इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ मेलबोर्न इस साल महामारी के कारण वर्चुअल आयोजित
किया गया है. इस फेस्टिवल में आधिकारिक तौर पर गीतू मोहनदास की कल्पनाशील फिल्म
मूथोन की स्क्रीनिंग के साथ अपने विशेष ग्यारहवें संस्करण का समापन किया,
जिसमें मलयालम अभिनेता निविन पॉली मुख्य भूमिका में है उनके साथ शशांक
अरोरा, सोभिता धुलिपला,
रोशन मैथ्यू आदि भी शामिल है।
श्रीजा श्रीधरन और गीतू के साथ अनुराग कश्यप द्वारा सह-लिखित इस फिल्म को
अपने अनूठी विचार के लिए और राजीव राय की शानदार छायांकन के लिए सराहा गया है। गीतू का आखिरी फिल्म लायर्स डाइस
काफी प्रसिद्ध फिल्म थी और यहां तक कि उस साल भारत की तरफ से ऑस्कर में शामिल भी
की गयी थी।
मूथोन, एक युवा लड़के की कहानी है,
जो अपने बड़े भाई की तलाश में लक्षद्वीप से मुंबई तक समुद्र के रस्ते
तैरता हुआ आता है। शहर की कठोरता उसे जकड़ लेती है और वह कामठीपुरा में जा पहुंचता
है। कथानक क्रॉस-ड्रेसिंग, लिंग, पहचान और
भाग्य की प्रचलित धारणा से शुरू होने वाले विचारों की दर्शाती है। यथार्थवाद और
प्रतीकात्मकता को प्रभावी ढंग से संतुलित करते हुए, मोहनदास
प्यार, हानि, पहचान और
अपनेपन की भावना को एक शक्तिशाली कहानी कहती
हैं।
फेस्टिवल डायरेक्टर मीतू भौमिक लांगे ने कहा,
"यह एक मार्मिक फिल्म है जो आपसे बहुत मानवीय स्तर पर बात करती है। इसके
अन्तर्भाग में यह एक संवेदनशील एक ही सेक्स प्रेम की कहानी है,
जिसने हमारे दिलों को छू लिया है। अपने प्रियजनों के लिए तड़प और उनके
दर्द को महसूस करना इस साल का मूड रहा है। मूथोन देखने के लिए इससे बेहतर समय नहीं
हो सकता था। फिल्म की पाथकता और अपने आप में विविधता के खिंचाव को समेटती है जो
हमारे लिए बहुत कीमती है। हम गर्वित है की हमने इस फिल्म को फेस्टिवल की समापन
फिल्म के रूप में चुना।
हर साल की तरह, इस साल भी फेस्टिवल,
IFFM ने 17 भाषाओं में 60 से अधिक
फिल्मों की पेशकश की, जिनमें शॉर्ट्स,
फीचर फिल्में, डाक्यूमेंट्री स्थानीय और दुनिया भर में
बनाई गई शामिल हैं।
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