खबर है कि अभिनेता रणवीर सिंह ने गोरेगांव में एक अपार्टमेंट किराए पर लिया है। लेकिन, इस खबर से कुछ ज़्यादा झांकने की ज़रुरत नहीं। रणवीर ने यह अपार्टमेंट अपनी रियल लाइफ प्रेमिका दीपिका पादुकोण के साथ मौज मस्ती मनाने लिए नहीं लिया है। रणवीर सिंह मुंबई के ट्रैफिक जाम से परिचित हैं। इस समय वह संजयलीला भंसाली की फिल्म 'बाजीराव मस्तानी' से पूरी तरह से इंवॉल्व हो गए हैं। उन्होंने फिल्म में बाजीराव की भूमिका में स्वाभाविकता लाने के लिए अपने सर के बाल भी मुंडा दिए हैं। वह शूटिंग से पहले और पैक अप के बाद अपनी पहले की फिल्मों की शूटिंग की तरह सेट पर हंसी मज़ाक और प्रैंक नहीं करते, बल्कि, नितांत एकांत में चले जाते हैं और पूरी तरह से रोल में घुसे रहते हैं। इससे उनकी लव बर्ड दीपिका पादुकोण चिंतित हो जाते हैं। रणवीर सिंह ने इसी इन्वॉल्वमेंट की तहत गोरेगांव में फिल्मसिटी के नज़दीक एक अपार्टमेंट ५ हफ़्तों के लिए किराए में लिया है। बताते चलें कि बाजीराव मस्तानी की शूटिंग फिल्म सिटी में ही चल रही है। रणवीर नहीं चाहते थे कि मुंबई से गोरेगांव जाते और वापस आते अपना समय ट्रैफिक जाम में खराब करें। कमिटमेंट हो तो रणवीर जैसा !
भारतीय भाषाओँ हिंदी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, आदि की फिल्मो के बारे में जानकारी आवश्यक क्यों है ? हॉलीवुड की फिल्मों का भी बड़ा प्रभाव है. उस पर डिजिटल माध्यम ने मनोरंजन की दुनिया में क्रांति ला दी है. इसलिए इन सब के बारे में जानना आवश्यक है. फिल्म ही फिल्म इन सब की जानकारी देने का ऐसा ही एक प्रयास है.
Sunday 26 October 2014
डेढ़ सौ टीवी सितारों का एक रियलिटी शो
क्या हिंदी रियलिटी टीवी शो का चेहरा बदलने जा रहा है ! कम से कम टेलीविज़न सोप ओपेरा क्वीन एकता कपूर का तो यही दावा है । वह एक शो 'बॉक्स क्रिकेट लीग' लांच करने जा रही हैं । सनी अरोरा के साथ बनाया जा रहा यह शो क्रिकेट पर स्पोर्ट्स रियलिटी शो है । इस शो में टेलीविज़न की १५० हस्तियां क्रिकेट का मुक़ाबला करेंगी । इन टेलीविज़न सेलिब्रिटीज में अभिनेता और अभिनेत्रियां दोनों शामिल होंगे । इस शो का दिलचस्प फॉर्मेट यह है कि इन १५ सेलिब्रिटीज को आठ टीमों में बांटा गया है । इस लीग में प्रत्येक टीम में महिला सदस्य भी होगी । लेकिन, वह पैविलियन में बैठ कर मैदान में खेल रहे अपने पुरुष साथियों का उत्साह बढ़ाने के लिए चीयर नहीं कर रही होंगी । बल्कि, एकता कपूर कहती हैं, "बॉक्स क्रिकेट लीग क्रिकेट, सेलिब्रिटीज और ड्रामा का फ्यूज़न है । हमने इस शो के लिए क्रिकेट के नियमों को थोड़ा तोडा मरोड़ा है । महिला सेलिब्रिटी भी मैदान पर अपने पुरुष साथियों के साथ क्रिकेट खेल रही होंगी । जब औरतें मैदान पर हो तो कुछ अभूतपूर्व होना ही है।" बीसीएल की खासियत यह भी है कि इसमे जहाँ मैदान पर क्रिकेट का रोमांच होगा, वहीँ परदे के पीछे का सास-बहु टाइप का षडयंत्र यानि 'लॉकर रूम ड्रामा' भी होगा। बकौल सीईओ बालाजी टेलीफिल्म्स समीर नायर, "लीग का इरादा एंटरटेनमेंट रियलिटी शो का चेहरा बिलकुल बदल देना है। अब तो हमारे ब्रांड से स्टार पावर भी जुड़ गयी है।"
गुरमीत चौधरी की 'खामोशियाँ'
विक्रम भट्ट की फिल्म 'खामोशियाँ' उनकी परंपरा की होते हुए भी थोड़ी अलग है। कश्मीर की पृष्ठभूमि पर खामोशियाँ इरोटिक लव ट्रायंगल है। इस फिल्म में भयावनी हवेली भी है, भय और रोमांच भी है। कश्मीर की गहरी घाटियों और ऊंचे पहाड़ों पर चिनार के पेड़ों के बीच शूट इस फिल्म कोई इमरान हाशमी, रणदीप हुडा या कुणाल खेमू मुख्य भूमिका में नहीं है। खामोशिया से टीवी स्टार गुरमीत चौधरी फिल्म डेब्यू कर रहे हैं। फिल्म से जुड़े एक शख्स का कहना था कि गुरमीत इस फिल्म की वन मैन आर्मी है। फिल्म को त्रिकोण बनाने के लिए अली फज़ल और सपना पब्बी को लिया गया है। सपना पब्बी को टीवी दर्शक अनिल कपूर के सीरियल '२४' में अनिल कपूर की पुत्री किरण राठोड़ के रूप में पहचानते हैं । भट्ट कैंप गुरमीत चौधरी को भारत के ह्यू जैकमैन की तरह प्रचारित करने जा रहा है। टीवी पर राम की भूमिका से मशहूर गुरमीत अच्छे डांसर भी हैं। वह एक डांस रियलिटी के विजेता हैं। इस फिल्म का निर्देशन मोहित सूरी के सहायक रहे करण दारा कर रहे हैं। फॉक्स स्टार स्टूडियोज और विशेष फिल्म्स की खामोशियाँ अगले साल १ मई को रिलीज़ होगी।
