छठ पूजा के मौके पर बिहार में प्रदर्शित दो फिल्मों दोस्ताना और पवन पुत्र
की सफलता से,
बॉलीवुड चमत्कृत है और खुश भी लगता है । इन फिल्मों को देखने के लिए लोगों
की भीड़ बिहार के सिनेमाघरों में टूटी पड़ी है । ट्रेड
पंडित इन फिल्मों के उल्लेख करते हुए हिंदी फिल्म निर्माताओं को बता रहे हैं कि आम
जनता को लुभाने वाली फिल्म सिनेमाघरों को उबार सकती है । खुद करण जोहर ने भी
भोजपुरी दोस्ताना की सफलता पर लिखा कि ऐसी सफलता सभी दोस्ताना फिल्मों को मिले ।
उल्लेखनीय है कि करण जोहर की अगली फिल्म दोस्ताना २ है ।
क्या सिनेमाघरों में आयेंगे दर्शक ? - ट्रेड पंडित कहते हैं कि अगर आम जनों को लुभाने वाली हिंदी फ़िल्में रिलीज़ होती हैं तो दर्शक सिनेमाघरों तक आयेंगे । उनका आशय किसी सलमान खान या अक्षय कुमार की फिल्मों के सिनेमाघरों में रिलीज़ होने से है । यहाँ दो सवाल उठ खड़े होते हैं । क्या बॉलीवुड के बड़े सितारे और उनकी फिल्मों के निर्माता भारी बजट से बनी अपनी फ़िल्में, इस महामारी के समय रिलीज़ करना चाहेंगे ? क्या ऐसी फ़िल्में अगर रिलीज़ होती है तो क्या हिंदी फिल्म दर्शक ठीक उसी प्रकार से सिनेमाघरों के बाहर इकठ्ठा हो जायेंगे, जैसी बिहार में दर्शक हुए थे ?
आसान नहीं जवाब - इन सवालों का जवाब इतना आसान और सीधा नहीं है । हिंदी फिल्म का कोई बड़ा सितारा अपनी भारी-भरकम बजट वाली फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज़ करने के लिए क्यों तैयार होगा? भोजपुरी फिल्मों का बाज़ार काफी सीमित है । जबकि, हिंदी फ़िल्में अखिल भारतीय स्तर पर प्रदर्शित की जाती हैं । देश के कई हिस्सों में सिनेमाघर बंद पड़े हुए हैं । जहाँ खुले भी है, वहां उन्हें बंद करने की नौबत आ गई । क्योंकि दर्शक सिनेमा देखने आये ही नहीं । हिंदी फिल्मो का बजट इतना अधिक होता है कि उन्हें पूरी क्षमता के हजारों की संख्या में सिनेमाघरों की ज़रुरत होती है । वह भी हॉलिडे वीकेंड के फुल हाउस । अगर, इन फिल्मों का वीकेंड बढ़िया नहं गया और फिल्म दर्शकों की मनमुताबिक नहीं साबित हुई तो स्टारडम भी धडाम हो जाता है । भोजपुरी फिल्मों के लिए ७०० परदे भी काफी होते है । जबकि, हिंदी की छोटे बजट की एक फिल्म भी इससे कहीं ज्यादा परदे में प्रदर्शित की जाती है । इसलिए वर्तमान समय में बड़े सितारे अपनी फ़िल्में इस साल रिलीज़ करने के लिए तैयार होंगे, कहना बहुत मुश्किल है ।
दर्शक ज़रूरी हैं - कोई भी सिनेमाघर तभी तक खुला रह सकता है, जब उसे न्यूनतम फूटफॉल मिले । जबकि, वर्तमान हालत में ऐसा होता नज़र नहीं आ रहा । हालाँकि, ११ दिसम्बर को इंदु की जवानी तथा इस दौरान हॉलीवुड की कुछ फ़िल्में प्रदर्शित की जा रही हैं । लेकिन, ध्यान रहे कि दिलजीत दोसांझ, मनोज बाजपेई और फातिमा सना शैख की फिल्म सूरज पे मंगल भारी भी नवम्बर में प्रदर्शित हुई थी । लेकिन, यह रोमांटिक कॉमेडी फिल्म भी दर्शकों को आकर्षित कर पाने में नाकाम रही । इसमे कोई शक नहीं कि बॉलीवुड के सुपरस्टार सूरज पे मंगल भारी को दर्शक न मिल पाने के कारण चिंतित होंगे । लेकिन, उनकी चिंता का कारण दूसरा होना चाहीये । कोरोना वायरस एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है । छठ के त्यौहार में लोग फिल्म देखने सिनेमाघरों पर टूटे ज़रूर, पर उसी शिद्दत के साथ कोरोना भी उन पर टूट पड़ा है । इससे दर्शकों का ज्यादा भयभीत हो जाना स्वाभाविक है । ऐसे में क्या गारंटी की ’८३ या सूर्यवंशी के रिलीज़ होने पर दर्शक फिल्म देखने ज़रूर आयेंगे ?
अगर बंद हुए सिनेमाघर ! - अगर, कोरोना महामारी का प्रकोप कम नहीं हुआ, दर्शक सिनेमाघरों में वापस नहीं आये तो काफी संख्या में पर्दों के बंद होने का खतरा सामने आ जाएगा । अमेरिका में काफी संख्या में स्वतंत्र सिनेमाघर बंद कर दिए गए हैं । कुछ सिनेमा चेन भी बंद हो रही है । यही ट्रेंड भारत में भी नज़र आ सकता है । शायद इसे फिल्म निर्माता भी समझने लगे है । क्योंकि, सिनेमाघर बंद होने का सीधा नुकसान उनकी फिल्मों को ही झेलना पड़ेगा । यही कारण है कि कभी प्रदर्शकों से कोई बात नहीं करने वाले तथा उनकी शर्तों को सिरे खारिज करने वाले निर्माता वासु भगनानी अपनी फिल्म कुली नंबर १ को ओटीटी के साथ साथ सिनेमाघरों में रिलीज़ करने का रास्ता खोज रहे हैं । संभव है कि ऐसा कोई रास्ता निकल आये ।
बेचैन बॉलीवुड ! - फिलहाल बॉलीवुड बेचैन है । काफी फ़िल्में एक साल से भी ज्यादा समय से बन कर तैयार है । सूर्यवंशी एक ऐसी ही फिल्म है । रणबीर कपूर और अलिया भट्ट की फंतासी फिल्म ब्रह्मास्त्र तो पिछले दो सालों से टलती चली आ रही है । उस पर तुर्रा यह कि कई बड़ी फ़िल्में शूट हो रही है । इन सभी फिल्मों को साल के बावन हफ्ते और गिनती के त्योहारों वाले वीकेंड पर रिलीज़ होना है । यही कारण है कि जब तब बड़ी फिल्मों के ओटीटी पर किसी राधे योर मोस्ट वांटेड भाई, सूर्यवंशी, ’८३, आदि ओटीटी पर रिलीज़ होने की खबरें फैलती रही है । अभी ताज़ातरीन अफवाह एक बड़े ओटीटी प्लेटफार्म द्वारा ब्रह्मास्त्र को अपने प्लेटफार्म से स्ट्रीम करने में रूचि दिखाने की खबरें गर्म हैं । हालाँकि, इन सभी फिल्मों के निर्माता साफ़ कर चुके हैं कि उनकी फ़िल्में ओटीटी पर नहीं, बल्कि सिनेमाघरों में ही रिलीज़ होंगी ।