Monday 18 April 2016

संता बंता प्राइवेट लिमिटेड में नेहा धूपिया का बिकिनी अवतार

बॉलीवुड की बोल्ड एक्ट्रेस में शुमार नेहा धूपिया बोल्ड  होने का कोई मौका नहीं छोड़ती।  अपनी फिल्म क़यामत सिटी अंडर थ्रेट में नेहा धूपिया ने जेम्स बांड फिल्म की उर्सुला एंड्रेस की तर्ज़ पर समुद्र से निकलते हुए बिकिनी सीन  किया था।  इस सीन ने  नेहा धूपिया को बॉलीवुड की हॉट एक्ट्रेस बना दिया था। अब एक बार फिर नेहा धूपिया ने बिकिनी अवतार लिया है।  उनका यह अवतार २२ अप्रैल को रिलीज़ हो रही फिल्म संता बंता प्राइवेट लिमिटिड में देखने को मिलेगा।  दिलचस्प तथ्य यह है कि नेहा धूपिया ने अपने लिए यह बिकिनी फिजी की दर्ज़नो दुकानों को छान कर खरीदी है।  इस फिल्म में नेहा धूपिया को सजीली बिकिनी में देखना कितना फायदेमंद होगा, यह तो संता बंता प्राइवेट लिमिटिड का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन ही बताएगा।  लेकिन,  नेहा धूपिया खुद की  खरीदी अपनी बिकिनी पर इतना ज़्यादा पसंद आई कि शूटिंग पूरी होने के बाद इसे खुद के लिए रख लिया। 


  

Sunday 17 April 2016

भंसाली ने किया फिल्म की रिलीज़ की तारिख का ऐलान !

फिल्म निर्माता, निर्देशक, संगीतकार और न जाने क्या क्या संजय लीला भंसाली ने फिलहाल तारीख का ऐलान कर दिया है।  संजय लीला भंसाली की अगली फिल्म १५ दिसंबर २०१७ को रिलीज़ होगी।  अभी इस फिल्म के लिए स्टार कास्ट और स्क्रिप्ट पर काम चल रहा है।  केवल इतना ही मालूम  हुआ है कि यह फिल्म संजय लीला भंसाली की अब तक कि फिल्मों में काफी बड़ी होगी।  इस फिल्म में इंडस्ट्री के कई बड़े सितारे काम करते नज़र आएंगे।  भंसाली ने अपने डायरेक्टर करियर की शुरुआत ख़ामोशी द म्यूजिकल में नाना पाटेकर, सलमान खान और मनीषा कोइराला को निर्देशित करते हुए की थी।  हम दिल दे चुके सनम में सलमान खान, अजय देवगन  और ऐश्वर्या राय,  देवदास में शाहरुख़ खान, ऐश्वर्या राय, माधुरी दीक्षित और जैकी श्रॉफ, ब्लैक में  अमिताभ बच्चन और रानी मुख़र्जी और गुज़ारिश में ह्रितिक रोशन और ऐश्वर्या राय बच्चन  जैसी स्टार कास्ट को डायरेक्ट कर चुके संजय लीला भंसाली के लिए बड़े सितारों के साथ फिल्म बनाना बड़ी छोटी बात है।  यहाँ बड़ी बात यह है कि संजय लीला भंसाली ने केवल तारीखों का ऐलान किया है।  यानि भंसाली का ब्लाइंड गेम।  यह उनके अति आत्मविश्वास की तरफ इशारा भी करता हैं।  पिछले साल क्रिसमस वीकेंड से पहले रिलीज़ उनकी फिल्म बाजीराव-मस्तानी ने शाहरुख़ खान, काजोल और वरुण  धवन निर्देशक रोहित शेट्टी की फिल्म दिलवाले को बुरी मात दी थी।  इस मात की तिलमिलाहट शाहरुख़ खान को आज भी सालती होगी।  अब देखने वाली बात होगी कि संजय  लीला भंसाली की फिल्म क्या आकार लेती है।  लेकिन, क्या भंसाली की फिल्म को खाली मैदान मिलेगा ? क्या क्रिसमस वीकेंड के खिलाड़ी आमिर खान अपनी फिल्म के साथ हफ्ता छोड़ भागेंगे ? क्या  शाहरुख़ खान इतनी जल्दी हार मान लेंगे ?  इस साल क्रिसमस वीकेंड में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है।  इस लिए २०१७ में भी ऐसा ही कोई दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है।    

