल पूछा ही नहीं गया। बहरहाल, फिर यह खबर उड़ी कि करीना कपूर ने 'उड़ता पंजाब' से आयुष्मान खुराना को उड़ा दिया यानि फिल्म से बाहर का रास्ता दिखा दिया। काफी दिनों बाद करीना कपूर की तरफ से साफ़ किया गया कि करीना कपूर फिल्म की स्क्रिप्ट और अपना रोल देखती हैं। कास्टिंग से उनका सरोकार नहीं होता। उन्होंने (करीना ने) आयुष्मान खुराना को 'उड़ता पंजाब' से बाहर नहीं करवाया। लेकिन, यह किसी ने साफ़ नहीं किया कि आयुष्मान फिल्म से बाहर क्यों हुए! यहाँ तक कि आयुष्मान ने भी नहीं। जैसे ही यह साफ़ हुआ कि करीना कपूर ने 'उड़ता पंजाब' को हाँ कर दी है, यह खबर सुर्ख हो गयी कि करीना कपूर फिल्म में साफ़ पंजाबी बोलने के लिए एक प्रोफेसर से पंजाबी बोलने की ट्रेनिंग ले रही हैं। ऐसा लगा जैसे करीना किसी हिंदी फिल्म में नहीं, पंजाबी फिल्म में काम कर रही हैं। करीना उसी कपूर खानदान की लड़की है, जिसके घर में पिता-चाचा, दादी और माँ सभी पंजाबी में ही बात करते हैं। ऐसे खानदान की बेटी को अपनी भाषा सीखने के लिए बाहर जाने की क्या ज़रुरत! पर किसी ने पूछा नहीं, करीना कपूर पंजाबी सीखती रहीं। अब एक ताज़ा खबर। 'उड़ता पंजाब' में करीना कपूर के 'खान' फवाद होंगे। इस पाकिस्तानी एक्टर को हिंदी फिल्म दर्शक सोनम कपूर के साथ फिल्म 'खूबसूरत' में देख चुके हैं। फव्वाद खान 'उड़ता पंजाब' में करीना कपूर के हीरो होंगे या नहीं, जल्द ही पता चल जायेगा। लेकिन, फिलहाल, इतना तो तय है कि 'उड़ता पंजाब' में शाहिद कपूर की नायिका करीना कपूर नहीं हैं। शाहिद कपूर की जोड़ी अपनी फिल्म 'शानदार' की जोड़ीदार अलिया भट्ट के साथ बन रही है। करीना कपूर खान ने आयुष्मान खुराना को न किया और अब वह एक पाकिस्तानी की जोड़ीदार बनेंगी। लेकिन,सबसे गहरा सवाल यह है कि करीना कपूर और शाहिद कपूर जोड़ी न सही, क्या स्क्रीन शेयर करेंगे ? इस सवाल का जवाब जानना हो तो अमिताभ बच्चन की फिल्म 'षमिताभ' की याद कीजिये। इसमे रेखा भी हैं। लेकिन, फिल्म में रेखा और अमिताभ बच्चन कभी एक फ्रेम में नज़र नहीं आएंगे।
अल्पना कांडपाल
अल्पना कांडपाल
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ये ल्लों !!!
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नर्गिस फाखरी की पहली हॉलीवुड फिल्म 'स्पाई'
काफी समय से खबरें आ रही थीं कि बॉलीवुड फिल्मों की अभिनेत्री नर्गिस फाखरी एक हॉलीवुड फिल्म करने जा रही हैं। अमूमन, बॉलीवुड के सितारे अपनी कथित हॉलीवुड फिल्मों का ज़िक्र प्रचार पाने के लिए करते रहते हैं। इसीलिए, नर्गिस की कथित हॉलीवुड फिल्म को भी नर्गिस का पब्लिसिटी स्टंट समझा गया। लेकिन,अब हकीकत सामने आ गयी है। नर्गिस फाखरी की पहली हॉलीवुड फिल्म का नाम 'स्पाई' है तथा यह फिल्म मई में रिलीज़ होगी। फॉक्स स्टार स्टूडियोज की फिल्म 'स्पाई' को पॉल फैग ने निर्देशित किया है। पॉल फैग ने 'ऑफ़ ब्राइड्समैड्स' और 'द हीट फेम' का निर्देशन किया है। इस अमेरिकन एक्शन कॉमेडी फिल्म में मेलिसा मैकार्थी, जुड लॉ और जैसन स्टेथम अन्य भूमिका में हैं। फिल्म 'स्पाई' में नर्गिस फाखरी एक सीक्रेट एजेंट का किरदार कर रही हैं। पिछले दिनों 'स्पाई' का ट्रेलर लांच हुआ। इस ट्रेलर में नर्गिस अपनी को-स्टार मेलिसा मैकार्थी से एक्शन करते नज़र आ रही है। फिल्म में मेलिसा सीआईए के एनालिस्ट सुसान कूपर के किरदार में हैं। जुड लॉ और जैसन स्टेथम दूसरे साथी एजेंट बने हैं। फिल्म की कहानी से 'स्पाई' मेलिसा के किरदार पर केंद्रित लगती है। क्योंकि,उनके किरदार को ही विश्व को बचाने के लिए कमान सम्हालनी पड़ती है।