सपना पब्बी |
Friday 24 October 2014
इतना भी "हैप्पी (नहीं है) न्यू ईयर"
फराह खान से अच्छी फिल्म की उम्मीद करना बेकार है। वह मनोरंजक फिल्म बनाने का दावा करती हैं। पर आज दीवाली के दूसरे दिन रिलीज़ उनकी शाहरुख़ खान, दीपिका पादुकोण, अभिषेक बच्चन, सोनू सूद, बोमन ईरानी और विवान शाह की फिल्म हैप्पी न्यू ईयर आखिर के चालीस मिनटों में ही मनोरंजन करती लगती है, जब घटनाएँ तेज़ी से घटती है, इमोशन के रंग और देश भक्ति का तिरंगा बुलंद होता है। अन्यथा यह पूरी फिल्म इंटरवल से पहले तीस मार खान के आस पास रहती है. बेहद सुस्त रफ़्तार से एक एक चरित्र का परिचय देती है। फिल्म शुरू होने के करीब एक घंटे बाद दीपिका पादुकोण 'मोहिनी मोहिनी' की पुकार के बीच अपने शरीर के तमाम विटामिन प्रदर्शित करती आती हैं। वह फिल्म में बार डांसर बनी हैं, लेकिन, किसी बड़े नाईट क्लब जैसे माहौल में कैबरेनुमा डांस करती प्रकट होती है।
कहानी बस इतनी है कि छह लूज़र्स यानि असफल वर्ल्ड डांस कम्पटीशन की आड़ में ३०० करोड़ के हीरे लूटने के लिए दुबई के अटलांटिस द पाम जाते हैं। इन लोगों में चार्ली अपने पिता का बदला लेने के लिए यह डकैती डालना चाहता है। इसमे चार्ली की मदद उसके पिता के मित्र और साथ काम करने वाले करते हैं। बेहद बकवास सी फिल्म की कहानी को बचकाने तरीके से आगे बढ़ाती हैं फराह खान। फिल्म में देखे जाने योग्य अगर कुछ है तो भव्यता। फराह ने सेट्स पर जम कर पैसा बहाया है। यही सेट्स ही दर्शकों को आकर्षित करते हैं। दुबई को होटल अटलांटिस द पाम के खूबसूरत दृश्य इस होटल और फिल्म की खूबसूरती है। पूरी फिल्म की शूटिंग और फिल्म का प्रीमियर भी इसी होटल में हुआ है।
कहानी की लिहाज़ से कूड़ा इस डकैती फिल्म में पुलिस फराह खान के निर्देशन की तरह नदारद रहती हैं। हालाँकि, धूम ३ से अलग इस फिल्म में हीरो की चोरी करते दिखाया गया है। दर्शकों की इसमे दिलचस्पी रहती है। फराह खान ने कई हिंदी फिल्मों, अपनी पहले की फिल्मों के दृश्यों और संवादों का सहारा लेकर मनोरंजन करने की कोशिश की है। वह विशाल डडलानी और अनुराग कश्यप के समलैंगिक जजों के चरित्रों के जरिये घटिया हास्य पैदा करने की असफल कोशिश करती हैं। इसके बावजूद फिल्म घिसटते हुए चलती है। रफ़्तार दूसरे अर्ध में ही आती है, जब छह लूज़र्स डकैती डालने जाते हैं। ख़ास तौर पर आखिर के चालीस मिनट में दर्शक खुद को अब तक की फिल्म से अलग माहौल में पाता है। इसी हिस्से में फिल्म मनोरंजक भी लगती है।
अभिनय के लिहाज़ से हर एक्टर लाउड अभिनय करता है । शाहरुख़ खान के हिस्से में जो इमोशनल सीन आये थे, वैसे सीन वह काफी कर चुके हैं। यह पहली फिल्म है, जहाँ हॉलिडे क्राउड के बीच भी दीपिका पादुकोण बहुत कम तालियां और सीटियां पाती हैं। वह अपना सब कुछ दिखा देने के बावजूद अपने लिए कुछ ख़ास नहीं जुटा पातीं। फिल्म की नवीनता यही है कि पहली बार हीरो नहीं हीरोइन कहानी को मोड़ देती है। सोनू सूद ने खुद को बेकार कर दिया है। चार्ली उन्हें उभरने नहीं देता। अभिषेक बच्चन से अभिनय कराने की करामात फराह कैसे दिखा सकती थीं। सो नहीं दिखा पायीं। दोहरी भूमिका के बावजूद अभिषेक उभर नहीं पाते। बोमन ईरानी लाउड थे, लाउड हैं और लाउड रहेंगे। विवान शाह को अपने पप्पा नसीरुद्दीन शाह और ममा रत्ना पाठक शाह से अभिनय के ककहरे सीखने चाहिए।
विशाल-शेखर का संगीत तेज़ धुनों वाला है. फिल्म में अच्छा लगता है। हो सकता है कि दीपिका पादुकोण पर फिल्माया मनुआ लागे गीत कुछ दिनों तक लोगों की जुबान पर रहे। मानुष नंदन की फोटोग्राफी बढ़िया है। मयूर पूरी के संवाद ठीक ठाक हैं। मादर…छोड़ न यार जैसे संवाद कई बार दोहराये गए हैं। फिल्म की पटकथा एल्थिया कौशल के साथ फराह खान ने लिखी है। ऐसा लगता है अटलांटिस पहुँच कर ही पटकथा लिखी गयी है. फिल्म के काफी दृश्य ओसन ११ और सीरीज की याद ताज़ा कर देते हैं।