विनोद मेहरा का बेटा भी फिल्मों में

अब एक्टर विनोद मेहरा के बेटे रोहन मेहरा के फिल्म डेब्यू की ख़बरें हैं।  उन्हें निखिल अडवाणी अपनी अगली फिल्म से लांच करेंगे।  निखिल अडवाणी पिछले साल आदित्य पंचोली और ज़रीना वहाब के बेटे सूरज पंचोली और सुनील शेट्टी की बेटी आथिया शेट्टी को फिल्म हीरो से लांच कर चुके हैं।  जहाँ हीरो का निर्माण सलमान खान ने किया था, रोहन मेहरा की फिल्म का निर्माण निखिल अडवाणी के बैनर एमे एंटरटेनमेंट के तहत होगा।  यह सच्ची घटना पर थ्रिलर फिल्म होगी।  लेकिन, इस फिल्म के निर्देशक खुद निखिल नहीं होंगे, बल्कि उनके एक असिस्टेंट द्वारा निर्देशित की जाएगी।  फिल्म की शूटिंग इस साल के अंत में शुरू होगी।  

करीना कपूर ने नहीं की है ‘सदमा’ को न

पिछले दिनों ऐड फिल्मकार लॉयड बैप्टिस्ट ने निर्देशक बालू महेंद्र की फिल्म सदमा के रीमेक का ऐलान किया था । फिल्म में नायिका के किरदार के लिए करीना कपूर को लिया जाना था । इसमें करीना कपूर के साथ रणवीर सिंह के लीड रोल में होने की बात भी सुनने में आ रही थी। लेकिन, पिछले कुछ समय से यह खबरें आनी शुरू हो गई थी कि करीना कपूर ने सदमा में काम करने से इनकार कर दिया है और करीना कपूर के इंकार करने के बाद  श्रीदेवी और कमल हासन की सुपरहिट हिंदी फिल्म सदमा की रीमेक फिल्म डिब्बे में बंद कर दी गयी है । दरअसल यह खबरें इस लिए उडी कि कथित रूप से करीना कपूर ने साफ़ किया था कि वह सदमा के रीमेक का हिस्सा नहीं है । अब इस फिल्म के प्रवक्ता हिमांशु झुनझुनवाला का लिखित बयान जारी हुआ है कि इस तरह ख़बरें ग़लत हैं। ना तो सदमा फिल्म का रीमेक बंद हुआ है और ना ही करीना कपूर ने इंकार किया है।  इस फिल्म के निर्देशक लॉयड बैप्टिस्ट ने कहा, “सदमा एक बहुत बड़ी फिल्म है । मैं इसके रीमेक के साथ पूरा न्याय करना चाहता हूँ। जल्दबाज़ी में कोई फ़ैसला नहीं लेना चाहता । इस लिए सब कुछ फाइनल हो जाने के बाद पूरा खुलासा कर दिया जायेगा ।“ सदमा का रीमेक हिंदी और इंग्लिश में बनाया जायेगा । इंडस्ट्री के जानेमाने कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा इस फिल्म की कास्टिंग करेंगे जिसे सेवन फिल्म्स प्रोडूस कर रही है ।

Saturday 16 April 2016

पुरानी फिल्म अभिनेत्रियां टीवी पर चरित्र नायिका !