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Tuesday, 20 January 2015
हॉलीवुड फिल्म 'वागाटोर मिक्सर' की शूटिंग पूरी
स्वर्गीय देव आनंद के बेटे सुनील आनंद की बतौर निर्माता पहली हॉलीवुड फिल्म 'वागाटोर मिक्सर' की शूटिंग पूरी हो गयी है। देसी विदेशी कास्ट वाली फिल्म 'वागाटोर मिक्सर' हिंदुस्तान की पहली हॉलीवुड फिल्म कही जा सकती है। सुनील आनंद ने इस फिल्म को हॉलीवुड की फिल्म निर्माता कंपनी जुनिक्स एंटरटेनमेंट के साथ मिल कर बनाया है। सुनील आनंद वागाटोर मिक्सर से अभिनय के क्षेत्र में फिर भाग्य आजमाना चाहते हैं। रोमांस, मार्शल आर्ट्स और एक्शन से भरपूर इस फिल्म में सुनील आनंद ही मुख्य भूमिका में है। सुनील ने मार्शल आर्ट्स विंग त्सुन की ईज़ाद की है। फिल्म के खलनायक इस फिल्म में निर्माता दीन बक्शी हैं। ऑब्रे फिल्म की नायिका हैं। ततानिया सह नायिका हैं, फिलिपोस गोवा के नशीली दवाओं के डीलर बने हैं, ब्लेक एफबीआई एजेंट का किरदार कर रहे हैं। वागाटोर मिक्सर की तमाम शूटिंग लॉस एंजेल्स और गोवा में हुई है। फिल्म की मार्शल आर्ट्स फाइट १०थ लेवल और एमओसी के ग्रैंड मास्टर लिङ्ग टिंग ने तैयार किये हैं। फिल्म की पटकथा डौग पोपोविच और रोलां मिंज ने लिखी है। छायांकन स्कोत्त मैकडोनाल्ड का है। फिल्म का निर्देशन सुनील आनंद ने किया है। वागाटोर मिक्सर इन गर्मियों में रिलीज़ होगी। क्या देवानंद के बेटे की अंतर्राष्ट्रीय वापसी हो सकेगी ?
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सेंसर बोर्ड चीफ पहलाज निहलानी की कैसी होगी पहल !
लीला सेमसन की राजनीतिक पैंतरेबाज़ी के कारण, उनका कुशासन थोड़ा पहले ख़त्म हो गया है। अब केंद्र सरकार ने उनकी जगह फिल्म निर्माता पहलाज निहलानी को नया बोर्ड चीफ बनाया है। बॉलीवुड को पहलाज को चीफ बनाने के केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत करना चाहिए। ख़ास बात यह है कि पहलाज खुद भी फिल्म उद्योग से हैं। उन्हें फिल्म बनाने और फिल्म वालों की संस्थाएं चलाने का अनुभव है। वह पिछले ३२ सालों से फिल्म उद्योग में हैं। इस दौरान उन्होंने कोई डेढ़ दर्जन फ़िल्में बनाई हैं। उन्हें माध्यम की समझ है। उद्योग की समस्या भी समझते हैं। उनकी बतौर निर्माता फ़िल्में एक्शन और कॉमेडी वाली मनोरंजक फ़िल्में हुआ करती थीं। उन्होंने हथकड़ी, आंधी तूफ़ान, इलज़ाम, आग ही आग, पाप की दुनिया मिटटी और सोना, शोला और शबनम, आग का गोला, आँखे, अंदाज़, आदि सुपर डुपेर हिट फ़िल्में बनाई हैं। उन्होंने अपनी फिल्म हिट कराने के लिए कभी सस्ते प्रचार या नायिका के अंग प्रदर्शन का सहारा नहीं लिया। गोविंदा और चंकी पाण्डेय जैसे एक्टरों का करियर उन्ही की फिल्मों से परवान चढ़ा। पहलाज फिल्म निर्माताओं की समस्या के प्रति हमेशा सजग रहे हैं। लीला सेमसन के भ्रष्ट सेंसर बोर्ड की कटु आलोचना करने वाले और फिल्म पारित कराने का रेट कार्ड बताने वाले पहलाज निहलानी अब सेंसर बोर्ड की सर्वोच्च कुर्सी पर हैं। हालाँकि, कहा जा सकता है कि उन्हें यह कुर्सी बीजेपी संसद शत्रुघ्न सिन्हा का साला होने के करने मिली। लेकिन, अगर उन्होंने सेंसर बोर्ड को भ्रष्टाचार से पर सजग संस्था साबित कर दिया तो उन पर 'चीफ साला' का दाग नहीं लग पायेगा।