अगर आप तीन घंटा लम्बी इस फिल्म के शुरू के १३६ मिनट मिनट आखिर के ४० मिनटों की खातिर झेलना चाहते हैं, तो यह फिल्म आपकी है। लेकिन, यह तय है कि खान की यह फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस के आसपास तक नहीं। हैप्पी न्यू ईयर को मैं हूँ न और ओम शांति ओम के बाद सबसे कमज़ोर और तीस मार खान के बात एक और बोर फिल्म कहना ठीक होगा। इसलिए दिवाली के बावजूद उतनी सफल होने नहीं जा रही। सोमवार से फिल्म में ज़बरदस्त ड्राप आएगा।
कहानी बस इतनी है कि छह लूज़र्स यानि असफल वर्ल्ड डांस कम्पटीशन की आड़ में ३०० करोड़ के हीरे लूटने के लिए दुबई के अटलांटिस द पाम जाते हैं। इन लोगों में चार्ली अपने पिता का बदला लेने के लिए यह डकैती डालना चाहता है। इसमे चार्ली की मदद उसके पिता के मित्र और साथ काम करने वाले करते हैं। बेहद बकवास सी फिल्म की कहानी को बचकाने तरीके से आगे बढ़ाती हैं फराह खान। फिल्म में देखे जाने योग्य अगर कुछ है तो भव्यता। फराह ने सेट्स पर जम कर पैसा बहाया है। यही सेट्स ही दर्शकों को आकर्षित करते हैं। दुबई को होटल अटलांटिस द पाम के खूबसूरत दृश्य इस होटल और फिल्म की खूबसूरती है। पूरी फिल्म की शूटिंग और फिल्म का प्रीमियर भी इसी होटल में हुआ है।
कहानी की लिहाज़ से कूड़ा इस डकैती फिल्म में पुलिस फराह खान के निर्देशन की तरह नदारद रहती हैं। हालाँकि, धूम ३ से अलग इस फिल्म में हीरो की चोरी करते दिखाया गया है। दर्शकों की इसमे दिलचस्पी रहती है। फराह खान ने कई हिंदी फिल्मों, अपनी पहले की फिल्मों के दृश्यों और संवादों का सहारा लेकर मनोरंजन करने की कोशिश की है। वह विशाल डडलानी और अनुराग कश्यप के समलैंगिक जजों के चरित्रों के जरिये घटिया हास्य पैदा करने की असफल कोशिश करती हैं। इसके बावजूद फिल्म घिसटते हुए चलती है। रफ़्तार दूसरे अर्ध में ही आती है, जब छह लूज़र्स डकैती डालने जाते हैं। ख़ास तौर पर आखिर के चालीस मिनट में दर्शक खुद को अब तक की फिल्म से अलग माहौल में पाता है। इसी हिस्से में फिल्म मनोरंजक भी लगती है।
अभिनय के लिहाज़ से हर एक्टर लाउड अभिनय करता है । शाहरुख़ खान के हिस्से में जो इमोशनल सीन आये थे, वैसे सीन वह काफी कर चुके हैं। यह पहली फिल्म है, जहाँ हॉलिडे क्राउड के बीच भी दीपिका पादुकोण बहुत कम तालियां और सीटियां पाती हैं। वह अपना सब कुछ दिखा देने के बावजूद अपने लिए कुछ ख़ास नहीं जुटा पातीं। फिल्म की नवीनता यही है कि पहली बार हीरो नहीं हीरोइन कहानी को मोड़ देती है। सोनू सूद ने खुद को बेकार कर दिया है। चार्ली उन्हें उभरने नहीं देता। अभिषेक बच्चन से अभिनय कराने की करामात फराह कैसे दिखा सकती थीं। सो नहीं दिखा पायीं। दोहरी भूमिका के बावजूद अभिषेक उभर नहीं पाते। बोमन ईरानी लाउड थे, लाउड हैं और लाउड रहेंगे। विवान शाह को अपने पप्पा नसीरुद्दीन शाह और ममा रत्ना पाठक शाह से अभिनय के ककहरे सीखने चाहिए।
विशाल-शेखर का संगीत तेज़ धुनों वाला है. फिल्म में अच्छा लगता है। हो सकता है कि दीपिका पादुकोण पर फिल्माया मनुआ लागे गीत कुछ दिनों तक लोगों की जुबान पर रहे। मानुष नंदन की फोटोग्राफी बढ़िया है। मयूर पूरी के संवाद ठीक ठाक हैं। मादर…छोड़ न यार जैसे संवाद कई बार दोहराये गए हैं। फिल्म की पटकथा एल्थिया कौशल के साथ फराह खान ने लिखी है। ऐसा लगता है अटलांटिस पहुँच कर ही पटकथा लिखी गयी है. फिल्म के काफी दृश्य ओसन ११ और सीरीज की याद ताज़ा कर देते हैं।
अगर आप तीन घंटा लम्बी इस फिल्म के शुरू के १३६ मिनट मिनट आखिर के ४० मिनटों की खातिर झेलना चाहते हैं, तो यह फिल्म आपकी है। लेकिन, यह तय है कि खान की यह फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस के आसपास तक नहीं। हैप्पी न्यू ईयर को मैं हूँ न और ओम शांति ओम के बाद सबसे कमज़ोर और तीस मार खान के बात एक और बोर फिल्म कहना ठीक होगा। इसलिए दिवाली के बावजूद उतनी सफल होने नहीं जा रही। सोमवार से फिल्म में ज़बरदस्त ड्राप आएगा।
Wednesday 22 October 2014
ऑस्ट्रेलिया के फिल्म फेस्टिवल में आकांक्षा की 'मैं तमन्ना' !
