Tuesday, 3 November 2020

परदे के राम भी थे परदे के सिकदर पृथ्वीराज कपूर


परदे पर  अर्जुन, राम, कर्ण, दशरथ,  राजा हरिश्चंद्र,  राणा कुम्भा, पृथ्वीराज चौहान, सिकंदर,  पोरस, शाहजहां, अकबर, आदि ढेरों धार्मिक ऐतिहासिक चरित्र।  पहली बोलती फिल्म आलम आरा का नायक।  सन्यासी विद्रोह का नेतृत्वकर्ता सन्यासी सत्यानंद।  पृथ्वी थिएटर के संस्थापक। संगीत नाटक अकादेमी फ़ेलोशिप, संगीत नाटक अकादेमी अवार्ड, पद्मभूषण, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार विजेता। राजकपूर, शम्मी कपूर और शशि कपूर जैसे यशस्वी बेटों के पिता।



जी हाँ, बात हो रही है एक्टर पृथ्वीराज कपूर की।  उनका जन्म आज ही के दिन, ३ नवंबर १९०६ को अविभाजित भारत के पंजाब के लायलपुर में हुआ था।  १९२३ में रामशरणी मेहरा से उनका विवाह हुआ।  वह ३ अप्रैल १९५२ से २ अप्रैल १९६० तक राज्य सभा के  सदस्य रहे।



उनका फिल्म करियर मूक फिल्म बे धारी तलवार (१९२९) से हुआ था। उन्होंने ९ मूक फ़िल्में की।  वह पहली बोलती फिल्म आलम आरा के नायक थे। उन्होंने अभिनय के अलावा फिल्म पैसा (१९५७) का निर्देशन भी किया। २९ मई १९७२ को ६५  साल की उम्र में उनका निधन हो गया। राजकपूर,  शम्मी कपूर, शशि कपूर के अलावा वह रविंदर कपूर, देविंदर कपूर कर उर्मिला सियाल के पिता भी थे। 

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