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बॉलीवुड बॉक्स ऑफिस पर सोनम की 'डॉली की डोली' और अक्षय की 'बेबी'
इस साल का रिपब्लिक डे वीकेंड दिलचस्प होगा। पिछले कुछ सालों से बॉलीवुड की रिपब्लिक डे वीकेंड में खासी रूचि रही है। बड़े बजट और बड़े सितारों वाली फ़िल्में इस वीकेंड में रिलीज़ होती रही हैं। काफी फिल्मों ने सौ करोडिया बिज़नेस भी किया है। यही कारण है कि इस साल रिपब्लिक डे वीकेंड पर दो फ़िल्में रिलीज़ हो रही हैं। अक्षय कुमार की फिल्म 'बेबी' नाम से अलग एक देश भक्ति के जज़्बे वाली फिल्म है। नीरज गुप्ता की इस फिल्म में अक्षय कुमार ने इंटेलिजेंस एजेंट अजय सिंह राजपूत की भूमिका की है। अजय और उसके साथ आतंकवादी ताकतों का खत्म करने के लिए उनका काठमांडू,इस्ताम्बुल, अबु धाबी, आदि की विदेशी ज़मीन पर भी सामना करते हैं। इंडिपेंडेंस वीकेंड के दौरान दर्शकों में देश भक्ति के ज्वार को देखते हुए बेबी दर्शकों की प्रिय 'बेबी' फिल्म साबित हो सकती है। 'अ वेडनेसडे' और 'स्पेशल २६' जैसी फिल्मों से नीरज पाण्डेय ने साबित कर दिया है कि थ्रिलर थीम पर पकड़ के लिहाज़ से उनका कोई मुक़ाबला नहीं। उनका और अक्षय कुमार का फिल्म 'स्पेशल २६' में साथ रंग लाया था। अनुपम खेर इस रंग को चोखा करते हैं। इस बार तो 'बेबी' में इन दोनों के अलावा दक्षिण से राणा डग्गुबाती, केके और सुशांत सिंह जैसे सशक्त अभिनेताओं का भी साथ मिला है। तापसी पन्नू और मधुरिमा तुली ग्लैमर के रंग बिखेरेंगी। पाकिस्तान के दर्शकों के लिए उनके फिल्म और टीवी के दो अभिनेता रशीद नाज़ और मिकाल ज़ुल्फ़िकार को लिया गया है। भारतीय दर्शक भी रशीद नाज़ को फिल्म ' खुदा के लिए' से पहचानते हैं। ज़ी ज़िन्दगी से प्रसारित सीरियल 'धूप छाँव' और 'आइना दुल्हन का' के ज़रिये भारतीय दर्शक मिकाल ज़ुल्फ़िकार को भी पहचानते हैं। कुल मिला कर ऐसा लगता है जैसे रिपब्लिक डे वीकेंड 'बेबी' का होने जा रहा है। परन्तु कहानी में पेंच है। 'डॉली की डोली' भी आ रही है। एक चोरनी लड़की की शादी कर ठगी करने की 'डॉली की डोली' में सोनम कपूर डॉली की भूमिका में है। इस रोमकॉम फिल्म का निर्देशन अभिेषक डोगरा कर रहे है। फिल्म के निर्माता अरबाज़ खान हैं। उन्होंने दबंग और दबंग २ का निर्माण किया था। उनका बैनर अरबाज़ खान फिल्म्स बड़ा बैनर माना जाता है। इस लिहाज़ से वह 'डॉली की डोली' के प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। 'डॉली की डोली' में सोनम कपूर को भी राजकुमार राव, पुलकित सम्राट और वरुण शर्मा जैसे प्रतिभाशाली और युवा एक्टरों का साथ मिला है। सोनम ज़रूर चाहेंगी कि उनकी रोमांटिक कॉमेडी का रंग थ्रिलर पर चढ़ जाए। इसलिए सोनम कपूर और अक्षय कुमार की फिल्मों का मुक़ाबला दिलचस्प मोड़ पर है। अमूमन, नायक प्रधान फ़िल्में नायिका प्रधान फिल्मों पर बढ़त हासिल करती हैं। फिर 'बेबी' तो अक्षय कुमार जैसे अभिनेता की फिल्म है। इसलिए, हाल फिलहाल, डॉली से बेबी काफी आगे नज़र आ रही है। लेकिन, डॉली की डोली का कॉमेडी रोमांस दर्शकों को अपनी और खींचेगा। रिपब्लिक डे वीकेंड में संभावनाएं काफी है। दो फ़िल्में तो बॉक्स ऑफिस पर ज़लवा जमा सकती हैं। बस जलवा होना चाहिए! डॉली के पास तो मलाइका अरोरा खान का आइटम सांग जलवा है न !!!