टेलीविज़न के परदे पर सितारों की उलटफेर करने में बाज़ी मार गई है निर्माता निवेदिता बासु।  उनके दो गायिका बहनों की कहानी वाले सीरियल 'मेरी आवाज़ ही पहचान है' में हिंदी फिल्मों के कई सितारे हैं।  निवेदिता ने बड़ा उलटफेर यह किया है कि उन्होंने हिंदी फिल्मों की कई पहचानी अभिनेत्रियों के अलावा पाकिस्तानी गायिका और अभिनेत्री सलमा आगा को गायिका नयनतारा की भूमिका दी है।  सलमा आगा ने १९८२ में बीआर चोपड़ा की हिंदी फिल्म 'निकाह' से हिंदी फिल्म डेब्यू किया था।  वह एक प्रकार से गायिका अभिनेत्री के बतौर स्थापित हो गई थी।  लेकिन, अपने नाज़ नखरों के चलते और बीआर चोपड़ा जैसे निर्माता से पंगा लेने के कारण उनकी हिंदी फिल्मों से जल्द विदाई हो गई।  उनकी बतौर नायिका आखिरी हिंदी फिल्म गहरा राज़ १९९६ में रिलीज़ हुई थी।  इसके बाद वह पाकिस्तान वापस हो गई।  अब उनकी टीवी सीरियल से हिंदुस्तान में वापसी हो रही है तो देखने वाली बात  होगी कि क्या वह हिंदी  फिल्म निर्माताओं को भी प्रभावित करना चाहेंगी ?
इस आवाज़ में इनका अभिनय ही पहचान है
एंड टीवी के शो मेरी आवाज़ ही पहचान है में हिंदी फिल्मों के कई दूसरे नामचीन चेहरेभी हैं।  यह सीरियल दो गायिका बहनों की कहानी है।  बताया जाता है कि सीरियल की कहानी वास्तव में हिंदी फिल्मों की गायिका बहनों लता मंगेशकर और आशा भोंसले की असल जीवन की कहानी है।  इस फिल्म में लता मंगेशकर और आशा भोंसले की बाल भूमिका जन्नत ज़ुबैर और मेहनाज़ मान ने की है।  युवा किरदार अमृता राव और अदिति वासुदेव ने किये हैं।  यह दोनों ही फिल्म अभिनेत्रियां हैं।  अमृता राव ने तो इश्क़ विश्क, मैं हूँ न, एक विवाह ऐसा भी, आदि जैसी कई फिल्मों में नायिका का रोल किया है।  अदिति वासुदेव भी दो हिंदी फ़िल्में दो दूनी चार और सुलेमानी कीड़ा कर चुकी हैं।  प्रौढ़ मंगेशकर बहने दीप्ति नवल और ज़रीना वहाब बनी है। हिंदी फिल्मों के दर्शक इन दोनों ही अभिनेत्रियों को बेहद अच्छी तरह से पहचानते हैं।  ६० से ८० के दशक में इन दोनों अभिनेत्रियों का डंका बजा करता था।  दीप्ति नवल एक बार फिर, चश्मे बद्दूर, अंगूर, साथ साथ, श्रीमान श्रीमती, एक बार चले आओ, कमला, आदि दर्जनों फिल्मों की नायिका रह चुकी हैं।  ज़रीना वहाब चितचोर, घरोंदा, तुम्हारे लिए, सावन को आने दो,  आदि ढेरों फिल्मों में नायिका की भूमिका की थी।  उनके आदित्य पंचोली से बेटे सूरज पंचोली भी एक्टर हैं।  इसी सीरियल में माँ का किरदार करने वाली अभिनेत्री पल्लवी जोशी को हिंदी दर्शक १०७९ की फिल्म दादा में एक गैंगस्टर को सुधारने वाली  अंधी बच्ची का किरदार किया था।  उन्होंने कई समानांतर फिल्मोें में नायिका की भूमिका की।  उनकी उल्लेखनीय फिल्मो में रुकमा देवी की हवेली, सूरज का सातवां घोडा, त्रिशग्नि, वंचित और रिहाई थी।  उन्हें वह छोकरी (१९९२) फिल्म में स्पेशल जूरी का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था।
फिर रजनीगंधा की विद्या
विद्या सिन्हा आजकल सीरियल इश्क़ का रंग सफ़ेद में सुषमा त्रिपाठी का किरदार कर रही हैं।  काव्यान्जलि, नीम नीम शहद शहद और क़ुबूल है जैसे सीरियलों में ख़ास किरदार कर चुकी विद्या सिन्हा सत्तर और अस्सी के दशक की लोकप्रिय अभिनेत्री थी।  उनके खाते में रजनीगंधा, छोटी सी बात, इंकार, मुक्ति, कर्म, पति पत्नी और वह, मीरा, स्वयंवर, आदि हिट फ़िल्में दर्ज़ हैं।
तेरह साल बाद शिल्पा
रमेश सिप्पी की फिल्म भ्रष्टाचार से हिंदी फिल्म डेब्यू करने वाली शिल्पा शिरोडकर का फिल्म करियर किशन कन्हैया, पाप की कमाई, न्याय अन्याय, हम, दिल ही तो है, आँखे, खुदा गवाह, आदि फिल्मों के बावजूद ख़ास नहीं चल सका।  २०१० में रिलीज़ बारूद :द फायर उनकी आखिरी फिल्म थी। गज जमीनी (२०००) के बाद शिल्पा ने अपने परिवार पर ध्यान देना शुरू किया।  कोई १३ साल बाद उन्होंने टीवी की ओर रुख किया।  उनका सीरियल एक मुट्ठी आसमान बहुत सफल रहा।  आजकल वह सिलसिला प्यार का सीरियल मे जानकी तिवारी के वैम्पिश किरदार  में नज़र आ रही है।