मैं तमन्ना कहानी है एक लड़की के मानसिक और शारीरिक शोषण की। तमन्ना एक सच्ची घटना की केंद्र लड़की का काल्पनिक नाम है। इस लड़की की पीड़ा को आकांक्षा निमोनकर ने निकट से देखा है। आकांक्षा कहती हैं, "मुझे जब इस लड़की के बारे में जानकारी हुई तो मैं आक्रोश से भर उठी। मैंने तय कर लिया कि मैं तमन्ना के शोषण को हर प्लेटफार्म पर उठाऊंगी। मैं तमन्ना इसी आक्रोश का नतीजा है। " बालिका शोषण पर फिल्म मैं तमन्ना ने सोशल साइट्स यूट्यूब औरमैटिनी मसाला में भरपूर समर्थन पाया है। इस फिल्म को बंगलोरे फिल्म फेस्टिवल तथा अन्य फेस्टिवल में अवार्ड्स मिले हैं। अब यह फिल्म ७ नवंबर से १६ नवंबर तक सिडनी में होने वाले इंटरनेशनल फिल्म एंड एंटरटेनमेंट फेस्टिवल ऑस्ट्रेलिया में शार्ट फिल्म की श्रेणी में दिखायी जाएगी। इस फेस्टिवल में बिपाशा बासु, ज़रीन खान, नेहा शर्मा, आफताब शिवदासानी, आशा सचदेव, प्रकाश राज, एषा गुप्ता और विपिन शर्मा जैसी फिल्मी हस्तियां और मॉडल रैंप पर चलेंगे। चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज पर मैं तमन्ना की लेखिका और निर्माता अभिनेत्री आकांक्षा निमोनकर हैं।
Tuesday 21 October 2014
एक्टर के लिए फिजिकल अपीयरेंस मायने रखती है - अली फज़ल
लखनऊ के अभिनेता अली फज़ल आजकल सातवें आसमान पर हैं। फुकरे से उन्हें चर्चा मिली। फिल्म बॉबी जासूस में विद्या बालन के हीरो बन कर वह प्रशंसकों की बड़ी जमात जुटा चुके हैं। वह एक हॉलीवुड फिल्म भी साइन कर चुके हैं। पर यह उनका आखिरी गोल नहीं। वह अनप्रेडिक्टेबल किरदार करना चाहते हैं। पेश है उनसे हुई बातचीत-
१- सोनाली केबल में आपका रोल क्या है ? क्या कोई नयी लीक बनाना चाह रहे हैं ?
मैं सोनाली केबल में रिया चक्रवर्ती के साथ लीड रोल कर रहा हूँ। मेरे करैक्टर का नाम रघु पवार है। मैं फिल्म में महाराष्ट्रियन बना हूँ। इसकी माँ एमएलए है। यह फिल्म डेविड और गोलिअथ की कहानी है। यह केबल पर केंद्रित दिलचस्प फिल्म है। फिल्म में मेरा किरदार केबल सेंटर में काम करने वाले लोगों की आवाज़ कहा जा सकता है।
२- क्या आपको लगता है कि दर्शक लीक से हट कर फिल्मों को पसंद करता है ? मेरा मतलब नॉन मसाला फिल्मों से है।
अब दर्शक बिग्गीस पर प्रश्न उठाने लगे है। अब अंडरडॉग्स बिग कॉर्पोरेट के सामने खड़े हो रहे हैं। हमारा दर्शक हर दिन के साथ स्मार्ट यानि समझदार होता जा रहा है। अब देखिये, एक ओर जहाँ ग्रैंड मस्ती हिट हो जाती हैं, वहीँ क्वीन और फुकरे भी हिट हो जाती है।
३- आप बॉबी जासूस में विद्या बालन और सोनाली केबल में रिया चक्रवर्ती के हीरो बने हैं। आप हीरोइन सेंट्रिक फ़िल्में ही क्यों कर रहे हैं ? क्या यह आपको ज़्यादा सूट करती हैं ?
मैं ऐसी फिल्म करता हूँ, जिसमे में कुछ अलग कर सकूँ। मेरी अगली दो फ़िल्में नायक प्रधान हैं। लेकिन, इन फिल्मों को आपका देखने का नजरिया है। आप जिस प्रकार देखें।
४- खबर है कि रिया ने आदित्य रॉय कपूर के कारण पहले फिल्म में किस देने से मना कर दिया था। लेकिन, आदित्य से ब्रेकअप के बाद, उससे बदला लेने के लिए सोनाली केबल में स्मूचिंग तक कर रही हैं। क्या कहना चाहेंगे आप ?
(हँसते हैं) नहीं, यह सही नहीं है। हम दोनों ही असहज महसूस कर रहे थे। फिर एक्टर होने के कारण हमने प्रोफेशनल डिसिशन लिया। बस इतना ही।
५- आप लखनऊ से हैं। जब आप फिल्मों में किस करते हैं तो परिवार को कैसा लगता है।
अभी है फिल्म रिलीज़ नहीं ही है। (हँसते हैं ) ईमानदारी से कहूँ मैं नहीं जानता कि वह कैसे रियेक्ट करेंगे।
६- लखनऊ से मुंबई तक के अपने सफर के बारे कुछ बताइये ?
मैं लखनऊ बहुत थोड़े समय के लिए रहा। देहरादून में दून कॉलेज में पढ़ा। मुंबई आकर मैंने कॉलेज ज्वाइन किया। सेंट ज़ेवियर कॉलेज में इकोनॉमिक्स पढ़ रहा था। कॉलेज के सेकंड ईयर में मुझे ३ इडियट्स मिल गयी।
७- पहली फिल्म लगी तो उसका अनुभव कैसा रहा ?
