भूमि पेडनेकर को ११ फिल्मों के बाद, कायदे की एक
फिल्म मिली है, जो उनके कन्धों पर है। पूरी फिल्म में उनका चंचला/दुर्गमति का चरित्र
छाया रहता है। फिल्म में कोई बड़ा सितारा
नहीं कि भूमि को ग्रहण लग जाए। वह भयावने दृश्यों में ख़ास फबती है। वैसे उन्हें अपनी हिंदी मे काम करना होगा। इसके लिए ज़रूरी है कि वह शूटिंग के अलावा भी
बात करते समय हिंदी का इस्तेमाल करते रहना चाहिए। इससे संवाद अदायगी में रवानगी
आएगी।
फिल्म में अरशद वारसी, जोशुआ
सेनगुप्ता, करण कपाडिया और माही गिल भी है। इनके चरित्र भूमि के चरित्र को सहयोग करते
हैं। माही गिल की संवाद अदायगी बेहद खराब
है। वह रावण को रावन बोलती है,
विभीषण को विभीषन। निर्देशक जी
अशोक को इसे देखना चाहिए था।
दुर्गावती, दरअसल दक्षिण की तेलुगु और तमिल भाषा की
फिल्म भागमती की रीमेक है। भागमती में
आईएएस अफसर और भागमती की भूमिका अनुष्का शेट्टी ने की थी। जी अशोक तेलुगु फिल्म के
भी निर्देशक थे। उम्मीद की जानी चाहिए कि
उन्होंने दुर्गमति को भागमती से ज़्यादा
दिलचस्प और भयावना बनाया होगा।
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