फिर टीवी पर ग्रेसी सिंह
एंड टीवी के सीरियल संतोषी माँ में दो पूर्व फिल्म अभिनेत्रियां ग्रेसी सिंह और उपासना सिंह क्रमशः संतोषी माँ और मधु प्रताप मिश्र के अहम किरदार कर रही हैं।  ग्रेसी सिंह के खाते में आमिर खान के साथ लगान, अनिल कपूर के साथ, अजय देवगन के साथ गंगाजल और संजय दत्त के साथ मुन्नाभाई एमएमबीबीएस जैसी हिट फ़िल्में दर्ज़ हैं। इसके बावजूद २००२ में प्रसारित सीरियल अमानत की डिंकी  का किरदार करके फिल्म अभिनेत्री बनी ग्रेसी सिंह का फिल्म करियर ज़्यादा लंबा नहीं चल सका। संतोषी माँ में मधु का किरदार करने वाली उपासना सिंह ने १९८६ में राजश्री की फिल्म बाबुल से अपने फिल्म करियर की शुरुआत की थी।  उन्होंने मैं गीता, गंगा का वचन, फूलवती, आदि एक्शन फ़िल्में की।  इसके बाद वह हिंदी फिल्मों में सह भूमिका करने लगी।   आजकल भी वह हिंदी फिल्मों में छोटी बड़ी भूमिकाएं करती रहती हैं।  अभी वह चाक एन डस्टर फिल्म में मंजीत के किरदार में नज़र आई थी।
बॉलीवुड के अलावा भी हैं टीवी पर
स्टार टीवी के सीरियल दहलीज़ में स्वाधीनता रामकृष्णन का किरदार करने वाली अभिनेत्री त्रिधा चौधुरी का पहला टीवी  सीरियल हैं।  लेकिन वह चार बांगला और तेलुगु फ़िल्में कर चुकी है। नागिन में यामिनी सिंह रहेजा का नेगटिव किरदार करने वाली अभिनेत्री साउथ की फिल्मों की अभिनेत्री हैं।  उनकी लाइफ पर बनी फिल्म नाचे मयूरी से उन्हें पहचान मिली।  उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में काम किया है।  वह फिल्मों की तरह टीवी सीरियलों में भी काफी पॉपुलर हैं।  टीवी सीरियल तमन्ना में क्रिकेटर धरा का किरदार करने वाली अभिनेत्री अनुजा साठे गोखले मराठी रंगमंच और फिल्मों की जानीमानी अभिनेत्री हैं।  उन्होंने पांच मराठी फ़िल्में की हैं।  बाजीराव मस्तानी फिल्म में अनुज ने भिउबाई का किरदार किया था। अनुज की तरह सीरियल मे आई कम इन मैडम ! में ग्लैमरस और सेक्सी मैडम संजना का किरदार कर रही अभिनेत्री नेहा पेंडसे भी मराठी हैं।  वह कई हिंदी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मराठी फ़िल्में कर चुकी है।  नाना पाटेकर की पुरस्कार प्राप्त फिल्म नट सम्राट का नाम भी उनके खाते में दर्ज़ है।  संजना उनका काफी ग्लैमरस रोल है।
यह भी नायिका थी कभी
तमन्ना में धरा की दादी का किरदार केतकी दवे ने किया है।  वह दर्जनों हिंदी फिल्मों में अभिनय कर चुकी हैं।  ज़ी टीवी के सीरियल काला टीका में जेठी माँ का किरदार कर रही मीता वशिष्ठ ने अस्सी और नब्बे के दशक में कई हिंदी फिल्मों में काम किया।  समान्तर फिल्मों में मीता वशिष्ठ एक नाम हुआ करती थी।  इसी सीरियल में कल्याणी झा का खल किरदार मोना अम्बेगाओंकर ने किया है।  मोना ने नब्बे के दशक की कुछ हिंदी फ़िल्में की हैं। कलर्स के सीरियल कृष्णदासी में कृष्णा दासी तुलसी का मुख्या किरदार करने वाली अभिनेत्री छवि मित्तल ने हिंदी फिल्म एक विवाह ऐसा भी में सह भूमिका और कैसे कहें में मुख्य किरदार किया था।
और अरुणा ईरानी
बॉम्बे टू गोवा फिल्म में अमिताभ बच्चन की नायिका अरुणा ईरानी अच्छी डांसर होने के कारण हिंदी फिल्मों में डांसर के बतौर ज़्यादा मशहूर हुई।  उन्होंने कई फिल्मों में नायिका और बेटा जैसी फिल्मों में चरित्र नायिका का किरदार किया। महमूद के साथ उनकी कॉमेडी जोड़ी खूब जमी।  वह टीवी सीरियल भी बनाती हैं।  उनके हालिया रिलीज़ सीरियलों में भाग्यलक्ष्मी और सौभाग्यलक्ष्मी है । सौभाग्यलक्ष्मी में वह वसुंधरा प्रजापति का अहम किरदार कर रही हैं।