मैं सोच रहा था कि मैं भाग कर कहीं छुप जाऊं। मुझे नहीं मालूम कि मैं खुद को परदे पर देखने में डर क्यों रहा था। मैंने कभी अपनी कोई फिल्म नहीं देखी है। मैं चाहता हूँ कि मैं फिल्म देखूं। लेकिन, ऐसा हो नहीं पाता।
८- फ़ास्ट एंड फुरियस ७ पा कर कैसा लग रहा है ? क्या बॉलीवुड के एक्टर्स का गोल हॉलीवुड की फिल्म पाना होना चाहिए ?
हॉलीवुड मेरा फाइनल गोल नहीं। वर्ल्ड सिनेमा के लिए, मैं सोचता हूँ कि मैं हमेशा तैयार हूँ। यह बढ़ा खूबसूरत अनुभव होता है कि हम कैसे छुट्टियों पर जाते हैं। हम एफ्फेल टावर को यहाँ क्रिएट नहीं कर सकते हैं न ! तो आप क्या करते हैं कि एफिल टावर को क्लिक कर अपने पास यादगार की तौर पर रख लेते हैं। बस ऐसा ही कुछ है यह।
९- आप अपनी अब तक की एक्ट्रेस के बारे में बताएं। आप सबसे ज़्यादा किस से इम्प्रेस हुए और क्यों ?
जिस दिन मुझे कोई मेरी पसंदीदा एक्ट्रेस मिल जाएगी, मैं उससे शादी कर लूँगा। इस लिए फिलहाल कोई भी पसंदीदा एक्ट्रेस नहीं है। लेकिन, जिन अभिनेत्रियों के साथ मैंने काम किया है, मुझे उनसे यादगार अनुभव मिले हैं।
१०- आप किस प्रकार के रोल्स करना चाहते हैं ?
रोल्स (!)…पहली बात तो मैं इसे समझ नहीं पाता। मुझे ऐसे किरदार पसंद नहीं, जिनके बारे में दर्शकों को अंदाजा हो जाए। मैं अनप्रेडिक्टेबल किरदार करना चाहता हूँ। क्योंकि, खुद इंसान भी बहुत अनप्रेडिक्टेबल है।
११- एक एक्टर के लिए फिजिकल अपीयरेंस कितनी मायने रखती है ?
फिजिकल अपीयरेंस बहुत इम्पोर्टेन्ट है। फिटनेस और अपीयरेंस का खेल है सारा।
१२- आप खुद को स्पोंटेनियस एक्टर मानते हैं या मेथड एक्टर ?
कोई भी नहीं या दोनों ही। मैं अपनी स्क्रिप्ट में म्यूजिक सुनाने की कोशिश करता हूँ। अगर में इसे सुनता हूँ, तभी फिल्म साइन करता हूँ। अगर नहीं सुनता तो सब भगवान पर छोड़ देता हूँ। (हँसते हैं)
१३- क्या बॉलीवुड के लिए लखनऊ बढ़िया लोकेशन साबित हो रही है ?
निश्चित रूप से आजकल लखनऊ सबसे पसंदीदा लोकेशन बन गयी है।
१४- क्या आप किसी बूढ़े का किरदार करना चाहेंगे ?
ओह.…बिलकुल। आप मुझे इस किरदार में जल्द ही देखेंगे।
१५- आप की किस ख़ास डायरेक्टर या एक्टर के साथ काम करने की इच्छा है ?
नहीं. कोई ख़ास नहीं। बहुत से हैं। एक एक कर सभी के साथ काम करूंगा।
१६- सोनाली केबल बड़े प्रोडूसर रोहन सिप्पी की छोटे बजट की फिल्म है। क्या इससे काम मिलना आसान हो जाता है?
एक्टर को दिखाना नहीं करना होता है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि फिल्म छोटी है या बड़ी। प्रोडूसर का बड़ा होना मायने रखता है। क्योंकि, बड़े प्रोडूसर की फ़िल्में ज़्यादा जगहों पर रिलीज़ होती हैं, ज़्यादा ऑडियंस तक पहुंचती हैं। बस इतना ही।
राजेंद्र कांडपाल
१- सोनाली केबल में आपका रोल क्या है ? क्या कोई नयी लीक बनाना चाह रहे हैं ?
मैं सोनाली केबल में रिया चक्रवर्ती के साथ लीड रोल कर रहा हूँ। मेरे करैक्टर का नाम रघु पवार है। मैं फिल्म में महाराष्ट्रियन बना हूँ। इसकी माँ एमएलए है। यह फिल्म डेविड और गोलिअथ की कहानी है। यह केबल पर केंद्रित दिलचस्प फिल्म है। फिल्म में मेरा किरदार केबल सेंटर में काम करने वाले लोगों की आवाज़ कहा जा सकता है।
२- क्या आपको लगता है कि दर्शक लीक से हट कर फिल्मों को पसंद करता है ? मेरा मतलब नॉन मसाला फिल्मों से है।
अब दर्शक बिग्गीस पर प्रश्न उठाने लगे है। अब अंडरडॉग्स बिग कॉर्पोरेट के सामने खड़े हो रहे हैं। हमारा दर्शक हर दिन के साथ स्मार्ट यानि समझदार होता जा रहा है। अब देखिये, एक ओर जहाँ ग्रैंड मस्ती हिट हो जाती हैं, वहीँ क्वीन और फुकरे भी हिट हो जाती है।
३- आप बॉबी जासूस में विद्या बालन और सोनाली केबल में रिया चक्रवर्ती के हीरो बने हैं। आप हीरोइन सेंट्रिक फ़िल्में ही क्यों कर रहे हैं ? क्या यह आपको ज़्यादा सूट करती हैं ?