रिपब्लिक डे वीकेंड में कितना दम है, इसे परखना हो तो पिछले पांच सालों के रिपब्लिक डे वीकेंड में रिलीज़ फिल्मों के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर नज़र डालनी होगी। पेश है ऎसी पांच साल की फ़िल्में-
जय हो- २०१४ में रिलीज़ सलमान खान की इस फिल्म से बॉलीवुड को काफी उम्मीदें थी। यह फिल्म आम आदमी से जुडी फिल्म भी बताई जा रही थी। यह प्रचारित किया जा रहा था कि सोये हुए शेर के उंगली मत करना, जाग गया तो फाड़ के रख देगा। लेकिन, बॉक्स ऑफिस पर सलमान खान की जय न हो सकी। हालाँकि, इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सौ करोड़ का बिज़नेस किया। लेकिन, अपनी बड़ी लागत के कारण 'जय हो' हिट फिल्म का तमगा नहीं पा सकी।
रेस २ और आकाशवाणी- रिपब्लिक डे वीकेंड २०१३ में तीन फ़िल्में रेस २ और आकाशवाणी के अलावा एनीमेशन मैं कृष्णा हूँ रिलीज़ हुई। रेस २ ने पहले वीकेंड में ६० करोड़ से ज़्यादा का बिज़नेस किया। आकाशवाणी को उत्तर भारत में ठीक ठाक बिज़नेस कर पाने में कामयाबी मिली। रेस २ और आकाशवाणी, दोनों ही फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट फिल्मों में शुमार हुई।
अग्निपथ- ह्रितिक रोशन पहली बार रिपब्लिक डे वीकेंड में अपना भाग्य आजमा रहे थे। उनकी करण मेहरोत्रा निर्देशित फिल्म 'अग्निपथ' बॉक्स ऑफिस पर एकछात्र राज कर रही थी। यह फिल्म इसी नाम की १९९० में रिलीज़ अमिताभ बच्चन की फिल्म का रीमेक थी। अग्निपथ के कारण १३ जनवरी को चालीस चौरासी, घोस्ट और साड्डा हक़ के बाद अगली फिल्म ३ फरवरी को ही रिलीज़ हुई। कटरीना कैफ के 'चिकनी चमेली' आइटम ने फिल्म को दर्शकों के बीच चर्चित बना रखा था। इसलिए फिल्म ने पहले ही २१.७६ करोड़ का रिकॉर्ड तोड़ बिज़नेस किया।
धोबी घाट- दिल तो बच्चा है जी- अजय देवगन चाहते थे कि वह अपनी फिल्म 'दिल तो बच्चा है जी' को एक्सटेंडेड रिपब्लिक डे वीकेंड २०११ का फायदा उठाने के लिए २८ जनवरी के बजाय २६ जनवरी को रिलीज़ करें। लेकिन, आमिर खान ने अपनी मज़बूत स्थिति का फायदा उठाते हुए, अजय को ऐसा नहीं करने दिया। क्योंकि, आमिर खान की बीवी किरण राव की फिल्म 'धोबी घाट' २१ जनवरी को रिलीज़ हुई थी। वह नहीं चाहते थे कि धोबी घाट को एक पूरा वीक न मिले। इसलिए उन्होंने वितरको के हाथ उमेठ कर अजय देवगन की फिल्म को २६ जनवरी को रिलीज़ होने से रोक दिया।
वीर-इश्क़िया- रण - २०१० की २६ जनवरी मंगलवार को पड़ी थी। इसे एक्सटेंडेड वीकेंड बनाने की कोशिशें सलमान खान ने वीर (२२ जनवरी) और अमिताभ बच्चन ने रण (२९ जनवरी) के ज़रिये की। लेकिन, यह दोनों ही फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से फ्लॉप हुई। बाज़ी मारी अभिषेक चौबे की विद्या बालन, नसीरुद्दीन शाह और अरशद वारसी अभिनीत फिल्म 'इश्क़िया' ने। एक बुरी औरत कृष्णा की भूमिका में विद्या बालन ने खुद के साथ फिल्म के लिए भी मैदान मार लिया।