राजेंद्र कांडपाल 

जब लीड पर छा जाता है साइड एक्टर

कभी हिंदी फिल्मों की नायिका के लिहाज़ से अनहोनी हो जाती है।  जब किसी फिल्म की नायिका पर छा जाती उसकी सह-नायिका और नायक को पस्त कर देता है सह-नायक।  अभी पिछले साल दिसंबर में रिलीज़ संजयलीला भंसाली की फिल्म बाजीराव मस्तानी का उदाहरण ही लीजिए।  यह फिल्म राज नर्तकी और बाजीराव की प्रेमिका मस्तानी की प्रेम गाथा थी।  यह दोनों रोल यानि बाजीराव रणवीर सिंह बने थे और उनकी मस्तानी दीपिका पादुकोण थी।  इस रोमांस को घरेलु छौंक दे रही थी काशीबाई।  काशीबाई यानि बाजीराव की धर्मपत्नी और परदे पर इस करैक्टर को करने वाली प्रियंका चोपड़ा ।  दीपिका पादुकोण का रोल अपेक्षाकृत  लम्बा और  महत्वपूर्ण था।  इसके बावजूद छा गई थी प्रियंका चोपड़ा की काशीबाई।  इस रोल के लिए  प्रियंका चोपड़ा को बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवार्ड्स मिला।  हालाँकि, दीपिका पादुकोण भी इन पुरस्कारों में श्रेष्ठ अभिनेत्री चुनी गई।   लेकिन, उन्हें यह अवार्ड्स बाजीराव मस्तानी की मस्तानी के लिए नहीं, बल्कि पीकू में पीकू की भूमिका के लिए।
ज़ाहिर है कि सपोर्टिंग रोल में भी दीपिका पादुकोण पर प्रियंका चोपड़ा भारी पड़ी थी।  कभी ऐसा हो जाता है, जब हीरो पर साइड हीरो भारी पड़ जाता है।  अपनी फिल्म की लीड को पछाड़ देती है सहयोगी भूमिका।  छा जाते हैं इन भूमिकाओं को करने वाले अभिनेता या अभिनेत्रियां।  दिलचस्प तथ्य यह है कि लीड एक्टर से सपोर्टिंग एक्टर की टक्कर का दर्शक भी खूब मज़ा लेते हैं।  ऐसे दिलचस्प टकराव वाली फिल्म हिट तो होती ही है।
दिलीप कुमार की फिल्मों में टकराव
इस समय याद आ रही है  दिलीप कुमार और उनकी फिल्मों की।  उन्हें ट्रेजेडी किंग कहा जाता था।  वह अपने समय के एक्टर स्टार थे यानि सितारा जो बढ़िया अभिनय भी कर सकता है।  यही दिलीप कुमार कम से कम दो बार अपने सपोर्टिंग एक्टर से मात खा गए।  दिलीप कुमार को पहली बार मात मिली १९५९ में रिलीज़ एस एस वासन की फिल्म पैगाम में राज कुमार से।  इस फिल्म में दोनों कुमारों ने भाई भाई की भूमिका की थी।  उस समय राजकुमार  महबूब खान की फिल्म मदर इंडिया के शामू के रोल से पहचाने जाते थे।  इसलिए उम्मीद  उम्मीद की जाती थी कि अनुभवी दिलीप कुमार इस  कल के लौंडे को डकार जायेंगे।   लेकिन, हुआ बिलकुल उल्टा। मेथड एक्टर दिलीप कुमार पर लाउड डायलाग उगलने वाले राजकुमार भारी पड़ गए।  दर्शकों के रिएक्शन पर दिलीप कुमार मन मसोस कर रह गए।  पैगाम के नौ साल और पांच साल  बाद, दिलीप कुमार को  फिर मात  मिली फिल्म संघर्ष में संजीव कुमार से।  वाराणसी के पंडों पर इस फिल्म में दिलीप कुमार और संजीव कुमार पंडों के दो समूहों के नेता थे।  फिल्म में कई ऐसे सीन  थे, जिनमे इन दोनों एक्टरों के बीच धुंआधार संवादों का आदान प्रदान हो रहा था।  