मैं ऐसी फिल्म करता हूँ, जिसमे में कुछ अलग कर सकूँ। मेरी अगली दो फ़िल्में नायक प्रधान हैं। लेकिन, इन फिल्मों को आपका देखने का नजरिया है। आप जिस प्रकार देखें।
४- खबर है कि रिया ने आदित्य रॉय कपूर के कारण पहले फिल्म में किस देने से मना कर दिया था। लेकिन, आदित्य से ब्रेकअप के बाद, उससे बदला लेने के लिए सोनाली केबल में स्मूचिंग तक कर रही हैं। क्या कहना चाहेंगे आप ?
(हँसते हैं) नहीं, यह सही नहीं है। हम दोनों ही असहज महसूस कर रहे थे। फिर एक्टर होने के कारण हमने प्रोफेशनल डिसिशन लिया। बस इतना ही।
५- आप लखनऊ से हैं। जब आप फिल्मों में किस करते हैं तो परिवार को कैसा लगता है।
अभी है फिल्म रिलीज़ नहीं ही है। (हँसते हैं ) ईमानदारी से कहूँ मैं नहीं जानता कि वह कैसे रियेक्ट करेंगे।
६- लखनऊ से मुंबई तक के अपने सफर के बारे कुछ बताइये ?
मैं लखनऊ बहुत थोड़े समय के लिए रहा। देहरादून में दून कॉलेज में पढ़ा। मुंबई आकर मैंने कॉलेज ज्वाइन किया। सेंट ज़ेवियर कॉलेज में इकोनॉमिक्स पढ़ रहा था। कॉलेज के सेकंड ईयर में मुझे ३ इडियट्स मिल गयी।
७- पहली फिल्म लगी तो उसका अनुभव कैसा रहा ?
मैं सोच रहा था कि मैं भाग कर कहीं छुप जाऊं। मुझे नहीं मालूम कि मैं खुद को परदे पर देखने में डर क्यों रहा था। मैंने कभी अपनी कोई फिल्म नहीं देखी है। मैं चाहता हूँ कि मैं फिल्म देखूं। लेकिन, ऐसा हो नहीं पाता।
८- फ़ास्ट एंड फुरियस ७ पा कर कैसा लग रहा है ? क्या बॉलीवुड के एक्टर्स का गोल हॉलीवुड की फिल्म पाना होना चाहिए ?
हॉलीवुड मेरा फाइनल गोल नहीं। वर्ल्ड सिनेमा के लिए, मैं सोचता हूँ कि मैं हमेशा तैयार हूँ। यह बढ़ा खूबसूरत अनुभव होता है कि हम कैसे छुट्टियों पर जाते हैं। हम एफ्फेल टावर को यहाँ क्रिएट नहीं कर सकते हैं न ! तो आप क्या करते हैं कि एफिल टावर को क्लिक कर अपने पास यादगार की तौर पर रख लेते हैं। बस ऐसा ही कुछ है यह।
९- आप अपनी अब तक की एक्ट्रेस के बारे में बताएं। आप सबसे ज़्यादा किस से इम्प्रेस हुए और क्यों ?
जिस दिन मुझे कोई मेरी पसंदीदा एक्ट्रेस मिल जाएगी, मैं उससे शादी कर लूँगा। इस लिए फिलहाल कोई भी पसंदीदा एक्ट्रेस नहीं है। लेकिन, जिन अभिनेत्रियों के साथ मैंने काम किया है, मुझे उनसे यादगार अनुभव मिले हैं।
१०- आप किस प्रकार के रोल्स करना चाहते हैं ?
रोल्स (!)…पहली बात तो मैं इसे समझ नहीं पाता। मुझे ऐसे किरदार पसंद नहीं, जिनके बारे में दर्शकों को अंदाजा हो जाए। मैं अनप्रेडिक्टेबल किरदार करना चाहता हूँ। क्योंकि, खुद इंसान भी बहुत अनप्रेडिक्टेबल है।
११- एक एक्टर के लिए फिजिकल अपीयरेंस कितनी मायने रखती है ?
फिजिकल अपीयरेंस बहुत इम्पोर्टेन्ट है। फिटनेस और अपीयरेंस का खेल है सारा।
१२- आप खुद को स्पोंटेनियस एक्टर मानते हैं या मेथड एक्टर ?
कोई भी नहीं या दोनों ही। मैं अपनी स्क्रिप्ट में म्यूजिक सुनाने की कोशिश करता हूँ। अगर में इसे सुनता हूँ, तभी फिल्म साइन करता हूँ। अगर नहीं सुनता तो सब भगवान पर छोड़ देता हूँ। (हँसते हैं)
१३- क्या बॉलीवुड के लिए लखनऊ बढ़िया लोकेशन साबित हो रही है ?
निश्चित रूप से आजकल लखनऊ सबसे पसंदीदा लोकेशन बन गयी है।
१४- क्या आप किसी बूढ़े का किरदार करना चाहेंगे ?
ओह.…बिलकुल। आप मुझे इस किरदार में जल्द ही देखेंगे।
१५- आप की किस ख़ास डायरेक्टर या एक्टर के साथ काम करने की इच्छा है ?
नहीं. कोई ख़ास नहीं। बहुत से हैं। एक एक कर सभी के साथ काम करूंगा।
१६- सोनाली केबल बड़े प्रोडूसर रोहन सिप्पी की छोटे बजट की फिल्म है। क्या इससे काम मिलना आसान हो जाता है?