रिपब्लिक डे वीकेंड में कितना दम है, इसे परखना हो तो पिछले पांच सालों के रिपब्लिक डे वीकेंड में रिलीज़ फिल्मों के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर नज़र डालनी होगी। पेश है ऎसी पांच साल की फ़िल्में-
जय हो- २०१४ में रिलीज़ सलमान खान की इस फिल्म से बॉलीवुड को काफी उम्मीदें थी। यह फिल्म आम आदमी से जुडी फिल्म भी बताई जा रही थी। यह प्रचारित किया जा रहा था कि सोये हुए शेर के उंगली मत करना, जाग गया तो फाड़ के रख देगा। लेकिन, बॉक्स ऑफिस पर सलमान खान की जय न हो सकी। हालाँकि, इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सौ करोड़ का बिज़नेस किया। लेकिन, अपनी बड़ी लागत के कारण 'जय हो' हिट फिल्म का तमगा नहीं पा सकी।
रेस २ और आकाशवाणी- रिपब्लिक डे वीकेंड २०१३ में तीन फ़िल्में रेस २ और आकाशवाणी के अलावा एनीमेशन मैं कृष्णा हूँ रिलीज़ हुई। रेस २ ने पहले वीकेंड में ६० करोड़ से ज़्यादा का बिज़नेस किया। आकाशवाणी को उत्तर भारत में ठीक ठाक बिज़नेस कर पाने में कामयाबी मिली। रेस २ और आकाशवाणी, दोनों ही फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट फिल्मों में शुमार हुई।
अग्निपथ- ह्रितिक रोशन पहली बार रिपब्लिक डे वीकेंड में अपना भाग्य आजमा रहे थे। उनकी करण मेहरोत्रा निर्देशित फिल्म 'अग्निपथ' बॉक्स ऑफिस पर एकछात्र राज कर रही थी। यह फिल्म इसी नाम की १९९० में रिलीज़ अमिताभ बच्चन की फिल्म का रीमेक थी। अग्निपथ के कारण १३ जनवरी को चालीस चौरासी, घोस्ट और साड्डा हक़ के बाद अगली फिल्म ३ फरवरी को ही रिलीज़ हुई। कटरीना कैफ के 'चिकनी चमेली' आइटम ने फिल्म को दर्शकों के बीच चर्चित बना रखा था। इसलिए फिल्म ने पहले ही २१.७६ करोड़ का रिकॉर्ड तोड़ बिज़नेस किया।
धोबी घाट- दिल तो बच्चा है जी- अजय देवगन चाहते थे कि वह अपनी फिल्म 'दिल तो बच्चा है जी' को एक्सटेंडेड रिपब्लिक डे वीकेंड २०११ का फायदा उठाने के लिए २८ जनवरी के बजाय २६ जनवरी को रिलीज़ करें। लेकिन, आमिर खान ने अपनी मज़बूत स्थिति का फायदा उठाते हुए, अजय को ऐसा नहीं करने दिया। क्योंकि, आमिर खान की बीवी किरण राव की फिल्म 'धोबी घाट' २१ जनवरी को रिलीज़ हुई थी। वह नहीं चाहते थे कि धोबी घाट को एक पूरा वीक न मिले। इसलिए उन्होंने वितरको के हाथ उमेठ कर अजय देवगन की फिल्म को २६ जनवरी को रिलीज़ होने से रोक दिया।
वीर-इश्क़िया- रण - २०१० की २६ जनवरी मंगलवार को पड़ी थी। इसे एक्सटेंडेड वीकेंड बनाने की कोशिशें सलमान खान ने वीर (२२ जनवरी) और अमिताभ बच्चन ने रण (२९ जनवरी) के ज़रिये की। लेकिन, यह दोनों ही फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से फ्लॉप हुई। बाज़ी मारी अभिषेक चौबे की विद्या बालन, नसीरुद्दीन शाह और अरशद वारसी अभिनीत फिल्म 'इश्क़िया' ने। एक बुरी औरत कृष्णा की भूमिका में विद्या बालन ने खुद के साथ फिल्म के लिए भी मैदान मार लिया।
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फिल्म पुराण
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