स्पॉन्टेनियस एक्टर संजीव कुमार उस समय नौनिहाल और अनोखी रात जैसी फिल्मों से अपनी पहचान बना रहे थे।  लेकिन, संघर्ष में दिलीप कुमार को धो डालने के बाद संजीव कुमार ने बॉलीवुड में सनसनी फैला दी।  पैगाम और संघर्ष के बाद दिलीप कुमार ने राजकुमार और  संजीव कुमार के साथ लम्बे समय तक कोई फिल्म नहीं की।  पैगाम के ३२ साल बाद सुभाष घई ने इन दोनों दिग्गजों को फिल्म सौदागर में ईगोइस्ट ठाकुरों का किरदार किया था।  सुभाष घई ने ही १५ साल बाद फिल्म विधाता में दिलीप कुमार और संजीव कुमार को पेश किया।
जब हारा देओलों का नायक
हिंदी फिल्मों के पहले मर्द अभिनेता और ही-मैन के टाइटल से नवाज़े गए धर्मेंद्र और उनके ढाई किलो का हाथ वाले बेटे सनी देओल को भी बलिष्ठ कद काठी के बावजूद मात खानी पड़ी है।  उन्हें यह मात मिली चोपडाओं की फिल्मों के कारण। १९६९ में यश चोपड़ा के निर्देशन में एक फिल्म रिलीज़ हुई थी आदमी और इंसान।  इस फिल्म में फ़िरोज़ खान ने एक उद्योगपति जेके और धर्मेंद्र ने उनके दोस्त की भूमिका की थी।  धर्मेंद्र फिल्म के नायक थे और फ़िरोज़ खान सह नायक।  लेकिन, यश चोपड़ा ने फिल्म के क्लाइमेक्स में क़ुरबानी दिलवा कर फ़िरोज़ को दर्शकों की सहानुभूति दिलवा कर  धर्मेंद्र के किरदार पर भारी बना दिया।  यश चोपड़ा ने तो १९९३ में अपनी फिल्म डर के खलनायक शाहरुख खान को नायक सनी देओल से पिटवा कर भी नायक  बना दिया था । सनी देओल के मुक्कों की बौछारों के बीच बेबस शाहरुख़ खान दर्शकों के हीरो बन गए। वही सनी देओल काफी छोटी भूमिका के बावजूद दामिनी के नायक ऋषि कपूर पर छा गए।  राजकुमार संतोषी की ३० अप्रैल १९९३ को रिलीज़ फिल्म दामिनी में सनी देओल ने एक शराबी वकील गोविन्द की भूमिका की  थी, जो मीनाक्षी शेषाद्रि को जीत दिलाने के लिए उसके लिए बलात्कार का मुक़दमा लड़ता है।  सनी देओल पूरी फिल्म और ऋषि कपूर पर इस लिए नहीं छाये कि उनकी भूमिका पॉजिटिव लिखी गई थी।  बल्कि, वह अपनी शानदार संवाद अदायगी और संयत अभिनय के कारण छा गए थे।  उनका बोला गया संवाद 'चड्ढा यह ढाई किलो  का हाथ जब किसी पर पड़ता है तो वह उठता नहीं उठ जाता है' दर्शकों को पागल कर देता था।
एक थी मुमताज़
ईरानियन मूल की मुमताज़ ने अपने फिल्म करियर की शुरुआत चाइल्ड आर्टिस्ट और छोटी छोटी भूमिकाओं से भूमिकाओं से की थी।  उन्हें पहलवान दारासिंह की नायिका के बतौर  शोहरत मिली।  मेरे सनम जैसी  फिल्मों में उनकी भूमिकाओं में नेगेटिव शेड थे।  सावन की घटा (१९६६) में नायक मनोज कुमार की नायिका शर्मीला टैगोर थी। मुमताज़ सह नायिका के किरदार में थी। उस समय तक मुमताज़ को दारा सिंह की फिल्मों की हीरोइन मानते हुए ख़ास तवज्जो नहीं मिलती थी।  यह फिल्म एकतरफा प्यार और बलिदान की कहानी थी।   मुमताज़ एक तरफा प्यार करने वाली और बलिदान करने वाली नायिका सलोनी का किरदार कर रही थी। वह अपने प्यार को बचाने के लिए विलेन को अपना शरीर सौंप देती है। इस बलिदान के ज़रिये मुमताज़ उस समय की बड़ी अभिनेत्री शर्मीला टगोर पर छा गई।  बाद में दिलीप कुमार के साथ राम और श्याम करने के बाद वह हिंदी फिल्मों की बड़ी नायिका बन गई।  उन्होंने राजेश खन्ना के साथ आठ रोमांटिक फ़िल्में की थी और यह आठों फ़िल्में प्लैटिनम जुबली फिल्मों में शुमार की गई। 