एक्टर को दिखाना नहीं करना होता है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि फिल्म छोटी है या बड़ी। प्रोडूसर का बड़ा होना मायने रखता है। क्योंकि, बड़े प्रोडूसर की फ़िल्में ज़्यादा जगहों पर रिलीज़ होती हैं, ज़्यादा ऑडियंस तक पहुंचती हैं। बस इतना ही।
राजेंद्र कांडपाल
दीपावली बॉक्स ऑफिस का 'बाज़ीगर'
शाहरुख़ खान का दीपावली से गहरा नाता है । वह २ नवंबर १९६५ को लक्ष्मी पूजा के एक हफ्ते बाद पैदा हुए थे। उन्होंने १९९१ में अपने फिल्म करियर की शुरुआत की थी । पहली दो फ़िल्में दीवाना और राजू बन गया जेंटलमैन हिट हुईं, लेकिन अब्बास मुस्तान की एंटी-हीरो फिल्म बाज़ीगर ने शाहरुख़ खान को सुपर स्टार बना दिया । यह फिल्म १२ नवंबर १९९३ को रिलीज़ हुई थी । १३ नवंबर को लक्ष्मी पूजा थी । इसके साथ ही रमजान के बाद पड़ने वाली हर दीवाली बॉलीवुड को मालामाल करने वाली दिवाली बन गयी, ख़ास तौर पर शाहरुख़ खान के लिए । हालाँकि, १९९२ में ही दिवाली वीकेंड में रिलीज़ अजय देवगन और करीना कपूर की फिल्म जिगर तथा संजय दत्त, फ़िरोज़ खान और मनीषा कोइराला की फिल्म यलगार को, दो बड़ी फिल्मों के टकराव की आशंका के बीच ज़बरदस्त सफलता मिली थी । बाज़ीगर की सफलता के बाद हर साल की दिवाली शाहरुख़ खान के घर खुशियों की जगमग बारात लाने वाली दिवाली बन गयी । इस साल दिवाली पर रिलीज़ होने जा रही शाहरुख़ खान की फिल्म हैप्पी न्यू ईयर, दिवाली में रिलीज़ होने वाली उनकी ग्यारहवीं फिल्म होगी। यह शाहरुख़ खान के साथ दीपिका पादुकोण की दिवाली में रिलीज़ होने वाली दूसरी फिल्म होगी।
१- बाज़ीगर - १९९३- अब्बास मुस्तान - शाहरुख़ खान, काजोल और शिल्पा शेट्टी - यह एक युवक के अपने पिता को धोखा देकर बिज़नेस हड़प लेने वाली आदमी से बदले की कहानी थी . इस फिल्म ने ९० करोड़ अधिक का बिज़नेस कर लिया है .
२- दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे - १९९५- आदित्य चोपड़ा- शाहरुख़ खान और काजोल- यह फिल्म आदित्य चोपड़ा की बतौर निर्देशक पहली फिल्म थी। इस फिल्म से पहली बार एक एनआरआई दूल्हा स्क्रीन पर आया। केवल चार करोड़ में बनी इस फिल्म ने पूरी दुनिया में सफलता के झंडे गाड़ते हुए अब तक १२२ करोड़ कमा डाले हैं।
३- दिल तो पागल है- १९९७- यश चोपड़ा- शाहरुख़ खान, करिश्मा कपूर और माधुरी दीक्षित - एक डांस ट्रुप के दोस्तों बीच रोमांस का प्रेम त्रिकोण फिल्म थी । इस फिल्म ने ५८ करोड़ से ज़्यादा कलेक्शन किया ।
४- कुछ कुछ होता है- १९९८- करण जौहर- शाहरुख़ खान, रानी मुख़र्जी और काजोल- यह फिल्म शाहरुख़ खान और काजोल की जोड़ी की चौथी फिल्म थी । इस रोमांस फिल्म में सलमान खान ने मेहमान भूमिका की थी। निर्देशक करण जौहर की यह पहली फिल्म थी । इस फिल्म ने ४५ करोड़ से अधिक का बिज़नेस किया ।
५- मोहब्बतें- २०००- आदित्य चोपड़ा- शाहरुख़ खान, ऐश्वर्या राय और अमिताभ बच्चन- एक गुरुकुल, उसके सख्त मुखिया, उसकी बेटी के एक गिटार टीचर से रोमांस की कहानी को तीन युवा जोड़ियों के रोमांस के साथ पिरोया गया था। १८ करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ७४ करोड़ से अधिक का कलेक्शन किया।
६- वीर-ज़ारा- २००४- यश चोपड़ा - शाहरुख़ खान, प्रिटी जिंटा और रानी मुख़र्जी- यश चोपड़ा ने अपनी इस रोमांस फिल्म में सरहद पार का रोमांस दिखाया था। एक हिंदुस्तान का फ़ौजी एक पाकिस्तानी लड़की के प्रेम में पाकिस्तान चला जाता है, जहाँ उसे जेल में बंद कर दिया जाता है। एक पाकिस्तानी वकील इस फ़ौजी का मुक़दमा लड़ कर उसे जेल से रिहा करवाती है। २५ करोड़ से बनी इस फिल्म ने ९४.२ करोड़ का बिज़नेस किया। ७- डॉन- २००६- फरहान अख्तर- शाहरुख़ खान, प्रियंका चोपड़ा और करीना कपूर- यह फिल्म अमिताभ बच्चन, ज़ीनत अमान और प्राण की १९७८ में रिलीज़ ब्लॉकबस्टर फिल्म डॉन का रीमेक थी। ३५ करोड़ से बनी इस फिल्म ने १०५ करोड़ का बिज़नेस किया।
८- ओम शांति ओम- २००७- फराह खान- शाहरुख़ खान और दीपिका पादुकोण - एक फिल्म अभिनेत्री और उसके प्रेमी के पुनर्जन्म की रोमांटिक कहानी को बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त सफलता मिली थी। यह दीपिका पादुकोण की बतौर एक्ट्रेस पहली फिल्म थी। यह फिल्म ३५ करोड़ में बनी थी। फिल्म ने दिवाली वीकेंड का ज़बरदस्त फायदा उठा था। यह फिल्म १४९ करोड़ कमा चुकी है।
९- रा.वन- २०११- अनुभव सिन्हा- शाहरुख़ खान और करीना कपूर- यह एक बुरे रोबोट और अच्छे रोबोट रा.वन और जी.वन के टकराव की विज्ञानं फंतासी थी। हालाँकि, इस फिल्म ने वर्ल्डवाइड १७७ करोड़ से ज़्यादा कमाए। लेकिन, ११४ के भरी भरकम बजट के कारण रा.वन शाहरुख़ खान के लिए फायदे का सौदा साबित नहीं हुई। .