लीड पर छा गए कुछ दूसरे सपोर्टिंग एक्टर 
मधुर भंडारकर की फिल्म फैशन की नायिका प्रियंका चोपड़ा थी।  मॉडलिंग पर इस फिल्म के तमाम दूसरे किरदारों की तरह सफल  मॉडल शोनाली गुजराल का किरदार कंगना रनौत ने किया था।  छोटी भूमिका के बावजूद प्रियंका के टक्कर में आना आसान नहीं था।   लेकिन, कंगना इस रोल में न केवल उभरी बल्कि सपोर्टिंग एक्ट्रेस का में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पाने भी कामयाब हुई।  १९७८ की फिल्म मुकद्दर का सिकंदर में अमिताभ बच्चन की नायिका राखी गुलजार थी।  इस फिल्म में रेखा ने एक तवायफ जोहरा बाई का किरदार किया था।  लम्बाई के लिहाज़ से छोटी इस  भूमिका से रेखा फिल्म की नायिका राखी पर छा गई।  उन्हें फिल्मफेयर में बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का नॉमिनेशन भी मिला।  सुभाष है की फिल्म ताल के नायक अक्षय खन्ना थे और ऐश्वर्या राय नायिका। अनिल कपूर सपोर्टिंग किरदार में होने के बावजूद अक्षय खन्ना पर भारी पड़े।  विशाल  भारद्वाज की फिल्म 'ओमकारा (२००६) के नायक अजय देवगन थे।  फिल्म में सैफ अली खान ने उनके गुर्गे लंगड़ा त्यागी का सहयोगी किरदार किया था।  अपने कुछ नेगेटिव किरदार के कारण सैफ अजय देवगन पर छा गए।  उन्हें इस किरदार के लिए बेस्ट विलेन का फिल्मफेयर अवार्ड मिला।  हेरा फेरी फिल्म में दो हीरो अक्षय कुमार और  सुनील शेट्टी के किरदार पर परेश रावल का बाबूराव गणपतराव का किरदार भारी पड़ा था।  २००२ की संजयलीला भंसाली की फिल्म देवदास में चंद्रमुखी के अपने किरदार से माधुरी दीक्षित फिल्म की पारो ऐश्वर्या राय पर छा गई थी।  उन्हें फिल्मफेयर ने  बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के अवार्ड से नवाज़ा गया।  यहाँ एक दिलचस्प तथ्य यह है कि  १९५५ की देवदास में चंद्रमुखी का किरदार करने वाली वैजयंतीमाला को भी इसी श्रेणी में पुरस्कृत किया गया था। लेकिन वैजयंतीमाला ने इसे लेने मना कर दिया था।
लीड एक्टर पर कोई सपोर्टिंग एक्टर यूं ही नहीं छा जाता।  ऐसे रोल को लेखक की तवज्जो मिलनी ही चाहिए।  देवदास की चंद्रमुखी वैश्या होने के बावजूद देवदास के दिल के नज़दीक थी।  माधुरी दीक्षित हों या सैफ अली खान या फिल्म शाहरुख़ खान, सभी अपने लेखक की कलम पर सवार अपने  अभिनय का डंका बजा पाने में कामयाब हुए थे।  ज़ाहिर है कि यह सभी सशक्त एक्टर थे।  तभी तो लगभग सभी ने   कोई न कोई अवार्ड ज़रूर जीता।  


राजेंद्र कांडपाल 

Wednesday 13 April 2016

अभिनेता हनी सिंह ने किये एक्शन

रैप सिंगर यो यो हनी सिंह अब अभिनेता भी बन गए हैं।  उनकी पंजाबी फिल्म का नाम है जोरावर।  नाम  से अलग  जोरावर कोई खालिस एक्शन फिल्म नही, बल्कि रोमांटिक एक्शन फिल्म है।  इस फिल्म की शूटिंग डरबन के एक स्टेडियम में  हो रही थी।  इस दृश्य में हनी सिंह को एक एक्शन सीन करना था।  उस समय हनी सिंह तेज़ बुखार से तप रहे थे। फिल्म की क्रू सकते में थी। क्योंकि, यह स्टेडियम केवल दो घंटे के लिए मिला था।  उधर हनी सिंह बुखार में थे।  कैसे उन्हें सीन करने के लिए कहा जाये ! लेकिन, जब हनी सिंह को यह मालूम पडा तो वह शूटिंग करने के लिए तैयार हो गए।  उन्होंने इस एक्शन को किया ही नहीं, क्या खूब किया।  दिलचस्प तथ्य यह है कि जोरावर का यह एक्शन हनी सिंह का पहला एक्शन था। क्रू के लोग हनी सिंह के इस प्रोफेशनल रुख से बेहद प्रभावित हुए।पीटीसी मोशन पिक्चर्स, ​राजी एम शिंदे और रवींद्र नारायण द्वारा निर्मित और  ​विनिल मार्कन द्वारा निर्देशित​ जोरावर में हनी सिंह का साथ पारुल गुलाटी, गुरबानी न्यायाधीश, पवन मल्होत्रा, मुकुल देव और  ​अचिंत कौर दे रही हैं।  फिल्म जोरावर ६  मई  ​२०१६  को सभी सिनेमाघरो में प्रदर्शित होगी।