१०- जब तक है जान- २०१२- यश चोपड़ा- शाहरुख़ खान, कटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा - यह यश चोपड़ा के निर्देशन में उनकी आखिरी फिल्म थी। यह फिल्म एक फौजी के दो लड़कियों के साथ रोमांस की कहानी थी। जब तक है जान के निर्माण में ६० करोड़ खर्च हुए थे। इस फिल्म ने १२२ करोड़ कमाए।
१- बाज़ीगर - १९९३- अब्बास मुस्तान - शाहरुख़ खान, काजोल और शिल्पा शेट्टी - यह एक युवक के अपने पिता को धोखा देकर बिज़नेस हड़प लेने वाली आदमी से बदले की कहानी थी . इस फिल्म ने ९० करोड़ अधिक का बिज़नेस कर लिया है .
२- दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे - १९९५- आदित्य चोपड़ा- शाहरुख़ खान और काजोल- यह फिल्म आदित्य चोपड़ा की बतौर निर्देशक पहली फिल्म थी। इस फिल्म से पहली बार एक एनआरआई दूल्हा स्क्रीन पर आया। केवल चार करोड़ में बनी इस फिल्म ने पूरी दुनिया में सफलता के झंडे गाड़ते हुए अब तक १२२ करोड़ कमा डाले हैं।
३- दिल तो पागल है- १९९७- यश चोपड़ा- शाहरुख़ खान, करिश्मा कपूर और माधुरी दीक्षित - एक डांस ट्रुप के दोस्तों बीच रोमांस का प्रेम त्रिकोण फिल्म थी । इस फिल्म ने ५८ करोड़ से ज़्यादा कलेक्शन किया ।
४- कुछ कुछ होता है- १९९८- करण जौहर- शाहरुख़ खान, रानी मुख़र्जी और काजोल- यह फिल्म शाहरुख़ खान और काजोल की जोड़ी की चौथी फिल्म थी । इस रोमांस फिल्म में सलमान खान ने मेहमान भूमिका की थी। निर्देशक करण जौहर की यह पहली फिल्म थी । इस फिल्म ने ४५ करोड़ से अधिक का बिज़नेस किया ।
५- मोहब्बतें- २०००- आदित्य चोपड़ा- शाहरुख़ खान, ऐश्वर्या राय और अमिताभ बच्चन- एक गुरुकुल, उसके सख्त मुखिया, उसकी बेटी के एक गिटार टीचर से रोमांस की कहानी को तीन युवा जोड़ियों के रोमांस के साथ पिरोया गया था। १८ करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ७४ करोड़ से अधिक का कलेक्शन किया।
६- वीर-ज़ारा- २००४- यश चोपड़ा - शाहरुख़ खान, प्रिटी जिंटा और रानी मुख़र्जी- यश चोपड़ा ने अपनी इस रोमांस फिल्म में सरहद पार का रोमांस दिखाया था। एक हिंदुस्तान का फ़ौजी एक पाकिस्तानी लड़की के प्रेम में पाकिस्तान चला जाता है, जहाँ उसे जेल में बंद कर दिया जाता है। एक पाकिस्तानी वकील इस फ़ौजी का मुक़दमा लड़ कर उसे जेल से रिहा करवाती है। २५ करोड़ से बनी इस फिल्म ने ९४.२ करोड़ का बिज़नेस किया। ७- डॉन- २००६- फरहान अख्तर- शाहरुख़ खान, प्रियंका चोपड़ा और करीना कपूर- यह फिल्म अमिताभ बच्चन, ज़ीनत अमान और प्राण की १९७८ में रिलीज़ ब्लॉकबस्टर फिल्म डॉन का रीमेक थी। ३५ करोड़ से बनी इस फिल्म ने १०५ करोड़ का बिज़नेस किया।
८- ओम शांति ओम- २००७- फराह खान- शाहरुख़ खान और दीपिका पादुकोण - एक फिल्म अभिनेत्री और उसके प्रेमी के पुनर्जन्म की रोमांटिक कहानी को बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त सफलता मिली थी। यह दीपिका पादुकोण की बतौर एक्ट्रेस पहली फिल्म थी। यह फिल्म ३५ करोड़ में बनी थी। फिल्म ने दिवाली वीकेंड का ज़बरदस्त फायदा उठा था। यह फिल्म १४९ करोड़ कमा चुकी है।
९- रा.वन- २०११- अनुभव सिन्हा- शाहरुख़ खान और करीना कपूर- यह एक बुरे रोबोट और अच्छे रोबोट रा.वन और जी.वन के टकराव की विज्ञानं फंतासी थी। हालाँकि, इस फिल्म ने वर्ल्डवाइड १७७ करोड़ से ज़्यादा कमाए। लेकिन, ११४ के भरी भरकम बजट के कारण रा.वन शाहरुख़ खान के लिए फायदे का सौदा साबित नहीं हुई। .
१०- जब तक है जान- २०१२- यश चोपड़ा- शाहरुख़ खान, कटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा - यह यश चोपड़ा के निर्देशन में उनकी आखिरी फिल्म थी। यह फिल्म एक फौजी के दो लड़कियों के साथ रोमांस की कहानी थी। जब तक है जान के निर्माण में ६० करोड़ खर्च हुए थे। इस फिल्म ने १२२ करोड़ कमाए।
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